सोमवार, 26 दिसंबर 2011

. . . तो शून्य घोषित हो सकती है लोकसुनवाई


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 39

. . . तो शून्य घोषित हो सकती है लोकसुनवाई

आरक्षित वन के मसले पर तो हुई ही नहीं लोकसुनवाई!

क्या दोनों चरणों के लिए फिर से होगी पब्लिक हियरिंग




(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में शामिल मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर के ग्राम बरेला में डाले जा रहे पावर प्लांट की क्षमता कितनी है इस बात को लेकर अभी कुहासा छटा नहीं कि इसके आरक्षित वन में स्थापित किए जाने की बात के प्रकाश में आने से इस संयंत्र का भविष्य खतरे में पड़ता दिख रहा है।
गौरतलब है कि बरेला में दो चरणों में डाले जाने वाले पावर प्लांट के पहले चरण में कोल आधारित छः सौ मेगावाट के पावर प्लांट की लोक सुनवाई 22 अगस्त 2009 को संपन्न हुई थी। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के तहत हुई इस लोकसुनवाई में मेसर्स झाबुआ पावर प्लांट द्वारा इसके आसपास रक्षित वन एवं इसके रक्षित वन में स्थापित होने की बात छिपा ली थी। जिसके चलते पहले चरण की लोकसुनवाई में इस बारे में लोगों ने जानकारी के अभाव में आपत्ति दर्ज नहीं कराई जा सकी। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के लोकसुनवाई प्रतिवेदन पर केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने भी आंख बंद कर अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी।
प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सूत्रों का कहना है कि इसके दूसरे चरण के लिए लोकसुनवाई 600 मेगावाट के लिए तय की गई थी। मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा इसकी क्षमता रातों रात बढ़ाकर 660 मेगावाट कर दी। उधर, मण्डल ने भी 660 मेगावाट की लोकसुनवाई आयोजित की किन्तु सूत्रों ने बताया कि कागजों पर कहीं कहीं 600 तो कहीं कहीं 660 मेगावाट की लोकसुनवाई दर्ज है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 नवंबर 2011 को संपन्न लोकसुनवाई के पूर्व संयंत्र प्रबंधन द्वारा जो कार्यकारी सारांश जमा करवाया गया था, वह 22 अगस्त 2009 के कार्यकारी सारांश की छायाप्रति ही थी। संयंत्र प्रबंधन के सूत्रों का कहना है कि कंपनी के मालिकों को यह भान नहीं था कि सिवनी जिले की जनता इतनी जागरूक होगी कि इस मामले में बाल की खाल निकालना आरंभ कर देगी। जब मामले ने तूल पकड़ा तब जाकर कहीं संयंत्र प्रबंधन को होश आया और उसने दूसरे चरण का नया कार्यकारी सारांश जमा करवा दिया। सूत्रों की मानें तो प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने बिना किसी ना नुकुर के निहित स्वार्थों की पूर्ति होते ही संयंत्र प्रबंधन द्वारा जनसुनवाई के एक सप्ताह बाद जमा कराए गए कार्यकारी सारांश को पिछले कार्यकारी सारांश के स्थान पर अपने दस्तावेजों का हिस्सा बना लिया।
उधर, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगर आरक्षित वन के बारे में संयंत्र प्रबंधन ने दोनों चरणों की लोकसुनवाई के उपरांत संज्ञान में लाई गई है तो दोनों ही चरणों की लोकसुनवाई शून्य घोषित होने में समय नहीं लगेगा। दूसरे चरण के कार्यकारी सारांश में अनेक नए बिंदुओं पर अगर फिर से लोकसुनवाई आहूत हुई तो संयंत्र प्रबंधन की अब तक की सारी कवायद पर पानी फिरने में देर नहीं लगने वाली है।

(क्रमशः जारी)

