सोमवार, 16 अप्रैल 2012

खतरे में है खुर्शीद की नौकरी!

खतरे में है खुर्शीद की नौकरी!

रहमान के इशारे पर खदबदा रहा है सलमान के खिलाफ आक्रोश
 
खुर्शीद के कुत्तों ने दौड़ाया मौलानाओं को 
(लिमटी खरे)
 
नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय कानून और अल्प संख्यक कल्याण मंत्री सलमान खुर्शीद पर राहू की कुदृष्टि पड़ती दिख रही है। खुर्शीद का विरोध अब मुखर होता जा रहा है। कांग्रेस अब खुर्शीद के स्थान पर नए मुस्लिम चेहरे की तलाश में जुट गई है। आने वाले दिनों में सलमान खुर्शीद के स्थान पर राज्य सभा में उपसभापति के.रहमान खान कांग्रेस का नया मुस्लिम चेहरा बनकर उभर सकते हैं।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों अल्प संख्यक समुदाय के प्रतिनिधि मण्डलों और नेताओं ने सोनिया गांधी से भेंट कर सलमान खुर्शीद के खिलाफ जमकर कान भरे। सभी नेताओं और प्रतिनिधियों ने सोनिया को दो टूक कह दिया कि अगर सलमान खुर्शीद की अल्प संख्यक कल्याण मंत्रालय से छुट्टी नहीं की गई तो वे कांग्रेस से किनारा करने में देर नहीं लगाएंगे।
सूत्रों की मानें तो मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के सकेरेटरी मौलाना रहमानी पहले ही सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सलमान से अपनी नाराजगी का इजहार कर चुके हैं। इस पत्र में रहमानी ने मुसलमीनों को राहत देने वाली योजनाओं की नाकामयाबी को रेखांकित करते हुए सलमान खुर्शीद को हटाने की मांग की है।
उधर, कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के साथ उर्दू भाषाई संपादकों की बैठक में अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों के लिए कांग्रेस नीत केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के परवान ना चढ़ पाने का मामला जोरदारी से उछला। उस बैठक में उपस्थित राहुल के करीबी सूत्र का कहना है कि संपादकों से चर्चा के दौरान ही राहुल ने कागज पर कुछ लिखकर जेब में रख लिया था, जो संभवतः सलमान खुर्शीद की बिदाई का फरमान साबित हो सकता है।
सलमान खुर्शीद के किचिन कैबनेट से छन छन का बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से भेंट करने उनके आवास पर पहुंचे मौलवियों पर सलमान के पालतू कुत्ते टूट पड़े। कुत्तों ने मौलवियों को जमकर खदेड़ा। नाराज मौलवी यह शिकायत करते फिर रहे हैं कि उन पर कुत्ते छोड़ दिए गए। अब कुत्ते भी सलमान खुर्शीद के गले की फांस बनकर रह गए हैं। सारी स्थिति परिस्थिति, समीकरणों को देखकर लगने लगा है कि अब सलमान खुर्शीद की नौकरी खतरे में ही है।
कहा जा रहा है कि जैसे ही राज्य सभा में उपसभापति के.रहमान खान को सोनिया और राहुल के मन में सलमान खुर्शीद के प्रति नाराजगी का भान हुआ वैसे ही उन्होंने अपने सारे घोड़े छोड़ दिए हैं। इसके बाद मुसलमीन नेताओं की सोनिया और राहुल से मिलने की कतार लंबी हो गई है। ये सभी वे नेता हैं जो खुर्शीद के खिलाफ सोनिया राहुल के दिमाग में विषवमन की तैयारी में हैं।

आरटीई से छात्रों पर कोई भार नहीं: सिब्बल

आरटीई से छात्रों पर कोई भार नहीं: सिब्बल

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार लागू करते हैं तो विद्यार्थियों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा, इस तरह की अफवाहों को सरकार ने नकार दिया है। सरकार ने उन खबरों को खारिज कर दिया है कि निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के लिए विद्यार्थियों पर इसका भार डालेंगे।
शिक्षा का अधिकार कानून में व्यवस्था है कि स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छह से १४ वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा के लिए २५ प्रतिशत सीटे दी जाएंगी। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने एक निजी टेलीविजन चैनल के साथ भेंटवार्ता में कहा कि संसाधन जुटाने के तरीके ढूंढे जाएंगे।
श्री सिब्बल ने आश्वासन दिया कि सरकार आठवीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान करने संबंधी इस कानूनी प्रावधान की समाप्ति के बाद भी समाज के कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि १२वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान सरकार, विद्यार्थियों को स्कूल यूनिफॉर्म और पाठ्यपुस्तके भी देगी। श्री सिब्बल ने कहा कि अगर स्कूलों के पास अधिक संसाधन हैं तो वे उससे इस कार्य कें लिए संसाधन जुटा सकते हैं।

पेड न्यूज लोकतंत्र के लिए घातक



पेड न्यूज लोकतंत्र के लिए घातक

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा है कि पेड न्यूज, लोकतांत्रिक प्रणाली की जड़ों को प्रभावित कर रही हैं। कल शाम मलयालम दैनिक दीपिका के १२५वीं वर्षगांठ समारोह का उद्घाटन करते हुए श्रीमती अम्बिका सोनी ने पत्रकारों और समाचार पत्र प्रबंधकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि संपादक का पद, वाणिज्यिक प्रबंधक से ज्यादा महत्वपूर्ण हो।
उन्होंने कहा कि अगर लोगों तक सूचना का मुक्त प्रवाह नहीं होगा या उन्हें अपने विचार अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता नहीं होगी तो समाज अपने को बंधा हुआ महसूस करेगा।

शिवराज की सुरक्षा में सेंध!


शिवराज की सुरक्षा में सेंध!

हवा में लहराया चैपर खुला दरवाजा!

(श्रवण मवई)

सीहोर (साई)। रविवार को नसरुल्लागंज क्षेत्र के ग्राम निमजा में मुख्यमंत्री निकाह योजना में शामिल होने के बाद जैसे ही प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चैहान का हैलीकॉप्टर उड़ा और उड़ते ही 50 फीट ऊपर हवा में उनका हैलीकॉप्टर अचानक डगमगाया और एक खिड़की खुल गई। जिससे देखने वालों के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगीं। आनन-फानन में हैलीकॉप्टर को लैंड किया गया और खिड़की बंद कर दोबारा उड़ान भरी गई। आकस्मिक रुप से हुई इस घटना से मुख्यमंत्री की सुरक्षा और उड़ने खटौले की अनदेखी सामने आई।
उल्लेखनीय है कि नसरुल्लागंज के ग्राम निमजा में आयोजित मुख्यमंत्री निकाह योजना अंतर्गत मुस्लिम समाज का सम्मेलन था, जिसमें मुख्यातिथि के रुप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान शामिल हुए और निकाह कार्यक्रम के बाद जैसे ही वे उड़न खटौले में बैठकर रवाना हुए, अभी उनका उड़न खटौला 50 फीट उड़ा था कि वह डगमगाने लगा और अचानक पास की खिड़की खुल गई। हवा में डगमगा रहे सीएम के उड़न खटौले को देखकर हेलीपेड पर खड़े प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों की सांसें थम र्गइं। पायलेट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए उसी समय हैलीकॉप्टर की लैंडिंग कराई और हैलीकॉप्टर की संपूर्ण रुप से जांच की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने भी अपनी हिम्मत का परिचय दिया और उसी हैलीकॉप्टर से रवाना हो गए।

कंबल फैक्ट्री में सौ दबे


कंबल फैक्ट्री में सौ दबे

(विक्की आनंद)

जलंधर (साई)। पंजाब में कल देर रात जालंधर के निकट एक कम्बल फैक्ट्री की तीन मंजिला इमारत ढह गई। मलबे में एक सौ से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है। उपायुक्त प्रियंक भारती के अनुसार ४१ लोगों को बचा लिया गया है। इनमें से दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जाती है।
दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं चला है। समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि यह हादसा रविवार और सोमवार की दर्मयानी रात ग्यारह से साढ़े ग्यारह के बीच हुआ। हादसे के स्थान में तीन मंजिला इमारत का मलबा धागे और तैयार कम्बलों के बंडल बिखरे पड़े थे।
डिप्टी कमीशनर प्रियंका भारती ने बताया कि बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए सेना और राष्ट्रीय आपदा बल को बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि मलबे में कितने मजदूर दबे हैं इस बारे में अभी सही जानकारी नहीं हो सकी है। राहत और बाचव कार्य शाम तक चलने की उम्मीद है।

