सोमवार, 10 दिसंबर 2012

इस तरह गांठी कमल ने हाथी की सवारी!


ये है दिल्ली मेरी जान

(लिमटी खरे)

इस तरह गांठी कमल ने हाथी की सवारी!

केंद्र में संसदीय कार्य मंत्रालय बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील माना जाता है। इस मंत्रालय का प्रभार जिस किसी को भी दिया जाता है उस पर अनेकानेक जिम्मेदारियां स्वयमेव ही आ जाती हैं। पवन बंसल के स्थान पर इसका प्रभार कमल नाथ को दिया गया जो पहले से ही शहरी विकास मंत्री हैं। कमल नाथ ने लोकसभा में एफडीआई पर बहस के दर्मयान ही मायावती को साथ लिया और चल दिए पीएम के कक्ष की ओर। मायावती ने भी अपने साथ सतीश मिश्रा को ले लिया। अंदर लगभग पंद्रह मिनिट तक चर्चा हुई और माया मेम साहब ने कांग्रेस के पक्ष में रूझान साफ कर दिया। कमल नाथ के करीबी सूत्रों का कहना है कि भले ही वे यह कहें कि मायावती से कोई डील नहीं हुई पर माया मेम साहेब को लुटियन जोन में बसपा के लिए कार्यालय की जगह मिल गई। माया मेम साहब इसलिए भी मान गईं कि आखिर शहरी विकास मंत्रालय तो कमल नाथ के ही पास है अतः माया का विश्वास कैसे टूट सकता था।

आप के बाप!
अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) का गठन किया। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर आप के स्थान पर भारतीय आम आदमी पार्टी (बाप) बनाने का मशविरा दिया गया। केजरीवाल से अण्णा हजारे की नाराजगी किसी से छिपी नहीं है। अण्णा केजरीवाल से क्यों नाराज हैं यह बात अब सियासी फिजा में घुमड़ रही है। अण्णा के एक करीबी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि दरअसल, केजरीवाल ने अण्णा की सांसें ही छीन ली हैं। केजरीवाल ने अण्णा के आंदोलन के दौरान मिली राशि, दानदाताओं की सूची, कार्यकर्ताओं आदि की सूची का सारा का सारा डाटा वाली हार्ड डिस्क ही अपने साथ दबाकर ले जाई गई है। माईनस केजरीवाल बची टीम अण्णा के पास अब अण्णा के नाम के अलावा और कुछ नहीं बचा है। यही कारण है कि टीम अण्णा अब मायूस ही नजर आ रही है, वहीं सारे होमवर्क को अपने साथ ले जाने वाले केजरीवाल अब चहचहाते ही दिख रहे हैं।

गड़करी की बिदाई की राह देख रहे मुंडे
महाराष्ट्र प्रदेश का देश की राजनीति अहम रोल है। हाल ही में भाजपा में अंदर ही अंदर इस बात पर धुआ उठता दिख रहा है कि वित्तीय विवाद में फंसे नितिन गड़करी को किस तरह किनारे लगाया जाए। मराठा क्षत्रप गोपी नाथ मुंडे भी इस प्रयास में हैं कि मराठा राजनीति में उनका सितारा खासा बुलंद हो जाए। दरअसल, मुंडे को गड़करी ने हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है। मुंडे जब पार्टी छोड़ने का मन बना ही चुके थे कि उनके एक अभिन्न ने उन्हें थोड़ा सा इंतजार करने का मशविरा दिया। मुंडे रूक गए, इसी बीच गड़करी का वित्तीय विवाद सामने आ गया। अब मुंडे नई चाल चलते दिख रहे हैं। बाला साहेब ठाकरे के निधन के उपरांत उद्धव और राज ठाकरे में सुलह करवाने का काम मुंडे ही कर रहे हैं। अगर मुंडे की यह चाल सफल रही तो आने वाले समय में भाजपा के लिए शिवसेना और मनसे की बैसाखी मुफीद होगी, उस वक्त मराठा क्षत्रप मुंडे का इकबाल जमकर बुलंद हो जाएगा।

दादा को भुलाया कांग्रेस ने!
एक समय कांग्रेस के संकटमोचक रहे प्रणव मुखर्जी इस समय रायसीना हिल्स में महामहिम राष्ट्रपति बनकर काम कर रहे हैं। इस बार एफडीआई पर होने वाली बहस में उनकी खासी रूचि थी। दरअसल, पिछले शीत सत्र में प्रणव मुखर्जी वित्त मंत्री थे, और उन्होंने सदन को आश्वस्त किया था कि जब तक राज्यों और सियासी दलों में आम सहमति नहीं बन जाती तब तक इसे लागू नहीं किया जाएगा। महामहिम आवास के सूत्रों का कहना है कि प्रणव दा पूरे समय टीवी से चिपके रहे। पर यह क्या सत्तर फीसदी बहस तो हिन्दी में हुई। कहते हैं कि दादा की हिन्दी अच्छी नहीं है इसलिए उन्हें समझने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी। दादा के पास उस वक्त तुरंत में एसा कोई साधन नहीं था कि वे इसका अंग्रेजी अनुवाद करवा सकें। बाद में दादा को सारी कहानी बताई गई। दादा के मुंह से बस यही निकला, जब मैने भरोसा दिया था तो पहले आम सहमति बनाना चाहिए था, इस तरह की जल्दबाजी ठीक नहीं।

कमजोर पड़ने लगे हैं युवराज!
कांग्रेस की नजर में भविष्य के वजीरे आजम राहुल गांधी को भले ही यह प्रचारित किया जा रहा हो कि वे अब घोषित तौर पर नंबर दो की स्थिति में आ गए हैं पर कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि युवराज अब कमजोर पड़ते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के बीच अब खार्इ्र गहरी होती दिख रही है। प्रधानमंत्री पहली बार अपने विशेषाधिकार का उपयोग कर अपने आप को मजबूत दिखाने की जुगत में हैं। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री कमल नाथ को युवराज राहुल गांधी बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं। इसके बाद भी प्रधानमंत्री ने कमल नाथ को शहरी विकास मंत्रालय के साथ ही साथ संसदीय कार्य का प्रभार सौंपा। कमल नाथ ने अपनी उपयोगिता साबित की,। राहुल गांधी को यह कहते भी सुना गया है कि ये एक चुनाव बाद तो रिटायर हो जाएंगे, हमारी पारी तो अभी आरंभ ही हो रही है! राहुल का यह कहना उनकी कमजोरी ही प्रदर्शित करता है।

ब्राम्हणवाद हावी है भाजपा में!
मध्य प्रदेश भाजपा में ब्राम्हणवाद जमकर हावी होता दिख रहा है। इसके पहले यह आरोप कांग्रेस में लगते रहे हैं। मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष प्रभात झा के नेतृत्व में ब्राम्हणों की खासी पूछ परख है। भाजपा के कार्यालयों में इन दिनों यह बात जमकर उछल रही है कि वाकई अब भाजपा ब्राम्हण बनियों की पार्टी बनकर रह गई है। भाजपा में कहा जा रहा है कि अगर आपने किसी ब्राम्हण विधायक, सांसद, या अन्य जनप्रतिनिधि या कार्यकर्ता की शिकायत कर दी तो उस पर कोई कार्यवाही होने ही वाली नहीं है। पिछले दिनों एक विधायक द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी के जन्म दिवस 25 दिसंबर पर आयोजित एक प्रोग्राम में सरेआम पुजारी की थाली से दो सौ रूपए उठाए गए तब उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब बाताते हैं कि उक्त विधायक का घर चोरी की बिजली से रोशन होता पकड़ा गया। इसकी शिकायत भी हुई पर इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। कहते हैं कि इसकी लिखित शिकायत करने पर भी मामला ठण्डे बस्ते के हवाले ही कर दिया गया है।

कपड़े की तरह आका बदलते प्रकाश!
कांग्रेस के खेमे में मोहन प्रकाश पर विश्वास करने वालों का टोटा है। लगभग दस साल पहले जनार्दन द्विवेदी की जमानत पर कांग्रेस में प्रवेश पाने वाले मोहन प्रकाश कुछ समय तक तो द्विवेदी को गुरूजी कहकर ही बुलाया जाता था, उनके चरणों को सार्वजनिक तौर पर स्पर्श किया जाता था, पर अचानक ही उनकी निष्ठा बदली और वे कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के सियासी गुरू अहमद पटेल के साथ हो लिए। अहमद पटेल के साथ सियासी मलाई चखने के बाद अचानक ही मोहन प्रकाश ने यू टर्न लिया और अब वे राहुल गांधी के सबसे विश्वस्त बनने की चेष्टा में दिख रहे हैं। गुजरात के चुनावों में अहमद पटेल के चेले चाटों को ही टिकिट से महरूम रखकर मोहन प्रकाश ने यह साबित करने की कोशिश की है कि वे राहुल गांधी के कितने हितैषी हैं। हद तो उस वक्त हो गई जब मोहन ने मजबूत जनाधार वाले नरहरि अमीन को ही टिकिट देने से इंकार कर दिया।

