शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

बेलगाम जुबानें फड़कते बाजू!


बेलगाम जुबानें फड़कते बाजू!

(लिमटी खरे)

नेताओं को अपना मुंह खोलने के पहले संयंम बरतना बेहद जरूरी है। नेताओं के मुंह से निकली वाणी उनके समर्थकों, अनुयाईयों के लिए पत्थर की लकीर होती है। नेताओं द्वारा कही गई बात से बवाल मच सकता है। भारत पाकिस्तान की सीमा पर भारतीय सैनिक के सर काटे जाने के उपरांत देश में जमकर हंगामा मचा। इसके पहले गेंग रेप के मामले में भी हंगामा हुआ था। गेंग रेप के समय देश में युवाओं का गुस्सा सड़कों पर था, इसलिए किसी भी दल के नेता ने कुछ बोलने का साहस नहीं जुटाया। अब जब मृत सेनिक की बेवा अपने पति के सर को लाने के लिए अनशन पर बैठी तब नेताओं की तंद्रा टूटी और बयानबाजी आरंभ हुई। सुषमा स्वराज ने पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना बयान देकर ठहरे हुए पानी में हलचल मचा दी। उधर, सहिष्णु का लबादा ओढ़े भारत की छवि नपुंसक की बनती जा रही है। इंटरनेशनल मंच पर पाकिस्तान की हरकतें जग जाहिर हैं इसलिए भारत बचा हुआ है, वरना हिना रब्बानी ने तो सुषमा स्वराज के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देकर भारत पर उकसाने का आरोप मढ़ ही दिया था।

भारत पाक सीमा पर युद्ध विराम का उल्लंघन अनेकों बार हुआ है। एक दशक में यह तीसरी बार हुआ है कि भारतीय जवानों के सर काटकर ले गए पाकिस्तान के जवान। कठोर कार्यवाही के आदेश ना दिए जाने पर जवानों का मनोबल टूटा और खबरों के अनुसार उन्होंने सौ घंटे तक बिना भोजन लिए ही अपनी ड्यूटी पूरी की। भारत सरकार इस बात पर ही अपनी पीठ थपथपाती रही कि उसने पाकिस्तान को चेता दिया, उसने पाकिस्तान के राजदूत को तलब कर अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया।
यह स्वीकार्य मान्यता है कि भारत देश सहिष्णु, सभी धर्मों का आदर करने वाला, सहनशील, पडोसी धर्म निभाने वाला, सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाला, सत्य का साथी है। अब यह भी कहा जाने लगा है कि सहिष्णुता की आड में हमने नपुंसकता को ओढ़ लिया है। दुनिया को दिखाने के चक्कर में हम अपनी असली पहचान खोते जा रहे हैं। पाकिस्तान के खिलाफ भारत के पास सैकड़ों सबूत हैं जिनसे साबित किया जा सकता है कि पाकिस्तान द्वारा ही भारत के अंदर आतंकवाद फैलाकर अस्थिरता की कोशिशें जारी हैं।
बावजूद इसके भारत बार बार कभी क्रिकेट के बहाने, कभी उदार वीजा नीति के बहाने, कभी सड़क, कभी रेल मार्ग के बहाने पाकिस्तान से दोस्ती की पहल करता ही आ रहा है। प्रचीन किंवदंती का जिकर यहां लाजिमी होगा। एक साधु नदी किनारे से गुजर रहे थे। नदी में उन्होंने एक बिच्छू को बहाव में संघर्ष करते देखा। उनसे नहीं रहा गया। उन्होंने बिच्छू को हाथ में उठाकर बाहर निकालना चाहा।
बिच्छू ने उन्हें डंक मार दिया। फिर वह पानी में गिर पड़ा। साधु ने दोबारा उठाया फिर वही हुआ। पांच सात बार डंक के असर से साधू का हाथ शून्य पडने लगा तो उन्होंने दूसरे हाथ का प्रयोग किया। अंततः वे काफी देर बाद बिच्छू को नदी से बाहर निकालने में सफल हो ही गए। यह सब कुछ एक व्यक्ति देख रहा था। उसने साधू से पूछा -‘‘भंते, बिच्छू आपको बार बार डंक मार रहा था। आप उसे पानी में ही छोड़ देते ना मरने के लिए, क्यों बार बार आपने कष्ट सहा।‘‘
साधु ने मुस्कुराकर जवाब दिया -‘‘पुत्र, दरअसल, डंक मारना बिच्छू की फितरत है और बचाना हमारा धर्म।‘‘ तातपर्य यह कि हम बार बार दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं और पाकिस्तान बार बार डंक मारने से बाज नहीं आता है। जब स्थिति यह है तो आखिर हम ही क्यों बार बार दोस्ती का हाथ बढ़ाएं। इस मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का स्टेंड सही है कि पाकिस्तान को वे गुजरात में ना तो खेलने देंगे और ना ही व्यापारिक गतिविधियों में भागीदार बनने देंगे।
इस मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज का बयान आश्चर्यजनक ही माना जाएगा कि भारतीय जवान का सर नहीं ला सकते तो कम से कम दस पाकिस्तानियों के सर ले आओ। सुषमा स्वराज दिल्ली की सीएम रही हैं। सांसद हैं उनका संसदीय जीवन लंबा है। सुषमा स्वराज को गंभीर नेताओं की श्रेणी में गिना जाता है। सबसे बड़ी बात वे महिला हैं।
पकिस्तान की इस बर्बरता पर उनका उद्वेलित होना स्वाभाविक है, किन्तु उनसे इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती। सुषमा स्वराज के इस तरह की बयानबाजी से भाजपा के युवाओं के बाजू फड़कने लगेंगे और वे कुछ कर गुजरने के लिए कुछ भी कर डालेंगे। इसकी जवाबदेही किसकी होगी? क्या पाकिस्तान सीमा में घुसना हंसी खेल है, कि वहां से लोगों के सर काटकर लाए जाएंगे।
वहीं, दूसरी ओर सुषमा स्वराज के बयान के बाद ही पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भी अपना मुंह खोला और कह ही दिया कि भारत युद्ध भड़काने का प्रयास कर रहा है। सुषमा के बयान के कारण ही पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चढ़ने का मौका मिल गया। हिना रब्बानी खार ने यह तक कह डाला कि पाकिस्तानी हुकूमत किसी भी तरह के युद्ध ना करने की नीति पर कायम है।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की तर्ज पर खार ने कहा कि अगर कोई ठेठ पाकिस्तानी सरकार होती तो इसका जवाब वह जैसे को तैसा की तर्ज पर देती। लेकिन हमारी सरकार ने पिछले कुछ दिनों में भारत द्वारा दिए आक्रमक बयानों पर शांतिपूर्वक प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के दो सैनिक मरे और भारत का कहना है कि उनके भी दो सैनिक मरे हैं। पाकिस्तान सरकार युद्ध की स्थिति को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है।
यह तो वैश्विक स्तर पर सभी पाकिस्तान को अच्छी तरह से जानते हैं वरना खार के बयान से तो भारत को बैकफुट पर आने पर मजबूर होना ही पड़ता। नरेंद्र मोदी के तल्ख रवैए और सरकार के कुछ हद तक सख्त हुए तेवरों से पाकिस्तान ने अपने आप को पीछे कर बातचीत की पेशकश की है।
इस संबंध में जनरल विक्रम सिंह का बयान तारीफे काबिल रहा। जनरल ने दो टूक शब्दों में कमोबेश यही बात कही कि पाकिस्तान अगर अपनी हरकतें बंद नहीं करता है तो भारत को अपने तरीके से कदम उठाने का पूरा हक है। माना जा रहा है कि जनरल का यह बयान हुक्मरानों की सहमति के उपरांत ही मीडिया में आया है।
वैसे देखा जाए तो मंच से बोलते समय तालियों की गड़गड़हाट सुनने को बेचेन राजनेता अक्सर अपना संयम तोड़ देते हैं। कभी कभी तो सुर्खियों में बने रहने भी नेताओं द्वारा आम जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है। मामला चाहे उत्तर भारतीयों को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे का हो या फिर शिवसेना प्रमुख स्व.बाला साहब ठाकरे का। दोनों ही नेताओं ने जात पात और क्षेत्रवाद की बात कहकर लोगों के मन मस्तिष्क में जहर बो दिया है। कहने का तातपर्य महज इतना ही है कि किसी भी बारे में बयान देने के पहले नेताओं को कम से कम यह तो सोच लेना चाहिए कि उनके बयानों की प्रासंगिकता क्या है और सभ्य समाज पर उनकी बयानबाजी का क्या असर पडने वाला है।

