शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

‘‘जी‘‘ की महिमा अपरंपार


‘‘जी‘‘ की महिमा अपरंपार

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश में इन दिनों जी का ही नाम जोर शोर से चल रहा है। कभी थ्री जी, कभी टू जी, कभी जीजी जी (सोनिया के दमाद राबर्ट वढेरा) तो कभी जी न्यूज। जबरिया वसूली के मामले में जी न्यूज के मालिक सुभाष चंद्रा को फिलहाल राहत मिलती दिख रही है। उंचे राजनैतिक रसूख वाले जी न्यूज और उनके खिलाफ खड़े नवीन जिंदल के बीच सुलह करवाने में एक उद्योगपति कांग्रेसी सांसद की भूमिका की चर्चाएं इन दिनों जमकर हो रही हैं। इस मामले में कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद 10, जनपथ द्वारा भी बराबर रूचि और बारीक नजर रखी जा रही है।
वैसे नई दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने ज़ी ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका की गिरफ्तारी पर 14 दिसंबर तक रोक लगा दी है। दिल्ली पुलिस द्वारा इनवेस्टिगेशन में शामिल होने के लिए ज़ी ग्रुप के मालिकों के नाम थर्ड नोटिस जारी किए जाने के बाद साकेत कोर्ट में सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका की अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई थी। लेकिन कोर्ट ने अभी अग्रिम जमानत नहीं दी है।
कोर्ट ने अर्जी को विचाराधीन रखते हुए 14 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक के लिए ज़ी ग्रुप के चेयरमैन और उनके बेटे की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इससे पहले सुभाष चंद्रा के वकील ने पुलिस को सूचना दी थी कि वह जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं। ज्ञातव्य है कि ज़ी समूह के संपादक सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। ज़ी ग्रुप पर आरोप है कि उन्होंने कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल की कंपनी को ब्लैकमेल करते हुए अवैध तरीके से 100 करोड़ का एक विज्ञापन हासिल करने की कोशिश की थी।
वैसे देखा जाए तो चावल से चैनल तक का सफर तय करने वाले जी न्यूज के मालिक सुभाष चंद्रा का इकबाल कांग्रेस के अंदर जबर्दस्त तरीके से बुलंद है। कांग्रेस के एक उद्योगपति सांसद का वरद हस्त चंद्रा पर सदा ही बना रहता है। नवीन जिंदल के साथ पंगा लेने और कथित तौर पर उगाही के मामले के सामने आने के उपरांत अब कांग्रेस के अंदर बड़ा तबका यह चाह रहा है कि जी का लाईसेंस ही निरस्त कर देना चाहिए। नवीन जिंदल खुद भी कमोबेश यही चाह रहे हैं।
नवीन जिंदल के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि नवीन जिंदल और उनकी माता सावित्री जिंदल वैसे सुभाष चंद्रा के काफी करीबी हैं। जब नवीन जिंदल के खिलाफ मामला जी में उछला तब नवीन और सावित्री दोनों ही ने चंद्रा से चर्चा कर इसे रोकने की गुहार लगाई। सूत्रों की मानें तो नवीन और चंद्रा के बीच इस मामले को लेकर हॉट टाक भी हुई।
सूत्रों ने बताया कि बाद में सावित्री जिंदल के बीच बचाव से मामला सुलटा और फिर चर्चा आरंभ हुई जी और जिंदल समूल के विश्वस्तों के बीच। कहा जाता है कि जिंदल समूह और जी के बीच चार सालों के लिए पांच करोड़ रूपए प्रतिवर्ष यानी बीस करोड़ रूपए का कुल समझौता हो गया। इस समझौते के बाद दोनों ही पक्ष निश्चिंत हो गए।
उधर सुभाष चंद्रा के एक करीबी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नवीन जिंदल से रश्क रखने वाले एक उद्योगपति कांग्रेस के सांसद ने परोक्ष तौर पर चंद्रा को यह बात समझा दी कि इस कोल मामले में जिंदल को अरबों का फायदा हुआ है इसलिए बीस करोड़ नहीं कम से कम सौ करोड़ की डिमांड करो। अगली ही मीटिंग में जी की ओर से सौ करोड़ रूपयों की मांग कर डाली गई।
उधर, नवीन जिंदल के खेमे में जी से निपटने की तैयारियांे को अंजाम दिया जा रहा था। जिंदल समूह के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि जिंदल समूह के पास एक खाटी पत्रकार मुलाजिम है। इस पत्रकार को खासा अनुभव है इन सारी बातों का। उक्त पत्रकार ने महज दो तीन हजार रूपए के हिडन कैमरे खरीदे, इन कैमरों को उन्होंने अपने पास कई जगहों पर छिपा लिए।
इसके उपरांत एक फाईव स्टार होटल के रेस्त्रां में जाकर स्टिंग आपरेशन को अंजाम दिया। उक्त होटल के सीसीटीवी फुटेज में इन पत्रकारों, संपादकों का आना जाना बकायदा दर्ज होना भी बताया जा रहा है। जब स्टिंग आपरेशन पूरा हो गया तब तैयारी की गई जी पर मुकदमा दायर करने की। नवीन जिंदल के करीबी सूत्रों का कहना है कि जैसे ही एफआईआर की बात आई वैसे ही जिंदल के एक सलाहकार के मशविरे पर यह काम रोक दिया गया।
सूत्रों की मानें तो इसके उपरांत उक्त सलाहकार के मशविरे पर ही नवीन जिंदल ने इस स्टिंग की सीडी और होटल के सीसीटीवी फुटेज को फोरहंसिक लेब से जांच करवाकर यह पुष्टि कर ली गई कि इसमें कहीं छेड़छाड़ नहीं की गई है। इसके उपरांत ही एफआईआर दर्ज कर मामले को पुलिस को सौंपा गया है।
इस मामले में कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ द्वारा भी बारीक नजर रखी जा रही है। 10, जनपथ से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो सोनिय गांधी को यह मशविरा दिया गया है कि इस मामले में जी न्यूज को सबक सिखाकर मीडिया को यह संदेश आसानी से दिया जा सकता है कि मीडिया अपनी हदों में रहे, वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहे।

लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 21

आखिर पत्रकार आंदोलन की राह पर क्यों?

(डेविड विनय)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश सरकार की छवि को अघोषित तौर पर और जनकल्याणकारी योजनाओं को घोषित तौर पर जनता के समक्ष लाने के लिए पाबंद मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा कथित तौर पर पत्रकारों से भेदभाव करने पर पत्रकारों को मजबूरी में आंदोलन की राह पकड़नी पड़ रही है। जनसंपर्क के इस सगे सौतेले व्यवहार से क्षुब्ध पत्रकारों ने 10 दिसंबर को राजधानी भोपाल में एक रैली निकालकने का आव्हान किया है।
इस रैली या जनसंपर्क मंत्री की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकालने के संबंध में पत्रकारों ने बताया कि दरअसल, जनसंपर्क विभाग को कुछ मठाधीशों के हवाले कर दिया गया है। कहने को जनसंपर्क मंत्रालय का प्रभार लक्ष्मी कांत शर्मा के पास है पर जब बारी पत्रकारों या समाचार पत्रों के हितों की आती है तो जनसंपर्क विभाग में पदस्थ अफसर या कर्मचारी किसी अन्य मंत्री की देहरी चूमने की बात करने लगते हैं।
एक पीडित पत्रकार ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि उसके संस्थान को मध्य प्रदेश सरकार के विज्ञापन पैनल में शामिल करने के लिए जनसंपर्क विभाग के एक आला अधिकारी द्वारा सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन की चिरौरी करने के लिए तीन एसएमएस भेजे गए। इन एसएमएस को आज संचार क्रांति के युग में रिकार्ड से निकलवाया जा सकता है। अब इन परिस्थितियों में पत्रकार या समाचार पत्र अपने दायित्वों का निर्वहन करे या फिर भाजपा के मंत्री की चिरौरी करते घूमे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास पत्रकारों की समस्याओं की जानकारी पहुंच ही नहीं पा रही है। संगठन में भी बैठे कुछ दलालों द्वारा जो तस्वीर पेश की जा रही है उससे पत्रकारों की स्थिति वाकई काफी दयनीय हो चुकी है। कहा जा रहा है कि बालाघाट के एक पत्रकार द्वारा मध्य प्रदेश सरकार से सूचना के अधिकार के तहत इस बात की जानकारी चाही गई कि मध्य प्रदेश के कितने पत्रकारों को दिल्ली प्रवास के दौरान क्या क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं और इस पर कितना व्यय किया गया?
इसकी जानकारी आज तक मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई। कहा जा रहा है कि दिल्ली में ही रहने वाले पत्रकरों के नाम पर जनसंपर्क विभाग द्वारा पूर्व में बिल बाउचर लगाकर भाजपा के सांसद विधायकों की सेवा में सरकारी मदद का दुरूपयोग किया जाता रहा है। इसी तरह मध्य प्रदेश में अधिमान्य पत्रकारों में भी सगे सौतेले का व्यवहार किया जाता है। मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क के आधिकारिक वेब पोर्टल एमपीइन्फो डॉट ओ आर जी से भी पत्रकारों की सूची हटा दी गई है ताकि किसी भी पत्रकार की अधिमान्यता की काबिलियत पर प्रश्न चिन्ह ना लगाया जा सके?
प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 दिसंबर को पत्रकारों ने काला दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस हेतु पत्रकार बचाओ आंदोलन की कोर कमेटी का गठन किया गया है जिसमें वरिष्ठ पत्रकार दिनेश चंद वर्मा, अवधेश भार्गव, विनय डेविड, जय श्रीवास्तव, आदित्य उपाध्याय, तेजभान पाल, वंशीधर दूत, रामकिशोर पाल को शामिल किया गया है। इसी तरह पत्रकार बचाओ आंदोलन के संयोजकों में अमर नौरिया, कुंदन अरोरा, ओम सरावगी, मेजर राकेश शर्मा, उदय पटेल, अहसान अंसारी, राजेश रजग, जेएचपंवार, नरेंद्र भार्गव संजीव आदि का समावेश किया गया है।

