गुरुवार, 17 जनवरी 2013

चिंतन शिविर में युवराज की चिंता!


चिंतन शिविर में युवराज की चिंता!

(लिमटी खरे)

गुलाबी नगरी में कल से आरंभ होने वाले चिंतन शिविर में कांग्रेस की पेशानी पर पसीने की छलकती बूंदों से आभास होता है मानो अपनी गल्तियों दर गल्तियों से लहूलुहान कांग्रेस अब मरहम पट्टी नहीं बल्कि गहन चिकित्सा इकाई (आईसीसीयू) में भर्ती होकर शल्य क्रिया (सर्जरी) की राह तक रही है। कांग्रेस के अदूरदर्शी प्रबंधकों की अस्पष्ट नीतियों के चलते देश भर में कांग्रेस की थू थू हो रही है। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर कभी कांग्रेस के साथ पलनिअप्पम चिदम्बरम और कपिल सिब्बल निशाना हुआ करते थे पर अब सीधे सीधे कांग्रेस के साथ ही साथ प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और कांग्रेस की नजरों में भविष्य के प्रधानमंत्री राहुल गांधी निशाने पर हैं। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर जनता के गुस्से से कांग्रेस सहमी दिख रही है। आज मीडिया को तो कांग्रेस मैनेज कर सकती है पर सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर आने वाले तीखे और व्यंगात्मक बाणों को संभालना या रोकना कांग्रेस के बस का नहीं दिखता।