अल्पसंख्यक बालिकाओं के लिये शहरों में बनेंगे छात्रावास


अल्पसंख्यक बालिकाओं के लिये शहरों में बनेंगे छात्रावास

नसरूल्लागंज (साई)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की मेजबानी में रविवार को सीहोर जिले की जनपद पंचायत नसरुल्लागंज के ग्राम निम्नागाँव में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 114 मुस्लिम जोड़ों का निकाह हुआ।श्री चैहान ने कहा कि सरकार सर्वधर्म समभाव से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि समाज के सभी वर्गों का कल्याण हो। राज्य सरकार अल्पसंख्यकों की प्रगति एवं चहुँमुखी विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने वर-वधुओं को आशीर्वाद देते हुए उनके सफल वैवाहिक जीवन की मंगल-कामनाएँ की। उन्होंने उपस्थित जन-समुदाय से कहा कि बेटे और बेटी में भेदभाव न करें, ‘बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहाँ से लाओगे’। श्री चैहान ने राज्य शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि बेटी के जन्म से लेकर सम्पूर्ण जीवन की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा का महत्व प्रतिपादित करते हुए उपस्थित जन-समुदाय को अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिये प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शासन ने एक लाख साठ हजार अल्पसंख्यकों को स्कॉलरशिप प्रदान की है। साथ ही विदेश में उच्च अध्ययन के लिये 15 लाख रुपये की छात्रवृत्ति की व्यवस्था भी की है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अल्पसंख्यक बेटियों के लिये बड़े शहरों में छात्रावास बनाए जायेंगे ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। उन्होंने निम्नागाँव में नल-जल योजना तथा रामनगर आदिवासी मोहल्ला में हेंडपम्प लगवाने की घोषणा की।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चैहान ने स्वयं को वधुओं का ‘मामा’ बताते हुए बड़ी ही विनम्रता से अपने स्वागत से इंकार किया। उन्होंने कहा कि मेरी भांजियों का विवाह है इसलिये मैं समस्त मेहमानों का हार्दिक स्वागत एवं आत्मीय अभिनंदन करता हूँ।
कार्यक्रम में गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता, वन विकास निगम के अध्यक्ष गुरु प्रसाद शर्मा, सीसीबी चेयरमेन रवि मालवीय, शहर काजी भोपाल अमानउल्ला खान, काजी अशरफ खाँ, मुफ्ती उसमान गनी साहब, मुफ्ती इशॉक खान, आयोजन समिति के अध्यक्ष अखलाक भाई, जनपद अध्यक्ष श्रीमती निर्मला बारेला, सरपंच रामनिवास पटेल, रघुनाथ सिंह भाटी, लखन यादव, अन्य स्थानीय जन-प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश में सहारा परिवार करेगा निवेश


मध्यप्रदेश में सहारा परिवार करेगा निवेश
भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान से यहाँ देश के प्रसिद्ध उद्योगपति सुब्रत राय सहारा ने भेंट कर मध्यप्रदेश में डेयरी तथा इससे जुड़े व्यवसायों में निवेश की मंशा प्रकट की। श्री सहारा ने बताया कि सामाजिक सरोकारों के साथ सहारा परिवार प्रदेश से जुड़ना चाहता है।
उन्होंने प्रस्तावित डेयरी परियोजना की रूपरेखा बताते हुए जानकारी दी कि प्रथम चरण में इसमें कोई 18 से 22 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। लगभग 30 हजार लोगों को इस परियोजना में प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने प्रदेश शासन से इस परियोजना के लिये अपेक्षित सुविधाओं के बारे में भी विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार तथा प्रत्येक युवा को रोजगार उनका लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि निवेशकों कामध्यप्रदेश में स्वागत है। श्री सहारा द्वारा प्रदेश शासन से की गयी अपेक्षाओं के बारे में श्री चैहान ने कहा कि औद्योगिक नीति में दी जाने वाली सुविधाएँ सभी निवेशकों को दी जा रही हैं। अन्य अपेक्षाओं के बारे में भी शासन गंभीरतापूर्वक विचार करेगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एवं विशेष कत्र्तव्यस्थ अधिकारी परशुराम, अपर मुख्य सचिव उद्योग प्रसन्न कुमार दाश, कृषि उत्पादन आयुक्त मदन मोहन उपाध्याय, ट्रायफेक के एम.डी. प्रमोद कुमार दास, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव पशुपालन प्रभांशु कमल, आयुक्त जनसंपर्क तथा एम.पी.एग्रो के प्रबंध संचालक राकेश श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक दुग्ध महासंघ श्रीमती सुधा चैधरी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चैहान से मिले श्री जयराम रमेश


मुख्यमंत्री श्री चैहान से मिले श्री जयराम रमेश
भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने प्रधानमंत्री सड़क योजना, इंदिरा आवास तथा समग्र स्वच्छता के तहत मर्यादा अभियान के लिये केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश को अपेक्षित धनराशि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। श्री चैहान से यहाँ केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भेंट की। दोनों के बीच प्रदेश के ग्रामीण विकास से जुड़े मसलों पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
केन्द्रीय मंत्री श्री रमेश ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में राज्य की ओर से 600 से 1000 तक जनंसख्या वाले गाँवों की 1722 किलो मीटर सड़क निर्माण के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदनों पर स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने बताया कि 630 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाये जायेंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि अब प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति और संबंधित मुद्दों की समीक्षा के लिए एक माह में दो बार बैठकें आयोजित की जायगी। इससे राज्यों के प्रस्तावों के निराकरण में तेजी आयेगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पहले चरण में बनी सड़कों के डामरीकरण के लिए अतिरिक्त धनराशि की माँग करते हुए केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि पहले चरण में केवल ग्रेवल रोड की स्वीकृति दी गयी थी।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण सड़कों की चैड़ाई 7.5 मीटर से कम कर 6 मीटर करने की ओर भी श्री रमेश का ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों का बेहतर उपयोग हो रहा है। राज्य ने ग्रामीण परिवहन भी शुरू करने की अनूठी पहल की है। भविष्य में इन पर यातायात का दबाव भी बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के सड़कों की संधारण के लिए अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता रेखांकित की। श्री रमेश ने कहा कि 19 हजार 400 किलोमीटर सड़कों के उन्नयन के लिए मध्यप्रदेश हकदार है। इसमें से शेष 6 हजार किलोमीटर सड़कों के उन्नयन के लिए भारत सरकार आवश्यक धनराशि देने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने एकीकृत कार्य योजना (आई.ए.पी.) वाले जिलों के ऐसे गाँवों को जोड़ने का आग्रह किया है जो कोर नेटवर्क क्षेत्र में शामिल नहीं किये गये हैं। उन्होंने सिंगरोली का उदाहरण देते हुए कहा कि सीधी जिले से अलग हुये सिंगरोली के गाँवों को भी आई.ए.पी. में जोड़ना चाहिए। इसके अलावा आई.ए.पी. जिलों के ऐसे करीब पचास गाँव हैं जिन्हें जोड़ना जरूरी है। इस संबंध में श्री रमेश ने मुख्यमंत्री से एक औपचारिक पत्र भेजने का अनुरोध किया।
इंदिरा आवास योजना में आवास ईकाइयों की संख्या बढ़ाने का आग्रह करते हुए श्री चैहान ने श्री रमेश को अवगत कराया कि जनसंख्या के ताजा आँकड़ों में हितग्राहियों की संख्या बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि समग्र स्वच्छता के लिए एक सघन अभियान ‘‘मर्यादा’’ शुरू किया गया है। इसके लिए केन्द्र से मदद की जरूरत होगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि समग्र स्वच्छता अभियान के मार्गदर्शी मापदण्डों में बदलाव लाते हुए अब गरीबी और अमीर रेखा का मापदंड समान कर दिया जायेगा। ग्राम पंचायतें निर्मल ग्राम के मापदंडों का परीक्षण करेंगी और निर्णय लेंगी। उन्होंने कहा कि समग्र स्वच्छता अभियान में अब शौचालय निर्माण के लिए ज्यादा अनुदान मिलेगा क्योंकि इस क्षेत्र में बजट बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इससे राज्यों में स्वच्छता अभियान में तेजी आयेगी।
श्री चैहान ने पीने के पानी के प्रदाय के लिए केन्द्र से ज्यादा धनराशि उपलब्ध करवाने के संबंध में चर्चा करते हुए केन्द्रीय मंत्री से कहा कि गिरते भू-जल को देखते हुए हेंडपम्प के उपयोग को धीरे-धीरे समाप्त करते हुए पाईप्ड वाटर सप्लाय योजना को अपनाने की जरूरत है। राज्य इस दिशा में प्रयास करेगी। इसके लिए करीब 12 सौ करोड़ रुपये की जरूरत है। हेंडपम्प पर निर्भरता के बजाय नल-जल योजनाओं को बढ़ावा देने के विचार से सहमति जताते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार अब पीने के पानी की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान दे रही है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि फ्लोराईड गाँवों के लिए परियोजनाएँ बनाकर भेजें। केन्द्र सरकार पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवायेगी। श्री चैहान ने श्री रमेश को स्वच्छ जल प्रदाय के लिए बनायी रणनीति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सौर्य ऊर्जा से चलने वाले जलप्रदाय पंप स्थापित करने की परियोजनाएँ भी बनायी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि केन्द्र द्वारा संचालित योजनाओं को प्रदेश में बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि पंचायतों की क्षमता निर्माण के लिए अलग से धनराशि उपलब्ध करायी गई है। उन्होंने कहा कि इस बात पर विचार चल रहा है कि 12वीं योजना के अंत तक ग्रामीण विकास के कुल बजट का 50 प्रतिशत राज्यों को बिना किसी औपचारिकता और बंधन के सीधे मिल जाये ताकि राज्य आवश्यकतानुसार योजनाएँ बना सके। इसकी शुरूआत अगले वर्ष से ही हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने इस विचार सहमत होते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठकों में निरंतर इस मुद्दे को उठाया है और केन्द्र को अवगत करवाया कि राज्यों को अपनी सामाजिक, आर्थिक और भौगौलिक परिस्थितियों के अनुसार विकास योजनाएँ बनाने की स्वतंत्रता होना चाहिए।

भास्कर पूरे शबाब पर: शालेय अवकाश आरंभ


भास्कर पूरे शबाब पर: शालेय अवकाश आरंभ
इंदौर (साई)। अप्रेल के पहले पखवाडे में ही सूर्यनारायण के पूरे शबाब पर आने से लोग हलाकन हो रहे हैं। गर्मी बढ़ने के कारण जिला प्रशासन ने 10वीं तक सभी स्कूलों को अगले आदेश तक पूरी तरह बंद रखने के आदेश दिए हैं। रविवार को जारी उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इसके अलावा स्कूलों में 11वीं व 12वीं की कक्षाएं दोपहर 12.30 बजे तक ही लगाई जा सकेंगी।
कलेक्टर राघवेंद्रसिंह ने बताया गर्मी के कारण बीमारियां फैलने की आशंका के कारण यह कार्रवाई की गई है। उक्त प्रतिबंध जिले के सभी निजी और सरकारी स्कूलों पर लागू होगा। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध की अवधि में न तो स्कूलों में शैक्षणिक कार्य होगा और न कक्षाओं का संचालन होगा।
जिला कलेक्टर ने बताया कि आदेश का पालन नहीं करने वालों के विरुद्ध भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-188 के अंतर्गत कार्रवाई की सकेगी। ऐसे मामलों में प्रिंसिपल, निदेशक के साथ स्कूल के प्रबंधक, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स भी अवहेलना के दोषी माने जाएंगे।

राजा के गढ़ में महाराजा!


