शुक्रवार, 22 मार्च 2013

कानून की नजर में सब एक हैं!


कानून की नजर में सब एक हैं!

(लिमटी खरे)

भारत गणराज्य के गठन के साथ ही साथ देश की कानून व्यवस्था अस्तित्व में आई वह हमारी अपनी निजी थी। उसके पहले अंग्रेजों का कानून चलता था देश में। देश के अपने संविधान के निर्माण के साथ ही साथ कानून की नजर में राजा और रंक सभी को बराबरी का दर्जा दिया गया। सभी को कानून एक ही आंख से देखता है। आंख पर पट्टी बांधे हाथ में तराजू लिए एक महिला का पुतला ही कानून को प्रदर्शित करता है, इसके अनेक मायने हैं। हाल ही में रूपहले पर्दे के अदाकार संजय दत्त को माननीय न्यायालय ने सजा सुनाई है। संजय दत्त के चाहने वालों ने उनकी सजा माफी की मांग अनेक आधारों पर कर डाली है। सवाल यह है कि क्या एक अच्छे आदाकार के लिए कानून तोड़ने की छूट दी जा सकती है? संजू बाबा की हिमायत करने वालों को सोचना चाहिए कि न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत देने के बाद उनका आचरण कैसा रहा? क्या संजय दत्त वाकई माफी के हकदार हैं?

संजू बाबा, डेडली दत्त, वालीवुड का बेड ब्वाय और ना जाने कितने नामों से जाना जाता है वालीवुड स्टार रहे सुनील दत्त और मशहूर अदाकारा नरगिस के पुत्र संजय दत्त को। नशे के आदी संजय दत्त को हथियारों का शौक इस खतरनाक मुकाम तक पहुंचा देगा यह बात उन्होंने सोची भी ना होगी। 07 मई 1981 को उनकी पहल फिल्म राकी रिलीज हुई और वे सुपर स्टार की रेस में आ गए।
रूपहले पर्दे के कारोबार में संजय दत्त को बिगडेल बच्चा भी कहा जाता है। संजय को जानने वालों के अनुसार संजय दत्त मां के काफी करीब थे और नरगिस की मौत ने उन्हें तोड़ दिया था। वे नशे के आदी हो गए थे। कहते हैं सुनील दत्त उनके नशे की आदत से काफी परेशान रहते थे और उन्हें इसके लिए दण्डित भी करते थे। संजय दत्त के बंदूक के शौक ने उन्हें कई बार मुसीबत में फंसाया।
बताते हैं एक बार घर में साईलेंसर वाली पिस्टल से गोलियां चला रहे थे, तभी उनके कर की नौकरानी इससे घायल हो गई। इस बात को मीडिया से छिपाने के लिए सुनील दत्त को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। नौकरानी को समझा बुझाकर पैसे देकर शांत करवा दिया गया था, वरना बखेड़ा खड़ा हो जाता।
संजय दत्त को 1993 के बम धमाकों के पहले कभी पुलिस ने नहीं धर दबोचा था। उनके जेल जाने और जमानत पर छूटने के बाद भी उनके आचरण में सुधार नहीं आया। लगभग डेढ़ दशक पहले फिल्म चोरी चोरी चुपके चुपके में अंडरवर्ल्ड के काले धन के मामले में संजय दत्त और छोटा शकील की बातचीस से साफ हुआ कि वे उस वक्त तक अपने आचरण में सुधार नहीं ला सके थे। मामले में आरोपी के आचरण चाल चलन को भी मद्देनजर रखा जाता है।
इस मामले में संजय दत्त के चहने वाले उनकी माफी की मांग कर रहे हैं। सबसे आश्चर्यजनक बात तो भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष सेवानिवृत जस्टिस मार्कंडेय काटजू की मांग है। उन्होंने महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल के.शंकरनारायणन से संजय दत्त को माफी देने की वकालत की है। जस्टिस काटजू भले ही संजय दत्त के प्रशंसक हो सकते हैं पर इस मामले में माननीय न्यायालय ने संजय दत्त को दोषी पाया है। सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके काटजू ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत माफी देने का अधिकार न्यायिक शक्ति से अलग है, क्योंकि किसी को अदालत द्वारा न्यूनतम सजा सुनाए जाने के बावजूद राज्यपाल या राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह दोषी की सजा माफ कर दें या सजा कम कर दें।
उल्लेखनीय है कि 1993 में हुए मुंबई ब्लास्ट के संबंध में आज संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल कैद की सजा सुनाई है। टाडा के अंतर्गत उन्हें यह सजा अपने घर एके 56 राइफल जैसे खतरनाक हथियार रखने के आरोप में सुनाई गई है। अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के इतिहास में आज यह पहली बार हुआ है जब किसी फिल्म स्टार को आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप में जेल की हवा खानी पड़ेगी।
संजय दत्त के जेल जाने से ग्लेमर इंडस्ट्री का लगभग डेढ़ सौ करोड़ रूपए दांव पर लगा हुआ है। अभी तक संजय निर्माता टी. पी. अग्रवाल की ऐक्शन, थ्रिलर फिल्म पुलिसगिरी के आखिरी शूटिंग शेड्यूल में बिजी हैं। इस फिल्म की अस्सी फीसदी से ज्यादा शूटिंग पूरी हो चुकी है। करीब तीस करोड़ रुपये के बजट में बन रही इस फिल्म को निर्माता कंपनी इसी साल जून में रिलीज करने की प्लैनिंग कर रही थी। संजय दत्त की सजा बरकरार रहने रके बाद अब इसी तरह के बहुत सारे प्रॉजेक्ट्स का भविष्य अंधेरे में दिख रहा है।
इसके अलावा पिछले दिनों संजय ने डायरेक्टर राजकुमार हिरानी की मेगा बजट, मल्टिस्टारर फिल्म पी के की शूटिंग के पहले शेड्यूल को पूरा किया। राजस्थान की कई आउटडोर लोकेशन में इस फिल्म को शूट किया गया है। आमिर खान , अनुष्का शर्मा स्टारर इस फिल्म का बजट पैंसठ से सत्तर करोड़ रुपये के करीब आंका जा रहा है।
इसके साथ ही साथ सत्तर के दशक की सुपर हिट फिल्म जंजीर के रीमेक में संजय दत्त प्राण द्वारा निभाई भूमिका निभा रहे हैं। डायरेक्टर अपूर्व लाखिया की इस फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन डबिंग वगैरह का काम अभी कुछ बाकी है। प्रियंका चोपड़ा और रामचरण तेजा स्टारर इस फिल्म का बजट पैंतीस से चालीस करोड़ रुपये आंका जा रहा है। वहीं, लंबे अर्से से संजय दत्त की दो फिल्में फ्रॉड और चमेली की शूटिंग भी स्लो चलने की वजह से इन फिल्मों की बीस फीसदी से ज्यादा शूटिंग बाकी बची है। यानी आज संजय को लेकर ग्लैमर इंडस्ट्री का इतना बड़ा झटका लगा है, जो नब्बे के दशक में लगे झटके से कहीं ज्यादा है। संजय दत्त को साढ़े तीन साल की जेल की सजा होने से मुन्नाभाई का तीसरे भाग अब अधर में लटक गया है। फिल्म निर्देशक सुभाष कपूर का कहना है कि मुन्नाभाईश्रृंखला के अगले संस्करण की कल्पना अभिनेता संजय दत्त के बगैर नामुमकिन है।
भारत का कानून सबके लिए बराबर है। वह यह नहीं देखता है अपराध राजा ने किया है या रंक ने। संजय दत्त रूपहले पर्दे के सफल आदाकार हो सकते हैं, किन्तु उनकी इस योग्यता के आधार पर उन्हें कानून तोड़ने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है। संजय दत्त ने अपराध किया है, माननीय न्यायालय में उनका अपराध साबित भी हो चुका है, उनका अपराध अगर माफी योग्य होता तो निश्चित तौर पर माननीय न्यायालय उन्हें माफ कर चुकी होती। अब संजय दत्त को माफ करवाने की अपील करना अथवा माफी दिलवाने की मुहिम चलाने का सीधा तातपर्य है कि हम अपराध करने वालों की तरफदारी कर अपराधों को बढ़ावा दे रहे हैं। (साई फीचर्स)

