शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

लाल बत्ती और हूटर बना स्टेटस सिंबल


लाल बत्ती और हूटर बना स्टेटस सिंबल

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। देश भर में लाल बत्ती और सायरन या हूटर लगे वाहनों की बाढ़ आ गई है। इन लाल बत्तियों और हूटर से आम जनता आजिज आ चुकी है। देश की शीर्ष अदालत ने इस पर संज्ञान लिया है। इसके गलत प्रयोग के लिए देश की शीर्ष अदालत काफी सख्त नजर आ रही है।
लाल बत्ती वाली गाड़ियों पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तमाम राज्य सरकारों को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि गाड़ियों पर रेड लाइट लगाना और सायरन बजाना स्टेटस सिंबल बन गया है। इसका गलत इस्तेमाल करने वालों पर 10 हजार रुपये फाइन लगाया जाए। न मानने वालों की गाड़ियां जब्त की जाएं। कोर्ट ने कहा कि वीआईपी के नाम पर लाल बत्ती वाली गाड़ियों में कमी लाई जाए। अगर 2 जुलाई तक कोई पहल नहीं हुई तो कोर्ट ने खुद इस मामले में आदेश जारी करने का कहा है।
वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी का एक सरकारी बंगला बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह को दिए जाने पर केंद्र सरकार की खिंचाई की है। कोर्ट ने सरकारी मकानों से अनधिकृत कब्जा हटाने के मामले में मनमाना रवैया अपनाए जाने पर आलोचना की है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि बूटा सिंह को सरकारी बंगला सुरक्षा कारणों से मुहैया कराया गया है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुरक्षा को खतरा और सरकारी बंगले में क्या संबंध है?
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रहे बूटा सिंह का कार्यकाल 2010 में पूरा हो गया था। इसके बाद भी उनके सरकारी बंगले के अलॉटमेंट को उनके फेवर में रेग्युलर करने के सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने यह जानना चाहा कि यह अलॉटमेंट बूटा सिंह के फेवर में रेग्युलर क्यों किया गया? किस प्रावधान के तहत ऐसा किया गया यह बताया जाए। अदालत ने कहा कि अवैध तरीके से कब्जा धारकों से मकान खाली कराने के मामले में एकसमान व्यवहार नहीं किया गया है। आप सभी से मकान खाली कराएं या फिर भेदभाव न करें। 

ठाणे में गिरी इमारत में मृतक संख्या हुई 26


ठाणे में गिरी इमारत में मृतक संख्या हुई 26

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। मुम्बई के ठाणे जिले में गिरी इमारत के कारण मृतकों की संख्या २६ हो गई है। इस हादसे में ६५ लोग घायल हो गये हैं। ठाणे के महापे रोड के शिल्पहाट के समीप यह नवनिर्मित इमारत कल शाम ढह गई। हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि ठाणे नगर निगम के अग्निशमन अधिकारी राहत और बचाव कार्याे में जुटे हुए हैं।
प्रशासन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया को बताया कि थाणे के शिल्पहाटा इलाके में कल हुई इमारत दुर्घटना में जख्मी ६५ लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती किया गया है। उनमें से २० लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। थाणे नगर निगम के दमकल कर्मचारी और पुलिस कर्मचारी पिछले १२ से १३ घंटों से बचाव व राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताय ाकि मलबा हटाने के लिए क्रेन की मदद भी ली जा रही है। दुर्घटनाग्रस्त सात मंजिली इमारत का निर्माण महज$ चार महीनों में अवैध रूप से किया गया था और दुर्घटना का यही कारण बताया जा रहा है। इस अवैध इमारत का बिल्डर फरार है और पुलिस उसे ढूंढ़ने में लगी हुई है।

