शनिवार, 8 सितंबर 2012

संसद सत्र समाप्त नहीं उठा फोरलेन का मामला!

संसद सत्र समाप्त नहीं उठा फोरलेन का मामला!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। दिसंबर 2008 में कांग्रेस और भाजपा के षणयंत्र का शिकार हुई स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण गलियारे की सिवनी से होकर गुजरने वाली फोरलेन को अब भी ठोर नहीं मिल सका है। केंद्र राज्य के बीच आरोप प्रत्यारोपों के बीच इस सड़क के धुर्रे पूरी तरह से उड़ चुके हैं, पर किसी को भी इसकी सुध लेने की फुर्सत नहीं मिल पाई है। सांसद, विधायक और संपन्न वर्ग के लोग तो सिवनी से नागपुर का सफर बरास्ता छिंदवाड़ा पूरा कर ले रहे हैं पर गरीब गुरबों की किसी को भी चिंता नहीं है।
ज्ञातव्य है कि मामला तत्कालीन जिला कलेक्टर सिवनी पिरकीपण्डला नरहरि के 18 दिसंबर 2008 को जारी किन्तु 19 दिसंबर को पृष्ठांकित आदेश के तहत अवरूद्ध हुआ है। यह मामला आईने की तरह ही साफ है। इसके बाद जिला कलेक्टर से मिले बिना ही सर्वोच्च न्यायालय तक की लंबी लड़ाई अनेक संगठनों द्वारा लड़ी गई। पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी मामले को वाईल्ड लाईफ बोर्ड के पाले में डाल दिया गया बताया जाता है।
सिवनी जिले के भाजपा के लोकप्रिय विधायक कमल मस्कोले, श्रीमति शशि ठाकुर, श्रीमति नीता पटेरिया के साथ ही साथ केंद्र में खासी दखल रखने वाले कांग्रेस के चार बार के विधायक हरवंश सिंह जो वर्तमान में विधानसभा उपाध्यक्ष भी हैं ने अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़कर इस मामले को विधानसभा के मंच पर उठाने की जहमत क्यों नहीं उठाई इसका जवाब वे ही बेहतर दे सकते हैं।
हद तो तब हो जाती है जब परिसीमन में बिना प्रस्ताव के विलोपित हुई सिवनी लोकसभा जो अब मण्डला और बालाघाट संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है में बालाघाट के भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख और कांग्रेस के मण्डला के सांसद बसोरी सिंह मसराम ने भी इस मामले में लोकसभा में आवाज उठाने की कवायद नहीं की। मजे की बात तो यह है कि यह उपेक्षित सड़क के.डी.देशमुख, बसोरी सिंह मसराम, हरवंश सिंह, श्रीमति नीता पटेरिया, श्रीमति शशि ठाकुर, कमल मस्कोले सभी के संसदीय और विधानसभा क्षेत्र की जीवन रेखा है।
इस साल बारिश के मौसम में भी अनेक ट्रक ट्राले सिवनी नागपुर मार्ग पर पलटते रहे रास्ता जाम होता रहा पर किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली। उम्मीद की जा रही थी कि इस मामले में आवाज उठाने वाले सिवनी और लखनादौन के कुछ स्वयं सेवी संगठन अपनी आवाज बुलंद कर जनता को राहत देंगे पर वस्तुतः एसा हो नहीं सका, मजबूरन गरीब गुरबों को मन मारकर इस खटारा सड़क से होकर गुजरना नियति बन गया है।

रक्षा मंत्री पर ही नजर रखे थे सेनाध्यक्ष!