मई 2004 में केंद्र में सत्ता पर काबिज होने के उपरांत कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कदम ताल देखकर लग रहा था मानो यह पांच साल भी बमुश्किल चल पाए। यह तो बिखरा हुआ और मैनेजविपक्ष था कि 2009 के आम चुनावों में एक बार फिर कांग्रेस की लाटरी लगी और दुबारा वह सत्ता पर काबिज हो गई। नेहरू गांधी परिवार से इतर डॉ.मनमोहन सिंह ने बतौर प्रधानमंत्री सबसे लंबा कार्यकाल चलाया और रिकार्ड अपने नाम कर लिया। प्रधानमंत्री का मौन रहना ही सबसे घातक साबित हुआ। इक्कीसवीं सदी के पहले दशक की समाप्ति के वक्त ही ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स ने जोर पकडा और युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया। पहले पहल तो इसमें दोस्ताना बातचीत हुईं फिर फूटा जनता का आक्रोश।
एक के बाद एक घपले घोटालों, भ्रष्टाचार, अनाचार, बलात्कार, उग्रवाद, अलगाववाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, चोरी डकैती, लूट आदि की घटनाओं के बाद भी जब हाकिमों ने सुध नहीं ली, मीडिया को मैनेज कर सरकारों ने अपनी उजली छवि पेश करना आरंभ किया तब जाकर देश के अघोषित पांचवें स्तंभ के रूप में सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराना आरंभ कर दिया। इन वेबसाईट्स पर राहुल, सोनिया और मनमोहन सिंह का जिस तरह से मजाक उडाया जा रहा है उससे लगता है मानों कांग्रेस के साथ ही साथ इन तीनों की टीआरपी में भी जमकर कमी आई है।
2004 के बाद कांग्रेस का तीन सूत्रीय कार्यक्रम उभरकर सामने आया है। पहला राहुल गांधी को किस तरह प्रधानमंत्री बनाया जाए! दूसरा किस तरह सरकार बचाई जाए, और तीसरा किस तरह पैसा कमाया जाए। इन तीनों सूत्रों में से दूसरे और तीसरे नंबर के सूत्रों को तो कांग्रेस के रणनीतिकारों ने सिद्ध कर लिया। समय समय पर सांसत में आई सरकार की जान बचा ली और पैसा भी तबियत से कमा लिया। रही बात राहुल को प्रधानमंत्री बनाने की तो राहुल को पीएम बनाने वाले मसले में कांग्रेस बुरी तरह विफल हुई है।
पिछले आम चुनावों में राहुल गांधी की टीआरपी जब एकाएक घटी तो टीवी चेनल्स को मैनेज कर कांग्रेस ने अपनी तुरूप का इक्का, प्रियंका वढेरा को आगे कर दिया। प्रियंका मंे कभी लाल साडी में इंदिरा गांधी का अक्स दिखाया गया तो कभी प्रियंका की जुल्फों की तुलना इंदिरा गांधी के बालों से की गईं। चुनावी वेतरणी पार करने के उपरांत कांग्रेस के रणनीतिकारों ने एक बार फिर सोनिया गंाधी को भरमाना आरंभ किया और राहुल गांधी के बारे में तरह तरह की सच्ची झूठी बातों से सोनिया को बरगलाया।
इस चिंतन शिविर की सबसे बड़ी चिंता यह है कि राहुल गांधी को आखिर किस तरह से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए। कांग्रेस के अंदरखाने में चल रही चर्चाओं को अगर सही माना जाए तो कांग्रेस के थिंक टैंक और ट्रबल शूटर प्रणव मुखर्जी को राहुल के रास्ते से हटाने के लिए रायसीना हिल्स स्थित देश के महामहिम राष्ट्रपति भवन भेज दिया गया है। राहुल के बारे में कांग्रेसियों का मानना है कि वे युवा हैं और उनमें राजीव गांधी का अक्स भी दिखता है।
यह सब होने के बाद भी 2009 के उपरांत राहुल गांधी के प्रदर्शन से कांग्रेस की अध्यक्षा सहित कांग्रेस के वरिष्ठजन संतुष्ट तो कतई नहीं होंगे। सोनिया शायद इसी चिंता में घुली जा रही हैं कि राहुल की छवि दिन प्रतिदिन धूमिल हो रही है और उनका प्रभाव और प्रभुत्व भी घटता ही जा रहा है। राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने में अनेक रोढ़े खड़े हुए हैं। स्व.इंदिरा गांधी, स्व.राजीव गांधी के साथ काम करने वाले नेताओं को राहुल के झंडे तले काम करना असहज ही लग सकता है।
कांग्रेस के कथित रणनीतिकारों ने सोनिया गांधी को एक के बाद एक सब्ज बाग दिखाए, पर जब जमीनी हकीकत सामने आई तो सोनिया के हाथों से तोते उड़ना स्वाभाविक ही था। राहुल को मीडिया में पीएम के समकक्ष बताकर सोनिया को भरमाया भी प्रबंधकों ने। 2010 में बिहार के चुनावों की बागडोर राहुल के युवा कांधों पर थी। इन चुनावों में राहुल गांधी ने जमकर प्रचार किया और लोक लुभावन वायदे किए। मीडिया ने भी बिहार में राहुल को शत प्रतिशत सफल करार दिया। पर जब परिणाम आए तो प्रबंधकों की बोलती ही बंद हो गई। इन चुनावों में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को करारी हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में जद यू और भाजपा को वर्ष 2005 की तुलना में बहुतम मिला और दोनों ने क्रमशरू 27 एवं 36 सीटों अधिक पाईं। एनडीए गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री बने नीतिश कुमार और राहुल गांधी से प्रधानमंत्री की कुर्सी दूर हो गई।
उत्तर प्रदेश सूबा राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र वाला सूबा है। यहां के विधानसभा चुनावों में 2012 में एक बार फिर राहुल गांधी के हाथों चुनाव की कमान सौंपी गई। इस सूबे में राहुल गांधी का दलितों के आवास पर रात गुजारने का प्रहसन और तूफानी दौरे भी कांग्रेस को जिला नहीं पाए। यहां का नतीजा भी चौंकाने वाला रहा। 403 सीटों वाले विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीटें पाकर जीत का परचम लहरा दिया और एक बार फिर राहुल गांधी के अरमानों को करारा झटका लगा और प्रधानमंत्री की कुर्सी पहले से भी ज्यादा दूर हो गई।
इसके उपरांत इसी साल गुजरात चुनावों में भी राहुल ने कांग्रेस की नैया पार लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। तूफानी भाषण दिए। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना ही उनके खिलाफ काफी आक्रामक भाषण भी दिए। कभी कहा कि उन्हें गुस्से की राजनीति करनी नहीं आती है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बेटे को पीएम की कुर्सी पर आसीन कराने के लिए बराबर का साथ दिया। गांधी के नाम का भरपूर इस्तेमाल किया और गुजराती भाषा में भी भाषण दिए। इतना ही नहीं कांग्रेस के लगभग सभी दिग्गजों ने राहुल के पक्ष में गुजरात चुनावों में कांग्रेस का धुआंधार प्रचार किया। नतीजा आया तो मोदी के पक्ष में, नरेंद्र मोदी ने जहां अकेले अपने दम पर विकास को मुद्दा बनाकर जीत की हैटट्रिक मनाई। भाजपा ने मोदी के नेतृत्व में 182 सीटों में से 116 जीत कर एकतरफा जीत हासिल की। मोदी के हाथों मिली हार ने इस बार भी कांग्रेस को ऐसी पटखनी दी, कि कल तक प्रधानमंत्री पद की कुर्सी राहुल के लिए बड़ी आसान सी दिखाई दे रही थी, वह अचानक काफी दूर हो गई। कांग्रेस के सपने धूलधूसरित हो गए। तीन साल के दौरान लगातार राहुल गांधी का घटता कद और कम होती लोकप्रियता ने कांग्रेस को झाकझोर कर रख दिया।
राहुल के खाते में एक के बाद एक नकारात्मक बातें आती जा रही हैं। हाल ही 16 दिसंबर को राजधानी दिल्ली के बसंत विहार इलाके में चलती बस में गैंग रेप का शिकार हुई एक पैरामेडिकल छात्रा की मौत के बाद पूरे देश के युवा धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। उस दौरान दिल्ली में प्रदर्शनकारी युवा चीख-चीखकर राहुल गांधी को बुला रहे थे। पूरे देश को एकजुट करने वाले गैंगरेप जैसे संवेदनशील प्रकरण में सामने आने के बजाय राहुल की चुप्पी उनके और कांग्रेस दोनों के लिए आत्मघाती साबित हुई। पार्टी के चुनाव प्रचारों में विभिन्न प्रदेशों में बढ़-चढ़ कर भाषण देने और बयानबाजी करने वाले राहुल को युवाओं ने अपना आइडियल बनाया था, लेकिन दिल्ली प्रकरण के बाद युवाओं को समझा आ गया है कि राहुल जो भी बयानबाजी करते थे अथवा भाषण देते थे, उन्हें कोई अन्य अनुभवी व्यक्ति ही लिखता होगा। लोगों का मानना है कि राहुल में अनुभवहीनता तो है ही साथ ही देश को बांधे रखने की समझ भी कम है।
सोनिया इस बात को बखूबी समझने लगी हैं कि राहुल के घटते प्रभाव का असर नेशनल स्टूडेंड यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और यूथ कांग्रेस का भी देशभर में प्रभाव कम हुआ है। राहुल के अनुचित फैसलों के कारण कांग्रेस के इन दोनों संगठनों की हालत पतली हो गई है। पहले  युवाओं में एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के प्रति काफी रुझान था, लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व में गत तीन साल के दौरान बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात में मिली शिकस्त ने प्रतिकूल प्रभाव डाला है और युवा वर्ग ने इन दोनों संगठनों से भी दूरियां बना ली हैं।
कांग्रेस के लिहाज से इसके पहले 1998 के पचमढ़ी और 2003 के शिमला में हुए चिंतन शिविर के समय की स्थिति मौजूदा राजनीतिक स्थिति से काफी अलग थी। तब पार्टी विपक्ष में थी। राजग सत्ता में थी। उस समय कांग्रेस आक्रामक थी। मुख्य राजनीतिक चुनौती थी भाजपा को सत्ता से हटाना। इसलिए शिमला शिविर में सोनिया गांधी का उद्घाटन भाषण हो या फिर चिंतन के पांचों विषय पर बहस के बाद तैयार किया गया शिमला संकल्प, उनका रुख आक्रमक था। उसके निशाने पर भाजपा और राजग सरकार के कामकाज और नीतियां थीं।
परिस्थितियां इस बार अलग हैं। कांग्रेस पिछले आठ साल से केंद्र की सत्ता में है। उसके कामकाज पर सवाल उठाया जा रहा है। अब उसे केंद्र सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि उसके पक्ष में उसकी नीतियों और कार्यशैली को लेकर उसका महिमामंडन करना है। विपक्ष के लगाए आरोपों और सवालों का जवाब देना है। यानी इस बार चिंतन शिविर में बहस के बाद जो भी दस्तावेज तैयार किया जाएगा, वह रक्षात्मक होगा। अपनी तरफ से सफाई देने की जरूरत पड़ सकती है। उसके जरिए कार्यकर्ताओं को यह बताने की कोशिश होगी कि वह जनता की तरफ से सरकार को लेकर उठाए गए सवालों का क्या जवाब दे। यह जवाब कांग्रेस को उन्हीं सवालों पर देने हैं, जो उसने पचमढ़ी और शिमला चिंतन शिविर के दस्तावेज में तब की सरकार के खिलाफ उठाए थे।
सवाल घोटालों से लेकर महंगाई और सरकार की आर्थिक नीतियों से जुड़े हैं। इसी के साथ दूसरी तरफ कार्यकर्ताओं के लिए इस बात के भी दिशा निर्देश होंगे कि वे जनता के बीच जाकर किस तरह सरकार की योजनाओं और नीतियों के सकारात्मक पक्ष से उन्हें अवगत कराएं। शिमला से अलग इस बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक चिंतन शिविर के बाद रखी गई है। जाहिर तौर पर ऐसा किसी विशेष कारण से किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में चिंतन शिविर के दस्तावेज को प्रस्ताव के रूप में पास कर इसकी घोषणा होगी। इस घोषणा में राहुल गांधी के लिए किया गया पार्टी का फैसला भी शामिल होगा। (साई फीचर्स)

38 शर्म से सर झुक जाएगा शिवराज का!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 38

शर्म से सर झुक जाएगा शिवराज का!

