शुक्रवार, 22 मार्च 2013

दुष्कर्मरोधी कानून रास ने भी किया पारित


दुष्कर्मरोधी कानून रास ने भी किया पारित

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। संसद ने महिलाओं के साथ दुष्कर्मरोधी कानून को मजबूत बनाने के लिए आपराधिक कानून संशोधन विधेयक, २०१३ को मंजूरी दे दी है। कल राज्यसभा में यह विधेयक बहुमत से पारित हुआ। लोकसभा इसे मंगलवार को ही पारित कर चुकी है। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध से निपटने के लिए संशोधन विधेयक में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को निर्वस्त्र करना, बुरी नजर से देखना, गलती नीयत से पीछा करना। महिलाओं और नाबालिकों की तस्करी और यौन शोषण अब भारतीय दंड सहिंता के तहत नए अपराध होंगे। तैजाब से हमले के लिए विशेष प्रावधान किया गया है, जो पहले नही था।
गृह मंत्री श्री शिंदे ने आशा व्यक्त की कि महिलाओं पर अपराध नियंत्रण के लिए यह विधेयक दूरगामी प्रभाव डालने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि विधेयक में, एफ.आई.आर. दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों को भी सजा देने का प्रावधान किया गया है।  उन्होंने कहा कि कानून को महिलाओं के लिए अधिक उपयुक्त बनाया गया है।, सबूत रिकार्ड करने के दौरान और जिरह के दौरान महिलाओं के सम्मान की रक्षा की की व्यवस्था की गई है। चिकित्सा उपचार के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है। और गंभीर अपराधों में न्यूनतम दंड तथा अन्य मामलों में न्यायिक विवेकाधिकार की व्यवस्था खत्म करने से मौजूदा व्यवस्था में खामियां दूर करने में मदद मिलेगी।
विधेयक में बलात्कार के अपराध के लिए कम से कम बीस साल की कैद होगी। लेकिन अगर अपराध के दौरान पीड़िता की मृत्यु हो जाए या वह मृत प्राय हो जाए तो मौत की सजा दी जा सकती है। 

कोई टिप्पणी नहीं: