सोमवार, 16 सितंबर 2013

ब्रम्हत्व से ब्रम्ह और यही ब्रम्हांड: स्वामी प्रज्ञानानंद

ब्रम्हत्व से ब्रम्ह और यही ब्रम्हांड: स्वामी प्रज्ञानानंद


(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। डूंडासिवनी स्थित निर्माणाधीन ब्रम्ह समाज के कम्युनिटी हॉल भूमिपूजन समारोह को सम्बोधित करते हुये द्विपीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंदजी महाराज के परम शिष्य एवं जयपुर आश्रम प्रभारी राष्ट्र संत स्वामी प्रज्ञानानंद न कहा कि ब्रम्हत्व से ही ब्रम्ह और यह ब्रम्हांड है। यदि ब्रम्हत्व नहीं रहा तो न ब्रम्ह रहेगा और न ही ब्रम्हांड रहेगा।
अपने संक्षिप्त किंतु सारगर्भित उद्बोधन में राष्ट्र संत ने कहा कि आज यहां ब्राम्हण समाज का मंगल भवन निर्मित होने की शुरूआत हुई है, इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं और इसमें सहयोग करने वालों को अपनी शुभकामनाएं भी देता हूं। उन्होंने कहा कि आज ब्रम्हत्व की अत्याधिक आवश्यकता है। हम जन्म से नहीं अपने कर्मों से ब्राम्हण बने यह अत्यंत आवश्यक है।
इसी अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि इस भवन के निर्माण में मैं अपने पूज्य गुरू स्वामी शंकराचार्य के नाम पर इस भवन में लगने वाली सभी टाईल्स की लागत और 11 हजार रूपये समर्पित करता हूं। इस सहयोग में मेरे नाम का उल्लेख न किया जाये, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जब तक पिता या गुरू जीवित होते हैं तो पुत्र और शिष्य अपने नाम से किसी तरह का दान नहीं करते।
सांसद के.डी.देशमुख ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र से मुझे सांसद बनाने में ब्राम्हण समाज का बहुत बड़ा सहयोग और समर्थन रहा है, और आज इस भवन के निर्माण हेतु सांसद निधि से जो 15 लाख रूपये की राशि मेरे द्वारा दी गई है, वह मैं यह मानकर दे रहा हूं कि मैंने ब्राम्हण समाज का जो कर्ज मुझ पर था, उससे आज उरिण हो गया हूं।
कार्यक्रम में उपस्थित सिवनी विधायक श्रीमती नीता पटेरिया ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में इस कम्युनिटी हॉल निर्माण पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि वे विगत 5 वर्षों से इस राशि को देने के लिये प्रयत्नशील थी, लेकिन अनेकानेक कारणें से यह संभव नहीं हो सका था। कार्यक्रम को ब्राम्हण समाज के जिलाध्यक्ष महेश तिवारी, बरघाट के पूर्व विधायक पंडित महेश मिश्र एवं योग आचार्य महेन्द्र मिश्र ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर उपस्थित विभिन्न लोगों ने भवन निर्माण में सहयोग राशि प्रदान किये जाने की घोषणा की, जिसमें बसोड़ीलाल त्रिवेदी एवं इंजीनियर राजेन्द्र मिश्र द्वारा 51-51 हजार रूपये, डॉ.बसंत तिवारी केवलारी, एवं रेंजर आर.के.तिवारी द्वारा 21-21 हजार रूपये दिये जाने की घोषणा की गई। इसी तरह अधिवक्ता सुरेंद्र शुक्ला, सूर्यकांत दुबे, प्रेम शर्मा, राजू पाठक एवं विद्याधर तिवारी के द्वारा 11-11 हजार रूपये तथा संतोष शर्मा के द्वारा 5001 रूपये की राशि दान किये जाने की घोषणा की गई है।

राष्ट्र संत स्वामी प्रज्ञानानंद की उपस्थिति में इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराने में नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी एवं युवा ब्रम्ह समाज के अजय मिश्रा की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की उड़ी धज्जियां!