चुनावी साल में सो रहे शिव के गण!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 39

चुनावी साल में सो रहे शिव के गण!

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में जनकल्याणकारी नीतियों की लंबी लाईन लगा रखी है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता का ग्राफ दिनों दिन उपर ही उठ रहा है। विपक्ष चाहकर भी शिवराज पर हमले नहीं कर पा रहा है। इन परिस्थितियों में इस साल गणतंत्र दिवस पर मध्य प्रदेश की झांकी ना होना आश्चर्य का ही विषय माना जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि देश के हृदय प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण के लिए बेटी बचाओ अभियान का आगाज किया। इसके उपरांत 2007 में लाडली लक्ष्मी योजना का श्रीगणेश किया जिसमें लगभग साढ़े तेरह लाख बच्चियां अब तक लाडली लक्ष्मी बन चुकी हैं। महिलाओं पर आधारित तेजस्वनी योजना के तहत स्वसहायता समूहों का गठन भी किया गया है।
शिवराज सिंह चौहान के खाते की सबसे सुपर डुपर हिट योजना है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना। इस योजना पर आधारित झांकी अगर इस साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ से गुजरती तो निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में भाजपा को जमकर लाभ होता। इस योजना में उत्तराखण्ड, उड़ीसा, गुजरात, जम्मू काश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडू, झारखण्ड, कर्नाटक और महाराष्ट्र का चयन किया गया है।
इन राज्यों में जब तीर्थ दर्शन योजना की रेलगाडी जाती और उसकी जमकर पब्लिसिटी करवाई जाती तो निश्चित तौर पर इसका लाभ वहां भाजपा को मिल सकता था। इन राज्यों में भाजपा की स्थानीय इकाई अगर तीर्थ यात्रियों का स्वागत करती तो इसका संदेश बहुत ही अच्छा जा सकता था, विडम्बना ही कही जाएगी कि मध्य प्रदेश के सरकारी नुमाईंदे और शिवराज सरकार के अंगों ने इस दिशा में विचार ही नहीं किया।
देश की राजधानी दिल्ली के मंहगे व्यवसायिक इलाके कनाट सर्कस के बाराखम्बा रोड़ स्थिति मध्य प्रदेश आवासीय आयुक्त के कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 2013 के अंत में चुनाव होने हैं और फिर अगली सरकार किसकी बनती है अगले साल गणतंत्र पर प्रदेश की झांकी क्या बनेगी यह बात भविष्य के गर्भ में है, किन्तु इस बार गणतंत्र दिवस पर चुनावी साल होने के बाद भी इसका फायदा मध्य प्रदेश के सरकारी नुमाईंदों ने शिवराज सिंह को नहीं लेने दिया, जो आश्चर्य का विषय ही माना जा रहा है। सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क के फील्ड पब्लिसिटी में पदस्थ एक अधिकारी इस बात से नाराज हैं कि उनका तबादला दिल्ली से वापस कर दिया गया था, इसलिए पिछले दो सालों से उन्होंने इस मामले में अपनी दिलचस्पी ना दिखाते हुए झांकी के प्रोग्राम से किनारा ही कर रखा है।