रीता ही है वर्षांत में सरकारी उपलब्धियों का कलश


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 61

रीता ही है वर्षांत में सरकारी उपलब्धियों का कलश

साल भर में कोई उपलब्धि नहीं हासिल की मनमोहन सरकार ने



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। साल की समाप्ति में महज पांच दिन बचे हैं और मीडिया के पास सरकार की धनात्मक बातों के खाते का कलश पूरी तरह से खाली ही है। अमूमन साल के आखिरी पखवाड़े में साल भर का लेखा जोखा प्रस्तुत करने का रिवाज रहा है मीडिया में। पिछले दो सालों से मीडिया में इस बात को लेकर चर्चा गर्म है कि वजीरे आजम डॉक्टर मनमोहन सिंह के यूपीए टू के कार्यकाल में उपलब्धियां लगभग शून्य ही रही हैं।
इस साल प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के खाते में सिर्फ और सिर्फ एक ही बात आएगी कि उन्होंने अपनी ईमानदार छवि को बनाए रखा है और नेहरू गांधी परिवार से इतर (महात्मा गांधी नहीं) सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकार्ड भी मनमोहन सिंह के नाम हो चुका है।
कांग्रेस के अंदरखाने में चल रही चर्चाओं के अनुसार यूपीए टू में मनमोहन सिंह का परफार्मेंस इतना खराब रहा है कि अब देश मनमोहन सिंह के वजीरे आजम के पद से रूखसती के लिए और अधिक प्रतीक्षा करने की स्थिति में नहीं दिख रहा है। चर्चाओं के अनुसार कांग्रेस के आला नेताओं का मानना है कि अगर मनमोहन सिंह को और अधिक समय तक प्रधानमंत्री पद पर काबिज रखा गया तो कांग्रेस का नामलेवा देश भर में भी नहीं बचेगा।
कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल में जिस तरह घपले, घोटाले, भ्रष्टाचार के महाकांड सामने आए हैं उससे कांग्रेस शर्मसार हुए बिना नहीं रही है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी की मजबूरी है कि वे इतने महाकांड के उजागर होने के बाद भी अपना मुंह सिले हुए हैं। अगर दोनों ही ने इस मामले में कुछ बोला तो देश बरबस ही बोल उठेगा कि यही है सोनिया और राहुल की पसंद?

(क्रमशः जारी)

महाकौशल के विधायकों पर बनाना होगा जनता को दबाव!


0 महाकौशल प्रांत का सपना . . . 18

महाकौशल के विधायकों पर बनाना होगा जनता को दबाव!