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह में मध्य प्रदेश की झांकी लगातार दूसरे साल ना आ पाने के कारण इस बार समूचे हृदय प्रदेश का सर शर्म से दूसरी बार झुका रहेगा। मध्य प्रदेश के आला अधिकारियों की लापरवाही और लाल फीताशाही के कारण शिवराज सिंह चौहान का सिर भी गर्व से इस बार शायद ही उठ सके।
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के डीसेरेमोनियल अनुभाग के एक आला अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि वर्ष 2012 के गणतंत्र दिवस के लिए राज्य सरकार द्वारा तीन प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए थे, ये तीनों प्रस्ताव बेहद ही कमजोर होने के कारण निरस्त कर दिए गए थे।
सूत्रों ने आगे बताया कि इस वर्ष तो हद उस वक्त हो गई जब बार बार चेताने के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस की झांकी का कोई भी प्रस्ताव नहीं भेजा है। सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि हर साल जून जुलाई माह में ही राज्यों की सरकारों द्वारा अपने अपने एक से अधिक प्रस्ताव भेजते हैं जिनमें से विभाग द्वारा कुछ प्रस्तावों में संशोधन भी करवाया जाता है। सूत्रों ने कहा कि अगर गणतंत्र दिवस पर मध्य प्रदेश की झांकी राजपथ पर दिखती तो इससे मध्य प्रदेश का प्रचार प्रसार व्यापक स्तर पर होने की संभावना थी।
उधर, देश की राजधानी दिल्ली के मंहगे व्यवसायिक इलाके कनाट सर्कस के बाराखम्बा रोड़ स्थिति मध्य प्रदेश आवासीय आयुक्त के कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस बार गणतंत्र दिवस पर मध्य प्रदेश की झांकी राजपथ पर प्रदर्शित ना होने के लिए सीधे सीधे आवासीय आयुक्त कार्यालय, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव का कार्यालय और आयुक्त जनसंपर्क का कार्यालय पूरी तरह जिम्मेदार हैं।
(क्रमशः जारी)

सुनिए एक और दामनी की कथा!


सुनिए एक और दामनी की कथा!

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। दिल्ली में दामिनी का गेंग रेप फिर उसका सिंगापुर में निधन, देश को हिलाकर रख दिया था इस वाक्ये ने। अब जयपुर में भी एक दामनी की कहनी सामने आई है। राजस्थान के सीकर जिले की 11 वर्षीय गैंग रेप की शिकार बच्ची अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले साल 20 अगस्त के दिन 6 लोगों ने बच्ची को सीकर शहर के बस स्टैंड से अगवा किया था। बच्ची से गैंग रेप करने के बाद युवकों ने उसे बुरी तरह पीटा भी, ऐसा करने के बाद उन्होंने उसे शहर के बाहरी हिस्से में फेंक दिया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का प्राइवेट पार्ट बुरी तरह से बेकार हो चुका था, जिसके बाद उसकी 6 बड़ी सर्जरी और 8 छोटी सर्जरी करनी पड़ी। बावजूद इसके, बच्ची की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है।
बताया जाता है कि 22 अगस्त को जब बच्ची को जयपुर के जेके लोन हॉस्पीटल लाया गया था तब डॉक्टर भी उसकी हालत देखकर कांप गए थे। उस दिन को याद करते हुए डॉक्टर बताते हैं कि बच्ची का बर्बर तरीके से बलात्कार किया गया था, मांसपेशियों का कोई विभाजन उसकी योनि और मलाशय के बीच नहीं छोड़ा गया था। सर्जनों को उसकी बड़ी आंत का एक हिस्सा नए मलाशय को बनाने और साथ ही कॉलोस्टॉमी सर्जरी के लिए लेना पड़ा। कॉलोस्टॉमी सर्जरी से शौच इत्यादि का वैकल्पिक रास्ता बनाया गया। सर्जन टीम की अगुवाई करने वाले डॉक्टर एलडी अग्रवाल ने बताया कि पिछले साढ़े चार महीने से हमने अपना सर्वश्रेष्ठ उस बच्ची के लिए किया है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि गैंग रेप की शिकार बच्ची बिहार के दरभंगा की रहने वाली है। छह बहनों और एक भाई में यह सबसे छोटी है। पिता की मौत के बाद वह मां के साथ सीकर आई थी। उन्हें उम्मीद थी कि सीकर में उनके रिश्तेदार काम दिलाने के लिए उनकी मदद करेंगे।
बताते हैं कि हादसे के बाद बच्ची ने प्रतिक्रिया देना ही बंद कर दिया है। एक पारिवारिक सदस्य ने साई न्यूज को बताया कि शुरुआत में इंजेक्शन से डरने वाली पीड़ित बच्ची अब किसी भी चीज पर प्रतिक्रिया नहीं देती। उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति दयनीय हो चुकी है।
घटना की निर्लज्जता और पाश्विकता को एक तरफ कर दें तो पुलिस का रवैया भी कोई तारीफ के काबिल नहीं कहा जा सकता। परिवार के सदस्य बताते हैं कि घटना के दिन से ही पुलिस मामले को लेकर बेपरवाह ही रही है। पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज करने से मना कर दिया था। यह सब सिर्फ स्थानीय लोगों की वजह से संभव हो सका क्योंकि उन्होंने घटना के विरोध में मार्च निकाला जिसके बाद केस दर्ज किया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्थान के समकक्ष अशोक गहलोत से पूरे मामले पर गहराई से बात की है जिसके बाद प्रशासन की कार्रवाई तेज हुई।
गैंग रेप के आरोप में 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, दो को जमानत भी दी जा चुकी है क्योंकि पुलिस ने सभी पर आईपीसी की हल्की धाराएं लगाईं। बच्ची के रिश्तेदार कहते हैं कि आरोपी राजनीतिक रूप से काफी मजबूत हैं इसलिए पुलिस का रवैया गंभीर नहीं रहा है। उन्होंने दावा किया कि मुख्य आरोपी अब भी पकड़ में नहीं हैं।