रक्षा मंत्री पर ही नजर रखे थे सेनाध्यक्ष!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश की तीनों सेनाओं का सुप्रीम कमान्डर होता है देश का महामहिम राष्ट्रपति, देश का रक्षा मंत्री इन सेनाओं पर कमान्ड करता है। पिछले दिनों एक सेनाध्यक्ष ने देश के रक्षा मंत्री पर ही अपनी फौज फाटा के माध्यम से नजर रखी थी। इस बात की भनक मिलते ही सियासी फिजां एकाएक गर्मा गई है। संभवतः सियासी दांवपेंच से बचने के लिए सेना के एक आला अधिकारी ने यह कवायद की गई बताई जा रही है।
सेना के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सेना के एक आला अधिकारी ने अपनी सेवानिवृत्ति के एन पहले सेना के डेढ़ दर्जन से ज्याद विशेष वाहनों को जम्मू काश्मीर से दिल्ली बुला भेजा था। इन विशेष वाहनों को सेना के आला अधिकारी के आदेश पर दिल्ली के चुनिंदा इलाकों में तैनात किया गया था।
सूत्रों ने आगे बताया कि इन वाहनों में विशेष तरह के उपकरण लगे होते हैं। इन उपकरणों के माध्यम से जहां इनकी पोजीशनिंग (खड़ा किया जाता है) की जाती है, वहां से लगभग तीन किलोमीटर के दायरे के मोबाईल और लेण्ड लाईन फोन को इन वाहनों के उपकरण सतत नजर रखकर उन्हें टेप कर सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो डेढ़ दर्जन से ज्यादा वाहन जम्मू काश्मीर के संवेदनशील इलाकों में तैनात की गई थीं, जहां से इन्हें वापस बुलाया गया है। इन वाहनों को दिल्ली में अनेक महत्वपूर्ण राजनेताओं के घरों के इर्द गिर्द पोजीशन किया गया था। सबसे अधिक आश्चर्य की बात तो सूत्रों ने यह बताई कि इनमें से एक वाहन रक्षा मंत्री ए.के.अंटोनी और दूसरी तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के आवास के पास तैनत थीं।
सूत्र इस बात का खुलासा नहीं कर सके कि इन वाहनों को बाकायदा आधिकारिक आदेश देकर दिल्ली लाया गया था या फिर मौखिक आदेश के तहत! किन्तु सूत्रों ने यह अवश्य ही बताया कि सेना के उक्त अधिकारी के सेवानिवृत होते ही नए सेना प्रमुख ने इन वाहनों को दिल्ली के विभिन्न इलाकों से बुलाकर वापस गंतव्य की ओर रवाना कर दिया है।

एसटी छात्रों पर मेहरबान केंद्र सरकार


एसटी छात्रों पर मेहरबान केंद्र सरकार

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस नीत केंद्र सरकार ने अब अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की सुध लेना आरंभ किया है। सरकार ने कक्षा नौ और दस में पढ़ रहे अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिये प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कल केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस योजना से स्कूल छोड़ देने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम हो सकेगी। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार रोज$ाना स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को हरमहीने १५० रूपये जबकि छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों को ३०० रूपये दिये जायेगें।
मंत्रिमंडल ने वर्ष २०१२-१३ के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंको और नाबार्ड को तीन लाख रूपये तक के लधु अवधि के फसल ऋण के लिये किसानों को सात प्रतिशत की ब्याज दर जारी रखने को भी मंजूरी दे दी। यह भी फैसला लिया गया कि चालू वित्त वर्ष में ऋण लेने के एक वर्ष में ही पैसा लौटाने वाले किसानों को तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी।
कैबिनेट ने किसान क्रेडिट कार्ड रखने वाले छोटे और मंझोले किसानों को फसल के बाद वेयर हाउस की रसीद पर सात प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी देने को मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने नेपा लिमिटेड को फिर से कार्यक्षम बनाने की योजना को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत इस कंपनी में दो सौ ३४ करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। नेपा के कर्मचारियों के लिए १९९७ का वेतनमान लागू करने और सेवानिवृत्ति की आयु ५८ से बढ़ाकर ६० वर्ष करने को भी मंजूरी दी गई।

शिवकाशी अग्निकाण्ड की जांच कराएगा केंद्र


शिवकाशी अग्निकाण्ड की जांच कराएगा केंद्र

(प्रियंका)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्र सरकार ने तमिलनाडु में शिवकासी के निकट पटाखा फैक्टरी में भीषण अग्निकांड की जांच कराने का आदेश दिया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार केन्द्रीय वाणिज्य और कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने आदेश दिया कि १८८४ विस्फोटक अधिनियम की धारा ९(ए) के तहत वरिष्ठ आइएएस अधिकारी चौतन्य प्रसाद मामले की जांच करेगें। यह अधिनियम केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा संचालित होता है।
उधर, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के तमिलानाडू ब्यूरो से प्रीति सक्सेना ने बताया कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री सुश्री जयललिता ने भी इस अग्निकांड की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। न्यायिक जांच जिला राजस्व अधिकारी करेंगे और वे अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगे। इस घटना में ३८ लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री ने कल एक बयान में कहा कि घटना से एक दिन पहले इस निजी फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चेन्नई में स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर वी.एस. विजय और उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में सुश्री जयललिता ने विरूद्धनगर के जिला कलेक्टर को सभी पटाखा फैक्टरियों का तुरन्त निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं। इस बीच, पुलिस ने सुरक्षा मानकों की अवहेलना के लिए फोरमैन और पटाखा फैक्टरी के ठेकेदार सहित १२ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये दिए गए हैं। ४५ घायलों को पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये की सहायता दी गई है।

