शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2013

मीडिया के सवालों पर निरूत्तर रहे कांग्रेस के नेता

मीडिया के सवालों पर निरूत्तर रहे कांग्रेस के नेता

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। केंद्रीय मंत्री कमल नाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री अरूण यादव, कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया 10 अक्टूबर को सिवनी आ रहे हैं। उक्ताशय की जानकारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राममूर्ति मिश्रा एवं सिवनी के प्रभारी मोहम्मद अबरार ने आज पत्रकार वार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि 10 अक्टूबर को सिवनी में कांग्रेस की एक विशाल आमसभा का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन स्थल अभी तय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश बलात्कार के मामले में नंबर वन बन चुका है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम जिला मुख्यालय में ही होगा।

जब पत्रकारों ने नेताओं से यह पूछा कि क्या कारण है कि जिला कांग्रेस स्थानीय स्तर के मुद्दे उठाने के बजाए प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर के प्रवक्ताओं की भूमिका में नजर आती है तो नेताद्वय बगलें झांकने लगे। साथ ही साथ एक संपादक द्वारा जब मोहम्मद अबरार से यह पूछा गया कि क्या उन्होंने बरघाट के किसी नेता को टिकिट के लिए आश्वस्त कर दिया है तो मो.अबरार ने इस बात को नकार दिया।

टेम्पटेशन गुप का नौ दिवसीय गरबा महोत्सव कल से

टेम्पटेशन गुप का नौ दिवसीय गरबा महोत्सव कल से

(पीयूष भार्गव)

सिवनंी (साई)। हर साल की तरह युवाओं के मध्य एक ही बात चल रही है-स्थान वही, समय वही, गरबे का आनन्द वही।जी हां, टेम्पटेशन गुप का नौ दिवसीय गरबा महोत्सव 05 सितम्बर से 13 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। प्रतिवर्षानुसार यह शाम सात बजे से रात्रि दस बजे तक आयोजित किया जाएगा।
गरबा महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2007 में आरंभ किए गए टेम्पटेशन समूह के इस गरबा आयोजन को हर साल लोगों का जबर्दस्त सहयोग मिलता आया है। उन्होंने बताया कि इस गरबा आयोजन में, आयोजन समिति का यह प्रयास होता है कि इसमें पारिवारिक वातावरण में प्रतिभागी निडर होकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाएं।
आयोजन समिति के सचिव योगेश भिड़े ने बताया कि फूहड़ता, और अन्य गतिविधियों से दूर इस गरबा आयोजन की खासियत यह है कि यहां पुरूष और महिला प्रतिभागी पारिवारिक वातावरण में अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने बताया कि हर साल शहर के गणमान्य नागरिकों और अतिथियों द्वारा इस आयोजन को न केवल सराहा जाता है वरन् उनके परिवार के सदस्यों द्वारा भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जाता है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष ने आगे बताया कि गरबा महोत्सव का आयोजन शनिवार 5 सितम्बर से 13 सितम्बर तक पूर्व वर्षाें के अयोजन स्थल, तिकोना पार्क के सामने एवं शिक्षक सदन के पीछे, श्रीमंत सेठ गोपाल साव पूरन साव परमार्थ ट्रस्ट की भूमि में किया जा रहा है। उन्होने बताया कि इस गरबा महोत्सव में पुरूष और महिला प्रतिभागियों के लिए गरबा खेलने की व्यवस्थाएं प्रथक प्रथक की गई हैं।

आयोजन समिति द्वारा पूर्ववर्ती वर्षों में शहर के गणमान्य नागरिकों, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर पालिका, एवं अन्य संबंधित विभागों के सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस वर्ष भी पूर्व की भांति सहयोग देने की अपील की है।

हवेली की हुकूमत से आज़ाद होने कलपता केवलारी

हवेली की हुकूमत से आज़ाद होने कलपता केवलारी

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। आज़ाद भारत में केवलारी विधानसभा पर अधिकांश समय कांग्रेस का ही राज रहा है। केवलारी में पहले सालों साल तक विमला वर्मा विधायक रहीं तो उनके बाद लंबे समय तक सिवनी में सत्ता और कांग्रेस की धुरी बने रहे हरवंश सिंह ठाकुर के इर्द गिर्द ही सत्ता की धुरी घूमती रही। आज़ादी के उपरांत भी सिवनी जिले का केवलारी विधानसभा क्षेत्र आज़ादी में सांसे लेने को बेताब दिख रहा है।
लगभग बीस सालों से बर्रा हवेलीके ठाकुर हरवंश सिंह केवलारी के विधायक रहे हैं। हरवंश सिंह ने लगभग हर चुनाव में आपने बनाया हमने निभायाकी बुकलेट बांटी, जिसमें उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों की फेहरिस्त जनता के सामने प्रस्तुत की गई। इस सूची में वे ही काम हुआ करते थे जिनकी स्वीकृति बर्रा नरेश द्वारा दी जाती थी। ग्रामीण अंचलों में विकास की किरण शायद नहीं पहुंच सकी, यह बात भी हकीकत ही है।

