बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

रेल बजट: क्या आया हृदय प्रदेश की झोली में!

रेल बजट: क्या आया हृदय प्रदेश की झोली में!

(लिमटी खरे)

17 साल बाद कांग्रेस के रेल मंत्री ने रेल बजट प्रस्तुत किया। पवन बंसल के इस रेल बजट में मध्य प्रदेश को उम्मीद बहुत अधिक थी। एमपी में इस साल के अंत में चुनाव हैं, अतः चुनावी साल को देखते हुए एमपी की झोली में बहुत कुछ डाला गया है पर यह सब कुछ आंकड़ों की बाजीगरी से ज्यादा नहीं है। इस रेल बजट में मध्य प्रदेश को सब कुछ मिला और कुछ भी नहीं हासिल हुआ की कहावत चरितार्थ होती दिख रही है। एमपी में सबसे समृद्ध रहा छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के लिए यह रेल बजट, शेष जिलों यहां तक कि केंद्रीय उर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस रेल बजट में कुछ नहीं हासिल कर पाए। कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता इस रेल बजट को मध्य प्रदेश के लिए जनहितकारी अवश्य निरूपित कर रहे होंगे पर जब वे मीडिया के सामने से हटते होंगे तो उन्हें भी अंदर ही अंदर पीड़ा हो ही रही होगी।

इस बार के रेल बजट में सवेक्षण विशेषकर इंजीनियरिंग यातायात सर्वे के नाम पर सबसे अधिक बाजीगरी दिखाई गई है। जिन रेल खण्डों का सर्वेक्षण हो चुका है उन रेल खण्डों का दुबारा सर्वेक्षण कराकर एक झुनझुना ही थमाने का प्रयास किया है पवन बंसल ने। इस बार के बजट मे चालू सर्वेक्षण में इटारसी, नागपुर वर्धा की 73.8 किलोमीटर की तीसरी लाईन, छिंदवाड़ा जिले में सौंसर, पाढुर्णा 30 किलोमीटर का और छिंदवाड़ा जिले में ही आमला से छिंदवाड़ा दोहरीकरण का सर्वेक्षण का काम प्रस्तावित किया गया है।
इसके अलावा चालू सर्वेक्षण में नैनपुर मण्डला फोर्ट, रामटेक गोटेगांव 27.5 किमी, पेंड्रा रोड़ से गोटेगांव श्रीधाम तक 260 किलोमीटर, सिवनी से छपारा लखनादौन, सिवनी से बरघाट कटंगी, लामटा से परसवाड़ा बैहर होकर मलाजखण्ड, बालाघाट से भरवेली, उकुवा, जयसिंहनगर से शहडोल, जबलपुर से बेमेत्रा, कवर्धा होकर राजनांदगांव, सतना रीवा मार्ग का दोहरीकरण प्रस्तावित किया गया है।
इसी तरह गुना से आरोन, सिरोंज, बरोडा विदिशा नई रेल लाईन, सागर से छतरपुर खजुराहो नई रेल लाईन, बरान शिवुपरी, जबलपुर से दमोहर पन्ना का सर्वेक्षण, कटनी से बीना तीसरी लाईन, रामगंज मण्डी से नीचम, जबलपुर उदयपुरा सागर रेलखण्ड, कटनी सिंगरोली रेलखण्ड का दोहरीकरण का सर्वेक्षण भी प्रस्तावित हैं
ब्यावरा से राजगढ़ बीना नए रेल खण्ड, छिंदवाड़ा से करेली होकर सागर, दमोह से हाटनगर खजुराहो, भोपाल से इंदौर नई रेल लाईन, सागर बंडरी, मालथौन होकर ललितपुर नई रेल लाईन, छिंदवाड़ा, गाडरवाड़ा, उदयपुर, जैसीनगर नई रेल लाईन, सागर बण्डा, बड़ा मल्हारा, खजुराहो नई रेल लाईन, उज्जैन रामगंज मण्डी नई रेल लाईन, सतना मिर्जापुर नई रेल लाईन, इंदौर बैतूल नई रेल लाईन सौरसा सीतामउ, मंदसौर नई रेल लाईन, आष्टा भोपाल नई रेल लाईन, सतना रीवा नई रेल लाईन का सर्वेक्षण भी प्रस्तावित है।
मध्य प्रदेश के खाते में नई रेल के मामले में इंदौर से चंडीगढ़ एक नई साप्ताहिक रेल गाड़ी जो देवास, उज्जैन, गुना ग्वालियर होकर गुजरेगी, जबलपुर से यशवंतपुर नई साप्ताहिक रेल गाड़ी, प्रस्तावित है। इसके अलावा जो रेल नई रेल गाडियां एमपी से होकर गुजरेंगी उनमें बांद्रा रामनगर जो नागदा होकर साप्ताहिक, निजामुद्दीन से मुंबई साप्ताहिक एसी एक्सप्रेस बरास्ता भोपाल खण्डवा, बीकानेर चेन्नई सप्ताहिक भोपाल नागदा होकर, कालका से साई नगर सप्ताह में दो दिन चलेगी जो भोपाल इटारसी होकर गुजरेगी।
एमपी से संबंधित जिन रेल गाडियों के फेरे बढ़े हैं उनमें जबलपुर से अमरावती एक्सप्रेस जो सप्ताह में तीन दिन चलती थी अब सप्ताह में हर दिन चलेगी। इंदौर से अमृतसर चलने वाली एक्सप्रेस रेल गाड़ी अब सप्ताह में एक के बजाए दो दिन चलेगी। इसके अलावा जो रेल एमपी से होकर गुजर रही हैं उनमें निजामुद्दीन से यशवंतपुर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन के बजाए चार दिन गुजरेगी।
एमपी में जिन रेल गाडियों का विस्तार किया गया हैं उनमें जबलपुर से जयपुर दयोदय एक्सप्रेस को अजमेर तक बढ़ाया गया है। मरेठ से नीमच चलने वाली रेल गाड़ी अब मंदसौर तक चलेगी। रतलाम से चित्तोडगढ़ चलने वाली रेल गाड़ी उदयपुर तक तथा रतलाम से चित्तोड़गढ़ चलने वाली डेमू एक्सप्रेस अब भीलवाड़ा तक जाएगी।
मध्य प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2013 - 2014 में जिन परियोजनाओं को पूरा किया जाना प्रस्तावित है उसमें अमान परिवर्तन की श्रेणी में छिंदवाड़ा जिले की छिंदवाड़ा सौंसर रेल खण्ड परियोजना ही अकेली है। इसके अलावा नई परियोजना में भिंण्ड इटावा रेल खण्ड को इस साल पूरा कर लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश की झोली में भोपाल के समीप मिसरोद में मोटराईज्ड बोगियों की मरम्मत और पुर्नस्थापना का कारखाना खोला जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही साथ रतलाम में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण केंद्र की प्रस्तावना की गई है। (साई फीचर्स)