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की उड़ी धज्जियां!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। लखन कुंवर की नगरी में आज जनता की अदालत का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुंबई से अनेक कलाकारों ने शिरकत की। रात लगलग पौने दस बजे आरंभ हुए इस कार्यक्रम ने जिले में धारा 144 के साथ ही साथ सर्वोच्च न्यायालय के उन निर्देशों को भी धता बता दिया गया जिसमें यह कहा गया था कि रात दस बजे के उपरांत डीजे ना बजाया जाए।
भाजपा के मण्डल अध्यक्ष नरेश सेन ने दूरभाष पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि लखन कुंवर की नगरी में आज संपन्न हो रहे जनता की अदालत के कार्यक्रम में समयसीमा को लेकर उनके द्वारा अनुविभागीय दण्डाधिकरी लखनादौन और कोतवाली लखनादौन में आवेदन देकर यह जानना चाहा कि आखिर इस कार्यक्रम के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति कितने बजे तक के लिए दी गई है।
उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी लखनादौन में प्रशासन ने अघोषित रूप से इस कार्यक्रम में अपनी मौन सहमति दी जा रही है जो निंदनीय है। इस संबंध में जब एसडीएम लखनादौन (9425466930) से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो सदा की ही भांति उनका मोबाईल बंद मिला।
वहीं जब इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (9425642965) से संपर्क किया गया तो उन्होंने दो टूक शब्दों में यह कह दिया कि इस संबंध में जो भी जानकारी लेना है वह एसडीएम से ही ली जाए।

इस संबंध में एसडीएम लखनादौन ही बता पाएंगे कि अनुमति कितने बज तक की दी गई है।

भरत यादव, जिला कलेक्टर, सिवनी

दिनेश राय ने दिखाई दबंगई, भाजपा मण्डल अध्यक्ष को दो घंटे रोके रखा लखनादौन पुलिस ने!

दिनेश राय ने दिखाई दबंगई, भाजपा मण्डल अध्यक्ष को दो घंटे रोके रखा लखनादौन पुलिस ने!

भाजपा के रवैए से टूट रहा कार्यकर्ताओं का मनोबल, दिनेश राय से डरी लगती है भाजपा

(अखिलेश दुबे/अय्यूब कुरैशी)

लखनादौन/सिवनी (साई)। नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष, शराब व्यवसाई रहे, लखनादौन मस्ज़िद के सरपरस्त (जबकि शराब इस्लाम में हराम है), राय पेट्रोलियम के संचालक, लखनादौन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष (जबकि एडव्होकेट एक्ट के तहत अधिवक्ता कोई अन्य व्यवसाय नहीं कर सकता है), दिनेश राय मुनमुन ने आज नगर पंचायत के कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के मण्डल अध्यक्ष नरेश सेन को न केवल भला बुरा कहा वरन् दिनेश राय के इशारे पर लखनादौन पुलिस द्वारा नरेश सेन को लगभग दो घंटे तक कोतवाली थाने में बिठाए रखा गया। उक्ताशय की बात समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के कार्यालय में आए नरेश सेन ने बताई।
अपनी व्यथा बताते हुए नरेश सेन ने कहा कि आज सुबह जब वे अपनी वार्ड क्रमांक दस की पार्षद पत्नि श्रीमती प्रीतिबाला सेन के साथ नगर परिषद् के द्वारा जारी विज्ञापन, जिसमें दिनेश राय की फोटो भी थी पर आपत्ति जताने परिषद् कार्यालय पहुंचे तो वहां मौजूद सीएमओ राधेश्याम चौधरी ने उन्हें बुरी तरह फटकार दिया। नरेश सेन ने बताया कि एक आवेदन उनकी पार्षद पत्नि ने थाना प्रभारी, लखनादौन को भी दिया है।

मेरी फोटो न छापें: श्रीमती सेन
थाना प्रभारी लखनादौन को दिए आवेदन में पार्षद श्रीमती प्रीतिबाला सेन ने कहा है कि आज जबलपुर से प्रकाशित एक समाचार पत्र में उनकी फोटो के साथ एक निजी कार्यक्रम का ब्यौरा छपा है, जिसमें नगर परिषद् के मुख्य नगर पालिका अधिकारी का सौजन्य प्रकाशित हुआ है। आवेदन में उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा पूर्व में लिखित रूप में यह सूचना दी गई थी कि नगर परिषद् के कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार एवं विज्ञापनों में बाहरी व्यक्ति के साथ उनकी फोटो प्रकाशित न की जाए।

हरिजन थाने में कर दूंगा केस: चौधरी
अपने आवेदन में पार्षद श्रीमती प्रीतिबाला सेन ने आगे कहा है कि वे अपने पति के साथ जब शिकायत करने सीएमओ राधेश्याम चौधरी के पास गईं तब सीएमओ राधेश्याम चौधरी ने उन्हें न केवल गंदी गंदी गालियां दी वरन् यह भी कहा कि वे हरिजन जाति के हैं और हरिजन थाने में केस कर देंगे। उन्होंने कहा कि वार्ड की समस्याओं को लेकर भी सीएमओ चौधरी उन्हें परिषद् में बोलने भी नहीं देते हैं और उनके द्वारा चाही गई जानकारियां भी उन्हें मुहैया नहंी करवाई जाती हैं।

