मंगलवार, 5 जून 2012

जीओएम भोपाल में

जीओएम भोपाल में 

(नन्‍द किशोर)

भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्टेट हेंगर पर केन्द्रीय गृह मंत्री श्री पी. चिदम्बरम सहित भोपाल गैस त्रासदी के मामलों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के सदस्य केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री सलमान खुर्शीद तथा केन्द्रीय कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री श्री नारायण सामी के एक दिवसीय प्रवास पर भोपाल पहुँचने पर पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। केन्द्रीय मंत्रियों की अगवानी करने वालों में भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री बाबूलाल गौर, पर्यावरण मंत्री श्री जयंत मलैया, गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, पूर्व विधायक श्री पी.सी. शर्मा आदि भी शामिल थे।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास श्री प्रवीर कृष्ण एवं आयुक्त श्री एम.के. वार्ष्णेय के अलावा जन-प्रतिनिधि एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री पी. चिदम्बरम तथा ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के सदस्य केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री सलमान खुर्शीद तथा केन्द्रीय कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री श्री नारायण सामी ने अपने भोपाल प्रवास के दौरान आज भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के उपचार के लिए बनाए गए भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर का भ्रमण कर वहाँ की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस अवसर पर प्रदेश के भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री बाबूलाल गौर, पूर्व विधायक श्री पी.सी. शर्मा एवं अधिकारी उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री श्री चिदम्बरम, श्री खुर्शीद एवं श्री नारायण सामी तथा मंत्री श्री गौर ने सबसे पहले हास्पिटल परिसर में भोपाल गैस त्रासदी के मृतकों की याद में बनाए गए स्मारक पर पुष्प-चक्र अर्पित कर अपनी श्रद्धाँजलि अर्पित की। उन्होंने हास्पिटल की तीसरी मंजिल पर स्थित सी.सी.यू. एवं आई.सी.यू., प्रथम मंजिल स्थित पल्मोनरी मेडीकल वार्ड तथा भू-तल पर स्थित नेत्र रोग वार्ड का भ्रमण कर वहाँ की व्यवस्थाओं को देखा तथा भर्ती मरीजों से चर्चा कर उनके उपचार की जानकारी ली।
प्रारंभ में हास्पिटल के प्रबंधन की ओर से बिग्रेडियर डॉ. के.के. कोडार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स को अस्पताल के बारे में जानकारी दी। विभिन्न स्वयंसेवी संगठन के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय मंत्रियों को अपने मांग-पत्र भी सौंपे।

पूरे प्रदेश में पात्र गुरुजियों की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ

पूरे प्रदेश में पात्र गुरुजियों की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ

(ब्‍यूरो कार्यालय) 

भोपाल (साई)।द्वितीय गुरुजी पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित अभ्यार्थियों की नियुक्ति की कार्यवाही आज से संबंधित जिलों में जिला-स्तरीय समिति द्वारा प्रारंभ कर दी गयी है।
व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित द्वितीय गुरुजी पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यार्थियों के आवेदन-पत्रों की छानबीन जिला-स्तरीय समिति द्वारा 5 से 15 जून, 2012 तक की जायेगी। अंनतिम सूची जिला कार्यालयों के सूचना-पटल पर 16 जून को प्रदर्शित की जायेगी।
अंनतिम सूची के संबंध में आपत्तियाँ 17 से 27 जून तक संबंधित जिला कार्यालयों में प्राप्त की जायेंगी। जिला-स्तरीय समिति द्वारा 28 जून से 7 जुलाई तक प्राप्त आपत्तियों का निराकरण कर 9 जुलाई तक जिला कलेक्टर से अंतिम सूची पर अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा। नियुक्ति हेतु अंतिम सूची 10 जुलाई को जारी की जायेगी।
जिला कार्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सम्पूर्ण कार्यवाही निर्धारित समय-सारिणी में अनिवार्यतः करें।

