रविवार, 4 नवंबर 2012

मेक्रो इकोनॉमिक्स में सर्वश्रेष्ठ राज्य एमपी - चौहान

मेक्रो इकोनॉमिक्स में सर्वश्रेष्ठ राज्य एमपी - चौहान

(आकाश कुमार)

 
 नई दिल्‍ली (साई)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश को अग्रणी श्रेणी के राज्यों में शीघ्र आ जायेगा तथा गरीब आदमी का कल्याण ही विकास के पैमाने का सही मूल मंत्र होगा। श्री चौहान इंडिया टुडे द्वारा आयोजित स्टेट ऑफ द स्टेट्स कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में ’व्यापक अर्थव्यवस्था’’ (मेक्रो इकोनॉमी) की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए मध्यप्रदेश को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम हर वर्ष विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्यांे को पुरस्कृत करता है। इस कार्यक्रम का यह 10वां वर्ष था। उत्कृष्ट कार्यों का चयन केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराये विभिन्न आंकड़ों के आधार पर किया जाता है। केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
       पुरस्कार ग्रहण करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कहा कि मध्यप्रदेश पहले बीमारू राज्यों की श्रेणी आता था संसाधनों से परिपूर्ण होने के बावजूद भी मध्यप्रदेश का विकास उस गति से नहीं हो पाया जितना होना चाहिए था। यह उस समय के नेतृत्व की विफलता है। श्री चौहान ने बताया कि 8 साल पहले प्रदेश में बिजली, सड़क और पानी की स्थिति बहुत खराब थी, प्रदेश की अधोसंरचना जर्जर हालत में थी, उस समय प्रदेश की विकास दर 5 प्रतिशत के अंदर ही थी लेकिन अब प्रदेश में हुए चहुमुखी विकास और संसाधनों के बेहतर दोहन, जनोन्मुखी कल्याणकारी योजनाओं से मध्यप्रदेश विकसित राज्यों की श्रेणी में आ गया है। श्री चौहान ने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश की औसत विकास दर 10.20 प्रतिशत रही और 12वीं पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य 12 प्रतिशत रखा गया है। श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश भर में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। लगभग 80 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है जो कि आने वाले समय में हर गॉव को सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। ऊर्जा के क्षेत्र में सन् 2013 तक हर गॉव में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार सिंचाई के क्षेत्र में सिंचित भूमि के रकबे में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए भी ठोस कदम उठाये गये हैं। इस वर्ष कृषि क्षेत्र में विकास दर 18.68 प्रतिशत रही जो कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। कृषि से जुड़े मुद्दांें पर नीतिगत निर्णय लेने के लिए अलग से कृषि केबिनेट का गठन किया गया है। किसानों को शून्य दर पर ऋण उपलब्ध कराये जा रहे हैं तथा किसानों को क्रेडिट कार्ड भी दिये जा रहे हैं। श्री चौहान ने बताया कि पिछले  वर्ष  मध्यप्रदेश में 85 लाख  मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन   किया  गया तथा  किसानों को रूपये 100 प्रति क्विंटल बोनस भी दिया गया। औद्योगिक क्षेत्र के विकास के बारे में श्री चौहान ने बताया कि अभी हाल ही में सम्पन्न ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट में लगभग 4 लाख 31 हजार करोड़ रूपये के निवेश के लिए करारनामों पर हस्ताक्षर किये गये हैं। श्री चौहान ने प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए निविदाओं में ई-टेंडरिंग की शुरूआत की है। साथ ही लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत निश्चित समय सीमा में कार्य करने की बाध्यता रखी है। विशेष न्यायालयों का गठन भी किया गया है जिससे कि निश्चित समय सीमा में प्रकरणों का निपटारा किया जा सके। इसके साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की सम्पत्ति को राजसात करने का भी प्रावधान रखा गया है।

महारैली में छा गई कांग्रेस

महारैली में छा गई कांग्रेस 

(मणिका सोनल )

नईदिल्ली (साई)। करप्शन के आरोपों और एफडीआई को लेकर चारों ओर से विरोध झेल रही कांग्रेस के लिए दिल्ली की यह महारैली एक बड़ा मौका है जिसे वह खूब भुना रही है। करीब 60 हजार लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए पीएम मनमोहन सिंह ने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। वहीं, सोनिया गांधी ने बीजेपी पर लोकपाल बिल पास न होने देने का ठीकरा फोड़ा। राहलु ने भी सबसे पहले कमान संभाली पर वैसा कुछ नहीं दिखा जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था कि राहुल को महिमा मण्डित किया जाएगा। 
पीएम समेत राहुल और सोनिया, तीनों ने ही, अपने संबोधन में विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा, विपक्ष केवल बिना सोचे-समझे विरोध करता है और देश को गुमराह करता है।
सोनिया ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे खिलाफ करप्शन की बात करने वाले खुद इसमें फंसे हुए हैं। हमारी पार्टी भ्रष्टाचारियों को बख्शेगी नहीं। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस हमेशा कामगारों और किसानों की पार्टी रही है। आज का भारत असल में कांग्रेस का बनाया गया भारत है। बीजेपी को ही लोकपाल बिल पास न होने का दोष देते हुए सोनिया ने कहा कि अब हम खाद्य कानून लागू करने जा रहे हैं।


