मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012

कीर्ति पर डोरे डाल रही सोनिया!


कीर्ति पर डोरे डाल रही सोनिया!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। गुजरे जमाने के मशहूर क्रिकेटर और भाजपा सांसद कीर्ति आजाद पर इन दिनों कांग्रेस की सुप्रीम अथारिटी सोनिया गांधी की नजरें जमी हुई हैं। नेहरू गांधी परिवार के वफादार भगवत झा आजाद के सुपुत्र कीर्ति आजाद भाजपा के सांसद हैं और उनके बढ़ते रसूख का इस्तेमाल कांग्रेस द्वारा दिल्ली बिहार और झारखण्ड में किए जाने पर विचार चल रहा है।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (बतौर सांसद सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पिछले दिनों बिहार, झारखण्ड और दिल्ली के स्टार प्रचारकों की चर्चा के दरम्यान कीर्ति आजाद का नाम सामने आया था। इसके बाद कीर्ति आजाद की पूरी जन्म कुण्डली बुलवाई गई।
ज्ञातव्य है कि सोनिया गांधी की सास ओर पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शनी स्व.श्रीमति इंदिरा गांधी के राजनैतिक सचिव रहे भगवत झा आजाद लंबे समय तक बिहार के निजाम भी रहे हैं। नेहरू गांधी परिवार की करीबी के चलते कीर्ति आजाद के लिए भी राजीव गांधी के आवास के दरवाजे सदा ही खुले रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो भाजपा के सांसद बनने के बाद भी कीर्ति आजाद का सोनिया के निवास में आना जाना बंद हो गया। जब तक राजीव गांधी जीवित थे तब तक आजाद इस घर में बेरोकटोक घूमा करते थे। इसके बाद फिर उनके गांधी परिवार के रिश्तों में विराम लग गया किन्तु अमिताभ बच्चन जैसी तल्खियां आजाद और गांधी परिवार में नहीं हैं।
पिछले दिनों सेंट्रल हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में कीर्ति आजाद और सोनिया गांधी का जब अचानक ही आमना सामना हुआ तब कीर्ति आजाद ने सालों पहले की भांति सोनिया गांधी को भाभीसंबोधन से बुलाया, इस पर सोनिया अचकचा गईं। सोनिया की भाव भंगिमाएं देख आजाद ने तुरंत इसके लिए खेद प्रकट कर दिया। आजाद के झुकते ही सोनिया ने भी बडप्पन दिखाते हुए कह ही दिया कि आप मुझे भाभी कह सकते हैं।
संभवतः पिछले दिनों मीडिया में सोनिया गांधी की रहस्मय बीमारी के चर्चे सुनने के बाद कीर्ति आजाद ने औपचारिकतावश सोनिया से उनकी तबियत के बारे में पूछा तो सोनिया गांधी ने धीरे से कहा कि यह उपयुक्त स्थान नहीं है हाल चाल पूछने का! कभी घर आओ तब बैठकर बात होगी।
कीर्ति आजाद और सोनिया गांधी के बीच हुए इस संवाद से सियासत गर्मा गई है। कोई कह रहा है कि भाजपा से उकताकर आजाद अपने पुराने घर की ओर कदम बढ़ा रहे हैं तो कोई कहता है कि सोनिया गांधी अब कीर्ति आजाद का उपयोग अगले लोकसभा चुनावों के लिए करने के मूड में हैं। जो भी हो पर सोनिया आजाद के संवाद से कीर्ति आजाद की कीर्ति एकाएक बढ़ गई है।

टूटेगा जया का अमर गठबंधन!