राजा के गढ़ में महाराजा!
राजगढ़ (साई)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह के गढ़ राजगढ़ में केंद्रीय मंत्री महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दस्तक दी है। राजगढ़ में केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा मुझे खुशी है कि अपरिपक्व हूं। अगर परिपक्व बन जाऊंगा तो उन लोगों को जैसा बन जाऊंगा जो सिर्फ अपने हितों की सोचते थे।
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति की मूर्ति का अनावरण किया है, वह नेता नहीं, राजनीतिक नहीं थे। वे क्षेत्र के गरीब, किसान, आदिवासियों व असहायों के लिए लड़ने वाले योद्धा थे। सिंधिया शुक्रवार को राजगढ़ कृषि उपज मंडी में पूर्व विधायक प्रेमसिंह दत्तीगांव की प्रतिमा के अनावरण अवसर पर सभा को संबोधित कर रहे थे।
विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने पिता के जीवन से जुड़े संस्मरण सुनाए। सिंधिया ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, पूर्व मंत्री महेंद्रसिंह कालूखेड़ा, सांसद गजेंद्रसिंह राजूखेड़ी, विधायक प्रताप ग्रेवाल, उमंग सिंघार, अश्विन जोशी, प्रमोद पटेल, तुलसी सिलावट, सत्यनारायण पटेल, करणसिंह पंवार, मोहनसिंह बुंदेला की उपस्थिति में मंडी प्रांगण में श्री दत्तीगांव की प्रतिमा का अनावरण किया। स्वागत भाषण पूर्व मंडी अध्यक्ष हर्षवर्धन¨सह दत्तीगांव ने दिया।

कर्जे से लदे किसान ने इहलीला समाप्त की


कर्जे से लदे किसान ने इहलीला समाप्त की

(आंचल झा)

कांकेर (साई)। कर्ज से लदे फदे एक किसान का क्षत विक्षत शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी मच गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि उक्त किसान ने पहले आत्म हत्या की होगी फिर जंगली जानवरों ने उसके शरीर को अपना ग्रास बना लिया होगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर घटना की विवेचना आरंभ कर दी है।
एक युवा किसान ने कर्ज से परेशान होकर फांसी लगा ली। नरहरपुर ब्लाक के ग्राम उमरादाह टिकरापारा के 35 साल के किसान विष्णुराम मंडावी पिता सूबेसिंह ने 8 अप्रैल की रात फांसी लगा ली। किसान घर से भोजन कर बाहर निकला था। दो दिनों बाद सुबह उसका शव पहाड़ी में खेत के पास मिला।
फांसी में लटके किसान के शव को जंगली जानवरों ने बुरी तरह नोचा और नीचे का हिस्सा भी खा लिया था। शनिवार को घटना की जानकारी होते ही जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी दौड़े दौड़े किसान के घर पहुंचे। क्षेत्रीय विधायक ने किसान की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए उसके परिवार को 50 हजार रुपए मदद के तौर पर देने की घोषणा की है।
शव को देखने से ऐसा लग रहा था कि उसे दूर से घसीट कर लाया गया है। जब ग्रामीण घसीटने के निशान की ओर आगे बढ़ा तो उन्हें पहाड़ी में एक कुसुम के पेड़ में रस्सी बंधी हुई मिली। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। घटना की सूचना मिलते ही विधायक सुमित्रा मारकोले, जिला कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल के अलावा कलेक्टर एनके खाखा, एएसएपी सीडी टंडन के अलावा तहसीलदार नरहरपुर आदी किसान के घर पहुंचे तथा हालात से रूबरू हुए।
एक ओर कर्ज अदा करने चिंता ने किसान की जान ले ली वहीं दूसरी ओर मौत को गले लगाने के बाद जानवर ने शव की जो दुर्दशा की उसे देखकर किसी की भी रूह कांप जाए। जांच अधिकारी एसआई कांगे के अनुसार मौके पर मिली रस्सी, शरीर की लंबाई तथा फांसी के बाद शव के झूल कर नीचे आने से जमीन से उसकी ऊंचाई काफी कम हो गई थी।
हालात देखकर लग रहा था कि जानवर ने शव के कमर तक के हिस्से को नोच खाया था। शव का दाहिना पैर पूरी तरह गायब था तथा बाएं पैर की मात्र हड्डी ही थी। शव के नीचे आने के बाद जानवर ने रस्सी को काट अलग कर लिया तथा निकट के पहाड़ी के पत्थरों तक घसीटते ले गया। वहां कुछ हिस्सों को नोचने के बाद उसे पुनरू खेत तक घसीट लाया। जानवर ने कुल 25 गज तक शव को घसीटा। शव का पोस्ट मार्टम करवाया जा रहा है।
परिजनों के अनुसार किसान ने बोर के नाम पर लिए कर्ज को लेकर परेशान था। किसान ने खेत में बोर खनन कराने के नाम पर वर्ष 2007 में एसबीआई से 92 हजार रुपए का कर्ज लिया था। 70 वर्षीय सूबेसिंह मंडावी ने बताया विष्णु उसका इकलौता पुत्र था तथा उसके पास कुल 1.28 हेक्टेयर कृषि भूमि है जिसमें कृषि कर परिवार का भरण पोषण कर रहा था।
कर्ज राशि से उसने खेत में बोर कराया था लेकिन पर्याप्त पानी नहीं निकलने के कारण सिंचाई के अभाव में फसल प्रभावित हो रही थी जिससे वह कर्ज अदा नहीं कर पा रहा था। घटना के 20 दिन पहले विष्णु ने खेत में एक और बोर कराया था जो असफल हो गया। इसके बाद से वह कर्ज पटाने को लेकर चिंतित रहता था। पिता ने बताया उसके परिवार में अब बहू खोरिन के अलावा दो पोतियां 14 वर्षीय दीपिका तथा 12 वर्षीय राधिका है। अब परिवार के सामने जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है।
किसान ने खेत में बोर खनन कराने के लिए वर्ष 2007 में एसबीआई से 92 हजार रुपए का कर्ज लिया था। विष्णु के पिता 70 वर्षीय सूबेसिंह ने बताया कि बोर से पर्याप्त पानी नहीं आने से सिंचाई नहीं हो पा रही थी। इस वजह से फसल भी नहीं हुई। हो रही थी जिससे वह कर्ज अदा नहीं कर पा रहा था।

सूर्य की तपन से सूखे लब


सूर्य की तपन से सूखे लब

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। जैसे जैसे अपे्रल माह में भगवान भास्कर का तांडव बढ़ता जा रहा है लोगों के ओंठ भी पानी को तरसते जा रहे हैं। नगर निगम रायपुर के प्यास बुझाने के दावों की कलई अब धीरे धीरे खुलने लगी है। अनेक स्थानों पर पानी का प्रदाय ना हो पाने से विस्फोटक स्थिति बन रही है। अप्रेल में यह हाल है तो मई माह की कल्पना मात्र से ही रूह सिहर जाती है।
गर्मी आते ही शहर के कई क्षेत्रों में पानी के लिए मारामारी मच गई है। अब तक टैंकरों के लिए टेंडर भी नहीं हो पाया है। फिल्टर प्लांट में भी हाई पॉवर मोटर पंप कभी भी जवाब दे जाते हैं। इससे अधिकतर टंकियों में पर्याप्त पानी नहीं भर पाता और लोगों के घरों में नलों की धार पतली हो गई है। लोग निगम प्रशासन को कोस रहे हैं।
निगम के दावों के विपरीत हकीकत यह है कि जरूरत वाले इलाकों में लोग सुबह व शाम टैंकर का इंतजार करते देखे जा सकते हैं। गुढि़यारी के गोगांव, कबीरनगर, कोटा, विकासनगर, डंगनिया, टाटीबंध, मोवा, सड्डू व दलदल सिवनी से टैंकरों की लगातार मांग आ रही है। लोगों की शिकायत है कि बार-बार कहने के बाद भी टैंकर समय पर नहीं पहुंच रहे। नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से उन्हीं क्षेत्रों में टैंकर पहुंचाए जा रहे हैं जहां उनकी मर्जी हो। नलघर में बार-बार फोन लगाने के बाद भी रिसीव नहीं करने की शिकायत लोगों की है।
गौरतलब है कि 303.64 करोड़ की जल आवर्धन योजना लक्ष्य से दो साल पीछे चल रही है। राजधानी बनने के 11 साल बाद भी कई इलाकों में पाइप लाइन तक नहीं बिछ पाई है। यहां पूरी गर्मी टैंकरों के भरोसे ही काटनी पड़ती है। पिछली परिषद ने टैंकर पर तीन से साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे।
इसके अलावा वर्ष 2010 में चार करोड़ रुपए फूंक दिए। यानी दो साल में साढ़े सात करोड़ रुपए टैंकरों पर बहा दिए गए। पूर्व महापौर सुनील सोनी वाली परिषद ने पांच साल में दो करोड़ 86 लाख रुपए खर्च किए थे। इस साल भी एक बड़ा इलाका गर्मियों में टैंकरों के ही भरोसे रहने वाला है।