विरोधियों को तीखा जवाब देते हुए वह बोलीं कि कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश को हम सफल नहीं होने देंगे। धर्मनिरपेक्षता पर कांग्रेस की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि हम पर लग रहे आरोपों के सच और झूठ को परखना जरूरी है।

मनमोहन सिंह रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के बड़े फैसलों को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। देश के करोड़ों लोग गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में आर्थिक विकास जरूरी है और हमने इस बाबत एक रेकॉर्ड बनाया है। पीएम ने कहा कि उनकी पार्टी ने आम आदमी को सबसे ज्यादा तरजीह दी। 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है। 12 करोड़ बच्चों को दोपहर का भोजन दे रही है सरकार।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जो कड़े फैसले लिए, वे देश हित में लिए। एफडीआई का फैसला लंबे समय में देश के लिए फायदेमंद रहेगा। हमारी नीतियों से आम जनता को फल, सब्जी सस्ते दामों में मिलेगी और एफडीआई से रोजगार जेनरेट होगा। चुनावी समर को ध्यान में रखते हुए पीएम ने कहा कि आगे भी लेंगे कठिन फैसले।  

मंच पर सबसे पहले कमान संभालते हुए राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा रोजगार कार्यक्रम हमने ही शुरू किया। करप्शन के बारे में पारदर्शिता लाने के लिए आज जो भी कुछ हो रहा है वह आरटीआई के जरिए हो रहा है और यह आरटीआई हमने ही जनता को सौंपी है।

उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ने ही हजारों करोड़ों का कर्ज माफ किया। जो आधी रोटी खाते है, हम उसे पूरी रोटी देंगे।' राहुल ने लोकपाल बिल पर कहा कि उनकी सरकार फिर से लोकपाल बिल लेकर आएगी और पास करवाएगी। राहुल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग विरोध करते हैं, रास्ता नहीं दिखाते। हमने दिखाया रास्ता है। उन्होंने कहा, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने ही देश को रास्ता दिखाया है।

कांग्रेस की रैली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हुए हैं। तीनों ही लोग रैली को संबोधित करेंगे। कांग्रेस की यह रैली अब सिर्फ एफडीआई तक सीमित नहीं है, बल्कि विपक्षी पार्टियों और विरोधियों को करारा जवाब देने के लिए भी बुलाई गई है। सीसीटीवी और सुरक्षा बलों की कडी सिक्योरिटी के बीच रैली अपने पूरे उफान पर दिख रही है।
 