विधानसभा में पारित करवाना होगा संकल्प



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। महाकौशल प्रांत के नागरिक अगर चाहते हैं कि वे प्रथक छोटे प्रांत के निवासी बनकर विकास के मार्ग प्रशस्त करें तो इसके लिए यह आवश्यक होगा कि नागरिक मिलकर अपने अपने विधायकों पर इस बात का दबाव बनाएं कि प्रथक महाकौशल के लिए विधानसभा में संकल्प पाति करवाया जाए। महज धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन से प्रथक महाकौशल की राह नहीं निकाली जा सकती है।
आजादी के उपरांत महाकौशल का एक बड़ा हिस्सा सेंट्रल प्रिवेंसेस एण्ड बरार (सीपी एण्ड बरार) का हिस्सा रहा है। उमर दराज हो चुकी पीढ़ी आज भी सरकारी बसों को सीपीटीएस की बसें ही कहा करते हैं। गौरतलब है कि उस वक्त यात्री बसों का संचालन सेंट्रल प्रोवेन्सेस ट्रांसपोर्ट सर्विस द्वारा किया जाता था। 01 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश की स्थापना के बाद मध्य प्रदेश में राज्य परिवहन का गठन किया गया था।
महाकौशल प्रांत के गठन के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित अनेक संगठन अपने अपने स्तर पर प्रयासरत हैं। इसके लिए वे धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन आदि का सहारा ले रहे हैं। प्रथक महाकौशल का सपना तभी साकार हो सकता है जब इसके लिए महाकौशल प्रांत में आने वाले जिलों के विधायकों पर इस बात का दबाव बनाया जाए कि वे विधानसभा में इस बात को पुरजोर तरीके से उठाकर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भिजवाएं।
इसके लिए महाकौशल प्रांत के समस्त राजनैतिक दलों के लिए यह जरूरी है कि वे दलगत भावना से उपर उठकर प्रथक महाकौशल प्रांत के लिए अपने अपने दलों के विधायकों को इसके लिए राजी करें कि प्रथक महाकौशल की बात मध्य प्रदेश विधानसभा में उठाई जाए, एवं ध्वनिमत से इसे पारित करवाकर इसका एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भिजवाया जाए।
वर्तमान में यह बात इसलिए भी आसान प्रतीत हो रही है क्योंकि मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी जबलपुर तो उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर सिवनी जिले के विधायक हैं, जो महाकौशल प्रांत का अभिन्न अंग माने जा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा के इन दोनों ही कद्दावर नेताओं के लिए यह बहुत दुष्कर काम नहीं है कि मध्य प्रदेश विधानसभा से प्रथक महाकौशल की बात को केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाए।
जब यह प्रस्ताव केंद्र को जाएगा, तब आरंभ होगी महाकौशल के सांसदों की भूमिका। महाकौशल के क्षत्रपों की केंद्रीय राजनीति में गहरी दखल जगजाहिर है। महाकौशल के उर्जावान सांसदों में कमल नाथ, राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, गणेश सिंह आदि के कद को कमतर नहीं आंका जा सकता है। इसके साथ ही साथ पूर्व सांसद प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, रामेश्वर नीखरा भी इसी माटी को कर्मभूमि बनाए हुए हैं। इन सभी के संयुक्त प्रयासों से महाकौशल प्रांत का सपना साकार हो सकता है। इसके लिए इन सभी के समर्थकों को अपने अपने नेताओं को इस पुनीत कार्य के लिए राजी करना अत्यावश्यक ही प्रतीत हो रहा है।

(क्रमशः जारी)

ठंड से रूका जनजीवन!


ठंड से रूका जनजीवन!