एकजुट हुए आदिवासी


एकजुट हुए आदिवासी

(एन.के.श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। गांेडवाना भवन में आदिवासियों के साथ हुए लाठी चार्ज को लेकर अभी भी आदिवासी समुदाय में रोष और असंतोष बना हुआ है। राजधानी में आदिवासियों पर हुए लाठी चार्ज का गुस्सा खत्म नहीं हुआ है। शनिवार को गोंडवाना भवन में संविधान निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर को पुष्पांजलि देने एकत्र हुए सर्व आदिवासी समाज ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि वे नेताओं की गिरफ्तारी होने पर जमानत नहीं लेंगे।
सांसद नंद कुमार साय ने तो मांग की कि आदिवासियों के धर्मस्थल गोंडवाना भवन में घुसकर लाठी चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। श्री साय ने कहा कि जिस तरह अमृतसर में स्वर्ण मंदिर सिखों का पवित्र स्थल है उसी तरह छत्तीसगढ़ में गोंडवाना भवन आदिवासियों के पवित्र धर्मस्थल है।
यहां घुसकर पुलिस द्वारा लाठी बरसाना निंदनीय है। स्वर्ण मंदिर में सेना के घुसने पर कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। बड़ा खून-खराबा हुआ था। गोंडवाना भवन के दोषियों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि लाठी चार्ज के दिन समाज के जिन 273 नेताओं के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत 12 धाराएं लगाई गई हैं, यदि उन नेताओं की गिरफ्तारी होती है तो कोई भी जमानत नहीं कराएगा। बैठक में इस बात की निंदा की गई कि जेल डालने के बाद भी आदिवासियों पर गंभीर धाराएं लगाई गईं।
पुलिस ने उन नेताओं को भी मुजरिम बना दिया जो समाज के लिए सक्रिय रहते हैं, लेकिन जो प्रदर्शन में शामिल नहीं थे। वक्ताओं ने कहा कि पुलिस ने बल प्रयोग के तरीके आदिवासियों को आजमाए केवल गोली चलाने को छोड़कर। आदिवासियों पर हथियार रखने व नक्सली होने जैसे फर्जी आरोप मढ़ने की निंदा की गई।
चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर गिरधारीलाल भगत ने दलितों पर अत्याचार का इतिहास बताया। उन्होंने कहा कि सन् 900 से दलितों पर अत्याचार व शोषण हो रहा है। लाठी चार्ज की घटना की न्यायिक जांच की मांग की गई। पदाधिकारियों ने आशंका जताई कि हाईकोर्ट में देर से केविएट दाखिल करने की वजह से 32 प्रतिशत आरक्षण खटाई में पड़ गया है।

दम तोड़ रही उत्तराखण्ड में विद्युत परियोजनाएं


दम तोड़ रही उत्तराखण्ड में विद्युत परियोजनाएं

(चंद्र शेखर जोशी)

देहरादून (साई)।उत्तराखंड में पिछले तीन सालों में पांच जल विद्युत परियोजनाएं हमेशा के लिए बंद कर दी गई। एक अनशन पर केंद्र सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा। राज्य सरकार अपने संसाधनों पर की जा रही इस चोट का ढंग से विरोध तक नहीं कर पा रही थी। अब नई सरकार बनने के बाद हालात बदले हैं। राज्य सरकार ने खुलकर अपनी बात रखने की हिम्मत दिखाई है। बदले राजनीतिक हालात में इसके पीछे केंद्र की सहमति समझी जा रही है।
जब 2008 में जीडी अग्रवाल पहली बार अनशन पर बैठे तो उनकी मांग थी, गोमुख से उत्तरकाशी तक गंगा का अविरल प्रवाह। भाजपा की राज्य सरकार ने हाई कमान के निर्देश पर उत्तराखंड जल विद्युत निगम की भागीरथी पर निर्माणाधीन पाला मनेरी और भैरोघाटी परियोजनाओं को स्थगित कर दिया। भाजपा की मंशा साफ दिखाई दे रही थी, वह अयोध्या के बाद गंगा को राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहती थी। केंद्र की कांग्रेस सरकार ने भी एक दो जांचों की औपचारिकता पूरी की और राज्य सरकार के स्थगन को आधार बनाकर दोनों परियोजनाओं को हमेशा के लिए बंद कर दिया। यहां तक कि इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा खुद गठित की गई इंपावर्ड कमेटी की सिफारिशों पर भी गौर नहीं किया गया। उसके बाद कुंभ से ठीक पहले एक और जांच बैठाकर लोहारीनाग पाला परियोजना को भी हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।
इन परियोजनाओं को स्थगित करने और बंद करने की जो पहल भाजपा और कांग्रेस की सरकारें कर रही थी, उसके पीछे मंशा एक दूसरे को राजनीतिक लाभ लेने से रोकने की थी। दो राजनीतिक दलों की निहित स्वार्थ की राजनीति में भागीरथी की तीन परियोजनाओं को हमेशा के लिए बंद क्या कर दिया, गंगा के नाम पर राजनीति करने वालों को अपनी मांग को विस्तार देने का मौका मिल गया।
पहले मांग सिर्फ गोमुख से उत्तरकाशी तक अविरल धारा की थी, अब अलकनंदा समेत गंगा की सभी सहायक नदियों में परियोजनाएं बंद करने की हो गई। इस क्रम में आइआइटी रुड़की की टीम ने अलकनंदा की जांच की और कोटली भेल श्रृंखला की चार में दो परियोजनाओं को भी हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। एक अनशन में मांग मानी गई तो अगले अनशन में मांगों में विस्तार हो गया।
उधर, भाजपा और कांग्रेस की मूल चिंता एक दूसरे को राजनीतिक लाभ देने से रोकने की थी। राष्ट्र को होने वाली ऊर्जा हानि राजनीति के पीछे चली गई। न ही कड़े पर्यावरणीय मानक तय किए गए, ताकि नदियों का पारिस्थितिक तंत्र भी बचा रहे और मौजूद जल संसाधन का उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा सके। अब राज्य में भी कांग्रेस की सरकार है। हर छोटी से छोटी बात पर हाई कमान का मुंह ताकने वाली बहुगुणा सरकार ने जिस तरह सत्ता संभालते ही जल विद्युत परियोजनाओं पर अपना पक्ष रखा है, उससे लगता है कि उसे केंद्र की हरी झंडी मिली हुई है। 

अब अखिलेश यादव की सेना की दिल्ली कूच की तैयारी में


अब अखिलेश यादव की सेना की दिल्ली कूच की तैयारी में

(सी.एस. जोशी)