लंबे समय तक रहे प्रदेश में मंत्री
हरवंश सिंह ठाकुर का कद बेहद ही बड़ा हो गया था। पहली बार विधायक बनते ही हरवंश सिंह ठाकुर को मंत्री लीक से हटकर मंत्री बना दिया गया। जैसे ही हरवंश सिंह ठाकुर प्रदेश में मंत्री बने, केवलारी वासियों की उम्मीदें जागीं कि उसके उपरांत केवलारी का पिछड़ापन काफी हद तक दूर हो सकेगा। केवलारी से भोपाल के लिए सीधी बस सेवा आरंभ हुई तो केवलारी वासियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, पर धीरे धीरे लोगों को लगने लगा कि महज एक बस चलवाकर ही उनकी समस्याएं समाप्त नहीं होने वाली हैं।

सागर नदी का पुल बना परेशानी का सबब्
केवलारी से बालाघाट को जोड़ने वाले मार्ग पर सागर नदी के पुल का निर्माण सालों से प्रतिक्षित होने के बाद भी हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। केवलारी से उगली मार्ग के निर्माण के समय लोगों को उम्मीद थी कि छोटे बड़े पुल पुलियों के निर्माण के साथ ही सागर नदी के पुल का भी जीर्णोद्धार होगा, किंतु उस वक्त कार्य न होने से लोगों में निराशा पसर गई।

सीएम की घोषणा, नहीं बनी नगर पंचायत
केवलारी विधानसभा क्षेत्र के मुख्यालय केवलारी को नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिल पाने से केवलारी के निवासियों का कांग्रेस के प्रति अब मोह भंग होने लगा है। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में केवलारी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की गई थी। कांग्रेस के कद्दावर नेता तथा प्रदेश में लंबे समय तक ताकतवर मंत्री रहे हरवंश सिंह भी केवलारी को नगर पंचायत नहीं बनवा सके। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि केवलारी के विधायक रहे हरवंश सिंह चाहते तो केवलारी को नगर पंचायत का दर्जा एक दिन में मिल सकता था, किन्तु उन्होंने कभी दिल से केवलारी का विकास चाहा ही नहीं।

दुर्दशा पर आंसू बहा रहा बस स्टैंड
केवलारी बस स्टैंड की हालत किसी से छिपी नहीं है। केवलारी का बस स्टैंड सालों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। केवलारी में बस स्टेंड के बाजू वाला क्लब भवन पिछले साल काफी जर्जर हालत में था। इस भवन की हालत इतनी जर्जर थी कि यहां सांप बिच्छू ने अपना डेरा जमा लिया था। इस भवन या बस स्टैंड की ओर तत्कालीन विधायक हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा कभी ध्यान नहीं दिया गया।

विकास की दौड़ में पिछड़ गया केवलारी
केवलारी अंचल के वाशिंदों के सामने अनेकानेक समस्याएं आज भी सुरसा की तरह मुंह उठाए खड़ी हैं। जिले से बाहर जाकर जीविकोपार्जन करने वाली की संख्या अगर देखी जाए तो एक अनुमान के अनुसार केवलारी से सबसे ज्यादा तादाद में लोग बाहर जाकर कमाने पर मजबूर हैं। इसका कारण केवलारी का उद्योग विहीन होना है। लोगों को इस बात का आश्चर्य है कि केवलारी विधायक हरवंश सिंह के कारण केवलारी क्षेत्र को जाना जाता रहा है। इसके अलावा केंद्र में उद्योग एवं अन्य विभागों के कद्दावर मंत्री रहे कमल नाथ से हरवंश सिंह का जुड़ाव किसी से छिपा नहीं है। कमल नाथ केंद्र में उद्योग मंत्री भी रहे हैं। बावजूद इसके केवलारी क्षेत्र सहित सिवनी जिले में उद्योग धंधों का न होना इस बात का परिचायक है कि उन्होंने अपने प्रभावों का इस्तेमाल कभी भी सिवनी जिले या केवलारी को विकसित करने नहीं किया है।