. . . मतलब अवैध पानी लेते आए हैं गौतम थापर!


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 21

. . . मतलब अवैध पानी लेते आए हैं गौतम थापर!

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। अगर आपका इकबाल सियासी क्षेत्र में बुलंद है तो आप कोई भी अवैध काम को सीना ठोंककर कर सकते हैं, जी हां, यह बात मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में होती दिख रही है। वर्ष 2009 से सिवनी जिले में मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड का पावर प्लांट के कदमताल कुछ इसी दिशा में होते दिख रहे हैं। हर साल गर्मी के मौसम में सिवनी को जलाभावग्रस्त घोषित किया जाता है पर 2009 से अब तक गर्मी में भी गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के निर्माणाधीन संयंत्र में निर्बाध रूप से जलापूर्ति कैसे हो रही है यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है?
प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर भरत यादव ने गत दिवस एक आदेश जारी कर आगामी एक अप्रैल से वर्षा ऋतु के प्रारंभ होने तक संपूर्ण सिवनी जिले को (ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों सहित) जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है। इस संबंध में जारी आदेश में उन्होंने कहा है कि अवर्षा की स्थिति को देखते हुए अब कोई भी व्यक्ति बिना अनुज्ञा के जिले में किसी भी शासकीय भूमि के जलस्त्रोत से पेयजल तथा घरेलू प्रयोजन को छोडकर औद्योगिक या अन्य किसी भी प्रयोजन के लिये किसी भी साधनों के द्वारा जल उपयोग नहीं करेगा। इसी प्रकार बिना अनुज्ञा के कोई भी व्यक्ति समस्त नदी, नालों, स्टॉप डेम, सार्वजनिक कुंओं, झिरिया तथा अन्य स्त्रोतों का जल, पेयजल तथा घरेलू प्रयोजन को छोडकर औद्योगिक औद्योगिक या अन्य किसी भी प्रयोजन के लिये किसी भी साधनों के द्वारा जल उपयोग नहीं कर सकेगा। इस दौरान कोई भी व्यक्ति जिला कलेक्टर कार्यालय की पूर्व अनुमति लिये बगैर किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप खनन नहीं करेगा तथा किसी ङ्क्षसचाई/निस्तारी तालाब औद्योगिक प्रयोजन अथवा अन्य प्रयोजन में (घरेलू प्रयोजन को छोडकर) जल का उपयोग नहीं कर सकेगा।
जारी आदेश में जिला दंडाधिकारी यादव ने कहा है कि जिले को जल अभावग्रस्त घोषित किये जाने से संपूर्ण जिले में नलकूपों/ट्यूबवेल्स का उत्खनन प्रतिबंधित हो जाता है। इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति इस आदेश के उल्लंघन कर नवीन नलकूप/ट्यूबवेल्स उत्खनन करता है, तो उसके विरूद्व मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम १९८६ के संशोधित अधिनियम २००२ की धारा-९ एवं भारतीय दंड संहिता की धारा १८८ के अंतर्गत दंडनीय कार्यवाही की जायेगी।
आदेश में कहा गया है कि जिले में यदि कोई व्यक्ति सिंचाई अथवा औद्योगिक प्रयोजन के लिये पानी के उपयोग की अनुमति तथा नलकूप/ट्यूबवेल्स उत्खनन की अनुमति चाहता है, तो उसे अधिनियम की धारा-४ व ६ से संबंधित नियमों के अंतर्गत निर्धारित प्रारूप एवं फीस के साथ संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को आवेदन-पत्र देना होगा। इस कार्य के लिये जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व को उनके क्षेत्राधिकार में इस निमित्त प्राधिकृत कर दिया गया है। अनुविभागीय अधिकारी किसी को अनुज्ञा देने से पूर्व आवश्यक जांच करेंगे और अनुज्ञा दिये जाने के संबंध में संबंधित क्षेत्र के कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग एवं नगरीय क्षेत्र में मुख्य नगरपालिका अधिकारी से अभिमत एवं अनुशंसा भी प्राप्त करेंगे। जिला दंडाधिकारी के इस आदेश/प्रावधानों को कारगर रूप से क्रियान्वित करने का दायित्व संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)/कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं नगरीय क्षेत्रों में संबंधित मुख्य नगरपालिका अधिकारियों का होगा।
संयंत्र प्रबंधन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 2009 के उपरांत मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के निर्माणाधीन पावर प्लांट में पानी की आपूर्ति निर्बाध रूप से की जा रही है, इसके लिए संयंत्र द्वारा किसी भी सक्षम अधिकारी से ग्रीष्मकाल में ना तो अनुमति ही प्राप्त की है और ना ही अनुमति लेने का प्रयास ही किया है। सूत्रों ने बताया कि चूंकि संयंत्र के स्वामी का इकबाल सियासी गलियारों में काफी बुलंद है और संयंत्र में निर्माण कार्य का ठेका भी कांग्रेस और भाजपा के आला नेताओं के इशारों पर दिया गया है इसलिए संयंत्र के कामकाज में कोई भी सरकारी नुमाईंदा दखल देने की हिमाकत नहीं कर पा रहा है।