कोल पर रार बरकरार


कोल पर रार बरकरार

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी कोयला खंड आवंटन के तथ्यों के बारे में देश की जनता से झूठ बोल रही है। श्री सिब्बल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों ने प्रतिस्पर्धात्मक बोली के जरिए आवंटन का विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि इंड्रस्ट्री, छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्यप्रदेश में खत्म हो जायेगी। हम तो कॉम्पेटिटिव बिडिंग के खिलाफ है। आज सारे देश को कह रहे हैं कि यह कॉम्पेटिटिव बिडिंग होना चाहिए जी, सारे देश को कह रहे हैं हम पार्लियामेंट नहीं चलने देंगे और उस समय कह रहे थे कि कॉम्पेटिटिव बिडिंग नहीं होनी चाहिए।
उधर,भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस कोयला खंड आवंटन में अनियमितता के पुख्ता आरोपों से बचाव की कोशिश कर रही है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हर आवंटन पर प्रधानमंत्री की स्वीकृति होती है। उन्होंने कहा कि सरकार के लगातार स्कैम को छुपाने की जिस तरह से कोशिश चल रही है। जांच के लिए और आवंटन रद्द करने के लिए तैयार न होने के विरोध में एनडीए का संसद के प्रांगण में १० बजे धरना होगा।
बहुजन समाज पार्टी ने मांग की है कि संसद के वर्तमान सत्र की अवधि बढ़ाई जाए। उसका यह भी कहना है कि केंद्र कोयला ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर कोई बीच का रास्ता निकाले, ताकि भारतीय जनता पार्टी की ओर से उत्पन्न गतिरोध समाप्त हो सके। पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि मॉनसून सत्र १०-१२ दिन बढ़ाया जाए, ताकि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को पदोन्नति में आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पारित कराया जा सके। संसद के मॉनसून सत्र का आज अंतिम दिन है। समाजवादी पार्टी ने यह विधेयक प्रवर समिति को भेजने की मांग की है।

शांति के माहौल में ही बातचीत संभव: भारत

शांति के माहौल में ही बातचीत संभव: भारत

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सभी मसले आतंक और हिंसारहित वातावरण में सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री एस एम कृष्णा पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ आपसी बातचीत के अंतिम दौर की समीक्षा के लिए आज इस्लामाबाद जा रहे हैं।
श्री कृष्णा ने कहा कि भारत ने मुम्बई हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को पर्याप्त सबूत दिए हैं। उन्होंने कहा कि वे बैठक के नतीजों का पहले से कोई अनुमान नहीं लगा सकते तथा भारत और पाकिस्तान के सभी मसलों को सुलझाने का बेहतरीन तरीका बातचीत ही है। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री के साथ श्री कृष्णा की बैठक के दौरान सभी द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा होगी, लेकिन आतंकवाद तथा मुम्बई हमले के दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई का मामला भारत की चिंता का मुख्य विषय है।
श्री कृष्णा ने कहा कि आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग की दिशा में प्रगति हुई है और उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा, क्योंकि दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों के केन्द्र में उनकी जनता ही है। विदेश मंत्री के साथ जा रहे हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि भारत दोनों देशों की जनता के बीच संपर्क बेहतर बनाने के लिए पाकिस्तान के साथ नई वीजा प्रणाली पर दस्तखत करने के लिए तैयार है।
इस बीच, कल इस्लामाबाद में भारत और पाकिस्तान संयुक्त आयोग के आठ तकनीकी उप समूहों की बैठक हुई। बैठक में कृषि और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की गई। संयुक्त आयोग की पूर्ण बैठक में विशेषज्ञ महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं।
पूर्व राजनीतिक जी पार्थसरथी ने विदेश मंत्री एस एम कृष्णा की पाकिस्तान यात्रा को दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि ये एक अच्छा मौका है बहस के लिए कई मुद्दों पर और हमारे लिए प्राथमिकता तो होगी आतंकवाद, हम यह नही कह सकते कि हम बहुत खुश हैं उन कारवाईयों से जो पाकिस्तान ने अभी तक किया है। दोषियों को न्याय के सामने लाने के लिए, जो भी वहां पर अदालती कार्यवाही चल रही है वो बहुत धीमी गति से चल रही है और लोगों के मन में शक है यहां क्या इससे कुछ नतीजा निकलेगा या नहीं। इसके अलावा यह अच्छा मौका होगा कृष्णा साहब के लिए कि आपसी विश्वास बनाने के लिए कुछ कदमों पर बहस हो। जम्मू कश्मीर में जो नियत्रंण रेखा है उसके पार यात्रियों को जाने के लिए सुविधाएं बढ़ाए जा सकते हैं। जो कश्मीर में नियत्रंण रेखा है उसके पार व्यापार के जो संबंध हैं उसको भी हम बढ़ा सकते हैं।