मंत्रालय सेवा के छह शासकीय सेवक सेवानिवृत्त

मंत्रालय सेवा के छह शासकीय सेवक सेवानिवृत्त
(विनोद कुमार)
भोपाल (साई) ।छह शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्त होने पर आज मंत्रालय में समारोहपूर्वक विदाई दी गई। उप सचिव, सामान्य प्रशासन श्री बी.आर. विश्वकर्मा ने सेवानिवृत्त अधिकारियों, कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम का संचालन अवर सचिव (अधीक्षण) सामान्य प्रशासन सुश्री भारती ओगरे और आभार प्रदर्शन श्री अशोक पुरकाम ने किया। इस अवसर पर मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री सुधीर नायक, भारतीय स्टेट बैंक की मंत्रालय शाखा के प्रबंधक श्री पी.एल. कोरी उपस्थित थे।
सेवानिवृत्त होने वालों में अवर सचिव श्री टी.जी. पाथरकर, श्री एस.के. राजुरकर, अनुभाग अधिकारी श्रीमती जयश्री नीरद, सहायक ग्रेड-एक श्रीमती शकुन्तला सक्सेना, श्रीमती कमला और सहायक ग्रेड-2 श्री आर.के. खरे शामिल हैं। इन सभी को उनके स्वत्वों का भी भुगतान किया गया।

व्यापारी बाबा के चरणों में कारोबारी गडकरी

व्यापारी बाबा के चरणों में कारोबारी गडकरी

आखिरकार तो सब कुछ व्यापार ही होता है. राजनीति करनेवाले नितिन गडकरी भी यही मानते हैं और बाबा रामदेव भी इसी मत पंथ के हैं. ऐसे में सोमवार को अनशन के बिहान जब बाबा रामदेव भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के पास पहुंचे तो अधीर गड़करी "सन्यासी" रामदेव के चरणों में उतरने से अपने आपको रोक नहीं पाये. बाद में मीडिया में मुद्दा उछला तो सफाई दे दी कि हमारे यहां सन्यासियों का पैर छूकर आशिर्वाद लिया जाता है तो हमने अपनी संस्कृति का पालन किया है. बस.
नितिन गडकरी ऐसे राजनीतिक प्राणी हैं जो राजनीति का इस्तेमाल कारोबार बढ़ाने में करते हैं. महाराष्ट्र के पूर्ति समूह के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने जब अपनी राजनीतिक यात्रा पर किताब लिखी तो पूर्ति समूह के बारे में ज्यादा बताया और साथ में कभी कभी दिया अपना भाषण भी बीच में ठेल दिया. बताते हैं कि पूर्ति समूह का कारोबार हजारों करोड़ में है और वे राजनीतिक कार्यकर्ताओं को व्यावसायिक संभावनाओं से भरे सेल्समैन के रूप में देखते हैं.
कुछ कुछ ऐसी ही कहानी बाबा रामदेव की है. बाबा रामदेव भी विशुद्ध व्यापारी हैं बस बाना संन्यासी का है. अगर अनुमान के अनुसार नितिन गडकरी हजारों करोड़ के कारोबारी हैं तो बाबा रामदेव भी क्या हजार करोड़ से कम के आसामी हैं. आयुर्वेदिक दवाईंयां, चटनी, अचार, बिन्दी लाली क्या ऐसी चीज है जो रामदेव की फैक्टरी में तैयार नहीं होता है. अब अगर सन्यासी का मतलब यही होता है कि उसके पास कई सौ करोड़ का कोराबार भी होना चाहिए तो निश्चित रूप से नितिन गडकरी ने महान भारतीय परंपरा का पालन किया है.
दोनों की मुलाकात नितिन गडकरी के घर पर सुबह ही हुई थी. दोनों आज मिलेंगे इसकी घोषणा कल ही बाबा रामदेव ने कर दी थी. गेट के बाहर चरणवंदना के इस संक्षिप्त कार्यक्रम के बाद दोनों अंदर चले गये और कालेधन को सफेद बनाने की योजनाओं पर विचार विमर्श करने लगे. कारोबारियों से ज्यादा काला सफेद धन के बारे में कौन जान सकता है, इसलिए इन दोनों की कालेधन के मुद्दे पर मुलाकात और एक दूसरे से मुलाकात अनावश्यक तो बिल्कुल नहीं है. वैसे भी रामदेव लाल आडवाणी के भी चहेते हैं और आडवाणी जी को इन्हीं रामदेव और परमार्थ निकेतन के मैनेजरनुमा भ्रष्ट चिदानंद ही महान संन्यासी नजर आते हैं. इसलिए जब आडवाणी की अवस्था यह है तो गड़करी के बारे में कल्पना ही की जा सकती है.
खैर, दोनों व्यापारियों की इस सौहार्दपूर्ण मुलाकात के बीच क्या चर्चा हुई यह तो सार्वजनिक नहीं हुआ लेकिन इतना तो तय है कि भाजपा पहले भी रामदेव में राजनीतिक संभावना देख रही थी और अब भी देख रही है. रामदेव कल भी भाजपा से राजनीतिक संरक्षण चाहते थे और आज भी चाहते हैं. चलिए, इस मुलाकात के बाद कम से कम दिग्विजय सिंह को यह कहने का मौका नहीं मिलेगा कि बाबा चोरी छिपे आरएसएस के एजंट के बतौर काम कर रहे हैं. अब जो कुछ है वह सब खुल्लम खुल्ला है.