मौसम ने पल्टी मारी, बरसा कहर


मौसम ने पल्टी मारी, बरसा कहर

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। मौसम में आई अचानक गर्मी से राहत महसूस कर रहे देशवासियों के सामने एक बार फिर से परेशानी उतपन्न हो गई है। देश के अनेक स्थानों में बर्फ, ओले, मवाठे गिरने से मौसम में ठण्डक घुल गई है। मैदानी इलाकों में भी सुर्खा यानी ठण्डी हवाओं ने लोगों को घरों में दुबके रहने पर मजबूर कर दिया है।
जम्मू से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से विनोद नेगी ने बताया कि कश्मीर घाटी में इस मौसम की सबसे भारी बर्फ गिरने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। घाटी मे बिजली सप्लाई में भी रूकावट आई है। ऊंचाई वाले इलाकों में भारी हिमपात के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है और कई इलाकों में बर्फानी तूदे गिराने की चेतावनी जारी की गई है। श्रीनगर शहर भी बर्फ की चादर में लिपटा हुआ है। श्रीनगर- जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए भी दूसरे दिन भी बंद है। प्रशासन ने घाटी में सड़कों से बर्फ हटाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।
साई ब्यूरो ने मौसम विभाग के हवाले से खबर दी है कि जम्मू कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में बर्फीले तूफान की चेतावनी दी है। साथ में हिमस्खलन का अंदेशा भी जताया है। बर्फबारी का सबसे ज्यादा असर पुंछ इलाके में पड़ा है, जहां दो से दस फीट तक बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है। जम्मू-कश्मीर से भी भारी बर्फबारी की खबर है। स्नो ऐंड एवलांच स्टडी इस्टेबलिशमेंट (सासे) ने सेना को चेतावनी जारी करते हुए कश्मीर के बर्फीले इलाकों में अलर्ट रहने को कहा है। डिवीजनल डिजास्टर मैनेजमेंट कश्मीर ने कुछ इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी भी जारी की है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद कर दिया गया। प्रदेश में औसतन 2 फीट तक बर्फ गिरी है।
जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को कश्मीर घाटी समेत पीर पंजाल के ऊंचे पर्वतों पर हल्की बारिश के साथ बर्फबारी हुई। काजीकुंड में 6.2 मिलीमीटर हिमपात हुआ। यहां मौसम विभाग ने और बर्फबारी की संभावना जताई है। भारी बर्फबारी के कारण 294 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया है। यह कश्मीर को शेष देश से जोडऩे वाला एकमात्र सड़क मार्ग है।
राज्य में ताजा हिमपात और मैदानी इलाकों में बारिश हुई है। न्यूनतम तापमान माइनस से सामान्य की ओर लौट आया है। उधर, भारी बारिश और बर्फबारी के बाद शिमला में भी अधिकतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस लुढ़क गया। यहां का अधिकतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस रहा। लद्दाख में भीषण ठंड जारी है। उधर, मैदानी इलाकों में हुई बारिश एवं बर्फीली हवाएं चलने से ठंड में इजाफा हुआ है। खुश्क मौसम की वजह से कड़ाके की ठंड झेल रहे वादी के लोगों को राहत मिली है। श्रीनगर में तापमान माइनस से उभर कर 0.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा है।
उधर, शिमला से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रीता वर्मा ने बताया कि समूचा हिमाचल प्रदेश भी भीषण शीतलहर की चपेट में है। राजधानी शिमला सहित कुफ्री, नारकंडा, मनाली और डलहौजी जैसे पर्यटन स्थलों में भी बर्फबारी हुई। वहीं, हिमाचल प्रदेश के शिमला सहित कुफरी, नारकंडा, मशोबरा, चौल में दिनभर हिमपात होता रहा। यहां 10 से 12 सेंटीमीटर बर्फ पड़ी। मनाली, शाली, चौल और सोलन जिले में भी सुबह हल्का हिमपात हुआ। निचले इलाकों में बारिश हुई। धुंध की वजह से भारत-तिब्बत रोड पर यातायात प्रभावित रहा।
शिमला में अधिकतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस लुढ़ककर 6.3 डिग्री सेल्सियस हो गया। सुबह शिमला का न्यूनतम तापमान 0 डिग्री तक पहुंचा। सुंदरनगर का न्यूनतम तापमान 4.4, भुंतर 2.8, कल्पा -3.2, धर्मशाला 9.4, मंडी 2.5, नाहन 8.7 और सोलन 5 डिग्री सेल्सियस था। प्रदेश के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश से लंबे समय से सूखी जमीन तर हो गई है। किसानों के चेहरों पर रौनक है। सेब बागबान बाग-बाग हो गए हैं। मायूस दिख रहे पर्यटन व्यवसायियों के फिर दिन निकल पड़े हैं। हो भी क्यों न पहाड़ों पर उम्मीद के फाहों की बरसात जो हुई है।
 पहाडिय़ों पर ताजा बर्फबारी से हिमाचल प्रदेश में शीतलहर बढ़ गई है। गुरुवार शाम पांच बजे तक मनाली में आधा फुट बर्फ दर्ज की गई। यहां सैलानियों का आगमन भी शुरू हो गया है। पर्यटन स्थल नगर, जगतसुख, रांगड़ी, रोहतांग सहित ग्रांफू व कोकसर, धुंधी जोत, मकरवेद व शिकरवेद की पहाडिय़ों, हनुमान टिब्बा, इंद्र किला, हामटा, भृगु जोत, दशौहर लेक में भी भारी बर्फबारी हो रही है। जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में हवाई सेवा भी ठप हो गई है। केलांग में चार मरीज है। इनमें से एक ही हालत नाजुक है। प्रशासन ने हवाई सेवा मांगी है। लेकिन मरीजों को मौसम खराब होने के चलते दो दिन तक और इंतजार करना पड़ सकता है। शिमला के डीएम ट्रैफिक एचके गुप्ता ने बताया कि रामपुर डिपो की बस को वाया बसंतपुर शिमला भेजा गया। बर्फबारी के चलते यातायात व्यवस्था ठप रही। इसके अलावा रोहतांग और मनाली आदि क्षेत्रों में भारी हिमपात के बाद यातायात ठप हो गया है।
उत्तर भारत में मौसम फिर से बदल गया है। दिल्ली के अलावा मैदानी इलाकों में कई जगहों पर सीजन में पहली बार ओले गिरे हैं जबकि पहाड़ों पर भारी बर्फबारी हो रही है। दिल्ली में गुरुवार शाम से ही रुक-रुककर बरसात शुरू हो गई हुई और देखते ही देखते कई जगह ओले पड़ने लगे। मौसम विभाग की मानें ठंड एक बार फिर तेज हो सकती है।
उत्तर प्रदेश समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य में कई स्थानों पर हल्की बारिश हुई। यह बारिश गेहूं समेत सभी फसलों के लिए लाभदायक है। मुजफ्फरनगर में 3.4 और मेरठ में 1.7 मिलीमीटर बारिश हुई। गुजरात में भी कच्छ-भुज, सौराष्ट्र और बनासकांठा इलाकों में बारिश हुई। हालांकि इस बारिश से राज्य में नमक उद्योग को नुकसान की आशंका है।
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर से साई ब्यूरो सचिन धीमान ने बताया कि जिले में दस साल बाद बीस मिनट तक आसमान से ओले बरसते रहे और सड़कों पर बर्फ के टुकड़ों की चादर बिछ गई। ओलों से फसलों को नुकसान होने का खतरा है। इस बीच पहाड़ों पर कई जगह बर्फबारी जारी है।
इसके पहले बुधवार की रात और गुरुवार के दिन में हिमाचल में बर्फबारी के चलते 2 दर्जन से ज्यादा सड़कें बंद हो गईं। प्रदेश के कई इलाकों में 2 फुट तक बर्फ जम गई। कश्मीर में सेना को हिमस्खलन का अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश से हाल बेहाल है। यूपी के कई इलाकों में बारिश हुई और ओले भी गिरे। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ का असर बढ़ने की वजह से मौसम में यह बदलाव आया है। 48 घंटों में मौसम और बिगड़ सकता है। हिमाचल और उत्तराखंड में अगले 48 बर्फबारी की चेतावनी दी गई है।
आने वाले दिनों में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ठंड फिर जोर पकड़ सकती है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के सक्रिय होने से गुरुवार को जम्मू कश्मीर में ताजा हिमपात हुआ। वहीं मैदानी इलाकों में बारिश हुई। कई जगह ओले भी पड़े। राजस्थान में जयपुर, शेखावाटी क्षेत्र में, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मध्यप्रदेश के ग्वालियर, मुरैना और नई दिल्ली में बारिश के साथ ओले गिरे।
 मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार बुधवार को आया पश्चिमी विक्षोभ के तूफान से नीचे की हवा सतह से 8 किमी. तक आसमान में उठ गई। 3500 मी. से ऊपर नमी और पानी की बूंद बर्फ बन जाती है। नमी घुलने के कारण बनी बूंदें बर्फ के टुकड़ों में बदलने से ओलावृष्टि हुई। विक्षोभ के कारण जिन स्थानों पर हवा 3500 मी. से कम ऊंचाई पर उठी, वहां बूंदें जमी नहीं और बारिश के रूप में बरसी।
राजस्थान से साई ब्यूरो से शैलेन्द्र ने बताया कि मौसम विभाग ने अगले 36 घंटे में उतरी राजस्थान और खासकर जयपुर, बीकानेर और जोधपुर संभाग में मेघ गर्जना और आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना व्यक्त की है। जयपुर में अगले 24 घंटे में बादल छाने और हल्की बौछारों की संभावना व्यक्त की गई है।
राजस्थान में मौसम का मिजाज फिर बदल गया। कई स्थानों पर बारिश हुई और ओले गिरे। जयपुर में रात करीब सवा दस बजे पांच्यावाला, वैशालीनगर, सीकर रोड, झोटवाड़ा, कालवाड़, मुरलीपुरा सहित कई इलाकों में आंधी चली। इस दौरान बेर के आकार तक के ओले गिरे। रात 11 बजे तक फुहारें गिरती रहीं। यहां तापमान १४.८ डिग्री रिकॉर्ड किया गया। जोधपुर और चूरू सहित शेखावाटी के कई हिस्सों में बारिश हुई। कई जगह ओले भी गिरे। मौसम विभाग ने आगामी ३६ घंटों में उत्तरी राजस्थान में फिर बारिश की संभावना जताई है।
गुडगांव से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से अनेशा वर्मा ने बताया कि हरियाणा में गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे एकाएक मौसम ने करवट बदली। पहले हल्की बूंदाबांदी हुई, फिर अचानक अंधियारी छा गई। मौसम का यह परिवर्तन शहरी व ग्रामीण क्षेत्र दोनों स्थानों पर रहा। कुछ देर बाद जब अंधियारी छठी और मौसम साफ हुआ तब फिर बारिश की फुहारें गिरना शुरू हुईं। ऐसे में खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हैरानी तब हुई जब पानी के साथ-साथ तेज गति से ओलावृष्टि होने लगी। आसमान से सफेद मोती झडऩे का यह नजारा पांच से छह मिनट तक रहा।
मुजफ्फरनगर से साई ब्यूरो प्रमुख सचिन धीमान के अनुसार सुबह अचानक बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ शुरू हुई बारिश दोपहर बाद तक रूक रूक कर चलती रही। दोपहर करीब दस बचे हल्की धूप निकली लेकिन अचानक काले बादल छा गये और देखते ही देखते आसमान से आलों की बारिश शुरू हो गई। करीब दस मिनट तक जबरदस्त ओलावृष्टि होती रही। नगर की सड़कें ओलों की चादरों से बिछ गई। आधा इंच के करीब मोटे ओलों को देखकर नागरिक हैरान हो गये। इसके बाद करीब दो बजे फिर धूप निकली जिससे मौसम ठीक हुआ लेकिन तीन बजे के बाद फिर बर्फीली हवाओं ने नागरिकों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया।
कई दिन की लगातार ठंड के बाद पिछले दो दिनों से मौसम में कुछ गर्मी थी गत दिवस भी मौसम ठीक ठाक रहा। रात्रिमें तारे भी निकले लेकिन अचानक गुरूवार की सवेरे मौसम का मिजाज अचानक बदल गया और आसमान में काली घटा के बीच बरसात शुरू हो गयी। थोड़ी-थोड़ी देर बाद पड़ रही बरसात के कारण सड़कों पर पानी और कीचड़ हो गया। ग्यारह बजे के आसपास मौसम खुला लेकिन उसके थोडी देर बाद ही अचानक ही आसमान में काले-काले बादल छा गये। इन बादलों से बारिश की बूंदों की बजाये बर्फ की बौछार शुरू हो गयी। कंचे के आकार के ओले सड़कों पर दूर-दूर तक बिछ गये। पूरी सड़क पर रूई सी बिछी महसूस होने लगी। लेकिन बाद में थोड़ी सी बौछार के बाद ही आसमान फिर पूरी तरह से साफ हो गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बरसात के बाद पाला पूरी तरह से धुल जायेगा। हालांकि अभी ठंड से निजात नहीं मिलेगी। अगले एक सप्ताह तक सर्दी का प्रकोप जारी रहने की उम्मीद है।