किसके इशारे पर सिंधिया के राह में शूल बिछा रहे थापर!


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 09

किसके इशारे पर सिंधिया के राह में शूल बिछा रहे थापर!

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। केंद्रीय उर्जा राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद मध्य प्रदेश में निर्विवाद रूप से तेजी से बढ़ता दिख रहा है, किन्तु उनकी राह में शूल भी नजर आने लगे हैं। केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के प्रभाव वाले महाकौशल के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड में आदिवासियों के साथ अन्याय करने के आरोपों के साथ स्थापित होने वाले अवंथा समूह के स्वामी गौतम थापर के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के पावर प्लांट से सिंधिया की इमेज पर धक्का लगता प्रतीत हो रहा है।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009 से घंसौर में अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा 600 मेगावाट के दो पावर प्लांट एक ही स्थान पर प्रस्तावित थे। बाद में एक छः सौ तो दूसरा 660 का कर दिया गया। 600 का 660 कैसे हुआ क्यों हुआ इस बारे में संयंत्र प्रबंधन के जबड़े सिले हुए हैं।
बहरहाल इस संयंत्र की स्थापना के साथ ही यहां स्थानीय स्तर पर आदिवासियों के शोषण, जमीनों में गफलत, मंदिर की जमीन का अधिग्रहण, खेती और पीने के लिए बनाए गए बरगी बांध से व्यवसायिक उपयोग के लिए पानी लेना, सिवनी जिले को इसका लाभ ना मिल पाने जैसी गंभीर शिकायतों की भरमार मीडिया में उछलीं थीं। बताया जाता है कि उस वक्त तत्कालीन उर्जा मंत्री और वर्तमान गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के कारण ये शिकायतें ठण्डे बस्ते के हवाले कर दी गई थीं।
अब जबकि उर्जा मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास है और मध्य प्रदेश में यह चुनावी साल है तब एक बार फिर ये शिकायतें तेजी से सामने आ रही हैं। जानकारों का कहना है कि संभवतः किसी क्षत्रप के इशारे पर ही मशहूर उद्योगपति गौतम थापर द्वारा जानबूझकर इन शिकायतों के उछलने के बाद भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा है ताकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और सिंधिया के आदिवासी विरोधी होने पर मुहर लग सके।
(क्रमशः जारी)

सिवनी : क्या जनसंपर्क की वेबसाईट का पता बदल गया!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 64