केवलारी के अंदरूनी मार्ग हो चुके हैं जर्जर
केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंदरूनी मार्गों की दशा देखकर बाहर से आने वाले आगंतुकों को पसीना आ सकता है, यह सच है। केवलारी में बरघाट कान्हीवाड़ा मार्ग की हालत वाकई दर्दनाक ही रही है। साथ ही साथ केवलारी से डुंगरिया मार्ग बेहद ही बुरी स्थिति में पहुंच चुका था। वहीं पलारी से छपारा मार्ग के धुर्रे उड़ चुके। साथ ही साथ पलारी से घंसौर मार्ग पर चलना तो सर्कस के बाजीगरों के ही बस की बात रही।

नांव में जाते हैं स्कूल
केवलारी क्षेत्र के आधा दर्जन गांव के बच्चे आज भी बरसात के मौसम में सड़कों के अभाव में या तो रेल की पांते पार कर स्कूल जाते हैं या फिर नदी से ही आना जाना करते हैं। ये समस्याएं तत्कालीन विधायक हरवंश सिंह ठाकुर के संज्ञान में लाने के बाद भी जस की तस बनी रहना वाकई दुखद ही है।

हवेली की जद से निकलने को बेताब!

केवलारी के लोगों का कहना है कि अब हरवंश सिंह के अवसान के उपरांत कांग्रेस के आला नेताओं ने केवलारी में उनके ज्येष्ठ पुत्र रजनीश सिंह ठाकुर को यहां से टिकिट देने का मन बनाया है। केवलारी क्षेत्र के लोगों विशेषकर युवाओं का कहना है कि समस्याओं के मकड़जाल में उलझा केवलारी विधानसभा क्षेत्र अब बर्रा की हवेलीकी जद से बाहर आने को बेताब ही नजर आ रहा है।

नरेंद्र गुड्डू को साधुवाद

नरेंद्र गुड्डू को साधुवाद

(शरद खरे)