मनीष तिवारी की नाक के नीचे यौन शोषण


मनीष तिवारी की नाक के नीचे यौन शोषण

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी की नाक के नीचे प्रसार भारती में यौन शौषण के गंभीर आरोप से कांग्रेस सकते में है। सरकारी रेडियो एफ एम गोल्ड में महिलाओं के यौन शोषण को लेकर दायर याचिका के बाद देश भर में सरकारी भर्राशाही पर बहस शुरु हो गई है। प्रसार भारती के उपक्रमों में अनुबंध के आधार पर काम करने वाली महिलाओं के यौन शोषण की बात सामने आने के बाद प्रसार भारती के नियम-कायदों को भी सवालों के घेरे में लाया जा रहा है।
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता मीरा मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि एफएम गोल्ड में कार्यरत महिलाओं का यौन उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया रिपोर्टाे के माध्यम से कथित तौर पर एफएम चौनल की महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न के बारे में पता चला था। इन रिपोर्टाे के अनुसार ये लोग पिछले कई वर्षाे से चौनल में काम करती थी। उनकी सेवाओं को बिना कोई कारण बताए समाप्त किया कर दिया गया। दायर याचिका में प्रसार भारती के एफएम गोल्ड तथा ऑल इंडिया रेडियो में महिला रेडियो प्रस्तोताओं का यौन उत्पीड़न एवं शोषण रोकने के निर्देश देने की मांग की गई है।
इस जनहित याचिका के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी मुरुगेसन और न्यायमूर्ति वीके जैन की खंडपीठ ने प्रसार भारती के सीईओ और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुये 15 मई तक जवाब देने को कहा है। माना जा रहा है कि महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर कुछ और मामले सामने आ सकते हैं।

चर्चा में रही एमपीटी का काकटेल डिनर!


चर्चा में रही एमपीटी का काकटेल डिनर!

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक नया वीडियो एड जारी किया है। इस अवसर पर भारत सरकार के पर्यटन विभाग के सचिव परवेज दीवान और मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक राघवेन्द्र सिंह सहित ट्रेवल और टूरिज्म क्षेत्र की जानी मानी हस्तियां मौजूद थीं।
सन् 2006 में मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने पहली बार विज्ञापन बाइस्कोप  से ’’हिन्दुस्तान का दिल देखो’’ जारी किया था। जिसको कि पर्यटन जगत में काफी सराहा गया। इसके माध्यम से प्रदेश के सभी मुख्य पर्यटन स्थलों को बखूबी दिखाया गया था। इसके बाद सन् 2008 में ’’ऑंखों के माध्यम’’ से ’’ हिन्दुस्तान का दिल देखों’’ भी काफी सराहनीय था।
सन् 2010 में तीसरा विज्ञापन ’’एम.पी. अजब है सबसे गज़ब है’’ जारी किया गया जिसमें हाथों के माध्यम से मध्यप्रदेश के दर्शनीय पर्यटन स्थलों के बारे में बताया गया। यह विज्ञापन भी पर्यटन के क्षेत्र में काफी सराहा गया और इसको राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया।
यहां जारी नये विज्ञापन में मध्यप्रदेश को परम्परागत तरीके से रंगों के माध्यम से कलात्मक तरीके से दर्शाया गया है। विज्ञापन मंे अबीर और गुलाल के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न दर्शनीय पर्यटन स्थलों को बड़ी खूबसूरती के साथ दर्शाया गया है। विज्ञापन मंें रंगों के माध्यम से देसी अथवा विदेश पर्यटकों को मध्यप्रदेश आमंत्रित करने का यह एक अनूठा तरीका है जो कि सभी को काफी आकर्षित करता है।
मध्य प्रदेश पर्याटन के आमंत्रण पत्र में काकटेल डिनर की चर्चा जमकर रही। दरअसल, दिल्ली सहित अनेक राज्यों में काकटेल पार्टी का तात्पर्य शराब से युक्त पार्टी माना जाता है। वैसे काकटेल का शाब्दिक अर्थ मिश्रित होता है, इस लिहाज से काकटेल डिनर का अर्थ मिश्रित डिनर माना जा सकता है।

राष्ट्रपति भवन सज्जा में अगला कदम


राष्ट्रपति भवन सज्जा में अगला कदम

(सुमित माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। भारत के राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने 2 अप्रैल, 2013 को राष्ट्रपति भवन के भूतल पर नए पुनर्सज्जित विवेकानंद और टैगोर अतिथि-कक्षों का अवलोकन किया। राष्ट्रपति जी के अतिथियों के लिए तैयार इन अतिथि-कक्षों की हाल ही में मरम्मत, पुनर्सज्जा तथा राष्ट्रपति भवन के विभिन्न हिस्सों से एकत्र की गई पेंटिंगों, कलाकृतियों तथा प्राचीन फर्नीचर से सजावट की गई है। पुनर्सज्जित विवेकानंद स्वीट का सबसे पहले प्रयोग सुप्रसिद्ध गायिका श्रीमती गिरिजा देवी ने किया, जिन्होंने हाल ही में राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया था।
भवन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एक नया कक्ष वीडियो कान्फ्रेंसिंग के लिए बनाया गया है, उम्मीद है कि यहां से राष्ट्रपति उन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संकाय तथा विद्यार्थियों से रू-ब-रू हो सकेंगे, जिनके वह कुलाध्यक्ष हैं। कुछ कक्षों को मिलाकर, जिनका अब तक उपयोग नहीं हो रहा था, उन्हें एक नए अनुसंधान एवं संदर्भ केंद्र में बदलकर स्टडी लाउँज बनाया गया है। यह अनुसंधान एवं संदर्भ केंद्र राष्ट्रपति जी तथा राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों के उपयोग के लिए है। इसके साथ ही साथ एक नया सभा कक्ष अधिकारियों के उपयोग के लिए भी तैयार किया गया है। 

