बुधवार, 30 मार्च 2011

राज्य सरकार को नहीं है बच्चों को शिक्षित करने में दिलचस्पी

एमपी में सर्वशिक्षा अभियान टांय टांय फिस्स
 
हर साल हो रही करोड़ों रूपयों की राशि लेप्स
 
(लिमटी खरे)
 
नई दिल्ली। देश के नौनिहालों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नित नई योजनाओं का आगाज किया जाकर अरबों रूपयों का बजट इसके लिए आवंटित किया जा रहा है किन्तु देश के हृदय प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को बच्चों को शिक्षित करने में कोई दिलचस्पी नही दिखाई जा रही है।

गौरतलब होगा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर चलाए जाने वाले राजीव गांधी शिक्षा मिशन को भाजपानीत राजग सरकार द्वारा सर्वशिक्षा अभियान नाम दिया गया था। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सत्तासीन होने के बाद 2004 से चालू माली साल तक केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश को दी गई इमदाद 678478.62 लाख रूपए और राज्य का अंश मिलाकर कुल 10,36,942.30 लाख रूपए की राशि प्राप्त हुई है।
 
सूत्रों के अनुसार वर्षवार अगर देखा जाए तो वित्तीय वर्ष 2004 - 2005 में राज्य सरकार ने 1399.71 लाख रूपए की राशि ज्यादा व्यय की थी। इसके अगले साल सरकार के पास 1,04,978.97 लाख रूपए की राशि लेप्स हो गई। वर्ष 07 - 08 में एक बार फिर 19,199.53 लाख रूपयों की रशि उपयोग न हो पाने के कारण बची ही रह गई थी।
 
सूत्रों ने आगे कहा कि वित्तीय वर्ष 08 - 09 में राज्य सरकार द्वारा 19,020.96 लाख रूपए की राशि निर्धारित बजट से अधिक खर्च की गई थी। इसके बाद वाले साल में भी राज्य सरकार ने निर्धारित राशि से 11,462.77 लाख रूपयों की राशि ज्यादा खर्च कर दी गई थी। चालू माली साल में राज्य सरकार के पास 36,091.37 लाख रूपयों की राशि लेप्स हो रही है।

एक तरफ तो भाजपा के शिवराज सिंह चौहान द्वारा बात बात पर राजधानी दिल्ली आकर मीडिया से रूबरू होकर कांग्रेसनीत केंद्र सरकार पर मध्य प्रदेश की उपेक्षा के आरोप लगाए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा दी गई इमदाद को ही पूरा पूरा खर्च नहीं किया जाता है, इससे लगता है कि मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान को उनके माहतत सरकारी नुमाईंदों द्वारा जमीनी हकीकत से कोसों दूर रखकर राजनैतिक पूर्वाग्रह के आधार पर गलत बयानी पर मजबूर किया जा रहा है।