शिव के खिलाफ खड़ा मीडिया!
देश के हृदय प्रदेश में मीडिया का एक तबका सूबे के निजाम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ खड़ा दिख रहा है। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर सत्ता और मीडिया के सेतु जनसंपर्क विभाग मीडिया के निशाने पर है। मीडिया का आरोप है कि जनसंपर्क विभाग इन दिनों भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस का पिट्ठू बना हुआ है। संघ के इशारे पर ही मीडिया को विज्ञापन आदि देने का काम चल रहा है। जनसंपर्क की कमान जब से एक अतिरिक्त संचालक के हाथ में आई है तबसे यह यृद्ध तेज हो गया है। एक वेब साईट को पंद्रह लाख का विज्ञापन तो जनसंपर्क मंत्री की अनुशंसाओं को दरकिनार कर कचरे की टोकरी में डाल रहा है जनसंपर्क विभाग। यही आलम अधिमान्यता का है। सूबे में पत्रकारों ने दस दिसंबर को विधानसभा के चलते में राजधानी भोपाल में जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकालने का आयोजन भी रखा है।

फिर विवादों में रूपए का प्रतीक चिन्ह
रूपए के नए प्रतीक चिन्ह को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं। ज्ञातव्य है कि रुपये का प्रतीक चिनह तय करने की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरते जाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगेसन व जस्टिस आरएस एंडलॉ की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले में न्यायालय ने केंद्रीय गृह सचिव और सांस्कृतिक मंत्रालय के सचिव को 9 जनवरी को अदालत में पेश होकर जवाब दाखिल करने के लिए समन जारी किया है। राकेश कुमार सिंह ने अधिवक्ता कमल कुमार पांडेय के माध्यम से दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है कि रुपये का चिन्ह तय करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर प्रतियोगिता हुई थी। लोगों में देश प्रेम की भावना जोड़ने के लिए सरकार ने रुपये के प्रतीक चिन्ह का डिजाइन मांगा था।

अब निशाने पर आए अहमद
गुजरात के चुनावों में कांग्रेस भले ही फतह हासिल करे या ना करे पर कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण ही साबित होता दिख रहा है। इसका कारण कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल का गुजरात मूल का होना है। कांग्रेस में एक के बाद एक करके सबके शनी भारी होते दिख रहे हैं। कांग्रेस में पर्दे के पीछे सर्वशक्तिमान समझे जाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल की सियासी सांसों की डोर बंधी हुई है। अगर गुजरात में मोदी ने एक बार फिर करिश्मा कर दिया तो निश्चित तौर पर अहमद पटेल को सियासी हाशिए में ढकेल ही दिया जाएगा। राहुल गांधी के मुख्य भूमिका में शामिल होते ही अब सियासी धुरी में परिवर्तन होता दिखने लगा है। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गंाधी को यह कहा गया है कि पहले तो ताकतवर महासचिव दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाले एमपी में फिर उनके और राहुल के प्रभाव वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की भद्द पिटी और अगर अब सोनिया के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल के प्रभाव वाले गुजरात में कांग्रेस औंधे मुंह गिरी तो आने वाले समय में कांग्रेस का नामलेवा भी नहीं बचेगा।

पुच्छल तारा
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मसले पर कांग्रेस को मिली सफलता से सोनिया गांधी और उनके पिट्ठू फूले नहीं समा रहे हैं। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर इस मसले पर तरह तरह की बातें चल रही हैं। हाल ही में एक चित्र के माध्यम से एफडीआई पर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के रूख को बयान किया गया है। चित्र में 1942 में कांग्रेस ने स्वदेशी अपनाओ नारे को जमकर तरजीह दी थी। उस वक्त विदेशी सामानों की होली जलाई जाती थी। इसके सत्तर सालों बाद उसी कांग्रेस का झंडा डंडा उठाने वाले आज स्वदेशी की जगह विदेशी यानी एफडीआई की वकालत करते नजर आ हैं। सही कहा है किसी ने, जय भारत जय जवान! हो रहा भारत निर्माण!!

वाहवाही सब तरफ सडक का नामोनिशान नहीं


वाहवाही सब तरफ सडक का नामोनिशान नहीं

सीमाओं में रहकर काम करे जनमंच: एड. वीरेंद्र सोनकेशरिया

पत्रकारों का काम जनजागृति पैदा करना है आंदोलन करना नहीं

लखनादौन जनमंच भी हो चुका है उदासीन!

(ब्यूरो)

सिवनी (साई)। ‘‘2009 में जनमंच का गठन सिर्फ और सिर्फ एनएचएआई के फोरलेन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए किया गया था। जनमंच इन बाधाओं को दूर करने के बजाए अब थोथी वाहवाही लेने की जुगत में दिख रहा है। मेरे द्वारा लड़े गए प्रकरण पर पत्रकार वार्ता आयोजित कर मीडिया को गुमराह करना बंद करे जनमंच के कार्यकर्ता।‘‘ उक्ताशय के आरोप वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र सोनकेशरिया द्वारा यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में लगाए गए हैं।
अधिवक्ता वीरेंद्र सोनकेशरिया ने कहा कि जनमंच का गठन सिवनी जिले से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे पर आने वाली बाधाओं से निपटने के लिए किया गया था। जनमंच ने सिर्फ कुरई घाट के मामले को हाथ में लेकर साबित कर दिया था कि उसका बाकी जिले से कोई लेना देना नहीं है।
हाल ही में दो पत्रकार वार्ताओं में जनमंच के कथित शिरोमणि द्वारा झूठी वाहवाही लूटने के उद्देश्य से सद्भाव पर हुई खनिज रायल्टी की वसूली की कार्यवाही को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। एडव्होकेट सोनकेशरिया ने कहा कि उनके द्वारा उनके मुवक्किलों के कहने पर इस प्रकरण को लड़ा गया था।
उन्होंने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा सद्भाव कंपनी से रायल्टी और अर्थदण्ड की वसूली की कार्यवाही हेतु चार लोगों की कमेटी बनाई गई थी। इसमें अनुविभागीय अधिकारी शहर राजस्व, खनिज अधिकारी आदि शामिल थे। इस कमेटी के प्रतिवेदन को दरकिनार कर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ग्रामीण सुमन धुर्वे द्वारा वूसली शून्य घोषित कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि जब वे इस संबंध में रिव्यू के लिए गए तब पुनः शासन ने बारह करोड़ 94 लाख रूपए की राशि की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने संभावना व्यक्त की है कि संभवतः इस प्रकरण में गफलत करने के चलते ही तत्कालीन एसडीएम सुमन धुर्वे बिना बताए ही गायब हो गईं थीं। इस संबंध में सुमन धुर्वे के खिलाफ विभागीय जांच भी आरंभ की गई है।
एडव्होकेट वीरेंद्र सोनकेशरिया ने सीधे सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि कमेटी का आदेश सिर्फ वसूली के लिए था, जिसे तत्कालीन एसडीएम सुमन धुर्वे ने दरकिनार करते हुए सुनवाई के दौरान वसूली ही शून्य कर डाली।
वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र सोनकेशरिया ने कहा है कि उनके पास इस बात के प्रमाण और आदेश हैं कि यह प्रकरण उन्होंने अपने मुवक्किलों के कहने पर लड़ा गया है। उन्होंने जनमंच को नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह दूसरे की पकाई रोटी पर राजनीति करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात भी लाई गई है कि सड़क निर्माण के लिए गठित जनमंच द्वारा अपने मूल काम को छोड़कर अन्य कामों में दिलचस्पी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि भंडारण के एक मामले में भी जनमंच द्वारा इंटरवीनर बनने का प्रयास किया गया था किन्तु जिला प्रशासन ने जनमंच के इस तरह के मंसूबों पर पानी फेर दिया गया।
ज्ञातव्य है कि दो साल पहले जनमंच की इस तरह की अनर्गल कारस्तानियों को उजागर करने पर जनमंच के कथित तौर पर प्रवक्ता से हस्ताक्षरित एक विज्ञप्ति में एक वरिष्ठ पत्रकार को हद में रहकर लिखने की हिदायत जनमंच ने सार्वजनिक तौर पर दी गई थी। उस दर्मयान जनमंच द्वारा यह कहा गया था कि सिवनी शहर के गड्ढे भी वे भरवाएं, छपरा के भी वे भरवाएं, लखनादौन के भी वे भरवाएं, पत्रकार बस बैठकर समीक्षा करें। जनमंच के कार्यकर्ता यह भूल जाते हैं कि पत्रकार का काम सच्चाई को सामने लाकर जन जागृति पैदा करना है ना कि आंदोलन करना।
वहीं दूसरी ओर सिवनी जिले के लखनादौन जनमंच द्वारा भी वर्ष 2009 में बड़े ही जोर शोर से सड़क के लिए आंदोलन किया गया था। लखनादौन में जब नेशनल हाईवे को रोक दिया गया तब लखनादौन जनमंच के सर्वेसर्वा और सिवनी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके दिनेश राय मुनमुन के हवाले से मीडिया में यह बात जमकर प्रचारित करवाई गई थी कि तत्कालीन अपर कलेक्टर अलका श्रीवास्तव द्वारा जनमंच लखनादौन को एक पत्र लिखकर इस काम को तत्काल आरंभ करवाने का आश्वासन दिया था।
विडम्बना ही कही जाएगी कि वर्ष 2008 से रूके इस सड़क के काम को ना तो सिवनी के जनमंच जिसके बारे में एडव्होकेट वीरेंद्र सोनकेसरिया द्वारा बताया गया है कि यह जनमंच महज कुरई घाट के सड़क के हिस्से के लिए ही लड़ाई लड़ रहा है, और ना ही लखनादौन जनमंच द्वारा आरंभ कराया जा सका है। आरोपित है कि दोनों ही जनमंच द्वारा जनता के हितों को बलाए ताक पर रखा गया है, वरना क्या कारण है कि कुरई घाट का विवादित महज 8.7 किलोमीटर के बजाए सिवनी जिले में लगभग पचास किलोमीटर का हिस्सा जंगल की पथरीली जमीन में तब्दील हो गया है?

