रविवार, 15 अगस्त 2010

कामन वेल्‍थ के पहरेदार अय्यर

कामन वेल्‍थ के बहाने वेल्‍थ बढाते नेता

शिक्षा माफिया की जद में सीबीएसई -- 15

‘‘गुटखा‘‘ खाने का नौश फरमातीं हैं सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल की एक ‘टीचर‘

स्कूलों के इर्दगिर्द तम्बाखू उत्पाद नहीं बिक सकते

कक्षा में गुटखा खाकर खिडकी से थूका करतीं हैं उक्त शिक्षिका

बच्चों पर पड रहा है प्रतिकूल प्रभाव

सिवनी। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से मान्यता पाने में असफल रही जिला मुख्यालय में संचालित होने वाली स्तरीय शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी शिक्षण संस्था सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल की एक शिक्षिका पाउच वाला गुटखा खाने का शौक रखती हैं। बताया जाता है कि उक्त शिक्षिका के बारे में यह बात बहुत ही जोर शोर से प्रचारित की गई थी कि वे बेहद ही अनुभवी हैं और उनके पास एक कम बीस साल का पढाने का अनुभव भी है।

गौरतलब होगा कि शासन ने बच्चों को तम्बाखू के उत्पादों से दूर रखने के लिए न जाने कितने एहतियातन कदम उठाए हैं। इनमें अठ्ठारह साल से कम आयु के लोगों को तम्बाखू के उत्पादों को न बेचे जाने की बात सार्वजनिक तौर पर हर पान की दुकान में चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं, इतना ही नहीं शैक्षणिक संस्थाओं के इर्द गिर्द भी तम्बाखू युक्त सामग्री के बेचे जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल के प्री प्रयमरी के बच्चों के बीच चल रही चर्चाओं को अगर सच माना जाए तो शाला ने नेम फेम और पालकों तथा बच्चों को लुभाने की गरज से शाला में एक एसे टीचर को भर्ती किया है, जो ‘‘गुटखा‘‘ वह भी पाउच वाला खाने का नौश फरमाती हैं। बच्चांे के बीच चल रही चर्चा को अगर सच माना जाए तो उक्त टीचर द्वारा अध्यापन कार्य के दौरान ही पाउच फाडकर गुटखा को खाया जाता है और अध्ययापन के दौरान ही इसकी पीक बीच बीच में सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल के लूघरवाडा के आगे स्थित निर्माणाधीन भवन की खिडकी से बाहर थूकी जाती है।

एक पालक ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसी बालिग द्वारा गुटखा या तम्बाखू का सेवन उसका नितांत निजी मामला हो सकता है किन्तु अगर कोई टीचर यह काम बच्चों के बीच करे तो इसका बच्चों पर प्रतिकूल असर पडे बिना नहीं रह सकता है।

गौरतलब होगा कि सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल जिला मुख्यालय में संचालित होने वाले उत्कृष्ठ शिक्षण संस्थानों में अग्रणी माना जाता है, और इस तरह के स्तरीय विद्यालय में अगर इस तरह की हरकत लंबे समय से जारी है तथा इस बात का पता अगर सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल विद्यालय प्रशासन को न हो तो यह बात गले नहीं उतरती है। सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल विद्यालय प्रशासन से अपेक्षा व्यक्त की जाती है कि विद्यालय की गरिमा को ध्यान में रख इस मामले में तत्काल उचित कार्यवाही सुनिश्चित करे।