(क्रमशः जारी)

सिवनी : यात्री सुविधाओं से लेना देना नहीं है रेल्वे को


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 20

यात्री सुविधाओं से लेना देना नहीं है रेल्वे को

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। सिवनी में चलने वाली नेरोगेज रेलगाड़ी जिसे बाहर से आने वाले टॉय ट्रेन भी कहते हैं में सुविधाओं के प्रति ना तो रेल्वे प्रशासन संजीदा है और ना ही लोकसभा में सिवनी जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख एवं कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम! मजे की बात तो यह है कि रेल्वे की सलाहकार समिति के सदस्य भी इस दिशा में कोई प्रयास करते नजर नहीं आते हैं।
नेरोगेज रेल लाईन में सिवनी जिले में डेढ़ दर्जन से ज्यादा स्टापेज हैं, जिसमें जिला मुख्यालय सिवनी का रेल्वे स्टेशन प्रमुख है। सिवनी के रेल्वे स्टेशन पर ना तो ठण्डे पानी की कोई व्यवस्था है और ना ही हवा के लिए पर्याप्त पंखे। रेल्वे पुलिस के अभाव में देर रात असमाजिक तत्वों का रेल्वे स्टेशन पर डेरा ही बना रहता है। रेल्वे स्टेशन के सामने दो तालाब हैं जो गंदगी से बजबजा रहे हैं।
इतना ही नहीं रेल्वे स्टेशन पर महज एक ही प्लेटफार्म है। दूसरी ओर ना तो कोई बांउंड्रीवाल है और ना ही सुरक्षा के कोई इंतजाम, जिससे असमाजिक तत्वों के साथ ही साथ मवेशी भी बेखटके रेल्वे स्टेशन में विचरण करते रहते हैं। सिवनी के रेल्वे स्टेशन को सुधारने की दिशा में जो प्रयास कर सकते हैं वे इस दिशा में मौन ही साधे हुए हैं।
रेल्वे चूंकि सीधे सीधे केंद्र सरकार के अधीन है, इसलिए सांसदों का इसमें हस्ताक्षेप इसकी दशा और दिशा सुधार सकता है। विडम्बना ही कही जाएगी कि पूर्व और वर्तमान के संसद सदस्यों को भारतीय रेल के सिवनी स्टेशन की दशा या दिशा से कोई लेना देना नहीं है। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी रेल्वे स्टेशन के संबंध में वर्तमान और पूर्व सांसदों ने अब तक कोई भी बात सदन अथवा रेल मंत्री के ध्यान में नहीं लाई गई है।

सिवनी : आरटीआई की खिल्ली उड़ाते पीआरओ!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 76

आरटीआई की खिल्ली उड़ाते पीआरओ!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। केंद्र सरकार द्वारा सूचना के अधिकार कानून को बड़ी ही हसरत के साथ लागू किया गया था, जिससे पारदर्शिता आने की प्रबल संभावनाएं बन गई थीं, किन्तु सरकारी नुमाईंदे ही अगर सूचना के अधिकार कानून में मांगी गई जानकारी को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करेंगे तो फिर इस कानून को लागू करने की मंशाओं पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक ही है।
सूचना के अधिकार के तहत जिला जनसंपर्क कार्यालय सिवनी से पांच बिन्दुओं पर मांगी गई जानकारी ना तो स्पष्ट है और ना ही प्रश्नानुसार ही कही जा रही है। बताया जाता है कि मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रकाशित पत्र पत्रिकाओं का निशुल्क वितरण जनसंपर्क कार्यालय द्वारा पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को किया जाता है।
इस संबंध में सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगने पर जनसंपर्क अधिकारी कार्यालय द्वारा यह जानकारी दी गई कि जनसंपर्क संचालनालय से प्राप्त पत्रिकाओं और प्रचार सामग्रियों को जिला मुख्यालय से प्रकाशित होने वाले दैनिक समाचार पत्रों को वितरित किया जाता है। इसके अलावा साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादकों के संपादकों को भी उनके द्वारा कार्यालय से संपर्क करने पर उपलब्ध कराया जाता है।
इससे स्पष्ट है कि जिला जनसंपर्क कार्यालय के पास जनसंपर्क संचालनालय द्वारा पर्याप्त मात्रा में प्रचार समाग्री भेजी जाती है, पर पीआरओ कार्यालय द्वारा अंधा बांटे रेवड़ी और चीन्ह चीन्ह के देय की कहावत चरितार्थ कर दैनिक समाचार पत्रों को तो प्रचार सामग्री उपलब्ध करा दी जाती है पर साप्ताहिक या अन्य आवधिक समाचार पत्रों को प्रचार समाग्री उपलब्ध नहीं कराई जाती है। चर्चा है कि बची प्रचार सामग्री को रद्दी में बेच दिया जाता है।
साथ ही साथ पीआरओ कार्यालय द्वारा किन किन समाचार पत्रों को शासकीय समाचार प्रदाय किए जाते हैं के प्रश्न पर कार्यालय का जवाब है कि ईमेल द्वारा समाचार प्रदाय किए जाते हैं। सवाल यह है कि क्या मीडिया संस्थानों और पत्रकारों को बकायदा पत्र लिखकर जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा उनके ईमेल मांगे गए हैं? या मनमर्जी से ही सूची बनाकर ईमेल भेजे जा रहे हैं?