देश की नब्ज टटोलेगी टीम मनमोहन


देश की नब्ज टटोलेगी टीम मनमोहन

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश भर में कांग्रेस के संगठनात्मक चरमराते ढांचे को मजबूत करने के लिए कांग्रेस के नीति निर्धारकों द्वारा मनमोहन सिंह के मंत्रीमण्डल विस्तार में अनेक संभावनाओं और समीकरणों को ध्यान में रख कमोबेश हर राज्य का एक भावी चीफ मिनिस्टर भी तैयार कर रखा है। मनमोहन सिंह के मंत्रीमण्डल के सदस्य अब सोनिया गांधी की हरी झंडी मिलते ही देश की नब्ज टटोलने दौड़ पडेंगे।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (बतौर सांसद सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए यह आवश्यक है कि देश भर में युवा तरूणाई को जगाया जाए।
मनमोहन सिंह ने युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय माकन सचिन पायलट और जितेंद्र सिंह को पदोन्नति दी है। मनीष तिवारी को लाल बत्ती से नवाजा गया है। फ्लोर मैनेजमेंट में असफल साबित हुए राजीव शुक्ला के उपर कमल नाथ को बिठाकर कांग्रेस ने संकेत दे दिया है कि अब राजीव शुक्ला का कद कम किया जा रहा है।
विधानसभा चुनावों में सिंधिया को मध्य प्रदेश में बतौर सीएम प्रोजेक्ट किया जा सकता है। जितेंद्र सिंह को राजस्थान में मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया जा सकता है। इसके साथ ही साथ अहमद पटेल के हनुमान अजय माकन को दिल्ली में शीला दीक्षित के स्थान पर सीएम बनाया जा सकता है। इसी तरह चिरंजीवी को आंध्र में जगन मोहन रेड्डी की काट बनाकर लाया गया है। चिरंजीवी को वहां सीएम प्रोजेक्ट किया जा सकता है।
मनीष तिवारी के मंत्री बनाए जाने से एक बार फिर साफ हो गया है कि मूलतः पत्रकार राजीव शुक्ल जो केंद्र में सत्ता की मलाई चख रहे हैं और अपना मूल काम मीडिया मैनेजमेंट भूल चुके हैं के पर अब कतरे जाएंगे। वैसे भी केंद्र सरकार में चाहे हरीश खरे रहे हों या फिर पंकज पचौरी, दोनों ही सरकार पर मीडिया के हमले रोकने में नाकामयाब रहे हैं, और सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी का मीडिया मैनेजमेंट भी फ्लाप ही रहा है, के बाद अब मनीष तिवारी पर कांग्रेस की नजरें टिकी हैं।
मनीष तिवारी अगर सरकार के बचाव में सफल रहे तो आने वाले समय में वे पंजाब में अमरिंदर सिंह के विकल्प के बतौर सामने आ सकते हैं। मनीष तिवारी के पिता खालिस्तान के आतंकवाद का निशाना बने थे। अगर कांग्रेस पंजाब में सत्ता में आई और उसने मनीष तिवारी को कमान सौंपी तो निश्चित रूप से यह कांग्रेस का नया प्रयोग होगा क्योंकि पंजाब में अब तक सिख्ख या जाट ही सीएम रहे हैं।

जुंदाल के खिलाफ अनुपूरक आरोप पत्र


जुंदाल के खिलाफ अनुपूरक आरोप पत्र

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते -एटीएस ने सैयद जबिउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के खिलाफ अनुपूरक आरोप-पत्र दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि २००६ में औरंगाबाद में उसके पास से हथियार बरामद किये गये। वह लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी और २६ नवम्बर, २००८ के मुम्बई हमले का मुख्य आरोपी है।
एटीएस के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जुंदाल के खिलाफ तीन हजार ६५० पृष्ठों का आरोप पत्र दाखिल किया गया है और उसे मुख्य अभियुक्त बताया गया है।  अधिकारी ने बताया कि ८ मई २००६ को महाराष्ट्र एटीएस के दल ने औरंगाबाद के निकट चंदबाड़-मनमाड़ राजमार्ग पर एक टाटा सुमो और इंडिका कार का पीछा कर तीन संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था।

कंपनी के खर्च पर फिर मौज करेंगे चिकित्सक!


कंपनी के खर्च पर फिर मौज करेंगे चिकित्सक!

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। जैनरिक दवाओं के स्थान पर मंहगी ब्रांडेड दवाओं को लिखने के एवज में दवा कंपनियों द्वारा चिकित्सकों को दिए जाने वाले अप्रत्यक्ष कमीशन के रास्ते फिर खुल सकते हैं। कहा जा रहा है कि अगर चिकित्सक चिकित्सा संबंधी अधिवेशन में देश विदेश नहीं जाएंगे तो वे नए शोध से कैसे रूबरू हो सकेंगे।
डॉक्टरों के दवा कंपनियों द्वारा प्रायोजित देश-विदेश के दौरों पर लगी रोक हटाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। ये दौरे चिकित्सा संबंधी कॉन्फ्रेंसेज आदि में हिस्सा लेने के लिए किए जाते थे और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने इन पर दिसंबर 2009 में रोक लगा दी थी। आरोप था कि इन दौरों के बहाने दवा कंपनियां डॉक्टरों को उपकृत करती थीं और फिर उसका फायदा उठाती थीं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पी। के। प्रधान को लिखे एक पत्र में कहा है कि अपने विषय में अपडेट रहने के लिए डॉक्टरों का कॉन्फ्रेंसेज में हिस्सा लेना जरूरी होता है, इसलिए उन्हें फिर से प्रायोजित दौरों पर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल इस मामले में जल्द ही एक बैठक भी बुलाने जा रहा है, जिसमें एमसीआई के अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा।