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। गलन भरी शीतलहर के चलते देश भर के अनेक हिस्सों में जनजीवन ठप्प पड़ गया है। पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाकों से आने वाली सर्द हवाओं ने रात के साथ ही साथ दिन का तापमान भी गिरा दिया है। दिल्ली में कोहरे से निजात नहीं मिल सकी है। दिल्ली में हड्डी गलाने वाली सर्दी का आनंद रविवार के बाद सोमवार को भी लोगों ने लिया।
भोपाल स्थित साई ब्यूरोके मुताबिक वहीं देश के हृदय प्रदेश के जबलपुर और शहडोल संभागों में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सबसे कम न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस मंडला में दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है। जबकि इन्दौर का न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। मौसम विभाग के सूत्रों ने कहा कि अगले 24 घंटांे के दौरान प्रदेश के सभी संभागों में मौसम श्ुाष्क रहने की संभावना व्यक्त की है।
देहरादून के साई ब्यूरोने बताया कि प्रदेष के मध्य हिमालयी क्षेत्रों में पाला पड़ने से खेती बाड़ी पर विपरीत असर पड़ रहा है। उधर, मैदानी क्षेत्रों में कोहरे से आम जनजीवन प्रभावित है। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों में राज्य में मौसम में किसी खास बदलाव से इनकार किया है। आलम यह है कि देहरादून, नैनीताल समेत प्रदेष के विभिन्न भागों में सूर्यास्त के बाद से ही ठण्ड बढ़ जा रही है, लेकिन दिन में तेज धूप के कारण लोगों को राहत है। 
जयपुर से साई ब्यूरोने बताया कि राज्य के अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान में कमी होने से सर्दी का असर और बढ गया है। आज सुबह सीकर के फतेहपुर कस्बे में शून्य से 2 डिग्री नीचे तापमान पहुंच जाने से लोगों की परेशानियां बढ गई हैं। वहीं चूरू में पारा गिरकर शून्य से एक डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। इसी तरह माउण्टआबू में तापमान एक दशमलव 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। इसके अलावा श्रीगंगानगर में न्यूनतम तापमान शून्य दशमलव छः, पिलानी में शून्य दशमलव तीन, जैसलमेर में 5 दशमलव 4, डबोक में 7 दशमलव 6 और राजस्थान जयपुर में 6 दशमलव 1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
पटना से साई ब्यूरोमंजू सिंह ने बताया कि कड़ाके की ठंड के कारण बंद राज्य के सभी स्कूलों में आगामी दो जनवरी से पढ़ाई शुरू हो जायेगी। शिक्षा मंत्री पी.के. शाही ने बताया कि राज्य के सभी विद्यालयों में ठंड को देखते हुए कक्षा एक से आठ तक की कक्षाएं स्थगित रखने का फैसला लिया गया था। अब आठ तक की कक्षाओं में पढ़ाई दो जनवरी से शुरू हो जायेंगी।
राजधानी पटना सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में धूप खिलने से लोगों को दिन में ठंड से थोड़ी राहत मिली है। स्थानीय मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से कम होने की संभावना व्यक्त की है। इस कारण दिन में लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। आज पटना का न्यूनतम तापमान पांच दशमलव पांच, गया पांच दशमलव एक, भागलपुर नौ दशमलव आठ और पूर्णिया छह दशमलव चार डिग्री सेल्यिसस दर्ज किया गया। 
उधर, अंडमान और निकोबार में भी मौसम बिगड़ रहा है। पोर्ट ब्लेयर से साई ब्यूरोके मुताबिक अंडमान के दक्षिण-पश्चिम खाडी क्षेत्र में हवा का कम दबाव बन जाने से द्वीप समूह में मौसम खराब हो गया है। पिछले चौबीस घण्टो के दौरान द्वीप समूह के कई इलाकों में पांच से. मी. वर्षा रिकार्ड की गई। अगले चौबीस घण्टो के मौसम अनुमान में बताया गया है कि द्वीप समूह मे गरज के साथ बौछारें पड़ सकती है और कहीं कहीं मध्यम वर्षा हो सकती है। इस दौरान पेतालीस से पचपन किलो मीटर की रफ्तार से हवायें चलेंगी। मछुवारों को समुंद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
खराब मौसम के चलते द्वीप समूह में अर्न्तद्वीपीय जलयान सेवाएं और सी-प्लेन सेवा प्रभावित हुई है। जहाजरानी सेवा निदेशालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार फेरी सेवाएं और वाहन फेरी सेवाएं स्थगित की जा रही है। बम्बुफ्लाट से आस पास के क्षेत्रों में खराब मौसम के बावजूद फेरी सेवा से सम्पर्क रखने का प्रयास भी किया जा रहा है। वाहन फेरी सेवा मौसम ठीक होने तक स्थगित रहेगी मौसम और खराब होने की स्थिति मे फेरी सेवाएं भी रद्द की जा सकती है।

