शनिवार, 14 सितंबर 2013

दिनेश राय ने पीसीसी सीधे आवेदन कर मांगी कांग्रेस की टिकिट!

दिनेश राय ने पीसीसी सीधे आवेदन कर मांगी कांग्रेस की टिकिट!

(प्रदीप आर्य)

भोपाल (साई)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जिलों से प्राप्त विधानसभा टिकिटार्थियों के नामों की विधानसभा और जिलावार सूचियां बनाकर केंद्रीय चुनाव समीति को भेजे जाने के दौरान अजूबी स्थिति से दो चार होना पड़ा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी विधानसभा से कुल 38 उम्मीदवारों ने टिकिट की मांग की है। जिला कांग्रेस कमेटी और पर्यवेक्षक के माध्यम से प्राप्त आवेदनों को सूचीबद्ध किए जाते समय कुल 38 उम्मीदवारों की फेहरिस्त बनी।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि इसके बाद जब केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजने के लिए सिवनी विधानसभा का बंडल बनाया जा रहा था, उस वक्त सभी चौंक गए क्योंकि इसमें 38 के बजाए चालीस नाम सूची में शामिल थे। एक बार फिर पड़ताल हुई तब ज्ञात हुआ कि बालाघाट जिले की वारासिवनी का एक आवेदन इसमें शामिल कर लिया गया था।

सूत्रों की मानें तो अब भी पीसीसी के पदाधिकारी इस बात पर हैरान थे कि जिले और पर्यवेक्षक की सूची में 38 और यहां 39 नाम कैसे? सूत्रों ने आगे बताया कि एक एक आवेदन का सूची से मिलान किया गया तब जाकर पता चला कि किसी दिनेश राय के नाम से एक आवेदन सीधे प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजकर सिवनी विधानसभा से टिकिट चाही गई है।

रजनीश को किस हैसियत से अतिथि बनाया गया: नरेन्द्र टांक

रजनीश को किस हैसियत से अतिथि बनाया गया: नरेन्द्र टांक

जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। छपारा में तेन्दुपत्ता बोनस वितरण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करके अधिकारियों द्वारा अपनी मनमर्जी का परिचय दिया गया है। जिले में सत्ताधारी दल के अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद हैं इसके साथ ही ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के जनप्रतिनिधि छपारा क्षेत्र में मौजूद रहने के बाद भी उक्त कार्यक्रम कांग्रेस के नेता ठा.रजनीश सिंह के मुख्य आतिथ्य में कराया जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपमानित किया गया है।
उक्ताशय के विचार भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र टांक द्वारा व्यक्त किये गये हैं। भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा तेन्दुपत्ता संग्रहको को बोनस का वितरण किया जा रहा है। गत दिवस छपारा मुख्यालय में तेन्दुपत्ता बोनस वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संबंधित विभाग के अधिकारियांे ने जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की है। श्री टांक ने कहा कि जिले में भाजपा के जनप्रतिनिधि के रूप में सासंद के.डी.देशमुख, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डा.ढाल सिंह बिसेन, महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर, सिवनी विधायक श्रीमती नीता पटेरिया, लखनादौन विधायक श्रीमती शशि ठाकुर, बरघाट विधायक श्री कमल मर्सकोले के साथ ही जिला पंचायत के अध्यक्ष एवं सदस्य, जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं सदस्य, ग्राम पंचायत के सरपंच, वनसमितियों के अध्यक्ष मौजूद हैं। इन सबके रहते हुये वनविभाग के अधिकारियों द्वारा कांग्रेस के नेता ठा.रजनीश सिंह को मुख्य अतिथि के रूप में किस हैसियत से बुलाया गया है। यह उनकी कांग्रेस के प्रति मानसिकता का प्रमाण है या ठा.रजनीश की गुलामी करने का इरादा यह स्पष्टीकरण लेकर उक्त कृत्य के जिम्मेदार अधिकारियो को ठा.रजनीश के घर भेज देना चाहिए वे सरकारी नौकरी छोडकर उसकी गुलामी करें।
श्री टांक ने कहा कि छपारा में जिस दिन कार्यक्रम आयोजित था उस दिन विधायक श्रीमती पटेरिया अपने गहग्राम छपारा में ही मौजूद थीं। यही नहीं धीरसिंह भलावी तेन्दुपत्ता वनसमिति के अध्यक्ष छपारा में मौजूद थे। भाजपा की जनपद सदस्य राधा साहू छपारा,कांग्रेस की जिला पंचायत सदस्य पुष्पा जैन छपारा में ही मौजूद थी किन्तु इन जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करते हुये संबंधित विभाग के अधिकारियों ने ठा.रजनीश सिंह के हाथों बोनस का वितरण करवाया है। वनविभाग के अधिकारी की इस कार्यप्रणाली से जनप्रतिनिधियों के साथ क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है।