टूटेगा जया का अमर गठबंधन!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। एक समय राजनीति की धुरी के केंद्र बने रहे अमर सिंह का शनी बहुत ही भारी चल रहा है। मुलायम सिंह यादव के द्वारा किनारे किए गए अमर सिंह से एक एक कर सभी ने किनारा कर लिया। अब उनकी सबसे विश्वस्त करीबी जया प्रदा भी उनको टाटा कह सकती हैं। गुजरे जमाने की अभिनेत्री जया प्रदा को अगर सियासी सफर का लुत्फ उठाना है तो उन्हें अमर सिंह को छोड़ना मजबूरी हो गया है।
भारतीय जनता पार्टी के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो भाजपा को डस्ट बिन बना दिया गया है इन दिनों। जिस भी राजनेता को किसी भी पार्टी से बाहर किया जाता है या कहीं जगह नहीं मिलती है वह भाजपा के दरवाजे पर दस्तक देने लगता है। पिछले कुछ दिनों से भाजपा में आयतित नेताओं की भीड़ को देखकर यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि अन्य पार्टियांे के कचरों को भाजपा द्वारा असानी से अपने दामन में स्थान दिया जा रहा है।
भाजपा के आलाकमान नितिन गड़करी के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रहे नटवर सिंह भी भाजपा में प्रवेश के लिए प्रयत्न कर रहे हैं। दरअसल, राजस्थान में उनका संसदीय क्षेत्र भरतपुर परिसीमन में आरक्षित हो चुका है। अब वे उत्तर प्रदेश के मथुरा से अपना भाग्य आजमाना चाह रहे हैं। नटरवर सिंह के पुत्र जगत सिंह पहले से ही भाजपा में करतब दिखा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह की करीबी रहीं अनुराधा चौधरी भी भाजपा के दरवाजे पर चिरौरी की मुद्रा में हैं। जबसे अजीत सिंह ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के साथ कदम ताल आरंभ की है तबसे अनुराधा उनसे बेहद खफा हैं, और अनुराधा सपा का दामन थाम चुकी हैं।
समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता पा चुकी जया प्रदा अब मुख्यधारा में आने के लिए हाथ पैर मार रही हैं। वे सपा में वापसी की संभावनाएं टटोल रही हैं, पर आजम खान उनकी वापसी में सबसे बड़ी रूकावट बनकर खड़े हुए हैं। भाजपा के मुख्यालयीन सूत्रों ने बताया कि मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा जया प्रदा के भाजपा में प्रवेश का रोड़ मैप तैयार कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि पिछले माह जब नकवी ने जया प्रदा की भेंट गड़करी से करवाई थी तब गड़करी ने जया प्रदा के भाजपा प्रवेश हेतु सशर्त अनुमति दे दी थी। गड़करी की शर्त थी कि जया प्रदा को अकेले ही भाजपा में प्रवेश दिया जाएगा। जया प्रदा के साथ उनके सहयोगी अमर सिंह के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हैं।
सूत्रों ने इस बात के भी संकेत दिए कि गड़करी ने जया प्रदा को भाजपा में प्रवेश के उपरांत गाजियाबाद से चुनाव लड़वाने की बात कह दी है, ताकि दिल्ली एनसीआर में उनकी छवि का लाभ उठाया जा सके। अगर जया प्रदा को राजनैतिक बिसात पर और कुछ दिन तक रहना और चलना है तो उन्हें अमर सिंह के साथ गठबंधन तोड़ना ही होगा। उधर, राजनाथ सिंह को गाजियाबाद से हटाकर लखनऊ से चुनाव लड़वाने की बात कही जा रही है।

गरबा में नहीं जा पाएंगे राजनीतिक लोग


गरबा में नहीं जा पाएंगे राजनीतिक लोग

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। नवरात्र पर गुजरात में गरबे की धूम होती है। इन गरबों में राजनैतिक दलों से जुड़े लोग मुख्य अतिथि नहीं बन पाएंगे। निवाचन आयोग ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में धार्मिक समारोहों में राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी गई है।
कल से शुरू हो रहे नौ दिन के नवरात्र समारोह पर निर्वाचन आयोग की कड़ी नजर रहेगी। आयोग के सूत्रों ने सामचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि डांडिया और आरती जैसे आयोजनों पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन इन अवसरों पर राजनीतिक नेताओं को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने पर प्रतिबंध रहेगा।
निर्वाचन आयोग ने बताया है कि संभावित उम्मीदवार और राजनीतिज्ञ एक आम नागरिक की तरह इन समारोहों में शामिल हो सकते हैं लेकिन इनके विशेष उद्घाटन या समापन समारोह नहीं होंगे। आयोग के इस निर्णय से राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों में खलबली मची हुई है।

छग में खुला अजीविका महाविद्यालय


छग में खुला अजीविका महाविद्यालय

(एन.के.श्रीवास्तव)

रायपुर (साई)। छत्तीसगढ़ सरकार ने दंतेवाड़ा जिले में एक आजीविका महाविद्यालय स्थापित किया है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया है कि इसका उद्देश्य राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या से निपटना है। इस अनोखी पहल पर सभी की नजर है।
ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ का आदिवासी बहुल दंतेवाड़ा जिला आमतौर पर नक्सली गतिविधियों की वजह से सुर्खियों में रहता है लेकिन इस जिले में बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने की ऐसी अनोखी पहल हो रही है जो शायद आगे चलकर ऐसे दूसरे जिलों के लिए भी प्रेरणा का काम करे।
दंतेवाड़ा में जिला प्रशासन ने लाइवलीहुड कालेज या दूसरे शब्दों में कहें तो आजीविका महाविद्यालय शुरू किया है। इस कालेज में शिक्षित और अशिक्षित दोनों ही तरह के युवाओं को तरह-तरह के तकनीकी प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है।

फिर चर्चाओं में जनसंपर्क


फिर चर्चाओं में जनसंपर्क

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग एक बार फिर सुर्खियों में छा गया है। मध्य प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार को लेकर सरकार द्वारा जारी किए गए विज्ञापनों पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि विज्ञापन हकीकत से दूर है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि पिछले 10 दिनों में महिलाओं पर सामूहिक ज्यादती की पांच घटनाएं हुईं। लाडली लक्ष्मीऔर बेटी बचाओअभियान सिर्फ विज्ञापनों और कागजों पर चलाने से महिलाओं की रक्षा नहीं हो सकती। सिंह ने कहा कि नेशनल क्राइम ब्यूरो ने महिला ज्यादती में मध्य प्रदेश को नम्बर एक बताया है और जो आंकड़े दिए हैं, वे बीजेपी सरकार की महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता की कलई खोलता है।
उन्होंने कहा, श्विज्ञापन के आधार पर मुख्यमंत्री रोज घाटित हो रही घटनाओं की असलियत नहीं छुपा सकते। जिन लड़कियों के साथ ज्यादती हुई है, उसके लिए सरकार सीधे जिम्मेदार है क्योंकि वह शासन-प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त बनाने के बजाय उत्सव मनाने और अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त रहती है।श्
उन्होंने कहा कि जिस समय शिवराज सरकार अखबारों में आधे पेज के विज्ञापन प्रकाशित कर गर्व महसूस कर रही थी कि महिला ज्यादतियां प्रदेश में कम हुई हैं, उसी सप्ताह राजधानी सहित ग्वालियर और दतिया में महिलाएं और नाबालिग बालिकाएं सामूहिक हिंसा की शिकार हो रही थीं।