पत्रकारों की आवाज पर दलालों का पलटवार


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 22

पत्रकारों की आवाज पर दलालों का पलटवार

(आलोक सिंघई)

भोपाल (साई)। चुनावों की आहट पाते ही मध्यप्रदेश सरकार की नीतियों की समीक्षा शुरु हो गई है। इसकी शुरुआत हमेशा समाज के जागरूक तबके करते रहे हैं। अभी चुनावों की तैयारियां पूरी गरमी नहीं पकड़ी पाई हैं इसलिए सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने वाले तमाम तबके फिलहाल मैदान में नहीं उतरे हैं लेकिन पत्रकारों ने सबसे पहले मैदान में उतरकर अपनी पहरेदार की भूमिका का सही निर्वहन किया है। एक तरह से ये सरकार के लिए खतरे का संकेत देकर सावधान करने का प्रयास है। जाहिर है कि सरकार को पत्रकारों की इस आवाज का अध्ययन समय रहते करना होगा। न केवल अपनी गलतियों में सुधार करना होगा बल्कि पत्रकारों के हित में उठाए जाने वाले कदमों को सही परिप्रेक्ष्य में आकार भी देना होगा ताकि सामाजिक संवाद का ये सेतु अपनी भूमिका ठीक तरह से निभा सके। इसके विपरीत इस आंदोलन को कुचलने के प्रयास शुरु हो गए हैं। ये काम शोषणवादी ताकतों के वही दलाल कर रहे हैं जिनके कारण मध्यप्रदेश आज सुधारों के तमाम प्रयासों के बाद भी अपनी वांछित गति नहीं पकड़ सका है।
आखिर क्या कारण है कि प्रदेश के पत्रकारों को राजधानी में आकर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार और पत्रकारों के बीच का सेतु क्यों टूटा। इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। क्या जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा अपना दायित्व निभाने में असफल रहे हैं। या फिर पत्रकारों को भड़काने में लगे सत्ता के दलाल अपना गेम खेलने में सफल हो गए हैं। इन सभी बातों को सिलसिले से समझने की कोशिश करें तो एक बात साफ हो जाती है कि मौजूदा भाजपा सरकार मध्यप्रदेश में एक दशक पूरा करने का लक्ष्य भले ही पाने जा रही हो पर वो सुशासन के अपने वादे पर पूरी तरह खरी साबित नहीं हो पाई है। जब मध्यप्रदेश की जनता दिग्विजय सिंह के भ्रष्टतम कुशासन से कराह रही थी और कांग्रेस हाईकमान जनता की आवाज को सुनने के लिए तैयार नहीं था तब दिग्विजय सिंह को सत्ता से धकेलने का काम प्रदेश की जागरूक जनता ने अपने हाथों में लिया था। जनता ने आगे बढ़कर न केवल दिग्विजय सिंह के कुशासन की पोल खोली बल्कि लगभग जनक्रांति करके कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार का तख्ता पलट दिया। उस जन क्रांति का नेतृत्व भाजपा की नेत्री उमा भारती ने किया था। लेकिन इतिहास ने एक बार फिर करवट ली और जन क्रांति की नेत्री को उसके समर्थकों ने ही लील लिया।
इसके बाद आया बाबूलाल गौर का शासन तो कोई छवि नहीं छोड़ पाया पर उसने मध्यप्रदेश में सुधारों की आंधी को जरूर मटियामेट कर दिया। सारी सुधार योजनाओं को ठप कर दिया गया और सुनियोजित तरीके से देश को पुरातनपंथी ढर्रे पर ठेल दिया गया।
ये संयोग की बात है कि बाबूलाल गौर का शासन प्रदेश की जनता को ज्यादा नहीं झेलना पड़ा। संयोग से प्रदेश को मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिहं चौहान जैसा सुलझा नेता मिल गया। विकास की ललक लेकर आए शिवराज सिंह चौहान ने समरसता की राजनीति की। उनके कार्यकाल में ढेरों योजनाएं बनाई गईं। जनता को लगता रहा कि ये सरकार जरूर उसकी जिंदगी में नए बदलाव लाएगी। योजनाओं की फेरहिस्त ने सपनों का पूरा ताना बाना बुना लेकिन शिवराज जी की सदाशयता ही उनके शासनकाल को यशस्वी बनाने की राह से विमुख करने लगी। जब जब उन्होंने सख्ती दिखाने की कोशिश की तब तब उनके ही सलाहकारों ने अपने विरोधियों को निपटाकर सारी मुहिम की हवा निकाल दी।
अब जबकि शिवराज सिंह जी के शासनकाल का भी आकलन शुरु हो गया है तब उनके कार्यकाल की गलतियां भी धीरे धीरे उजागर हो रहीं हैं। ये बात सही है कि शिवराज जी के सौम्य व्यक्तित्व और बेहतर जनसंवाद शैली के कारण विरोध की ये आवाज विद्रोह का रूप धारण नहीं कर पा रही है लेकिन पत्रकारों के आंदोलन ने बता दिया है कि बात इतनी सहज और सामान्य भी नहीं है।
पत्रकारों की इस बैचेनी को समझने में जुटे सरकार के सलाहकार बार बार पूछ रहे हैं कि आखिर हुआ क्या जो पत्रकार बिफर पड़े हैं। सब कुछ जानने के बाद भी सरकार के सलाहकार खुद की गलतियों पर उंगली रखने के बजाए कोई एसे कारण तलाशने का काम कर रहे हैं जिनसे अपनी गलतियों पर परदा डाला जा सके। कड़वी बात तो ये है कि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सलाहकार और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा की नीतियां सरकार के लिए झमेले का सबब बन गई हैं। शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाने का भाव धारण करके सोचने वाले पटवा अपनी उम्र के कारण दूर तक नहीं देख पा रहे हैं। बदले वक्त और बदलती जरूरतों पर भी उन्होंने ज्यादा गंभीरता से विचार नहीं किया है। बल्कि जब सरकार के तमाम हित चिंतक बार बार उनसे कह रहे थे कि वे पत्रकारों की नीतियों और खासतौर पर पत्रकार भवन की दुर्दशा के बारे में विचार करें तो वे कह रहे थे कि हम सरकार चलाएंगे या पत्रकारों के बारे में विचार करेंगे। जिस सरकार के सलाहकार ही इतने आत्ममुग्ध हों तो उसके भविष्य को लेकर कोई नया चिंतन कैसे पनप सकता है।
इसके बाद खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकार पंचायत की बात छेड़कर वाहवाही लूटनी चाही। अपना ये वादा वे स्वयं पूरा नहीं कर सके और बाद में दलालों की ब्लैकमेलिंग का शिकार हो गए। सरकार और संघ के जातिवादी दायरे में फंसे लक्ष्मीकांत शर्मा ने पत्रकारों के नाम पर न जाने किन किन लोगों को गले लगाया कि जनसंपर्क का विज्ञापन, सत्कार बजट कहां बंट गया पता ही नहीं चल पाया। जब जब पत्रकारों ने ये जानने की कोशिश की जनसंपर्क के अधिकारियों ने उन्हें घुमा फिराकर दफा कर दिया। पत्रकारों पर विज्ञापन रोकने के दबाव बनाए गए। समझौता परस्त पत्रकारों को उपकृत किया गया। पत्रकारों के समानांतर तंत्र खड़ा करने के लिए रातों रात इतने समाचार पत्र पत्रिकाएं और वेवसाईट खड़ी कर दी गईं कि वास्तविक पत्रकारों ने चुपचाप रहना ही उचित समझा। पत्रकारों की कार्यशालाओं के नाम पर बजट की लूटपाट में शरीक पत्रकार संगठनों के पदाधिकारी आज कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि वे सरकारी सहायता छीनने के तमाम रिकार्ड तोड़ चुके हैं।
यही कारण है कि पत्रकारों के संगठनों के नाम पर दुकानदारी चलाने वाले सत्ता के दलाल आज पत्रकारों की नाराजगी को तरह तरह से कलंकित करके कुचलने का जतन कर रहे हैं। ये बात सही हो सकती है कि पत्रकारों की पीड़ा को स्वर देने वालों की कुछ कमजोरियां हों। वे अपना फायदा छोड़कर पत्रकारों की लड़ाई को स्वर देने का आत्मघाती कदम भले ही उठा रहे हों लेकिन इससे उनकी नियत पर शंका करना रेत में मुंह छिपा लेने से कमतर नहीं होगा। आज जो लोग जनसंपर्क मंत्री और अधिकारियों की पैरवी करके उनकी गलतियां छुपाने का धंधा कर रहे हैं उन्होंने कभी ये सोचने की कोशिश क्यों नहीं की ताकि पत्रकारों के हित में कोई स्थायी नीति बनाई जा सकती। सरकार के सलाहकार किस तरह से पत्रकारों के बीच फूट डालने में लगे थे ये समझने की कूबत तो कई पत्रकारों में है नहीं लेकिन वे खुद को केवल इसलिए पत्रकारों का माईबाप समझ बैठे हैं क्योंकि उन्हें उनके अखबारों के कारण सरकार ने थोड़ा बहुत महत्व दे दिया था। मध्यप्रदेश में पत्रकारों की दुर्दशा को देश के परिप्रेक्ष्य में भी समझा जा सकता है। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कण्डेय काटजू भी कुछ इसी तरह से भारतीय प्रेस की दुर्दशा की तस्वीर खींचने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश सरकार तो पत्रकारों की स्थितियों को समझने में बिल्कुल असफल साबित हो रही है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि पत्रकारों की हालत में सुधार करने और बेहिसाब बजट बढ़ाने के बावजूद इस सरकार को पत्रकारों की गालियां खाना पड़ रही हैं इससे सरकार के सुशासन का आकलन सहज ही किया जा सकता है।