उत्तर प्रदेश चुनाव की तैयारियां आरंभ


उत्तर प्रदेश चुनाव की तैयारियां आरंभ



(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। देश को सबसे अधिक प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर प्रदेश सूबे में चुनावी तैयारियां आरंभ हो गई हैं। उत्तर प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव निर्वाचन क्षेत्रों के नए सीमांकन के बाद हो रहा है। विधानसभा के कुल ४०३ निर्वाचन क्षेत्रों में से १६३ नए हैं। विभिन्न दलों के उम्मीदवारों को विभिन्न हलकों में चालीस प्रतिशत से अधिक नए मतदाताओं का सामना करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले में परिवर्तन हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन दो जनवरी को किया जायेगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने बताया है कि प्रदेश में चलाये गये विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के परिणाम स्वरूप मतदाताओं की कुल संख्या बारह करोड़ अट्ठावन लाख हो गयी है। उन्होंने बताया है कि अंठानबे प्रतिशत से अधिक मतदाताओं के फोटो पहचान पत्र तैयार कर लिये गये हैं और इनका वितरण अभियान चलाकर किया जायेगा।
उन्होंने बताया है कि पहली बार मतदाता बन रहे अट्ठारह और उन्नीस वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या बावन लाख से अधिक है। श्री सिन्हा ने बताया कि कई स्थानों पर मतदाताओं की संख्या बढ़ जाने के कारण सहायक मतदेय स्थल बनाये जायेंगे। इससे प्रस्तावित मतदेय स्थलों की संख्या एक लाख अट्ठाईस हजार एक सौ बारह से ज्यादा हो जायेगी।  मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया है कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग किया जायेगा और शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिए केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की जायेगी।
जौनपुर से साई संवाददाताने बताया कि जौनपुर जिले में आदर्श आचार संहिता का अनुपालन कराने के क्रम में सार्वजनिक स्थानों पर लगे होर्डिंग हटाये जा रहें हैं। चुनाव घोषणा होते ही जिला प्रशासन मुस्तैद हो गया है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि सभी सेक्टर मजिस्टेªट और जोनल मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अपने क्षेत्रों में यह सुनिश्चित करायें कि आदर्श आचार संहिता का शत-प्रतिशत अनुपालन हो रहा है। 
दिल्ली एनसीआर से गाजियाबाद के साई संवाददाताः ने बताया कि  में सभी मतदेय स्थलों पर मतदाताओं की संख्या और मतदान केन्द्रों पर रैम्प उपलब्ध कराने और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं। उपजिलानिर्वाचन अधिकारी ने सभी बूथ लेवल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने अपने क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों का नजरी नक्शा बनाकर प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रत्याशी के लिए नये खातों के माध्यम से सोलह लाख की व्यय सीमा निर्धारित की गई है, और सभी प्रत्याशियों को प्रत्येक तीसरे दिन अपने खर्चे का ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा। 
उत्तर प्रदेश में परिसीमन की प्रक्रिया से कई विधानसभा क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। यह चुनाव परिसीमन के बाद पहला चुनाव है।  कुल चार सौ तीन विधानसभा क्षेत्रों में परिसीमन के बाद एक सौ तिरसठ नये क्षेत्र सामने आये हैं। जिससे लगभग चालीस प्रतिशत विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों को नये मतदाताओं का सामना करना पड़ेगा। परिसीमन के कारण सुरक्षित विधानसभा क्षेत्रों के स्वरूप और संख्या पर भी असर पड़ा है। दो हजार सात तक सुरक्षित विधानसभा क्षेत्रों की संख्या नवासी थी। जबकि अब इनकी संख्या पच्चासी रह गयी है, और इनमें भी अट्ठाईस क्षेत्र नये हैं।
उधर, समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव पूर्व किसी भी तरह के गठबन्धन से इन्कार किया है। समाजवादी पार्टी ने कहा है कि प्रदेश के लोग मायावती सरकार के कथित कुशासन से ऊबे हुए है और परिवर्तन चाहते है। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि वह भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दों को चुनाव के दौरान गम्भीरता से उठायेगी। भाजपा ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को कुशासन, भ्रष्टाचार और गैर विकास का पर्याय कहा है।
प्रदेश में चुनाव की तिथियो घोषणा के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों ने जनसम्पर्क और जनसभाओं के आयोजन सम्बन्धी गतिविधियॉ तेज कर दी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी राज्य के विभिन्न जिलों का पॉच दिवसीय दौरा शुरू कर रहें हैं। इस दौरान वह सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, शाहजहॉपुर, बरेली और सहारनपुर जिलों में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा को सम्बोधित करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने वरिष्ठ नेताओं राजनाथ सिंह, मुख्तार अब्बास नकवी, उमाभारती और प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही के दौरों के कार्यक्रम घोषित किये है। उधर समाजवादी पार्टी ने विभिन्न जिलों के तेरह विधानसभा क्षेत्रों में अपने पूर्व घोषित उम्मीदवारों को बदल दिया है। इनमें बरौली, आवंला, कायमगंज, बिन्दकी, कोरवं, बलरामपुर, मेंहदावल, चिल्लूपार, लम्भुआ, कानपुर कैण्ट, टाण्डा, बदलापुर और चकिया विधानसभा क्षेत्र शामिल है।
निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारियां चाक चौबंद करना आरंभ कर दिया है। निर्वाचन आयोग पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में समुचित संख्या में प्रेक्षक तैनात करेगा। आयोग की विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रेक्षक चुनाव प्रक्रिया के हर चरण पर कड़ी नजर रखेंगे। इन प्रेक्षकों के नामों, जिलो।,निर्वाचन क्षेत्रों तथा उनके टेलीफोन नंबरों का स्थानीय समाचार पत्रों में अच्छी तरह प्रचार किया जाएगा ताकि आम जनता कोई भी शिकायत करने के लिए उनसे तुरंत संपर्क कर सके।