मनमानी फीस पर रमन की लगाम


मनमानी फीस पर रमन की लगाम

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। शैक्षणिक संस्थानों द्वारा बच्चों को शिक्षा के नाम पर दुकानें खोले जाने की शिकायतें तो देश के हर हिस्से में प्रकाश में आती हैं, पर किसी भी राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किए जाने से शिक्षा की दुकानें हरी भरी ही हो रही हैं। छत्तीसगढ़ की रमन सरकार द्वारा शिक्षा की दुकानों पर नकेल कसने की कवायद आरंभ की गई है जिसकी भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है।
बच्चों की फीस के नाम पर मनमानी वसूली करने वाले राजधानी के तीन बड़े निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने को 77 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोक दिया। इसमें कृष्णा पब्लिक स्कूल (केपीएस) को सबसे ज्यादा करीब 50 करोड़ रुपए अदा करने को कहा गया है। इसके अलावा होलीक्रॉस स्कूल पेंशनबाड़ा पर सवा 25 करोड़ और जैन पब्लिक स्कूल देवपुरी पर 1.77 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया है। तीनों स्कूलों को जुर्माना अदा करने के लिए 15 दिन का वक्त दिया गया है।
इसके अलावा डीपीएस, राजकुमार कॉलेज समेत तीन स्कूलों की मान्यता खत्म करने के बारे में पत्र लिखा जा रहा है। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने बताया कि मई से यह कवायद चल रही थी। स्कूलों के दस्तावेजों की जांच में पता चला कि इन स्कूलों ने शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन करते हुए बच्चों के पालकों से मनमानी फीस ली। पहले चरण में छह स्कूलों के खिलाफ केस तैयार कर कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी के पास भेजा गया था।
वहां से अनुमति मिलते ही जुर्माने और नोटिस की कार्रवाई की गई। शिक्षा विभाग की नोटिस में इन तीनों स्कूलों को कक्षा 9 से 12वीं तक के लिए अलग निर्देश दिए गए हैं। चालू शिक्षा सत्र के दौरान हाई व हायर सेकंडरी के छात्रों से अवैध रूप से वसूली गई राशि भी स्कूल संचालकों को एक महीने के अंदर लौटानी होगी।
शिक्षा विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि तीन स्कूलों की मान्यता खत्म करने की सिफारिशजिला शिक्षा अधिकारी ने भ्रामक और अधूरी जानकारी देने के कारण देहली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), होलीक्रॉस स्कूल कांपा और राजकुमार कॉलेज (आरकेसी) की मान्यता खत्म करने की अनुशंसा शिक्षा सचिव से की है। इन स्कूलों से ऑडिट रिपोर्ट, शुल्क विवरण, छात्र संख्या सहित अन्य जानकारी मांगी गई थी। लिखित सूचना देने के बाद भी उन्होंने शासन के आदेश की अवहेलना की। कुछ ने भ्रामक जानकारी दी तो कुछ ने जानकारी ही नहीं दी।
ज्ञातव्य है कि पालकों से अवैध फीस वसूली के मामले में प्रदेश में पहली बड़ी कार्रवाई दुर्ग जिले में हुई थी। केपीएस और एमजीएम को 113 करोड़ रुपए जुर्माने के रूप में जमा करने को कहा गया था। इसके खिलाफ स्कूल संचालक हाईकोर्ट चले गए। अदालत ने आदेश को इस आधार पर रद्द कर दिया कि शिक्षा विभाग ने जुर्माना लगाने से पहले स्कूलों को पक्ष रखने का मौका नहीं दिया।
सूत्रों ने कहा कि निजी स्कूल अगर 15 दिन में जुर्माना नहीं देते हैं तो जिला प्रशासन उनकी मान्यता समाप्त कर देगा। जुर्माने के खिलाफ स्कूल कोर्ट जा सकते हैं। निर्देश के अनुसार स्कूलों को एक माह के भीतर कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के अभिभावकों को अतिरिक्त वसूली गई रकम लौटानी होगी।
साथ ही साथ अगर रकम नहीं लौटाई जाती है तो पालक प्रशासन से शिकायत कर सकते हैं। कोर्ट भी जाने का उनके पास विकल्प है। स्कूलों के कोर्ट जाने के स्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग भी कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। फैसला स्कूल के पक्ष में आने पर यह मामला ही खत्म हो जाएगा। वहीं अगर स्कूल जुर्माने के साथ छात्रों को अवैध वसूली रकम नहीं लौटाते हैं तो भी प्रशासन उनकी मान्यता रद्द कर देगा।