अगर कुछ हुआ तो जवाबदेही सीएमओ और विज्ञापन में छपे व्यक्ति की
कलेक्टर, एसपी, आईजी, डीजीपी आदि को भेजे गए आवेदन में श्रीमती प्रीतिबाला सेन ने कहा है कि उपरोक्त बातों की कहा सुनी के चलते विज्ञापन में छपे अन्य व्यक्ति एवं उसके साथियों द्वारा उनके पति के उपर हमला करने की कोशिश भी की गई। इतना ही नहीं जान से मारने की धमकी भी वहां दी गई। अगर उन पर या उनके पति पर कोई घटना घटित होती है तो इसकी संपूर्ण जवाबदेही सीएमओ राधेश्याम चौधरी एवं विज्ञापन में छपे अन्य व्यक्ति की होगी।

आवेदन ले लिया है आप बैठ जाईए!
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया कार्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आए नरेश सेन ने कहा कि जब वे अपनी पत्नि के साथ मौके से कोतवाली में अपना आवेदन लेकर गए तो वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उनसे आवेदन लेकर यह कहा कि आप अपनी पत्नि को घर भेज दीजिए और आप इधर बैठ जाईए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें दो घंटे तक कमरे से बाहर नहीं निकलने दिया गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद एसडीओपी मौके पर आए और सीएमओ की ओर से की गई शिकायत पर उनके बयान लिए।

क्यों इंट्रेस्ट ले रहे हैं इतना!
आज अपरान्ह जब इस बात की सूचना साई न्यूज को लगी तो साई न्यूज द्वारा कोतवाली लखनादौन (07690 240123) से संपर्क करने पर उपस्थित जमुना नामक कांस्टेबल या हवलदार ने कहा कि आखिर क्या बात है आप लोग इतना इंट्रेस्ट क्यों ले रहे हैं। जब उनसे घटना की प्रथम सूचना दर्ज हुई या नहीं इस बारे में जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने किसी मुंशी जी को फोन पकड़ा दिया जिन्होंने कहा कि मामले में आवेदन मिला है और मामले की जांच की जा रही है।

प्रभारी मंत्री से हो चुकी है चर्चा: दिवाकर
इस संबंध में भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेश दिवाकर ने चर्चा के दौरान बताया कि इस संबंध में जिले के प्रभारी मंत्री नाना भाउ माहोड़ से चर्चा हो चुकी है। उन्होंने बताया कि भाजपा मण्डल अध्यक्ष के साथ पुलिस का रवैया बहुत ही निंदनीय रहा है। उन्होंने कहा कि जनता की अदालत में भाजपा के पार्षदों का समर्थन कतई नहीं है। श्री दिवाकर का कहना था कि उन्होंने मण्डल अध्यक्ष नरेश सेन को निर्देश दिए हैं कि एक आवेदन तत्काल एसडीओपी और एसडीएम लखनादौन को दिया जाए जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लेख करते हुए कार्यक्रम को रात दस बजे तक संपन्न कराने की बात कही जाए। अगर रात दस बजे के बाद भी कार्यक्रम चलता है तो इस संबंध में वैधानिक कार्यवाही प्रशासन द्वारा की जाए।

एसपी से हो गई बात: नाना भाऊ
जिले के प्रभारी मंत्री नाना भाऊ माहौड़ से अपरान्ह ढाई बजे जब मोबाईल पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि एसपी सिवनी से उनकी चर्चा हो गई है। इस संबंध में जल्द ही कार्यवाही कर एफआईआर लिखी जाएगी। जब उनसे कहा गया कि कोतवाली लखनादौन का कहना है कि एफआईआर अभी नहीं हुई है तो लगभग झल्लाते हुए उन्होंने कहा कि एसपी से बात हो गई है एफआईआर तत्काल हो जाएगी।