कुण्डेश्वरी/देहरादून (साई)। देश भर में गर्मागर्म चर्चा थी कि भारतीय सेना ने विद्रोह कर दिया था। 16 जनवरी को वह दिल्ली की ओर बढ़ गई थी।  बाद में इस बारे में चर्चा करने पर कोर्ट ने रोक लगायी परन्तु  2014 में जो सेना दिल्ली की ओर बढने की तैयारी कर रही है वह वह भारतीय सेना नहीं अखिलेश यादव की सेना है जिसकी दिल्ली कूच की तैयारी पूरी हो चुकी है और जिसके लिए माहौल व लक्ष्ण भी दिखने लगे हैं। भाजपा, रालोद व अन्य कुछ विधायक मुख्यमंत्री अखिलेश के आभामण्डल में खोते हुए उनकी सराहना व उन्हें बधाई देते हुए नजर आ रहे हैं, ऐसा यूपी में पहली बार हो रहा है।
वहीं उत्तर प्रदेश पर अपना जादू दिखाने के बाद उमर दराज हो चुके मुलायम सिंह यादव को दिल्ली का तख्त ज्यादा दूर नजर नहीं आ रहा है। अपने कुशल सेनापति के सहारे मुलायम सिंह  का आशियाना  7, रेसकोर्स रोड हो सकता है। समाजवादी पार्टी के नवोदित युवराज अखिलेश अपने पिताश्री की राह को निष्कंटक बनाने में जुट गये हैं।  मुलायम सिंह यादव जैसे खाटी राजनैतिज्ञ के पुत्र तथा डिंपल जैसी अर्धागिनी पाकर अखिलेश हिन्दुस्तान की राजनीति के सबसे बडे चमकते हुए सितारे के रूप में आभामण्डल में स्थापित होने जा रहे है जिसका देश को दूरगामी लाभ मिलना तय है।
अखिलेश की सेना के दिल्ली कूच के अनेक माहौल व लक्ष्ण भी अभी से बनने शुरू हो गये हैं जिसके तहत प्रथम माहौल व लक्ष्ण के तहत 14 अप्रैल 2012 को आगरा में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. एसपी सिंह बोल ने शुक्रवार को एक चैंकाने वाली बात कही। उन्होंने कहा कि अगर सपा व बसपा मिल जाएं तो इसकी आंधी में सभी दल उड़ जाएंगे।
वह 13 अप्रैल को अखिल भारतीय अनुसूचित जाति-जनजाति रेलवे कर्मचारी संा की ओर से रेलवे संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।  सपा-बसपा के बयान पर  प्रो. एसपी सिंह बोल  का कहना था कि लोहिया और बाबा साहब समाज में एकरूपता लाना चाहते थे। इसी संदर्भ में उन्होंने यह बात कही।  
द्वितीय माहौल व लक्ष्ण के तहत लखनऊ में पूर्व मंत्री तथा राष्ट्रीय लोकदल विधायक दल नेता रहे कोकब हमीद के त्यागपत्र ने विधान परिषद चुनाव में अजित सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी है।  कोकब के फैसले से रालोद कांग्रेस का गणित गड़बड़ा गया है ।  
तीसरे बनते माहौल व लक्ष्ण के तहत उत्तर प्रदेश में भाजपा आगे देखने के बजाय पीछे की ओर चल रही है। संगठन से लेकर विधानसभा तक उसका नया नेतृत्व अपने पूर्ववर्ती से उम्रदराज है।  गडकरी ने अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के युवा नेताओं में जागी उम्मीद अब निराशा में बदलने लगी है। भाजपा की यह स्थिति तब है जबकि राज्य का नेतृत्व सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री सपा नेता अखिलेश यादव के हाथ में है। कांग्रेस में भी प्रदेश में नेता कोई भी बने, लेकिन सूबे की असली कमान तो राहुल गांधी ही संभाले है। बसपा के तो समीकरण ही अलग है। इन सारे दलों के राज्य में प्रभावी नेतृत्व को देखे तो भाजपा का नेतृत्व ही सबसे बूढ़ा है। ऐसे में भाजपा का युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ने व युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने का नारा खुद पार्टी के मंच पर ही दम तोड़ता दिखता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संा ने भले ही भाजपा में केंद्रीय स्तर पर दखल देकर गडकरी को राष्ट्रीय कमान सौंप दी हो, लेकिन गडकरी की राज्यों में युवा नेतृत्व को उभारने की हिचक साफ दिख रही है। भाजपा  ने जो फैसला लिया उसमें विधानसभा में दल की कमान का चुनाव हार गए 71 साल के ओमप्रकाश सिंह की जगह 73 साल के हुकुम सिंह को और प्रदेश अध्यक्ष पद पर 58 साल के सूर्य प्रताप शाही की जगह 61 साल के लक्ष्मीकांत वाजपेयी को तैनात किया गया है। इससे पार्टी में युवाओं को पार्टी से जोड़ने का मंसूबा अधूरा रह गया है।    
वहीं, कांग्रेस के अंदरखाते से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो कांग्रेस के सलाहकार यह मान रहे हैं कि सीनियर नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव ना तो प्रधानमंत्री बन सकते हैं और ना ही महामहिम राष्ट्रपति ही। उपराष्ट्रपति भी नहीं बन पाएंगे। इसके पीछे जो दलील दी जा रही है वह यह है कि चूंकि सीनियर नेताजी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है अतः वे संवैधानिक पद ग्रहण ही नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि अगर सीनियर नेताजी ने कांग्रेस को आंख दिखाई तो सरकार के इशारे पर सीबीआई द्वारा सीनियर नेताजी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला आरंभ किया जा सकता है। उक्त पदाधिकारी के अनुसार होने को तो कांग्रेस के शासनकाल में कुछ भी हो सकता है। नियमों को शिथिल कर या नियमों को बलाए ताक रख कांग्रेस कुछ भी कर सकती है। पर इस मर्तबा यह हवाला दिया जा रहा है कि जब जाफर शरीफ साउदी अरब में राजदूत थे तब वे राज्यपाल भी नहीं बन पाए क्योंकि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला चल रहा था, फिर मुलायम किस खेत की मूली हैं।
परन्तु नेताजी कांग्रेसी मंसूबो से दूर समाजवादी  पार्टी  (एसपी)  के  राष्ट्रीय  अध्यक्ष  और  यूपी के  पूर्व  सीएम  मुलायम  सिंह  यादव  यूपी में अखिलेश के काम के आधार पर वह दिल्ली में झण्डा फहरा सकते हैं, उनका  मानना  है  कि मुख्यमंत्री  अखिलेश  यादव  को  कम  से  कम  6  महीने  का  वक्त दिया  जाना  चाहिए।  उसके  बाद  ही  मुख्यमंत्री  के  तौर  पर उनकी  नीतियों ,  कार्यक्रमों  और  उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। मुलायम कहते हैं कि हम मुसलमानों  के  आभारी  हैं।  उन्होंने  एसपी  को  जिस  तरह  समर्थन  दिया  है  वह  अभूतपूर्व  है।  एसपी  भी  अपने  वादों  से पीछे  नहीं  हटेगी।  चुनाव  ाोषणा  पत्र  में  अल्पसंख्यकों  से  किया  गया  हर  वादा  पूरा  किया  जाएगा। मुसलमानों  की  शैक्षिक ,  सामाजिक  और  आर्थिक  हालत में सुधार  के  लिए  सच्चर  कमिटी  और  रंगनाथ  मिश्र  आयोग  की  उन  सिफारिशों  को  लागू  कराया  जाएगा  जो  राज्य सरकार  के  दायरे  में  आती हैं।  मुलायम ने कहा कि हम मदरसों को मदद देंगे। उर्दू को रोजी- रोटी  से  जोड़कर  उसे  आगे  बढ़ाएंगे  और  नए  स्कूल  खोलेंगे।  दरगाहों  के  संरक्षण  के  लिए  अलग  से  सहायता  देंगे। कब्रिस्तानों  को  कब्जों  से  बचाने  के  लिए  सरकार  उनकी  चारदीवारी  बनवाएगी।  मुसलमानों  को  उचित  प्रतिनिधित्व दिए  जाने  के  सवाल  पर  मुलायम  सिंह  का  कहना  था  कि  प्रतिनिधित्व  तो  सबको  मिलेगा।  पहले  हम  उन्हें  यह अहसास  और  भरोसा  दिलाना  चाहते  हैं  कि  वह  हमारा  हिस्सा  है।  इस  देश  की  सरजमीं  पर  उन्हें  भी  उतना  ही  हक  है जितना  अन्य  वर्गों  को है। हम बिना किसी भेदभाव के सबको साथ लेकर आगे बढ़ सकेंगे।
वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव के सधे हुए कदमों से उनकी लोकप्रियता में इजाफा होता जा रहा है। अखिलेश यादव कहते हैं कि सरकार नई नीतियां और योजनाएं पेश कर रही है जिनके नतीजे अगले तीन महीने में दिखने लगेंगे। प्रधानमंत्री से उन्होंने जिस तरह विकास कार्याे के लिए धन मांगा, वह उनके राजनीतिक चातुर्य को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद 14 अप्रैल शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ पहली मुलाकात में अखिलेश यादव ने मनरेगा जैसी केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के लिए सुगमता से धन उपलब्ध कराने के साथ ही कोयले की आपूर्ति और अवसंरचनाओं को सुधारने में मदद की अपील की। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने विकास योजनाओं से संबंधित लम्बित धनराशि शीा्र जारी करने तथा विकास के लिए लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक सहयोग देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से अगले वर्ष इलाहाबाद के कुम्भ मेले में अवस्थापना सुविधाओं के लिए केन्द्रांश बढ़ाने का भी अनुरोध किया। अखिलेश ने कहा कि कानून और व्यवस्था उनकी सरकार की प्राथमिकता है।  
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान अखिलेश ने सड़क, बिजली, चिकित्सा, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, बाढ़ नियंतण्रतथा समाज कल्याण की अन्य योजनाओं के अलावा राज्य के पिछड़े इलाके के विकास के लिए जल्द राशि आवंटित करने का आग्रह किया। सीएम ने कहा कि 2013 जनवरी में इलाहाबाद में कुंभ मेला होने जा रहा है, इसलिए राज्य को ज्यादा से ज्यादा मदद दी जानी चाहिए।   उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों में वह गौर करेंगे और जल्द ही आपको नतीजे दिखाई देंगे।   उनकी सरकार नई नीतियां और योजनाएं पेश कर रही है जिनके नतीजे अगले तीन महीने में दिखने लगेंगे। कोयले का आपूर्ति सुनिश्चित कराने का अनुरोध रू मुख्यमंत्री ने कोल इंडिया द्वारा पर्याप्त मात्रा में कोयले की आपूर्ति नहीं करने की शिकायत भी प्रधानमंत्री से की। उन्होंने कहा कि कोयला पूरा नहीं मिलने से बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। राज्य में बिजली की दो हजार मेगावाट की कमी है। उन्होंने रोजा ताप बिजली ार के लिए दो लाख दस हजार टन और अनपरा सी के लिए दो लाख 80 हजार टन अतिरिक्त कोयला देने की मांग की । उन्होंने भेल की ओर से हरदुआगंज तथा पारीछा में बनाए जा रहे ताप बिजली ार की देरी  प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इसे जल्द पूरा करने का निर्देश दें। 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए उत्तर प्रदेश से लगने वाली भारत-नेपाल सीमा पर 640 किमी लंबी सड़क के निर्माण के लिए 2680 करोड़ रु दिए जाने का आग्रह किया। इसके अलावा केंद्रीय मार्ग निधि के तहत 409 करोड़ की प्रतिपूर्ति धनराशि तथा राष्ट्रीय मागरे के रखरखाव के लिए अवशेष 226 करोड़ रु शीा्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कुंभ मेले के आयोजन को देखते हुए इलाहाबाद से जुड़े राष्ट्रीय राजमागरे के सुदृढ़ीकरण के लिए 383.11 करोड़ रु स्वीकृत करने तथा लखनऊ से इलाहाबाद के पूरे भाग को चार लेन के मार्ग में विकसित करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने पिछड़े क्षेत्रों बुंदेलखंड तथा पूर्वी यूपी में सड़कों के विकास के लिए तीन सौ करोड़ रु देने की भी जरुरत बताई। पेयजल के लिए हर साल तीन हजार करोड़ रु देने की मांग रू उन्होंने पेयजल के लिए हर साल तीन हजार करोड़ रु देने की मांग की।  राज्य की विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए उन्होंने जिला मुख्यालयों को चार लेन की सड़कों से जोड़ने के लिए 11800 करोड़ की आवश्यकता बताते हुए प्रतिवर्ष 2500 करोड़ रु केंद्रीय मार्ग निधि के तहत विशेष पैकेज के रू प में स्वीकृत करने का अनुरोध किया।
अखिलेश यादव ने उत्तराखंड तथा मध्य प्रदेश के सीमा पर उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली पांच सौ किलोमीटर की सड़कों के उच्चीकरण के लिए एक हजार करोड़ रु का विशेष पैकेज स्वीकृत करने का आग्रह किया। 25 रेल पुलों के निर्माण में मदद का आग्रह रू उन्होंने 25 रेल उपरिगामी पुलों के निर्माण की परियोजनाओं के लिए 550 करोड़ रु उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। प्रदेश में भारी यातायात के चलते क्षतिग्रस्त 12000 किमी सड़कों की मरम्मत कराने के लिए धन देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जून 2011 में 9082 किमी लंबी सड़कों की मरम्मत के लिए 4028.80 करोड़ रु लागत की परियोजना भारत सरकार को भेजी थी जिसे केंद्र सरकार ने लौटा दिया था। उन्होंने प्रस्तावों की स्वीकृति पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखण्ड प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत लाभान्वित होने की स्थिति में नहीं है इसलिए 500 तक की आबादी वाले मानक को शिथिल कर 250 किया जाए। 
अखिलेश यादव ने जापानी बुखार से प्रभावित सात जिलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत ब्लाक संसाधन केंद्रों में शैक्षणिक-व्यवसायिक पुनर्वासन केंद्र की स्थापना के लिए 101 करोड़ 81 लाख रु के प्रस्तावों को मंजूरी देने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना के तहत केंद्र के अंश के रू प में 3284.68 करोड़ रु की लंबित राशि को शीा्र अवमुक्त कराने का अनुरोध किया।  अखिलेश ने नौ नए विश्वविद्यालयों की स्थापना की मांग करते हुए कहा कि प्रत्येक मंडल में एक राज्य विवि स्थापित किया जाना जरूरी है। इनकी स्थापना पर लगभग 3150 करोड़ रु खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में गरीबी रेखा से नीचे पांच लाख लोगों के और जुड़ने की संभावना को देखते हुए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 30 लाख इंदिरा आवास के निर्माण के लिए 14500 करोड़ रु का परिव्यय स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया। 
उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने जा रहे अखिलेश यादव को अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह ही जमीन से जुड़ा नेता कहा जा रहा है। यूपी में समाजवादी पार्टी की शानदार जीत का श्रेय उनके व्यक्तित्व की इसी खूबी को दिया जा रहा है। अखिलेश की पत्नी डिंपल  रिटायर्ड  आर्मी  कर्नल  एस . सी .  रावत  की बेटी हैं जो वर्तमान में कुण्डेहश्वारी में रहते हैं। 
अखिलेश के करीबी लोगों में सुनील यादव और राजीव राय हैं। सुनीव को उनकी आंख और कान कहा जाता है।  पार्टी के एक और सेक्रेटरी नावेद सिद्दीकी भी उनके काफी करीबी बताए जाते हैं। रेडियो मिर्ची में आरजे रह चुके नावेद, अखिलेश यादव के साथ लगातार क्रांति रथ पर भी थे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी शानदार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले पार्टी के युवा नेता अखिलेश यादव अपने इन थिंक टैंक के सहारे मिशन 2013 को फतह करने की तैयारी में जुट गये हैं।