टेंपर लूज कर रहे खुर्शीद


टेंपर लूज कर रहे खुर्शीद

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। विवादों में फंसे देश के कानून मंत्री सलमान खुर्शीद अब नए रूप में सबके सामने आते दिख रहे हैं। खुर्शीद की हरकतों को देखकर अब उन्हें लूट टेंपर के शिकार होने का भ्रम होने लगा है। अपने ट्रस्ट पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद रविवार को कई बार अपना आपा खोते नजर आए।
अपने ट्रस्ट पर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए खुर्शीद ने कहा कि वह आम आदमी के सवालों का जवाब नहीं देंगे। इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के सदस्य अरविंद केजरीवाल की ओर से पूछे गए पांच सवालों का जवाब देने से खुर्शीद ने हालांकि इंकार कर दिया लेकिन उन्होंने अपने ट्रस्ट की ओर से उत्तर प्रदेश में लगाए गए कैंपों के बारे में बताया।
संवाददाता सम्मेलन में जब पत्रकारों ने उनसे ट्रस्ट से जुड़े सवाल पूछे तो वह कई बार अपना आपा खोता नजर आए। सवालों से तमतमाए सलमान एक दफा संवाददाता सम्मेलन बीच में छोड़कर जाने के लिए भी जुटे लेकिन स्थितियों सम्भाले जाने पर वह दोबारा पत्रकारों से रूबरू हुए।
सलमान खुर्शीद का यह कहना कि वे आम आदमी के सवालों का जवाब नहीं देंगे की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं सामने आ रही है। लोगों का कहना है कि खुर्शीद जनसेवक हैं अर्थात आम आदमी के सेवक इस नाते उन्हें आम आदमी के सवालों का जवाब देना ही होगा।

साई की वस्तुओं की नीलामी 18 को


साई की वस्तुओं की नीलामी 18 को

(विनीता विश्वकर्मा)

शिरडी/ पुणे (साई)। अहमदनगर जिले के शिरडी कस्बे के फकीर साईंबाबा के मंदिर में चढ़ाई गई कीमती वस्तुओं की नीलामी इसी हफ्ते की जाएगी। चढ़ावे में सोना और चांदी के मुकुटों सहित मूर्तियां, मालाएं, पादुकाएं, हार, हीरे तथा अन्य कीमती पत्थर शामिल हैं। प्रसिद्ध संत साईंबाबा एक शताब्दी पूर्व महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के छोटे से कस्बे शिरडी में रहते थे और यहीं उन्होंने सर्वधर्म समभाव के अपने मत का प्रचार किया था। बुजुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का गांव रालेगण सिद्धि भी इसी जिले में है।
श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के एक सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पिछले 10 वर्षाे में तीसरी बार चढ़ावों की नीलामी होने जा रही है। चढ़ावों में 32 किलो चांदी और 18 किलो सोने की वस्तुएं, 52 कीमती पत्थर तथा अन्य कीमती वस्तुएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नीलामी का पहला चरण 18 अक्टूबर (गुरुवार) से शुरू होगा। नीलामी अगले महीने के दो और गुरुवार को भी होगी।

अब सरकार पर भड़के बाबा रामदेव

अब सरकार पर भड़के बाबा रामदेव

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। इक्कीसवीं सदी के स्वयंभू योग गुरू बाबा रामदेव (राम किशन यादव) अब सरकार से बुरी तरह खफा नजर आ रहे हैं। स्वयंभू योग गुरु बाबा रामदेव अपने गुरु स्वामी शंकरदेव की गुमशुदगी की सीबीआई जांच से भड़क गए हैं। रामदेव इतने गुस्से में थे कि गाली-गलौज तक पर उतारू हो गए। गांधी परिवार को खूनीकहने से भी योगगुरु ने गुरेज नहीं किया। सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह तक के लिए रामदेव के मुंह से जमकर अपशब्द निकले।
रामदेव का कहना है कि सरकार अपने घोटालों की जांच क्यों नहीं करा रही। सीबीआई उनके गुरु के प्रकरण की निष्पक्षता से जांच करेगी इसमें उन्हें संदेह है। रामदेव ने ये भी कहा कि गुरु शंकरदेव से उनका कोई विवाद नहीं था। विरासत में उनसे कुछ नहीं मिला, न ही गद्दी का कोई विवाद था।
बाबा रामदेव ने कहा कि स्वामी शंकरदेव की गुमशुदगी के लिए उत्तराखंड सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है, हम इसका स्वागत करते हैं। हम पीएम और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ये गुजारिश करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में एक जांच आयोग बने जो बालकृष्ण, शंकरदेव और हमारे ट्रस्टों की जांच करें। सारे प्रश्नों की जांच हो।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने जानबूझकर जांच की सिफारिश की है। इतिहास साक्षी रहा है कि सीबीआई की एक ही प्रतिशत जांच सही होती है। सीबीआई हमारे गुरु जी की तलाश करती है, इससे बड़ी बात हमारे लिए कोई नहीं हो सकती।
रामदेव ने कहा कि मुझ पर आरोप लगते हैं कि बाबा ने दबाब डालकर केस बंद करा दिया। क्या कांग्रेस से हमारी कोई रिश्तेदारी है। रामदेव ने कहा कि पीड़ितों को न्याय न देकर उसे ही दोष देना ये कांग्रेस की संस्कृति है। लालबहादुर शास्त्री, सुभाष चंद्र बोस और डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच क्यों नहीं होती। रॉबर्ट वाड्रा के पिता की मौत की जांच क्यों नहीं होती। उन्होंने कहा कि मैं शुक्रिया करता हूं अरविंद केजरीवाल को जिन्होंने वाड्रा को एक्सपोज किया।

नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण


नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण

(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। नक्सल प्रभावित आठ राज्यों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए इन राज्यों के एक लेन राजमार्गाे को दो लेन में करने का कार्यक्रम केंद्र की मदद से शुरू किया गया है। इनमें राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग दोनों शामिल हैं। इस काम में प्रगति के हिसाब से बिहार और आंध्र प्रदेश सबसे आगे हैं, जबकि झारखंड और उत्तर प्रदेश सबसे पीछे।
योजना के पहले चरण में नक्सल प्रभावित 82 जिलों में 34 जिलों को लिया गया है। यहां 5477 किमी राजमार्ग चौड़े किए जाने हैं। इनमें 1126 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग तथा 4351 किमी राज्य राजमार्ग शामिल हैं। प्रोजेक्ट पर 7300 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
सबसे ज्यादा 2092 किमी राजमार्गाे का चौड़ीकरण छत्तीसगढ़ में होना है, जिसमें 452 किमी का चौड़ीकरण हो भी चुका है। जबकि 1500 किमी के ठेके जारी कर दिए गए हैं। इसके बाद झारखंड का नंबर आता है, जहां 753 किमी राजमार्गाे में अब तक केवल 64 किमी का ही चौड़ीकरण हो सका है। बाकी 645 किमी के ठेके दिए गए हैं लेकिन काम शुरू होना बाकी है।
सबसे अच्छा काम बिहार में हो रहा है। यहां नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क सुधार योजना के तहत 674 किमी राजमार्गाे की पहचान चौड़ीकरण के लिए की गई है। इसमें 527 किमी चौड़ीकरण पहले ही पूरा हो चुका है। बाकी भी अगले साल-डेढ़ साल में पूरा होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या केवल तीन ख्मिर्जापुर, चंदौली व सोनभद्र, है। लिहाजा केवल 64 किमी राजमार्गाे का चौड़ीकरण होना है। इसमें से 19 किमी का काम पूरा हुआ है। शेष अगले साल-डेढ़ साल में पूरा होने की उम्मीद है।
मध्य प्रदेश के 237 किमी नक्सल प्रभावित राजमार्गाे में से 72 किमी चौड़े हो चुके हैं। बाकी 144 किमी के ठेके जारी किए जा चुके हैं। जिन पर दो साल में काम पूरा होने की उम्मीद है। बाकी 21 किमी के ठेके शीघ्र दिए जाने की उम्मीद है। आंध्र प्रदेश में 620 किमी में 428 किमी राजमार्ग चौड़े हो चुके हैं। बाकी पर काम चल रहा है। महाराष्ट्र में 420 किमी में से 209 किमी का काम पूरा हो गया है। ओडिशा में 614 किमी में महज 94 किमी का ही चौड़ीकरण हो पाया है।

यूपी में सात आईपीएस बदले

यूपी में सात आईपीएस बदले

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के पुलिस प्रशासन में फेरबदल करते हुए सात आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है ,जिनमें तीन जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं। गृह विभाग के अनुसार, बरेली जोन के पुलिस महानिरीक्षक डॉं देवेन्द्र सिंह चौहान को पीएसी मध्य क्षेत्र का महानिरीक्षक बना दिया गया है,जबकि इनके जगह पर मुकुल गोयल को तैनात किया गया है ,जो नियुक्ति की प्रतीक्षा में थे।
पीएसी की 45वीं वाहिनी के सेनानायक लव कुमार को बागपत का पुलिस अधीक्षक तैनात किया गया है ,जहां वे वीरेन्द्र कुमार शेखर की जगह लेंगे ,जिन्हें पीएसी की 41वीं वाहिनी के सेनानायक पद पर गाजियाबाद भेज दिया गया है। पीएसी की 41वीं वाहिनी के सेनानायक पद पर रहीं श्रीमती लक्ष्मी सिंह को पीएसी की 40वीं वाहिनी का सेनानायक बना दिया गया है ,जबकि महोबा जिले के पुलिस अधीक्षक सुरेश राव आनंद कुलकर्णी और बस्ती जिले के पुलिस अधीक्षक एमडी कर्णधार के पदों में अदला-बदली कर दी गयी है।

यूपी में सात आईपीएस बदले

यूपी में सात आईपीएस बदले

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के पुलिस प्रशासन में फेरबदल करते हुए सात आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है ,जिनमें तीन जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं। गृह विभाग के अनुसार, बरेली जोन के पुलिस महानिरीक्षक डॉं देवेन्द्र सिंह चौहान को पीएसी मध्य क्षेत्र का महानिरीक्षक बना दिया गया है,जबकि इनके जगह पर मुकुल गोयल को तैनात किया गया है ,जो नियुक्ति की प्रतीक्षा में थे।
पीएसी की 45वीं वाहिनी के सेनानायक लव कुमार को बागपत का पुलिस अधीक्षक तैनात किया गया है ,जहां वे वीरेन्द्र कुमार शेखर की जगह लेंगे ,जिन्हें पीएसी की 41वीं वाहिनी के सेनानायक पद पर गाजियाबाद भेज दिया गया है। पीएसी की 41वीं वाहिनी के सेनानायक पद पर रहीं श्रीमती लक्ष्मी सिंह को पीएसी की 40वीं वाहिनी का सेनानायक बना दिया गया है ,जबकि महोबा जिले के पुलिस अधीक्षक सुरेश राव आनंद कुलकर्णी और बस्ती जिले के पुलिस अधीक्षक एमडी कर्णधार के पदों में अदला-बदली कर दी गयी है।