हेकड़ी छोड़ बातचीत को राजी पाक


हेकड़ी छोड़ बातचीत को राजी पाक

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। भारत और पाकिस्तान ने नियत्रंण रेखा पर तनाव कम करने पर सहमति व्यक्त की है। पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा से जुड़ी चिंताओं के निवारण और नौ साल पुराने संघर्ष विराम को बहाल करने के बारे में भारत से बातचीत की पेशकश की है। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने पर सहमति व्यक्त की। पाकिस्तान की ओर से बताया गया कि उसके सैनिकों को संघर्ष विराम का कड़ाई से पालन करने और संयम बरतने को कहा गया है। दोनों देशों के सैन्य संचालन के महानिदेशकों ने टेलीफोन पर बातचीत कर जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तनाव खत्म करने के तौर तरीकों पर बातचीत की।
इस बीच, पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कल एक बयान में कहा कि तनाव बढ़ना दोनों देशों के लिए ठीक नहीं होगा। उन्होंने वर्ष दो हजार तीन से लागू संघर्ष विराम को बनाए रखने और नियंत्रण रेखा के बारे में चिंताएं दूर करने के लिए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से बातचीत की पेशकश की।
एक अन्य घटनाक्रम में भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ आर्थिक सहयोग, केवल शांति और स्थिरता के माहौल में आगे बढ़ सकता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनन्द शर्मा ने साफ शब्दों में कहा कि तनाव की मौजूदा स्थिति पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंधों पर प्रतिकूल असर डाल सकती है। शर्मा का यह बयान, इस महीने की २७ तारीख को आगरा में होने वाले दोनों देशों के वार्षिक साझेदारी सम्मेलन से पहले आया है। यह सम्मेलन इस कारण महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि इसमें भाग लेने वाले पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री मखदूम अमीन फहीम के साथ, शर्मा की कोई बैठक नहीं रखी गई है।
उधर, पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए थल सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने नियंत्रण रेखा पार नहीं की और ना ही बिना किसी उकसावे के फायरिंग की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ हुई मौत जवाबी फायरिंग से हुई होगी।

केन्द्रीय योजनाओं पर होने वाले खर्चे को केन्द्र वहन करे


केन्द्रीय योजनाओं पर होने वाले खर्चे को केन्द्र वहन करे

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री राघवजी ने राज्यों में चलाई जा रही विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं पर होने वाले समस्त खर्चे को केन्द्र द्वारा वहन किये जाने की मांग की। राघवजी ने कहा कि केन्द्रीय कानून के तहत राज्यों में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर होने वाले खर्च को संविधान की धारा-258 के तहत केन्द्र द्वारा उठाया जाना चाहिए। राघवजी यहां आयोजित केन्द्रीय वित्तमंत्री पी.चिदम्बरम की अध्यक्षता में हुई राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक में बोल रहे थे। बैठक मुख्यतः बजट पूर्व सुझावों के लिए आयोजित की गई थी। बैठक में विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भाग लिया।
श्री राघवजी ने बैठक में हाल ही में प्रकाशित समाचार पत्रों में अप्रत्यक्ष करों में वृद्धि को लेकर छपे समाचारों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों में वृद्धि नहीं होनी चाहिए। इसका राज्यों के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा तथा राज्यांे के करों में वृद्धि की संभावनाएं समाप्त हो जायेंगी। राघवजी ने ए.आई.बी.पी. द्वारा सिंचाई के लिए ऋण पर बोलते हुए कहा कि इसके अंदर 90 प्रतिशत केन्द्र द्वारा अनुदान दिया जाता है। किन्तु चालू वर्ष में अनुदान की राशि बन्द कर दी गई है। राघवजी ने अनुदान राशि को निरन्तर जारी रखने की बात कही है। सर्विस टैक्स के बारे में सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य का विषय है और इसको निर्धारित करने का अधिकार केन्द्र के पास नहीं है। इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार इसमे दखलंदाजी कर रही है। केन्द्र सरकार विभिन्न प्रकार के कर जैसे विलासिता कर, मनोरंजन कर, भूमि भवन पर कर, परिवहन पर कर आदि लगा रही है जबकि यह सारे विषय राज्य सरकार के हैं। केन्द्र सरकार इन सभी पर लगभग 12 प्रतिशत टैक्स लगा रही है। उन्होंने आग्रह किया कि केन्द्र सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। इसके कारण करदाताओं पर अनावश्यक रूप से दोहरा टैक्स देना पड़ रहा है। विशेषकर भवन निर्माण, केबल, डी.टी.एच., होटल कर, भोजन और परिवहन आदि के व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि एल.आई.सी., बैंकिंग सेवाओं पर भी टैक्स नहीं लगाना चाहिए क्योंकि केन्द्र सरकार एक तरफ तो एल.आई.सी. पर छूट देती है और दूसरी तरफ टैक्स लगाती है।
राघवजी ने राज्यों के वित्तमंत्रियों की एम्पावर्ड कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि रिपोर्ट में केन्द्र सरकार से 35 सेवाओं को निगेटिव सूची में रखने की मांग की थी। किन्तु केन्द्र सरकार ने मात्र 13 सेवाओं को ही निगेटिव की सूची में रखा है। उन्होंने आग्रह किया कि शेष 22 सेवाओं को भी निगेटिव की सूची में शामिल किया जाय।
वित्त मंत्री ने संविधान में वर्ष 2004 में संशोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि संशोधन के अनुसार राज्य सरकार को अनेक सेवाओं पर टैक्स वसूलने का अधिकार दिया जाना चाहिए था। उसके लिए संविधान में नई धारा 268-ए जारी की गई थी। किन्तु 9 वर्ष के उपरांत भी इसे लागू नहीं किया गया है। इसी तरह केन्द्रीय विक्रय कर दर को 4 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करते समय केन्द्र सरकार ने यह वायदा किया था कि 44 सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार को दिया जायगा। किन्तु अभी तक ऐसा नहीं किया गया है। वर्ष 2007-08 में आयकर वसूली सकल घरेलू उत्पाद का 2.24 प्रतिशत था वह अब वर्ष् 2010-11 में घटकर 2.05 प्रतिशत रह गया है जबकि वृद्धि करने के सारे उपाय जो केन्द्र सरकार ने किये हैं उनमें से अभी तक कोई भी प्रभावी नहीं हुआ है। इस पर केन्द्र सरकार को विचार करना चाहिए।
श्री राघवजी ने बताया कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार एवं स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं पर सर्विस टैक्स लगाने में कोई कोताही नहीं बरती और उनपर सेवाकर भी लगाया जो कि बिलकुल अनुचित और असंवैधानिक है। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को सहायता राशि विलम्ब से दिये जाने पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि प्रायः यह राशि मार्च के महीने में दी जाती है जोकि उस वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं हो पाती है। वर्ष 2011-12 के मार्च महीने में प्राप्त सहायता राशि लगभग 35 हजार करोड़ रुपये थी। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान में केन्द्रांश कम करने की प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि सर्वशिक्षा अभियान में 75 प्रतिशत अनुदान को घटाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है जोकि बिलकुल अनुचित है।
श्री राघवजी ने आग्रह किया कि मध्यप्रदेश के आदिवासी जिलों को केन्द्र द्वारा राज्यों के पिछड़े जिलों में आयकर और सैम्वैट की छूट दिये जाने की सूची में शामिल किया जाय। राष्ट्रीय राजमार्ग की खराब स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों को केन्द्र सरकार द्वारा मरम्मत और नवीनीकरण के लिए राशि उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों की हालत काफी खस्ता हो गई है। उन्होंने पर्याप्त धनराशि शीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। 