(लेखक जन न्याय दल के प्रदेश प्रवक्ता भी हैं)

एफडीआई पर हारा विपक्ष


एफडीआई पर हारा विपक्ष

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। संसद ने मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश--एफ डी आई के विरोध में विपक्ष के प्रस्ताव नामंजूर कर दिए हैं। कल राज्यसभा में विपक्ष का प्रस्ताव १४ मत से गिर जाने से, डॉ$ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यू$पी$ए सरकार की बड़ी जीत हुई है। ऑल इंडिया अन्ना डी एम के पार्टी के वी मैत्रीयन के प्रस्ताव के विरोध में १२३ मत और पक्ष में १०९ मत पड़े। लोकसभा इस मुद्दे पर प्रस्ताव पहले ही रद्द कर चुकी है।
इसके साथ ही अब खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर छाए संशय के बादल छंट गए। संसद सत्र के शुरू से ही यह मुद्दा पूरे राजनीतिक गलियारे में छाया था और शायद यह पहला मौका है जब किसी नीतिगत फैसले पर संसद में मतदान कराना पड़ा। सरकार ने दोनों ही सदन में एफडीआई के खिलाफ लाये गये प्रस्ताव को गिराकर जीत दर्ज की।
लोकसभा की तरह समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी राज्यसभा में भी सरकार के पक्ष में खड़ी दिखी। बसपा ने जहां सरकार के पक्ष में मतदान किया वहीं सपा ने सदन का बहिष्कार किया। वाणिज्य मंत्री आनन्द शर्मा ने फिर दोहराया कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का फैसला देश हित में लिया गया है।
इससे रोजगार होगा, गांव में होगा, शहरों में होगा अब यह कहा कि साहब नहीं रोजगार जायेगा किसान को डरा लो ये बहुत शोर हो रहा है मैं उस पर बाद में आऊंगा। डराया जा रहा है कि किराना खत्म हो जायेगा, छोटी दुकान बचेगी नहीं। चीन का उदाहरण दिया, चीन में तो बढ़ गया आंकड़े हैं। वहीं बीजेपी नेता प्रकाश जावडेकर ने एफडीआई पर सरकार की इस जीत पर प्रश्न खड़ा किया है।
उन्होंनें समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया को बताया कि इस साल लोकसभा में मतदान के जो भी तीन अवसर आये हैं, उनमें सरकार ने एक में भी २७२ का आंकड़ा प्राप्त नहीं किया है। इसलिए यह उनकी जीत नहीं है। यहां तक कि आज यदि बसपा अपना मत प्रस्ताव के खिलाफ नहीं देती तो सरकार दो वोट से हार जाती। इसलिए यह जोड़ तोड़ की जीत है। नैतिक रूप से जीत हमारी है। यूपीए सरकार की सदन में यह जीत देश में आर्थिक सुधार की दिशा में एक बेहतर कदम के रूप में देखा जा रहा है। इससे देश में रोजगार के नये अवसर खुलने के साथ-साथ लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।
वहीं वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने कहा है कि सरकार ने इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में बहुमत साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में सरकार की जीत के बाद राज्यसभा में मत विभाजन की आवश्यकता नहीं थी।, लेकिन विपक्ष को मतदान की मांग का अधिकार है।संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने राज्यों को अधिकृत किया है उनके ऊपर है कि एफडीआई अब करे या नहीं करें उसके बाद केवल राजनीति थी। ये राजनीति का विरोध करते हुए कुछ दलों ने उनके खिलाफ वोट दिए हैं।

माले हवाई अड्डा अब सरकारी नियंत्रण में


माले हवाई अड्डा अब सरकारी नियंत्रण में

(साई इंटरनेशनल डेस्क)

कोलंबो (साई)। मालदीव सरकार ने जी एम आर कंपनी से माले हवाई अड्डे का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। मालदीव सरकार ने देशहित के विरुद्ध ठहराते हुये पहली दिसंबर को कंपनी के साथ समझौता रद्द कर दिया था। हमारे संवाददाता ने बताया है कि सिंगापुर की सुप्रीम कोर्ट ने २५ वर्ष के इस अनुबंध को समाप्त करने के मालदीव के अधिकार को सही ठहराया है।
मालदीव के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव मसूद इमाद ने कल देर रात प्रेस को बताया कि गीमा कंपनी से माले हवाई अड्डे को बिना किसी बाधा के ले लिया गया है और हवाई अड्डे को अब मालदीव एयरपोर्ट  कंपनी चलाएगी। उन्होंने कहा कि जीएमआर के किसी भी भारतीय या मालदीव के कर्मचारी को परेशान नहीं किया जाएगा और सभी को नये व्यवस्था में काम करने का प्रस्ताव दिया गया है। इस बीच दिल्ली में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि मालदीव को ऐसे सभी तत्वों को रोकना चाहिए, जो दोनों देशों के बीच रिश्तों में दरार डालना चाहते हैं।