यूपी में सात आईपीएस बदले

यूपी में सात आईपीएस बदले

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के पुलिस प्रशासन में फेरबदल करते हुए सात आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है ,जिनमें तीन जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं। गृह विभाग के अनुसार, बरेली जोन के पुलिस महानिरीक्षक डॉं देवेन्द्र सिंह चौहान को पीएसी मध्य क्षेत्र का महानिरीक्षक बना दिया गया है,जबकि इनके जगह पर मुकुल गोयल को तैनात किया गया है ,जो नियुक्ति की प्रतीक्षा में थे।
पीएसी की 45वीं वाहिनी के सेनानायक लव कुमार को बागपत का पुलिस अधीक्षक तैनात किया गया है ,जहां वे वीरेन्द्र कुमार शेखर की जगह लेंगे ,जिन्हें पीएसी की 41वीं वाहिनी के सेनानायक पद पर गाजियाबाद भेज दिया गया है। पीएसी की 41वीं वाहिनी के सेनानायक पद पर रहीं श्रीमती लक्ष्मी सिंह को पीएसी की 40वीं वाहिनी का सेनानायक बना दिया गया है ,जबकि महोबा जिले के पुलिस अधीक्षक सुरेश राव आनंद कुलकर्णी और बस्ती जिले के पुलिस अधीक्षक एमडी कर्णधार के पदों में अदला-बदली कर दी गयी है।

यूपी में सात आईपीएस बदले

यूपी में सात आईपीएस बदले

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के पुलिस प्रशासन में फेरबदल करते हुए सात आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है ,जिनमें तीन जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं। गृह विभाग के अनुसार, बरेली जोन के पुलिस महानिरीक्षक डॉं देवेन्द्र सिंह चौहान को पीएसी मध्य क्षेत्र का महानिरीक्षक बना दिया गया है,जबकि इनके जगह पर मुकुल गोयल को तैनात किया गया है ,जो नियुक्ति की प्रतीक्षा में थे।
पीएसी की 45वीं वाहिनी के सेनानायक लव कुमार को बागपत का पुलिस अधीक्षक तैनात किया गया है ,जहां वे वीरेन्द्र कुमार शेखर की जगह लेंगे ,जिन्हें पीएसी की 41वीं वाहिनी के सेनानायक पद पर गाजियाबाद भेज दिया गया है। पीएसी की 41वीं वाहिनी के सेनानायक पद पर रहीं श्रीमती लक्ष्मी सिंह को पीएसी की 40वीं वाहिनी का सेनानायक बना दिया गया है ,जबकि महोबा जिले के पुलिस अधीक्षक सुरेश राव आनंद कुलकर्णी और बस्ती जिले के पुलिस अधीक्षक एमडी कर्णधार के पदों में अदला-बदली कर दी गयी है।

गुरूजियों पर भड़के प्रभात


गुरूजियों पर भड़के प्रभात

(दिनेश गुर्जर)

गुना (साई)। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल पर झल्ला गए। रविवार को मोर्चा के जिला संयोजक संतोष श्रीवास्तव के साथ ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल से श्री झा ने कहा आप लोग राजनीति मत करो, हमारी बदौलत यहां खड़े हो। मोर्चा ने श्री झा को अध्यापक संवर्ग, संविदा शिक्षक, गुरुजियों व अतिथियों की 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया। इस दौरान ज्ञापन लेने के दौरान श्री झा अध्यापकों पर झल्ला गए। उनके इस बर्ताव के बाद अध्यापकों का कहना है कि 11 दिसंबर-११ को प्रभात झा ने एक महासभा में वादा किया था कि आपकी मांगें मैं पूरी करवाऊंगा। मुख्यमंत्री से आपकी मांग पूर्ति के लिए चर्चा करवाऊंगा, लेकिन श्री झा वादा निभाना तो दूर उलटे अध्यापकों पर झल्ला गए।