पाक पर फिर गरजे मोदी!


पाक पर फिर गरजे मोदी!

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। एलओसी पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी का असर रिश्तों पर दिखने लगा है। पहले विरोध के कारण हॉकी लीग में हिस्सा लेने आए पाकिस्तान के सभी नौ खिलाडियों को वापस भेजने का फैसला हुआ और अब गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन ने महिला क्रिकेट विश्वकप 2013 की मेजबानी से इनकार कर दिया है।
गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन ने बीसीसीआई को इस बारे में सूचित कर दिया है। गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव राजेश पटेल ने कहा कि पाकिस्तानी खिलाडियों के खेलने की वजह से मैच का विरोध हो सकता है। बीसीसीआई ने हमसे संपर्क किया था और पूछा था कि क्या गुजरात महिला क्रिकेट विश्वकप-2013 की मेजबानी कर सकता है?
सीमा पर तनाव के कारण हमने मेजबानी करने से इनकार कर दिया। अब यह मैच कहां होगा। मुंबई में ही होगा या कहीं और इसका फैसला बीसीसीआई करेगा। बीसीसीआई ने मुंबई में होने वाले पाकिस्तान की टीम के पांच मैच अहमदाबाद शिफ्ट करने के लिए गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन से संपर्क किया था।

शिक्षण संस्थाएं चरित्र निर्माणशाला के रूप में हो विकसित: एसएसपी


शिक्षण संस्थाएं  चरित्र निर्माणशाला के रूप में हो विकसित: एसएसपी

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. बीबी सिंह ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं को चरित्र निर्माण शाला के रूप में विकसित किया जाए तो समाज से अपराध स्वयं समाप्त हो जाऐंगें। उन्हांेनें महावीर चौक पर तत्काल एक महिला सब इंस्पेक्टर के नेतृत्व में पुलिस स्कवायड स्थापित करने के साथ जल्द ही वहाँ महिला पुलिस चौकी की स्थापना की भी घोषणा की। अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम कल्पना सक्सेना, अपर जिलाधिकारी वित्त राजेश कुमार श्रीवास्तव तथा अपर जिलाधिकारी प्रशासन मनोज कुमार सिंह ने भी इस अवसर पर हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत करते हुए समाज को महिला उत्पीडन के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया। उन्होंने महिला हेल्प लाइन 1090 तथा 100 के व्यापक प्रचार पर भी जोर दिया।
प्रयत्न संस्था के अध्यक्ष एवं आयोजन सचिव समर्थ प्रकाश ने अपने सम्बोधन में कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान महावीर चौक जिसके आस पास लगभग 22 शैक्षणिक संस्थाऐं स्कूल व कॉलेज हैं और आये दिन छात्राएं छेड़छाड़ की शिकार होती है। उनको यह महिला पुलिस चौकी की स्थापना कराने का निर्णय लिया है यह महिला जागरूकता सप्ताह की शुरूआत में नव वर्ष पर एक महत्वपूर्ण भेंट है। इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। 
प्रयत्न संस्था की ओर से नारी सशक्तीकरण एवं सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ आज डीएवी कॉलेज मैदान पर बडी संस्था मंे लगभग तीन हजार इंटर कालेज के बच्चों की उपस्थिति में समाज के विभिन्न वर्गो के वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. बीबी सिंह ने कहा कि आज बच्चों में चरित्र निर्माण की आवश्यकता है। यह दायित्व शिक्षण संस्थाओं का है कि वे बच्चांे के चरित्र निर्माण में अपना योगदान दें। उन्होंनें कहा वैसे तो समाज के लिए तमाम नियम कानून हैं, उनका पालन कराने के लिए पुलिस की भी व्यवस्था है, लेकिन स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए समाज को स्वस्थ चिंतन देने की आवश्यकता हैं उन्होंने कहा कि भारत की परम्परा में नारी को देवी का रूप देते हुए पूजा जाता है। इसके बावजूद आज महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध चिंता का विषय है। एसएसपी ने कहा कि महिला उत्पीडन की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य स्तर पर हेल्प लाइन 1090 शुरू की गई है। इसके अलावा शहर में 100 नम्बर पर भी कोई शिकायत सीधे दर्ज कराई जा सकती है। इस पर तत्काल कार्यवाही होगी। उन्होंनें कहा कि अब सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ अगर महिला उत्पीडन के मामले साबित होते हैं तो उसके चरित्र सत्यापन पर धब्बा लग जाएगा। इसके साथ ही ऐसा व्यक्ति कभी डीएल तथा कुछ अन्य जरूरी सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाएगा। इन नंबंरो कें अलावा महिला थाना तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी इस तरह की घटनाआंे की शिकायत की जा सकती है। उन्होंनें घरेलू विवादों का नासमझी की उपज बताते हुए  कहा कि जिले में ऐच्छिक ब्यूरों में पिछले वर्ष 542 मामले दर्ज किए गए। इनमें 495 में समझौता कराकर एक बडी सफलता हासिल की गई। केवल पंद्रह ऐसे मामले थे जिनमें उत्पीडन की रिपोर्ट दर्ज की गई। उन्होंनें बताया कि शहर में यौन दुर्व्यवहार की घटनाआंे पर अंकुश लगाने के लिए कुछ स्थानों पर सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा स्कूल कॉलेजों में भी संस्थाओं से अंकुश लगाया जा सके। उन्होंनें कहा कि जिले में ऐसे मामलों में रासुका के तहत भी कार्यवाही की गई है। अपर जिलाधिकारी वित्त राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि समाज से अपराध रोकने के लिए देशीाक्ति की भावना बच्चों में भरना जरूरी है। उन्होंनें कहा कि कारगिल युद्ध के समय जब पूरा देश राष्ट्रीय चिंतन में था, उस समय सामान्य अपराधिक घटनाएँ नगण्य थीं। ऐसे में शिक्षण संस्थाओं को इस परम्परा को आगे बढ़ाने की जरूरत हैं
एसपी क्राईम कल्पना सक्सेना ने कहा कि हमारे समाज में लडकियों पर तमाम तरह की बंदिशें बचपन से ही लगाई जाती रही हैं इससे उनका मनोबल गिरता है। कई बार जाने अनजाने में स्वयं को कमजोर समझ बैठती हैं। इसका लाभ असामाजिक तत्व उठाते हैं। उन्हांेनें कहा कि कई बार घर में माता अथवा पिता द्वारा किसी बात पर डांट दिए जाने से क्षुब्ध होकर लडकियाँ बाहर निकलती हैं तो किसी अनजान से मिलने वाले हल्के से आश्वासन में बहकर गलत हाथों का शिकार हो जाती है। उन्होंनें झाँसी से अपहृत कर लाई गई युवती का उदाहरण देते हुए कहा कि परिवार के बडे लोग अगर कुछ कहते भी हैं तो वे भले के लिए ही कहते हैं। इससे परेशान नहीं होकर क्षणिक आवेश में गलत कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्हांेनें वूमेन हेल्प लाइन के नम्बरों 1090 तथा 100 को लडकियों के लिए सुरक्षा कवच बताया और इसके बेहतर प्रचार पर जोर दिया।
पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश ने कहा कि हमारी परम्परा में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है। जरूरत है कि बच्चों मंे अपनी संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा की जाए। डीएवी कॉलेज के सचिव डॉ एमके बंसल ने कहा कि स्कूल कॉलेजों में इसे लेकर जन जागरण की जरूरत है। राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य गीता जैन ने महिलाओं खासतौर से लडकियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया। ऐच्छिक ब्यूरो की सदस्य बीना शर्मा ने कहा कि नारी सशक्तीकरण महिलाओं में स्वाभिमान तथा आत्मनिर्भरता जगाकर ही पूरा किया जा सकता है। आयोजन सचिव प्रयत्न संस्था के अध्यक्ष समर्थ प्रकाश ने कहा कि इस सप्ताह का उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना है और इसके तहत हस्ताक्षर अभियान के अलावा पोस्टर, स्लोगन व निबंध प्रतियोगिताओं तथा गोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंनें बताया कि हेल्प लाइन से सम्बन्धित 50 हजार पत्रक पूरे शहर में बांटे जाऐंगें। आज के आयोजन के प्रभारी डी0ए0वी0 इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शिव कुमार यादव ने सभी का आभार जताया। इस मौके पर कृष्ण गोपाल रईस, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष कुंजबिहारी अग्रवाल, डॉ. एससी कुलश्रेष्ठ, आर्ट ऑफ लिविंग की सुनयना शर्मा, सोनिया लूथरा, फादर विनय कुमार, होती लाल शर्मा, मनेश गुप्ता, प्रयत्न के सचिव विपुल भटनागर, डा. एसके गुप्ता, एसडी इण्टर कॉलेज, प्राचार्य, डॉ गरिमा जैन, गौहर सिद्दीकी, डॉ. एनके पु्रथी, गोविंद वर्मा, अनिता शर्मा, विपुल भटनागर, आरिफा नकवी, अमित पत्पतीया, राहुल गोयल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। संचालन वरिष्ठ पत्रकार ऋषिराज राही ने किया। इसके साथ ही विशाल बैनर पर हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की गई।