मृगनयनी विपणन सेवा के ई-टेण्डर पोर्टल का लोकार्पण

मृगनयनी विपणन सेवा के ई-टेण्डर पोर्टल का लोकार्पण
 
(प्रदीप आर्य)

भोपाल (साई)। मृगनयनी विपणन सेवा के ई-टेण्डरिंग सिस्टम का लोकार्पण म.प्र. लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष श्री अखण्ड प्रताप सिंह द्वारा भोपाल में किया गया। इस पोर्टल द्वारा प्रदेश भर की इकाइयों को लाभ प्राप्त हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा संचालित विभिन्न मृगनयनी म.प्र. एम्पोरियमों के क्षेत्र में आनेवाले विभिन्न शासकीय विभागों एवं संस्थानों द्वारा विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के क्रय की कार्यवाही की जाती है, छोटी-छोटी वस्तुओं की आवश्यकता स्थानीय मांग के अनुरूप प्राप्त होती है। इस प्रकार की मांग की पूर्ति हेतु निगम में संचालक मण्डल द्वारा अनुमोदित एक क्रय व्यवस्था पूर्व से ही लागू है, जिसे मृगनयनी विपणन सेवा के नाम से प्रदेश के विभिन्न एम्पोरियमों में चलाया जा रहा है। इस विपणन सेवा के माध्यम से प्रदेश भर की स्थानीय सूक्ष्म एवं लघु उद्योग इकाइयां सामग्री की प्रतिपूर्ति स्थानीय कार्यालयों में उनकी मांग के विरूद्ध इस व्यवस्था के अंतर्गत करते रहे हैं।
इस व्यवस्था के अंतर्गत दरों का निर्धारण आवश्यक पारदर्शी प्रक्रिया के द्वारा किये जाने को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन के निर्देशों के अनुरूप मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा इसे ई-टेण्डरिंग के माध्यम से लागू किये जाने का निर्णय लिया गया। इस प्रक्रिया के अंतर्गत निगम के वेब पोर्टल ूूूण्उचसनदण्वतह पर मृगनयनी विपणन सेवा के अंतर्गत प्रदेश भर की इकाइयों को पंजीकरण का कार्य प्रारम्भ किया जावेगा। इस हेतु पृथक से टेण्डर पोर्टल तैयार किया जाकर निगम के मुख्य वेब पोर्टल के साथ सम्बद्ध कर दिया गया है। इस वेब पोर्टल का लोकार्पण निगम के अध्यक्ष श्री अखण्ड प्रताप सिंह द्वारा पंचानन भवन, छठवे तल पर स्थित सभागार में किया गया। इस अवसर पर निगम के सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं मृगनयनी विपणन सेवा से जुड़े हुए मृगनयनी म.प्र. एम्पोरियमों के प्रभारियों के साथ साथ मृगनयनी विपणन सेवा से जुड़े हुए प्रदेश भर के उद्यमी उपस्थित थे।
ई-टेण्डरिंग पोर्टल के शुभारम्भ के अवसर पर एम्पोरियम विभाग के मुख्य महाप्रबंधक श्री आर.पी. सिंह द्वारा पोर्टल के संबंध में एवं इसकी पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए इसे लघु उद्यमियों के लिए लाभदायक बताया। इस अवसर पर निगम के अध्यक्ष श्री अखण्ड प्रताप सिंह द्वार सम्बोधित करते हुए ई-टेण्डर पोर्टल की सराहना की गई एवं निविदा प्रक्रिया में अधिकाधिक पारदर्शिता बरते जाने की प्रशंसा करते हुए उपस्थित उद्यमियों को ई-पोर्टल के माध्यम से ही अपनी निविदायें प्रस्तुत करने एवं अधिकाधिक पंजीयन करने का सुझाव दिया गया।
चर्चा के दौरान अवगत कराया गया कि मृगनयनी विपणन सेवा की ई-टेण्डरिंग प्रक्रिया के अंतर्गत प्रदेश के उद्यमियों को प्रदाय की जानेवाली सामग्री की कैटगरी में एक बार अपना पंजीयन कराना होगा और आगामी सभी निविदाओं की सूचना उन्हें ई-मेल तथा पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर एस.एम.एस. के द्वारा दी जावेगी। इस प्रकार निविदा सूचना को पंजीकृत उद्यमियों के मध्य अत्यन्त पारदर्शी रूप में प्रसारित किया जा सकेगा। इस अवसर पर टेण्डर पोर्टल डव्हलप करनेवाली संस्था के प्रतिनिधि श्री देव चटर्जी द्वारा बताया गया कि टेण्डर पोर्टल में निर्माण में अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी एवं सुरक्षा के मानदण्डों का उपयोग किया गया है। इस टेण्डर पोर्टल को संचालित करने हेतु पृथक से किसी प्रकार की एजेंसी की आवश्यकता नहीं होगी एवं एम्पोरियम प्रभारियों द्वारा ही इसका संचालन किया जा सकेगा। इस प्रकार इस टेण्डर पोर्टल पर सभी प्रकार से निगम का नियंत्रण एवं आधिपत्य होगा और निरंतर व्यय की भी आवश्यकता नहीं होगी।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश भर से आये हुए उद्यमियों को निविदा भरे जाने एवं ऑनलाईन पंजीयन करने इत्यादि हेतु प्रशिक्षण दिया गया ताकि वे अपने स्तर से अपनी इकाई का पंजीयन एवं निविदा भरने का कार्य बिना किसी तकनीकी सहायता के स्वयं कर सकें। इसके साथ ही टेण्डर पोर्टल का उपयोग करने के संबंध में निगम के संबंधित प्रभारी अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाकर पोर्टल पर निविदा जारी करने, पंजीयन स्वीकार करने एवं प्राप्त दरों के तुलनात्मक दर पत्रक के आधार दर निर्धारण की कार्यवाही करने का प्रशिक्षण दिया गया। मृगनयनी विपणन सेवा के ई-टेण्डर पोर्टल के समापन के अवसर पर डॉ. बी.एम. सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी) श्री राकेश तिवारी, मुख्य महाप्रबंधक (विपणन), श्री पीयूष माथुर, मुख्य महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा) तथा इंदौर के क्षेत्रीय उप मुख्य महाप्रबंधक डॉ. बी.डी. हेड़ा उपस्थित थे।

