मंगलवार, 6 मार्च 2012

शिंदे को नहीं मिल पा रहा उर्जा मंत्रालय से करंट


शिंदे को नहीं मिल पा रहा उर्जा मंत्रालय से करंट

मुख्यमंत्री या राष्ट्रपति बनने की चहत है सुशील शिंदे की



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। लगता है महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे अब उर्जा मंत्रालय से उकता चुके हैं। उनके मन में एक बार फिर महाराष्ट्र जाने की इच्छाएं कुलबुलाने लगीं हैं। वैसे कांग्रेस की ओर से अगर उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाता है तो वे शायद ही इसका विरोध करें। उधर, देश भर में लगने वाले कोल आधारित पावर प्लांट्स में शिंदे की दिलचस्पी उनके विरोधियों का प्रमुख हथियार बन सकती है।
उर्जा मंत्री के करीबी सूत्रों का दावा है कि अब सुशील कुमार शिंदे को उर्जा मंत्रालय रास नहीं आ रहा है। उन्होंने राष्ट्रपति के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को हटाकर महाराष्ट्र के निजाम की कुर्सी पर बैठने का मानस बना लिया है। दरअसल, महाराष्ट्र में बीएमसी चुनावों में कांग्रेस के औंधे मुंह गिरने के बाद इसका ठीकरा चव्हाण के सिर पर ही फोड़ा जा रहा है।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान से की गई शिकायत में साफ कहा गया है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस की पराजय के लिए सीएम पृथ्वीराज चव्हाण की अकर्मयता ही प्रमुख कारक है। महाराष्ट्र में चव्हाण के खिलाफ जमकर माहौल बन चुका है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान को मशविरा दिया गया है कि जल्द ही महाराष्ट्र में सत्ता और संगठन को एक बार मथ दिया जाए।
सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री हर कीमत पर बदला जाएगा। वैसे इस पद के लिए विलास राव देशमुख के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। शिन्दे और देशमुख दोनों ही मराठा क्षत्रप होने के साथ ही साथ शरद पवार की गुड बुक्स में इनके नामों का शुमार है। सूबे में बिना शरद पंवार को साधे कांग्रेस एक कदम भी चलने में अपने आप को असहज ही महसूस कर रही है।
वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र के सीएम पद की ताजपोशी किसकी होगी, इस बारे में फैसला मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष की आसनी पर किसी नेता के बैठने के बाद ही होगा। अगर मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर अगर किसी मराठा को बिठा दिया गया तो निश्चित तौर पर सीएम पद पर मराठा क्षत्रप को नहीं बिठाया जाएगा। वैसे मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष के लिए प्रिया दत्त, दलित सांसद एकनाथ गायकवाड, विधायक जगत मराठा, दलित विधायक चन्द्रकांत हंडोर आदि के नाम प्रमुख तौर पर चल रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो अगर किसी मराठा को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया जाता है तो शिंदे की दावेदारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के लिए सबसे मजबूत हो जाती है, क्योंकि वे दलित हैं। उधर, शिंदे के करीबी सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि अगर कांग्रेस द्वारा सुशील कुमार शिंदे को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाता है तो वे इसके लिए भी सहर्ष तैयार हो जाएंगे।
देश भर में लगने वाले अनेक पावर प्रोजेक्ट्स में शिंदे की भूमिका पर सवालिया निशान लगाने की तैयारी भी जोर शोर से की जा रही है। शिंदे विरोधी, विशेषकर महाराष्ट्र के अनेक क्षत्रपों द्वारा बड़े बड़े औद्योगिक घरानों द्वारा देश भर में लगने वाले कोल अधारित पावर प्लांट्स और शिंदे के बीच समीकरणों के तार खोजे जा रहे हैं। इस तरह के पावर प्रोजेक्ट्स में शिंदे की दिलचस्पी आने वाले दिनों में उर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे की परेशानी का सबब बनें तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।