बदहाल पर्यटन व्यवस्थाओं के साए में उत्तराखण्ड


बदहाल पर्यटन व्यवस्थाओं के साए में उत्तराखण्ड

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। पर्वतों के सोंदर्य को अपने दामन में समेटे उत्तराखण्ड में कहने को तो पर्यटन बढ़ाने के लिए जमकर योजनाएं चलाई जा रही हैं, पर ये सारी योजनाएं कागजों तक ही सीमित नजर आ रही हैं। सूबे में ना तो टूरिस्ट पुलिस है और ना ही चार धाम की आॅन लाईन यात्रा के लिए कोई व्यवस्था।
सूबे को पर्यटन प्रदेश बनाने की तैयारी हवा में चल रही है। यूं तो इस बारे में दावा अरसे से किया जा रहा है लेकिन धरातल पर स्थिति पूरी तरह से भिन्न है। राज्य गठन के बाद लोगों को उम्मीद जगी कि सूबे में पर्यटन को बढ़ावा मिलने से उनकी आर्थिकी सुधरेगी, रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, सूबे में पलायन रुकेगा लेकिन सरकारी तंत्र की लापरवाही ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
सरकारी आंकड़ों में भले ही सूबे में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि दर्ज हो लेकिन पर्यटकों को सहूलियतें प्रदान करने को लेकर सरकार की एक भी योजना अभी तक मूर्त रूप नहीं ले सकी है। जाहिर है पर्यटक यहां अपने रिस्क व तैयारियों के बूते आ रहे हैं। वह भी जब जबकि केंद्र की ओर से सूबे में पर्यटन को बढ़ावा देने को व्यापक स्तर पर आर्थिकी मुहैया कराई जाती रही है।
आलम यह है कि पर्यटक पुलिस के लिए वर्ष 2006 से इसे लेकर कवायद चल रही है लेकिन अभी तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है, जबकि पड़ोसी सभी राज्यों में इस पर विशेष फोकस है। इतना ही नहीं पर्यटकों की सहूलियतों को ध्यान में रखकर सूबे में 44 स्थानों पर ये स्थापित किए गए हैं लेकिन दो तिहाई से अधिक केंद्रों पर ताला जड़ा है। एक वर्ष पूर्व इसे पीपीपी मोड पर संचालित करने की योजना बनी लेकिन अभी यह कागजों में ही चल रही है।
दो साल की मशक्कत के बाद गत नवंबर में इस पर काम शुरू किया गया लेकिन प्रोजेक्ट अभी तक पचास फीसदी भी पूरा नहीं हुआ। चारधाम यात्रा को इस साल से ऑनलाइन करने को लेकर एक साल पूर्व काम शुरू तो किया गया लेकिन 25 फीसदी भी पूरा नहीं हुआ। योजना को अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
0 ये हैं प्रमुख पर्यटन स्थल
चारधाम (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री), हेमकुंड साहिब, नानकमत्ता, हरिद्वार, कैलाश मानसरोवर, फूलों की घाटी, मसूरी, नैनीताल, कार्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क समेत करीब 28 जगहों को पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है।

देश के पर्यटन की जान है राजस्थान: सहाय


देश के पर्यटन की जान है राजस्थान: सहाय

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि देश के पर्यटन में राजस्थान के बिना कुछ नहीं है। राजस्थान पर्यटन का ताज है। राजस्थान को अपने यहां मौजूद हेरिटेज के संरक्षण और इसे बढ़ावा देने की आवश्यकता है। आज भी यहां पर्यटन की इतनी संभावनाएं मौजूद हैं जिनका विकास नहीं हो पाया है। यहां हर जगह हेरिटेज मौजूद है। हेरिटेज टूरिज्म पर विशेष ध्यान देना होगा। सहाय रविवार को यहां रामबाग कन्वेंशन सेंटर में पीएचडी चैंबर की ओर से आयोजित हेरिटेज कॉन्क्लेव के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।
सहाय ने कहा कि विदेशी के साथ घरेलू पर्यटन को खास बढ़ावा देने की जरूरत है। राजस्थान में तो पर्यटन की भारी संभावनाएं हैं। यहां शादी भी एक पर्यटन है। राजस्थान पर्यटन को तो यह स्लोगन बनाना चाहिए, राजस्थान आइए, शादी कीजिए, यह स्थायी भी है, टिकाऊ भी है। राजस्थान में धार्मिक पर्यटन, हेरिटेज टूरिज्म, डेजर्ट टूरिज्म, रूरल टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन के अलग-अलग सर्किल बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कला और संस्कृति विभाग के पास कई हेरिटेज स्थल हैं जो रख-रखाव के अभाव में बदहाल हैं। इस विभाग के पास हेरिटेज स्थलों के संरक्षण के लिए पैसा नहीं है। इन स्थलों को पर्यटन विभाग को सौंप कर ही इनका विकास हो सकता है। केंद्र ने कला संस्कृति विभाग के पास मौजूद उपेक्षित हेरिटेज स्थलों को पर्यटन विभाग को देने के लिए कन्वर्जन कमेटी बनाने का फैसला किया गया है। ये कमेटियां राज्यों में भी बनेंगी।
सहाय ने गुजरात में हेरिटेज पर्यटन के काम की सराहना करते हुए कहा कि हर कोई कोई जानता है कि गुजरात में हेरिटेज के नाम पर कुछ खास नहीं है, लेकिन उन्होंने आक्रामक मार्केटिंग का सहारा लेकर वहां हेरिटेज टूरिज्म के विकास में नया अध्याय जोड़ दिया। आज गुजरात में हेरिटेज स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए पीपीपी मॉडल पर 400 समझौते किए हैं। जब लोग इस क्षेत्र में पैसा लगाने को तैयार हैं तो क्यों नहीं हमें पीपीपी मॉडल की तरफ जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें पर्यटन और हेरिटेज स्थलों की सफाई पर खास जोर देना होगा। पर्यटन स्थल चाहे कितना ही विख्यात क्यों न हो, अगर वहां गंदगी होगी तो पर्यटन पर उसका बुरा असर होगा। पर्यटन स्थलों की सफाई नगर पालिकाओं के बस की बात नहीं है, उनके बूते सफाई नहीं हो सकती। इसलिए हेरिटेज स्थलों की सफाई का काम कॉपरेरेट क्षेत्र को देना होगा।
सहाय ने कहा कि जयपुर एक स्वच्छ शहर है लेकिन हेरिटेज स्थलों और बाजारों की सफाई पर ध्यान देना होगा। पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण शहरों की सफाई के लिए पर्यटन मंत्रालय देश भर में मिशन मोड पर क्लीन सिटी अभियान चलाएगा। पर्यटन वाले शहरों में बाजार साफ रहें इसके लिए 100 दुकानों का क्लस्टर बनाकर मॉनिटरिंग की जा सकती है। इनमें साफ सफाई पर दुकानदारों के साथ एनजीओ मॉनिटरिंग करें।
पर्यटन मंत्री बीना काक ने कहा कि अतीत की थाती ही हेरिटेज है। केवल महल और किले बावडि़यों तक ही हेरिटेज सीमित नहीं है, राजस्थान में हर जगह, हर गांव कस्बे में हेरिटेज है। यहां के जन जीवन में आपको जीवंत हेरिटेज मिल जाएगा। हेरिटेज की अवधारणा को भी केवल भौतिक स्वरूप तक ही सीमित नहीं रखें, इसे जीवंत पहलुओं में भी देखना होगा।
उन्होंने कहा कि पीएचडी चैंबर के प्रतिनिधि ने बताया कि राजस्थान में 250 हेरिटेज स्थल हैं जो संरक्षित नहीं है। यह संख्या तो कुछ भी नहीं है, यहां हर गांव और कस्बे में आपको इतने अवशेष मिल जाएंगे जिनकी गिनती भी मुश्किल है। राजस्थान में इतने हेरिटेज स्थल हैं कि इन्हें संरक्षित करने में सरकार अपना पूरा खजाना भी लगा दे तो वह कम है। हमें शहरों के हेरिटेज स्वरूप को बचाए रखना होगा। निजी क्षेत्र ने इस काम में सहयोग किया है। राज्य सरकार ने भी हेरिटेज को बचाने में कई प्रयास किए हैं।

डायन कहने पर पीटकर मार डाला


डायन कहने पर पीटकर मार डाला

प्रतापगढ़ (साई)। प्रतापगढ़ जिले के धरियावद कस्बे में एक वृद्धा पर डायन होने का आरोप लगाते हुए उसकी पीट-पीट कर हत्या करने का मामला सामने आया है। इस मामले में एक आरोपी व उसकी दो पत्नियों को गिरफ्तार किया है। धरियावाद के रोडीलाल पंचाल व उसकी पत्नियों राजू व मन्नू ने दो दिन पहले खूंता निवासी मणि बाई (60) पत्नी धूलजी पंचाल को पीटा था। मारपीट में मृतका के पति धूलजी व पुत्र उमेश के भी चोटें आई हैं।
मृतका मणिबाई हमलावर रोडीलाल की मौसेरी सास थी। मृतका के पति धूलजी ने बताया कि 13 अप्रैल को वह अपने परिवार सहित घर पर था। इस दौरान रोडीलाल पुत्र लालू लौहार, उसकी पत्नी राजू व उनका दामाद घर पर आए तथा उन्हें धरियावद ले गए।
घर पर ले जाने के बाद रोडीलाल ने मणिबाई पर डायन होने का आरोप लगाया। रात भर उन्हें कमरे में बंद कर रोडीलाल, राजू बाई, मन्नू बाई व उनके दामाद ने उन्हें पीटते रहे। 14 अप्रैल को मणि बाई की तबीयत खराब होने पर वे उसे अस्पताल ले गए। रविवार सुबह फिर तबीयत खराब होने पर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

दहेज के चक्कर में बंधे कस्टम सुपरडेंट


दहेज के चक्कर में बंधे कस्टम सुपरडेंट


जयपुर (साई)। बहुओं को दहेज के लिए प्रताडि़त करने वाले कस्टम अधीक्षक संतोष कुमार वर्मा, उनकी पत्नी सुशीला और डॉक्टर बेटे विवेकांशु को महिला थाना (पश्चिम) पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। कस्टम अधीक्षक की दोनों बहुओं ने 27 मार्च को इनके खिलाफ दहेज प्रताड़ना का आरोप लगा केस दर्ज करवाया था।
गौरतलब है कि संतोष और उनकी पत्नी के खिलाफ साले की पत्नी ने भी 2007 में मामला दर्ज कराया था। साले की पत्नी विद्युत विभाग में जेईएन है। संतोष कुमार 30 अप्रेल को सेवानिवृत होने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार संतोष वर्मा (59) सुशीला वर्मा (55)वैशाली नगर के गंगा सागर कॉलोनी में रहते हैं।
मुख्य आरोपी संतोष कस्टम विभाग जयपुर में कार्यरत है। बेटा डॉ. विवेकांशु वर्मा ब्यावर में कार्यरत है। संतोष का बड़ा बेटा दुष्यंत उर्फ विश्वेंद्र वर्मा फरार है। जिसकी तलाश में पुलिस टीम गुडगांव भेजी गई है। दुष्यंत गुडगांव में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत है।
संतोष वर्मा के बड़े बेटे विश्वेंद्र वर्मा की शादी उदयपुर निवासी कीर्ति सोनी के साथ वर्ष 2005 में हुई थी। शादी के बाद से ही सास-ससुर व पति दहेज के लिए प्रताड़ना देने लगे। कीर्ति ने वर्ष 2008 में उदयपुर के एक नर्सिग होम में बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद कीर्ति को घर से निकाल दिया। इसके बाद संतोष कुमार छोटे बेटे की शादी के समय कीर्ति को पीहर से वापस अपने घर ले आए।
उधर, कस्टम अधीक्षक संतोष ने समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया को बताया कि उसने दहेज के लिए प्रताडि़त नहीं करने की बात कही। छोटे बेटे की शादी के बाद कीर्ति को दहेज के लिए प्रताडि़त कर वापस घर से निकाल दिया गया। तब कीर्ति अपनी बेटी को लेकर पीहर उदयपुर चली गई। इसके बाद महिला थाने में ससुर संतोष कुमार, साफ्टवेयर इंजीनियर पति व सास के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया।
संतोष कुमार वर्मा के छोटे बेटे डॉ. विवेकांशु की शादी 2010 में झोटवाड़ा निवासी निधि सोनी के साथ हुई। छोटी बहु के साथ भी सास-ससुर व पति र्दुव्घ्यवहार करने लगे। दहेज कम लाने के लिए शादी के एक सप्ताह बाद से ही प्रताड़ना देने लगे। निधि के परिजनों से प्लॉट खरीदने के लिए 50 लाख रुपए देने की मांग करने लगे।इसके बाद शादी के कुछ माह बाद ही निधि को भी घर से निकाल दिया। इसके बाद से वह अपने पीहर में रहने लगी। निधि ने भी कीर्ति के साथ महिला थाने में मामला दर्ज कराया था।

गाजियाबाद भी होगा मेट्रो के नक्शे पर


गाजियाबाद भी होगा मेट्रो के नक्शे पर

(अमित कौशल)

गाजियाबाद (साई)। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने दिल्ली मेट्रो के दिलशाद गार्डन-रिठाला मार्ग का विस्तार गाजियाबाद के नए बस स्टैंड तक करने की महात्वाकांक्षी योजना तैयार की है। अधिकारियों ने कहा कि 9.41 किलोमीटर लम्बे मार्ग के निर्माण पर 1,591 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
जीडीए के उपाध्यक्ष संतोष यादव ने उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव जावेद उस्मानी को इस परियोजना से सम्बंधित लम्बे समय तक चले प्रस्तुतीकरण में प्रस्ताव पेश किया। मायावती सरकार ने भी इस योजना को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया था, लेकिन इस पर पांच सालों तक कार्य आगे नहीं बढ़ पाया।
माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी की नई सरकार ने इसे आगे बढ़ाने का संकेत दिया है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया को बताया कि इस मार्ग पर कुल सात स्टेशन होंगे-शहीद नगर, राज बाग, राजेंद्र नगर, श्याम पार्क, मोहन नगर, अर्थला और नया बस स्टैंड। यह पूरा का पूरा ऊपरगामी मार्ग होगा।
जीडीए के मुख्य शहर योजनाकार एस.सी. गौर ने कहा कि एक बार परियोजना शुरू हो जाने के बाद इसे पूरा होने में चार वर्ष लगेंगे। परियोजना में 256 करोड़ रुपये का खर्च दिल्ली मेट्रो रेल निगम, 344 करोड़ रुपये का खर्च केंद्र सरकार और शेष 991 करोड़ रुपये का खर्च राज्य सरकार करेगी।
राज्य की पिछली सरकार ने अप्रैल 2011 में कोष की कमी के कारण मार्ग को दिलशाद गार्डन से नया बस स्टैंड तक बढ़ाने की योजना का लगभग रद्द कर दिया था। जनता के भारी दबाव से बाध्य होकर करीब तीन महीनों बाद सरकार ने इसे मोहन नगर तक बढ़ाने की घोषणा की। अगस्त महीने में हालांकि सरकार मार्ग को नया बस स्टैंड तक बढ़ाने पर सहमत हो गई।