भाजपा नेता श्री टांक ने वनविभाग के अधिकारियों से जानना चाहा है कि किस हैसियत से ठा.रजनीश सिंह को आयोजन का अतिथि बनाया गया है क्या वे जनप्रतिनिधि हैं। यदि उनके स्थान पर किसी भी जनप्रतिनिधि को चाहे वह कांग्रेस का हो या फिर सत्ताधारी दल या अन्य दल का अतिथि बनाया जाता तो किसी को कोई आपत्ति नही होती किन्तु कांग्रेस के नेता के मुख्य आतिथ्य में आयोजन किया जाना यह स्पष्ट कर रहा है कि छपारा क्षेत्र के अधिकारी ठा.रजनीश सिंह के प्रभाव में काम कर रहे हैं। यदि अधिकारियों की ऐसी कार्यप्रणाली पर अंकुश नही लगाया जाता है तो यह क्षेत्रीय या अन्य जनप्रतिनिधियों की खुली उपेक्षा है उन्होंने मांग की है कि इस मामले में संबंधित विभाग के अधिकारियों पर कार्यवाही की जानी चाहिये।

नये राज्य के समर्थन में प्रारंभ हुआ जन आंदोलन

नये राज्य के समर्थन में प्रारंभ हुआ जन आंदोलन

बालाघाट बंद के साथ होगा विदर्भ के पुनर्गठन की मांग का आगाज

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। प्रदेश सरकार के मुखिया द्वारा जबलपुर संभाग के तीन जिलों को मिलाकर नये संभाग के गठन की घोषणा के पंाच सालों तक कोई प्रगति न होने की पीड़ा से उपजी अलगाव की भावना अब इस अंचल में सिर चढ़ कर बोलने लगी है। प्रस्तावित संभाग की नाभि में स्थित जिला मुख्यालय सिवनी के मीडिया जगत से उठी यह आवाज अब अंचल के दूसरे जिलों में दानावल की तरह फैलने लगी है।
जहां मीडिया के माध्यम से इस मांग को उठाने का श्रेय, अंचल के सिवनी जिले को जाता है वहीं उस नितांत जायज और आवश्यक मांग को जन आंदोलन का स्वरूप देने का श्रेय बालाघाट जिले को जाता है। प्रस्तावित संभाग के तीनों जिलों में से बालाघाट ऐसा पहला जिला बन गया है जिसने विदर्भ राज्य के पुनर्गठन और उसमें बालाघाट सहित सिवनी जिले को सम्मिलित करने के लिये प्रदेश एवं केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिये आंदोलन का अहिंसात्मक मार्ग अपनाने का साहसिक निर्णय लिया है।
वर्तमान संभाग मुख्यालय से प्रकाशित प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार के अनुसार एक सामाजिक संगठन ने कल अर्थात 15 सितंबर को बालाघाट बंद का आयोजन किया है जिसका उद्देश्य बालाघाट एवं सिवनी जिलों को मिलाकर नये विदर्भ राज्य की स्थापना की मांग करना है।
बालाघाट में किसानों की समस्याओं को लेकर सक्रिय सामाजिक संगठन, किसान गर्जना नामक संगठन ने आगामी 15 सितंबर को नये प्रदेश के गठन और उसमें उपेक्षित क्षेत्र के उपरोक्त दोनांे जिलों को समाहित करने की मांग को लेकर सम्पूर्ण बालाघाट जिला बंद करने का आव्हान किया है।
किसान गर्जना के जिलाध्यक्ष अरविंद पप्पू चौधरी के हवाले से प्रकाशित समाचार में कहा गया है कि हमारा जिला विकास की दृष्टि से अत्यंत पिछड़ा हुआ है और मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में हमारे क्षेत्र के विकास की संभावनायें नहीं हैं इस कारण बालाघाट सहित सिवनी जिले के हित में यही है कि वर्तमान महाराष्ट्र राज्य के अन्तर्गत 11 जिलों में फैले विदर्भ क्षेत्र में मध्यप्रदेश के वर्तमान तीनों जिलों का सम्मिलित कर नये विदर्भ प्रांत का गठन किया जाये।
उल्लेखनीय है कि विगत कुछ दिनों से सिवनी जिला मुख्यालय से प्रकाशित होने वाले सजग समाचार पत्रों ने वर्तमान परिस्थितियों में विकास के इकलौते विकल्प के रूप में प्रस्तावित संभाग को मिलाकर नये विदर्भ राज्य की परिकल्पना प्रस्तुत करने का सिलसिला प्रारंभ किया है। इस परिकल्पना को आम नागरिकों का अच्छा प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है।

वहीं सोशल मीडिया में भी इस प्रयास के समर्थन में आवाजें सामने आ रही हैं। प्रिंट मीडिया ने भी इस मामले में रचनात्मक प्रयास किये हैं। आवश्यकता केवल जन आंदोलन के आगाज की थी तो वह भी बालाघाट की धरती से होता दिखाई देने लगा है। यह सही है कि किसी भी नये आंदोलन को खड़ा करने में बहुत समय और मेहनत लगती है किंतु किसी न किसी को उसकी अगुवाई तो करना ही पड़ता है। बालाघाट से प्रारंभ होने वाला यह आंदेालन सिवनी एवं छिदंवाड़ा में भी विस्तारित होकर विदर्भ प्रांत के लोगों के कंधे से कंधा मिलाकर लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होगा, ऐसी कामना की जानी चाहिये।