एनबीईक्यूएफ के पायलट में मध्यप्रदेश को भी शामिल करें: शर्मा

एनबीईक्यूएफ के पायलट में मध्यप्रदेश को भी शामिल करें: शर्मा

(संध्या)

नई दिल्ली (साई)। उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने नई दिल्ली में हुए राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.) पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जे.ई.ई. के आधार पर काउंसलिंग में दो चरण के बाद यदि जे.ई.ई. स्कोरधारी नहीं मिलते हैं तो अर्हताकारी परीक्षा के प्राप्तांकों की मेरिट के आधार पर राज्य सरकार द्वारा प्रवेश दिये जा सकने का विकल्प दिया जाना चाहिये। उन्होंने प्रथम चरण में ही अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा एवं बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में संचालित बी.एड. संकाय का उन्नयन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन में किये जाने का आग्रह किया। सम्मेलन की अध्यक्षता केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने की।
श्री शर्मा ने कहा कि नेशनल वोकेशनल एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के पायलट प्रोजेक्ट में मध्यप्रदेश को शामिल किया जाय। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में भेदभाव की रोकथाम के लिए यू.जी.सी. विनिमय और लोकपाल की स्थापना के पहले राज्यों से व्यापक विचार-विमर्श किया जाय जिससे लोकपाल की अवधारणा को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया जा सके। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में लेखा मानकों के क्रियान्वयन की सराहना करते हुए कहा कि इसके लिए राज्य सरकार को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाए जाये।
उच्च शिक्षा मंत्री ने छतरपुर में छत्रपाल विश्वविद्यालय की अनुमति अभी तक नहीं मिलने पर केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए अतिशीघ्र मंजूरी दिलाने का आग्रह किया। उन्होंने भोपाल में इनोवेटिव यूनिवर्सिटी और सिंगरौली में माइनिंग इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारम्भ करने की अनुमति का भी अनुरोध किया। उच्च शिक्षा विभाग में 419 करोड़ तथा तकनीकी शिक्षा विभाग में 49.2 करोड़ की अनुदान राशि राज्य सरकार को उपलब्ध करवायी जाय ताकि प्राध्यापकांे को एरियर्स का भुगतान किया जा सके।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के इंजीनियरिंग महाविद्यालयों को दूसरी शिफ्ट में आई.टी.आई. संचालन तथा सभी पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में कम्युनिटी पॉलीटेक्निक योजना संचालित करने की अनुमति दी जाय। वर्तमान में यह 19 पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में संचालित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही केन्द्रीय परिषद द्वारा व्यावसायिक महाविद्यालय प्रारम्भ करने की अनुमति दी जाय। श्री शर्मा ने महाविद्यालयों के शिक्षकीय एवं गैर शिक्षकीय स्टाफ के आवासीय भवन निर्माण की योजना बनाने के लिये भी कहा। उन्होंने विदेश में चल रहे नवीन पाठ्यक्रमों को प्रदेश में भी चलाने की अनुमति दिये जाने पर जोर दिया।