तेल में राहत, डीजल में लगी आग, रसाई गैस हुई शांत


तेल में राहत, डीजल में लगी आग, रसाई गैस हुई शांत

(सुमित माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। पेट्रोल के दाम में २५ पैसे प्रति लीटर की कमी की गई है, लेकिन डीजल की कीमत में ४५ पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। बढ़ी हुई कीमतें कल आधी रात से लागू हो गईं हैं। भारतीय तेल निगम के सूत्रो ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अब डीजल का दाम दिल्ली में ४७ रूपये ६५ पैसे, कोलकाता में ५१ रूपये ५१ पैसे, मुम्बई ५३ रूपये ७१ पैसे और  चेन्नई में ५० रूपये ६८ पैसे होगा।
सरकारी सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि सरकार ने प्रत्येक परिवार के लिए एक साल में सब्सिडी वाले रसोई गैस के सिलेंडरों की संख्या ६ से बढ़ाकर ९ कर दी है। तेल कंपनियों को समय-समय पर डीजल की कीमतों में मामूली बढ़ोत्तरी करने की भी इजाजत दे दी गई है। पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने कल नई दिल्ली में राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद बताया कि सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों  और मिट्टी के तेल की कीमतों में कोई बदलाव नही किया गया है।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या छह से बढ़ाकर नौ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि बगैर सब्सिडी वाले रसोई गैस के सिलेंडर के दाम में ४६ रुपए पांच पैसे की वृद्धि की गई है।श्री मोइली ने बताया कि उपभोक्ताओं को सितम्बर २०१२ से मार्च २०१३ के बीच की अवधि में सब्सिडी वाले पांच सिलेंडर मिलेंगे और १ अप्रैल २०१३ से उन्हें हर साल ९ सिलेंडर मिला करेंगे।