1090 नम्बर से छात्राओं को मिलेगी सुरक्षा: समर्थ प्रकाश


1090 नम्बर से छात्राओं को मिलेगी सुरक्षा: समर्थ प्रकाश

(ब्यूरो कार्यालय)

मुजफ्फरनगर (साई)। प्रयत्न संस्था के समर्थ प्रकाश ने कहा कि संस्था द्वारा महावीर चौक पर महिला पुलिस चौकी स्थापित कराने की अपील एसएसपी से की गयी थी। जिसको उन्होंने मानते हुए महावीर चौक पर अस्थाई महिला पुलिस चौकी स्थापित कराने की घोषणा भी की है। इसके अलावा वुमैन पावर लाईन हैल्पलाइन 1090 का भी शुभारम्भ कर दिया गया है। इस नम्बर पर फोन करने पर छात्राओं को तत्काल सुरक्षा मुहैया करायी जायेगी। उन्होंने बताया कि जागरूकता सप्ताह के तहत पूरे सप्ताहभर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे तथा विशाल मानव श्रृंखला मनाई जायेगी। समर्थ प्रकाश ने बताया कि आज डीएवी इंटर कालेज में चार हजार छात्र छात्राओं द्वारा जागरूकता अभियान में सहयोग करते हुए डीएवी इंटर कालेज में चार हजार हस्ताक्षर किये गये है। विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राओं द्वारा भी हस्ताक्षर अभियान को समर्थन दिया जा रहा है। समर्थ प्रकाश ने बताया कि प्रयत्न संस्था का प्रयास है कि नगरवासियों को जागरूक बनाया जाये खासकर छात्राओं को सुरक्षा प्रदान करायी जाये। इसके लिए प्रयत्न संस्था लगातार प्रयासरत है। 

