टीम गड़करी का चयन जारी!
संघ ने गड़करी से कहा ‘‘साबित करो अपने आप को‘‘
झा का स्थान ले सकते हैं मिश्रा अथवा तोमर!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक
संघ के दुलारे नितिन गड़करी को दूसरी पारी मिलना तय है, पर इसके लिए संघ ने गड़करी को साफ तौर पर
हिदायत दे दी है कि वे अपनी दूसरी पारी में अपने आप को साबित कर दिखाएं। गड़करी को
अब साबित करना होगा कि वे संघ के रहमो करम पर नहीं वरन् फुल फलेश्ड दमदार अध्यक्ष
हैं।
दिल्ली के झंडेवालान स्थित केशव कुंज के
सूत्रों का कहना है कि संघ के आला नेताओं ने गड़करी को दूसरी टर्म सशर्त दी है, इसमें गड़करी को कहा गया है कि वे संगठन के
हित में अप्रिय लगने वाले फैसलों से भी गुरेज ना करें। बड़े फैसलों के प्रकाश में
भाजपा नए क्लेवर में नजर आनी चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि संघ के आला नेताओं ने
गड़करी को साफ तौर पर कह दिया है कि 75 पार कर चुके नेताओं को अब चुनाव लड़ने के बजाए मार्गदर्शक पथ प्रदर्शक की
भूमिका में ले आया जाना चाहिए। अगर गड़करी ने यह तय कर दिया तो एल.के.आड़वाणी, जसवंत सिंह, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा के साथ ही साथ मध्य प्रदेश
में बाबू लाल गौर जैसे नेताओं को घर बैठने पर मजबूर होना पड़ेगा।
इसकी भनक शायद इन नेताओं को लग चुकी है।
संभवतः यही कारण है कि ये नेता गड़करी की दूसरी पारी का विरोध करने पर आमदा नजर आ
रहे हैं। संघ की इस कुनैन की कड़वी गोली को खाने में गड़करी को पसीना आ रहा है।
गड़करी का बुखार अपने आप उतरता नजर आ रहा है।
भाजपा के अंदर चल रही चर्चाओं के अनुसार
संघ का यह कदम स्वागतयोग्य है कि बुजुर्गवार नेताओं को अब अभिभावक की भूमिका में
आकर नए जोश और जवान खून को मौका देना चाहिए। संघ की इस नसीहत से भाजपा भी दो फाड़
होती नजर आ रही है। अगर एसा हुआ तो बुजुर्ग नेताओं के समर्थक कहां जाएंगे इस बारे
में भी मंथन जारी है।
उधर, इन आशंकाओं कुशंकाओं के बीच गड़करी की नई टीम का चुनाव भी आरंभ हो चुका
है। सूत्रों की मानें तो गड़करी इस बार अपनी टीम में से धर्मेंद्र प्रधान को बाहर
का रास्ता दिखा सकते हैं। प्रधान को उड़ीसा भाजपाध्यक्ष बनाकर भेजा जा सकता है। टीम
गड़करी से इस बार तीन महासचिवों की बिदाई तय मानी जा रही है।
महासचिवों में इस बार नेहरू गांधी परिवार
के भाजपा के गांधी,
वरूण
को मौका मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके साथ ही साथ गड़करी इस बार मुरलीधर
राव को महासचिव बनाने इच्छुक बताए जा रहे हैं। उधर, संजय जोशी को संघ महासचिव बनाना चाहता है, पर नरेंद्र मोदी की नाराजगी जोशी की
ताजपोशी में रोढ़ा बनकर सामने आ रही है। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए एक बीच का
रास्ता अख्तियार किया जा सकता है। जोशी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
इसके साथ ही साथ मध्य प्रदेश में भाजपाई
निजाम के बदले जाने की संभावनाओं से भी सूत्र इंकार नहीं कर रहे हैं। सूत्रों का
कहना है कि मध्य प्रदेश भाजध्यक्ष प्रभात झा को दूसरी पारी मिलना बेहद मुश्किल नजर
आ रहा है। झा को टीम गड़करी में शामिल किया जाकर एमपी की कमान नरेंद्र सिंह तोमर
अथवा नरोत्तम मिश्रा के कांधों पर रखी जा सकती है।