भोपाल : अर्से बाद शिव का रूख शिव की नगरी की ओर!


अर्से बाद शिव का रूख शिव की नगरी की ओर!

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान एक लंबे अर्से के बाद सिवनी के हवाई दौरे पर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री निवास से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शनिवार 23 मार्च को सिवनी जिले के ओला प्रभावित क्षेत्रों में से दो गांवों का निरीक्षण करेंगे। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शनिवार को गोरखपुर और लामटा सुनवारा का निरीक्षण करेंगे।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के सिवनी ब्यूरो ने बताया कि कभी दो से तीन मंत्रियों वाले सिवनी जिले को लंबे समय से लाल बत्ती से महरूम रखा गया है। भाजपा शासनकाल में डॉ.ढाल सिंह बिसेन अंतिम मंत्री थे जो लाल बत्ती धारित किए हुए थे। उनके उपरांत लाल बत्ती उनके और जिला भाजपाध्यक्ष नरेश दिवाकर के पास है, पर मंत्री कोई भी नहीं है।
मंत्री विहीन शिव की नगरी के नाम से मशहूर सिवनी में शिवराज सिंह चौहान ने अपनी हर यात्रा में कभी संभाग तो कभी मेडीकल कालेज, तो कभी पेंच व्यपवर्तन परियोजना आदि की ना जाने कितनी घोषणाएं की हैं। यहां तक कि एक बार तो शिवराज सिंह चोहान ने यहां तक कह दिया था कि सूरज भले ही पश्चिम से निकल जाए पर फोरलेन गलियारा यहीं से जाएगा। इसके उपरांत घोषणावीर निजाम शिवराज सिंह चौहान इन सबको भूल गए।
साई न्यूज के छिंदवाड़ा ब्यूरो ने बताया कि अपने पहले कार्यकाल में 14 मई 2008 को शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट जिलों को मिलाकर संभाग का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही नर्मदापुरम संभाग की घोषणा भी की गई थी। विडम्बना ही कही जाएगी कि शिवराज की सरकार दुबारा बन गई और नर्मदापुरम संभाग तो अस्तित्व में आ गया पर सतपुड़ा संभाग पांच सालों में अस्तित्व में नहीं आ सका है।
साई न्यूज के सिवनी ब्यूरो ने बताया कि सीएम की घोषणा के त्वरित पालन में 06 जून 2008 में राजपत्र में अधिसूचना जारी कर साठ दिनों में दावे अपत्ति आमंत्रित किए गए थे। इसके बाद यह मामला ठण्डे बस्ते के हवाले एसा किया गया कि इस संबंध में ना तो कांग्रेस ने और ना ही भाजपा के विधायकों ने कोई आवाज उठाने की जहमत उठाई।

सोनिया की हुंकार से डरा इटली, वापस आएंगे सैनिक


सोनिया की हुंकार से डरा इटली, वापस आएंगे सैनिक

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। इटली के सैनिकों को भारत ना भेजने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष और इतालवी नागरिक रहीं सोनिया गांधी की हुंकार के उपरांत इटली ने यूटर्न लेते हुए अपने सैनिकों को वापस भेजने की बात कही है। इटली ने कहा है कि वह दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने दो नौसैनिकों को मुकदमे की कार्रवाई के लिए भारत भेजेगा।
इटली सरकार के एक बयान में कहा गया है कि उसने नौसैनिकों के साथ व्यवहार और उनके बुनियादी अधिकारों के संरक्षण के बारे में भारतीय अधिकारियों से लिखित आश्वासन मांगा था जो उसे मिल गया है।  इससे पहले इटली ने इन नौसैनिकों को भारत भेजने से मना कर दिया था। इन्हें इटली में चुनाव के दौरान मतदान के लिए स्वदेश जाने की अनुमति इस हलफनामे के बाद दी गई थी कि ये भारत वापिस आयेंगे।
इन नौसैनिको को वापस न भेजने के इटली के पिछले फैसले पर राजनयिक गतिरोध पैदा हो गया था। उच्चतम न्यायालय ने इटली के राजदूत के देश छोड़कर जाने पर रोक लगा दी थी। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री ने नौसैनिकों को वापिस न भेजने के इटली को फैसले का अस्वीकार्य बताया था और कहा था कि इटली से इस बारे में बात की जाएगी।

दुष्कर्मरोधी कानून रास ने भी किया पारित


दुष्कर्मरोधी कानून रास ने भी किया पारित

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। संसद ने महिलाओं के साथ दुष्कर्मरोधी कानून को मजबूत बनाने के लिए आपराधिक कानून संशोधन विधेयक, २०१३ को मंजूरी दे दी है। कल राज्यसभा में यह विधेयक बहुमत से पारित हुआ। लोकसभा इसे मंगलवार को ही पारित कर चुकी है। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध से निपटने के लिए संशोधन विधेयक में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को निर्वस्त्र करना, बुरी नजर से देखना, गलती नीयत से पीछा करना। महिलाओं और नाबालिकों की तस्करी और यौन शोषण अब भारतीय दंड सहिंता के तहत नए अपराध होंगे। तैजाब से हमले के लिए विशेष प्रावधान किया गया है, जो पहले नही था।
गृह मंत्री श्री शिंदे ने आशा व्यक्त की कि महिलाओं पर अपराध नियंत्रण के लिए यह विधेयक दूरगामी प्रभाव डालने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि विधेयक में, एफ.आई.आर. दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों को भी सजा देने का प्रावधान किया गया है।  उन्होंने कहा कि कानून को महिलाओं के लिए अधिक उपयुक्त बनाया गया है।, सबूत रिकार्ड करने के दौरान और जिरह के दौरान महिलाओं के सम्मान की रक्षा की की व्यवस्था की गई है। चिकित्सा उपचार के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है। और गंभीर अपराधों में न्यूनतम दंड तथा अन्य मामलों में न्यायिक विवेकाधिकार की व्यवस्था खत्म करने से मौजूदा व्यवस्था में खामियां दूर करने में मदद मिलेगी।
विधेयक में बलात्कार के अपराध के लिए कम से कम बीस साल की कैद होगी। लेकिन अगर अपराध के दौरान पीड़िता की मृत्यु हो जाए या वह मृत प्राय हो जाए तो मौत की सजा दी जा सकती है। 