एमपी में एफडीआई नहीं होगा लागू: चौहान

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुदरा और किराना में विदेशी निवेश (एफडीआई) को मध्यप्रदेश में नहीं लाने का ऐलान किया। चौहान ने कहा कि वे इसका प्राणपन से विरोध करंेगे। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सिर्फ एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं है बल्कि उनकी अवधारणा राष्ट्र का भी मुद्दा है।
श्री चौहान यहां आजतक द्वारा आयोजित आज का एजेन्डा कार्यक्रम में एफडीआई का विरोध क्यों: विदेशी दुकान बदलेगा हिन्दुस्तान विषय पर परिचर्चा में बोल रहे थे। चौहान ने यह भी साफ किया कि वह एफडीआई के विरोध में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एफडीआई का अधोसंरचना विकास, सड़क निर्माण, एयरपोर्ट और विकास आदि कार्यों में स्वागत है लेकिन खुदरा और किराना व्यापार क्षेत्र में वह इसका पुरजोर विरोध करते हैं और इसको मध्यप्रदेश में किसी भी कीमत पर लागू नहीं करेंगे।
श्री चौहान ने खुदरा और किराना व्यापार में एफडीआई लाने पर राष्ट्रीय सहमति बनानी चाहिए और इसको विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के बीच विचार-विमर्श कर आम सहमति बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की स्थिति सुधारना जरूरी है और इसके लिए अपनी कटिबद्धता जाहिर की। चौहान ने खुदरा व्यापार में (एफडीआई) लाने से किसानों को लाभ पहुंचाने की स्थिति को काल्पनिक बताया। चौहान ने इस मुद्दे पर वोट की राजनीति न करने की बात कही और सभी वर्गों के हित कस कैसे ध्यान रखा जाय पर जोर दिया।
श्री चौहान ने बताया कि कृषि के बाद खुदरा व्यापार देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 11 प्रतिशत है। लगभग 96 प्रतिशत खुदरा व्यापार असंगठित क्षेत्र में है। इसमें ठेले वाले, फेरी वाले, बस्ती मंे दुकान चलाने वाले, फुटपाथिये आदि अपना जीवन यापन करते हैं। उन्होंने कहा कि केवल मध्यप्रदेश में ही लगभग एक करोड़ लोग इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। लगभग चार करोड़ खुदरा दुकानें हैं। इनसे जुड़े दुकानदार इसी के माध्यम से अपना जीवन यापन करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब किसी को कोई रोजगार नहीं मिलता तो वह परचून की दुकान खोलकर बैठ जाता है और दो-चार पैसे कमा लेता है।
श्री चौहान ने इस बात पर भी आशंका जतायी कि खुदरा क्षेत्र में (एफडीआई) आने के बाद लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि चीन, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड के उदाहरण हैं जहां किराना में (एफडीआई) आने से बेरोजगारी बढ़ी है। पारम्परिक किराना दुकानें बंद हो गयी हैं। उन्होंने इस बात पर भी आशंका जतायी कि (एफडीआई) लाने से बिचौलियों को दूर कर देगी और किसानांे को सीधे फायदा देगी। उन्होंने बिचौलिया कहे जाने वाले लोगों का पक्ष लेते हुए कहा कि वह भी एक भारतीय नागरिक हैं और उनका उत्पादकों के साथ सीधा और सहज सम्बन्ध है।
श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में खुदरा व्यापार को आज भी व्यापार नहीं माना जाता। यह दो पक्षों के बीच सम्बन्धों का एक ताना-बाना है। व्यापारी खरीददार को जानता है और उसकी आवश्यकताओं से परिचित होता है। उसकी आर्थिक स्थिति जानता है और दूसरी ओर खरीददार को भी व्यापारी की जानकारी होती है। दोनों में आपस में यह एक विश्वास का रिश्ता होता है। उन्होंने इसकी की भी आशंका जाहिर की कि एफडीआई आने से उत्पाद सस्ता होगा, साथ ही स्थानीय मेन्युफेक्चरिंग उद्योग भी खत्म हो जायेगा। 

चीनौर छात्रावास में कमियाँ मिलने पर वार्डन निलंबित


चीनौर छात्रावास में कमियाँ मिलने पर वार्डन निलंबित

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)। कलेक्टर पिरकीपण्डला नरहरि ने शुक्रवार को धान खरीदी केन्द्र चीनौर का निरीक्षण किया। इसमें परिवहन एवं वारदाना की समस्या होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल व्यवस्था के लिये जिला विपणन अधिकारी को निर्देशित किया। साथ ही यहाँ के छात्रावास में समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण वार्डन को निलंबित कर दिया।
कलेक्टर ने विभिन्न गाँवों का भ्रमण करने के बाद ग्राम करहिया में देर रात्रि को ग्रामीणों की चौपाल लगाई। इसमें उन्होंने ग्रामीणों को मर्यादा अभियान की जानकारी देते हुए स्वच्छता की शपथ दिलाई। साथ ही विभिन्न योजनाओं एवं सेवाओं के संबंध में ग्रामीणों से जानकारी ली। इसके अलावा ग्रामीणों की समस्यायें सुनीं और उनके निराकरण के लिये मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों ने करहिया के बालक छात्रावास में रात्रि विश्राम किया। उन्होंने बच्चों से छात्रावास की व्यवस्थाओं एवं पढ़ाई-लिखाई के संबंध में जानकारी ली।
कलेक्टर ने शुक्रवार को सुबह करहिया में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित बालक छात्रावास, सर्वशिक्षा अभियान द्वारा संचालित बालिका छात्रावास तथा शिक्षा विभाग के आरएमएस छात्रावास का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने शासकीय प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास चीनौर का निरीक्षण किया। जिसमें कई खामियाँ पाई जाने के कारण उन्होंने इसके वार्डन मुन्नालाल जयंत को निलंबित कर दिया। इसी तरह उन्होंने आरएमएस बालिका छात्रावास की छात्राओं को भ्रमण कराने की व्यवस्था तथा सर्वशिक्षा अभियान के छात्रावास की छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण और स्वेटर की व्यवस्था कराने के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
नरहरि ने चीनौर के धान खरीदी केन्द्र का भी निरीक्षण किया। जिसमें जरूरी सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये जिला विपणन अधिकारी को निर्देशित किया। साथ ही कहा कि एसएमएस के बाद खरीदी के लिये तुरंत नम्बर पर लें तथा और तौल कांटे बढ़ाएँ। उन्होंने शांतिधाम का भी निरीक्षण किया। इसके बाद कलेक्टर ने घरसौंदी में भी स्वच्छता चौपाल लगाई और ग्रामीणों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। साथ ही उन्होंने यहाँ पर पंच-परमेश्वर योजना के अंतर्गत निर्मित सीसी रोड का अवलोकन भी किया। भ्रमण के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष गुप्ता एवं अन्य अधिकारीगण साथ थे। इसके बाद गुप्ता ने ग्राम मैना के आदिवासी दफाई में निर्मित सीसी रोड एवं शांतिधाम का भी निरीक्षण किया। 

ऐसे मतदान केन्द्र में अब तक फार्म-6 प्राप्त नहीं हुए हैं, पर विशेष ध्यान देने के निर्देश


ऐसे मतदान केन्द्र में अब तक फार्म-6 प्राप्त नहीं हुए हैं, पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

(एम.के.देशमुख)

बालाघाट (साई)। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश में इन दिनों मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है।  प्रदेश के 53 हजार 194 मतदान केन्द्र में एक अक्टूबर 2012 को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन किया गया है। पात्र मतदाता 10 दिसंबर तक संबंधित मतदान केन्द्र में फार्म-6 प्रस्तुत कर अपना नाम जुड़वा सकेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद ने जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर ऐसे मतदान केन्द्रों की तत्काल समीक्षा करने के लिये कहा है।
प्रदेश में 5023 ऐसे मतदान केन्द्र है जिन पर अभी तक मतदाता सूची में नाम जुड़ने के लिये एक भी फार्म प्राप्त नहीं हुआ है। नरसिंहपुर में 569 मतदान केन्द्र, जबलपुर में 466, ग्वालियर में 406, मण्डला में 354, सागर में 318 और बालाघाट में 251 ऐसे मतदान केन्द्र हैं जिन पर अभी तक एक भी फार्म-6 प्राप्त नहीं हुए है। मतदान केन्द्रों पर पदस्थ बूथ लेवल आफीसरों को 10 दिसंबर तक शासकीय कार्य दिवसों पर प्रातरू 10.30 से शाम 5.30 बजे तक उपस्थित रहने के लिये कहा गया है।

