गुरुवार, 17 नवंबर 2011

शिव ने अपनी नगरी से ही किया विश्वासघात!


शिव ने अपनी नगरी से ही किया विश्वासघात!

वन मंत्री से मिले पर नहीं की फोरलेन की चर्चा!

सिवनीवासियों को मामा बना रही भाजपा कांग्रेस

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। देश के हृदय प्रदेश के सिवनी जिले को भगवान शिव की नगरी के तौर पर देखा जाता है। मान्यता है कि इसका नाम भगवान शिव के नाम पर ही सिवनी रखा गया था। सूबे के निजाम का नाम भी भगवान शंकर के नाम पर शिव राज सिंह चौहान हैं। विडम्बना है कि मुख्यमंत्री जब सिवनी के लोगों के बीच होते हैं तो बड़े बड़े वायदे कर जाते हैं, पर जब केंद्रीय मंत्रियों की देहरी पर अपनी आमद देते हैं तो वे इसे अमली जामा पहनाने की कवायद ही नहीं कर पाते हैं।

बुधवार को जब शिवराज दिल्ली आए और उन्होंने वन एवं पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन से भेंट की तब वाईल्ड लाईफ बोर्ड के पास लंबित सिवनी जिले के फोरलेन मार्ग के बारे में कोई चर्चा करना मुनासिब नहीं समझा। गौरतलब है कि चौहान ने पूर्व में कई बार सूरज भले ही पश्चिम से उगना आरंभ हो जाए पर फोरलेन मार्ग सिवनी से ही जाएगा का दंभ भरा है। वहीं दूसरी और कांग्रेस का एक लगभग पचास सदस्यी प्रतिनिधिमण्डल विधानसभा उपाध्यक्ष के नेतृत्व में दिल्ली गया है, जो इस मामले के साथ अन्य मामलों में केंद्रीय मंत्रियों से चर्चा करने वाला है। कहा जा रहा है कि इस मामले का श्रेय लेने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस को खुला मौका दे दिया है।

मध्य प्रदेश सरकार के सूचना केंद्र द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री सुश्री जयन्ती नटराजन से भेंट की और उनसे आग्रह किया कि विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाये रखते हुए विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कोल ब्लाक आवंटित करने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा शीघ्र स्वीकृति दी जाय। सुश्री नटराजन ने श्री चौहान को आश्वासन दिया कि मध्यप्रदेश की सभी लंम्बित परियोजनाओं पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा।

श्री चौहान ने सुश्री नटराजन का ध्यान आकर्षित किया कि छिंदवाड़ा जिले के मंडला, सिंगरौली जिले के महान, अमेलिया, अमेलिया नार्थ, उमरिया जिले के सेमरिया और पिपरिया के कोल ब्लाक ऊर्जा संयंत्रों के लिए चिन्हित किये गये हैं किन्तु अब तक वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण सभी ऊर्जा परियोजनाओं के काम में विलम्ब हो रहा है। सिंगरौली जिले के महान और अमेलिया और मोरगा (एक) ऊर्जा संयंत्र बनकर तैयार हो गये हैं किन्तु उन्हें कोयला उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इस कारण बिजली के उत्पादन में वृद्धि नहीं हो पा रही है।

श्री चौहान ने सुश्री नटराजन से कैम्पा की 1130 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने का आग्रह किया। विगत दो वर्षों में प्रदेश को केवल 104 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। प्रदेश सरकार की ओर से कैम्पा की राशि में से 519 करोड़ रुपये के विभिन्न प्रोजेक्ट स्वीकृति के लिए भेजे गये हैं। इसके लिए शीघ्र राशि स्वीकृत की जाय। श्री चौहान ने सुश्री नटराजन का ध्यान टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट क्षेत्र के 735 गांवों के पुनसर््थापन के लिए 3300 करोड़ रुपये दिये जाने की मांग की। इन गांवों में से 117 गांव फारेस्ट रिजर्व की दृष्टि से अत्यन्त संवेदनशील हैं। प्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष में 208 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है किन्तु भारत सरकार से पुनसर््थापन के लिए राशि नहीं मिलने के कारण इन गांवों के पुनसर््थापन के कार्य में विलम्ब हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय अभ्यारण्य और टाइगर रिजर्व फारेस्ट में पर्यटन को प्रतिबंधित नहीं करते हुए उसे जारी रखने का आग्रह किया। वन अभ्यारण्यों में पर्यटकों की आवाजाही के कारण जहां एक ओर स्थानीय लोगों का आर्थिक विकास होता है वहीं वन्य प्राणी भी सुरक्षित महसूस करते हैं। पर्यटकों और शासकीय अमले की चौकसी की वजह से वन्य अभ्यारण्यों में वन्य जीवों के साथ छेड़छाड़ नहीं होती। न्यायालय में लम्बित जनहित याचिका में भारत सरकार की ओर से वन्य अभ्यारण्यों में पर्यटन को प्रतिबंधित नहीं करने की दलील दी जाय।