सम्मेलन में श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में आई.टी.आई. की प्रवेश क्षमता 27 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने के साथ ही उत्तीर्ण विद्यार्थियों का नियोजन 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाएगा। प्रदेश की आई.टी.आई. में भी इस वर्ष से ऑन-लाइन प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक के अंतिम वर्ष में विद्यार्थियों को मल्टीनेशनल कम्पनियों की आवश्यकतानुरूप दक्षता में निखार लाने के लिए ’’फिनिशिंग स्कूल योजना’’ प्रारम्भ करने की भी जानकारी दी।
श्री शर्मा ने बातया कि राजीव गॉधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट की सुविधाएॅं उपलब्ध कराने के लिए कैरियर पोर्टल बनाया गया है। प्रदेश में हिन्दी भाषा से उच्च अध्ययन एवं शोध कार्य के लिए हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है।

केरल में मानसून की दस्‍तक, दिल्‍ली नहाई

केरल में मानसून की दस्‍तक, दिल्‍ली नहाई 

 

(महेश रावलानी)

नई दिल्‍ली(साई)। मॉनसून ने केरल में मंगलवार को दस्तक दे दी और रिमझिम बरसती बूंदों से किसानों को राहत मिली। वहीं, दिल्ली में भी मौसम ने कुछ करवट बदली है। साउथ दिल्ली में ओलों के साथ तेज बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली में अब गर्म हवाएं नहीं चलेंगी।
केरल में मॉनसून पर भारतीय मौसम विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, 'मॉनसून केरल पहुंच गया।' केरल में आमतौर पर मॉनसून की बारिश एक जून से होती है लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि पूर्वानुमानों के अनुसार, मौसमी बारिश की प्रक्रिया अच्छी है। राष्ट्रीय जलवायु केंद्र के निदेशक और मॉनसून का पूर्वानुमान जताने वाले मुख्य अधिकारी डी. शिवानंद पई ने बताया, अभी तक मॉनसून की स्थिति बहुत अच्छी है और केरल तथा दक्षिणी कर्नाटक के हिस्सों में अगले दो-तीन दिनों तक बारिश होगी। मॉनसून के अन्य इलाकों में बढ़ने के लिए अनुकूल स्थिति है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि तूफान मवार की वजह से मॉनसून के आने में देरी हुई।
1 जून को केरल आना था मॉनसून

साल 2005 के बाद यह पहला मौका है जब वहां मॉनसून लेट हुआ है। इससे पहले 2005 में यह 7 जून को केरल पहुंचा था। इसके बाद हर साल मई के आखिर तक केरल पहुंच गया था। साल 2009 में तो यह 23 मई को ही वहां पहुंच गया। इस साल 1 जून को मॉनसून के केरल पहुंचने के आसार थे।

पवार ने लिया जायजा
भारत की करीब 55 फीसदी खेती बारिश पर निर्भर है। पिछले कुछ साल से मॉनसून सामान्य रहने से अनाज की बंपर पैदावार हो रही है। कृषि मंत्री शरद पवार ने हालात का जायजा लेने के लिए सोमवार को मौसम वैज्ञानिकों से बात की। मौजूदा फसली सीजन में अनाज की पैदावार 25 करोड़ टन तक पहुंचने के संकेत हैं। यह पिछली बार से करीब 50 लाख टन ज्यादा है। पवार का मानना है कि पैदावार की रफ्तार बरकरार रखने के लिए मॉनसून का अच्छा होना जरूरी है।