रूपए का चिन्ह चर्चाओं में


रूपए का चिन्ह चर्चाओं में

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। रूपए के नए प्रतीक चिन्ह को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं। ज्ञातव्य है कि रुपये का प्रतीक चिनह तय करने की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरते जाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिका पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगेसन व जस्टिस आरएस एंडलॉ की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले में न्यायालय ने केंद्रीय गृह सचिव और सांस्कृतिक मंत्रालय के सचिव को 9 जनवरी को अदालत में पेश होकर जवाब दाखिल करने के लिए समन जारी किया है।
राकेश कुमार सिंह ने अधिवक्ता कमल कुमार पांडेय के माध्यम से दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है कि रुपये का चिन्ह तय करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर प्रतियोगिता हुई थी। लोगों में देश प्रेम की भावना जोड़ने के लिए सरकार ने रुपये के प्रतीक चिन्ह का डिजाइन मांगा था। इस प्रतियोगिता में अनियमितताएं बरती गई और सैंकड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए उनके बनाए डिजाइन को दरकिनार किया गया, बल्कि पहले से ही तय डिजाइन को विजेता घोषित करने के लिए सरकार ने तय मापदंडों में भी बदलाव कर दिया।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यह पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी आरटीआइ एक्ट का चिन्ह तय करने और राष्ट्रमंडल खेल का चिन्ह तय करने के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में ऐसा ही किया गया था। लिहाजा, देशहित में हाइकोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए जाएं कि वह इस तरह की सार्वजनिक प्रतियोगिताओं के लिए यूनिफॉर्म गाइडलाइन जारी करे। जिससे भविष्य में देश भावना से जोड़ने वाली इस तरह की प्रतियोगिताओं में धांधलेबाजी न हो।

कावेरी में पानी छोड़ना आरंभ


कावेरी में पानी छोड़ना आरंभ

(श्वेता यादव)

बंग्लुरू (साई)। कर्नाटक ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार तमिलनाडु के लिए कृष्णा सागर जलाशय से कावेरी नदी का पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। सिंचाई विभाग के सूत्रों ने बताया कि पानी छोड़ने के लिए कल रात जलाशय के चार दरवाजे खोले गये। तमिलनाडु के लिए रात साढ़े ग्यारह बजे तक दस हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका था।
बंगलूर, मंडया और अन्य थाला क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाने के मद्देनजर बांध के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।  कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार की अगुवाई में कावेरी थाला क्षेत्र के सांसदों का एक शिष्टमंडल आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से मुलाकात करेगा। शिष्टमंडल उन्हें कर्नाटक की हताशाजनक स्थिति की जानकारी देगा।

मार्च से होगी रेल यात्रा मंहगी!


मार्च से होगी रेल यात्रा मंहगी!

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। अगले साल का रेल्वे बजट आम आदमी की कमर तोड़ने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है। भारतीय रेल अब यात्री किराए में जमकर बढोत्तरी का मन बना रही है। रेल बजट के तत्काल बाद मार्च माह में ही रेल किराए में बढोत्तरी के संकेत प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिए हैं। पीएमओ ने रेल सुधार को हरी झंडी दिखाकर रेल किराए में वृद्धि सुनिश्चित कर दी है।
पीएमओ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रधानमंत्री ऑफिस ने रेलवे में सुधार के लिए डेडलाइन तय कर दी है। इसमें खास करके स्वतंत्र टैरिफ नियामक के साथ कई सालों से लटके प्रोजेक्टों को हर हाल में जमीन पर लाने की बात कही गई है। प्रधानमंत्री ने अंतर मंत्रालयी समूह प्रमुख जो कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन हैं से कहा है कि वह रेल टैरिफ अथॉरिटी के प्रस्ताव को 31 दिसंबर तक फाइनल करें। इस प्रस्ताव में पैसेंजर किराए में बढ़ोतरी की बात कही गई है। गौतरलब है कि पिछले 9 सालों से रेल किराए में कोई बढ़ेतरी नहीं हुई है। रेल किराए में बढ़ोतरी नहीं होने की वजह सरकार की लोकप्रिय नीतियां बताई जाती हैं।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा में आगे कहा कि पीएमओ इस प्रस्ताव को लागू करने में तेजी लाने के लिए 15 जनवरी 2013 तक कैबिनेट नोट जारी करने की तैयारी में है। पवन कुमार बंसल ने रेल मंत्रालय संभालते ही किराए में बढ़ोतरी के संकेत दे दिए थे। उन्होंने इरादा जता दिया था कि स्टेट पर सब्सिडी का बोझ हर हाल में कम किया जाएगा। प्रस्ताव में डीजल और बिजली की बढ़ी कीमतों को देखते हुए भी रेल किराए में बढ़ोतरी की सिफारिश की गई थी।
उधर रेल मंत्री पवन बंसल के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रेलवे आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इस हालत में कहा जा रहा है कि सरकार के पास रेल किराए में बढा़ने के आलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। गठबंधन की राजनीति में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के भारी दबाव की वजह से रेल किराए में 9 सालों से कोई इजाफा नहीं हुआ था। नियामक ने कहा है कि 2002-03 के बाद रेल किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं होने की वजह से 24,000 करोड़ का सलाना नुकसान हुआ है। पीएमओ ने देश भर में पेंडिंग में पड़े कई प्रोजेक्टों के काम में भी पीपीपी(पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनर्शिप) मॉडल पर शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