मूर्ति टाटा की बेटरी से चमक रहा केजरीवाल का लट्टू


मूर्ति टाटा की बेटरी से चमक रहा केजरीवाल का लट्टू

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। अरविंद केजरीवाल का आंदोलन किसके पैसे से चल रहा है इस बात पर अब शोध आरंभ हो गया है। इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति सहित अन्य उद्योगपतियों के पैसे से चल रहा है। नारायण मूर्ति ने साल 2010-11 में केजरीवाल के पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन को 12 लाख रूपए दान दिए थे। एक समाचार पत्र ने यह जानकारी दी है। समाचार पत्र के मुताबिक मुंबई की स्टॉक ब्रोकिंग फर्म एनम सिक्योरिटी ने 2 लाख रूपए दान दिए थे। इस कंपनी के मालिक हैं वल्लभ भंसाली।
रतन टाटा के सोशल वेलफेयर ने 25 लाख का चेक दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक विक्रम लाल की ष्एकरष्ने एकर गुडवर्थ ट्रस्ट के नाम से 3 लाख का चेक दिया था। नीमेश कंपानी के जेएम फाइनेंशियल फाउंडेशन ने पचास हजार का चेक दिया था। अन्य सहयोग देने वालों में इंडसंड इंक बैंक के बॉस और बैंकर रोमेश सोबती शामिल है।
अरविंद केजरीवाल के सहयोगी और पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन के ट्रस्टी मनीष सिसोदिया का कहना है कि नारायणमूर्ति सहित अन्य लोग सक्रिय रूप से हमारा सहयोग कर रहे हैं। मूर्ति के पास अच्छे विचार हैं। वित्तीय योगदान के अलावा वे खुद सक्रिय हैं। हमारे आरटीआई अवॉर्ड के वे जूरी सदस्य हैं। समाचार पत्र के मुताबिक पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन को 96 लाख पांच हजार रूपए का दान मिला है।
दान देने वालों की सूची में नौकरी डॉट कॉम के संजीव भिखचंदानी शामिल है। बेंगलुरू के कस्तूरी ट्रस्ट ने भी 25 लाख रूपए दान में दिए थे। मैनेजमेंट संस्थान चलाने वाले जगन नाथ मैमोरियल एजुकेशन सोसायटी ने 13 लाख का दान दिया था। टॉप कूरियर कंपनी सेफ एक्सप्रेस ने 3 लाख और टॉप लॉ फर्म लूथरा एंड लूथरा ने पचास हजार का दान दिया है।
पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना 19 दिसंबर 2006 में हुई थी। मनीष सिसोदिया और टीवी प्रोडयूसर व लेखक अभिनंदन शेखरी ने इसकी स्थापना की थी। केजरीवाल,प्रशांत भूषण और किरण बेदी इसके ट्रस्टी हैं। पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन को मिली फंडिंग से ही जनलोकपाल बिल के लिए आंदोलन चलाया गया था। 2012 में संगठन को 31 लाख का दान मिला था। एनजीओ की 2012 की ऑडिट रिपोर्ट में दान देने वालों का जिक्र नहीं है। केजरीवाल के सहयोगियों का कहना है कि जिन्होंने चेक दिए थे उनमें से कुछ बाउंस हो गए थे।

अंबानी हैं देश के पेट्रोलियम मंत्री!


अंबानी हैं देश के पेट्रोलियम मंत्री!

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। देश का पेट्रोलियम मंत्री मंत्री कौन है? क्या पेट्रोलियम मंत्रालय मुकेश अंबानी चलाते हैं? सियासी फिजां में उछल कूद मचा रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो कमोबेश यही निश्कर्ष निकलता है कि पेट्रोलियम मंत्रालय में सबसे ज्यादा दखल मुकेश अंबानी का ही है। कहा जाता है कि मुकेश अंबानी की मर्जी के बिना पेट्रोलियम मंत्रालय में पत्ता भी नहीं हिलता।
कांग्रेस के पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर ने एक निजी समाचार चेनल से बातचीत में माना कि पेट्रोलियम मंत्रालय में मुकेश अंबानी का दखल होता है। हालांकि उन्होंने मुकेश अंबानी के दबाव में मंत्रालय से हटाए जाने की बातों का खंडन किया है लेकिन इतना जरूर कहा कि मुकेश अंबानी चाहते थे कि उन्होंने जो टैक्स लगाए थे उसमें बदलाव किए जाए। इस मांग को मणिशंकर अय्यर ने खारिज कर दिया था।
ज्ञातव्य है कि अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि मुकेश अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए पहले मणिशंकर अय्यर और अभी जयपाल रेड्डी को मंत्रालय से हटाया गया क्घ्योंकि ये अपना काम ईमानदारी से कर रहे थे। इसके पहले भी मंत्रीमण्डल विस्तार के पूर्व ही मीडिया की लंबे समय तक यह खबर सुर्खियों में रही कि रेड्डी को अंबानी के कहने पर हटाया जा सकता है। अंततः हुआ भी वही।