क्या जनसंपर्क की वेबसाईट का पता बदल गया!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश जनसंपर्क की वेब साईट को दिनों दिन अच्छे रिस्पांस मिलने से लोगों की नजरें इस पर होना स्वाभाविक ही है। मध्य प्रदेश जनसंपर्क के सिवनी जिला कार्यालय की चाणक्य और कृतिदेव फान्ट में जारी सरकारी विज्ञप्ति को अगर सही माना जाए तो जनसंपर्क विभाग की वेब साईट हैक हो गई है, या फिर इसका यूआरएल बदल गया है। लोगों के द्वारा इसके यूआरएल को खोलने पर इंटरनेट ब्राउजर पेज नाट फाउन्ड का संकेत दे रहा है।
जी हां, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने जब चित्र में प्रदर्शति समाचार में जनसंपर्क विभाग की आधिकारिक वेब साईट का पता डब्लूडब्लूडब्लू डॉट एमपीइन्फो डॉट ओआरजी बदलकर कुछ दक्षिण भारत की प्रचलित अथवा संस्कृत की भाषा में हो गया है। जनसंपर्क विभाग के सिवनी कार्यालय द्वारा समाचार पत्रों को 26 फरवरी को जो ईमेल भेजा है उसमें निम्न समाचार चाणक्य और कृतिदेव फान्ट में अलग अलग प्राप्त हुए हैं।
जनसंपर्क विभाग के सिवनी कार्यालय ने अपने विभाग की पींठ खुद ही ठोंकते हुए जनसंपर्क की वेबसाइट की लोकप्रिय्ाता बढी  --  पिछले ६ वर्ष की तुलना में गत वर्ष १॰ गुना हिट्स शीर्षक से एक समाचार जारी किया है। इस समाचार के अनुसार सिवनी २६ फरवरी १३/ राय्ा शासन के जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट ध्र्ध्र्ध्र्.थ्र्द्रत्दढदृ.दृद्घढ की लोकप्रिय्ाता निरंतर बढ रही है। पिछले ६ वर्ष की तुलना में गत वर्ष वेबसाइट पर १॰ गुना अधिक लोगों ने हिट्स किय्ो हैं। वर्ष २॰१२ में वेबसाइट पर २॰ करोड ८९ लाख २२ हजार २९४ हिट्स हुए हैं। वर्ष २॰॰६ में वेबसाइट पर २ करोड ७॰ लाख से अधिक हिट्स रिकार्ड किय्ो गय्ो थे। जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट एक बहुभाषी वेबसाइट है, जिस पर हिन्दी के अलावा अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत में भी समाचार देखे जा सकते हैं। विभाग की वेबसाइट पर प्रतिदिन जारी होने वाले समाचारों के साथ-साथ विज्ञापन, आलेख, फोटोग्राफ्स और प्रदेश के बारे में विविध जानकारी भी उपलब्ध है। इसके अलावा साप्ताहिक रोजगार और निर्माण, मध्य्ाप्रदेश संदेश जैसे विभागीय्ा प्रकाशन भी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इसी प्रकार विभाग की पत्र्ा परिनिरीक्षण शाखा की वेबसाइट ध्र्ध्र्ध्र्.थ्र्द्रदड्ढध्र्ùðद्घडण्.दृद्घढ पर पिछले वर्ष ४॰ लाख ८९ हजार ३३१ हिट्स किय्ो गय्ो। इस वेबसाइट पर समाचार-पत्र्ाों की कतरनें स्केन कर उन्हें अपलोड किय्ाा जाता है। इस वेबसाइट पर प्रतिदिन राष्ट्रीय्ा, स्थानीय्ा समाचार-पत्र्ाों की कतरनों के साथ-साथ शाम की खबरें भी देखी जा सकती हैं। वेबसाइट पर दिल्ली, मुम्बई सहित सभी संभागीय्ा कायर््ाालय्ाों से प्राप्त क्लिपिंग्स भी देखी जा सकती हैं। विभाग द्वारा ३१ जनवरी, २॰१२ से शुरू किए गए डिस्ट्रिक्ट न्य्ाूज पोर्टल ध्र्ध्र्ध्र्.ड्डद्रद्घथ्र्द्र.दृद्घढ पर दिसम्बर, २॰१२ तक २ करोड ३ लाख ४४ हजार ६६२ हिट्स किय्ो गय्ो। पहले छह माह में विजिटर द्वारा ७१ लाख ९६ हजार २९४ हिट्स किय्ो गय्ो थे। उल्लेखनीय्ा है कि जनसम्पर्क मंत्र्ाी श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने ३१ जनवरी २॰१२ को डिस्ट्रिक्ट न्य्ाूज पोर्टल का शुभारंभ किय्ाा था। पोर्टल में जिला जनसम्पर्क कायर््ाालय्ाों द्वारा जारी किय्ो जाने वाले सभी समाचार संबंधित जिले के पोर्टल पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। पोर्टल य्ाूनिकोड आधारित होने से समाचार-पत्र्ाों को चाणक्य्ा, कृतिदेव तथा अन्य्ा फोन्टस में प्राप्त करने की सहूलिय्ात रहती है। इस पोर्टल पर जिले की ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक, पयर््ाटन, प्रशासनिक अधिकारिय्ाों के दूरभाष नंबर्स आदि की जानकारी भी उपलब्ध है।                                                                             
इस पूरे समाचार में ध्र्ध्र्ध्र्.थ्र्द्रत्दढदृ.दृद्घढ एवं ध्र्ध्र्ध्र्.थ्र्द्रदड्ढध्र्ùðद्घडण्.दृद्घढ तथा ध्र्ध्र्ध्र्.ड्डद्रद्घथ्र्द्र.दृद्घढ तीन न्यूज पोर्टल्स के बारे में उल्लेख किया गया है। इन तीनों में जो वेब एड्रेस दिया गया है वह पठनीय ही नहीं है। एसा प्रतीत हो रहा है मानो दक्षिण भारत की किसी भाषा अथवा संस्कृत का कोई शब्द हो। अब लोग भ्रमित हो रहे हैं कि कहीं मध्य प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी रीतियों नीतियों के प्रचार प्रसार के लिए पाबंद जनसंपर्क विभाग का यूआरएल तो नहीं बदल गया है।
जनसंपर्क विभाग पहले से ही चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है, एक के बाद एक कारनामों के बाद भी ना तो राज्य सरकार के जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा को ही इस बारे में सोचने की फुर्सत मिल रही है और ना ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी गिरती साख की ही परवाह दिखाई दे रही है। रही बात विपक्ष की तो विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी सत्ताधारी भाजपा की तर्ज पर ही लेट इट बीसे ही संतोष करती दिख रही है। कुल मिलाकर जनता के गाढ़े पसीने की कमाई से संचित राजस्व से तनख्वाह पाने वाले सरकारी कर्मचारी एक के बाद एक कर सरकारी धन की होली खेलते जा रहे हैं, गल्ति पर गल्ति करते जा रहे हैं पर सरकार खामोशी से सब कुछ देख सुन रही है मानो वह अब धृतराष्ट्र की भूमिका में आ गई है।