शिव को ढेंगा दिखाते बस आपरेटर्स


शिव को ढेंगा दिखाते बस आपरेटर्स

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में निजी ओर सरकारी परमिट पर सड़कों का सीना रोंदकर सवारी ढोने वाले बस आपरेटर्स ने मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान को भी किनारे रखकर नियम कायदों का खुलकर माखौल उड़ाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में दो दरवाजे वाली बसों और बस में फर्स्ट एड बाक्स के नियमों को धता बताकर आज भी बेखौफ होकर वेध अवेध यात्री बसें सड़कों का सीना रोंद रही हैं।
परिवहन विभाग की अनुबंधित बसों में यात्रियों को सुरक्षित यात्रा मुहैया कराने एवं बसों के बेहतर संचालन के करने के अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो गये हैं। हालत यह है कि ज्यादातर रोडवेज बसों से फर्स्ट एड बॉक्स गायब हो चुके हैं। यात्रा के दौरान दुघर्टना होने पर घायल को शुरुआती चिकित्सा मुहैया कराने के लिए उसे नर्सिंग होम में भर्ती कराना पड़ता है।
यात्री बसों में सीटों के अतिरिक्त मंहगी यात्रा वाले कथित आरामदेह स्लीपर कोच तो हैं लेकिन आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की सुविधा के लिए विभाग द्वारा लगाए गए फर्स्ट एड बॉक्स देखने को नहीं मिलते हैं। जिन बसों में फर्स्ट एड बॉक्स है, वह खाली मिलता है। बताया जाता है कि मुख्यालय से प्रत्येक बस में रखे जाने वाले फर्स्ट एड बॉक्स के लिए धनराशि दी जाती है। जिसमें कॉटन का पैकेट, लाल दवाई, चोट पर लगाई जाने वाली ट्यूब आदि खरीदने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी तरह शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि यात्री बसों में दो दरवाजे अनिवार्य तौर पर होना चाहिए किन्तु लालच और जगह के अभाव के चलते बस आपरेटर्स द्वारा दो दरवाजों के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। किन्हीं किन्ही बसों में दूसरा दरवाजा दिख जरूर जाता है पर उस दरवाजे के अंदर सीट लगी होती है जिससे दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों के जीवन से खिलवाड़ को रोका नहीं जा सकता है।

सब्सीडी हस्तांतरण पर रमन को आपत्ति


सब्सीडी हस्तांतरण पर रमन को आपत्ति

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र की सीधे नकद सब्सिडी हस्तांतरण की  नीति पर आपत्ति जताई है। उन्होंने राज्य में लागू सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस)को इससे अलग रखने की मांग की है। इसके लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्रीय खाद्य आपूर्ति  व उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रो. केवी थॉमस को पत्र लिखा।
पत्र में उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार पीडीएस के लाभार्थियों को खाद्यान्न के स्थान पर नकद राशि देने की नीति से सहमत नहीं है। रमन सिंह ने सुझाव दिया कि पीडीएस में  परिवर्तन वर्तमान व्यवस्था को बेहतर बनाने और लाभार्थियों को अधिक सहुलियत के मकसद से ही किया जाना चाहिए।
इसमें कोई भी परिवर्तन राज्य सरकार की सहमति से ही होना चाहिए। सीएम ने कहा कि वित्त की समुचित व्यवस्था और सूचना प्रौद्योगिकी अधोसंरचना की उपलब्धता किसी भी राज्य में किसी भी कैश ट्रांसफर नीति को लागू करने की पूर्व शर्त होनी चाहिए। राज्य में इन दोनों ही क्षेत्रों में कई समस्याएं है। 
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा नकद राशि दिए जाने की व्यवस्था से राज्य में पीडीएस को काई लाभ नहीं होगा, हर महीने बाजार के उतार-चढ़ाव के मुताबिक खाद्यान्न की दरों से सामंजस्य बैठाना मुश्किल होगा, नकद राशि देने से पुरुष सदस्य राशि का खाद्यान्न की जगह अन्य वस्तुएं खरीदने में उपयोग करेंगे, बैंकिंग व्यवस्था और सूचना-प्रौद्योगिकी की सीमाओं को देखते हुए लाभार्थियों को असुविधा ही होगी जैसी आपत्तियों को प्रमुख रूप से उठाया है।

छात्रवृत्ति वितरण के लिए 9.52 करोड़ रु. की राशि जारी


छात्रवृत्ति वितरण के लिए 9.52 करोड़ रु. की राशि जारी

(एम.के.देशमुख)

बालाघाट (साई)। बालाघाट शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए आदिवासी विकास विभाग द्वारा 9 करोड़ 52 लाख 76 हजार रु. की राशि जारी की गई है। शैक्षणिक संस्थाओं के प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि वे 30 दिसम्बर तक छात्रवृत्ति का भुगतान अनिवार्य रूप से कर दें।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आनंद मिश्रा ने बताया कि  अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण के लिए पिछड़ा वर्ग राज्य छात्रवृत्ति के अंतर्गत 3 करोड़ 70 लाख 38 हजार रु., अनुसूचित जाति राज्य छात्रवृत्ति के अंतर्गत 45 लाख 65 हजार रु., अनुसूचित जनजाति राज्य छात्रवृत्ति के अंतर्गत एक करोड़ 9 लाख 86 हजार रु., पिछड़ा वर्ग पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के अंतर्गत 2 करोड़ 32 लाख27 हजार रु., अनुसूचित जाति पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के अंतर्गत 91 लाख 37 हजार रु., अनुसूचित जन जाति पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के अंतर्गत 32 लाख रु. अनुसूचित जाति कन्या साक्षरता प्रोत्साहन के अंतर्गत 51 लाख 28 हजार रु. तथा अनुसूचित जनजाति कन्या साक्षरता प्रोत्साहन के अंतर्गत 19 लाख 95 हजार रु. की राशि जारी की गई है।
सहायक आयुक्त मिश्रा ने बताया कि 15 दिसम्बर के बाद छात्रवृत्ति वितरण सुनिश्चित करने के लिए विशेष जांच दल का गठन किया जा रहा है। जिन शैक्षणिक  संस्थाओं में राशि उपलब्ध होने के बाद भी छात्रवृत्ति का वितरण नहीं किया जायेगा उन संस्था प्रमुखों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।,