मॉनसून का ऐलान कब
वैज्ञानिकों के मुताबिक केरल में मॉनसून के पहुंचने का ऐलान तभी किया जाता है जब राज्य और लक्षद्वीप आईलैंड के कुल 14 ऑब्जर्वेशन स्टेशनों में 7 से लगातार 48 घंटों तक बारिश होने की रिपोर्ट जाए। भारतीय मौसम विभाग के लक्ष्मण सिंह राठौर ने बताया, केरल में मॉनसून के दस्तक देने की सामान्य तारीख 1 जून है, लेकिन तय डेट से 5 दिन पहले या 5 दिन बाद इसकी दस्तक सामान्य मानी जाती है, क्योंकि फोरकास्ट के मॉडल में इतना एरर सकता है।

संकट में हैं राहुल का चश्मा!


संकट में हैं राहुल का चश्मा!

टीम राहुल की असलियत आने लगी युवराज के सामने

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। लगभग आठ साल पहले चांदी का चम्मच लेकर सक्रिय राजनीति में आए कांग्रेस के युवराज राहुल घांदी को घेरकर उन्हें महिमा मण्डित करने वालों की कलई एक एक कर खुलने लगी है। उत्तर प्रदेश चुनावों के तत्काल बाद युवराज के अघोषित राजनैतिक गुरू राजा दिग्विजय सिंह को बारह तुगलक लेन (बतौर सांसद राहुल का सरकारी आवास) से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब राहुल के आंख, नाक, कान बने कनिष्क सिंह पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
वर्ष 2004 और 2009 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेहरू घांदी परिवार की पांचवीं पीढ़ी के चिराग राहुल को राजनैतिक सूझबूझ ना होने का सबसे अधिक फायदा राजपूत क्षत्रिय लाबी ने उठाया। राहुल की आंख पर पट्टी बांधकर एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय के अलावा राजस्थान मूल के कनिष्क सिंह ने जमकर नचाया। दिग्गी राजा को तो यूपी चुनावों के परिणाम के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, पर कनिष्क सिंह की तूती 12, तुगलक लेन में जमकर बजती रही।
राहुल से उमर में आठ साल छोटे कनिष्क के पिता एस.के.सिंह भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी थे। उन्होंने भारत के राजूदत के बतौर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में काम किया। उनकी सेवाओं का सम्मान करते हुए उन्हें महामहिम राज्यपाल बना दिया गया। वे आंध्र प्रदेश और राजस्थान के राज्यपाल रहे।
उधर, कनिष्क सिंह स्वदेश वापस आने के बाद 2003 में दिल्ली में शीला दीक्षित के लिए चुनाव में काम करने के इच्छुक थे। अपने पिता के संपर्कों और उनकी नेहरू गांधी परिवार की नजदीकी का लाभ उठाकर कनिष्क ने राहुल के 2004 में सांसद बनते ही टीम राहुल का सदस्य बनना स्वीकार कर लिया। इसके बाद कनिष्क ने पीछे मुडकर नहीं देखा और वे राहुल के आंख, नाक, कान बनकर रह गए।