हड़ताल से मरीजों की हालत बिगड़ी


हड़ताल से मरीजों की हालत बिगड़ी

(एस.के.मीणा)

जयपुर (साई)। राजस्थान में हड़ताली डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने दो मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी तथा दस प्रधान चिकित्सा अधिकारियों को राजस्थान आवश्यक सेवा अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में कल रात उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया। साढ़े छह हजार हड़ताली डॉक्टरों में से ग्यारह सौ ८४ अपने काम पर लौट आए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त होने के कोई संकेत नहीं है।
राजस्थान के लोग अब बेसब्री से हड़ताल के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि सरकार द्वारा किए गए वैकल्पिक इंतजाम के बावजूद अस्पताल मरीजों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में स्थिति ज्यादा खराब है। एक-दो डॉक्टरों के भरोसे चल रहे अस्पतालों में चिकित्सा सेवा नहीं मिल पाने के कारण मरीज महंगे निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हो रहे हैं। जयपुर में कुछ निजी अस्पतालों द्वारा एक हजार ७२० बिस्तर गरीबों के लिए आरक्षित किए जाने से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है।
राज्यसरकार द्वारा हड़ताल से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के फलस्वरुप, सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं में सुधार देखा जा रहा है। सेना, सीमा सुरक्षा बल, रेलवे और ईएसआई के डॉक्टरो के साथ ही मेडिकल छात्र आज भी कई अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे है, जिसकी वजह से मरीजों की परेशानी थोडी कम हुई है।
जोधपुर से साई संवाददाताः के अनुसार महात्मा गांधी अस्पताल और उम्मेद अस्पताल में पांच चिकित्सा अधिकारियों ने हडताल छोडकर कार्यभार ग्रहण कर लिया। इस बीच राज्य में अब तक 1184 डाक्टर हडताल से वापस लौट आये हैं। वहीं रेजीडेन्ट चिकित्सक अभी भी हडताल पर चल रहे हैं। वैकल्पिक इन्तजामों के लिए कुछ निजी अस्पतलों की मदद ली गई है।
उधर, सेना ने भी बीकानेर और अलवर, के सैन्य अस्पतालो में मरीजो को मुफ्त चिकित्सा की सहुलियत दी है। बीकानेर से साई संवाददाताने खबर दी है कि पी.बी.एम. अस्पताल में 159 डाक्टर 2 अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वही सरकार ने कुछ और निजी चिकित्सालयो को वैकल्पिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अधिकृत किया है।
इस बीच राज्य सरकार ने डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सोमवार तक एक हजार नए डॉक्टर भर्ती करने का निर्णय लिया है। सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए अब तक चालीस चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा तीन सौ साठ डॉक्टरों को रेस्मा के तहत गिरफ्तार किया गया है। डॉक्टरो की हडताल से मरीजो को होने वाली परेशानी को देखते हुए विभिन्न सामाजिक संगठन भी हडताल के खिलाफ खडे होने लगे है।