फिर उपेक्षा का शिकार हुआ सिवनी ब्राडगेज के मामले में


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 9

फिर उपेक्षा का शिकार हुआ सिवनी ब्राडगेज के मामले में

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। सौ साल से पुरानी छिंदवाड़ा नैनपुर नेरोगेज लाईन एक बार फिर वर्ष 2013 - 2014 के बजट में उपेक्षा का शिकार हो गई। 17 साल बाद कांग्रेस के रेल मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट में छिंदवाड़ा नैनपुर रेल खण्ड के अमान परिवर्तन का नाम ना होना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।
अगले साल के रेल बजट में सिवनी जिले में सिवनी छपारा लखनादौन, सिवनी बरघाट कटंगी और रामटेग गोटेगांव के लिए 27.5 किलोमीटर के सर्वे का प्रावधान अवश्य ही किया गया है। सिवनी से बरघाट कटंगी मार्ग का कब सर्वे होगा और कब रेल खण्ड के लिए बजट आवंटन होगा यह बात अभी भविष्य के गर्भ में ही है।
सिवनी से छपरा लखनादौन के रेल खण्ड को भी झुनझुना ही माना जा सकता है, क्योंकि निश्चित तौर पर यह रेलखण्ड बंजारी के आसपास से गुजरेगा जहां अभी भी फोरलेन की वन मंत्रालय से अनुमति लंबित है। रही रामटेक गोटेगांव की बात तो इस रेलखण्ड में 27.5 किलोमीटर का जो आंकड़ा रेल बजट में दर्शाया गया है वह महाराष्ट्र में रामटेक के आसपास का ही बताया जा रहा है।
इस रेल बजट में नैनपुर से मण्डला के अमान परिवर्तन का उल्लेख किया गया है। जिससे साबित होता है कि बालाघाट सिवनी के भाजपाई सांसद के.डी.देशमुख और मण्डला सिवनी के कांग्रेसी सांसद बसोरी सिंह मसराम के लिए सिवनी जिला प्राथमिकता में नहीं है।

भोपाल : रेल बजट में एमपी की हुई उपेक्षा: चौहान


रेल बजट में एमपी की हुई उपेक्षा: चौहान

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रेल बजट में मध्यप्रदेश की उपेक्षा हुई है। बजट मध्यप्रदेश के संदर्भ में अत्यंत निराशाजनक है। वर्ष 2012-13 के रेल बजट में गेज कन्वर्जन, नवीन रेल्वे लाइन निर्माण के लक्ष्य थे उन्हें भी पुनरीक्षित करते हुये कम कर दिया गया है।
श्री चौहान ने रेल्वे बजट पर प्रतिक्रिया करते हुये कहा है कि रेल्वे में जिस प्रकार भविष्य के विस्तार को देखते हुये पूंजी निवेश की आवश्यकता है उस पर ध्यान नहीं दिया गया।
श्री चौहान ने बजट में मेकेनाइज्ड मोटर बोगीस रिपेरिंग यूनिट मिसरोद और रतलाम में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव का स्वागत किया पर मध्यप्रदेश की अपेक्षाओं और जरूरतों की तरफ ध्यान नहीं दिये जाने पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि भोपाल से प्रारंभ होने वाली कोई भी नवीन रेल प्रस्तावित नहीं की गयी। प्रदेश की माँग थी कि भिण्ड-इटावा लाइन को शीघ्र पूर्ण किया जाये। ग्वालियर-श्योपुरकला के मध्य ब्रॉडगेज लाइन, ग्वालियर-पूना रेल, ग्वालियर में रेल कोच निर्माण की फैक्ट्री, झांसी-लखनऊ इंटरसिटी का ग्वालियर तक विस्तार, अनारक्षित कोच की संख्या को बढ़ाने, इंदौर-पटना एक्सप्रेस को दरभंगा तक बढ़ाने तथा इंदौर-महू रेल लाइन के विद्युतीकरण जैसी महत्वपूर्ण माँगें पूरी नहीं की गयी।

बैसाखी पर चल रहे मनीष तिवारी


बैसाखी पर चल रहे मनीष तिवारी

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी भले ही चाहे जो कहें जैसा दिखें पर जमीनी हकीकत कुछ ओर बयां कर रही है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करने वाली प्रसार भारती इस समय कर्मचारियों की कमी से बुरी तरह जूझ रही है। यह बात केंद्र सरकार द्वारा ही स्वीकार की गई है।
सरकार ने बताया कि आकाशवाणी में 10 हजार से अधिक और दूरदर्शन में 6,000 से अधिक पद खाली पडे हैं। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पिछले साल एक दिसंबर की स्थिति के अनुसार आकाशवाणी में 10,081 पद खाली थे वहीं दूरदर्शन में रिक्त पदों की संख्या 6,186 थी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में तिवारी ने कहा कि छठे वेतन आयोग की अनेक सिफारिशों के मद्देनजर प्रसार भारती के खर्च में काफी बढोतरी हुई है। प्रसार भारती की आय में क्रमिक वृद्धि देखी जा रही है।