जहरीली हो जाएगी मध्य प्रदेश की जीवन रेखा


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 17

जहरीली हो जाएगी मध्य प्रदेश की जीवन रेखा

झाबुआ पावर की राख घोलेगी बरगी बांध में जहर

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। देश के मशहूर थापर ग्रुप के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर का सिवनी जिले की आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में प्रस्तावित कोल आधारित पावर प्लांट से बड़ी तादाद में उड़ने वाली राख न केवल आसपास के जंगलों को प्रभावित करेगी वरन् यह विशाल जल संग्रह क्षमता वाले रानी अवंती सागर परियोजना के बरगी बांध के पानी में जहर घोलने का काम करेगी। गुपचुप जन सुनवाई कर प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की अनापत्ति प्रमाण पत्र पाने का सिलसिला अभी थमा नहीं है।

उल्लेखनीय है कि नर्मदा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में बहती हैं लेकिन नदी का 87 प्रतिशत जल प्रवाह मध्यप्रदेश में होने से, इस नदी को मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है। आधुनिक विकास प्रक्रिया में मनुष्य ने अपने थोड़े से लाभ के लिए जल, वायु और पृथ्वी के साथ अनुचित छेड़-छाड़ कर इन प्राकृतिक संसाधनों को जो क्षति पहुंचाई है, इसके दुष्प्रभाव मनुष्य ही नहीं बल्कि जड़ चेतन जीव वनस्पतियों को भोगना पड़ रहा है। नर्मदा तट पर बसे गांव, छोटे-बड़े शहरों, छोटे-बड़े औद्योगिक उपक्रमों और रासायनिक खाद और कीटनाशकों के प्रयोग से की जाने वाली खेती के कारण उद्गम से सागर विलय तक नर्मदा प्रदूषित हो गई है और नर्मदा तट पर तथा नदी की अपवाह क्षेत्र में वनों की कमी के कारण आज नर्मदा में जल स्तर भी 20 वर्ष पहले की तुलना में घट गया है।

ऐसे में नर्मदा को प्रदूषण मुक्त करना समय की सबसे बड़ी ज़रूरत बन गई है, लेकिन मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारें औद्योगिक और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए नर्मदा की पवित्रता बहाल करने में ज़्यादा रुचि नहीं ले रहे है। नर्मदा का उदगम स्थल अमरकंटक भी शहर के विस्तार और पर्यटकों के आवागमन के कारण नर्मदा जल प्रदूषण का शिकार हो गया है। इसके बाद, शहडोल, बालाघाट, मण्डला, डिण्डोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खण्डवा, खरगोन आदि जिलों से गुजरती हुई नर्मदा महाराष्ट्र और गुजरात की ओर बहती है, लेकिन इन सभी जिलों में नर्मदा को प्रदूषित करने वाले मानव निर्मित सभी कारण मौजूद है।

अमलाई पेपर मिल शहडोल, अनेक शहरों के मानव मल और दूषित जल का अपवाह, नर्मदा को प्रदूषित करता है। सरकार ने औद्योगीकरण के लिए बिना सोचे समझे जो निति बनाई उससे भी नर्मदा जल में प्रदूषण बड़ा है, होशंगाबाद में भारत सरकार के सुरक्षा क़ागज़ कारखाने बड़वानी में शराब कारखानें, से उन पवित्र स्थानों पर नर्मदा जल गंभीर रूप से प्रदूषित हुआ है। गर्मी में अपने उदगम से लेकर, मण्डला, जबलपुर, बरमान घाट, होशंगाबाद, महेश्वर, ओंकारेश्वर, बड़वानी आदि स्थानों पर प्रदूषण विषेषज्ञों ने नर्मदा जल में घातक वेक्टेरिया और विषैले जीवाणु पाए जाने की ओर राज सरकार का ध्यान आकर्षित किया है।

(क्रमशः जारी)