साई बाबा संस्थान ने दी सफाई


साई बाबा संस्थान ने दी सफाई

(विनीता विश्वकर्मा)

पुणे (साई)। साई बाबा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किशोर मोरे ने संस्थान में घालमेल होने की बात से साफ इंकार किया है। उन्होंने कहा कि वे आरोपों से इतने आजिज आ चुके हैं कि पद छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह मामले की सीबीआई जांच को भी तैयार है।
ज्ञातव्य है कि आरटीआई कार्यकर्ता संजय काले ने आरोप लगाया है कि साईबाबा के भक्तों द्वारा चढाये गए सोने के आभूषणों को गलाने के दौरान बड़ा घपला किया गया है। राज्य सरकार के नियम के अनुसार इन जेवरों को मंदिर के त्योहारों या गुरुवार, रविवार को सार्वजनिक नीलामी करके बेचा जाना चाहिये।
काले ने आरोप लगाया है कि पिछले कई साल से निर्धारित तारीखों पर कोई नीलामी नहीं हुई, बल्कि सोने को गलवाने में भी अधिकारियों ने घपला किया। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पत्र लिखकर इन अधिकारियों की संपत्ति की जांच की मांग की है।
उधर, इन आरोपों को खारिज करते हुए साई संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किशोर मोरे ने कहा कि यह सब शिर्डी संस्थान को बदनाम करने की साजिश है । इससे लोगों की शिर्डी में आस्था कम होगी। संस्थान में कोई अनियमितता नहीं हुई है और इसकी सीबीआई जांच कराई जा सकती है।

पुलिस सुस्त अपराधी चुस्त


पुलिस सुस्त अपराधी चुस्त

(श्रवण मवई)

