गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

राम चंद्र कह गए सिया से, एसा कलयुग आएगा! हंस चुगेगा दाना रे भईया, कौआ मोती खाएगा!!


राम चंद्र कह गए सिया से, एसा कलयुग आएगा!
हंस चुगेगा दाना रे भईया, कौआ मोती खाएगा!!

(लिमटी खरे)

दिल्ली में चलती बस में चालीस मिनिट नर पिशाचों ने एक अबोध बाला के शरीर को नोंचा खसोटा, दिल्ली की गद्दी और केंद्र की गद्दी में बैठी सत्ता की मलाई चखने वाली कांग्रेस की तंद्रा नहीं टूटी। जब सारे देश ने एक साथ चिंघाड़ ने हाकिमों की नींद हराम की तब जाकर सरकार कुछ हिली। प्रधानमंत्री ने अपना ठीक हैका भाषण दिया तो राष्ट्रपति को भी मजबूरी में जनता के सामने आना ही पड़ा। ममला यहीं खत्म नहीं होता है। जब ममला संगीन हुआ तब सराकर ने कुछ जांच जैसे कुछ लालीपाप थमा दिए। इसी बीच दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल की मौत से आंदोलन को झटका लगा। आरोप प्रत्यारोप के बीच ज्ञात हुआ कि उक्त आरक्षक को भीड़ ने नहीं मारा। हद तो उस वक्त हो जाती है जब लगभग आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में एक न्यायधीश द्वारा पीडिता के बयान लिए जाते हैं उसमें दिल्ली पुलिस दबंगई दिखाकर न्यायधीश को पुलिस के हिसाब से बयान लेने पर मजबूर करती है।

लगता है भारत गणराज्य को किसी की नजर लगी है। देश पर पहले मुगलों का हमला हुआ फिर देश को गोरे ब्रितानियों ने लूटा खसोटा। जैसे तैसे आजादी मिली पर आजादी के बाद भी लगातार देश को लूटने का सिलसिला चलता ही रहा। आजादी के उपरांत एक के बाद एक घपले घोटाले सामने आते रहे पर नैतिकता की दुहाई देने वाले नेताओं ने अपने भाषणों में नैतिकता को अहम स्थान देकर जनता को छलना नहीं छोड़ा। देश के भोले भाले गरीब गुरबे लुटते पिटते रहे। अनाचार, दुराचार, भ्रष्टाचार, बलात्कार मानो स्टेटस सिंबाल बन चुका है। साफ सुथरी राजनीतिक व्यवस्था का दावा करने वाले सभी दलों में इनका बोलबाला है। इतना ही नहीं मसल पावर और धनबल से चुनाव जीतकर ये व्यवस्था को नाक चिढ़ाते हैं पर किसी को इसकी परवाह ही नहीं दिखती।
दिल्ली में सरेराह बलात्कार होना आम बात है। 16 दिसंबर की रात जो हुआ वह उसी सड़ी जंग लगी, बदबूदार सड़ांध मारती व्यवस्था का हिस्सा था। देश में युवाओं का आक्रोश फूटा वैसे ही हाकिमों की पतलून गीली होना चालू हुई। हाकिम इस बात से खौफजदा थे कि यह आंदोलन किसी की अगुआई के बिना आखिर कैसे इस कदर भड़का। हाकिमों ने अपनी कुटिल चालें चलीं और आंदोलन की हवा निकालनी आरंभ की। इसी बीच विस्फोट डॉट काम ने हाकिमों की इस गंदी मानसिकता को एक आलेख के जरिए उजागर किया जिसमें बताया गया कि किस तरह से हाकिमों ने इस आंदोलन को रौंद दिया।
इसके उपरांत देश भर में सुलगी आग को शांत करने के लिए वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह ने देश को संबोधित किया और अंत में ठीक है का पुछल्ला समूचे देश ने सुना। इस मामले में सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कार्यवाही कर गरीब निचले कर्मचारियों पर कार्यवाही कर दी। सूचना प्रसारण मंत्रालय यह भूल जाता है कि किसी भी प्रसारण की जिम्मेवारी केमरामेन नहीं वरन समाचार संपादक की होती है!
तभी दिल्ली पुलिस के आरक्षक की मौत का मामला सामने आया। खबर आई कि आम आदमी पार्टी पर हवलदार की हत्या का आरोप मढ़ दिया गया है। आरोपों का क्या है? बचपन में एक सिनेमाघर के बाहर की पान की दुकान पर टंगा एक जुमला जेहन में घूम गया जिसकी इबारत थी -

अफवाहों से बचिए, इनके पर नहीं होते!
ये वो शैतान उड़ाते हैं जिनके घर नहीं होते!!