कनिष्क सिंह को राहुल गांधी का चश्मा भी कहा जाता है। कहते हैं राहुल गांधी उसी रंग की दुनिया देखते हैं जिस रंग का चश्मा कनिष्क सिंह द्वारा राहुल को लगवाया जाता है। 12, तुगलक लेन में कनिष्क सिंह की तूती जमकर बोला करती है। लोग कनिष्क की तुलना सोनिया और राजीव के दरबार के शुरूआती दिनों में उनके सहायक विसेंट जार्ज के रूप में करते हैं। कहा जाता है कि कनिष्क भी जार्ज जितने ही ताकतवर हैं।
उत्तर प्रदेश जिसमें सोनिया और राहुल घांदी का संसदीय क्षेत्र समाहित है के चुनावों में कांग्रेस के औंधे मुंह गिरने के बाद होने वाली समीक्षाओं में निशाने पर दोनों ही ठाकुर क्षत्रप राजा दिग्विजय सिंह और कनिष्क सिंह थे। लोगों ने टिकिट बंटवारे में अनियमितताओं और गलत सलाहों के लिए दोनों ही को जमकर दोषी ठहराया।
बिहार के कांग्रेस के नेताओं ने कनिष्क सिंह की जमकर शिकायतें की हैं। बताया जाता है कि बिहार में पीसीसी चीफ के चयन के मामले में कनिष्क सिंह को बतौर एक अडंगा पेश किया गया है। बिहार से आए एक नेता ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
उक्त नेता ने बताया कि जब उमेश राय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल युवराज राहुल घांदी से मिलने पहुंचा तो 12, तुगलक लेन की परंपराओं के अनुसार उसे कनिष्क सिंह की चौखट पर हाजिरी भरना पड़ा। इस प्रतिनिधिमण्डल के मुंह में अपनी जुबान डालते हुए कनिष्क ने उन्हें मशविरा दिया कि वे बिहार में राजपूत क्षत्रिय नेता अवधेश सिंह का नाम आगे करें। इस तरह जातिवाद को प्रश्रय देने के आरोप के लिए मशहूर कनिष्क ने एक बार फिर ठाकुर लाबी को सामने कर दिया।
उक्त नेता ने आगे कहा कि जब यह प्रतिनिधिमण्डल राहुल से मिला तो उसने कनिष्क की इन हरकतों से राहुल को रूबरू करवाते हुए कहा कि कनिष्क सिंह द्वारा कांग्रेस की लुटिया डुबोने के काम को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। इतना ही नहीं कनिष्क और राहुल से भेंट के बीच के समय का सदुपयोग कर कुछ नेताओं ने अवधेश सिंह की जन्म कुण्डली की पता साजी कर डाली।
उन्होंने कहा कि राहुल को जब यह बताया गया कि कनिष्क सिंह जिसके नाम की लाबिंग करवा रहे हैं वे आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं तो उनके हाव भाव बदल गए। राहुल ने तत्काल ही अपने उपर के जेब से एक कागज निकालकर उसमें कुछ लिखकर होंठ भींच लिए। राहुल की भाव भंगिमाएं और सख्त उस वक्त हो गईं जब उन्हें यह बताया गया कि अवधेश सिंह का नाम कनिष्क सिंह द्वारा आगे इसलिए बढ़ाया जा रहा है क्योंकि वे राजपूत क्षत्रिय वर्ग से हैं।
सियासी बियावान में इन दिनों राहुल गांधी के दोनों खास ओपनर बल्लेबाज (राजा दिग्विजय सिंह और कनिष्क सिंह) के खिलाफ ससबूत प्रमाण राहुल के सामने पेश किए जाने, राहुल घांदी द्वारा सोनिया के राजनैतिक सलाहकार और दिग्विजय सिंह के घुर विरोधी अहमद पटेल को खास तवज्जो देने के निहितार्थ खोजे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राहुल घांदी के चश्मे (सलाहकार) बदलने वाले ही हैं।