खांडेकर ने किया धान खरीदी केन्द्र का निरीक्षण


खांडेकर ने किया धान खरीदी केन्द्र का निरीक्षण

(एम.गुप्ता)

बालाघाट (साई)। जबलपुर संभाग के कमिश्नर दीपक खांडेकर ने बालाघाट जिले के प्रवास के दौरान लामता के धान खरीदी केन्द्र का निरीक्षण किया तथा किसानों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुना। इस अवसर पर कलेक्टर विवेक कुमार पोरवाल एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अविनाश लवानिया भी मौजूद थे।
कमिश्नर श्री खांडेकर ने लामता के धान खरीदी केन्द्र की व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने किसानों से खरीदे गये धान के भंडारण, तौल की व्ववस्था एवं भुगतान के बारे में जानकारी ली। ई-उपार्जन पद्धति के अंतर्गत कम्प्यूटर पर साफ्टवेयर के माध्यम से धान खरीदी के रिकार्ड के संधारण का भी उन्होंने जायजा लिया। उन्होंने खरीदी केन्द्र पर जानकारी ली कि किन किसानों से धान की खरीदी की जा रही है और कितनी धान खरीदी जा रही है। इस पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रबंधक तुरकर ने बताया कि जिले के सभी केन्द्रों पर केवल पंजीकृत किसानों से ही धान की खरीदी की जा रही है। किसान अपनी सुविधा के अनुसार धान बिक्री के लिए लेकर आ रहे है। धान का भुगतान किसानों के खाते में उसी जमा कराया जा रहा है।
कमिश्नर श्री खांडेकर ने लामता में सहकारी समिति के गोदाम का भी निरीक्षण किया । इस दौरान उन्होंने गोदाम से सामग्री की निकासी के लिए दो गेट रखने की सलाह भी दी। कलेक्टर पोरवाल ने बताया कि लामता का यह गोदाम बी.आर.जी.एफ. योजना में 9 लाख 66 हजार रु. की लागत से बनाया गया है। इस गोदाम के बनने से लामता की सहकारी समिति को धान एवं उर्वरक के भंडारण  के लिए काफी अच्छी सुविधा सुलभ हो गई है।
लामता में धान की बिक्री के लिए आये किसानों से चर्चा के दौरान कमिश्नर खांडेकर ने उनकी समस्याओं को भी सुना। इस दौरान किसानों ने बताया कि सावरदेही के प्रकोप के कारण उनकी धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इस पर कमिश्नर खांडेकर ने नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने ग्राम पांडेवाड़ा एवं नरसिंगा के किसानों से धान की उपज एवं लगाये गये रकबे के बारे में भी जानकारी ली।  किसानों ने बताया कि धान की कटाई के बाद गेहूं एवं चना की बुवाई की जा रही है। किसानों ने नहरों से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने एवं नहरों के जर्जर होने की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया।
0 लामता के स्कूल भवन एवं आंगनवाड़ी केन्द्र का निरीक्षण
कमिश्नर श्री खांडेकर ने लामता के हायर सेकेंडरी स्कूल में बनाये गये नवीन कक्षों का भी निरीक्षण किया। इन कक्षें का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया गया है। इन कक्षों के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत राशि उपलब्ध कराई गई है। स्कूल के प्राचार्य  ने बताया कि शाला में 738 बच्चे दर्ज है। कक्षों की कमी के कारण पढ़ाई में व्यवधान होता है। अब इन अतिरिक्त कक्षों के बनने से इस समस्या का समाधान हो जायेगा। इस दौरान उन्होंने लामता के आंगनवाड़ी केन्द्र का भी निरीक्षण किया।
0 नेवरगांव के पंचायत भवन का निरीक्षण
कमिश्नर श्री खांडेकर ने ग्राम नवरगांव में मुद्रांक शुल्क की 10 लाख 85 हजार रु. की राशि से बनाये जा रहे ग्राम पंचायत भवन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे भवन के कार्य को शीघ्र पूर्ण करायें।
0 लामता खैरा मार्ग एवं आमगांव-पंचेरा मार्ग का निरीक्षण
कमिश्नर श्री खांडेकर ने आई.ए.पी. योजना के अंतर्गत लामता से खैरा तक बनायी जा रही सड़क एवं ग्राम सम्पर्क सड़क योजना के अंतर्गत आमगांव से पंचेरा सड़क का निरीक्षण किया। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक साहब जलील ने बताया कि लामता से खैरा-मैरा तक 2.40 किलोमीटर लंबाई की सड़क 82 लाख 53 हजार रु. की लागत से बनाई जा रही है। इस सड़क के निर्माण के लिए 12 माह का समय निर्धारित किया गया है। इस मार्ग के लिए 6 पुलियों तथा 400 मीटर की सीमेंट कांक्रीट सडक का निर्माण कर लिया गया है। 15 फरवरी 2013 तक सड़क का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। आमगांव से पंचेरा तक 3.72 कि.मी. लंबाई की सड़क 105 लाख 67 हजार रु. की लागत से बनाई जा रही है। कमिश्नर खांडेकर ने इन सड़कों का निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ समय सीमा में करने के निर्देश दिये।
कमिश्नर श्री खांडेकर ने ग्राम आमगांव में ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी समस्याएं भी सुनी। गांव के किसानों ने बताया कि उनके द्वारा गेहूं एवं चने की बुवाई की जा रही है। इन फसलों के लिए अब पानी की आवश्यकता होगी। इस पर वैनगंगा संभाग के कार्यपालन यंत्री जे.एस. वर्मा ने बताया कि 12 दिसम्बर से नहरों में पानी छोड़ा जायेगा जो 15 दिसम्बर से खेतों में पहुंच जायेगा। 