जलकुंभ से बनेगी बिजली


जलकुंभ से बनेगी बिजली

(शिरीष नायर)

कोट्टायम (साई)। केरल के कोट्टायम शहर के कोडीमाथा सब्जी बाजार में अगले महीने जैविक गैस संयंत्र से चालित बिजली का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा। यह संयंत्र वेम्बनाड झील की जलकुंभी वनस्पति से चलाया जाएगा। यह झील से जलकुंभियां साफ करने की योजना कुट्टानाड पैकेज का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये पैकेज अलापुझा ्रभूमि सुधार और कुट्टानाड नम भूमि की कृषि संबंधी परेशानियां दूर करने के लिए तैयार किया गया है।
विपरीत परिस्थितियों को एक बेहतरीन अवसर में बदलने की यह एक अनोखी परियोजना है जिसकी लागत ३० करोड़ रूपए की है। वेम्बानाड झील में जलकुंभियों के कारण स्थानीय लोगों को आजीविका, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इस परियोजना का उद्देश्य यांत्रिक और जैव नियंत्रण विधियों से करीब ३ लाख घन मीटर पानी चरणबद्ध ढंग से इस्तेमाल करना है।
ये परियोजना मत्स्य संसाधन, प्रबंध सोसायटी चला रही है जो राज्य सरकार के मत्स्य पालन विभाग के तहत काम करती है। शुद्ध पानी का इस्तेमाल बिजली पैदा करने और वर्मी कम्पोस्ट यूनिट तथा दस्तकारी में किया जाएगा। इसके अलावा एर्नाकुलम और अलप्पुझा में दो बायो गैस संयंत्र लगाने की भी योजना है।

दुर्घटना मे धार में छः की मौत


दुर्घटना मे धार में छः की मौत

(सुजीत खरे)

धार (साई)। धार जिले के मांडू में कल हुई बस दुर्घटना में 3 बच्चों सहित 6 लोगों की मृत्यु हो गई। घायल 13 लोगों में से 7 घायलों का उपचार इन्दौर के एम.वाय. अस्पताल में किया जा रहा है। इस बस में कुल 55 लोग सवार थे। इस दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को राज्य शासन की ओर से एक-एक लाख रूपये की राशि देने तथा धार जिला प्रशासन की ओर से मृतकों को 10-10 हजार रूपये तथा गंभीर रूप से घायलों को 5-5 हजार रूपये की राशि मंजूर की गई है। उज्जैन जिले के खाचरौद के निजी स्कूल की ये बस बच्चों को पिकनिक के लिये मांडू लेकर जा रही थी कि अचानक अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी।

मतदाता पहचान पत्र वितरण के निर्देश


मतदाता पहचान पत्र वितरण के निर्देश

(संजय कुमार)

देहरादून (साई)। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने इस महीने की इकतीस तारीख तक मतदाता फोटो पहचान पत्र तैयार कर बीएलओ या अन्य किसी माध्यम से वितरित करने के जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देष दिए हैं। राज्य में चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही निर्वाचन कार्यों में तेजी आ गई है। जिसके अंतर्गत श्रीमती रतूड़ी ने आगामी दो जनवरी तक फोटोयुक्त विधानसभा निर्वाचक नामावलियों के अंतिम प्रकाषन के लिए विषेष प्रबन्ध के भी निर्देष दिए हैं।
उन्होंने इन मतदाता सूचियों की एक-एक प्रति मान्यता प्राप्त सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने आदर्ष आचार संहिता के सख्ती से अनुपालन के निर्देष देते हुए कहा है कि निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाषन के बाद भी नाम निर्देषन के लिए नियत अंतिम तिथि तक निर्वाचक नामावलियों में नाम शामिल किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में तत्काल प्रभाव से नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ ही चौबीस घंटे षिफ्टवार कार्मिकों की तैनाती के निर्देष दिए गए हैं, जहां आने वाली और की जाने वाली सभी टेलीफोन कॉल रजिस्टर में दर्ज की जांएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारियों को अन्य कई निर्देष भी जारी किए हैं, जिसमें कानून व्यवस्था और चुनाव कर्मियों के प्रषिक्षण आदि शामिल हैं।