अरक्षक की मौत के बारे में कहा जाने लगा कि भीड़ ने उस आरक्षक को घायल किया और अस्पताल में जाकर उसने दम तोड़ दिया। दिल्ली पुलिस को मौका मिला और उसने अपनी तलवार की धार तेज कर दी। यह तो भला हो सोशल नेटवर्किंग वेब साईट का कि एक बार फिर उसने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और लोगों को बताया कि घायल आरक्षक जो दिल का मरीज था, की मदद भीड़ ने ही की। अब दिल्ली पुलिस पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है कि आखिर एक कार्डियक मरीज को उसने इस तरह के भभ्भड़ वाले आंदोलन में कर्तव्य पर क्यों भेजा?
अखबारों में यह बात जोर शोर से उठाई गई कि पीडिता का बयान लेने जब एक न्यायिक दण्डाधिकारी ने जब पीडिता का बयान लेना चाहा तो पुलिस ने उसमें हस्ताक्षेप किया। पुलिस की हिमाकत तो देखिए न्यायिक दण्डाधिकारी को ही पुलिस की निर्धारित प्रश्नावली के तहत प्रश्न पूछने के लिए विवश किया गया और नहीं मानने पर उस न्यायिक दण्डाधिकारी से दुर्व्यवहार किया गया। यह तो निश्चित तौर पर इंतेहा है। एसा प्रतीत होता है मानो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी व्हीव्हीआईपी के मीडिया के साक्षात्कार के लिए क्वेश्चनायर दिया गया हो।
इस बात को किसी ओर ने नहीं वरन् दिल्ली की निजाम ने अपने पत्र में लिखकर केंद्रीय गृह मंत्री को भेजा है। केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा शीला दीक्षित का पत्र लीक कैसे हो गया इसकी जांच की मांग अवश्य की जा रही है, पर पुलिस द्वारा पीडिता और उसकी मां के द्वारा केमरे के सामने बयान देने से रोकने, दण्डाधिकारी से दुर्व्यवहार की जांच की मांग कोई नहीं कर रहा है।
क्या हो गया है भारत गणराज्य को? क्या यही स्वराज है महात्मा गांधी के सपनों का? क्या यही है आजादी के मायने? क्या देश को नोचने खसोटने को ही प्रजातंत्र कहते हैं? क्या पुलिस की बलात लाठियां निर्दोषों पर बरसें और बलात्कार के आरोपी जनसेवक बन जाएं इसे ही लोकतंत्र का आधार कहें? क्या सांसद विधायक जनता के गाढ़े पसीने से संचित धन पर एश करें यही भारत गणराज्य की स्थापना का उद्देश्य रहा है? ये ही नहीं आज आजाद भारत के नागरिकों के जेहन में और ना जाने कितने प्रश्न घुमड़ रहे हैं जिनका उत्तर आज भी उन्हें नहीं मिला है। कलयुग की परिकल्पना पर आधारित कथित किंवदतीं ही अचानक जेहन में आती है -

राम चंद्र कह गए सिया से!
एसा कलजुग आएगा!!
हंस चुगेगा दाना रे भईया!!!
कौआ मोती खाएगा!!!!