एससी एसटी सीट निर्धारण विधेयक पेश


एससी एसटी सीट निर्धारण विधेयक पेश

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। २०११ की जनगणना के आधार पर लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों और जनजातियों की सीटों के निर्धारण के लिए एक विधेयक कल राज्य सभा में पेश किया गया। संसद और विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जन जातियों के प्रतिनिधत्व का निर्धारण विधेयक-२०१३ कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने पेश किया। यह विधेयक इस वर्ष ३० जनवरी को जारी किये गये अध्यादेश का स्थान लेगा।
उच्चतम न्यायालय के १० जनवरी २००२ के निर्णय के आधार पर जारी इस अध्यादेश में चुनाव आयुक्त को अधिकार दिया गया है कि वे जनगणना आयुक्त के अनुमानित संशोधित जनसंख्या आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जातियों और जनजातियों की सीटों का निर्धारण कर सकते हैं।
उधर, संसदीय कार्य मंत्रालय के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के अंतर्गत मामलों की सुनवाई के लिए विशेष फास्ट ट्रेक अदालतें बनाने की सिफारिश की है। इन अदालतों में सरकारी अधिकारियों द्वारा जानबूझकर की गई अनदेखी के मामलों की भी सुनवाई होगी। परिषद ने यह सुझाव भी दिया कि दलितों और जनजातीय लोगों को पूजा स्थलों पर जाने से रोकने, उनका सामाजिक बहिष्कार करने जैसे कृत्यों को दंडनीय अपराध बनाया जाना चाहिए। कल नई दिल्ली में परिषद की बैठक में दलितों से संबंधित कार्य दल के प्रस्तावों पर विचार किया गया। इस दल का गठन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में संशोधन के मुद्दे पर विचार करने के लिए किया गया था।

बंग्‍लुरू : पत्नि की पिटाई हो सकती है अगर . . .


पत्नि की पिटाई हो सकती है अगर . . .

(श्वेता यादव)

बंग्लुरू (साई)। पत्नी की पिटाई को जायज ठहराने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के जज के. भक्तवत्सल को उनके पद से हटाने की मांग तेज हो गई है. इससे पहले इसी जज के. भक्तवत्सल ने टिप्पणी की थी कि जिस वकील की शादी नहीं हुई हो, उसे तलाक के मामले में बहस करने का अधिकार नहीं है.
गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले घरेलू हिंसा से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुये जस्टिस के. भक्तवत्सल ने पीड़ित महिला के खिलाफ टिप्पणी करते हुये कहा था कि यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी की सही देखभाल करता है तो हिंसा में कोई बुराई नहीं है. जज का तर्क था कि किसी महिला की शादी में बहुत सारी परेशानियां उठानी पड़ती हैं. इसके अलावा पति उसकी देखभाल भी करता है. ऐसे में घरेलू हिंसा कोई मुद्दा नहीं होना चाहिये.
समाचारों के अनुसार के अनुसार कर्नाटक उच्च न्यायालय में जस्टिस भक्तवत्सला के सामने जब पति-पत्नी की लड़ाई का एक मामला आया थाद्य अपने फैसले में जस्टिस भक्तवत्सला ने पीड़ित पत्नी से कहा, ”हर शादी में ऊंच-नीच होती है और अगर किसी महिला का पति उसके साथ मारपीट करता है तो उसे इसकी शिकायत नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वो उसका आजीवन देखभाल भी करता हैद्य आपके पति अच्छा-खासा कमा रहे हैंद्यइतना ही नहीं आगे उन्होंने यह भी कहा था कि महिला को अपने घर की सुख-शांति और अपने दो बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए पति के व्यवहार से समझौता कर लेना चाहिएद्य
उनकी टिप्पणियों को महिला विरोधी बताते हुये उन्हें पद से हटाने की मांग की जा रही है. वकीलों ने भी जज के बयान को लापरवाह बयान बताया है।। इधर विवादित टिप्पणियों को लेकर मचे हंगामे के बाद जज के. भक्तवत्सल से परिवार अदालत के सभी मामले वापस ले लिए हैं। इनमें बच्चों के संरक्षण से जुड़े विवाद भी शामिल हैं।
जस्टिस भक्तवत्सल इससे पहले भी अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में घिर चुके हैं। उन्होंने एक वैवाहिक विवाद के मामले में बहस कर रही एक अविवाहित महिला वकील को भी अपना काम करने से रोक दिया थाद्य उन्होंने उस महिला वकील से कहा कि, ”वे इस तरह के मामले पर बहस करने या अपनी राय देने के लायक नहीं हैं क्योंकि वो खुद अविवाहित हैंद्य शादीकोई सार्वजनिक यातायात प्रणाली नहीं है जिस पर हर कोई आकर सवार हो जाएद्य
हालांकि मौखिक टिप्पणी को लेकर मीडिया में आई खबरों पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा था, ‘मैंने पत्नी की पिटाई करने की इजाजत नहीं दी है। मैंने ऐसी चीजों को कभी सही नहीं ठहराया। परिवारों को बचाने के लिए मैंने अपने प्रयास किए। मैंने दंपतियों से अपना अतीत भूलकर शांति से रहने के लिए कहा, लेकिन खबरें दूसरी तरह से प्रकाशित की गई।