राष्ट्रगान से परहेज है भाजपा को!

राष्ट्रगान से परहेज है भाजपा को!


(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। देश के हृदय प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार अपनी कामयाबियों पर भले ही इठला रही हो, पर शिव के गण (वरिष्ठ सरकारी कर्मचारी) किसी और के इशारों पर ही काम कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान लाख जतन कर प्रदेश में भाजपा और खुद को लोकप्रिय बनाने का प्रयास कर रहे हों पर आला अधिकारी उनके इन प्रयासों में पलीता ही लगाते नजर आ रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि पूर्व में मध्य प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करने वाले मध्य प्रदेश के जनसंपर्क संचालनालय द्वारा अमरिका में मिलने वाले मध्य प्रदेश के सम्मान की खबर से परहेज ही किया गया। इसके बाद स्वाधीनता दिवस के आयोजन में महामहिम लाट साहब द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के सम्मान की खबरों में फिरंगियों से लड़कर देश को स्वाधीनता दिलावाने वालों को भूलकर जनसंपर्क विभाग द्वारा अपने लोगों और अफसरान के नाम से खबर जारी कर साबित कर दिया कि अफसरान को शिवराज सिंह चौहान की छवि की परवाह कतई नहीं है। प्रदेश के आला अधिकारियों की कारगुजारियों के चलते होने वाली स्थिति से प्रदेश में शिवराज सिंह चौळान की छवि प्रभावित हुए बिना नहीं है।
मध्य प्रदेश भाजपा के एक धड़े के बीच चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो मध्य प्रदेश में आयतित होकर आए देश के एक क्षेत्र विशेष के लोगों द्वारा शिवराज सिंह चौहान की छवि पर कालिख लगाने का जतन किया जा रहा है। आला अधिकारियों की पदस्थापना भी उक्त क्षेत्र विशेष के लोगों के इशारों पर ही हो रही हैं। कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि अपनी जमावट कर उक्त क्षेत्र विशेष के लोगों द्वारा तख्ता पलट का तानाबाना भी बुना जा रहा है।
मितव्यययिता अपनाना है, प्रदेश को आगे बढ़ाना हैस्लोगन के साथ वर्ष 2012 की 120 रूपए (कर अतिरिक्त) की मंहगी सरकारी दैनंदिनी (डायरी) में अनेक विसंगतियां हैं। प्रदेश सचिवालय वल्लभ भवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इन डायरियों को जनसंपर्क विभाग के माध्यम से प्रदेश और दिल्ली के मीडिया में भी निशुल्क बांटा जाता है। इन विसंगतियों पर मीडिया की नजर जाए और शिवराज सिंह चौहान की छवि प्रभावित हो इस तरह के प्रयास भी किए गए हैं।
इस दैनंदिनी को देखने पर साफ हो जाता है कि मध्य प्रदेश सरकार को राष्ट्रगान से ज्यादा राष्ट्रगीत प्यारा है। इसमें दूसरे सफे पर ही राष्ट्रगीत वन्दे मातरमप्रकाशित किया गया है। इस गीत का अनुवाद ना जाने कितने बार किया जा चुका है। उसी अनुवाद को एक बार फिर जनसंपर्क के नौरत्नों में से एक डॉ.सुरेश तिवारी द्वारा किया गया बताया गया है। इस पूरी डायरी में राष्ट्रगान जन गण मनका कहीं उल्न्लेख नहीं मिल रहा है।
इतना ही नहीं इस डायरी में सांसदों के आरंभ वाले पेज 34 पर संसद, विधानसभा सदस्यों के आरंभ वाले पेज नंबर 39 में पार्श्व में विधानसभा की तस्वीर, मंत्रालय में पदस्थ आईएएस के आरंभ वाले पेज 75 पर वल्लभ भवन, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च न्यायालय, लोकायुक्त आदि अनेक भागों का वर्गीकरण अलग अलग पेज में किया गया है, पर किसी के पार्श्व में संबंधित फोटो नहीं है। बहरहाल, इस डायरी में राष्ट्रगान के ना होने की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