(साई फीचर्स)

तोमर की मौत से दिल्ली पुलिस कटघरे में



तोमर की मौत से दिल्ली पुलिस कटघरे में

(महेश)

नई दिल्ली (साई)।  सिपाही सुभाष तोमर की मौत के मामले में यमुना विहार में रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी योगेंद्र ने खुलासा करते हुए दिल्ली पुलिस की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा दिया। टीवी चौनल को चश्मदीद योगेंद्र ने बताया कि सिपाही तोमर उनके सामने ही भागते हुए आए थे और गिर पड़े।
योगेंद्र का दावा है कि सुभाष की पिटाई किसी प्रदर्शनकारी ने नहीं की थी। यह खुलासा उन्होंने मंगलवार रात एक टीवी चौनल से किया। योगेंद्र के साथ अन्य लोगों ने सिपाही की मौके पर मदद भी की। दर्द दूर करने के लिए उनकी छाती मली, जूते उतारकर उनके तलवे सहलाए। फिर पुलिस की मदद से अस्पताल लेकर गए।
इस मामले में पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने मंगलवार शाम को मीडिया से कहा था कि सिपाही सुभाष चंद तोमर की मौत का कारण गले, छाती और पेट पर इंटरनल इंजरी थी। इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया और 8 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
दूसरी तरफ राम मनोहर लोहिया अस्पताल, जहां सिपाही की मौत हुई, वहां के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. टी.एस. सिद्धू का कहना है कि सदमे से सिपाही को हार्ट अटैक आया था। शरीर पर गंभीर चोट के कोई निशान नहीं थे। अस्पताल सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि सिपाही को हृदय संबधी बीमारी थी। ऐसे में अब सवाल यह है कि जब इतना बड़ा प्रदर्शन चल रहा था तो हृदय रोगी की वहां ड्यूटी क्यों लगाई गई?
इस मामले में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि पुलिस बेकसूरों को फंसाने की साजिश कर रही है। आप का कहना है कि आंदोलन को हिंसक बनाने की कोशिश कर रहे लोगों को पकड़ने में नाकाम रही पुलिस अब तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर रही है।
केजरीवाल ने कहा, ‘तोमर के परिवार के प्रति हमारी पूरी संवेदना है। यह बेहद दुखद घटना है। उनकी मौत के लिए अगर कोई शख्स या समूह जिम्मेदार है, तो उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। लेकिन पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है और वह निर्दाेष युवाओं को फंसाने की साजिश कर रही है। हमारे कार्यकर्ताओं को जबरन इस मामले में आरोपी बनाया जा रहा है। जिन 8 लोगों पर दिल्ली पुलिस हिंसा फैलाने का आरोप लगा रही है, उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है। उन्हें कॉन्स्टेबल की मौत के लिए जबरन दोषी बनाया जा रहा है।

शिवराज बाजपेयी से मिले पर फोटो है नदारत!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 32

शिवराज बाजपेयी से मिले पर फोटो है नदारत!

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 दिसंबर को दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से उनके निवास पर भेंट की। शिवराज सिंह चौहान ने अटल बिहारी बाजपेयी को बधाई दी अथवा नहीं इस बात के प्रमाण के बतौर जनसंपर्क विभाग द्वारा कोई फोटो जारी ना किए जाना आश्चर्यजनक माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी समाचार के अनुसार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अटलबिहारी वाजपेयी को उनके 88वें जन्मदिन के अवसर पर बधाई और शुभ-कामनाएं दीं। चौहान ने आज यहां उनके निवास स्थान जाकर गुलदस्ता भेंट किया और उनके स्वस्थ और दीर्घायु होने की कामना की।
श्री चौहान के साथ प्रदेश के नव नियुक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर सहित नि-वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा सहित प्रदेश के मंत्री सर्वश्री लक्ष्मीकांत शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, अनूप मिश्रा और संगठन महामंत्री अरविन्द मेनन ने भी इस अवसर पर वाजपेयी को जन्मदिन पर शुभ-कामनाएं दीं।
जब भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली जाकर किसी से भेंट करते हैं तब मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा बाकायदा फोटो जारी कर उनको महिमा मण्डित करने का प्रयास भी करता है। यहां तक कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग की मेल आई डी से पार्टी के प्रोग्राम्स को भी जारी किया जाता है। यही नहीं जनसंपर्क विभाग द्वारा भाजपा एवं उसके अनुषांगिक संगठनों की विज्ञप्तियों को भी जारी किया जाता है। इस बार जनसंपर्क विभाग द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी को बधाई देने की बात अवश्य कही गई है किन्तु फोटो का नदारत होना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।

कड़ाके की सर्दी ने हिलाया सभी को


कड़ाके की सर्दी ने हिलाया सभी को

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान १६ दशमलव दो डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने बताया है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम ठंडा बना रहेगा। देश के उत्तरी भागों में कड़ाके की सर्दी से जीवन अस्त-व्यस्त है।
देश भर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार देश में शीत लहर ने सभी ओर कहर बरपाया है। पंजाब और हरियाणा में शीत लहर के साथ-साथ घने कोहरे ने रेल और सड़क यातायात प्रभावित किया है। उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड में राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले २४ घंटों में सात लोगों की मौत हो गई है।
गोरखपुर, मुजफ्फरनगर और लखनऊ सहित प्रदेश के कई जिलों में दसवीं कक्षा तक के स्कूल की छुट्टिया ठंड के कारण बढ़ा दी गई है। फर्रूखाबाद पिछले २४ घंटों के दौरान प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान तीन दशमलव चार डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ठंड के कारण बाराबंकी में तीन, मुजफ्फरनर में दो और हरदोई तथा बिजनौर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई है। संबंधित जिला प्रशासन ने गरीबों को कंबल बांटने और नए रैन बसेरे खोलने का काम तेज कर दिया है।
मुजफ्फरनगर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो सचिन धीमान ने कहा कि पिछले चार दिनों से पड़ रही कड़ाकेदार ठंड ने मंगलवार को रौद्र रूप धारण कर लिया। सोमवार की दर रात्रि घना कोहरा छा गया जिससे मंगलवार को पूरे दिन सूर्य देव के दीदार नहीं हो सके। भयंकर ठंड के चलते सडकों पर भी आवागमन कम रहा।
पिछले एक सप्ताह से नागरिक भयंकर शीतलहर की चपेट में हैं। तापमान भी लगातार गिरता जा रहा है। आज भी नागरिक घरों में ही दुबके रहे केवल वही लोग घरों से निकले जिन्हें बहुत जरूरी काम था। मंगलवार को पूरे दिन सूर्यदेव ने दशन नहीं दिये।
कड़ाके ठंड ने लोगों के हाड़ कंपाने शुरू कर दिए हैं लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अभी तक अलाव की सही व्यवस्था नहीं की गई है। ठंड की ठिठुरन से लोग ठिठुर रहे हैं। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड, शिव चौक व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर जो थोड़े बहुत अलाव जल रहे हैं उनका मजा केवल पुलिसकर्मी ले रहे हैं। भयंकर सर्दी में भी जिला प्रशासन ने स्कूलों का शीतकालीन अवकाश घोषित नहीं किया है। नगर के दो तीन स्कूलों ने आगामी पांच जनवरी तक स्कूलों में अवकाश कर दिया है लेकिन अभी तक डीएम सुरेन्द्र सिंह ने इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है जिसका लाभ उठाते हुए दर्जनों स्कूलों ने अभी तक अपने स्कूलों में अवकाश घोषित नहीं किया है।
सर्दी के शुरूआती दौर में कोहरे का व्यापक असर रेल गाड़ियों पर पड़ना शुरू हो गया है तथा रेल यातायात बाधित हो रहा है। कोहरे द्वारा मचाए जा रहे कोहराम के कारण रेल प्रशासन व यात्री परेशान हैं। उत्तर रेलवे ने जहां 49 पैसेंजर ट्रेनों को अनिश्चितकाल के लिए रद्द करने की घोषणा कर दी है वहीं सहारनपुर से होकर जाने वाली दिल्ली पैसेंजर भी इस दौरान प्रभावित रहेगी। स्टेशन अधीक्षक एके त्यागी ने बताया कि कोहरे के कारण कालका से दिल्ली के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन संख्या 54304 को अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा सहारनपुर से दिल्ली के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 54521 व 54522 जिसका सहारनपुर से रवाना होने का समय सुबह 4.40 बजे तथा वापसी शाम 7.40 बजे है को रद्द कर दिया गया है। यही नहीं अंबाला से निजामुद्दीन के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन 54546 अब निजामुद्दीन नहीं जायेगी इसको केवल दिल्ली तक ही संचालित किया जायेगा। त्यागी ने बताया कि कोहरे के कारण उत्तर रेलवे ने 49 पैसेंजर ट्रेनों का संचालन रद्द किया है जिसमें तीन ट्रेनें सहारनपुर से जाने वाली प्रभावित होंगी।
उधर, उत्तर रेल्वे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कोहरे की वजह से आज भी कई रेलगाड़ियों की आवाजाही प्रभावित रहेगी।  सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली की तरफ आने वाली करीब आने वाली करीब ३५ ट्रेन आज लेट पहुंच रही हैं। और दिल्ली से चलने वाली १५ ट्रेन को रेलवे ने पुटबैक किया है जो अपने निर्धारित समय के अलावा दूसरे समय पर जाएंगी। इसके अलावा चार ट्रेन, जिसमें दो ट्रेन दिल्ली की तरफ आती है, फरक्खा एक्सप्रेस, कैफियत एक्सप्रेस ये दोनों कैंसिल्ड हैं, पटना से आने वाली संपूर्ण क्रांति ये भी कैंसिल्ड रहेंगी और दिल्ली से जाने वाली फरक्खा वो भी कैंसिल्ड रहेगी। रेल्वे ने यात्रियों से अपील है कि वे स्टेशन आने से पहले अपनी गाड़ी की पोजीशन जरूर १३९ नम्बर या रेल्वे की वेबसाइड पर चेक कर लें। 

सोशल मीडिया में छा गए आर.आर.पटेल


सोशल मीडिया में छा गए आर.आर.पटेल

फेसबुक पर खण्डवा की सरकारी खबरों की अभिनव पहल

(नंद किशोर)

भोपाल (साई)। सुशासन दिवस पर मध्य प्रदेश जनसंपर्क महकमे ने एक नई इबारत लिखी है। सोशल मीडिया की बदलाव की पहल में अब सरकारी महकमे भी शामिल हो चुके हैं। खण्डवा के जनसंपर्क कार्यालय प्रमुख आर.आर.पटेल द्वारा सोशल नेटवर्किंग वेब साईट फेसबुक पर पीआरओ खण्डवा का नया एकाउंट बनाया है जिसमें देश विदेश के लोग खण्डवा की सरकारी खबरों से एक क्लिक पर ही रूबरू हो सकेंगे। ज्ञातव्य है कि यह मध्य प्रदेश का पहला जिला है जहां की खबरें इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग वेब साईट के माध्यम से लोगों तक पहुंचेगी।
सुशासन दिवस के अवसर पर खंडवा के जनसंपर्क कार्यालय ने नई पहल करते हुये सोशल मीडिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। अब फेसबुकमें जिले की सरकारी खबरें दुनिया के किसी भी कोने पर बैठकर किसी भी समय देखी-पढी जा सकेंगी। कलेक्टर नीरज दुबे ने इस नवाचार से शुभारंभ किया। पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा, सी.ई.ओ. जिला पंचायत तरूण पिथौडे एवं समस्त कार्यालय प्रमुख इस अवसर पर उपस्थित थे।
खंडवा के जिला जनसंपर्क अधिकारी आर.आर.पटेल की सकारात्मक पहल पर फेसबुक में एकाउण्ट आरंभ हो गया है। इसमें जिला प्रशासन और शासन की गतिविधियों और योजनाओं से संबंधित जानकारी अपडेट रहेगी। श्री पटेल ने बताया है कि आज बडी संख्या में युवा वर्ग इंटरनेट के माध्यम से सूचनाओं को खंगाल रहा है। अखबार जैसे परम्परागत मीडिया के साथ-साथ अब इंटरनेट भी समचारों का बडा स्त्रोत बना है।
फेसबुकजैसे सोशल मीडिया से युवाओं की बडी तादाद जुडी है। सरकारी खबरों और योजनाओं को फेसबुक में समाहित करना जनसंपर्क विभाग की नई एप्रोच है। इससे प्रचार-प्रसार का एक विश्वव्यापी फलक उपलब्ध हो गया है। कलेक्टर नीरज दुबे ने इस पहल की सराहना करते हुये इसे उपयोगी बताया है।
पेपरलेस न्यूज रिलीज सिस्टम रू- उल्लेखनीय है कि जनसंपर्क कार्यालय खंडवा द्वारा वर्ष 2010 में एक सितम्बर से पेपरलेस न्यूज रिलीज सिस्टम लागू किया गया था। इसके तहत् परम्परागत् कागजों का उपयोग बंद कर मेल आधारित समाचार और फोटो वितरण प्रणाली आरंभ की गई थी। इस प्रणाली से कागजों और शासकीय धन की बहुमूल्य बचत हो रही है। प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव अवनि वैश्य ने भी इसकी सराहना की थी। इस नवाचार का प्रदेश के अन्य जिलों ने भी अनुसरण किया है।

हरवंश का बढ़ा है कद


हरवंश का बढ़ा है कद

(अंकित)

सागर (साई)। मध्यप्रदेश में अर्जुन सिंह, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह के साथ कंधे से कंधा लगाकर काम करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरवंश सिंह लंबे समय से हांसिए पर थे। दिग्विजय सिंह सरकार में हरवंश सिंह की छवि संकटमोचक के रूप में रही है। दिग्विजय सिंह, अर्जुन सिंह और कमलनाथ के बीच आपसी सामंजस्य का काम हरवंश सिंह ने बेहद कुशलता के साथ किया था। कांग्रेस को प्रदेश में सरकार बनाने के लिए अब हरवंश सिंह की जरूरत होने लगी है।
पिछले दिनों प्रदेश के दौरे पर आये दिग्विजय सिंह ने कांतिलाल भूरिया को समझाया था कि पार्टी में रणनीति बनाने का काम हरवंश सिंह को सौंपा जाये। पहले तो कांतिलाल भूरिया तैयार नहीं थे लेकिन सागर में पार्टी कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता के बाद भूरिया ने हरवंश सिंह से मदद की गुहार लगाई है। सागर में होने वाली महारैली की जिम्मेदारी हरवंश सिंह को सौंपी है। उम्मीद है कि कांग्रेस का यह चाणिक्य सागर में एक नया गुल खिलायेगा।

माथुर का बावर्ची मृत


माथुर का बावर्ची मृत

(दीपाली)

सागर (साई)। सागर संभागायुक्त राजकुमार माथुर के बंगले पर काम करने वाले बाबर्ची की मंगलवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस ने उसकी हार्ट अटैक से मौत की आशंका जताई है। 50 वर्षीय दुर्गा प्रसाद पिता बाबूलाल रैकवार सुबह 8 बजे कमिश्नर बंगले पर साहब को चाय बना रहा था।
संभागायुक्त निवास के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिला अस्पताल के डॉ. बीके रावत ने मृतक का पीएम किया। पुलिस को अभी पीएम रिपोर्ट नहीं मिली। गोपालगंज थाना प्रभारी एसएस बघेल का कहना है कि दुर्गा प्रसाद को संभवतः अटैक आया था। पीएम से स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

फोटोग्राफर्स एसोसिएशन का अधिवेशन सम्पन्न


फोटोग्राफर्स एसोसिएशन का अधिवेशन सम्पन्न

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। मुजफ्फरनगर फोटोग्राफर्स वेलफेयर एसोसिएशन का द्वितीय वार्षिक अधिवेशन झंकार उत्सव में उल्लासपूर्वक मनाया गया। शुभारम्भ भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके हुआ। मुख्य अतिथि व्यापारी नेता संजय मित्तल, महेश चौहान, प्रमोद त्यागी, राजेन्द्र काटी, नगर महामंत्री जयपाल शर्मा तथा युवा सपा नेता व एमडीए की एडवाईजरी कमेटी के सदस्य गौरव जैन रहे।
इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामगोपाल टिन्नू ने जनपद के समस्त फोटोग्राफर्स की समस्याओं पर विचार रखा तथा उनकी समस्याओं के निदान की बात कही। अध्यक्ष टिन्नू ने कहा कि रात्रि दस बजे के बाद विवाह समारोहों में डीजे बंद होने चाहिए जिससे फोटोग्राफर अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकें। इसके अतिरिक्त एक महत्वपूर्ण बात रखी गई कि एसोसिएशन से जुड़े समस्त फोटाग्राफर्स का बीमा होना चाहिए क्योंकि वे रात दिन विभिन्न समारोहों की पफोटो खींचने के लिए जाते हैं। मुख्य अतिथि व्यापारी नेता संजय मित्तल व गौरव जैन ने कहा कि फोटोग्राफर समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है। जिनमें प्रेस फोटोग्राफर तथा सामान्य फोटोग्राफर मुख्य हैं। इनके बिना किसी भी कार्यक्रम का आगाज संभव नहीं है। महासचिव ऋषिपाल सैनी ने पिछले वर्ष की रिपोर्ट पढ़कर सुनाई तथा आय व्यय का विवरण प्रस्तुत किया तथा बताया कि हमारी एसोसिएशन में 232 सदस्य हैं। जिनमें 46 पदाधिकारी व 186 साधारण सदस्य हैं। कोषाध्यक्ष मित्रसेन व जिला प्रभारी प्रदीप शर्मा ने फोटोग्राफरों की समस्याओं के तुरंत निदान के लिए जिला प्रशासन सेे अपील की। कार्यक्रम में बुजुर्ग फोटोग्राफरों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। जिला महासचिव ऋषिपाल सैनी ने जनपद के सभी पफोटोग्राफर्स से संगठन की सदस्यता ग्रहण करने को कहा। कार्यक्रम में सैंकड़ो फोटोग्राफरों सहित सामाजिक व राजनैतिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूूद रहे। इस अवसर पर पत्रकार दीपक भार्गव को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

सरकार आम जनता को जी भरकर लूट रही है


सरकार आम जनता को जी भरकर लूट रही है

(राज कुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। केंद्र सरकार एक तरफ जहां लोगों को सुविधा के नाम पर राहत देने की थोथी घोषणा करती है वहीं दूसरी ओर यह सरकार आम जनता को जी भरकर लूट रही है। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब चन्दाना गांव का सत्यवान डाकघर में स्पीड पोस्ट व रजिस्ट्री करवाने के लिए गया। वहां जाकर जब उसने स्पीड पोस्ट व रजिस्ट्री करवाने के बाद पैसों के बारे में पूछा तो उपस्थित कर्मचारी ने उसको 39 रुपए प्रति रजिस्ट्री व स्पीड पोस्ट की काट कर हाथ में पकड़ाते हुए पैसे मांगे। जब इस उपभोक्ता ने कहा कि पहले तो 25 रुपए लगते थे तो फिर एक दो माह में ही 14 रुपए की बढ़ोतरी किस प्रकार हुई तो कर्मचारी ने कहा कि यह बढ़ोतरी ऊपर से सरकार की ओर से आई है। जिसके अनुसार हम पैसा ले रहे है। उपभोक्ता दिल मोसकर पैसे देकर वापिस तो आ गया परन्तु उसने कहा कि डाक विभाग द्वारा लोगों को जी भरकर लूटा जा रहा है। इससे अच्छा तो कोरियर के द्वारा काम चलाया जा सकता है। जिसके मात्र 10 से 20 रुपए प्रति नग लगता है और उनकी डाक भी अगले दिन पहुंच जाती है। उन्होंने बताया कि जब उच्च सरकारी कार्यालयों में डाक भेजनी होती है तो उनकी डाक कोरियर के माध्यम से नहीं ली जाती। जिस कारण से मजबूरी वश उपभोक्ताओं को डाक विभाग का शिकार होना पड़ता है। इसी लूट के कारण डाक व्यवस्था फ्लाप हो रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्पीड पोस्ट व रजिस्ट्री के दाम घटाएं जाएं।