आम आदमी का विश्वास खो चुके हैं मनमोहन और कांग्रेस


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 29

आम आदमी का विश्वास खो चुके हैं मनमोहन और कांग्रेस

सोनिया दिशाहीन तो राहुल हैं अपरिपक्व

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। नेहरू गांधी परिवार (महात्मा गांधी नहीं) से इतर वजीरे आजम की कुर्सी पर बैठे कांग्रेस के सिपाही डॉ.मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार और कांग्रेस दोनों ही ने आम आदमी का विश्वास पूरी तरह खो दिया है। इक्कीसवीं सदी के पहले दशक में मंहगाई, घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार में आशातीत बढोत्तरी से आम आदमी हिला हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी की कांग्रेस पर पकड़ बहुत ही कमजोर हो चुकी है।

गौरतलब है कि खुद को पाक साफ बताने के चक्कर में वजीरे आजम डॉक्टर मनमोहन सिंह ने इस साल के आरंभ में संपादकों की टोली को चाय पर बुलाकर उन्हें अपने अघोषित प्रवक्ता बना दिया था। इन संपादकों ने वजीरे आजम के बचाव में असफल प्रयास किए। लोगों ने इन संपादकों की टोली की बात को गंभीरता से नहीं लिया। परिणामस्वरूप सरकार, कांग्रेस और मनमोहन का ग्राफ उपर नहीं उठ सका।

युवा तरूणाई के प्रतीक कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर लोगों की निगाहें थीं। राहुल गांधी की एक के बाद एक अपरिपक्व चालों से लोगों विशेषकर युवाओं का भरोसा उन पर से भी उठ गया। लोगों को उम्मीद थी कि मंहगाई, घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार पर राहुल गांधी कम से कम दो शब्द तो बोलेंगे, वस्तुतः एसा हुआ नहीं। राहुल गांधी का व्यवहार भी लोगों को बुरी तरह दुखी ही कर गया।

(क्रमशः जारी)

एक आईडी फर्जी तो दूसरी सही कैसे


एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया . . .  25

एक आईडी फर्जी तो दूसरी सही कैसे

उसी से ठंडा उसी से गरम का आईडिया

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। आदित्य बिरला के स्वामित्व वाले आईडिया सेल्यूलर द्वारा धोखाधड़ी के कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं। एक उपभोक्ता अपने परिचय पत्र की एक जैसी दो छाया प्रति जमा कर दो कनेक्शन लेता है। उसका एक कनेक्शन तो चालू हो जाता है पर दूसरा आईडी प्रूफ गलत होने से बंद हो जाता है। है न यह उपभोक्ता के साथ छल करने का नायाब आईडिया। यह कोई और नहीं वरन् आईडिया कंपनी के कारिंदों का खोजा गया आईडिया है।

एक उपभोक्ता ने बताया कि उसने आईडिया कम्पनी के दो सिम अपने नाम से ख़रीदे थे दोनों के लिए एक ही आई. डी. प्रूफ की एक जैसी दो फोटो कॉपी दी थी तीन चार महीने तक सिम चालू थी लेकिन बाद में एक नं 9694008009 की इन्कोमिंग काल्स बंद हो गई लेकिन एक नं 9694411414 चालू था उसके ठीक 18 दिन बाद उस नं (9694008009) पर जो इन्कोमिंग कॉल बंद होने का मैसेज आता था वो भी बंद हो गया कम्पनी में फ़ोन करने पर बताया की आपका आई. डी. प्रूफ सही जमा नहीं होने की वजह से आपका नं बंद कर दिया गया है आप अपना आई. डी. प्रूफ दुबारा देंगे तो आपका नंबर चालू हो जायेगा।

उपभोक्ता के अनुसार ठीक उसके एक दिन बाद आईडिया के उसने ऑफिस में जाकर उनको बताया गया तो उन्होंने बताया की आपका नंबर एक महीने बंद रहा था इसलिए आपका नंबर बंद कर दिया गया है और यह आपको नहीं मिलेगा उपभोक्ता ने वही ऑफिस से ही दुबारा कस्टमर केयर पर बात की तो उन्होंने आई. डी. प्रूफ नहीं होने की बात बताई और 50 रूपये देने पर आपका नंबर चालू हो जायेगा।

उन्होंने बताया कि इसके बारे में कम्पनी ऑफिस में बताया और कस्टमर केयर पर उसी समय उनको अपने मोबाइल से बात करने को कहा तो ऑफिस वालो ने मन कर दिया और चले जाने को कहा मैंने ये बात कस्टमर केयर पे सी समय कही तो उन्होंने कहा की ऑफिस वाले ऐसा क्यों कह रहे है ये गलत कह रहे है।