क्या संसद के लिए समय निकाल पाएंगे सचिन


क्या संसद के लिए समय निकाल पाएंगे सचिन

संसद के हर सत्र में रहेगा क्रिकेट का मौसम शबाब पर

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। क्रिकेट के तथाकथित भगवान सचिन तेंदुलकर ने देश की सबसे बड़ी पंचायत (संसद) के पंच (सांसद) के बतौर शपथ ले ली है। कांग्रेस द्वारा नियम कायदों को कथित तौपर शिथिल कर सचिन को राज्य सभा में एंट्री देकर एक नजीर पेश की है। माना जा रहा है कि कांग्रेस की गिरती साख को बचाने के लिए सचिन का सहारा लिया जा रहा है। चार जून को सचिन द्वारा शपथ लेने के बाद अब सियासी फिजां में यह बात पूछी जा रही है कि क्या सचिन देश की सर्वोच्च पंचायत के लिए अपने व्यस्त क्षणों में से समय निकाल पाएंगे या फिर शोभा की सुपारी बनकर रह जाएंगे!
ज्ञातव्य है कि इससे पहले सियासी फिजां में यह बात तैर गई थी कि शर्मीले सचिन सबके सामने शपथ लेने में हिचक रहे हैं इसलिए वे सदन में सबके सामने शपथ लेने के बजाए उपराष्ट्रपति के कक्ष में शपथ लेने की मंशा रखते हैं। इन परिस्थितियों में उनकी आलोचना आरंभ हो गई थी कि सचिन को राज्य सभा सांसद बनाने का क्या ओचित्य जब वे खेल और खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व ही ना कर पाएं, और कांग्रेस का मुखौटा बनकर रह जाएं।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की गिरती साख और घपलों, घोटालों, भ्रष्टाचार, उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा तो दिल्ली में नगर निगम चुनावों में मुंह की खाने के बाद कांग्रेस ने लोगों का ध्यान इससे हटाने की गरज से जया बच्चन के साथ ही साथ रेखा को राज्य सभा से भेज दिया है ताकि कुछ दिन तक मीडिया की सुर्खियां रेखा बटोर सकें और लोगों का ध्यान कांग्रेस के काले कारनामों से हट जाए। इसी कड़ी में राहुल को स्थापित करने के लिए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को राज्य सभा से भेजा गया है।
कहा जा रहा है कि जब संसद का सत्र चलेगा तब सचिन घरेलू और विदेश दौरे पर जाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य के बतौर सदन के बाहर ही रहेंगे। गौरतलब है कि जब सदन का वर्षाकालीन सत्र चलेगा तब टीम इंडिया श्रीलंका के दौरे पर होगी। इस दर्मयान टीम इंडिया तीन टेस्ट सीरिज खेलेगी। इसके अलावा सदन के शीतकालीन सत्र में टीम इंडिया इंग्लैण्ड के खिलाफ चार टेस्ट सीरिज खेलेगी। अगले साल के बजट सत्र के दर्मयान टीम इंडिया आस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट सीरिज खेलने जा रही है।
इन परिस्थितियों में सचिन के घोषित पहले प्यार क्रिकेट के सामने देश की सबसे बड़ी पंचायत का बौना होना स्वाभाविक ही है। सचिन अगर देश की पंचायत को समय नहीं देने की स्थिति में हैं तो फिर उनको राज्य सभा सांसद बनाने का क्या फायदा? संभवतः सचिन का चेहरा अगले आम चुनावों में कांग्रेस के बेनर पोस्टर्स में इस्तेमाल करने के लिए कांग्रेस द्वारा यह आत्मघाती कदम उठाया गया है।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने बैठे बिठाए विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया है, जब सदन में सचिन की उपस्थिति ना के बराबर होगी तब उनको लेकर जमकर हायतौबा मचा सकता है विपक्ष! इन परिस्थितियों में कांग्रेस और सचिन की खासी भद्द पिट सकती है। वहीं दूसरी ओर हर मसले पर कांग्रेस से सैट नजर आने वाली भाजपा और अन्य विपक्षी दल शायद ही हाथ आने वाले इस मौके को कैश करा पाएं।

वाहन चोरी का मामला संदिग्ध!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  94

वाहन चोरी का मामला संदिग्ध!

नेतानुमा ठेकेदार की कार्यप्रणाली चर्चाओं में

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। आदिवासी बाहुल्य सिवनी जिले के घंसौर विकासखण्ड में देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड में इन दिनों वाहन चोरी के मामले को चटखारे लेकर सुनाए जा रहे हैं। घंसौर के एक नेता नुमा ठेकेदार की कार्यप्रणाली और इस मामले में उनकी संलिप्तता की खबरों ने माहौल को गर्मा दिया है।
बताया जाता है कि घंसौर के करीब ग्राम बरेला में लगने वाले इस संयंत्र से दो जेसीवी कंपनी की बड़ी मशीनें, डंपर और अन्य वाहन रातों रात चोरी हो गए थे। संयंत्र प्रबंधन के सूत्रों ने बताया कि इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज करवा दी गई थी। पुलिस ने भी इसकी जांच में लीपापोती कर अपना प्रतिवेदन सौंप दिया था।
चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो इस काम में क्षेत्र के एक नेता नुमा ठेकेदार की संलिप्पता है। कहा जा रहा है कि उक्त काम के उपरांत पुलिस की जांच की औपचारिकताओं को पूरा करते ही बीमा कंपनी से इन वाहनों का मुआवजा भी प्राप्त कर लिया गया है। इस संबंध में संयंत्र प्रबंधन से चर्चा करने का प्रयास किया गया किन्तु संयंत्र प्रबंधन की ओर से कोई भी उपलब्ध नहीं हो सका।
मांग की जा रही है कि सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा लगाए जा रहे 1200 अथवा 1260 मेगावाट के पावर प्लांट में चल रही अनियमितताओं और शासन को सीधे एवं परोक्ष तौर पर पहुंचाई जाने वाली क्षति की अविलंब जांच करवाई जाए।

(क्रमशः जारी)