बढ़ेगा मोदी का कद


बढ़ेगा मोदी का कद

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। भारतीय जनता पार्टी में हिन्दुत्व का पर्याय बन चुके गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि फरवरी में नरेंद्र मोदी को पार्टी की इलेक्शन कैंपेन कमिटी का मुखिया बनाया जा सकता है।
संघ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस माह के अंत तक नितिन गड़करी की दुबारा ताजपोशी पूरी कर ली जाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक नितिन गडकरी पार्टी का अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल शुरू करने के एक-दो हफ्तों के अंदर नरेंद्र मोदी का नाम पार्टी की कैंपेन कमिटी के चेयरमैन के रूप में सुझा सकते हैं।
आमतौर पर बीजेपी अपनी कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष की नियुक्ति इलेक्शन से ठीक पहले करती है, लेकिन इस बार हालात काफी अलग और महत्वपूर्ण हैं। भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि वह इलेक्शन से काफी पहले ही नई कैंपेन कमिटी का गठन कर दे। ऐसा इसलिए, क्योंकि कांग्रेस पहले ही तय कर चुकी है कि उसके प्रचार का जिम्मा राहुल गांधी संभालेंगे। ऐसे में बीजेपी नहीं चाहती कि वह चुनाव की तैयारियों में पिछड़ जाए।
बताया जा रहा है कि इस कदम के पीछे का मकसद जेडीयू को एनडीए के साथ बनाए रखना भी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर बीजेपी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार बनाती है, तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो जाएगी। बीजेपी नहीं चाहती कि एनडीए की महत्वपूर्ण सहयोगी पार्टी उसका साथ छोड़े। इस तरह के हालात टालने के लिए मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के बजाए चुनाव प्रचार कमिटी का हेड बनाना पार्टी समझदारी भरा फैसला हो सकता है।

मेट्रो में चढ़ना होगा महंगा


मेट्रो में चढ़ना होगा महंगा

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली मेट्रो में पांच महीने बाद यात्रा करना महंगा हो सकता है क्योंकि सरकार द्वारा किराया तय करने के लिए बनाई गयी समिति इस दौरान यात्री किराया बढाने को लेकर अपनी सिफारिशें दे सकती है। दिल्ली मेट्रो के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि किराए बढ़ाने का फैसला स्वतंत्र समिति करेगी।
सूत्रों ने आगे कहा कि यह स्वतंत्र समिति जमीनी हालात का विस्तार से अध्ययन करने के बाद अपनी सिफारिशें देगी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा गठित समिति अगर किराये में बढोतरी की सिफारिश करती है तो दिल्ली मेट्रो को इसे लागू करना होगा। उधर, मंगू सिंह ने यहां मेट्रो संग्रहालयके एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘किराया तय करने के लिए समिति का गठन हुआ है।
वे चार से पांच महीने में अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देंगे। वे स्वतंत्र रुप से काम करेंगे और जरुरत के अनुसार समय लेंगे।’’ दिल्ली मेट्रो का किराया पिछली बार 2009 में बढाया गया था और तब से कोई वृद्धि नहीं की गयी है। दिल्ली मेट्रो रेलवे (संचालन और देखरेख) कानून, 2002 के अनुसार केंद्र सरकार समय समय पर समिति का गठन कर सकती है जो किरायों को लेकर सिफारिशें दे सकती है।
मंगू सिंह ने रात 12 बजे के बाद मेट्रो ट्रेनें चलाने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि इस समय यात्रियों की तरफ से इस तरह की कोई मांग नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘एक तरह से हम रात 12 बजे तक ट्रेनें चला रहे है और सुबह 5 बजे से कुछ देर पहले ही सेवाएं शुरु हो जाती हैं। इसलिए मुझे 12 बजे के बाद ट्रेनें चलाने की कोई जरुरत नहीं लगती। रात को चलने वाली आखिरी ट्रेनों में मुश्किल से ही कुछ यात्री होते हैं।’’डीएमआरसी प्रमुख ने यह भी कहा कि दिल्ली मेट्रो इस बारे में पता लगाने के लिए कवायद कर रही है कि उसके स्टेशनों के बाहर प्रकाश व्यवस्था ठीक है या नहीं ताकि महिलाओं समेत यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस


विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। दो बार प्रदेश में मुंह की खाने के बाद कांग्रेस फिर से संगठित होकर सत्ता वापसी के प्रयास में जुट गई है, जिसके उसे सफल परिणाम भी प्राप्त हुए हैं। विगत दिनों हुए मंडी चुनावों और उसके बाद हुए सहकारिता चुनावों में जिले भर में अधिकतर कांग्रेस के ही प्रत्याशी विजयश्री प्राप्त कर पाये हैं। कांग्रेस में इस आक्रामकता का मुख्य कारण युवाओं की बढ़ती भागीदारी को माना जा रहा है। पुराने हो चुके नेता एक तरह से दरकिनार कर दिये गये हैँ और पूरी बागडोर कांग्रेस की शांत पड़ी यूथ लॉबी ने संभाल ली है।
एक ओर जहां कांग्रेस विजय का पताका फहरा रही है, वहीं भाजपा अपनी कार्यकारिणी की घोषणा में जुटी हुई है। इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस के बुजुर्ग नेता और छत्रप ठा। हरवंश सिंह खास नजर बनाये रखे हुए हैं। कांग्रेस के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बाताया कि मंडी अध्यक्ष के तौर पर हरवंश सिंह, पदम सनोडिया को देखना चाहते थे, किंतु यूथ लॉबी के निर्णय पर ही उन्हें झुकना पड़ा और वर्षों के इतिहास में पहली बार प्रत्यक्ष तौर पर उनके आदेश की नफरमानी हुई है।
सिवनी से विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस में काफी घमासान मचने की उम्मीद है, जहां यूथ बिग्रेड पूर्व जिला युकां अध्यक्ष और वर्तमान राष्ट्रीय समन्वयक राजा बघेल के नाम की बांट जोह रही है, वहीं जिला पंचायत के अध्यक्ष मोहन चंदेल, राजकुमार खुराना सहित कई दिग्गज लाईन में लगे हुए हैं, जबकि इन सभी कांग्रेसियों को मुख्य खतरा नगर पंचायत लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष मुनमुन राय से दिखाई दे रहा है। क्योंकि उनकी माताजी के खिलाफ कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा था, जिसके चलते मुनमुन राय को भी कांग्रेसी उम्मीदवार बनाया जा सकता है। । देखना होगा कि इस बार राष्ट्रवादी कांग्रेस का समझौता फैक्टर सिवनी में लागू होता है कि नहीं।।?

