शनिवार, 13 जुलाई 2013

आज से हो जाएगा कांग्रेस भवन का काम आरंभ: हीरा

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। जिला कांग्रेस कमेटी के बहुप्रतिक्षित भवन के निर्माण का काम शनिवार13 जुलाई से आरंभ हो जाएगा। उक्ताशय की बात जिला कांग्रेस कमेटी सिवनी के अध्यक्ष हीरा आसवानी ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि डीसीसी बिल्डिंग के ट्रस्ट के लिए जिला कांग्रेस द्वारा केंद्रीय मंत्री कमल नाथ को ही अधिकार सौंप दिए हैं कि वे अपने हिसाब से इसके ट्रस्ट का गठन करें।
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष हीरा आसवानी ने कहा कि यद्यपि अभी निर्माण एजेंसी तय नहीं की गई हैफिर भी जल्द ही निर्माण एजेंसी तय कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भवन के ट्रस्ट के गठन के लिए केंद्रीय मंत्री कमल नाथ को ही जिला कांग्रेस कमेटी ने सारे अधिकार सौंप दिए हैं। उन्होंने बताया कि 13 जून से जिला कांग्रेस कमेटी के भवन की बाउंड्री वाल उठाने का काम आरंभ कर दिया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि 13 जून को लंबे समय बाद सिवनी आए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमल नाथ ने महावीर लान में कार्यकर्ताओं से खचाखच भरे मैदान में यह कहा था कि उनकी जानकारी में यह आया है कि सिवनी में जिला कांग्रेस के पास अपना भवन नहीं है। उन्होंने वायदा किया था कि जिला कांग्रेस कमेटी के भवन का काम एक माह में आरंभ हो जाएगा।
वैसे तो तीस दिन तो शुक्रवार को ही पूरे हो चुके हैंपर जिला कांग्रेस कमेटी के भवन का काम तो छोड़ें इसके नक्शे और जरूरी अनुमतियां लेने का काम भी पूरा नहीं हो सका है। उधरकमल नाथ के द्वारा यह कहा जाना कि उनके संज्ञान में यह बात आई है कि जिला कांग्रेस कमेटी के पास एक अदद भवन नहीं हैको लेकर कांग्रेस के अंदर चर्चाओं का कभी ना थमने वाला दौर आरंभ हो गया है।
एक वरिष्ठ कांग्रेस के नेता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से कहा कि सिवनी के कद्दावर नेता रहे हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा लगभग तीस साल तक मध्य प्रदेश में सक्रिय राजनीति की और सिवनी की सियासी धुरी उनके आसपास ही घूमती रही है। उन्होंने कहा कि हरवंश सिंह ने जिला कांग्रेस के भवन बनाने के प्रयास अवश्य किए किन्तु उनके प्रयासों में ईमानदारी कितनी थी कि तीस सालों में भी सिवनी की जिला कांग्रेस के पास एक अदद भवन का टोटा रहा है। उन्होंने कहा कि इशारों ही इशारों में कमल नाथ द्वारा हरवंश सिंह समर्थकों को आईना भी दिखाया है।
वहींकांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अभी सब कुछ हवा हवाई ही चल रहा है। एक माह में ना तो प्रशासनना ही नगर पालिका और ना ही अन्य सरकारी कार्यालयों से इसके लिए अनुमतियां ही ली गई हैं। रही बात नक्शे की तो अभी यह भी नहीं तय हो पाया है कि कांग्रेस कार्यालय को आवंटित सरकारी भूखण्ड में से कितने पर निर्माण किया जाना है और कितना स्थान खाली रखा जाएगाकहा तो यह भी जा रहा है कि जिला कांग्रेस कमेटी के प्रस्तावित भवन में कितने कक्ष होंगे यह बात भी अभी सतही तौर पर भी तय नहीं की जा सकी है।
जिला कांग्रेस कमेटी के भवन को लेकर कांग्रेस में अंदर ही अंदर जमकर तलवारें खिंचती दिख रही हैं। कांग्रेसियों के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार विधानसभा सिवनी के एक दावेदार के नाम पर दो गुटों की असहमति है, संभवतः यही कारण है कि जिला कांग्रेस कमेटी के द्वारा लंबे समय तक ट्रस्ट के लिए नाम ही प्रस्तावित नहीं किए गए थे।

गबन के मामले में जनपद सीईओ कंचन डोंगरे गिरफ्तार!

गबन के मामले में जनपद सीईओ कंचन डोंगरे गिरफ्तार!

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनी (साई)। जनपद पंचायत सिवनी में हुए नौ लाख चालीस हजार रूपए के गबन के मामले में पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन डोंगरे को कोतवाली पुलिस ने अपना मेहमान बना लिया है। उनके साथ लेखापाल बाल मुकुंद श्रीवास्तव भी पुलिस की गिरफ्त में हैं।
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस संजीव कुमार ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कोतवाली पुलिस ने आज अपराध क्रमांक 353/13 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना आरंभ कर दी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में जनपद पंचायत सिवनी की सीईओ कंचन डोंगरे एवं लेखापाल बी.एम.श्रीवास्तव को पकड़ा गया है। उनसे पूछताछ जारी है।
उन्होंने बताया कि कंचन डोंगरे के हस्ताक्षरों से जारी चेक से राशि का आहरण एक्सिस बैंक से किया गया है। कोतवाली पुलिस ने धारा 409, 420, 467, 468 के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच आरंभ कर दी है।
ज्ञातव्य है कि सिवनी जनपद के जून माह के प्रथम सप्ताह में विधायक निधि के 9 लाख 40 हजार के गबन का मामला प्रकाश में आया था, तब जनपद पंचायत की सीईओ कंचन डोंगरे ने लिपिक नारायण डहेरिया के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जनपद में व्याप्त चर्चाओं के अनुसार विधायक निधि के 9 लाख 40 हजार रूपए पार हो जाना और इसकी भनक सीईओ कंचन डोंगरे, एकाउंट ऑफिसर को न होना आश्चर्यजनक है। बताया जाता है कि भले ही इस पूरे मामले का ठीकरा लिपिक नारायण डहेरिया के ऊपर फोड़ दिया गया हो, पर कोतवाली पुलिस ने आज कंचन डोंगरे को गिरफ्तार कर मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास किया गया है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एक चेक 2011 में गायब होने की सूचना जनपद के रिकार्ड में दर्ज करवाई गई थी। इसी चेक पर वर्तमान सीईओ कंचन डोंगरे ने हस्ताक्षर कर उसे आहरण के लिए भेज दिया। उधर, कंचन डोंगरे द्वारा इस मामले में पुलिस को निर्दोष बताया जाकर यह कहा जा रहा है कि यह मामला उनकी यहां तैनाती के पूर्व 2011 का है।
इधर, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस संजीव कुमार का कहना है कि इस चेक पर कंचन डोंगरे के हस्ताक्षर तथा सील लगी हुई है, बैंक द्वारा भी इसकी तसदीक कर ही भुगतान किया गया है। पुलिस संभवतः कल कंचन डोंगरे को न्यायालय में पेश कर सकती है।