सीहोर (साई)। पिछले दो सप्ताह से दोराहा पुलिस नये खुलासे कर रही है। बीते दिनों छह आरोपियों के साथ आधा दर्जन से अधिक हथियारों को पत्रकारों को दिखाते हुए बताया गया कि पुलिस ने जान पर खेलकर इन आरोपियों और अवैध हथियारों को बरामद किया है। पुलिस द्वारा जारी की गई प्रेस नोट में इस हथियारकांड में बलवीर दांगी नामक आरोपी को फरार बताया।
ठीक एक सप्ताह बाद पुलिस ने बलवीर दांगी नामक शख्स को पत्रकारों के सामने प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह कुख्यात बदमाश है और पिछले डेढ़ साल से लूट के मामले में फरार था। इस पर पांच हजार रुपए का इनाम है। सवाल यही से खड़ा होता है पिछले डेढ़ साल में इस बलवीर दांगी ने अवैध हथियारों को दोराहा थाना क्षेत्र में ही आते जाते बेचा, इस डेढ़ साल के दौरान पुलिस क्या कर रही थी।
बलवीर दांगी पर पांच हजार का इनाम काफी समय पहले घोषित किया गया था। खैर पुलिस ने बलवीर दांगी को पत्रकारों के समक्ष पेश कर आखिरकार अपनी पीठ थपथपा ही ली। इधर पत्रकारों से बात करते हुए बलवीर दांगी ने एक लाइन में अपनी पीड़ा जाहिर की। उसने कहा पुलिस जो कहे वो सच...। दरअसल उसने यह जबाव एक वरिष्ठ पत्रकार के इस सवाल पर दिया था कि तुम्हारा गांव कासरखेड़ी कहां है और क्या तुम्हें वहीं से पकड़ा।
पुलिस ने दूसरी मर्तबा जारी अपनी प्रेस नोट में कहा है कि मुखबिर द्वारा थाना प्रभारी दोराहा डीएस चौहान को सूचना मिली कि कुख्यात बदमाश लूट का फरार आरोपी बलवीर सिंह दांगी निवासी ग्राम कासरखेड़ी जो कि करीबन डेढ़ साल पूर्व लूट की बड़ी वारदात कर फरार है। अपने गांव कासरखेड़ी अपने पैदा हुए बच्चे से मिलने के लिए आने वाला है। इस सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सक्सेना के निर्देशन में एक टीम का गठन किया गया। जिसमें अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अवनीश बंसल के नेतृत्व में थाना प्रभारी दोराहा डीएस चौहान, चौकी प्रभारी श्यामपुर सुश्री उर्मिला चौधरी, सहायक उप निरीक्षक राजेश यादव सहित एसडीओपी कार्यालय के कर्मचारी एवं थाना दोराहा व चौकी श्यामपुर के अधिकारी, कर्मचारियों की टीम गठित की गई। इस टीम द्वारा दिनांक 4.4.13 को यानि की आज गुरुवार को कुख्यात बदमाश बलवीर पिता स्व. बद्रीप्रसाद दांगी उम्र 35 साल निवासी कासरखेड़ी को पकड़कर उसके पास से एक 12बोर बंदूक व तीन कारतूस जिंदा तथा एक पिस्टल, जिंदा दो कारतूस, एक मोटर साइकिल प्लेटिना लाल रंग, बजाज कंपनी की जो चोरी की है। जब्त की गई। इस कार्रवाई में प्रधान आरक्षक अजय सल्लाम, ब्रह्माशंकर, रमेश सोनी, आरक्षक विरेन्द्र सिंह, सियाराम, संतोष सोनी, शैलेन्द्र सिंह तौमर, सुरेश कुमार प्रजापति, हेमंत विश्वकर्मा, विजय कोठारी, अब्दुल जमील, राधेश्याम का सराहनीय योगदान रहा।
पुलिस की ही प्रेस नोट के अनुसार पकड़े गए बलवीर दांगी पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट, अवैध हथियार एवं मारपीट संबंधी करीब एक दर्जन मामले सीहोर जिले के अंतर्गत दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त आधा दर्जन से अधिक मर्तबा प्रतिबंधात्मक कार्रवाई इसके विरुद्ध पुलिस द्वारा की गई। इसके द्वारा ग्राम छापरी एवं सेमरादांगी के बीच ठाकुर प्रसाद रघुवंशी निवासी कांजरखेड़ा को सरेराह अपने साथी दारानो के साथ हथियारों के बल पर लूटा गया था एवं इसके पश्चात पुनरू इसी माह में डकैती की तैयारी करते हुए इसके साथी दरानो को गिरफ्तार किया गया था तभी से लगातार (बलवीर दांगी) फरार चल रहा था। इसको गिरफ्तार करने हेतू पुलिस अधीक्षक सीहोर के द्वारा पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
पुलिस ने जारी की गई प्रेस नोट में कई सवालों के जबाव सीधे तौर पर नहीं दिए। पुलिस ने यह नहीं बताया कि चोरी की मोटर साईकिल बलवीर दांगी ने कहां से चोरी की और किस थाने में इस चोरी की मोटर साईकिल के मालिक ने कब चोरी का मामला दर्ज कराया। क्या बलवीर दांगी को इस बात का अंदाजा नहीं था या जानकारी नहीं थी कि पुलिस उसे रातों और दिन तलाश कर रही है और वह अपने गांव बिना खोफ के पहुंच गया। क्या बलवीर दांगी जिसे पुलिस कुख्यात अपराधी बता रही है वह इतना नासमझ है। यदि वह गांव आया भी तो इस बात की जानकारी होने के बावजूद भी कि पुलिस ने उसके साथियों को अवैध हथियारों के साथ एक हफ्ते पहले ही पकड़ा है। क्या वह अपने साथ एक बारह बोर की बंदूक, तीन कारतूस जिंदा, एक पिस्टल, जिंदा दो कारतूस साथ रखकर घूमेगा।
पुलिस द्वारा बताई जा रही कहानी में सबसे बड़ा सवाल यह है कि डेढ़ साल से फरार दोराहा थाना क्षेत्र का इनामी बदमाश बलवीर दांगी अपने साथियों सहित अवैध हथियारों की इसी क्षेत्र में तस्करी करता रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। तो यह माना जाए कि पुलिस का सूचना तंत्र पूरी तरह से फैल हो गया है या फिर बात कुछ और है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि लगभग एक माह पहले बलवीर दांगी का छोटा भाई छोटू जेल से हत्या के प्रयास के मामले में रिहा हुआ है। यह छोटू ही बड़ा करामाती निकला। इस छोटू ने वो करा दिया जिसकी अपेक्षा बलवीर को नहीं थी। अब देखिए ना मोबाईल भी बड़ी कमाल की चीज है ये जितनी सुविधा देता है उतनी दुविधा भी दे देता है। शायद अब बलवीर यही सोच रहा होगा।