एकतरफा कार्यवाही की पुलिस ने: शशि ठाकुर
जब इस मामले के बारे में लखनादौन की विधायक श्रीमती शशि ठाकुर से चर्चा की गई तो उन्हांेने कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष नरेश दिवाकर, मण्डल अध्यक्ष नरेश सेन एवं अन्य कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने एसपी कलेक्टर से मुलाकात कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि लखनादौन पुलिस ने एक तरफा कार्यवाही को अंजाम दिया है। उनका कहना था कि सीएमओ के आवेदन पर जब मण्डल अध्यक्ष नरेश सेन का बयान लिया जा सकता है तो नरेश सेन के आवेदन पर दिनेश राय उर्फ मुनमुन को थाने क्यों नहीं बुलाया गया।

शासन के प्रतिनिधि रहे उपेक्षित
वहीं दूसरी ओर शासन की ओर से मनोनीत पार्षद प्रेम जैन और मुकेश अग्रवाल को आज संपन्न होने वाले कार्यक्रम से कोसों दूर रखा गया। मुकेश जैन ने दूरभाष पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आज जनता की अदालत के कार्यक्रम में शासन के मनोनीत पार्षदों को न तो मान सम्मान दिया गया और ना ही उनके लिए कोई अन्य व्यवस्थाएं रखी गईं।

टूटेगा भाजपा का कार्यकर्ता

भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि भाजपा के राज में अगर लखनादौन पुलिस, भाजपा के मण्डल अध्यक्ष को ही दो घंटे बिठा सकती है, और उसके आवेदन पर दिनेश राय जैसे लोगों को पूछताछ को बुलाने से महज इसलिए कतराती है कि वे दबंग हैं और पुलिस उनके इशारों पर चल रही है तब इन परिस्थितियों में भाजपा के आला नेता अगर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं तो फिर भाजपा के कार्यकर्ताओं का न केवल मनोबल टूटेगा वरन् कार्यकर्ताओं का भाजपा से मोहभंग भी होने लगे तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

बिना रजिस्ट्री कैसे कट रही कॉलोनियां!

बिना रजिस्ट्री कैसे कट रही कॉलोनियां!

(शरद खरे)