शिरडी मातारानी के दर्शन हुए सुलभ


शिरडी मातारानी के दर्शन हुए सुलभ

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। आने वाले दिनों में शिरडी के फकीर साई बाबा, उत्तर भारत में त्रिकुटा की पहाडियों पर विराजी माता वेष्णो देवी और सिख्ख तीर्थ दमदमा साहेब के दर्शन भारतीय रेल के माध्यम से और सुलभ होने वाले हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उधमपुर-कटरा रेल लिंक चालू हो जाएगा। ऐसे में कई ट्रेनें सीधे कटरा तक जाने लगेंगी। रेलवे का कहना है कि वह इन संभावनाओं का पता लगा रहा है, जिसके तहत वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालु अगर ट्रेन का टिकट बुक कराते हैं तो उसी के साथ ही उन्हें वैष्णो देवी के लिए भी यात्रा पर्ची मिल जाए। रेलवे का कहना है कि वह इस बारे में वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की मदद से इन संभावनाओं को खंगाल रहा है।
रेलवे जम्मू कश्मीर सरकार की मदद से मल्टी मॉडल यात्रा पैकेज की शुरुआत करने जा रहा है। रेलवे का कहना है कि इस पैकेज के जरिए पैसेंजर को रेल और बस के लिए अलग-अलग टिकट नहीं खरीदना पड़ेगा। दरअसल, अभी जम्मू से उधमपुर, काजीकुंड होते हुए श्रीनगर और बारामूला तक जाने के लिए रास्ते में बस से सफर करना पड़ता है। रेलवे की यह तैयारी है कि पैकेज बनाकर पैसेंजर से शुल्क लिया जाए ताकि उसे रेल के बाद बस और फिर रेल से सफर करने के लिए अलग-अलग टिकटों को लेने के झंझट में न फंसना पड़े।
रेल मंत्री ने दमदमा साहिब को भी रेल संपर्क से जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि पांच सिख तख्तों में श्री दमदमा साहिब ही एकमात्र स्थान है, जो रेल से जुड़ा नहीं है, इसलिए तलवंडी साबो के रास्ते रामा मंडी से मौर मंडी तक संपर्क मुहैया कराने के लिए रेल लाइन के निर्माण का प्रस्ताव है। 

अंबानी को मुजाहिद्दीन का खतरा


अंबानी को मुजाहिद्दीन का खतरा

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। देश की अर्थव्यवथा और देश की सियासत को हांकने के कथित आरोपी अंबानीज अब इंडियन मुजाहिद्दीन के निशने पर हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को कथित रूप से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) ने जान से मारने की धमकी दी है। रविवार को आतंकी संगठन की तरफ से एक चिट्ठी भेजी गई है, जिसमें उन्हें और उनके अल्टामाउंट रोड स्थित उनके घर को नुकसान पहुंचाने की बात की गई है। चिट्ठी में कहा गया है कि अगर वह इसी तरह गुजरात में भारी निवेश करते रहे या उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी भी तरह से समर्थन किया तो उसकी कीमत उन्हें अपनी और अपने परिवार की जान देकर चुकानी होगी।
मुंबई पुलिस ने इस मामले की तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एक अंजान आदमी ने नरीमन पॉइंट स्थित अंबानी के मेकर चेम्बर्स ऑफिस के पर्सनल स्टाफ को यह चिट्ठी दी। रविवार दोपहर को यह चिट्ठी अंबानी के ऑफिस में डिलीवर की गई। यह चिट्ठी अंग्रेजी में सादे कागज़ पर हाथ से लिखी गई है और माना जा रहा है कि इसे इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के ही किसी सदस्य ने लिखा है।
चिट्ठी में एक इंडियन मुजाहिदीन ऑपरेटिव दानिश की रिहाई की भी मांग की गई है। धमकी दी गई है कि अगर दानिश को रिहा नहीं किया गया तो देश के सबसे अमीर आदमी को इसका नुकसान भुगतना होगा। इसमें न सिर्फ धमकियां हैं बल्कि गुजरात में उनके पैसा लगाने का भी विरोध किया गया है। चिट्ठी में लिखा है कि मोदी का सपोर्ट करके अंबानी ने अल्पसंख्यकों की भावनाओं को चोट पहुंचाई है। इसमें अंबानी पर आरोप लगाया गया है कि उनके दक्षिणी मुंबई स्थित अल्टामाउंट रोड वाले घर की जमीन दरअसल वक्फ बोर्ड की है जिसे उन्होंने हथिया लिया है।
रिलायंस के वाइस प्रेसिडेंट जो कि खुद एक रिटायर्ड कर्नल हैं और कंपनी के सिक्युरिटी अडवाइजर भी हैं, तुरंत पुलिस कमिशनर सत्यपाल सिंह के पास गए और उन्हें मामले की पूरी जानकारी दी। सत्यपाल सिंह ने हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर को बताया, श्रिलायंस के कुछ लोग इस बाबत मुझसे मिले हैं। हमने मामले की जांच शुरू कर दी है।श् इसके बाद इस मामले को मुंबई क्राइम ब्रांच के हाथों सौंप दिया गया।
सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि अंबानी से उस दिन की सीसीटीवी फुटेज की मांग की जाएगी और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने बताया कि यह दानिश दरभंगा के चकजोरा गांव का मोहम्मद दानिश अंसारी भी हो सकता है जिसे 2009 में भटकल भाइयों को पनाह देने के इल्जाम में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।

मेरठ : ओर जम गया कमीशनरी पर किसानों का आंदोलन


ओर जम गया कमीशनरी पर किसानों का आंदोलन

(सचिन धीमान)