न्यूयार्क : ट्विटर की उमर हुई सात बरस


ट्विटर की उमर हुई सात बरस

(यशवंत)

न्यूयार्क (साई)। लोगों के दिलों की धड़कन बन चुके और अमेरिका बराक ओबामा, ओप्रा विन्फ्रे, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, दबंग, सलमान खान समेत दुनियाभर के 20 करोड़ लोगों के लिए अभिव्यक्ति का सशक्त मंच बन चुकी माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट आज सात बरस की हो गयी।
ट्विटर के संपादकीय निदेशक कैरेन विकरे ने आज अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा कि ट्विटर की रंगीन दुनिया की रचना करने वाले अमेरिकी वेब डेवलपर जैक डोर्से ने आज ही के दिन वर्ष 2006 में पहला ट्वीट किया था जिसकी याद में इस दिन ट्विटर का जन्मदिन मनाया जाता है।
विकरे ने कहा, तब से लेकर अब तक हमने ट्विटर की असाधारण प्रगति देखी है। हम इस बात से बेहद प्रसन्न हैं कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने ट्विटर को अपना बनाया। आज हमारे 20 करोड़ सक्रिय सदस्य हैं और प्रतिदिन 40 करोड़ ट्वीट किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ट्विटर के इसी तेजी से बढ़ने का सपना वर्ष 2006 में इसके संस्थापकों जैक, इव विलियम्स और बिज स्टोन ने देखा था। जैसे हम आगे बढ़े हैं उससे ट्विटर दुनिया का वैश्विक कस्बाई चौक बन गया है।
यह एक ऐसा सार्वजनिक स्थान बन गया है जहां ताजा समाचारों को सुना जा सकता है, विचारों का आदान प्रदान किया जा सकता है और एक क्लिक से लोगों से तत्काल संपर्क किया जा सकता है। विकरे ने कहा कि इस वैश्विक कस्बाई चौक का विस्तार अंतरिक्ष तक हो गया है। अंतरिक्ष यात्री कमांडर क्रिस हैडफिल्ड और कैप्टन किर्क वहां से ट्वीट कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि दुनियाभर की नामचीन हस्तियां, सरकारें, कंपनियां, वैश्विक संगठन माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर मौजूद हैं और जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं। यही नहीं ट्विटर आज खबरों का एक बड़ा स्रोत बन गया है। अरब जगत में आई बदलाव की बयार और भारत में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान ट्विटर का जमकर इस्तेमाल किया गया।

पुणे : अंगूर हो रहे कीटनाशक से जहरीले!


अंगूर हो रहे कीटनाशक से जहरीले!

(विनीता विश्वकर्मा)

पुणे (साई)। अंगूर की फसल को कीड़े से बचाने के लिए कीटनाशकों के प्रयोग से अंगूर अब जहरीले होते जा रहे हैं। अंगूर के उत्पादन में सबसे अधिक कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। इसमें करीब 230 कीटनाशकों का प्रयोग होता है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक हैं।
एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 90 के दशक में कीटनाशकों के ज्यादा प्रयोग के कारण यूरोपियन देशों ने भारतीय अंगूर खरीदना बंद कर दिया था। कई देशों ने पूरे-पूरे पेज का विज्ञापन देकर इसकी खरीद पर आपत्ति जतायी थी।
इसके बाद मंत्रलय के हस्तक्षेप से विदेशों में भेजे जानेवाले अंगूरों की जांच होने लगी। कीटनाशक की मात्र की जांच कर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को संतुष्ट किया गया। अब एपीडी का टैग लगाने के बाद ही अंगूर विदेशों में भेजा जाता है। लेकिन, देश में अंगूरों की जांच नहीं होती। बगीचों से इसे सीधे बाजार में भेज दिया जाता है। आम तौर पर लोग इसे बिना धोये ही इस्तेमाल कर लेते हैं। लंबे समय तक इसके इस्तेमाल के दुष्प्रभाव का कोई अध्ययन नहीं हो पाया है।
भारतीय व्यापारिक संघ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी, ऑफ इंडिया को बताया कि भारत में तैयार होनेवाला 70 फीसदी अंगूर विदेश भेज दिया जाता है। 90 के दशक में तीन हजार से अधिक कंटेनर अंगूर यूरोपियन देशों में जाता था। यूरोपियन देशों द्वारा इसके खरीद से मना कर दिये जाने पर 500 से 600 कंटेनर की मांग ही विदेशों से हो रही थी। इसके बाद वाणिज्य मंत्रलय ने इसमें हस्तक्षेप किया था।
जानकारों का कहना है कि देश में आज भी बहुत कम किसान ही अपने उत्पादों की जांच करा पाते हैं। बिना एपीडा का लोगो लगाये कोई भी उत्पाद विदेशी बाजारों में नहीं जाता। देश में भी उत्पादों की जांच के बाद ही उसे बाजार में लाना चाहिए। वैसे महिलाओं के दूध में भी खाद्य पदार्थाे के कीटनाशी पहुंचने लगे हैं। इससे गुस्सा, एलर्जी, पाचन की परेशानी जैसी छोटी बीमारियां होती हैं। पंजाब में तो कैंसर व लीवर की बीमारी भी होने लगी है।

वोडफोन ने की रोमिंग फ्री


वोडफोन ने की रोमिंग फ्री

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। मोबाईल सेवा प्रदाता दूरसंचार कंपनी वीडियोकान मोबाइल सर्विसेज ने आज कहा कि उसके उपभोक्ताओं से इनकमिंग काल्स पर रोमिंग शुल्क नहीं वसूला जाएगा। वीडियोकान मोबाइल सर्विसेज के सीईओ अरविंद बाली ने कहा, कि वे एक राष्ट्र मुफ्त रोमिंग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। उन्होंने कहा कि उनके उपभोक्ताओं को वीडियोकान नेटवर्क पर रोमिंग के दौरान निःशुल्क इनकमिंग काल्स की सुविधा मिलेगी।
ज्ञातव्य है कि वीडियोकान चार सर्किलों पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में मोबाईल सेवा का परिचालन करती है, जबकि इसके पास सात सर्किलों में परिचालन का लाइसेंस है। कंपनी बाकी सर्किलों अर्थात बिहार, उत्तर प्रदेश पूर्व एवं उत्तर प्रदेश पश्चिम में परिचालन शुरु करने की योजना को अंतिम रुप दे रही है।