कांग्रेसियों ने तबियत से बांटे कोल ब्लॉक


कांग्रेसियों ने तबियत से बांटे कोल ब्लॉक

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेसी नेता सुबोध कांत सहाय और विजय दर्डा के बाद दो और नेताओं का नाता 2005-2009 के बीच कोयला ब्लॉक आवंटन पाने वालीं कंपनियों से जुड़ गया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता प्रेम चंद गुप्ता के बेटों ने उस समय कोयला ब्लॉक के लिए आवेदन किया था जब वह केंद्र सरकार में कंपनी मामलों के मंत्री थे। गुप्ता का बेटा स्टील के कारोबार में बिल्कुल नया था, इसके बावजूद उन्हें ब्लॉक मिल गया।
सूचना एवं प्रसरण राज्यमंत्री एस. जगतरक्षकन ने तो अलॉटमेंट से पांच दिन पहले जेआर पावर नामक कंपनी बनाई और सरकारी कंपनी पुड्डुचेरी इंड्स्ट्रियल प्रमोशन डिवलपमेंट ऐंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (पीआईपीडीआईसी) के साथ एमओयू साइन करके 17 जनवरी 2007 को कोल ब्लॉक के लिए दावेदारी ठोक दी। 25 जुलाई को कंपनी को उड़ीसा के नैनी में कोल ब्लॉक मिल गया और एक महीने के भीतर ही जेआर पावर ने अपनी हिस्सेदारी हैदराबाद की कंपनी केएसके एनर्जी वेंचर्स को बेच दी, जिससे इस कंपनी को ब्लॉक से कोयला निकालने का अधिकार मिल गया।
बाद जगतरक्षकन ने 2009 में चुनाव लड़ने के लिए कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन उनके परिवार के लोग अभी भी कंपनी के डायरेक्टर हैं। साफ है कि कोर सेक्टर में कोई ट्रैक रेकॉर्ड न होने के बावजूद जेआर पावर को मनमानी पूर्ण तरीके से ब्लॉक आवंटित किए गए और कंपनी ने इसे बेचकर एक महीने के भीतर ही मोटा मुनाफा कमा लिया। खास बात यह है कि जिस पीआईपीडीआईसी के साथ जेआर पावर ने कोल ब्लॉक की दावेदारी जताने के लिए संयुक्त उपक्रम बनाया था वह भी एक इन्वेस्टमेंट कंपनी है।
प्रेम चंद गुप्ता के मामले में आईएसटी ग्रुप की सहायक कंपनी आईएसटी स्टील ऐंड पावर सवालों के घेरे में है। इस कंपनी पर गुप्ता के दो बेटों मयूर और गौरव का मालिकाना हक है और वे ही इसे ऑपरेट करते हैं। गुजरात अंबुजा और लाफार्ज जैसी दिग्गज सीमेंट कंपनियों के साथ आईएसटी स्टील को महाराष्ट्र में दाहेगांव/मकरधोकरा ब्लॉक आवंटित किया गया था।
आईएसटी स्टील के खिलाफ सीबीआई जांच का यह मामला नया है। लेकिन यह उन 58 कंपनियों में शामिल है, जिन्हें इस साल की शुरुआत में कोयला मंत्रालय ने सुस्त कामकाज के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जनवरी में हुई मीटिंग के विवरण के मुताबिक इस खदान में दिसंबर 2013 से प्रॉडक्शन शुरू होना था। हालांकि, ब्लॉक के माइनिंग प्लान को मंजूरी नहीं मिली है। इसका फॉरेस्ट क्लीयरेंस, माइनिंग लीज और भूमि अधिग्रहण लंबित हैं। गुप्ता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ब्लॉक में 2015 से प्रॉडक्शन शुरू हो जाएगा। आईएसटी स्टील के एग्जेक्युटिव डायरेक्टर गौरव गुप्ता के मुताबिक कंपनी को अगस्त 2005 में रजिस्टर करवाया गया था।