सट्टे के मकडज़ाल में फंसा युवा वर्ग


सट्टे के मकडज़ाल में फंसा युवा वर्ग

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। कुछ दिनों पहले मीडिया की जागरूकता के चलते न चाहते हुए भी पुलिस प्रशासन को शहर भर के तमाम सट्टेबाज और खाईबाजों को खदेडऩा पड़ा था। प्रतिदिन अखबारों पर इन सभी सट्टेबाजों के नाम से ही समाचार प्रकाशित हो रहे थे। इस दबाव के चलते पुलिस ने भी आनन- फानन में अपनी कार्यवाही की, किंतु कुछ दिनों तक इस काले धंधे पर लगाम लगने के पश्चात पुनरू दोगुनी रफ्तार से इसकी शुरूआत हो चुकी है, अब इन सट्टेबाजों के द्वारा दैनिक वेतनभोगी के रूप में अपने कर्मचारी रख लिये गये हैं, जो कि पट्टी लिखना और भुगतान करने का काम करते हैं। पुलिस महकमे के जिन लोगों का वीडियो फेसबुक में अपलोड किया गया था, उन पर भी जिला पुलिस अधीक्षक के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिसके चलते फिर से ये लोग 100, 200, 500 और 1000-5000 अपनी अपनी वर्दी पर लगे स्टार के दम पर वसूल रहे हैं।
प्रतिदिन दोपहर के लगभग 04 बजते ही नगर में सट्टे खाईबाजों के मोबाईल घनघनाने लगते हैं और दूसरी ओर से आवाज आती है हां भाई, ओपन क्या आई है?। पुनः यही बात शाम 06 बजे, रात 9ः20 और रात्रि 12- 12ः30 बजे होती है। यह आश्चर्य की बात है कि सिवनी नगर में सट्टे का कारोबार चलाता है। आश्चर्य इस बात का है कि जहां पुलिस प्रशासन अपनी सक्रियता के डिंडौरे पीटता है, वहीं उनकी नाक के नीचे यह सट्टे का कारोबार चल रहा है और हमारे खाकीधारक सच्चे सिपाहियों को इस बात की भनक भी नहीं। या शायद यह हो कि कुछ सिक्कों की खनक के कारण यह सारी घटना पर स्वयं पर्दा डालते हैं। नगर निरीक्षक महोदय तो मानो इस विषय पर कोई रूचि ही नहीं लेते। इस कारण सैकड़ों परिवार प्रतिदिन बर्बादी की कगार में जा रहा है। दिन भर अपनी मेहनत मजदूरी कर चंद रूपए अपने परिवार के लिए कमाने वाले ये मजदूर किस्म के लोग धन कमाने के इस शार्टकट रास्ते पर चलते हैं, लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं होता कि यह शार्टकट रास्ता उनकी बर्बादी का कारण बनता है। सट्टे के खेल में जो उग जाता है वह हंसी- खुशी अपने परिवार के साथ अपने दिन बिताता है, लेकिन जो डूब जाता है वह शराब के नशे में धुत होकर अपने ही परिजनों को शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा देने से भी नहीं चूकता। दूसरी तरह से अगर कहा जाए तो घरेलू हिंसा का सबसे बड़ा कारण सट्टा भी है, जो आए दिन हर गली मोहल्ले में घटता नजर आता है, लेकिन हमारा पुलिस प्रशासन इन मामलों में पंगु बनकर सिर्फ छोटी- मोटी उपल्बिधयों से ही अपनी पीठ थपथपाता है।
नगर में बुधवारी बाजार, भैरोगंज चौक, गणेश चौक, शुक्रवारी, मंगलीपेठ और गंज क्षेत्र सट्टे का प्रमुख केंद्र बन गये हैं, जहां शहर भर के छोटे छोटे सट्टा लिखने वाले अपनी लिखी पट्टी की कटाई भी कराते हैं और खुद भी सट्टा लिखाते हैं। देखा जाये तो ये केवल जल्द से जल्द पैसा कमाने वालों तक ही सीमित रहने वाला खेल नहीं रह गया है, बल्कि शासकीय कार्यालयों तक इसकी पैठ हो चुकी है। एक जैन व्यापारी तो शासकीय कर्मियों को सट्टे का शौक पूरा करने के लिए ब्याज पर रकम तक उपलब्ध करवाता है साथ ही वह उन कर्मचारियों की बैंक पासबुक और एटीएम पासवर्ड सहित अपने पास रख लेता है, जिससे वेतन के आते ही वह ब्याज सहित बैंक से वसूल लेता है। ये व्यापारी अक्सर बैंक ऑफ इंडिया के आसपास बड़ी आसानी से चाय पान की दुकान में नजर आ ही जाता है। सट्टे के साथ- साथ सूदखोरी के इस मकडज़ाल से पुलिस निजात दिलाती है कि नहीं या जैसे यह गंदगी फैल रही है, फैलते रहेगी? यह आगामी समय में पता चलेगा।

मेला स्थल की व्यवस्थाओं का जायजा


मेला स्थल की व्यवस्थाओं का जायजा

(सौमित्र श्रीवास्तव)

विदिशा (साई)। शमशाबाद के ग्राम नहरयाई में 19 जनवरी को आयोजित होने वाले अन्त्योदय मेला की तैयारियों के तहत की गई व्यवस्थाओं का जायजा गुरूवार को शमशाबाद विधायक सूर्यप्रकाश मीणा और अपर कलेक्टर नरेन्द्र कुमार त्रिवेदी ने  संयुक्त रूप से लिया। ग्राम नहरयाई में पहुंचकर उनके द्वारा तमाम व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया गया और कमियों को अविलम्ब दूर करने के निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर उनके साथ संजय सागर परियोजना के कार्यपालन यंत्री प्रमोद शर्मा, शमशाबाद तहसीलदार श्रीमती किरण बरवडे, सीईओ नटेरन झा समेत अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
विधायक मीणा एवं अपर कलेक्टर त्रिवेदी ने मुख्य कार्यक्रम हेतु बनाए गए मंच का अवलोकन किया एवं वहां मुख्य फ्लैक्स लगाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार मंच सज्जा के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश उनके द्वारा दिए गए।
इसके पश्चात् उनके द्वारा विभिन्न विभागों के द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रदर्शनी स्थलों का भी निरीक्षण किया गया वही रोगोपचार शिविरों के तहत आयोजित होने वाले स्वास्थ्य परीक्षण के लिए तैयार किए गए काउन्टरों को भी देखा। इससे पहले उनके द्वारा संजय सागर बांध (बाह्य मध्यम परियोजना) के लोकार्पण हेतु निर्धारित आवागमन मार्ग, स्थल, पार्किंग, हेलीपैड इत्यादि का भी निरीक्षण किया।
मेले में जनसम्पर्क विभाग, शिक्षा विभाग, उद्यानिकी, कृषि विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, सिंचाई विभाग, आयुष विभाग सहित अन्य विभागो के द्वारा प्रदर्शनी आयोजित की जायेगी। जिससे मेले में आने वाले कृषकों एवं ग्रामीणों को शासन द्वारा चलाई जा रही विभागवार योजनाओं की उचित जानकारी मिल सकें। अपर कलेक्टर ने सिंचाई विभाग के विश्राम गृह की साफ-सफाई एवं पानी की व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।

