मंगलवार, 24 जुलाई 2012

आदिवासी अंचलों में बिजली आपूर्ति पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं

आदिवासी अंचलों में बिजली आपूर्ति पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं

(रश्मि पारिख)

भोपाल (साई)। आदिम-जाति कल्याण मंत्री कुँवर विजय शाह ने विद्युत मण्डल के अधिकारियों से कहा कि आदिवासी अँचलों में बिजली की आपूर्ति में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री कुँवर शाह सोमवार को खण्डवा में फीडर सेपरेशन की समीक्षा कर रहे थे। कुँवर शाह ने कार्य की धीमी गति पर चिंता व्यक्त की। बैठक में महापौर श्रीमती भावना शाह भी मौजूद थीं।
आदिम-जाति कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के विशेष प्रयासों से वन-ग्रामों में बिजली पहुँचाई गई है, लेकिन इन ग्रामों में बिजली की आपूर्ति सतत रूप से नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि लाइनमेन की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाये। कुँवर शाह ने खालवा से जुड़े अनेक ग्राम में बिजली बिल संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिये ग्राम-स्तर पर शिविर लगाये जाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने ग्रामवासियों को विद्युत मण्डल की योजनाओं की जानकारी भी देने के लिये कहा।
बैठक में बताया गया कि खण्डवा जिले में फीडर सेपरेशन के 173 काम होने हैं। इनमें से अब तक कोई 100 करोड़ रुपये के 41 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। मंत्री ने राजस्व अधिकारियों को भी फीडर सेपरेशन का निरंतर निरीक्षण करने को कहा।

कालेज में प्रवेश तिथि हुई 27

कालेज में प्रवेश तिथि हुई 27

(प्रदीप आर्य)

भोपाल (साई)। महाविद्यालयों के स्तर पर प्रवेश के लिये विद्यार्थियों को 27 जुलाई को 11 बजे उपस्थित होना होगा। सी.एल.सी. चरण में प्रवेश सूची 27 जुलाई को ही 4 बजे जारी कर दी जायेगी। विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में प्रवेश शुल्क जमा करने के लिये 28 से 30 जुलाई का समय निर्धारित किया गया है।
जिन विद्यार्थियो ने अभी तक ऑन-लाईन प्रवेश प्रक्रिया के अन्तर्गत पंजीयन नहीं कराया है, वह अनिवार्य रूप से 26 जुलाई के पूर्व पंजीयन करायें। तत्पश्चात दस्तावेज के सत्यापन उपरान्त महाविद्यालयीन स्तर पर प्रवेश प्रक्रिया में सम्मिलित हो। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 10 जुलाई तक पंजीकृत एवं दस्तावेजों का सत्यापन करा चुके अप्रवेशित विद्यार्थियों को पुनरू पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है, ऐसे विद्यार्थी इस चरण में प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हो सकते है। 12वीं के पूरक श्रेणी विद्यार्थी भी पंजीकरण एवं दस्तावेजों के सत्यापन कराकर प्रवेश प्रकिया में शामिल हो सकते है।
शासन ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिये आयु सीमा में एक वर्ष की वृद्धि भी की है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने विद्यार्थियों से अपील की है कि निर्धारित कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हो। शासन ने सभी इच्छुक विद्यार्थियों को प्रवेश का मौका देने के लिए ही विशेष अवसर प्रदान किया है।