सावधान! आने वाला है भारी जलसंकट


सावधान! आने वाला है भारी जलसंकट

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। इस वर्ष अल्पवर्षा के चलते कभी भी बारिश हो रही है। मानसून के मेहरबान न होने से बांध एवं तालाब समय पूर्व ही सूख चुके हैं, जिसके चलते आने वाली ग्रीष्म ऋतु में सिवनी जिले को भारी जलसंकट का सामना करना पड़ेगा। सफेद हाथी के नाम से मशहूर हो चुकी भीमगढ़ जलावर्धन परियोजना सिवनी के लिए अपर्याप्त है। बीते 20 वर्षाे में जिस तेजी से सिवनी आबादी बढ़ी है, उससे जलसंकट का होना लाजिमी है। साथ ही जल का दुरूपयोग भी जलसंकट का एक प्रमुख कारण है। जगह- जगह हो रही बोरिंग और मोटरों के माध्यम से पानी को खींचकर अपना घर भरकर दूसरों को प्यासा रखने वालों पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही हैं। ग्रीष्म ऋतु में छुट्टियों के चलते जहां कई धार्मिक एवं पारिवारिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें मेहमानों की संख्या बढ़ जाती है और पानी का व्यय भी अधिक होता है, किंतु मांग के मुकाबले पूर्ति और कम हो जाती है, जिससे आदमी चाहता है कि जितना पानी स्टॉक हो सके, कर लिया जाये। एक दिन नल न आने पर जो हा- हाकार देखने को मिलता है, वह कभी भी किसी बड़ी घटना की ओर इशारा करता है।  इसी तहर हर हफ्ता- दस दिन में पीएचई की पाईप लाईन फूट जाती है,जिसके मरम्मतीकरण के लिए कोई भी उच्चाधिकारी ध्यान नहीं देता। वहीं पीएचई मंत्री भी जिले की जलसमस्या से अनजान बने हुए हैं। शासन- प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनाकर आने वाले जलसंकट से निपटने के उपाय ढूंढ लिये जायें, अन्यथा सभी दार्शनिकों का कहना है कि अगले विश्वयुद्ध का यदि कोई सबसे बड़ा कारण होगा तो वह श्पानी्य ही होगा। 

फिर करोड़ों की घोषणाएं कर गए घोषणावीर मुख्यमंत्री


फिर करोड़ों की घोषणाएं कर गए घोषणावीर मुख्यमंत्री

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। घोषणावीर के रूप में मशहूर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान विगत दिनों अपने लखनादौन के प्रवास पर आये थे, वहां उन्होंने करोड़ों रूपये की नई योजनाओं की घोषणा की, कई करोड़ों की योजनाओं के भूमिपूजन भी किये। मजे की बात तो यह थी कि कई घोषणा ऐसी भी थी जो कि पूर्व में ही इनके श्रीमुख से निकल चुकी थीं। सभी को लग रहा था कि लखनादौन को जिला घोषित किया जा सकता है और एक तबका सिवनी में इस बात की हवा गर्म करने में भी लगा हुआ था, जो कि सुबह से चौक- चौराहों में घूम- घूमकर यह भ्रामक खबर फैला रहा था।
लखनादौन को जिला बनाये जाने की बात से सिवनीवासी दहशत में दिखाई दिये, क्योंकि बीते कुछ वर्षाे में इतना कुछ छिन जाने के बाद सभी को डर सताने लगा था कि कई पड़ोस में एक और जिला तैयार हो जाये तो बची कुची भी साख समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान काफी हां-ना, हां- ना के बाद सिवनी जिले में पधारे हैं और वह भी लखनादौन तहसील में इसलिए कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां न तो कांग्रेस भारी है न भाजपा, बल्कि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मुनमुन राय का गढ़ माना जाता है और वर्तमान में उनकी मां नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज है, जिन्हें मुख्यमंत्री के द्वारा विकास कार्य के लिये 01 करोड़ रूपये भी स्वीकृत किये गये। शिवराजसिंह चौहान के सिवनी नगर में आने का लोगों को उत्सुकता से इंतेजार है क्योंकि यहां किये गये कई वादे अब भी अधूरे पड़े हैं और फोरलेन संभाग, पेंच व्यपवर्तन और अन्य समस्याएं जस की तस बनी हुई है। देखना है कि सिवनी आकर वे घोषणा करते हैं या फिर पुरानी समस्याओं का समाधान..