वृहद लोक अदालत 15 दिसंबर को


वृहद लोक अदालत 15 दिसंबर को

(सिद्धार्थ वर्मा)

टीकमगढ़ (साई)। मुख्य न्यायाधिपति म.प्र. उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार जिला न्यायालय टीकमगढ़ एवं तहसील न्यायालयों में 15 दिसम्बर 2012 दिन शनिवार को वृहद लोक अदालतका आयोजन किया जाना है।
वृहद लोक अदालतमें आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, मोटर से संबंधित प्रकरण व अन्य संबंधित राजीनामा योग्य प्रकरण का निराकरण आपसी सलाह, समझौते तथा राजीनामा के आधार पर किया जायेगा। इन प्रकरणों के उभयपक्ष आपस में राजीनामा करने एवं विवाद के निराकरण हेतु आपस में बातचीत करने हेतु दोनों पक्षकार न्यायालय में उपस्थित रहें जिससे राजीनामा किया जा सके।
राजीनामा से दोनों पक्षकारों का विवाद अंतिम रूप से समाप्त हो जाता है तथा वृहद लोक अदालत में जो मामले निराकृत होंगे उनमें न्यायशुल्क की वापसी का भी प्रावधान है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक एस.के. गुप्ता ने अपील की है कि अधिक से अधिक पक्षकार अपने मामलों का निराकरण आपसी सलाह-समझौते के आधार पर करवाकर वृहद लोक अदालतको सफल बनावें।