एक तालाब ने बदल दी यहां की किस्मत

एक तालाब ने बदल दी यहां की किस्मत

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। एक गाँव जहाँ किसान ठीक से पूरे साल खेती नहीं कर पाते थे, वहाँ की बंजर पड़त भूमि पर आज फसलें लहलहा रही हैं और किसान पहले से लगभग दुगनी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। यह नजारा है जिला अशोकनगर के ईसागढ़ के ग्राम तिघरा का। यहाँ एक छोटे सिंचाई तालाब से लगभग 14 किसान लाभान्वित हो रहे हैं। ऐसे ही एक किसान दशरथ सिंह ने बताया कि उसकी कुल 2.20 हेक्टयर भूमि में 1.20 असिंचित तथा शेष पड़त भूमि है। पिछले साल किसान कल्याण एवं कृषि विकास के भू-संरक्षक ने गाँव में एक छोटा सिंचाई तालाब बनवाया। इस तालाब में जल भराव ज्यादा होने से गाँव के 14 किसान की 40 हेक्टयर भूमि सिंचित हुई। गाँव की पड़त भूमि भी खेती लायक हो गई।
दशरथ ने अपने खेतों में गेहूँ की बोनी की और तालाब से पाँच बार सिंचाई की। इस साल उसने 70 क्विंटल गेहूँ उगाया, जिससे 85 हजार की राशि प्राप्त हुई है। पहले तालाब नहीं होने से वह केवल 1.20 हेक्टयर भूमि पर ही गेहूँ की बोनी कर पाता था और केवल 15 क्विंटल पैदावार ही मिलती थी।
दशरथ की आमदनी आज दुगनी से ज्यादा हो गई है। वह पहले से बेहतर जीवन जी रहा है। एक तालाब ने दशरथ जैसे 14 परिवार का भाग्य ही बदल दिया। तालाब के बनने से गाँव का जल-स्तर भी ठीक हुआ है।
राज्य शासन द्वारा विद्यार्थियों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए महाविद्यालयों में प्रवेश की तिथि में वृद्धि की गई है। स्नातक तथा स्नातकोत्तर की कक्षाओं के लिए नवीन पंजीकरण एवं महाविद्यालयीन स्तर पर ऑन-लाईन प्रवेश के लिये पंजीयन 26 जुलाई 12 तक किया जा सकेगा। दस्तावेजों का सत्यापन भी 26 जुलाई 12 तक होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा से विद्यार्थियों एवं विद्यार्थी संगठनों की ओर से प्रवेश की तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया गया था क्योंकि बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले सके है। व्यापक विचार विमर्श के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने प्रवेश की तिथियां बढ़ाने के प्रस्ताव पर राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त कर आदेश जारी कर दिए है।

नेशनल जियोग्राफिक में छा गया पचमढ़ी

नेशनल जियोग्राफिक में छा गया पचमढ़ी

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। विश्व प्रसिद्ध पत्रिका ‘‘नेशनल जियोग्रफिक’’ के जुलाई विशेषांक ट्रेवलर इंडिया में भारत के चुनिंदा पर्यटन-स्थलों में मध्यप्रदेश में सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी को खास स्थान दिया गया है।
यूनेस्को द्वारा पचमढ़ी को जैव संरक्षित क्षेत्र घोषित करने का उल्लेख करते हुए पत्रिका में कहा गया है कि कभी गोंड राजाओं के राज्य का हिस्सा रही पचमढ़ी मध्यप्रदेश का अनूठा पर्वतीय स्थान है। कोई बिरला ही होगा जो पचमढ़ी के प्रागैतिहासिक शैल चित्रों, किलकिलाते झरनों, तालों से प्रभावित न हो। इसके घने जंगल और घाटियों के बीच महुआ की महक, दुर्गम यात्रा करने वाले शौकीनों और कवियों को एक जैसा लुभाने वाली है। गृहासक्त (होमसिक) अँग्रेजों ने इसके प्राकृतिक दृश्यों को अपने मनपसंद रूप में ढाला था। यहाँ के चर्च, खेल क्लब और गोल्फ का मैदान इंग्लैण्ड जैसे ही बनाए गए थे।
पत्रिका में पांडव गुफाओं, धुँआधार, जटाशंकर, जम्बूद्वीप, हांडीखोह जैसे पचमढ़ी के दर्शनीय स्थानों के साथ अँग्रेजों के जमाने के बने दो सुंदर चर्च का भी उल्लेख किया गया है। पत्रिका ने कुछ स्थानों के परिवर्तित नामों का भी जिक्र किया है जैसे सांडर्स पूल का नाम सुंदर कुंड और फुलर खंड का नाम अब संगम विहार हो गया है। इंग्लैण्ड से आने वाले पर्यटकों को अब अप्सरा विहार मिलता है जो कभी फेअरी पूल कहलाता था। यह नाम इसलिए पड़ा था क्योंकि वहाँ अँग्रेजी मेमसाब नहाया करती थी। लेख में चौरागढ़ के त्रिशूल, झरने, संजय नेशनल पार्क, चर्च आदि के सुंदर चित्र भी दिए गए हैं। नेशनल जियोग्राफिक का यह अंक मुख्य रूप से हिमालय पर केन्द्रित है।