हर मनोकामना पूर्ण होती है तालाब में स्नान से


हर मनोकामना पूर्ण होती है तालाब में स्नान से
मुरादाबाद (साई)। इस तालाब की ख्याति इतनी अधिक है कि देश विदेश से लोग यहां आकर इसमें डुबकी लगाते हैं और रोगों से निजात पाते हैं। सम्भल के असमोली में एक ऐसा तालाब है जिसको चमत्कारी माना जाता है। यहां के लोगों की मान्यता है कि इस तालाब में जो भी नहा ले उसके बड़े से बड़े रोग दूर हो जाते हैं। इसलिए इस चमत्कारी तालाब में नहाने के लिए देश और विदेश से लोग आते हैं। यहां साल में दो बार बूढ़े बाबा का मेला लगता है।
बूढ़े बाबा के मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु भारी संख्या में आते हैं। इसी दौरान रोगी खासकर जिन्हे चर्म रोग हुआ होता है, इस तालाब में स्नान करते हैं। मान्यता है कि यहां के तालाब में स्नान के बाद चर्म रोग दूर हो जाते हैं। मेले में आए प्रत्यक्षदर्शी रामप्रताप के मुताबिक, उनके भतीजे को पिछले 5 साल से चर्मरोग था। उन्होंने इसका इलाज कई जगह कराया, लेकिन रोग ठीक नहीं हो सका। उनको किसी ने इस तालाब के बारे में बताया। उन्होंने भतीजे को इस तालाब में स्नान कराया। इसके कुछ दिन बाद ही चर्मरोग ठीक हो गया।
21वीं सदी में इस तरह के चमत्कारों को अंधविश्वास माना जाता है, लेकिन लोगों की आस्था और फायदे ने विज्ञान के तर्क को झुठला दिया है। एक स्थानीय शिक्षक के मुताबिक, तालाब से कुछ इस तरह के रसायन निकलते हैं, जो इन बिमारियों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसलिए चर्मरोग आदि ठीक हो जाते हैं।

बच्चियों के साथ दुष्कर्म, एक धरा गया


बच्चियों के साथ दुष्कर्म, एक धरा गया

(निधि श्रीवास्तव)

इलाहाबाद (साई)। इलाहाबाद में राजकीय बाल संरक्षण गृह के चपरासी द्वारा बच्चियों से कथित दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद हड़कम्प मच गया है। जिला प्रशासन ने पूरे मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश देते हुए बाल संरक्षण गृह की अधीक्षिका उर्मिला गुप्ता को निलम्बित कर दिया है। चपरासी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
 अब तक दो नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस को अंदेशा है कि बाल संरक्षण गृह की अन्य लड़कियां भी इसका शिकार हो सकती हैं। शहर के शिवकुटी इलाके के राजकीय बाल संरक्षण गृह के चपरासी विद्या भूषण (44 वर्ष) को गुरुवार रात वार्डन की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया। इस संस्थान में 10 साल उम्र तक की लड़कियों को रखा जाता है और विद्या यहां पिछले पांच साल से कार्यरत था।
इलाहाबाद के पुलिस अधीक्षक (शहर) शैलेश कुमार यादव ने शुक्रवार को बताया कि अब तक दो बच्चियों के साथ बलात्कार किए जाने पुष्टि हो चुकी है और एक के साथ दुराचार के प्रयास की बात सामने आई है। उधर पुलिस उपाधीक्षक प्रवीण सिंह चैहान ने आईएएनएस को बताया कि बाल संरक्षण गृह से गोद ली गई एक बच्ची ने अपने माता-पिता को अपने साथ हुए दुराचार के बारे में बताया, तो मामले का खुलासा हुआ।
उस बच्ची के माता पिता ने वार्डन के साथ मिलकर पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद रात को कार्रवाई की गई। चैहान ने कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या आरोपी चपरासी के साथ कोई अन्य भी इस घिनौने कृत्य में संलिप्त था।

हर किसी की जुबां पर हैं मनोज द्विवेदी


हर किसी की जुबां पर हैं मनोज द्विवेदी
(मंजू चैहान)
पटना (साई)। भोजपुरी फिल्मों के लिए मनोज द्विवेदी का नाम अब जाना पहचाना सा है। मनोज ने अपने अभिनय के दम पर अपनी पहचान बनाई। इससे पहले वे हिंदी फिल्में और सीरियलों में भी काम कर चुके हैं, लेकिन भोजपुरीभाषी होने के कारण भोजपुरी फिल्मों से जुड़ गए।
ज्ञातव्य है कि मनोज द्विवेदी ने हिंदी फि़ल्मो मे दबदबा, सितमगर, हाले- दिल और सीरियल्स मे अंधविश्वास, गुलशानोवर, रावण, कैसी ये जि़ंदगानी और भोजपुरी फि़ल्मो में बैरी भैले सैंया हमार, गंगा मीले सागर से, कंगना खनके पिया के अंगना, कब आए डोलिया कहार, हमार मदर इंडिया, बीरजावा, मुन्नी बाइ नौटंकीवाली, पिया तोसे नैना लगे, सत्यमेव जयते, बिल्लो रानी नौटंकीवल्ली, हमार ललकार, चिरकूटवा बनाल विधायक, बिहारी ठाकुर, इत्यादि फि़ल्में की है।
मनोज ने कहा कि पहले हिंदी फिल्मों और सीरियलों में काम करने की ललक थी, लेकिन भोजपुरी भाषा के लगाव ने मुझे इसकी ओर खींच लिया। अब वे भोजपुरी को ही अपना सब कुछ मानते हैं और इसके विकास और विस्तार के लिए हर संभव प्रयास करने आमदा हैं।

पुलिस ने भांजी छात्रों पर लाठियां


पुलिस ने भांजी छात्रों पर लाठियां
जमुई (साई)। ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) की नहीं मिलने के कारण शनिवार को जमई-लखीसराय मुख्यमार्ग के कांकन में र्प्दशन कर रहे छात्र-छात्राओं पर एसडीओ के आदेश पर पुलिस ने लाठियां बरसायी। जिससे करीब दर्जन भर विद्यार्थी चोटिल हो गये। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ खासी नाराजगी देखी जा रही है। वहीं डीएम ने घटना की जांच के आदेश दे दिये हैं।
ज्ञातव्य है कि कांकन स्थित मध्य विद्यालय के छात्र-छात्राओं को टीसी नहीं मिलने से आक्रोशित थे और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मुख्यमार्ग को घंटो जाम कर दिया। जाम की खबर मिलते ही एसडीओ जमुई थानाध्यक्ष जाकिर हुसैन और भारी पुलिस बलों के साथ एसडीओ अमलेन्दु सिंह जामस्थल पर पहुंचे। एसडीओ छात्र-छात्राओं को समझाने-बुझाने का पहले प्रयास किया लेकिन विद्यार्थी मामने को तैयार नहीं थे। गुस्साये एसडीओ ने लाठी चार्ज करने का आदेश दिया। फिर क्या था पुलिस का बर्बर चेहरा सामने आया और छात्र-छात्राओं को दौड़ा-दौड़ा कर लाठी से पीटना शुरु कर दिया। इतना ही नहीं खुद एसडीओ ने भी छात्रों को पीटते नजर आये। जिससे करीब दर्जनभर छात्र-छात्राओं चोटिल हो गये।
जैसे ही इस बात की खबर स्थानीय लोगों को लगी वे बेहद आक्रोषित हो गए। नाराज स्थानीय नागरिकों ने एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी किया। वहीं इस घटना को कायर और बर्बरतापूर्ण करार देते हुए स्थानीय कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने निंदा की है और जांच के साथ दोषी पाये जाने वाले अधिकारी व पुलिसकर्मियों को दंडित करने की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि पिछले कई दिनों से आठवीं पास की टीसी की मांग की जा रही है लेकिन आजतक नहीं मिली है। विद्यार्थियों ने बताया कि सोमवार को नौवीं कक्षा में एडमिशन लेने की आखिरी तारीख है। टीसी नहीं मिलने से अगले क्लास में नामांकन से कहीं वंचित नहीं होना पड़े। छात्रों ने बताया कि टीसी की मांग को लेकर पूर्व में भी स्कूल और समाहरणालय में र्प्दशन कर चुके हैं। बावजूद इस ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं गया है।

बीस लाख का अफीम गांजा बरामद


बीस लाख का अफीम गांजा बरामद
गया (साई)। जिले के शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र के बाराचट्टी थाना अंतर्गत दो अलग-अलग स्थानों पर पुलिस ने छापेमारी कर तस्करी के लिए रखे गए भारी मात्रा में अफीम तथा गांजा बरामद किया है। बरामद सामग्री की कीमत करीब बीस लाख रुपये आंका गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मिली सूचना के आधार पर बांक गांव के एक विद्यालय के समीप गणोश मंडल क घर से तस्करी के लिए रखे डोडा अफीम को जब्त किया गया। डोडा अफीम को बाहर ले जाने की तैयारी की जा रही थी। करीब बीस बोरे में बंद कर दो अलग-अलग स्थानों पर छिपाकर डोडा अफीम को रखा गया था।
शहर पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने बताया कि छापेमारी का नेतृत्व डीएसपी महेंद्र बसंत्री कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पुलिस नशीले पदार्थाे की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। बताया गया कि अभियान के दौरान ही मिली सूचना पर पिपराही गांव में की गई छापेमारी में करीब एक क्विंटल गांजा भी जब्त किया गया है। गांजा को भी बाहर भेजने की तैयारी की जा रही थी।