आदर्श आचार संहिता के निर्देश जारी


आदर्श आचार संहिता के निर्देश जारी

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)। ग्वालियर मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा मण्डी निर्वाचन 2012 के तहत उम्मीदवारों के लिए आदर्श आचार संहिता जारी की है। आदर्श आचार संहिता में  दिये गये निर्देशों का पालन करना उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य होगा। आचार संहिता राज्य शासन द्वारा निर्वाचन तिथि की घोषणा के दिनांक से निर्वाचन परिणाम घोषित होने तक प्रभावसील रहेगी। जारी निर्देशों में कहा गया है कि उम्मीदवार कोई ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुँचे या उनमें विद्धेष या तनाव पैदा हो। मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक साम्प्रदायिक या जाति भावना का सहारा उम्मीदवार नहीं लेंगे। किसी भी धार्मिक स्थल का उपयोग निर्वाचन प्रचार के लिए नहीं करेंगे। किसी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध उनके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलापों से न हो और न ही ऐसे आरोप लगाये जाने चाहिए जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो।
मंडी चुनाव के दौरान जारी निर्देशों में कहा गया है कि किसी उम्मीदवार की आलोचना उसकी नीति और कार्यक्रम पूर्व इतिहास और कार्य तक ही सीमित रहनी चाहिए तथा उम्मीदवार और उसके कार्यकर्त्ताओं की आलोचना असत्यापित आरोपों पर आधारित नहीं की जानी चाहिए। उम्मीदवार किसी व्यक्ति के घर के सामने धरना, नारेबाजी या प्रदर्शन करने की कार्रवाई का समर्थन नहीं करे। निष्पक्ष शांतिपूर्ण और पारदर्शी चुनाव के लिए उम्मीदवार मतदान के दिन तथा उसके एक दिन पूर्व सार्वजनिक सभा नहीं करेंगे। मतदान केन्द्र के 100 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का चुनाव प्रचार या मत याचना नहीं करेंगे। मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने या ले जाने के लिए वाहन का उपयोग नहीं करेंगे। मतदान केन्द्र या उसके आस-पास विश्रंखल आचरण नहीं करेंगे और न ही मतदान केन्द्र के अधिकारियों के कार्य में बाधा डालेंगे। मतदाताओं को रिश्वत या गलत नाम से मतदान का प्रयास नहीं करेंगे। जारी निर्देशों में कहा गया है कि उम्मीदवार ऐसा कोई पोस्टर, इश्तहार, पम्पलेट या परिपत्र नहीं निकालेंगे जिसमें प्रकाशक और मुद्रक का नाम एवं पता न हो। साथ ही किसी उम्मीदवार के निर्वाचन की सम्भावना पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के उद्देश्य से उसके व्यक्तिगत आचरण और चरित्र या उम्मीदवारी के संबंध में ऐसे कथन या समाचार का प्रकाशन नहीं करें जो मिथ्या हो या जिसके सत्य होने का विश्वास न हो।
जारी निर्देशों में कहा गया है कि मतदान समाप्त होने के 48 घण्टे पूर्व से शराब की दुकानें बंद रखी जायेंगी। अतः इस अवधि में किसी उम्मीदवार द्वारा न तो शराब खरीदी जाये और न ही उसे किसी को पेश या वितरित की जाये। प्रत्येक उम्मीदवार अपने कार्यकर्त्ताओं को ऐसा करने से अनिवार्यतः रोके। उम्मीदवार किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, आहाते या दीवार का उपयोग झण्डा टांगने, पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने या अन्य प्रचार कार्य उसकी अनुमति के बगैर नहीं करेगा और अपने समर्थकों एवं कार्यकर्त्ताओं को भी ऐसा नहीं करने देगा। साथ ही किसी उम्मीदवार द्वारा या उसके पक्ष में लगाये गये झंडे या पोस्टर दूसरे उम्मीदवार के कार्यकर्त्ता नहीं हटायेंगे। जारी निर्देशों में कहा गया है कि मतदाताओं को दी जाने वाली पहचान पर्चियां सादे कागज पर होनी चाहिए। उस पर्ची में मतदाता का नाम, उसके पिता/पति का नाम, ग्राम, मतदान केन्द्र क्रमांक तथा मतदाता सूची में उसके अनुक्रमांक के अलावा कुछ और नहीं लिखा जाना चाहिए। पर्ची में उम्मीदवार का नाम या चुनाव चिन्ह नहीं होगा चाहिए। साथ ही कहा गया है कि मतदान शांतिपूर्ण एवं सुचारू रूप से संपन्न हो। इस हेतु उम्मीदवार निर्वाचन डियूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करे।
मण्डी निर्वाचन में उम्मीदवार हाट बाजार या भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल पर चुनाव सभा या जुलूस के आयोजन के लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति लेंगे। साथ ही स्थानीय पुलिस थाने में सभा आयोजन के पूर्व सूचना देंगे ताकि शांति व्यवस्था बनाये रखने तथा यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस आवश्यक प्रबंध कर सके। उम्मीदवार किसी अन्य उम्मीदवार द्वारा आयोजित सभा या जुलूस में किसी प्रकार की गड़बड़ी करने या बाधा डालने से अपने कार्यकर्त्ताओं और समर्थकों को रोकेंगे। उम्मीदवार जुलूस ऐसे क्षेत्र या मार्ग से होकर नहीं निकालेंगे जहां प्रतिबंधात्मक आदेश लागू है। जुलूस निकालने के स्थान, समय और मार्ग तथा समापन के स्थान के बारे में स्थानीय पुलिस थाने में कम से कम एक दिन पहले सूचना देंगे। इस बात का ध्याम रखा जाना चाहिए कि जुलूस के कारण यातायात में कोई बाधा न हो। जुलूस में लोगों को ऐसी चीजें लेकर चलने से रोका जाना चाहिए जिनको लेकर चलने पर प्रतिबंध हो या जिनका उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता हो। प्रत्येक उम्मीदवार को किसी अन्य उम्मीदवार के पुतले लेकर चलने या उन्हें किसी सार्वजनिक स्थान में जलाये जाने और अन्य प्रदर्शन का आयोजन करने से अपने कार्यकर्त्ता को रोकना चाहिए।
मण्डी निर्वाचन के जारी निर्देशों में कहा गया है कि शासन सहित सार्वजनिक उपक्रमों, प्राधिकरणों, स्थानीय निकायों, सहकारी संस्थाओं, कृषि उपज मण्डी समितियों, शासन से अनुदान अथवा अन्य सहायता प्राप्त करने वाले संस्थाओं के वाहनों का उपयोग चुनाव प्रचार में प्रतिबंधित रहेगा।

धान खरीदी पर प्रशासन संजीदा


धान खरीदी पर प्रशासन संजीदा

(वैभव)

दमोह (साई)। किसान उपार्जन केन्द्रों पर अच्छी तरह से साफ की गई मानक धान ही उपार्जन केन्द्रों पर लायें। मानक धान तैयार करने के लिये किसान हिडम्बा का उपयोग करें। जिससे धान में अपरिपक्व दाने एवं बदरा अलग हो जावेंगे। किसी भी हाल में अमानक धान उपार्जन केन्द्रों पर केन्द्र प्रभारी स्वीकार न करें अन्यथा केन्द्र प्रभारी स्वयं जबावदार होंगे। ये निर्देश प्रभारी कलेक्टर डॉ.जे.सी.जटिया ने दिसम्बर 12 को उपार्जन से जुड़े अधिकारियों एवं उपार्जन केन्द्र प्रभारियों की कलेक्ट्रेट में गत दिवस सम्पन्न बैठक में दिये।
उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक को भी स्पष्ट हिदायत दी कि क्वालिटी निरीक्षक ही सभी उपार्जन केन्द्रों पर मानक धान उपार्जित तथा परिवहन कराने के लिये उत्तरदायी होंगे। यदि उपार्जन प्रभारी द्वारा बिना नागरिक आपूर्ति निगम के निरीक्षण अधिकारी की सहमति से धान उपार्जित अथवा परिवहन कराई जाती है और ऐसी धान गोदाम प्रभारियों द्वारा अमानक पाई जाती है तो इसके लिये केन्द्र प्रभारी पूर्ण रूप से जबावदेह होंगे। ज्ञातव्य हो कि जिले में धान उपार्जन में आ रही गुणवत्ता की समस्या के निराकरण हेतु भोपाल से भेजी गई दो सदस्यीय टीम द्वारा जिले के 16 धान उपार्जन केन्द्रों का उपार्जन अधिकारियों के साथ भ्रमण कर अपनी संयुक्त रिपोर्ट प्रभारी कलेक्टर को बीते दिवस सौंपी गई थी। जिसके पश्चात डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी (उपार्जन) श्रीमती नंदा भलावे कुशरे, आपूर्ति अधिकारी, उप संचालक कृषि, प्रबंधक ना.आ.नि., जी.एम. सी.सी.बी. सहायक पंजीयक सहकारिता भोपाल से आई निरीक्षण टीम सदस्यों सहित सभी धान उपार्जन प्रभारी की संयुक्त बैठक प्रभारी कलेक्टर द्वारा बुलाई जाकर परीक्षण रिपोर्ट से धान प्रभारियों को अवगत कराया जाकर मानक धान की खरीदी के निर्देश उन्हें एवं नागरिक आपूर्ति निगम को दिये गये।
जिला प्रशासन द्वारा किसानों के मानक धान उपार्जन केन्द्रों पर लाकर विक्रय करने का आग्रह किया है। मानक धान खरीदी में यदि किसान को कोई अनावश्यक परेशानी पैदा होती है तो वे सीधे जिला प्रबंधक नाग. आपूर्ति निगम एवं महाप्रबंधक सी.सी.बी. को अवगत करा सकते है।