मनराखनलाल हैं हामिद भाई


मनराखनलाल हैं हामिद भाई

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। जो सभी का मन रख ले सभी के हिसाब से काम करे और खुश कर दे उसे कहा जाता है मनराखनलाल। देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मनराखनलाल से कम नहीं हैं। हामिद अंसारी पूंजीपतियों के विरोधी वामदलों के दुलारे हैं तो राहुल के उतने ही प्यारे। साथ ही देश के अमीर अंबानी घराने में भी उनकी मार पकड़ का जवाब नहीं है। उद्योग जगत से अंसारी का नाता आज का नहीं पुराना है।
अंसारी के करीबी सूत्रों का कहना है कि जब अंसारी साउदी अरब से भारतीय एम्बेसेडर के बतौर सेवानिवृत हुए थे, तभी से उनकी एंट्री रिलायंस समूह में हो गई थी। उस वक्त अंबानीज़ द्वारा हादिम अंसारी को अपने साथ जोड़कर उनके जिम्मे कच्चे तेल के आयात पर निगरानी रखने का महत्वपूर्ण काम सौंप दिया था।
रिलायंस से जुड़े आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के लिए अंसारी आधिकारिक तौर पर काम किया करते थे। दरअसल, कच्चा तेल रिलायंस की रिफाईनरी के लिए आयात होता था। वहां काम करते हुए हामिद अंसारी की उद्योगपति मुकेश अंबानी से गहरी छनने लगी, और वे मुकेश के नौरत्नों में स्थान पा गए।
इसके बाद उनकी किस्मत ने पलटा खाया और वाम दलों की बैसाखी पर हामिद अंसारी को उपराष्ट्रपति का पद मिल गया। उपराष्ट्रपति बनते ही हामिद अंसारी ने अपना जलवा दिखाया और जल्द ही वे कांग्रेस की नजरों में भविष्य के वज़ीरे आज़म राहुल गांधी के करीब आ गए।
राहुल गांधी के करीबी सूत्रों का दावा है कि राहुल गांधी को हामिद अंसारी बेहद भाते हैं। कांग्रेस के युवराज राहुल चाहते थे कि रायसीना हिल्स पर प्रणव मुखर्जी के बजाए हामिद अंसारी ही काबिज हों। संभवतः यही दवाब था कि सोनिया गांधी ने त्रणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ चर्चा के दौरान उन्हें दो नाम सुझाए थे, जिसमें हामिद भाई का नाम प्रणव मुखर्जी के उपर था।
उधर, उपराष्ट्रपति आवास के सूत्रों का यह भी कहना है कि राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर होने के बाद हामिद अंसारी बुरी तरह आहत थे, और उन्हें लगने लगा था कि उन्हें उपराष्ट्रपति के लिए भी कोई पूछने वाला नहीं बचा है। इसी निराशा के दौर में दो ज्योतिषी जिनका सियासी गलियारों में इकबाल काफी बुलंद है ने यह कहकर हामिद भाई को हौसला दिया कि उन्हें दोबारा उपराष्ट्रपति बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
सूत्रों के अनुसार नोएडा में रहने वाले एक ज्योतिषी के साथ हामिद अंसारी ने घंटों तक बैठकर चर्चा की और ज्योतिष विज्ञान में हर दृष्टिकोण से अपने आपको परखा। इसके साथ ही साथ केंद्रीय उर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे की किचिन कैबनेट में शामिल मुंबई के एक ज्योतिष का नाम भी हामिद भाई को सुझाया गया।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई वाले ज्योतिषाचार्य को भी हामिद अंसारी ने बुला भेजा और उनसे भी घंटों तक विमर्श किया। मुंबई वाले पंडितजी ने भी हामिद अंसारी से यही कहा कि उनकी ग्रह दशा के अनुसार उन्हें दुबारा उपराष्ट्रपति बनने से कोई नहीं रोक सकता है। बस फिर क्या था निराश हामिद अंसारी की आस बंध ही गई।

क्या राहुल का रोड़ मैप बनाएंगे प्रणव!