छोटे उद्यमियों को भी बड़े निवेशकों की तरह मिलेंगी सुविधायें- चौहान


छोटे उद्यमियों को भी बड़े निवेशकों की तरह मिलेंगी सुविधायें- चौहान

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा प्रदेश में बढ़े- बढ़े निवेशकों व उद्योगपतियों की तरह छोटे- छोटे उद्यमियों की भी बराबरी की अहमियत है। प्रदेश सरकार छोटे उद्योगों के लिये भी बढ़े उद्योगों के समान हर तरह की सुविधायें मुहैया कराएगी। चौहान गुरूवार को ग्वालियर में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन देने के मकसद से आयोजित हुए प्रदेश के पहले क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
यहाँ ग्वालियर व्यापार मेला परिसर स्थित कला मंदिर में आयोजित हुए क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टाटा, बिरला एवं अंबानी जैसे उद्योगपति क्यों नहीं पैदा हो सकते। प्रदेश में इस तरह से औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे यहाँ भी बड़े-बड़े उद्योगपति उभरकर सामने आयें। चौहान ने इस मौके पर दृढ़संकल्प होकर त्रिवाचा भरी कि मध्यप्रदेश से भी बड़े-बड़े उद्योगपति ‘‘निकालूँगा-निकालूँगा-निकालूँगा’’। साथ ही कहा कि मध्यप्रदेश बीमारू राज्य से ऊपर उठकर औद्योगिक निवेश के लिहाज से सम्पूर्ण देश में पाँचवे स्थान पर पहुँच गया है। हम सभी मिलजुलकर मध्यप्रदेश को देश का नंबर-वन प्रदेश बनायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में निवेश को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसी कड़ी में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये क्षेत्रीय सम्मेलनों की श्रृंखला शुरू की गई है। जिसके तहत ग्वालियर में पहला सम्मेलन आयोजित कर ग्वालियर-चंबल अंचल के लघु उद्यमियों को बुलाया गया है। उन्होंने कहा युवा उद्यमियों को प्रदेश सरकार 25 लाख रूपए लागत के स्वरोजगार स्थापित करने पर शत-प्रतिशत ऋण गारंटी देगी। साथ ही रोजगार स्थापना के प्रारंभिक पाँच वर्ष तक पाँच प्रतिशत ब्याज अनुदान भी सरकार द्वारा युवा उद्यमियों को दिया जायेगा। इसी तरह 50 हजार रूपए लागत के लघु उद्योग पर 20 प्रतिशत मार्जिन मनी व ऋण गारंटी भी सरकार देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में केवल विनिर्माण उद्योगों को ही नहीं अपितु सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र से जुड़े उद्योगों मसलन अस्पताल, शिक्षा, वेयरहाउसिंग आदि को भी विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। चौहान ने कहा कि गाँव-गाँव तक उद्योगों की श्रृंखला बने, इसके लिये राज्य सरकार ने गाँवों को भी 24 घण्टे बिजली देने की क्रांतिकारी पहल की है। इस दिशा में फीडर सेप्रेशन का काम युद्ध स्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कृषि को दिये गये प्रोत्साहन की बदौलत हमारे प्रदेश की कृषि विकास दर 18.91 प्रतिशत पहुँच गई है, जो पूरे देश में अग्रणी है। मध्यप्रदेश अब सकल उत्पादन एवं प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में भी पूरे देश में पहले पायदान पर है। चौहान ने कहा कि पहले जहाँ मात्र 7 लाख हैक्टेयर रकबे में सिंचाई होती थी, जो पिछले साल बढ़कर 21 लाख हैक्टेयर हो गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इस साल 24 लाख हैक्टेयर तक सिंचाई का रकबा पहुँचे।
स्थानीय सांसद श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय स्तर के कृषि कर्मण पुरस्कार के लिये बधाई दी। साथ ही विश्वास व्यक्त किया कि कृषि की भाँति प्रदेश में लघु और मध्यम उद्योगों को भी पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्वालियर अंचल में भी औद्योगिक विकास की गति तेज होगी। चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विष्णु कुमार गर्ग ने ग्वालियर-चंबल अंचल में लघु उद्यमियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्वालियर में क्षेत्रीय एमएसएमई सम्मेलन आयोजित करने के लिये मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया। साथ ही उद्यमियों की ओर से माँगे भी रखीं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के दास ने विषय की प्रस्तावना रखी और प्रदेश की उद्योग मित्र नीति के तहत हो रहे निवेश के प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। आरंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर क्षेत्रीय एमएसएमई सम्मेलन का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के अंत में उद्योग आयुक्त टी धर्माराव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव भूपेन्द्र जैन ने किया। 

19 जनवरी से दो दिवसीय व्हालीवाल प्रतियोगिता


19 जनवरी से दो दिवसीय व्हालीवाल प्रतियोगिता

(महेंद्र देशमुख)

बालाघाट (साई)। खेल प्रतियोगिता को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से दो दिवसीय अंतर्राज्यीय व्हालीवाल प्रतियोगिता का आयोजन ग्राम भेंडारा (डोंगरमाली) में दिनांक 19 से 20जनवरी 2013 तक किया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुये समिति अध्यक्ष अरविंद बंसोड़ ने बताया कि प्रतियोगिता का शुभारंभ सुरेन्द्रपाल सिंह डाबर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस वारासिवनी की अध्यक्षता गजेन्द्रसिंह वर्धमान (नगर पुलिस अधिक्षक बालाघाट) के मुख्य आतिथ्य, रामकुमार नगपुरे सरपंच खैरलांजी, देवेन्द्र प्रताप सिंह चौहान (पुलिस थाना प्रभारी रामपायली) श्रीमति ममता हेमंत लिल्हारे (जिला पंचायत सदस्य), श्रीमति भुलन बाई रामचंद भोंगाड़े, जनपद सदस्य, श्रीमति डुलन अशोक लिल्हारे के विशेष आतिथ्य में आयोजित किया गया है। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 5555/- रू. एवं शिल्ड, द्वितीय पुरस्कार 3333/- रू. एवं शिल्ड, तृतीय पुरस्कार 1111/- रू. शिल्ड प्रदान किया जायेगा। अधिक संख्या में पहुंचने की अपील अध्यक्ष अरविंद बंसोड़, अजय ठाकुर ने की है। साथ ही खेल प्रेमी नागरिकों से प्रतियोगिता के दौरान होने वाले मैचों में अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने की अपील की गई है।

जनवरी माह हेतु 204 मीट्रिकटन शक्कर आवंटित


जनवरी माह हेतु 204 मीट्रिकटन शक्कर आवंटित

(संजय कौशल)