किसानों को एक सप्ताह के भीतर भुगतान दिलायें - खांडेकर

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। जिले के बरघाट विकासखंड क्षेत्र में चलाई जा रही शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत को मौके पर जाकर मुआयना करने के लिये जबलपुर संभागायुक्त दीपक खांडेकर आज बरघाट पहुंचे। भ्रमण के दौरान संभागायुक्त खांडेकर ने गंगेरूआ में समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी कार्य के अवलोकन के अलावा बरघाट जनपद क्षेत्र के अन्य ग्रामों में निघ्मत एवं निर्माणाधीन कार्याे सहित अन्य विकास गतिविधियों का सघन जायजा लिया। इस दौरान कलेक्टर अजीत कुमार, जिला पंचायत की सीईओ. श्रीमती प्रियंका दास, एस.डी.एम. बरघाट कौशलेन्द्र विक्रम ङ्क्षसह, परवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर राकेश मरकाम सहित तहसीलदार बरघाट, जनपद पंचायत बरघाट के सीईओ. व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
संभागायुक्त खांडेकर बालाघाट जिले के कटंगी की ओर से सिवनी जिले की सीमा में पहुंचे।पहुंचे। सिवनी जिले की सीमा के पहले गांव दौंदीवाडा में संभागायुक्त ने प्रगतिशील किसान अजय सहारे द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत अपनी निजी भूमि के २५ डिसमिल रकबे में स्थापित पॉली हाउस का निरीक्षण किया। करीब ३५ एकड कृषि भूमि के मालिक और प्रगतिशील किसान सहारे ने बताया कि करीब साढे नौ लाख रूपये की लागत से स्थापित इस पॉली हाउस निर्माण की आधी राशि उसने बैंक से लोन लेकर वहन की है। किसान ने पॉली हाउस में शिमला मिर्च, करेली, बैंगन, प्याज व अन्य सब्जियां लगाई है। मौके पर मौजूद उद्यानिकी अधिकारी ने बताया कि जिले का प्रथम पॉली हाउस है और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत ही अन्य किसानों को पॉली हाउस निर्माण के लिये प्रेरित किया जा रहा है। संभागायुक्त खांडेकर ने किसान से फसल पैदावार एवं उसकी खपत के बारे में जानकारी प्राप्त की। किसान ने बताया कि पॉली हाउस से उत्पादित हरा धनिया उसने सौ रूपये प्रति किलो की दर से बेचा।
इसके पश्चात संभागायुक्त खांडेकर ग्राम तिघरा पहुंचे, जहां उन्होंने आवर्धन जल प्रदाय योजना के तहत निर्माणाधीन उश्चस्तरीय टंकी का अवलोकन किया। यह टंकी ८.९० लाख की लागत से बनाई जा रही है। इसी गांव में संभागायुक्त ने एकीकृत कार्य योजना के तहत पांच लाख रूपये की लागत से निघ्मत सी.सी.रोड का भी अवलोकन किया। उन्होंने कार्य की गुणवत्ता पर संतोष जताया।
तिघरा से गंगेरूआ पहुंचकर संभागायुक्त खांडेकर ने वहां वृहताकार सेवा सहकारी समिति गंगेरूआ में समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी प्रक्रिया का अवलोकन किया। संभागायुक्त ने किसानों से चर्चा कर उन्हें खरीदी केन्द्रों में ही अपना अनाज बेचने और सरकार द्वारा घोषित बोनस राशि का लाभ उठाने की हिदायत दी। किसानों ने कहा कि भुगतान में विलंब हो रहा है। संभागायुक्त ने फौरन ही एस.डी.एम. और जिला आपूघ्त अधिकारी को निर्देशित किया कि किसानों को एक सप्ताह के भीतर भुगतान दिलाना सुनिश्चित करें। बताया गया कि गंगेरूआ समिति में अबतक २७१ किसानों से करीब १० हजार ७०० ङ्क्षक्वटल धान का उपार्जन किया जा चुका है। जिसमें से १० हजार २२३ ङ्क्षक्वटल धान का परिवहन कर ११० किसानों को भुगतान भी दिलाया जा चुका है। संभागायुक्त ने गंगेरूआ में ही नवनिघ्मत उप तहसील कार्यालय भवन और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का अवलोकन किया। संभागायुक्त ने दोनों ही भवनों के निर्माण में बरती गई सावधानी और गुणवत्ता को सराहा। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र करीब ५० लाख रूपये की लागत से बी.आर.जी.एफ. मद से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा निघ्मत किया गया है। संभागायुक्त ने इसी गांव में शेखलाल हर्षे द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन योजना का लाभ लेकर हाल ही में बनाये मकान का भी अवलोकन किया। हितग्राही ने कहा कि सरकार की मदद से मेरा टूटा-फूटा घर अब बेहद अश्छा बन गया है। वह इसके विस्तार की सोच रहा है।
संभागायुक्त खांडेकर ने अपने भ्रमण के दौरान जिले के बडे ही प्रगतिशील किसान विलास तिजारे के खेतों का भी अवलोकन किया। संभागायुक्त ने खेतों के भ्रमण के पश्चात किसान तिजारे के एग्रो-डेयरी फाघ्मग के कन्सेप्ट की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि यह नवाचार जिले के दूसरे किसानों के लिये एक नजीर बनेगा। तिजारे ने अपनी ३५ एकड कृषि भूमि में चार खेत तालाबों का निर्माण कराया है। जिसमें वे मत्स्य पालन के अलावा ङ्क्षसघाडे की खेती करते है। पशुपालन करते है और धान की फसल भी लेते है। उन्होंने बायो गैस भी बनाया है और कृषि के क्षेत्र में हो रहे सारे नवाचारों को बेहद कुशलता से अपना रहे है।
बोरीखुर्द से बरघाट रवानगी के दौरान संभागायुक्त ने ताखलाखुर्द में वन सुरक्षा समिति ताखलाखुर्द के लाख उत्पादन करने वाले चार स्व-सहायता समूहों के सदस्यों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि लाख उत्पादन आज एक फायदे का सौदा बन गया है। किसानों को इससे जुडना चाहिये। समिति के सदस्यों ने बताया कि वन संरक्षण के लिये किये गये उपायों से अब ३१२.६६  हेक्टेयर वन क्षेत्र में अब पूरी तरह हरियाली आ गई है। वन्य प्राणी भी विचरने लगे है। सदस्यों ने इस संरक्षित वन क्षेत्र में पहले से स्थापित एक तालाब का गहरीकरण कराये जाने की मांग की। संभागायुक्त ने सहायक वनमंडलाधिकारी को कार्य कराने को कहा।
इसके पश्चात संभागायुक्त बरघाट-बालाघाट रोड पर स्थित जेवनारा मत्स्य बीज प्रक्षेत्र पहुंचे, जहां उन्होंने मत्स्य पालन के तरीके और उत्पादन की जानकारी ली। बताया गया कि करीब २५ एकड क्षेत्र में स्थित इस मत्स्य बीज प्रक्षेत्र में सभी किस्म की मछलियों और झींगों का उत्पादन किया जाता है। इस वर्ष ८५ हजार फ्राय का उत्पादन किया गया है। संभागायुक्त ने प्रक्षेत्र में ही स्थापित मछुआ प्रशिक्षण केन्द्र का अवलोकन किया और मौके पर ही मौजूद मछुआ सहकारी समिति के सदस्यों से चर्चा की। सदस्यों ने बताया कि वे मत्स्य पालन की नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण लेकर अब अधिक मत्स्य उत्पादन और नकद आमदनी प्राप्त कर रहे है।   
ग्राम भ्रमण के पश्चात संभागायुक्त दीपक खांडेकर ने जनपद पंचायत बरघाट के सभाकक्ष में सभी विकासखंड स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। संभागायुक्त ने अधिकारियों को शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का समुचित तरीके क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की उदासीनता या लापरवाही नहीं होनी चाहिये। समीक्षा बैठक में संभागायुक्त ने क्रमशरू महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सहकारिता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं आदिम जाति कल्याण विभागों के माध्यम से संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन प्रगति की जानकारी ली। संभागायुक्त ने धान खरीदी कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने आदिम जाति कल्याण विभाग को निर्देशित किया कि वे जनपद क्षेत्र के प्रत्येक छात्रावास एवं स्कूलों विशेषकर कन्या छात्रावास एवं स्कूलों में विद्युत एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। अधिकारी भ्रमण पर जाये और देखे कि स्कूल्स समय पर खुल रहे है या नहीं। उन्होंने विद्युत मंडल के अधिकारी को १५ दिसंबर को आयोजित मेगा लोक अदालत के माध्यम से अधिकाधिक प्रकरणों का निपटारा करने को कहा। पी.एच.ई. के अधिकारियों को उन्होंने ट्यूब वेल खनन होने पर १५ दिवस के भीतर हर हाल में पानी मुहैया कराने को कहा। बैठक में कलेक्टर अजीत कुमार, अपर कलेक्टर आर.बी. प्रजापति, जिला पंचायत की सीईओ. श्रीमती प्रियंका दास, एस.डी.एम. बरघाट कौशलेन्द्र विक्रम ङ्क्षसह, परवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर राकेश मरकाम सहित तहसीलदार बरघाट, जनपद पंचायत बरघाट के सीईओ., सभी विभागों के विकासखंड स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
संभागायुक्त दीपक खांडेकर ने आज बरघाट में आगामी चुनावों के मद्देनजर तैयार की जा रही मतदाता सूची और मतदान केन्द्रों की जानकारी के लिये क्षेत्र में नियुक्त समस्त बूथ लेवल आफिसर्स (बी.एल.ओ.) की बैठक लेकर निर्वाचक नामावली की तैयारी के संबंध में जारी गतिविधियों की जानकारी ली। बैठक में उन्होंने बी.एल.ओ. को  ऐसे मतदान केन्द्रों का सर्वे करने के निर्देश दिये, जहां मतदाता सूची में दर्ज मतदाताओं की संख्या पहले से कम हुई है। उन्होंने मतदान केन्द्रों में मतदाता सूची का सूक्ष्मता से निरीक्षण करने तथा प्रत्येक पात्र वयस्क मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में हर हाल में जोडने के निर्देश दिये। उन्होंने बी.एल.ओ. से कहा कि किसी भी अपात्र व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में न हो। मतदाताओं का नाम सूची में दर्ज करने के उपरान्त उन्हें साफ सुथरी वोटर आई.डी. कार्ड दिये जायें। उन्होंने बताया कि अपडेशन के पश्चात ही मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जायेगा। अतरू यदि किसी मतदान केन्द्र में कोई पात्र मतदाता मतदान से वंचित रहा तो यह संबंधित बी.एल.ओ. और सुपरवायजर की गल्ती मानी जायेगी। उन्होंने कहा कि आगामी २५ जनवरी को मतदाता दिवस मनाया जायेगा। अतरू इस दिन से पहले सभी मतदाताओं के फोटोयुक्त वोटर आई.डी. कार्ड तैयार कर लिये जायें। बैठक में कलेक्टर अजीत कुमार ने कहा कि बी.एल.ओ., सुपरवायजर, सहायक एवं रिटघ्नग आफिसर सभी यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र में अपडेटेड मतदाता सूचियां बिना किसी त्रुटि के समय रहते तैयार कर ली जायें।  बैठक में कलेक्टर अजीत कुमार, अपर कलेक्टर आर.बी. प्रजापति, जिला पंचायत की सीईओ. श्रीमती प्रियंका दास, एस.डी.एम. बरघाट कौशलेन्द्र विक्रम ङ्क्षसह, परवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर राकेश मरकाम सहित तहसीलदार बरघाट एवं सभी बूथ लेवल आफिसर्स मौजूद थे।                                                                                   