क्या राहुल का रोड़ मैप बनाएंगे प्रणव!

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। अमरीका की ख्यातिलब्ध टाईम पत्रिका द्वारा भारत गणराज्य के वज़ीरे आज़म डॉ.मनमोहन सिंह को अपने मुखपृष्ठ पर अंडर एचीवर का तगमा देने के बाद अब भारत पर लंबे समय तक राज करने वाले ब्रिटेन समाचार पत्र टाईम्स ने देश के पहले नागरिक के शपथ ग्रहण के पहले ही उन पर भी टीका टिप्पणी कर दी है। यह सब होने के बाद भी भारत सरकार अभी रक्षात्मक मुद्रा में ही दिखाई दे रही है।
प्रमुख ब्रितानी अखबरा द टाईम्स ने देश के 13वें महामहिम राष्ट्रपति निर्वाचित होने वाले प्रणव मुखर्जी को फिक्सर और पावर ब्रोकर जैसे शब्दों की संज्ञा दी है। इस अखबार ने कहा है कि प्रणव मुखर्जी को जोड़ तोड़ कर रायसीना हिल्स भेजा गया है। ज्ञातव्य है कि रविवार को हुई मतगणना के बाद प्रणब मुखर्जी को भारत का तेरहवाँ राष्ट्रपति घोषित किया गया है।
प्रणव मुखर्जी कल 25 जुलाई को शपथ लेने वाले हैं। पिछले चार दशकों से केंद्र की राजनीति से जुड़े प्रणब 70 के दशक से अब तक केंद्र में कांग्रेस की या कांग्रेस के नेतृत्व में बनने वाली हर सरकार में मंत्री के पद पर रहे हैं। यूपीए-2 की सरकार में तो प्रणब मुखर्जी को नंबर दो होने के अलावा सरकार को राजनीतिक संकट से उबारने वाले संकट-मोचक के रूप में देखा जाता रहा है।
इस समाचार पत्र ने आगे लिख है कि भारत के राजनेताओं ने एक अत्यंत दक्ष फ़िक्सरको राष्ट्राध्यक्ष बनाकर, सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के लिए गांधी की पाँचवीं पीढ़ी को चुनाव में मतदाताओं के सामने उतारने का रास्ता साफ़ कर दिया है। टाइम्स ने प्रणब मुखर्जी की जीत को इन शब्दों में बयान किया है  कि एक पावरब्रोकर और पूर्व कांग्रेसी वित्तमंत्री, 76 वर्षीय प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनवाया गया, वह भी चतुराई से की गई जोड़-तोड़ करके।
द टाईम्स ने लिखा है कि हालाँकि राष्ट्रपति का पद एक रस्मी पद है लेकिन यदि 2014 के चुनाव में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, जिसकी कि पूरी संभावना है, तो प्रणब मुखर्जी गठबंधन की बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। टाइम्स ने लिख है कि उससे पहले, अभी तत्काल, उनकी प्रोन्नति से कांग्रेस अपने आपको एक साल के बाद फिर से राजनीतिक तौर पर पुनर्जीवित कर सकती है, जिस साल में उसका शासन और अर्थव्यवस्था दोनों की गति धीमी पड़ गई।
इस समाचार पत्र ने इस बात की पूरी संभावना जताई है कि 42 वर्षीय राहुल गांधी को अब कोई महत्वपूर्ण पद दिया जाएगा। राहुल गांधी चुनाव में जीत दिलवा पाने वाला नेता बन सकने में नाकाम रहे हैं मगर उनके समर्थकों का मानना है कि प्रादेशिक चुनावों मे उनकी नाकामी को तब भुला दिया जाएगा जब उन्हें कांग्रेस का प्रधानमंत्री पद का युवा उम्मीदवार बनाकर उतारा जाएगा। हालाँकि आलोचकों का कहना है, इसके सिवा पार्टी के पास और विकल्प क्या है?
इस समाचार पत्र ने भी मनमोहन सिंह सरकार के कामकाज की आलोचना की चर्चा करते हुए पिछले दिनों टाइम पत्रिका में मनमोहन सिंह को अंडरऐचीवर करार दिए जाने और राष्ट्रपति ओबामा की उस टिप्पणी का ज़िक्र किया है जिसमें ओबामा ने विदेशी सुपरमार्केट को अनुमति देने जैसे आर्थिक सुधारों को लागू नहीं कर सकने के लिए भारत को झिड़का था।
वैश्विक स्तर पर एक के बाद एक भारत के संवैधानिक पदों पर हो रहे हमले के बाद भी सरकार और कांग्रेस की चुप्पी लोगों को आश्चर्य में ही डाल रही है। लोगों को लगने लगा है कि कहीं एसा तो नहीं कि सुनियोजित षणयंत्र के तहत ही भारत के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों पर हमला कर पश्चिमी देश अपना कोई हिडन एजेंडा लागू करवाना चाह रहे हों।