डीसी ने किया सरपंचों के सम्मेलन को संबोधित

डीसी ने किया सरपंचों के सम्मेलन को संबोधित

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। ग्रामीण क्षेत्र में सभी वर्गों के पक्का मकान से वंचित गरीब व्यक्तियों को अपना पक्का मकान जल्द उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा प्रिय दर्शनी आवास योजना शुरु की गई है। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही इंदिरा आवास येजना भी जारी रहेगी। प्रिय दर्शनी आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए 90 हजार 100 रुपये की धनराशि लाभार्थियों को वित्तीय सहायता के रूप में 3 किस्तों में प्रदान की जाएगी।
इस धनराशि में निर्मल भारत अभियान के तहत स्वच्छ शौचालय के निर्माण हेतु दी जाने वाली 9100 रुपये की सहायता राशि भी शामिल है। यह जानकारी उपायुक्त चंद्रशेखर ने आज राजौंद में खंड के सरपंचों, पटवारियों, ग्राम सचिवों, नम्बरदारों व कानूनगो के सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में इंदिरा आवास योजना के तहत चिन्हित परिवारों को मकान उपलब्ध करवाना है।
इसका लाभ चरणबद्ध ढंग से उन परिवारों को भी मकान दिलवाना है, जिनके पास या तो मकान है ही नहीं या फिर कच्चा मकान है। इस योजना का लाभ इंदिरा आवास योजना की स्थाई प्रतिक्षा सूची के परिवारों तथा महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 100 वर्ग गज के प्लॉट प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को दिया जाएगा। लाभपात्रों की पहचान का दायित्व ग्राम स्तरीय कमेटी का होगा, जो संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की निगरानी में कार्य करेगी।
चिन्हित लाभ पात्रों की सूची को ग्राम सभा की बैठक में रखा जाएगा। इस योजना में इंदिरा आवास योजना की स्थाई सूची में शामिल परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने इस योजना के तहत उपलब्ध करवाई जाने वाली वित्तीय सहायता के बारे में कहा कि पक्का मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता के तौर पर 90 हजार 100 रुपये की धनराशि 3 किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त में 25 हजार रुपये स्वीकृति पत्र समेत अग्रिम रूप में दी जाएगी।
घर का निर्माण कार्य लैंटर स्तर तक होने पर 35 हजार रुपये के रूप में द्वितीय किस्त दी जाएगी। तीसरी किस्त के रूप में दरवाजे खिड़कियां लगने के बाद 21 हजार रुपये दिए जाएंगे, जिससे अन्य शेष कार्य पूर्ण करवाए जाएंगे। निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत इस योजना के प्रत्येक लाभपात्र को स्वच्छ शौचालय के निर्माण के लिए 9100 रुपये की सहायता दी जाएगी। लाभपात्र को मकान का निर्माण अपने स्तर पर करना होगा। निर्माण कार्य में अच्छी निर्माण सामग्री सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में प्रियदर्शनी आवास योजना के तहत 7 से 10 अप्रैल तक ग्राम सभाओं का आयोजन करके ग्राम वासियों को इस योजना की जानकारी दी जाएगी तथा आवेदन पत्र भी मुफ्त वितरित किए जाएंगे। इस योजना के तहत किसी भी वर्ग का बेघर या कच्चा मकान वाला व्यक्ति आवेदन कर सकता है। ग्राम स्तर पर आवेदन पत्रों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें ग्राम सचिव, पटवारी, सरपंच या वार्ड का पंच शामिल होंगे।
ग्राम सचिव 10 अप्रैल से 15 अप्रैल तक इस योजना के आवेदन प्राप्त करेंगे तथा आवेदक को पावती रसीद भी देंगे। इसके पश्चात 15 अप्रैल से 22 अप्रैल तक ग्राम स्तरीय क मेटी द्वारा मौके पर जांच करके आवेदन पत्रों पर रिपोर्ट करेंगे। खंड स्तरी कमेटी द्वारा 23 अप्रैल से 3 मई तक इन आवेदन पत्रों की पूनरू जांच की जाएगी तथा 4 मई से 5 मई तक इसकी वांछित रूप में रिपोर्ट खंड विकास एंव पंचायत अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में जमा करवानी होगी। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त दिनेश सिंह यादव, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश खोथ, बीडीपीओ सूरजभान सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