मेरठ (साई)। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले हजारों किसान वीएम सिंह के आहवान के बाद मंगलवार से मेरठ स्थित कमीशनरी चौहरे पर चौ. चरण सिंह पार्क में पहुंुचने शुरू हो गये है और विभिन्न जत्थों में किसानों का विभिन्न जनपदों से आना देखने को मिल रहा है। धरना स्थल पर मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, हापुड, गाजियाबाद, मुरादाबाद, गजरौला, पीलीभीत, बरेली, सीतापुर, रामपुर, लखीमपुर खीरी, पलिया, शामली, बागपत, सहारनपुर आदि जनपदों से विभिन्न जनपद से किसान विभिन्न जत्थों में चौधरी चरण सिंह पार्क पर पहुंच रहे है। जहां धरने के पहले दिन महाराणा प्रताप के चौबीसवें वंशज लोकेन्द्र कालवी, माठ विधायक श्याम सुंदर शर्मा, समाज सेविका अनिला सिंह, मौजूद रही वहीं पूर्व थल सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने भी किसानों के हितों की बात करते हुए जमकर हुंकार भरी। आज भी किसानों को विभिन्न हस्तियों ने सम्बोधित किया। धरने के दूसरे दिन मेरठ कमीशनरी के पार्क में किसानों का जमघट फिर लगना शुरू हो गया है। हालांकि रात को धरना स्थल पर ही लगभग पांच हजार किसान भीषण ठण्ड के बावजूद धरना स्थल पर ही डटे रहे। आज आसपास के क्षेत्र से भी किसानों ने अनिश्चितकालीन धरने की खबर सुनकर पहुंचना शुरू कर दिया है। कल रात प्रशासन के साथ वार्ता विफल हो जाने पर किसानों ने अनिश्चित कालीन धरने का ऐलान कर दिया। वीएम सिंह का कहना है कि वह तब तक धरनास्थल से बाहर नहीं जायंेेगे जब तक की अदालत द्वारा दिये गये दोनों आदेशों की तामिल उत्तर प्रदेश सरकार कराकर किसानों को सात सौ करोड से अधिक पैसा नहीं दिलवा देती। रात में पुलिसिया व्यवहार को लेकर भी किसानों में आक्रोष दिखायी दिया। वहीं बिना किसी चेतावनी के धरना स्थल पर प्रशासन द्वारा फोगिंग कराने से भी किसानों में आक्रोष रहा। उल्लेखनीय है कि किसानों को परेशान करने की नियत से प्रशासन ने अचानक ही धरना स्थल पर बडी तेजी के साथ फोगिंग करायी जिससे धुंए के कारण बुजुर्ग किसानों को दम घुटने की शिकायत आंखों से पानी आने की तकलीफ और खांसी बनी रही। उस वक्त मंच पर सरदार वीएम सिंह, विकास बालियान, डा. मेजर हिमांशु समेत सेंकडों किसाना मौजूद थें पुलिस व प्रशासन के इस रवैये से किसानों में आक्रोष रहा। भीषण ठंड होने के बावजूद कुछ किसान जहां टेंटों के अंदर सौ गये वहीं सैंकडों किसान ट्रक्टर ट्रॉलियां व अन्य जगहों पर खुले आसमान में सोये। हालांकि किसानों ने एक स्थान पर अलाव की व्यवस्था भी कर रखी थी। कुछ किसान जहां तांस खेलकर अपना समय काट रहे थे वहीं कुछ हुक्के गुडगुडाते भी नजर आये। किसानों के मनोरंज के लिए जहां रागनियों का कार्यक्रम चला वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठनों के विभिन्न आंदोलनों की छलकियां भी बडे परदे पर प्रोजक्टर के माध्यम से दिखायी गयी।
सुबह किसानों को दिशा शौच के लिए जगह कम पडी और परेशानी हुई। संगठन ने खाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी विभिन्न गांवों को दे रखी है। देखने में आया कि कई गांवों से आयी टैªक्टर ट्रालियों में बडी संख्या में खाना भी आया हुआ था। आज भी जहां मंच से भाषणों का दौर जारी रहा वहीं वक्ताओं ने मांग पूरी न होने तक धरनास्थल पर ही डटे रहने का संकल्प दोहराया। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के सूत्रों की माने तो शीघ्र ही अन्ना हजारे, स्वामी रामदेव, जल पुरूष राजेन्द्र सिंह, फिल्म कलाकार मंगल ढिल्लों के साथ साथ नाट्य संस्थाओं से जुडे कलाकार भी किसानों को समर्थन देने व उनका हौंसला अफजाई के लिए आने वाले दिनों में आने का कार्यक्रम बना चुके है।

मेरठ - धरने से प्रशासन नाराज


धरने से प्रशासन नाराज

(ब्यूरो कार्यालय)

मेरठ (साई) चौ. चरण सिंह पार्क में चल रहा किसानों का धरना यूं तो पूरी तरह अनुसासित नजर आ रहा है। पंरतु पुलिस प्रशासन इस आंदोलन को फिर भी कुपित दृष्टि से देखता दिखाई पड रहा है। चरण सिंह चौराहे के आसपास लम्बी चौडी सडके होने के बावजूद जहां आम लोगों के वाहन व चौपहियां वाहन बिना रोक टोक के चलते रही वहीं पुलिस ने चरण सिंह चौराहे की ओर जाने वाले किस भी मार्ग पर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर व झंडे लगे किसी भी वाहन को जाने नहीं दिया। धरने पर आये किसानों के वाहन चौधरी चरण सिंह पार्क से एक-डेढ किमी दूर पहले ही रूकवा दिये गये। बार-बार कहने के बावजूद जहां प्रशासन ने पानी पीने तक की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी वहीं खाना लेकर आ रहे गाडियों को भी चरण सिंह पार्क नहीं पहुंचने दिया। जिससे किसान देर शाम तक भूखे पियासे बैठे रहे। देर रात्रि में तो वार्ता के बहाने पुलिस प्रशासन ने वीएम सिंह व उनके साथियों को हडकाने व डराने का काम तक किया। जिस पर वीएम सिंह, विकास बालियान के साथ एसपी सिटी की तीखी झडप भी हुई।  यहां पुलिस बहाने की तलाश करती दिखाई दी ताकि कडी कार्यवाही की जा सके। उसके तत्पश्चात किसानों पर धुंआ छोडकर उन्हें उत्तेजित करने का प्रयन्त भी किया गया। पुलिस प्रशासन अपने शाम दाम दंड भेद का इस्तेमाल कर आंदोलन को कुचलने का कुचक्र करती दिखने लगी है। हालांकि वीएम सिंह से जुडे किसान अनुशासित और सयमित नजर आ रहे है। 