कम्पनी के कर्मचारी एक ही समय दो बाते कह रहे है की इस नं की आई. डी. प्रूफ सही नहीं है और दूसरा ये की ये नं एक महीने बंद होने के कारन बंद कर दिया गया है जो की सही नहीं है ऐसा कंही पर भी लिखित में नहीं है बाकि सभी कम्पनी जब तक सिम की वेलिडिटी ख़तम नहीं होतो जब तक नं बंद नहीं कर सकती वो भी इन्कोमिंग काल्स बंद होने के तीन महीने बाद ही बंद कर सकती है।

उपभोक्ता ने आरोप लगाया कि उसका नंबर एक महीने में ही बंद कार दिया जो की सरसर धोखा है उसका जो नंबर बंद हुआ वह उसके वव्यसाय के लिए लिया था और वो नंबर पूरे मार्केट में दिया हुआ है अब वो किसी और को दिया हुआ है जो कम्पनी की गलती है जिसका भोगमान उपभोक्ता को ही भोगना पड़ रहा है उसका काम में काफी नुक्सान हो रहा है। उसने कहा कि उसके पास आईडिया कम्पनी में कस्टमर केयर में जो बातचीत हुई है वो रिकॉर्ड है अतः उसे 9694008009 वापस दिलाये ताकि उसके नुक्सान की भरपाई हो सके.

(क्रमशः जारी)

सिवनी की समस्याओं पर परिचर्चा जरूरी: लिमटी खरे


सिवनी की समस्याओं पर परिचर्चा जरूरी: लिमटी खरे

चंडी के जैसे दुष्टों का शमन करे समाचार पत्र: तिवारी

सिवनी। दो दशकों से समस्याओं से कराह रहे सिवनी जिले की बुनियादी समस्याओं पर परिचर्चा का अब समय आ चुका है। फोरलेन, ब्राडगेज, पेंच परियोजना जैसी महात्वाकांक्षी परियोजनाओं को कांग्रेस और भाजपा ने राजनीति का मुद्दा बना लिया है। आम आदमी हैरान परेशान है पर जनसेवकों को किसी की सुध नहीं। सामान्य ज्ञान के साथ ही साथ जिले की समस्याओं पर चर्चा अब आवश्यक है।उक्ताशय की बात पत्रकार लिमटी खरे ने गत दिवस कन्या शाला, मठ में आयोजित पाक्षिक पत्रिका राष्ट्र चंडिका के द्वारा आयोजित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के पुरूस्कार वितरण और ब्राम्हण समाज की मासिक पत्रिका ब्राम्हण की बातका विमोचन करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है। सालों से इस तरह की प्रतियोगिताएं नहीं हो रही हैं। सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता से ही बच्चों को प्रतियोगी परिक्षाओं का अभ्यास होता है। राष्ट्र चंडिका द्वारा कम समय में ही मुकाम हासिल करने की सराहना करते हुए उन्होने कहा कि समाज को एकसूत्र में पिरोने यह पत्रिका अपनी महती भूमिका निभाए।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य पंडित धर्म नारायण तिवारी ने कहा कि ब्राम्हण इस सृष्टि के रचियता भगवान ब्रम्हा के अंश हैं। उन्होंने कहा कि ब्राम्हण द्वारा अपनी जीविकोपार्जन में आरंभ से ही कठिनाई महसूस की गई किन्तु बिना लोभ के ही ब्राम्हण द्वारा जनकल्याण के लिए हवन पूजन कराए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखबार का नाम चंडी के नाम पर है और उसे चंडी बनकर ही गलत बातों का शमन करना चाहिए।

सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में मिशन इंगलिश शाला की श्वेता जागरे प्रथम, इसी शाला की शिवानी तिवारी द्वितीय और आशीर्वाद शाला के अमित साहू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। तीनों विजेताओं को राष्ट्र चंडिका की ओर से क्रमशः पंद्रह सौ रूपए, एक हजार रूपए और पांच सौ रूपए नकद के साथ ही साथ शील्ड भी प्रदाय की गई।

कार्यक्रम का संचालन पत्रकार अभिषेक दुबे एवं आभार प्रदर्शन युवा भाजपा नेता नरेंद्र ठाकुर द्वारा किया गया। समारोह में बडी संख्या में विद्यार्थी और पालक तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

माया का गुण्‍डाराज