जिला पंचायत अधिकारी ने चलाया सफाई अभियान


जिला पंचायत अधिकारी ने चलाया सफाई अभियान

(ब्यूरो कार्यालय)

कैथल (साई)। राजौंद में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश कौथ की अगुवाई में सफाई अभियान का शुभारंभ किया गया। सफाई अभियान की शुरुआत  कैथल रोड़ से गोगा माड़ी के सामने से की गई जो कैथल असंध मार्ग तक दोपहर 2 बजे तक जारी रही। इस सफाई अभियान में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सूरजभान ग्रोवर, गांव के सरपंच पवन जैलदार, रोहेड़ा के सरपंच सतबीर कुण्डू, कोटड़ा के सरपंच शेखर, कसान के सरपंच बलजीत सिंह के अलावा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के सभी कर्मचारी, ग्राम सचिव, ब्लाक के सभी सफाई कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
सुबह 8 बजे शुरू हुआ सफाई अभियान दोपहर तक जारी रहा। सफाई के दौरान कैथल असंध मार्ग पर दोनों ओर बनाए गए नालों की सफाई के अलावा सडक़ पर पड़े गंदगी के ढेरों को भी उठाया गया। इसके अलावा जेसीबी मशीन के सहयोग से गांव के बीच पुराना गुरुद्वारा के पास पड़ी गंदगी भी उठाई गई। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश खौथ ने कहा कि जहां सफाई स्वच्छता होती है वहां का वातावरण शुद्ध होता है और बीमारियां भी नहीं फैलती।
इसलिए हर ग्रामीण का यह कर्त्तव्य बनता है कि वह अपने आसपास सफाई पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने कहा कि जिस गांव में सफाई व स्वच्छता पाई जाऐगी उस गांव के विकास में कोई रुकावटें आड़े नहीं आऐगी।

विक्षिप्त ने की नौ लोगों की हत्या


विक्षिप्त ने की नौ लोगों की हत्या

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक विक्षिप्त व्यक्ति ने कुल्हाड़ी मारकर नौ लोगों की हत्या कर दी है। मरने वालों में चार महिलाएं और पांच बच्चियां शामिल है। बलरामपुर जिले के पुलिस अधीक्षक जीएस दरे ने आज भाषा को दूरभाष पर बताया कि जिले के सामरी पाठ थाना क्षेत्र के अंतर्गत सामरी गांव में 35वर्षीय पांडु नगेशिया ने कुल्हाड़ी मारकर नौ लोगों की हत्या कर दी है।
दरे ने बताया कि गांव के पुरुष जब करीब के खदान में कार्य करने के लिए गए हुए थे तब आज दोपहर बाद लगभग डेढ़ बजे पांडु नगेशिया महिलाओं के घरों में पहुंचा और अचानक हमला कर दिया। इस हमले में चार महिलाएं और पांच बच्चियों की मौत हो गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद पांडु स्वयं को एक कमरे में बंद कर लिया था। वहीं इस घटना की जानकारी जब अन्य ग्रामीणों को हुई तब उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। बाद में पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से पांडु को गिरफ्तार कर लिया।
दरे ने बताया कि पुलिस ने पांडु से हथियार भी बरामद कर लिया है। तथा उससे पूछताछ की जा रही है। ग्रामीणों के मुताबिक पांडु विक्षिप्त है। इधर बलरामपुर जिले के कलेक्टर सीआर प्रसन्ना ने बताया कि जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 25-25हजार रुपए की तत्काल सहायता राशि प्रदान की है।

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चश्मे बद्दूर

कलाकार: अली जाफर, दिव्येंदू शर्मा, सिद्धार्थ नारायण, तापसी पन्नू, ऋषि कपूर, लिलिट दूबे, अनुपम खेर