मंदसौर : उर्जा मंत्रालय कर रहा सांसदों के प्रोटोकाल की अनदेखी


उर्जा मंत्रालय कर रहा सांसदों के प्रोटोकाल की अनदेखी

(आशीष सेठी)

मंदसौर (साई)। मध्यप्रदेश के कांग्रेसी सांसद अक्सर प्रदेश की भाजपा सरकार पर ये आरोप चस्पा करते है कि सरकार द्वारा उन्हें प्रदत्त प्रोटोकाल की अवहेलना की जाती है ! अपून की सांसद मीनाक्षी मेडम से लेकर भूरियाजी ओर प्रेमचन्द गुड्डू जैसे सांसद भी प्रोटोकाल को लेकर अपने जिलों के कलेक्टरों से आमने सामने होते ओर बयानबाजी करते नजर आये है ! पर, केन्द्र की यूपीए सरकार ही अपने ही सांसदों के साथ ऐसा ही व्यवहार करती नजर आये तो उसे क्या कहा जाए ! केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री सिंधियाजी के ऊर्जा मंत्रालय की ओर से मंदसौर/नीमच जिले की ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के शुभारंभ के अखबारों में जो विज्ञापन जारी किये गये ओर जो निमंत्रण बांटे गये उसमें कहीं भी स्थानीय सांसद अपून की मीनाक्षी मेडम का नाम का उल्लेख नहीं है ! नीमच कलेक्टर पर तो कांग्रेसी इसलिए भड़क गये थे ओर सड़कों पर उतर आये थे कि उन्हांेने उनकी सांसद को मिलने वाले प्रोटोकाल की अवहेलना की थी! अब चूंकि मामला सिंधियाजी के ही मंत्रालय से जुड़ा है तो इसका क्या मतलब निकाला जाए ! क्यों मीनाक्षी मेडम को विज्ञापनों/ निमंत्रण कार्ड से गायब किया गया कोई समझ नहीं पा रहा है ! शायद ये ही है ऊंचे लोगों की ऊंची राजनीति !
कांग्रेस में ऐसे निर्देश है कि किसी भी नेता को महिमामंडित न किया जाये ! उन्हंे सार्वजनिक रूप से राजा/महाराजा अथवा श्रीमंत कहने से परहेज किया जाए! पर, मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सिंधियाजी के इस दौरे में तमाम नेताओं ने उन्हें श्रीमंत कहकर पुकारना ही पंसद किया ओर समाचार/ विज्ञापनों में भी उन्हें श्रीमंत ही बताया गया! पर, श्रीमंत के नीमच के एक खास दरबारी तो एक कदम ओर आगे बढ़ते नजर आये ! इन नेताजी ने श्रीमंत की शान में जो विज्ञापन अखबारों में छपाया उसकी एक लाईन की कांग्रेसजनों में जमकर चर्चा हो रही है ओर एक दुसरे से उसका मतलब जानने की कोशिशे की जा रही है ! नीमच के नेताजी के विज्ञापन में श्रीमंत को सन आफ इण्डिया बताया गया है ! सन का मतलब बेटे से निकालो तो भारत का बेटा हुआ ओर सन का मतलब सूर्य से निकालो तो भारत का सूर्य हुआ ! कांग्रेसी इस विज्ञापन की शब्दावली को लेकर कह रहे है कि श्रीमंत यदि भारत के सूर्य है तो फिर कांग्रेस के युवराज राहुल बाबा क्या चन्द्रमा है या फिर छोटे मोटे कोई तारे /सितारे ! कुछ लोग कह रहे है, नीमच के नेताजी ने श्रीमंत की चापलुसी की पराकाðा करते हुवे उनके आगे राहुल बाबा को बोना बनाने की सोची समझी साजिश की है !
कांग्रेस कार्यकर्ता या फिर विज्ञापन छपाने वाले नेताजी के विरोधी उनकी चापलुसी के बारे में कुछ भी भड़ांस निकाले पर, हकीकत तो ये है कि उनकी चापलुसी श्रीमंत के सिर पर जा बैठी ओर श्रीमंत ने भी तत्काल उन्हें इनाम से नवाज दिया ओर अपने साथ ही हेलीकाप्टर में बिठाकर उन्हें ले उड़े ! लोग कह रहे है, इनाम हेलीकाप्टर में बिठाने तक का ही नही है अब तो ये भी मान लिया जाना चाहिए कि उम्मीदवारी की रसीद उनकी कट गई है ! राजा महाराजा अपने दरबारियों को जब भी खुश होकर इनाम देते है तो ऐसे ही देते है !