सिवनी : युवतियों में फैशन बना नकाब


युवतियों में फैशन बना नकाब

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। गर्मी आते ही शहर के युवक युवती अपना चेहरा ढक कर चलते हैं, परंतु यह नकाब गर्मी के बचाव के साथ साथ उनकी पहचान छुपाने में मदद करता है। वैसे तो यह नकाब युवतियों द्वारा रात्री के समय भी पहने हुए देखा जा सकता है। गर्मी के बचने में मदद करने वाला नकाब अपने बायफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के साथ घुमने-फिरने में काफी मददगार साबित हो रहा है। इस नकाब की मदद से युवक-युवतियां बेखौफ अपने प्रेम की पीगे उड़ाते असानी देखे जा सकते हैं। लकड़े भी इस नकाब की आड़ में लकड़ियों को छेड़ना आदि  कार्य बड़ी असानी से पूरा कर लेते हैं। नकाबपोशों में युवक युवतियों की संख्या ज्यादा है जिनमें महाविद्यालीन शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी अधिक हैं। दूसरी ओर गौर फरमाया जाए तो युवक-युवतियां नकाब की आड़ में अश्लील हरकतें करते नजर आते हैं जिन्हें पहचनना मुश्किल हो जाता है। इससे अधिकांश युवक युवतियों स्थानीय बस स्थानक, धार्मिक स्थलों उद्यानों में पहुंच कर घंटों बतियाते रहते है, साथ ही अश्लील हरकतें भी करते हैं, जो समाजिक दृष्टि से अनुचित है। यदि इन पर पाबंदी नहीं लगायी तो युवतियों को यौन शोषण से नहीं बचाया जा सकता। दुप्पटे से अपने चहरे ढकने के कारण जेब काटने, उठाईगिरी जैसी अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं।
दुप्पटे से चहरे ढकने का प्रचलन पहले बड़े महानगरों मेें अधिक होता था जो अब धीरे धीरे छोटे शहरों से होता हुआ ग्रामीण परिवेश में जा पहुंचा है, इस तरह दुप्पटे से चेहरा ढकने के कारण युवक अपराध को अंजाम देते हैं। कालेजों में झगड़े के दौरान यह युवक नकाब लगा कर मार-पीट कर बेखौफ साफ निकल जाते हैं और कहते हैं कि हमे किसी ने नहीं पहचाना। इस बातों को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह से चेहरे को ढकने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए चाहे वह युवक हो युवतियां सब पर यह प्रतिबंध लागू किया जाना चाहिए।
ज्ञात हो कि इसके पूर्व केवल ग्रीष्मऋतु में चेहरे को धूप से बचाने के लिये नकाब आदि का उपयोग होता था किंतु अब ये फैशन का रूप ले चुका है। इसके पूर्व के वर्ष में गृह मंत्री के द्वारा आदेश दिया गया था कि कोई भी व्यक्ति नकाब लगाकर या चेहरा ढक कर आवागमन नही करेगा। किंतु शायद ही इस आदेश का आदेश देने के पश्चात कोई पालन हुआ हो आज आवश्यकता है कडाई से उन नियमों का पालन करने की जो सरकार उठाती है इस कार्य में शासकीय अमला भी ढीला दिखाई पडता है  क्योंकि सरकार के आदेशों का क्रियान्वयन करना भी शासकीय अमले की जिम्मेदारी है। देखना यह होगा कि इस वर्ष गर्मी में नकाब लगाना वैधानिक होगा या अवैधानिक। 

चौहान ने की लंबित सिंचाई परियोजनाओं पर रावत से चर्चा


चौहान ने की लंबित सिंचाई परियोजनाओं पर रावत से चर्चा

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री हरीश रावत से मुलाकात कर प्रदेश से जुड़ी केन्द्र में लंबित विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र चालू वित्त वर्ष में पारित करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012-13 में ए.आई.बी.पी. के अंतर्गत लगभग 700 करोड़ रूपये के 13 प्रस्ताव नर्मदा विकास प्राधिकरण की अनुशंसा उपरान्त केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजे जा चुके हैं। श्री चौहान ने बताया कि नर्मदा जल ट्रिब्यूनल अवार्ड के अनुसार मध्यप्रदेश मंे सिंचाई विकास का कार्यक्रम नर्मदा बेसिन पर कर रहा है। इस अवार्ड के अनुसार वर्ष 2024 तक नर्मदा से  18.25 एमएएफ पानी  का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करना है। इस कार्यक्रम की सफलता ए.आई.बी.पी. की मदद के बगैर संभव नहीं है।
श्री चौहान ने आग्रह किया कि प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है और विभिन्न एजेंसियों को इसका कार्य दिया जा चुका है। इन परियोजनाओं में मुख्यतः इंदिरा सागर परियोजना, आंेकारेश्वर परियोजना, मान सिंचाई परियोजना, जोबट सिंचाई परियोजना, बरगी डाइवर्जन परियोजना, पुनासा लिफ्ट सिंचाई परियोजना आदि राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रस्तावित परियोजनाओं को पूरा नहीं कर सकती है इसके लिए केन्द्रीय सहायता अनिवार्य है। श्री चौहान ने अनुरोध किया कि चालू वित्त वर्ष में ही इन परियोजनाओं की स्वीकृति शीघ्र ही दी जाय।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को आश्वस्त किया कि राज्य की विभिन्न लंबित सिंचाई परियोजनाओं को चालू वित्त वर्ष में पारित करवाने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की केन्द्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात


मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की केन्द्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार से मुलाकात कर प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि से फसल को हुए भारी नुकसान की स्थिति से अवगत कराया और महाराष्ट्र की तर्ज पर 500 करोड़ रुपये के  विशेष पैकेज की मांग की। उन्होंने बताया कि जनवरी माह मंे पाले के कारण लगभग 20 जिलों की फसल बरबाद हो गयी है और भारी बारिश और अंधड़ से लगभग अबतक 40 जिलों की फसल खराब हो गयी है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक आकलन के अनुसार लगभग साढ़े 7 हजार हेक्टेयर भूमि की फसल तबाह हो गयी है। इससे प्रदेश के 40 जिलों के लगभग साढ़े 13 हजार गांव प्रभावित हुए हैं। इससे अभी तक 29 लोगों की जानें गयी हैं और तकरीबन 300 मवेशी मारे गये हैं। श्री चौहान ने आग्रह किया कि यह विशेष पैकेज एस.डी.आर.एफ. के अंतर्गत दी जाने वाली सामान्य राशि से अतिरिक्त हो। जिससे कम से कम किसानों बीज और खाद उपलब्ध करायी जा सके।
श्री चौहान ने केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार को बताया कि राज्य सरकार ने तबाही से निपटने के लिए राज्य स्तर पर कई ठोस कदम उठाये गये हैं। इसके अंतर्गत प्रभावित क्षेत्र में किसानों को बी.पी.एल. की दरों से अगले छह महीने तक खाद्यान्न उपलब्ध करायेगी, साथ ही किसानों द्वारा लिये गये ऋणों की वसूली को स्थगित किया गया है, छोटी अवधि के ऋण को मध्यम अवधि में परिवर्तित करना तथा उन किसानों जिनका नुकसान 25 से 50 प्रतिशत है उनके ऋण को लम्बी अवधि में परिवर्तित करने की मांग की। इसके लिए उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री से आग्रह किया कि वे संबधित बैंकों और सहकारी समितियों को इस संबंध में उचित निर्देश दें। श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राहत निर्धारण के नियमों के अनुसार उन किसानों को ही पात्रता होती है जिनकी फसल का नुकसान 50 प्रतिशत से अधिक हो लेकिन 25 से 50 प्रतिशत तक फसलों को हुए नुकसान को केन्द्र द्वारा किसी भी प्रकार की राहत राशि अथवा मुआवजा नहीं दिया जाता है। श्री चौहान ने इस तरह के नियमों को बदलने का आग्रह किया और
किसानों को राहत दिये जाने की परिधि में 25 से 50 प्रतिशत तक के नुकसान को भी शामिल किये जाने की वकालत की। साथ ही उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के मापदंडों के अनुसार किसानों को नष्ट हुई फसल का मुल्यांकन वर्तमान बाजार मूल्यों के आधार पर नहीं किया जाता है। उन्होंने आग्रह किया कि केन्द्र सरकार को स्थापित मापदंडों को अधिक व्यवहारिक बनाने की जरूरत है।
श्री चौहान ने श्री पवार को ए.आई.बी.पी. के अंतर्गत नई शर्तें जोड़ने के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि इन शर्तों से नई परियोजनाओं को केन्द्रीय अनुदान के लिए राज्य सरकारांे को अंतिम प्राथमिकता देना, राज्य सरकार परियोजना लागत का 50 प्रतिशत व्यय करने, निर्माण कार्य 50 प्रतिशत पूर्ण होने तथा केन्द्रीय अनुदान के प्रतिशत को कम करने की शर्तें प्रमुख हैं। उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि यह परिवर्तन लागू होने से सिंचाई क्षमता को बढ़ाने की पूरी जिम्मेदारी राज्यों पर आ जायेगी और सीमित संसाधनों के चलते राज्य सरकारें सिंचाई क्षेत्र में समुचित वृद्धि नहीं कर पायंेगी। ऐसे परिवेश में देश के खाद्यान्न सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। श्री चौहान ने ए.आई.बी.पी. के अंतर्गत होने वाले 5050 के अनुपात को पूर्वत में 9010 के अनुपात में केन्द्रीय सहायता को बहाल रखने की मांग की। 

रायपुर : किसानों और उद्योग जगत को सराहा रमन सिंह ने


किसानों और उद्योग जगत को सराहा रमन सिंह ने

(एन.के.श्रीवास्तव)

रायपुर (साई)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने यहां अपने निवास पर छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित अभिनन्दन समारोह में  कहा कि प्रदेश के विकास और जनता की सुख-समृद्धि के लिए किसानों तथा उद्योग और व्यापार जगत की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य में किसानों की मेहनत से कृषि उत्पादन बढ़ा है। प्रदेश सरकार द्वारा की गई धान खरीदी की सर्वाेत्तम व्यवस्था से उन्हें इस वर्ष लगभग नौ हजार करोड़ रूपए का समर्थन मूल्य मिला है और लगभग 1900 करोड़ रूपए का बोनस भी मिलने जा रहा है। इससे कृषि आधारित हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिला है। इसका सकारात्मक प्रभार प्रदेश के व्यापार जगत मंे भी देखा जा रहा है। राज्य सरकार प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए उद्यमियों और व्यापारियों को भी हर संभव सहयोग दे रही है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों ने राज्य शासन के सरकार के आगामी वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट में उपभोक्ताओं, छोटे व्यापारियों और स्थानीय उद्योगों को टैक्स में राहत देने के लिए किए गए प्रावधानों पर  प्रसन्नता व्यक्त की और इसके लिए मुख्यमंत्री के निवास पर आकर उन्हें धन्यवाद देते हुए उनका अभिनन्दन किया। मुख्यमंत्री निवास परिसर में चेम्बर के तत्वावधान में बड़ी संख्या में व्यापारियों और छोटे उद्यमियों ने अभिनन्दन समारोह आयोजित कर डॉ. रमन सिंह को परम्परागत साफा पहनाया और स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। चेम्बर के प्रतिनिधियों का कहना था कि नये बजट में टैक्स रियायतों से जहां आम जनता को काफी राहत मिलेगी, वहीं राज्य शासन का यह कदम छत्तीसगढ़ में उद्योग-व्यापार जगत के लिए भी संजीवनी का काम करेगा। चेम्बर के अध्यक्ष श्री श्रीचन्द सुन्दरानी ने मुख्यमंत्री के अभिनन्दन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में उद्योग व्यापार के क्षेत्र में विगत लगभग नौ वर्ष में अच्छा वातावरण बना है। राष्ट्रव्यापी आर्थिक मंदी के दौर में भी छत्तीसगढ़ सरकार की उद्योग हितैषी और जनहितकारी आर्थिक नीतियों की वजह से प्रदेश के राजस्व में भी वृद्धि हो रही है।
इस अवसर पर सचिव श्री जितेन्द्र बरलोटा, संरक्षक श्री जगदेव सिंह गरचा और श्री रमेश मोदी सहित राज्य गौ सेवा आयोग के सदस्य श्री पुरूषोत्तम गांधी सहित बड़ी संख्या में व्यापारी और उद्योगपति उपस्थित थे। चेम्बर के प्रतिनिधि मण्डल ने बजट में राज्य शासन द्वारा श्रीखण्ड, पनीर और क्रीम, मार्बल, ग्रेनाईट, धौलपुर पत्थर, कोटा स्टोन, मिनरल वाटर, सील्ड कन्टेनर वाटर में मूल्य संवर्धित कर (वेट) की प्रचलित दरों को 14 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने, रोलिंग मिलों में निर्मित स्टील बार तथा स्टील स्ट्रक्चरल पर वेट की दर पांच प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत करने, छोटे व्यापारियों के लिए कम्पोजिशन सुविधा हेतु वार्षिक टर्न ओव्हर की सीमा 50 लाख से बढ़ाकर 60 लाख रूपए करने, स्टील ट्यूब पर प्रवेश कर की दर 1.5 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत करने और कम्पोजिशन फीस की प्रचलित दर 0.50 प्रतिशत से घटाकर 0.25 प्रतिशत करने जैसे फैसलों के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को चेम्बर द्वारा आगामी 21 अपै्रल को रायपुर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय व्यापारी सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का न्यौता दिया।