नेताओं के खिलाफ नारेबाजी निंदनीय: पटेल

नेताओं के खिलाफ नारेबाजी निंदनीय: पटेल

मैं तो खानाबदोश, पार्टी जहां से कहेगी लड़ लिया जाएगा चुनाव: प्रहलाद पटेल

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सिवनी में बड़े नेताओं और भोपाल जाकर भाजपा के नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की घटना निंदनीय है। इससे भाजपा कमजोर होगी। इन कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही होना चाहिए। इस तरह के काम करने की भाजपा की परंपरा कतई नहीं है।उक्ताशय की बात सिवनी के पूर्व सांसद और भाजपा असंगठित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रहलाद सिंह पटेल ने श्रीवनी फिल्टर प्लांट में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही।
इसके पहले पत्रकार वार्ता में भी प्रहलाद पटेल ने कमोबेश इन्हीं बातों को दोहराया। उनका कहना था कि अगर कार्यकर्ता असंतुष्ट है तो उसे अपनी बात रखने का पूरा हक है, पर पार्टी मंच के बाहर जाकर इस तरह से अशोभनीय प्रदर्शन को वे उचित नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल में भी नारेबाजी कर रहे सिवनी के नेताओं को उन्होंने ऐसा करने से साफ मना किया था।

25 को होगी भोपाल में रैली
प्रहलाद पटेल ने आगे बताया कि 25 सितम्बर को भोपाल में भाजपा के पितृ पुरूष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर एक विशाल रैली का आयोजन किया जा रहा है। इस रैली में कम से कम पांच लाख लोगों के भाग लेने की संभावना है। उन्होंने सिवनी के भाजपा कार्यकर्ताओं को भी बड़ी संख्या में इस रैली में पहुंचने की अपील की।

किसी को भी मिले टिकिट जिताना है भाजपा को!
भाजपा के असंतुष्ट धड़े को मनाते हुए उन्होंने अपील की है कि पार्टी चाहे किसी को भी टिकिट दे, भाजपा कार्यकर्ताओं को एक होकर भाजपा को ही विजयी बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने के लिए हर भाजपा कार्यकर्ता को कृतसंकल्पित होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह एकजुटता लोक सभा चुनावों तक बनी रहे यह अत्यावश्यक है।

खानाबदोश हूं, कहीं से भी लड़ लूंगा चुनाव!
पत्रकारों से रूबरू प्रहलाद पटेल कुछ मजाकिया अंदाज में नजर आए। लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ने के प्रश्न पर वे मुस्कुराते हुए बोले, मैं तो खानाबदोश हूं, जहां से पार्टी आदेश करेगी, लड़ लिया जाएगा चुनाव।

नारेबाजी से सहमत नहीं, हो कार्यवाही
पत्रकार वार्ता के बाद कार्यकर्ताओं से रूबरू प्रहलाद पटेल ने दो टूक शब्दों में यह कह दिया कि वे इस तरह की पार्टी लाईन से हटकर हो रही नारेबाजी से कतई सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकत करने वाले कार्यकर्ताओं पर पार्टी को कार्यवाही करना चाहिए।

बंद करा दी सोयाबीन फेक्ट्री
प्रहलाद पटेल ने कहा कि कृषि, देश के किसान का गहना है। किसानों को अपने काम में लगे रहना चाहिए। उन्होंने भावावेश में आकर यह तक कह दिया कि उन्होंने नरसिंहपुर की सोयाबीन फेक्ट्री को बंद करा दिया है। वहीं मीडिया में यह खुसर पुसर होने लगी कि प्रहलाद सिंह पटेल ने सांसद रहते हुए सिवनी की देशी शराब आसवानी को भी बंद करवा दिया था।

नरेश नीता गायब!

सिवनी से लगभग 22 किलोमीटर दूर श्रीवनी में हुई पत्रकार वार्ता और कार्यकर्ताओं से मिलने की घटनाओं को लेकर भाजपा में तरह तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। कुछ भाजपाईयों का कहना है कि प्रहलाद सिंह पटेल चाहते तो इन कार्यकर्ताओं से भाजपा के जिला कार्यालय में ही भेंट कर सकते थे, वस्तुतः ऐसा हुआ नहीं। वहीं, भाजपा के जिला पदाधिकारी विशेषकर जिला अध्यक्ष नरेश दिवाकर, स्थानीय विधायक श्रीमती नीता पटेरिया मौके पर नहीं पहुंचीं। कुछ भाजपाईयों का मानना था कि अगर विरोध का ही शमन करने का काम प्रहलाद पटेल द्वारा किया जा रहा था तो बेहतर होता कि नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओके नारे लगाने वालों की भड़ास जिला भाजपा कार्यालय में नीता पटेरिया और नरेश दिवाकर के समक्ष निकलवा दी गई होती तो इससे भाजपा में जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं की भड़ास कुछ कम हो जाती, और भाजपा को मजबूती मिल पाती।