चौटाला का घोटाला हुआ साबित, जनता के सामने आया सच: तेजेंद्र पाल मान


चौटाला का घोटाला हुआ साबित, जनता के सामने आया सच:  तेजेंद्र पाल मान

(राज कुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। पूर्व मुख्यमंत्री एंव इनैलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला एंड कंपनी द्वारा अपने शासन के दौरान किया गया जेबीटी घोटाला अब पूरी तरह से साबित हो चुका है और सीबीआई ने जहां इस मामले की सहीं एंव पूरी जांच की है वहीं अदालत ने भी अब उन्हें दोषी करार दिया है, जिसके चलते ही अब उनकी राह सत्ताा की नहीं बल्कि जेल की बन चुकी है। यह कहना है पूर्व मंत्री एंव कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तेजेंद्रपाल मान का।
रोहणी अदालत द्वारा ओमप्रकाश चौटाला व उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला सहित सभी 55 लोगों को दोषी करार दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अदालत पूरी तरह से अपना कार्य कर रही है और जो जैसा करेगा उसे वैसा तो भरना ही पड़ता है। उन्हें पूरा यकिन है कि माननीय अदालत उन्हें 22 जनवरी को जेल की कोठरी में भेज देगी और प्रदेश की जनता को भी सकून मिल सकेगा। मान ने कहा कि चौटाला ने वर्ष 1999 से 2000 में जेबीटी शिक्षकों की पूरी तरह से अवैध भर्ती की थी, जिसमें उन्होंने सभी नियमों व कायदे को ताक पर रख दिया था।
लेकिन आज अदालत ने प्रदेश की जनता को न्याय दिया है और इससे भविष्य में भी नियमों को ताक पर रखे जाने की आंशका पर पूर्ण विराम लग जाएगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि अब सच जनता के सामने आ गया है और माननीय अदालत ने भी स्पष्ठ कर दिया है कि चौटाला एंड कंपनी ने जेबीटी घोटाला किया था, इसके बावजूद भी इनैलो नेता अभी भी यही आरोप लगा रहे है कि सीबीआई ने कांग्रेस सरकार के दबाव में यह कदम उठाया है जबकि इस प्रकार का कोई घोटाला नहीं किया गया और भर्ती पूरी तरह से नियमानुसार की गई थी।
यह कहकर इनैलो नेता फिर से प्रदेश की जनता को गुमराह करने में लगे है, लेकिन अब जनता पूरी तरह से समझ चुकी है और इनैलो नेताओं द्वारा कांग्रेस सरकार पर लागए जा रहे आरोपों को पूरी तरह से नकार देगी। मान ने कहा कि इनैलो नेता अदालत के इस फैंसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कह रहे है, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि माननीय हाईकोर्ट भी जनता के साथ न्याय करेगा और चौटाला व अन्य दोषियों को जेल में ही भेजने का कार्य  करेगा।
मान ने चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि चौटाला एंड पार्टी की मंशा एंव नीति हमेशा ही लूट एंव खसौट की रही है। उनके शासन काल में बैठा लोगों के दिलों में भय निकल नहीं पा रहा है और उस समय को याद कर लोग सिंहर उठते है। उन्होंने कहा कि गत दिवस हरियाणा विधान सभा के स्पीकर कुलदीप शर्मा द्वारा हजकां विधायकों को लेकर दिया गया फैंसला एक सही फैंसला है और यही फैंसला ही आना चाहिए था।
अब इस फैंसले को विरोधी लोगों द्वारा गलत ठहराया जा रहा है , जिसका उनके पास कोई आधार नहीं है और वह इस फैंसले से विचलित हो उठे है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस की वर्तमान सरकार में प्रदेश के हर क्षेत्र में एक समान विकास कार्य हुए है, जिसके चलते ही आज हर वर्ग एंव क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ी हुुई है। उन्होंने लोगों को कहा कि वर्तमान सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का ही परिणाम है कि आज चारों ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा का गुणगान हो रहा है।
जहां मुख्यमंत्री ने हरियाणा को विकास से लेकर हर क्षेत्र में नंबर एक प्रदेश बना दिया है वहीं अब हरियाणा सरकार की नीतियों का अनुकरण अन्य राज्यों की सरकारें भी करने लगी है। प्रदेश सरकार की नीतियों की सराहना गैर कांग्रेसी सरकारों द्वारा भी की जा रही है और कांग्रेस अपने घोषणापत्र के अनुसार हर वायदे पर खरी उतर पाई है। उन्होंने कहा कि गत दिवस भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गन्ने के भाव बढ़ा कर किसान हितैषी होने का प्रमाण दे दिया है जबकि किसानों के हित में पहले भी वह अनेकों कदम उठा चुके है। सरकार ने किसान से लेकर कर्मचारी तक हर वर्ग के कल्याण को लेकर नीतियां बनाई है और उन पर कार्य किया है। 

जाली अंगुठा लगाकर हड़पने के आरोप


जाली अंगुठा लगाकर हड़पने के आरोप

(ब्यूरो कार्यालय)

कैथल (साई)। अपने कार्यकाल दौरान 5 वर्ष तक महिला की बुढ़ापा पेंशन जाली अंगुठा लगाकर हड़पने के आरोप में वांछित साबका सरपंच को कलायत पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर एक दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया। महिला ने शिकायत में आरोप लगाया था, कि आरोपियों ने अंततरू उसे 2011 में मृत दिखा दिया, जबकि वह सकुशल ङ्क्षजदा है। पुछताछ उपरांत सरकारी कर्मचारी समेत कुछ अन्य भी संदेह के घेरे में आए है, जिन पर नियमानुसार कार्यवाही कर शिकंजा कसा जाएगा। आरोपी को आज अदालत में पेश कर 29 जनवरी तक 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। जिला पुलिस प्रवक्ता आर.एल. खटकड़ ने बताया कुराड़ वासी महिला मनकुर पत्नी धुपङ्क्षसह की शिकायत पर 18 अगस्त 2011 में दर्ज मामले अनुसार सरकारी योजना अनुसार बुढ़ापा, विधवा व अपंग पैंशन योग्य व्यक्तियों को सरपंच के माध्यम से बांटी जाती है। साबका तथा वर्तमान सरपंच सरकारी पैसे का गबन व दुरुपयोग करते हुए धोखाधड़ी पुर्वक महिला का जाली अंगुठा लगाकर पैशन हड़पते रहे तो जांच उपरांत 8 माह की पैशन हड़पने के आरोप में एक आरोपी पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पुर्व के वर्ष 06 से 10 तक के 5 वर्ष कार्यकाल दौरान महिला की पैंशन हड़पने वाले साबका सरपंच रामपाल को कलायत पुलिस के सबइंस्पेक्टर सुभाष चंद ने गिरफ्तार किया है।

मारूती ने बढ़ाए कारों के दाम


मारूती ने बढ़ाए कारों के दाम

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी की कारें आज से मंहगी हो गई हैं। आज से मारुति की सभी कारें 20 हजार रुपय तक महंगी हो गई हैं। मारुति ने दिसंबर माह में ही कीमतों में एक से तीन फीसदी तक की बढ़ोतरी की बात कही थी।
मारुति सुजुकी के सीईओ (मार्केटिंग व सेल्स) मयंक पारीख ने बताया कि कच्चे माल की लागत में बढोतरी और मुद्रा की कीमत में उतार-चढ़ाव आने से कंपनी के मार्जिन पर पड़ते दबाव के चलते गाड़ियों के दाम बढ़ाने पड़े हैं। कंपनी देश में इंट्री लेवल कार मारुति 800 से लेकर इम्पोर्टिड किजाशी की बिक्री करती है। मारुति 800 की एक्स शोरूम कीमत 2.09 लाख है, वहीं किजाशी की 17.52 लाख है।
साल 2012 की दूसरी वित्तीय तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 5.41 फीसदी घटकर 227.45 करोड़ रुपये रह गया था। इसके पीछे मानेसर प्लांट में हुई हिंसा, बिक्री में गिरावट और मुद्रा में उतार-चढ़ाव की वजह रही है। मारुति के अलावा अन्य कार कंपनियां भी नए साल में अपनी कीमतों में वृद्धघ् िकर रही है।