सूखे को लेकर चिंतित हुए मनमोहन


सूखे को लेकर चिंतित हुए मनमोहन

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। देश में सूखे की स्थिति को भांपते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चिंतित नजर आ रहे हैं। वज़ीरे आज़म ने सभी विभागों औेर मंत्रालयों से कहा हैे कि देश के कुछ भागों में कमजोर मॉनसून के कारण उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए वे राज्य सरकारों के साथ तालमेल बनायें। प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों से हर सप्ताह स्थिति की निगरानी करने और किसी भी  स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सरकार ने कम वर्षा होने की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक योजना बनाई है। इनमें कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई आपात योजना तथा खेतीबाड़ी के लिए बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना शामिल है।
पंजाब और हरियाणा को करीब ३०० मेगावाट बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।  पेयजल की उपलब्धता को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए दालों की आपूर्ति के लिए सब्सिडी बढ़ाने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति के सामने लाया जा रहा है।

असम में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश


असम में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश

(जाकिया तस्मिन रहमान)

गुवहाटी (साई)। असम में हिंसा से निपटने सरकार ने सख्त कदम उठाने आरंभ कर दिए हैं। हिंसा प्रभावित असम के कोकराझार जिले में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है और कल से वहां अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है।
चिरांग और धुबरी जिले में कुछ स्थानों पर रात का कर्फ्यू भी लगा दिया गया है। इस बीच चिरांग जिले में एक और शव बरामद होने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर २० हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कोकराझार जिले में सुरक्षा बलों की ग्यारह अतिरिक्त कम्पनियां लगाई गई हैं और सेना, एसएसबी और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल को भी लगाया गया है।
उधर सीएम के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने कल वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हिंसा प्रभावित जिलों की पूरी स्थिति की समीक्षा की और राज्य के पुलिस उपमहानिरीक्षक और गृह विभाग के मुख्य सचिव को आज कोकराझार जिले का दौरा करने का निर्देश दिया।
उधर, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष प्रणव गोगोई ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजने का फैसला किया है। इस बीच, ६१ हजार से अधिक लोग ७४ राहत शिविरों में आश्रय लिये हुए हैं। सरकार हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को  तीन लाख रूपए और घायलों को पचास हजार रूपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा पहले ही कर चुकी है।
इसके साथ ही साथ असम में गुवाहाटी में पिछले दिनों एक लड़की के साथ दुर्व्यवहार के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी अमर ज्योति कालिता को और पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड पर गुवाहाटी लाने के वास्ते राज्य पुलिस वाराणसी गई है। कालिता को कल उत्तर प्रदेश में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के निकट लंका इलाके में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि कालिता ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह इस वारदात में शामिल था। उसे कल अदालत में पेश किया जाएगा।
उधर, उत्तर प्रदेश समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से सीमा श्रीवास्तव ने समाचार दिया है कि उत्तर प्रदेश में कर्फ्यू ग्रस्त बरेली से लगभग ७५ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बरेली शहर और आंवला इलाके में ंिहंसा पर नियंत्रण करने तथा शांति बनाए रखने के लिए केद्रीय अर्द्धसैनिक बलों तथा राज्य पुलिस के सशस्त्र बलों की १४ कंपनियां ं तैनात की गई हैं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आगजनी और पथराव की घटनाएं अभी जारी हैं इसलिए कर्फ्यू में ढील देने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।