रायपुर : नहर विस्तार के सर्वे का आश्वासन दिया सीएम ने


नहर विस्तार के सर्वे का आश्वासन दिया सीएम ने

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से यहां विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में विधायक श्रीमती लक्ष्मी बघेल के नेतृत्व में बलौदाबाजार जिले के सिमगा विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों से आए किसानों के प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की। प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री से भाटापारा शाखा नहर से कुम्हारी जलाशय को नहर द्वारा जोड़ने और कुम्हारी जलाशय से सुहेला क्षेत्र में सिंचाई नहर का विस्तार कराने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इससे कुम्हारी जलाशय की जल भराव बढ़ेगा और क्षेत्र के लगभग पन्द्रह गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में जल संसाधन विभाग के माध्यम से सर्वे कराने का आश्वासन दिया।

रायपुर : बैगा आदिवासी बच्चों ने देखी विधानसभा


बैगा आदिवासी बच्चों ने देखी विधानसभा

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। कबीरधाम जिले के पण्डरिया विकासखण्ड स्थित ग्राम तेलियापानी लेदरा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के बैगा आदिवासी छात्र-छात्राओं ने अपने शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम के दौरान आज यहां विधानसभा का दौरा किया और विधानसभा की कार्रवाई का अवलोकन किया। पहली बार अपने गांव से बाहर निकले इन बच्चों ने बड़ी ही उत्सुकता और जिज्ञासा के साथ विधानसभा देखी। इस दौरान इन बच्चों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक से विधानसभा परिसर में मुलाकात की। मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने इन बच्चों से उनकी पढ़ाई-लिखाई और शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने इन बच्चों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

डीपी चतुर्वेदी कालेज में स्नेह सम्मेलन में विभिन्न प्रतियोगिताएं सम्पन्न


स्नेह सम्मेलन में विभिन्न प्रतियोगिताएं सम्पन्न

(के.के.हेडाउ)

सिवनी (साई)। स्थानीय डी.पी. चतुर्वेदी महाविद्यालय सिवनी ने अपना वार्षिक स्नेह सम्मेलन 2012-13 बड़ी ही धूमधान के साथ संपन्न हुआ। इसमें प्रतिभागियों में विजयी विद्यार्थियों का चयन हो गया है। रंगोली प्रतियोगिता में निकीता बाच्छानी, डाली व परीधि बारापात्रे, आयुषी, मोहर (मोनिका जैसवानी) को पुरूस्कार दिया जाएगा।
इसके अलावा मेंहदी में पायल चौरसिया, शालू अग्रवाल, प्रियांषी पोतदार, दुल्हन श्रृंगार में षीबा खालिक-नेहा पाण्डे, गायत्री सहारे-हिमांषी राहंगडाले, भावना सोनवाने-पूर्वा अवधिया, पायल अग्रवाल-अंजली राजपूत, सलाद सज्जा में ऋचा शर्मा - प्रथम, पायल अग्रवाल- द्वितीय, एवं पूजा प्रेमचंदानी-तृतीय रहीं हैं।
चित्रकला में आलोक पटले-प्रथम, षिखा भलावी-द्वितीय, योगेष ठाकुर-तृतीय रहे, निबंध  में रिंकू राहंगडाले-प्रथम, आलोक पटले-द्वितीय, एवं मोनिका शर्मा- तृतीय रहे। फैन्सी ड्रेस में स्वालेहा, निकिता-प्रथम, षिरीन खान-द्वितीय, वाद-विवाद में सुबोध दुबे, राहुल खरे, प्रश्न मंच  में राकेष बिसेन, विक्रम सिंह बघेल, गीष्मा, अर्पणा पटले, रिंकू राहंगडाले, अमृता त्रिवेदी अग्रणी रहे।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अमिता चतुर्वेदी, प्रबंधन से श्री आर.के. चतुर्वेदी, प्रो. डॉ. सी.डी. शर्मा, डॉ. राजीव कौषल, प्रो. जे.एल. सनोड़िया, प्रो. सुनील चौधरी, प्रो. राखी सिंग, प्रो. दिनेष गौतम, प्रो. अवधेष बघेल, प्रो. दीपा झारिया, प्रो. श्वेता हेडाऊ, प्रो. सविता नामदेव, प्रो. योगिता साहू, प्रो. निधि पवार, प्रो. अषोक डोंगरे, प्रो. प्रद्युम्न यादव, प्रो. कविता बेले एवं श्री गणेष सेन, श्री श्याम बघेल, श्री उमेष बरमैया, श्री सतीष विष्वकर्मा, श्री कृपाषंकर राय, श्री देवेन्द्र , श्री देवीसिंग बघेल, श्री अंकरलाल रजक, श्री रमेष मंगोरे, श्री श्रीवास का सहयोग रहा।