फेसबुक ने किया अपने आप को अपग्रेड


फेसबुक ने किया अपने आप को अपग्रेड

(यशवंत)

न्यूयार्क (साई)।लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने अपने उपभोक्ताओं के लिए नई सुविधा ग्राफ सर्च पेश की है जिसकी मदद से उन्हें साइट पर लोगों, फोटो या खास स्थलों से जुडी सामग्री खोजने में आसानी होगी। ग्राफ सर्च का उपयोग मेरे मित्रों के फोटो या मेरे मां द्वारा डाले गये मेरे मित्रों के 1990 से पहले के फोटो जैसी सामग्री खोजने में किया जा सकेगा।
इस सेवा का अभी विकास किया जा रहा है और अभी केवल कुछ सैकडों लोगों ने कल इस सेवा का उपयोग किया। कुछ समय बाद यह सेवा संभवत सभी उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी। अगर यह सेवा सफल रही तो यह चिरप्रतिद्वंद्वी गूगल की येल्प और वीडियो स्टरीमिंग साइट नेटफिक्स जैसी रेटिंग्स सेवाओं को चुनौती देगी। फेसबुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कैलीफोर्निया में मेंलो पार्क में कंपनी के नये मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ग्राफ सर्च सेवा गूगल की वेब सर्च सेवाओं से अलग अनुभव देगी। नई सेवा में शुरुआत में चार बिन्दुओं लोग, स्थल, फोटो और रुचि के अनुसार सामग्री की खोज की जाएगी। यह खोज सोशल नेटवर्क पर खोजकर्ता से जुडे लोगों की सामग्री में से होगी।
प्रमुख सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक ने अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए एक खास टूल ग्राफ सर्च जारी किया है। इसके जरिए किसी खास इंसान, स्थान, तस्वीर और रुचि की चीजें ढूंढना और आसान हो जाएगा। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, कि आप सैंद्धांतिक रूप से फेसबुक से यह जानकारी मांग सकेंगे कि सान फ्रांसिस्को में आपके कौन से मित्र हैं और श्ग्राफ सर्चश् इसमें आपकी मदद करेगा।
इस टूल के जरिए फोटो भी ढूंढा जा सकेगा जो कि फेसबुक के लिए बिल्कुल नई चीज है। फेसबुक के इंजीनियरिंग विभाग के निदेशक लार्स रैसमुसेन ने कहा, श्फोटो लोगों की जिज्ञासा, उसे कितनी बार पसंद किया गया है या उस पर कितनी टिप्पणी आई है, के आधार पर दिखाई देगा। उदाहरण के लिए, आप पेरिस में ली गई अपने दोस्त की तस्वीर देख सकेंगे और या फिर उस तस्वीर को भी जो राष्ट्रीय उद्यान में ली गई हो। फेसबुक इस्तेमाल करने वाले लोग यह भी देख सकेंगे कि उनके किस मित्र ने किस रेस्तरां में भोजन किया है।

भू-अर्जन कार्रवाई में ढ़िलाई सामने आने पर होगी सख्त कार्रवाई - कलेक्टर


भू-अर्जन कार्रवाई में ढ़िलाई सामने आने पर होगी सख्त कार्रवाई - कलेक्टर

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)। भू-अर्जन की कार्रवाई में किसी भी तरह की ढ़िलाई सामने आने पर संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। एवार्ड सहित भू-अर्जन से संबंधित अन्य सभी कार्यवाही समयबद्ध कार्यक्रम के तहत पूरी करें। उक्त आशय के निर्देश कलेक्टर पी नरहरि ने मंगलवार को भू-अर्जन प्रकरणों की समीक्षा बैठक में जल संसाधन तथा राजस्व विभाग के मैदानी अधिकारियों को दिये।
यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में खासकर हरसी उच्च स्तरीय नहर संभाग क्रमांक-1 व 2 तथा जल संसाधन संभाग ग्वालियर के अंतर्गत चल रही भू-अर्जन की कार्रवाई की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान नरहरि ने कहा कि भू-अर्जन की कार्रवाई की वजह से हरसी उच्च स्तरीय नहर प्रणाली तथा अन्य जल संरचनाओं के काम कदापि प्रभावित न हों। इसके लिये जल संसाधन विभाग के अधिकारी तथा तहसीलदार व नायब तहसीलदार आपसी समन्वय बनाकर काम करें। उन्होंने भू-अर्जन प्रकरणों में अनियमितता बरतने की शिकायत सामने आने पर चीनौर क्षेत्र के एक पटवारी को निलंबित करने के निर्देश भी दिए। नरहरि ने जिला पंजीयक को भी ताकीद किया कि संबंधित उप पंजीयकों से वांछित जानकारी तत्परता से मुहैया कराएँ।
बैठक में बताया गया कि हरसी उच्च स्तरीय नहर संभाग क्रमांक- 1 व 2 तथा जल संसाधन संभाग ग्वालियर के अंतर्गत भू-अर्जन के कुल 249 प्रकरण प्रचलित हैं। इनमें से 96 प्रकरणों में एवार्ड पारित किए जा चुके हैं। साथ ही शेष प्रकरणों में से 153 में धारा-4 की कार्रवाई भी हो गई है। कलेक्टर ने शेष प्रकरणों में भी एवार्ड पारित करने की कार्रवाई जल्द से जल्द पूर्ण करने को कहा है। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि भू-अर्जन राशि का वितरण अभियान बतौर किया जाए।
बैठक में संयुक्त कलेक्टर एवं भू-अर्जन प्रभारी श्रीमती विदिशा मुखर्जी, हरसी उच्च स्तरीय नहर संभाग क्रमांक-1 के कार्यपालन यंत्री सुनील सेठी, क्रमांक-2 के कार्यपालन यंत्री बी के शर्मा, जल संसाधन संभाग ग्वालियर के कार्यपालन यंत्री बी के गर्ग तथा जिला पंजीयक ए के सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

आंगनवाड़ी केन्द्रों के समय में परिवर्तन


आंगनवाड़ी केन्द्रों के समय में परिवर्तन

(सुरेंद्र जायस्वाल)

जबलपुर (साई)। प्रदेश के अनेक स्थानों पर शीतलहर का प्रभाव देखा जा रहा है।  सर्द मौसम से बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों के वर्तमान समय पर परिवर्तन करते हुए प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक निर्धारित किया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा महिला एवं बाल विकास जबलपुर ने जिले के समस्त एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों का यह समय परिवर्तन 31 जनवरी 2013 तक प्रभावी रहेगा।