विस्थापितों को मूलभूत सुविधाएं अविलम्ब उपलब्ध होंगी-सीईओ


विस्थापितों को मूलभूत सुविधाएं अविलम्ब उपलब्ध होंगी-सीईओ

(जया श्रीवास्तव)

विदिशा (साई)। संजय सागर बांध और सगड़ मध्यम परियोजना के डूब क्षेत्र के विस्थापितों को मुहैया कराई जा रही मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का जायजा लेने और विस्थापितों की अन्य समस्याओं से अवगत होने के उद्धेश्य से गुरूवार को जिला पंचायत के सीईओ शशिभूषण सिंह ने विस्थापित ग्रामों ड़गरबाड़ा, साढे़र, हिनोतिया का भ्रमण कर वहां रह रहे विस्थापितजनों से रूबरू हुए।
ग्राम ड़गरबाड़ा में संजय सागर बांध के भराव से प्रभावित गंगापुरा, नसरतगंज, शमशाबाद के कुल 273 परिवारों को विस्थापित कराये जाने का कार्य जारी है। यहां जनपद सीईओ को स्थानीय लोगों ने रोजगार मुहैया करायें जाने की बात रखी ततसंबंध में जिपं सीईओ ने मनरेगा के तहत जल संवर्धन, सड़क निर्माण के कार्य प्रारंभ कराने के निर्देश जनपद पंचायत के सीईओ को दिए। इस अवसर पर ग्रामीणजनों को बतलाया गया कि प्रत्येक दिन मजदूरी के रूप में 132 रूपए का भुगतान किया जायेगा। इसी प्रकार निर्मल वाटिका के तहत सभी के घरों में शौचालय बनाये जाने, बीपीएलधारियों के स्व-रोजगार हेतु भैंस पालन के समूह बनाने के निर्देश दिए।
ग्राम डंगरबाड़ा में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है यहां निवासरत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं बीपीएल परिवारों को फ्री कनेक्शन एक बत्ती के तहत प्रदाय की कार्यवाही जारी है इसी प्रकार ग्राम के राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न हेतु शमशाबाद न जाना पडे़ इसके लिए ग्राम में ही पीडीएस का खाद्यान्न वितरण कार्यवाही का क्रियान्वयन शीघ्र ही किया जायेगा। इस अवसर पर अनेकजनों ने पारित अवार्ड राशि कम मिलने की शिकायत दर्ज कराई ततसंबंध में उन्हें अवगत कराया गया कि धारा-4 का प्रकाशन वर्ष 2005 में किया गया था जिसके आधार पर अवार्ड राशि पारित की गई है।
सगड़ मध्यम परियोजना के डूब क्षेत्र के 190 परिवारों को साढे़र में विस्थापित किया गया है यहां मुख्यतः आंगनबाड़ी केन्द्र, उचित मूल्य की दुकान एवं प्राथमिक स्कूल प्रारंभ कराने की बात स्थानीय रहवासियों ने की। ततसंबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि आंगनबाडी केन्द्र प्रारंभ करने हेतु भर्ती उपरांत चयन सूची जारी की जा चुकी है इसी प्रकार ग्राम में ही निर्धारित दिवस को पीडीएस का खाद्यान्न का वितरण किया जायेगा। वर्तमान में ईजीएस शाला शीघ्र ही प्रारंभ कराये जाने का आश्वासन दिया गया।
यहां पेयजल आपूर्ति हेतु निर्मल ग्राम योजना के तहत कुएं खनन कराने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार ग्राम हिनोतिया में पहुंचकर स्थानीय रहवासियों की भी समस्याओं से अवगत हुए। यहां पेयजल आपूर्ति हेतु पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित कराने और बीपीएल परिवारों को स्व-रोजगार से जोड़ने हेतु समूह का गठन करने के भी निर्देश दिए गए। इस अवसर पर नटेरन एसडीएम एस.सी.गंगवानी, तहसीलदार श्रीमती किरण बरबडे़, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री एस.एल.चौधरी, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक एस.एम.बालपाण्डेय, ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा के कार्यपालन यंत्री आर.एल.मेघवाल, जनपद सीईओ झा और जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी साथ मौजूद थे।