चिकित्सकों को लगा जमकर झटका


चिकित्सकों को लगा जमकर झटका

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। चार स्तरीय वेतनमान की मांग कर रहे डॉक्टरों की तनख्वाह घटाकर राज्य सरकार ने उन्हें बड़ा झटका दिया है। साथ ही वेतनमान का लाभ ले चुके डॉक्टरों को रिकवरी के नोटिस थमाना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार के इस रवैये ने आंदोलन करने वाले डॉक्टरों की नाराजगी और बढ़ा दी है।
जिला अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों ने मध्यप्रदेश मेडिकल आफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को 16 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए फॉर्म भरकर भेज दिए हैं। इसके विपरीत प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण डॉक्टरों का आंदोलन नहीं होने का दावा कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के संगठन सचिव डॉ. अजय खरे ने बताया कि राज्य सरकार ने डॉक्टरों को चार स्तरीय वेतनमान का लाभ देना बंद कर दिया है। इसके दो ताजा उदाहरण शाजापुर में मिले हैं। यहां डॉ. एचसी सिसौदिया डीटीओ के पद पर कार्यरत हैं। अगस्त माह में उन्हें 67 हजार 648 रुपए तनख्वाह के रूप में मिले थे। सितंबर में यह राशि घटकर 54 हजार 804 हो गई है।
मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के महासचिव डॉ. आनंद मोहन शर्मा ने बताया कि चार स्तरीय वेतनमान का लाभ मिलना बंद होने से औसतन प्रत्येक डॉक्टर का वेतन 12 हजार रुपए कम हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों ने जानबूझकर सितंबर माह में डॉक्टरों की तनख्वाह कम की है। बकौल डॉ। शर्मा सरकार ने अगर 16 अक्टूबर के सामूहिक अवकाश के बाद भी चार स्तरीय वेतनमान का लाभ नहीं दिया, तो डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को बाध्य होंगे।

मोरे डुबुलिया चलेगा डिंडोरी में


मोरे डुबुलिया चलेगा डिंडोरी में

(एस.के.वर्मा)

डिंडोरी (साई)। मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में गर्भवती माताओं और शिशुओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने, सम्पूर्ण स्वास्थ्य सबके लिए और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के समन्वित प्रोजेक्ट ’’मोरे डुबुलिया’’ के जिले में क्रियान्वयन के लिए राज्य योजना आयोग 14 लाख रूपये आवंटित करेगा। इस आशय का आश्वासन राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री बाबूलाल जैन ने बीते दिन ग्राम किसलपुरी के उपस्वास्थ्य केन्द्र में आयोजित महिला एवं बाल विकास द्वारा आयोजित गोदभराई एवं मोरे डुबुलिया कार्यक्रम में दिया।
आयोजित कार्यक्रम में श्री जैन ने जब डुबुलिया के साथ मिट्टी का गुल्लख देखा तो इस संबंध में कलेक्टर मदन कुमार से जानकारी चाही। कलेक्टर ने बताया कि 2 अक्टूबर से जिले में प्रोजेक्ट डुबुलिया की शुरूआत की गई है। चूंकि महिलायें अपने घर परिवार के रोजमर्रा के कार्याे में व्यस्तता के कारण अपने स्वास्थ्य एवं भावी संतान के स्वास्थ्य के संबंध में सोच ही नहीं पाती हैं अतः प्रसव के पूर्व एवं पष्चात् के खान-पान सहित स्वास्थ्य रक्षा के संबंध में संपूर्ण जानकारी उन्हें गोदभराई के दौरान दी जाती है।
साथ ही गुल्लख देकर उन्हें अपने घर खर्च से कुछ राशि बचाकर जमा करने की सलाह भी दी जाती है ताकि प्रसव के दौरान या बाद में उन्हें साहूकारों से कर्ज आदि की व्यवस्था नहीं करना पड़े और वे उनके शोषण से मुक्त भी रह सकें। कलेक्टर ने बताया कि डुबुलिया में सिर्फ प्रसव एवं पोषण संबंधी जानकारी ही नहीं बल्कि इसमें उनके भविष्य के लिए विभिन्न विभागों की हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी के साथ उनके आवेदन प्रपत्र भी उपलब्ध कराये जाते है ताकि वे उनका भी लाभ उठा सकें।
उन्होंने बताया कि मोरे डुबुलिया कार्यक्रम के समन्वयक महिला बालविकास की कार्यक्रम अधिकारी कल्पना तिवारी एवं डिण्डौरी परियोजना के अधिकारी गिरीष बिल्लौरे पूरी लगन के साथ इसे जिले में लागू करने प्रयासरत है। जिला प्रशासन कुछ एसे प्रयास भी कर रहा है कि महिला बाल विकास विभाग का मैदानी अमला लगातार अपने सहकर्मियों के सम्पर्क में बना रहें और हाईटेक तरीके से अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन करता रहें।
जानकारी प्राप्त करने के बाद योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने श्री बिल्लौरे को प्रोत्साहित करते हुये कहा कि अन्य अधिकारियों को श्री बिल्लौरे से शिक्षा लेनी चाहिए जब एक निशक्त अधिकारी अपने विभाग की योजनाओं को क्रियान्वित करने पूरी लगन से कार्य कर सकते है तो सक्षम व्यक्ति को पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने श्री बिल्लौरे को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया तथा कलेक्टर को पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी सहित प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये ताकि उसे स्वीकृत कर राशि उपलब्ध कराई जा सकें।

प्रतिभावानों को सम्मानित करना फक्र की बात है: तबस्सुम अनवर


प्रतिभावानों को सम्मानित करना फक्र की बात है: तबस्सुम अनवर

(संतोष श्रीवास)