मंडी चुनाव: पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों की बैठक १० को


मंडी चुनाव: पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों की बैठक १० को

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। मंडी आम निर्वाचन के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था की कायमी के लिये पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई है। बैठक १० दिसंबर को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में होगी, जो दोपहर एक बजे से प्रारंभ होगी। अपर जिला दंडाधिकारी एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी (मंडी) आर.बी. प्रजापति ने बताया कि पुलिस और राजस्व अधिकारियों की इस संयुक्त बैठक में मंडी आम निर्वाचन के दौरान पुलिस बल के अतिरिक्त होमगार्डस, फारेस्ट गार्डस, आबकारी विभाग के कर्मचारियों के अलावा कोटवारों की तैनाती के संबंध में भी चर्चा होगी। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर उनसे उनके अधीनस्थ सभी पुलिस अधिकारियों/थाना प्रभारियों को इस महत्वपूर्ण बैठक में उपस्थित होने के लिये आदेशित करने का अनुरोध किया है। 

लिंग परीक्षण की सूचना देने पर मिलेगा एक लाख रूपये का पुरस्कार


लिंग परीक्षण की सूचना देने पर मिलेगा एक लाख रूपये का पुरस्कार

(नरेंद्र ठाकुर)

सिवनी (साई)। पिछले कुछ वर्षाे में यकीनन भारत का हर क्षेत्र में विकास हुआ है, परन्तु स्त्री-पुरूष ङ्क्षलगानुपात में तेजी से अंतर हमारे समाज की एक बडी समस्या बन गई है। समाज में लडके की चाहत में कन्या भ्रूण का गर्भ में ही निराकरण कर देने की विकृति आ जाने से ङ्क्षलगानुपात में तेजी से अन्तर आया है। लैंगिक भेदभाव कानूनन अपराध है, इसे रोकने की आवश्यकता है। यह बात आज प्रसव पूर्व एवं प्रसव पश्चात निदान तकनीकी अधिनियम के प्रचार-प्रसार के लिये कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न एक दिवसीय कार्यशाला में अपर कलेक्टर श्री आर.बी. प्रजापति ने व्यक्त किये। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वाय.एस. ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती शशि उइके, जिला टीकाकरण अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, श्रीमती पुष्पा मेहंदीरत्ता, कन्या महाविद्यालय सिवनी की प्रोफेसर डॉ. कुसुम गौतम, सभी बी.एम.ओ., एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी सहित अन्य चिकित्सक व पत्रकारगण उपस्थित थे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर कलेक्टर श्री प्रजापति ने कहा कि ङ्क्षलगानुपात में गिरावट बेहद चिन्ता का विषय है। हम सभी को बेटा-बेटी में फर्क न करने की सोच रखनी चाहिये। हम एक विकसित समाज के रूप में प्रतिस्थापित तभी होंगे जब, हमारे देश का ङ्क्षलगानुपात समान होगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में निवासरत जनजातियों में लैंगिक भेदभाव नहीं होता इसलिये उनमें ङ्क्षलगानुपात देश के औसत से कही अधिक है। इसलिये जनसांख्यिकी समानता के लिये हमारे समाज को जनजातियों से सीखने की आवश्यकता है। लैंगिक भेदभाव शर्मनाक है। ङ्क्षलग चयन को रोकने की जरूरत है। उन्होंने डाक्टर्स एवं मैदानी अधिकारियों से कहा कि वे जिले में ङ्क्षलग चयन प्रतिषेध अधिनियम का कडाई से पालन करायें।
सीएमएचओ. डॉ. ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि विज्ञान को वरदान के रूप में ही लिया जाना चाहिये। आज विज्ञान का ऐन-केन-प्रकारेण दुरूपयोग बढता जा रहा है। ङ्क्षलग चयन भी इसी दुरूपयोग का एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। सरकार ने ङ्क्षलग चयन पर निगरानी रखने के लिये १९९४ में प्रसव पूर्व एवं प्रसव पश्चात गर्भ निदान तकनीक अधिनियम पारित किया। इस अधिनियम में वर्ष २००४ में कुछ संशोधन भी किये गये। अधिनियम के क्रियान्वयन के लिये जिलों में जिला सलाहकार समिति गठित की गई है। यह समिति कलेक्टर एवं पदेन जिला समुचित प्राधिकारी (पी.सी. एंड पी.एन.डी.टी.एक्ट) के नेतृत्व में जिले में ङ्क्षलग चयन पर रोक लगाने के अलावा ङ्क्षलगानुपात की बेहतरी के लिये कार्य करती है। इस संशोधित अधिनियम के मुख्य प्रावधानों की जानकारी समाज, जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और मीडिया कघ्मयों तक पहुंचे, इसीलिये यह प्रचार-प्रसार कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने बताया कि सिवनी जिले में जन्म के समय ङ्क्षलगानुपात ङ्क्षचतनीय है इसे बढाना होगा। उन्होंने बताया कि भ्रूण ङ्क्षलग परीक्षण की सूचना देने पर अगर सूचना सही पाई गई, तो सूचनाकर्ता को राश्य सरकार द्वारा घोषित एक लाख रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा।
कन्या महाविद्यालय सिवनी की प्रोफेसर डॉ. कुसुम गौतम ने कार्यशाला में कहा कि नारी समाज की रचनाकर्ता है। आज जन्म लेने वाली कन्या कल नारी बनेगी। अगर इसे बचाने के लिये आज प्रयास नहीं किये गये तो समाज की नींव कमजोर होगी। कन्याओं को बचाने की जरूरत है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हमारे समाज में क्यूं गर्भ में मारी जाती है बेटियां और क्यूं पराया धन मानी जाती है बेटियां।                                                                           
उन्होंने लैंगिक भेदभाव न करने के लिये मेघालय की गारो एवं खासी जनजातियों में पितृ सत्तामक के बजाय मातृ सत्तामक सामाजिक व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि समाज को बचाने के लिये हमें जनजातियों से सीखना होगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती शशि उइके ने इस मौके पर कहा कि समाज अब बदल रहा है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिये अभिभावकों की उमडती भीड इस बात का प्रतीक है कि समाज में कन्या भ्रूण हत्या न करने की प्रवृत्ति बढ रही है। लोग अब एक या दोनों संताने कन्यायें होने पर भी नसबंदी करवा रहे है। समाज की यह बदलती सोच प्रशंसनीय है। सरकार ने सिर्फ बेटी वाले पालकों का सम्मान और उन्हें पेंशन देकर यह संदेश देने का बीडा उठाया है कि बेटियों का जन्म अब मंगलकारी हैं। कार्यशाला को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। 