सिवनी शहर को कुछ साल पहले तक शटर का शहरकहा जाता था। इसका कारण था कि हर घर में एक शटर लग चुकी थी। उद्योग धंधों के अभाव में सिवनी में व्यापार नाम की चीज ही नहीं बची थी। ब्रॉडगेज के अभाव में दम तोड़ता व्यवसायिक माहौल सिवनी के व्यापारियों सहित यहां के निवासियों को साफ दिखाई पड़ता पर नहीं दिखता तो सांसद विधायकों को। नब्बे के दशक तक सिवनी में राजाधिराज इंडस्ट्रीज, साबू केमिकल, सिवनी सोप, पुट्ठा मिल, दूध डेयरी, शराब आसवानी आदि न जाने कितने उद्योग धंधे हुआ करते थे।
सांसद विधायकों की अनदेखी और निहित स्वार्थ के चलते आज सिवनी में एक नहीं दो दो औद्योगिक केंद्र हैं, पर उद्योग धंधे नदारत ही हैं। बारा पत्थर में बबरिया ग्राम में जिला उद्योग केंद्र के पास औद्योगिक प्रयोजनों से, लोगों ने बेशकीमती जमीनों का आवंटन कोड़ियों के भाव अपने नाम करवा लिया है। सालों साल से यह स्थान निर्जन ही पड़ा हुआ है। विडम्बना तो देखिए उद्योग कार्यालय इसी के साथ लगा हुआ है पर इस कार्यालय में पदस्थ रहे आला अधिकारियों को अब तक यह नहीं दिखा कि यहां जिन्हें भूखण्ड आवंटित किए गए थे उन्होंने दशकों तक अपने अपने भूखण्ड पर निर्माण नहीं करवाया है। जाहिर है उन्हें इस भूखण्ड की आवश्यक्ता ही नहीं है। लिहाजा उनका आवंटन निरस्त कर दिया जाना चाहिए था। वस्तुतः ऐसा हुआ नहीं है, अब तक।
इस तरह सिवनी में उद्योग धंधे न होने के कारण यहां रोजगार का अभाव होने लगा। पालकों को अपने अपने बच्चों की चिंता सताने लगी कि आखिर वे अपने बच्चों का भविष्य कैसे संवारेंगे। इसके उपरांत नब्बे के ही दशक में बुधवारी बाजार के आस पास घरों में शटर लगाकर दुकानें निकालना आरंभ हुआ। देखा-सीखी एक के बाद एक समूचे शहर में कमोबेश हर घर में दुकानें निकल गईं। इस तरह जो बाहर से आता तो देखकर चौंक जाता और कहता अरे यह तो शटर का शहर है।
सिवनी में एक चीज और जबर्दस्त तरीके से होती दिख रही है। शहर के आसपास लगे ग्रीन बेल्ट को सरकारी कर्मचारियों से मिलकर बिना अनुमति और औपचारिकताएं पूरी किए ही बेचे जाने का। जिले में जहां तहां होर्डिंंग्स और विज्ञापनों में पूर्णतः विकसित कॉलोनी में प्लाट के इश्तेहार लोगों को लुभा रहे हैं। कम ही खरीददार इस बात को जानते होंगे कि जो प्लाट वे खरीद रहे हैं या बुक करा रहे हैं, उसकी न तो रजिस्ट्री ही हुई है, न ही टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से उसका नक्शा पास है और न ही अन्य औपचारिकताएं ही पूरी की गई हैं।
दरअसल, अधिकांश कॉलोनाईजर्स जनता से ही बयनामा के नाम पर राशि एकत्र कर प्लाट खरीदते हैं। उसके उपरांत प्लाट के खरीददारों से दूसरी-तीसरी किश्त लेकर वे बाकी की औपचारिकताओं को पूरा करते हैं। बाकी की किश्तें इन कॉलोनाईजर्स की जेब के हवाले होती हों तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
इस तरह बिना अनुमति और औपचारिकताओं के कॉलोनाईजर्स द्वारा जिला प्रशासन की नाक के नीचे ही अवैध रूप से प्लाट बेचने का व्यवसाय किया जाता है। आश्चर्य तो उस वक्त होता है जब जमीन के कागजात के कीड़े समझे जाने वाले पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आदि अपनी आंख बंद कर बैठे रहते हैं। यक्ष प्रश्न तो यह है कि क्या ये सरकारी नुर्माइंंदे घर के बाहर नहीं निकलते हैं जो इन्हें बड़े बड़े होर्डिंंग्स नहीं दिखते। इतना ही नहीं मीडिया में भी इन कॉलोनियों के बारे में विज्ञापन पटे पड़े रहते हैं, क्या ये अखबार भी नहीं पढ़ा करते हैं!
मान लिया कि ये समाचार पत्र नहीं पढ़ते होंगे पर अखबारों की कतरनों को जिला प्रशासन तक पहुंचाने के लिए पाबंद जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा तो इन कॉलोनाईजर्स द्वारा किए जाने वाले इस तरह के अवैध कामों की क्लिपिंग जिला कलेक्टर या संबंधित तक पहुंचाई जाती होगी, बावजूद इसके, इनके खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही न होना इस बात का संकेत माना जा सकता है कि दाल में काला नहीं यह काली वाली दाल मखनीही है।
रजिस्टार कार्यालय में भी अंधेरगर्दी पसरी हुई है। कहा तो यहां तक भी जाता है कि हर कॉलोनी में एक प्लाट पंजीयक, एक स्थानीय निकाय के नाम से निकालकर अलग रखना होता है, तब जाकर मिल पाती है कॉलोनी काटने की अनुमति। हाल ही में छपारा शहर में कॉलोनी काटने का गंदा धंधातेजी से चल रहा है। इनमें प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता बताई जा रही है। इसी तरह छपारा में गोविंद धाम नामक कॉलोनी के विज्ञापन में कुछ प्लाट ही शेष के विज्ञापन महीनों से चल रहे हैं। क्या तहसीलदार छपारा ने कभी इसकी जांच करने की जहमत उठाई है? जाहिर है नहीं, वरना अब तक तो गोविंद धाम के कॉलोनाईजर्स, प्लाट बेचने के स्थान पर राधे राधेभजन कीर्तन करते नजर आते।

सिवनी शहर में भी एसपी बंग्ले के सामने के बड़े भूखण्ड का सौदा करोड़ों में होने की चर्चाएं हैं। इस भूखण्ड के बारे में कहा जा रहा है कि यह भूखण्ड पूर्व में बगीचे के लिए आरक्षित किया गया था। अब यह था या नहीं इस बारे में तो बेहतर तरीके से नगर सुधार न्यास, नगर पालिका या सिवनी के पटवारी ही बता सकते हैं, पर जमीन के इस गंदे धंधे से प्रदेश सरकार के राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही है वह भी गलत तरीके से। जरूरत है संवेदन शील जिला कलेक्टर भरत यादव से इस संबंध में उचित और ठोस कार्यवाही की अपेक्षा की जाए।