सिवनी (साई)। यह फक्र की बात है कि जिस कौम को शिक्षा के क्षेत्र में अति पिछड़ा माना जाता है आज उसी मुस्लिम कौम के छात्र-छात्राओं को जिले में मिली श्रेष्ठता के आधार पर उन्हें सम्मानित करने का अवसर मुझे मिल रहा है। उक्ताशय की बात न्यायाधीश सुश्री तब्बसुम अनवर ने आज मानस भवन में जिला जमीयत अहले हदीस के तत्वाधान में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही है। सुश्री तब्बसुम इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थी।
आपने कहा कि एक समय था जब मुस्लिम परिवार में जन्म लेने वाले बालक-बालिकायें शिक्षा से पूरी तरह वंचित रहते थे लेकिन आज स्थितियाँ बदल चुकी हैं। यह फक्र की बात है कि पूर्व में जिस कौम को इस मामले में स्थान नहीं मिलता था आज इस समारोह के माध्यम से हम उसी कौम के योग्यताधारी छात्र-छात्राओं को सम्मानित कर रहे हैं। सुश्री तबस्सुम खान ने आगे कहा कि आज के इस दौर में दीनी तालिम के साथ-साथ दुनियावी तालीम भी जरूरी है और दोनों ही तालिम हासिल करने के बाद ही कोई तरक्की के रास्ते तय कर सकता है।
उन्होंने कहा कि आज के इस समारोह से इस वर्ग के बच्चों में तालिम के प्रति रूझान बढेगा और इससे दूसरे बच्चे भी प्रभावित होकर शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम कमायेंगे। वैसे भी इस्लाम में शिक्षा का विशेष महत्व है और जो कौम अपनी शिक्षा और इतिहास को भूल जाीती है उस कोम का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है।
इस अवसर पर उपस्थित जिला वक्फ कमेटी के अध्यक्ष श्री सोहेब राजा ने कहा कि सिवनी जिले में पहली बार किसी संस्था के द्वारा मुस्लिम प्रतिभावान विद्यार्थियों की सुध ली गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि आगे के दिनों में इस व्यवस्था को जारी रखा जायेगा।
समारोह में उपस्थित बाबा रोड लाईन्स के संचालक श्री बाबा भाई ने कहा कि यदि ऐसे आयोजन होते रहे तो हमारे समाज के बच्चों का उत्साहवर्धन होता रहेगा और वे अपनी प्रतिभा को निखारने में और ज्यादा प्रयत्नशील होंगे।  कार्यक्रम में उपस्थित पालिका उपाध्यक्ष श्री राजिक अकील, गोहना के श्री अख्तर पटेल  अधिवक्ता श्री जकी अनवर खान, अधिवक्ता श्री याहया खान कुरैशी, मो। अ. वदूद मदनी, याकूब बाबू ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जमीयत की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल कुद्दूस ने अपने संबोधन में जहाँ इस्लाम में नमाज, रोजे और दूसरे फराईज के अलावा सबसे पहले जो आयत नाजिल हुई उसका उल्लेख करते हुए कहा कि पढों और बढो। लेकिन हमारी कौम इस मुकाम पर पिछड गयी और आज हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं इसके लिए हम और आप ही जिम्मेदार हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता श्री जकी अनवर खान ने कहा कि हम खुद ही अपने बच्चों की पढाई पर ध्यान नहीं देते और इसके लिए सरकारों को दोष देते हैं। यह बात ठीक नहीं है। यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि जिला जमीयत अहले हदीस के द्वारा इस वर्ष कक्षा 10वीं एवं 12वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले मुस्लिम समुदाय के छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के लिए यह आयोजन किया गया था जिसमें प्रथम 10 स्थान पर रहने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किये जाने की बात योजना थी।
कक्षा 10वीं में जिन छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया है उनमें क्रमशः मारिया बानो पिता मजहर खान 85.8 प्रतिशत, मुजतबा रहवर पिता समीम कुरैशी 84 प्रतिशत, नाबिला कौशर पिता अ. अहद 83 प्रतिशत, शबा पिता अ। निजाम खान 82.8 प्रतिशत, हसन खान पिता अ. मुक्तदिर खान 81.5 प्रतिशत, फरहीन पिता अ. कलीम खान 80.8 प्रतिशत शेख सोहेए पिता शेख फिरोज 80.16 प्रतिशत, दानेश खान पिता असद खाद 80.16 प्रतिशत, अनाम शबा खान पिता इशाक खान 79.33 प्रतिशत, तालफा खान पिता मो. शमीम खान 78.33 प्रतिशत के नामों का उल्लेख है।
इसी तरह कक्षा 12वीं में सर्वाधिक अंक लेकर सम्मानित होने वाले विद्यार्थियों में शबाहत खान पिता शाहिद खान 8860 प्रतिशत, अशमा अंजुम पिता जकीउल्लाह खान 85 प्रतिशत, तंजीला अंजुम पिता शमीउल्लाह खान 82.4 प्रतिशत, मारिया आजमी पिता अतीक आजमी 80.4 प्रतिशत, तंजिला कौशर पिता रियाज खान 80 प्रतिशत, शौतल अंजुम पिता शकील खान 80 प्रतिशत, साईमा बेगम पिता शेख शकील 79.80, अंजुम पिता मजहर खान 79.4 प्रतिशत, शाहिना तरन्नुम पिता मकबूल खान 77.8 प्रतिशत एवं शबाना अंजुम पिता मो. अलफाज खान 77.2 प्रतिशत का समावेश है।