नरसिंहपुर (साई)। लक्ष्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य शासन द्वारा नरसिंहपुर जिले को माह जनवरी 2013 के लिए 204 मीट्रिकटन शक्कर का आवंटन दिया गया है। सभी बी.पी.एल. एवं ए.ए.वाय.कार्डधारी उपभोक्ताओं को समान रूप से प्रति राशन कार्ड एक किलो 600 ग्राम के मान से शक्कर वितरित की जायेगी।
इस सिलसिले में कलेक्टर संजीव सिंह ने संबंधित सभी शाखा प्रबंधकों, लीड प्रबंधकों और सीधा उठाव करने वाले उचित मूल्य दुकानदारों को निर्देशित किया है कि वे जनवरी माह की शक्कर का पूर्ण उठाव अनिवार्य रूप से कर लें। शक्कर का भण्डारण करायें और इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शक्कर का आवंटन कोटा किसी भी दशा में लेप्स नहीं हो। भण्डारित शक्कर माह जनवरी में ही संबंधित उपभोक्ताओं को वितरित कराई जाना सुनिश्चित किया जावे।

सरकार का खजाना भरा है जनता खुशहाल हो इसलिये बांट रहे है:डॉ.कुसमरिया


सरकार का खजाना भरा है जनता खुशहाल हो इसलिये बांट रहे है:डॉ.कुसमरिया

(के.पूनम)

दमोह (साई)। मध्यप्रदेश सरकार का खजाना भरपूर भरा हुआ है जनता खुशहाल हो इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गरीबों को हितग्राही मूलक योजनाओं में पैसा बांट रहे है। लोगबाग योजनाओं को पढ़े, समझे और लाभ उठायें। ये उद्गार जिले की बटियागढ़ जनपद मुख्यालय पर आयोजित अन्त्योदय मेला सह-लोक कल्याण शिविर को सम्बोधित करते हुए मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने व्यक्त किये।
इस अवसर पर उन्होंने लगभग 13 हजार हितग्राहियों को विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं को लाभान्वित करते हुए उन्हें 12 करोड़ 80 लाख रूपये के ऋण अनुदान राशि के चेक वितरित किये। मेले में प्राप्त 204 आवेदनों में से 168 आवेदनों का भी मौके पर निराकरण कराया गया। इसी तरह मेडीकल बोर्ड द्वारा जांच पश्चात् 18 निशक्तजन को विकलांगता संबंधी प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 265 लोगो का स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाई वितरित की गई। लाड़ली लक्ष्मी योजना में 160 लाड़लियों को राष्ट्रीय बचत पत्र भेंट किये गये। कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत स्वीकृत 35 किसानों को डीजल विद्युत पम्प 53 को स्प्रिंकलर, 15 को सीड ड्लि, 560 को स्पेयर पम्प, 75 को सिंचाई हेतु पाइप लाइन, 21 को सीड कम फर्टिलाइजर ड्लि, 7 को मल्टी क्राप थ्रेशर, 11 को ट्रैक्टर, 35 एच.पी. 75 को डस्ट दवा, इसके साथ ही राजस्व विभाग के तहत भू-धारक प्रमाण-पत्र, ऋण पुस्तिका मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान, खसरा नक्शा, स्कूल शिक्षा विभाग के तहत छात्रवृत्ति, सहित पशु चिकित्सा, सामाजिक न्याय, श्रम विभाग, मर्यादा अभियान, ग्रामीण विकास, तथा उद्यानिकी विभाग की हितग्राही मूलक योजनाओं में अनेक हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने मेला स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने केवल एक एवं दो बेटियों पर परिवार कल्याण अपनाने वाले अनेक दम्पत्तियों को शाल श्रीफल एवं प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने विकासखण्ड के तहत आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में अब्बल रही विभिन्न छात्राओं को सम्मानित किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री डॉ. कुसमरिया ने कहा कि प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना में 17 करोड़ 51 लाख रूपये, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 7 करोड़ 57 लाख रूपये, तथा जल संसाधन विभाग के तहत 12 करोड़ 19 लाख रूपये की स्वीकृतियां क्षेत्र को मिली है। इसी तरह मंडी बोर्ड से 70 करोड़ के कार्य जारी है तथा 30 करोड़ के कार्याे की और स्वीकृतियां है। क्षेत्र में 30 करोड़ की बिजली की योजनाएं है, बटिगयाढ़ में 132 के.व्ही. विद्युत लाइन मंजूर है। बटियागढ़ में 10 करोड़ की लागत से कृषि मंडी का निर्माण कराया जा रहा है। जेरठ के पास वेबस और गंज बरखेरा के पास जूड़ी नदी पर पुल स्वीकृत हो गया है। यह सब इसलिए हो रहा है कि सरकार का खजाना भरा है धन की कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो कार्याे को प्राथमिकता दी है जिनमें प्रथम विकास के तहत सड़क निर्माण, स्कूल भवन निर्माण, अस्पताल भवन निर्माण, सहित अधोसंरचना के कार्याे को तरजीह दी गई है दूसरे सामाजिक सरोकार से समाज की दिशा बदलने के कार्याे को कराया जा रहा है।
कृषि मंत्री डॉ. कुसमरिया ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में पेयजल की सुचारू व्यवस्था बनाये, बिगड़े हेन्डपम्पों का सुधार और पाइप लाइन बढ़ाने पर ध्यान दें। इसी तरह पाला तुषार से प्रभावित फसल नुकसानी का आंकलन शीघ्र कर किसानों को भू-राजस्व परिपत्र 6-4 के तहत नुकसानी की भरपाई कराये।
भारत सरकार कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा दिल्ली में 15 जनवरी 2013 को आयोजित कार्यक्रम में महामहिम राष्ट्पति प्रणव मुखर्जी द्वारा देश में मध्यप्रदेश द्वारा सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन व नवाचार तकनीक अपनाने के कारण कृषि कर्मण अवार्ड से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं कृषि मंत्री डॉ. कुसमरिया को सम्मानित करने के उपलक्ष्य में बटियागढ़ मंडल के गणमान्य नागरिको, किसानों ने कृषि मंत्री डॉ. कुसमरिया का जोरदार स्वागत किया। उन्हें शाल श्रीफल भेंट कर एवं पुष्प मालाएं पहनाकर अपनी भावनायें अर्पित की।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर डॉ. जे.सी. जटिया एवं जिला भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष नरेन्द्र ब्यास ने भी अन्त्योदय मेला आयोजन के उद्देश्य और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के उपाध्यक्ष किशोरी पटेल, जनपद अध्यक्ष बटियागढ़ श्रीमती सावित्री बाई अठ्या, उपाध्यक्ष श्रीमती राजेश्वरी दुबे, जिला पंचायत सदस्य करन सींग, जित्तू खरे, पथरिया कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष खरगराम पटेल, एस.डी.एम. राकेश कुशरे, सी.ई.ओ. जनपद आर.के. चौबे, सीडीपीओ शिवराय सहित गणमान्य नागरिक विभिन्न विभागों के अधिकारी गण तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण जन मौजूद थे।