जिला स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम 10 दिसम्बर को


जिला स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम 10 दिसम्बर को

(एम.गुप्ता)

बालाघाट (साई)। ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने एवं लोक संगीत को जानने के उद्देश्य से म.प्र. जन अभियान परिषद विकासखंड बालाघाट द्वारा ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति अरनामेटा (चांगोटोला) के स्थानीय सहयोग से जिला स्तरीय लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन 10 दिसम्बर को दोपहर 2.00 बजे से किया जा रहा है।
ब्लॉक समन्वयक दीपक गेडाम ने जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रतियोगिता में लोकगीत, लोकसंगीत एवं ग्रामीण प्रतिभा को सामने लाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इसमें अहिर नृत्य, गेढी नृत्य, पारम्परिक गीतो की प्रस्तुती दी जाएगी। जिसमे प्रथम पुरूस्कार 701/-रूपये एवं शिल्ड, द्वितीय पुरूस्कार 501/-रूपये एवं शिल्ड, तृतीय पुरूस्कार 300/-रूपये एवं शिल्ड प्रदान की जाएगी  इस कार्यक्रम में अधिक संख्या में उपस्थिती की अपील समिति अध्यक्ष रामेश्वर दशहरे ने की है।

शहीद स्मारक का हुआ शिलान्यास


शहीद स्मारक का हुआ शिलान्यास

(दीपक धीमान)

मुजफ्फरनगर। (साई)। नुमाइश मैदान पर बने शहीद स्मारक के सौन्दर्यीकरण तथा जीर्णोद्धार का उद्घाटन राष्ट्रीय झंडा दिवस के अवसर पर नगर विकास राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व सैनिकों के देश के प्रति दिये गये योगदान को लेकर संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि नुमाइश मैदान में भव्य स्तर पर शहीद स्मारक का निर्माण कराया जायेगा जो इस जिले की पहचान बनेगा।
राष्ट्रीय झंडा दिवस के अवसर पर नुमाइश मैदान में स्थित शहीद स्मारक पर जिला प्रशासन पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर वर्ग के हितों को लेकर कार्य कर रही है। पूर्व सैनिकों की मांग पर जिला मुख्यालय पर भव्य शहीद स्मारक के निर्माण के लिए भी सरकार ने मंजूरी दी है। उन्होंने शहीद स्मारक के जीणोद्धार का शिलान्यास किया। इस अवसर पर कार्यवाहक डीएम रविन्द्र गोडबोले, नगर मजिस्ट्रेट इन्द्रमणि त्रिपाठी, सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर संजय, महेश चौहान, देवराज पंवार आदि मौजूद रहे।

पेट्रोल पम्प पर कब्जे को लेकर हंगामा व मारपीट


पेट्रोल पम्प पर कब्जे को लेकर हंगामा व मारपीट

(ब्यूरो कार्यालय)

मुजफ्फरनगर। (साई)। भोपा रोड स्थित दीपचंद बेनी चंद पैट्रोल पम्प की जमीन पर कब्जे को लेकर हंगामा हो गया। कुछ लोगों ने मौके पर तोड़फोड़ की ओर विरोध करने पर पेट्रोल पम्प के सेल्समैन को घायल कर दिया। इसके बाद वहां एक दर्जन ट्रक खड़े कर दिये गये। बाद में सूचना पर वहां पहुंची पुलिस को देख दबंग तो भाग खड़े हुए लेकिन पुलिस ने वहां खड़े ट्रकों को अपने कब्जे में ले लिया। घटना के बाद कई व्यापारी नेता भी वहां पहुंचे। इस मामले में एक ट्रांसपोर्टर व उसके साथियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी कर रही है।
भोपा रोड स्थित दीपचंद बेनीचंद पैट्रोल पम्प पर कुछ दिन पहले भी कब्जे की कोशिश की गई थी। आज सुबह फिर कुछ लोग वहां पहुंचे और मौजूद स्टाफ के साथ मारपीट कर एक दर्जन ट्रक वहां खड़े कर दिये। आरोप है कि उक्त लोग लाठी डंडों ओर हथियारों से लैस थे। पैट्रोल पम्प की जमीन पर कब्जा किये जोन की सूचना जब इस पैट्रोल पम्प के मालिक नवीन जैन को मिली तो उन्होंने पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष रेवती नंदन सिंघल व पुलिस को इसकी जानकारी दी। रेवती नंदन ने सीओ सिटी से इस मामले में वार्ता की। बाद में सीओ सिटी संजीव कुमार वाजपेयी, मंडी कोतवाली प्रभारी विनोद सिरोही भारी पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे। पुलिस बल ने जब वहां पहुंचकर डंडे फटकारे तो वहां मौजूद लाठी डंडाधारी लोग पुलिस को देखकर भाग खड़े हुए। इसके बाद व्यापारी नेता रेवती नंदन व नवीन जैन भी वहां पहुंच गये तब तक कब्जा करने वाले लोग भी वहां से जा चुके थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एक बड़ा ट्रांसपोर्टर दबंगई के बल पर उक्त जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। उसके साथ आये लोगों ने पैट्रोल पम्प पर तोड़फोड़ की और वहां मौजूद एक सेल्समैन पवन मलिक को घायल कर दिया। लहूलुहान अवस्था में उसे उपचार के लिए भेजा गया। इस मामले को लेकर घंटों तक वहां बवाल चलता रहा। बाद में पुलिस ने वहां खड़े किये गये कुछ ट्रक स्टार्ट कर पास में ही ट्रंासपोर्ट नगर पुलिस चौकी पर पहुंचा दिये। कई ट्रक ऐसे थे जो स्टार्ट नहीं हो पाये। बाद में उन्हें क्रेन के जरिए वहां से हटावाकर पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। मामले को लेकर नवीन जैन की ओर से नई मंडी कोतवाली में मामला दर्ज कराने की तैयारी हो रही है।
पिछले कुछ दिनों पहले एक बडे़ ट्रासपोर्टर ने डीएम सुरेन्द्र सिंह से बहस की थी। इस मामले में डीएम सुरेन्द्र सिंह ने उक्त ट्रांसपोर्टर को जमकर हड़काया था। आज के मामले में भी उसी ट्रांसपोर्टर का नाम जमीन कब्जाने में आ रहा है।

मिशन गोल्ड कप 2012 क्रिकेट प्रतियोगिता में पहला शतक तौसीफ के बल्ले से


मिशन गोल्ड कप 2012 क्रिकेट प्रतियोगिता में पहला शतक तौसीफ के बल्ले से

(काबिज खान)

सिवनी। (साई)। हजारों दर्शकों के बीच मिशन स्कूल ग्राउण्ड में आयोजित मिशन गोल्ड कप प्रतियोगिता अपने अंतिम चरण में चल रही है क्रिकेट प्रमियों के साथ सिवनी की जनता का भरपूर मंनोरजन इस प्रतियोगिता के माध्यम से हो रहा है जहां दर्शक सुबह से ही मिशन स्कूल की गैलरियों में अपना स्थान सुरक्षित रखने की होड़ में लगे रहते हैं वहीं मिशन स्कूल के मैदान में खेल रहे हर खिलाड़ी अपने बहतर प्रदर्शन दिखाने की होड़ में लगे रहते हैं।
प्रतियोगिता के अंतिम चरणों खेले जाने वाले मैचों में आज के अपने-अपने मैचों में पैप्सी क्रिकेट क्लब परासिया एवं सनी गोल्उ क्रिकेट क्लब सिवनी ने मैचों में विजय हासिल की। ये दोनों टीमों ने अपने पूल में अपने-अपने मैच जीतकर अगले दौर में प्रवेश किया प्रतियोगिता का प्रथम पुरूषकार 51000/- नगद की तरफ अपना कदम बढ़ा चुके हैं आज के दोनों पैचों में मैच के हीरो तौसीफ ने 51 गेंदों में 115 रन बनाकर अपनी टीम को भारी रनों के अंतर से जीत दिलाई।
वहीं नीरज ने मात्र 9 गोंदों में 20 रन बनाये पहले मैच में मिशन बॉयज के राहुल पाण्डे ने 14 गेंदों में 24 रनों का योगदान दिया। जवाबी पारी खेलने उतरी शनि गोल्उ के गणेश ने 10 गेंदों में 19 रन बनाकर अपनी टीम को विजयी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज के दोनों मैचों के एम्पायर वसीम खान, बन्टी दादा, छितेज कटरे एवं अंकुश ठाकरे रहे साथ ही स्कोरर की भूमिका में यूसुफ खान ने निभाई।