भाजपा के युवा और ऊर्जावान नेता नरेंद्र गुड्डू ठाकुर ने सूबे के निज़ाम को 21 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है। नरेंद्र का यह ज्ञापन अपने आप में सिवनी की समूची समस्याओं को न केवल समाहित किए हुए है, वरन् यह ज्ञापन सिवनी के कांग्रेस और भाजपा के उन नेताओं को आईना दिखाने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है जो सिवनी के हितों के संवर्धन का स्वांग रचकर लोगों को भरमाने का प्रयास करते आए हैं। नरेंद्र के ज्ञापन में छोटे और बड़े कमोबेश हर मुद्दे को शामिल किया गया है। सिवनी के नेताओं ने इन मुद्दों को चर्चाओं में तो स्थान दिया है, किन्तु जब ठोस कार्यवाही की बात आती है तो वे अपने आप को, इन मामलों से पीछे ही खींच लिया करते हैं।
फोरलेन के लिए 2009 में प्रयास हुए हैं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। जनमंच सिवनी, लखनादौन और कुरई ने अपने अपने स्तर पर प्रयास किए हैं। जनमंच सिवनी पांच बार सीएम से इसके लिए मिल चुका है (जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है)। केंद्रीय मंत्री कमल नाथ को इसके लिए जवाबदेह बताया गया जनमंच द्वारा। कमल नाथ 13 जून को सिवनी आए तो उन्हें जनमंच ने काले झंडे दिखाए, पर अचानक जनमंच को सूबे के निज़ाम शिवराज सिंह चौहान से क्या अनुराग उमड़ा कि काले झंडे दिखाने के बजाए महज ज्ञापन सौंपकर ही अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। जनमंच का गठन संघर्ष के लिए किया गया था, विडम्बना यह है कि जनमंच ही खुद संघर्ष से पीछे हटकर जिला वासियों से अपने स्तर पर विरोधकी बात पर उतर आया। जनमंच को आत्म मंथन की आवश्यकता है। फोरलेन बनने तक विरोध का झंडा जनमंच के पास था, पर यह किसी विशेष दिशा में जाता दिखाई देने लगा।
इसी तरह सिवनी के लिए पेंच परियोजना भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस परियोजना में भी दो दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पानी सिवनी को नहीं मिल सका है। कभी इसके बंद करने की बात सुनाई देती है तो कभी शहरी विकास मंत्रालय के अधीन काम करने वाली मेट्रो रेल परियोजना की मशीनों से छिंदवाड़ा में दु्रत गति से काम करने की बात प्रकाश में आती हैं। कुल मिलाकर स्थिति पूरी तरह अस्पष्ट ही है। बीस साल बीतने के बाद भी इस परियोजना का एक बूंद पानी भी सिवनी को न मिल पाना, निश्चित तौर पर सिवनी के कांग्रेस भाजपा के सांसद विधायकों के चेहरे पर बदनुमा दाग से कम नहीं है, जिन्होंने संसद या विधानसभा में इस मामले को नेता विशेषको प्रसन्न करने नहीं गुंजायमान किया।
यही आलम औद्योगिक क्षेत्र बवरिया और भुरखुलखापा का है। लोगों ने अपने अपने सियासी प्रभावों का इस्तेमाल कर यहां माटी मोल जमीनें तो हथिया लीं, किन्तु सालों से यहां उद्योग आरंभ नहीं किए हैं। आज ये जमीनें बेशकीमती हो चुकी हैं। जिला उद्योग केंद्र में अब तक पदस्थ रहे अधिकारियों पर इसके लिए कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए कि आखिर क्या कारण है कि यहां उद्योग आरंभ नहीं किए जाने के बाद भी इन अधिकारियों ने जमीन वापसी की कार्यवाही सालों साल तक क्यों नहीं की। वहीं, भुरखुलखापा में भी जमीनें आवंटित हो चुकी हैं किन्तु स्थानीय स्तर पर रोजगार के नाम पर मामला सिफर ही है।
युवा भाजपा नेता नरेंद्र ठाकुर ने लगभग तीन दशकों से प्रियदर्शनी के नाम से सुशोभित जिला चिकित्सालय में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ.सत्यनारायण सोनी को हटाने की मांग उठाई है। बीमार जिला चिकित्सालय की सेहत सुधारने की गुहार लगाने के लिए नरेंद्र गुड्डू बधाई के पात्र हैं। उन्होंने बर्न यूनिट, आईसीसीयू को शासन के स्वास्थ्य महकमे में दर्ज करवाकर स्थापना व्यय बढ़वाने का अनुरोध किया है। साथ ही साथ ट्रामा यूनिट को भी अस्पताल के अंदर के बजाए सड़क किनारे स्थापित करने की मांग की है। क्या सिविल सर्जन या सीएमओ ट्रामा यूनिट के महत्व और उसकी कार्यप्रणाली से अपरिचित हैं, जाहिर है नहीं? तब क्या कारण है कि इस यूनिट को अंदर घुमावदार रास्तों के बाद स्थापित किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा के लिए नरेंद्र गुड्डू की सोच जबर्दस्त है। नरेंद्र का कहना स्वागत योग्य है कि शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में प्रथम तल पर कक्षाओं के निर्माण के साथ ही साथ यहां पर्याप्त मात्रा में स्टाफ की भर्ती की जाए। साथ ही साथ यहां नए संकाय भी आरंभ किए जाएं। इसी तरह नरेंद्र ने खेल के क्षेत्र में भी अपनी गुहार सीएम से लगाई है। उनका कहना है कि क्रिकेट के लिए स्टेडियम का निर्माण करवाया जाए। ब्रॉडगेज और संभाग के लिए भी उन्होंने अपनी बात रखी है। उन्होंने जिले में मनचाहे धार्मिक स्थलों पर सरकारी रिसीवर बिठाने की मांग की है। काले हिरण की सेंचुरी, तालाबों के संरक्षण, कलेक्टोरेट के निर्माण, झाबुआ पॉवर की लोकसुनवाई की जांच, अवैध उत्खनन, शहर के अंदर की सड़कों आदि पर भी अपनी बात बेबाकी के साथ नरेंद्र ठाकुर ने शिवराज सिंह चौहान के समक्ष रखी है।

वस्तुतः देखा जाए तो यह काम सांसद विधायक का अथवा विपक्ष में बैठी कांग्रेस का है। कांग्रेस को इन मुद्दों को उठाना चाहिए था, पर लगता है चूंकि ये मुद्दे स्थानीय हैं और स्थानीय मामलों को उठाने से कांग्रेस अब तक बचती ही आई है इसलिए उसने शायद इन मामलों को न उठाया हो, वहीं ये मामले अगर प्रदेश स्तर के होते तो कांग्रेस के प्रवक्ता झट से प्रदेश स्तर के प्रवक्ताओं के अधिकारों पर अतिक्रमण कर इन्हें उठा चुके होते। अब चूंकि नरेंद्र ठाकुर ने इन मामलों को उठा ही दिया है, तब कांग्रेस और भाजपा के नेता श्रेय लेने के चक्कर में इन मुद्दों को आने वाले दिनों में अवश्य ही उठाएंगे, पर श्रेय तो नरेंद्र गुड्डू ठाकुर की झोली में जा ही चुका है।