चुनावों की तिथियों पर मुख्यमंत्री ने जताई असहमति


चुनावों की तिथियों पर मुख्यमंत्री ने जताई असहमति



(प्रियंका ठाकुर)

देहरादून (साई)। मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खण्डूड़ी ने कहा है कि जनवरी में राज्य के अनेक विधानसभा क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और कड़ाके की सर्दी के कारण तीस जनवरी को घोषित मतदान पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उन्होंने मौसम का हवाला देते हुए कहा है कि इससे मतदान प्रतिषत में कमी की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर भी चुनाव करवाने पर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में फरवरी के दूसरे पखवाड़े को मतदान के लिए अनुकूल मौसम बताया है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर जनवरी माह में राज्य के करीब एक दर्जन विधानसभाई क्षेत्रों में कई स्थान बर्फ से ढके रहते है और सर्दी के कारण जनवरी माह में राज्य मंे कभी भी मतदान नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब नई सरकार गठन के लिए मार्च का समय है तो ऐसी दषा में फरवरी आखिर में ही मतदान की तिथियां तय होनी चाहिए थी। श्री खण्डूड़ी ने तीस जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस का हवाला देते हुए मतदान की तिथि घोषित किए जाने पर आष्चर्य व्यक्त किया है।

प्रभारी मंत्री ने बनाई टेंकर वितरण से पर्याप्त दूरी


प्रभारी मंत्री ने बनाई टेंकर वितरण से पर्याप्त दूरी



(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सिवनी की स्थानीय सांसद श्रीमति नीता पटेरिया के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्म दिवस पर वितरित किए गए टेंकर्स के वितरण समारोह से प्रभारी मंत्री नाना भाउ माहोड की अरूचि चर्चाओं में है। स्थानीय मिशन उच्चतर माध्यमिक शाला में आयोजित समारोह में प्रभारी मंत्री उपस्थित हुए किन्तु समारोह में टेंकर वितरण के पूर्व ही उन्होंने प्रोग्राम से रवानगी डाल दी।
गौरतलब है कि सिवनी जिले में टेंकर वितरण सदा से ही चर्चाओं का केंद्र रहे हैं। पूर्व में सिवनी विधानसभा के तत्कालीन विधायक नरेश दिवाकर द्वारा भी विधायक निधि से टेंकर वितरित किए गए थे। उस समय टेंकर्स नगर पालिका परिषद सिवनी को प्रदाय किए गए थे। बाद में ये जबर्दस्त चर्चा का विषय बने रहे।
इसके उपरांत हाल ही में विधानसभा उपाध्यक्ष एवं केवलारी के विधायक हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा टेंकर वितरित किए हैं। चर्चा है कि इन टेंकर्स की खरीद में भी नियम कायदों को बलाए ताक पर रखा गया है। इसके ठीक बाद सिवनी विधानसभा की विधायिका एवं पूर्व सांसद श्रीमति नीता पटेरिया द्वारा अपनी विधायक निधि से टेंकर वितरण किए गए।
मिशन स्कूल के मैदान में आयोजित इस समारोह में उपस्थित जिले के प्रभारी मंत्री नाना भाउ माहोड ने जब अपने उद्बोधन में टेंकर्स के बारे में कुछ भी नहीं कहा तो लोगों को घोर आश्चर्य हुआ। लोगो के आश्चर्य की सीमा तब नहीं रही जब वे अपने उद्बोधन के उपरांत तत्काल वहां से रवाना होकर नेशनल लान फिर सिमरिया में एक क्रिकेट प्रतियोगिता का उदघाटन करने पहुंचे। प्रभारी मंत्री का टेंकर्स के बारे में अपने उद्बोधन न करना और टेंकर वितरण प्रोग्राम उनके हाथों संपन्न न करवाने को लेकर शहर में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है।