निर्माता निर्देशक: डेविड धवन

गीत: नीलेश मिश्रा, कौसर मुनीर,

संगीत: साजिद-वाजिद

80 का दशक ग्लैमर इंडस्ट्री में उस दौर की याद दिलाता है, जब फैमिली क्लास ने सिनेमाघरों से दूरी बनाई। इसी दौर में शुरू हुआ सिंगल स्क्रीन पर ताले लगने का दौर अभी भी थमा नहीं है। ट्रेड ऐनालिस्ट इस दौर को ग्लैमर इंडस्ट्री का बुरा वक्त मानते हैं। पिछले हफ्ते इसी दशक में रिलीज़ हुई हिम्मतवाला के रीमेक को दर्शकों और क्रिटिक्स ने धो दिया।
डेविड धवन ने भी इसी दौर में रिलीज हुई सई परांजपे की फिल्म के सीक्वल को इस हफ्ते रिलीज़ किया। सई नहीं चाहती थीं कि उनकी फिल्म को एकबार फिर नए सिरे से बनाया जाए। लेकिन प्रॉडक्शन कंपनी ने सई की इच्छा को दरकिनार करके डेविड को इस फिल्म को नए सिरे से बनाने का ग्रीन सिग्नल दिया। ऐसा पहली बार होगा जब किसी मल्टिप्लेक्स में इसी टाइटल से बनी सई और डेविड धवन की दोनों फिल्में एकसाथ चल रही होंगी।
वैसे, अगर आपने डेविड की कुली नंबर वन, राजा बाबू और रास्कल्स वगैरह कोई फिल्म पहले से देखी है, तो यकीनन आप डेविड की पूरी फिल्म तो दूर, फिल्म के किसी एक सीन का मुकाबला भी सई की फिल्म से नहीं करेंगे। बॉलिवुड में डेविड अपने शुरुआती दौर से कहते आए हैं कि उनकी फिल्म देखने जा रहे हैं तो दिमाग घर रखकर जाएं।
फिल्म की कहानी तीन दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है। गोवा की एक छोटी सी बस्ती में सिड (अली जाफर), जय (सिद्धार्थ नारायण) और ओमी (दिव्येंदू शर्मा) एक साथ रहते हैं। कहने को तो तीनों पक्के दोस्त हैं, लेकिन बात जब लड़की की हो तो ओम और जय बाजी मारने आगे हो जाते है। खूबसूरत लड़कियों का पीछा करना ओमी और जय की पुरानी आदत है। एक दिन जब इनके पड़ोस में एक खूबसूरत लड़की सीमा (तापसी पन्नू) रहने आती है, तो जय और ओमी दोनों उसे अपना बनाने में लग जाते हैं। दरअसल, सीमा अपने घर से भागकर अंकल ( अनुपम खेर) के पास रहने आई है। सीमा के पिता सेना में आला अफसर है और अपनी बेटी की शादी किसी सिविलियन से करने को राजी नहीं है। सीमा सिद्धार्थ की तरफ आकर्षित होने लगती है। सीमा और सिद्धार्थ की बढ़ती नजदीकियों को देख जय और ओमी इनके बीच दरार डालने में लग जाते है। और सिद्धार्थ की नजरों में सीमा की इमेज गिराने के लिए रोज नई-नई चालें चलते हैं। इस कहानी के साथ साथ फिल्म में जोसफ ( ऋषि कपूर) और जोसफनी ( लिलिट दूबे) की लव स्टोरी भी चलती है जो दर्शकों को बांध नहीं पाती।
ऐक्टिंग के मामले में अली जाफर, सिद्धार्थ और दिव्येंदू शर्मा की तुलना पिछली फिल्म के कलाकारों फारूख शेख, रवि वासवानी और राकेश बेदी से करना बेमानी होगा। अगर इस कसौटी पर इनकी ऐक्टिंग को परखा जाए तो अली जाफर को छोड़ हर कोई निराश करता हैं। वैसे भी डेविड अपनी फिल्मों में कलाकारों को अपने ढंग से ऐक्टिंग करने की छूट देते हैं। यही वजह है कि सिद्धार्थ और दिव्येंदू और अनुपम खेर लाउड डायलॉग डिलिवरी और ओवर ऐक्टिंग के शिकार हैं। अली जाफर कुछ सीन में प्रभावित करते हैं। ऋषि कपूर ने किस मजबूरी में इस फिल्म को किया यह तो वही बता सकते हैं। लिलिट दूबे, ने वही किया, जो उन्हें करने के लिए दिया गया। न्यूकमर तापसी पन्नू के चेहरे की मासूमियत देखने लायक है।
डेविड धवन बरसों से जैसा करते आए हैं, इस बार भी उन्होंने वही कुछ दोहराया है। डेविड के काम करने का स्टाइल यंग डायरेक्टरों की सोच से अलग है। वह ऐसी फिल्म बनाते हैं, जिसमें कोई कुछ भी कर सकता है। यही सब इस फिल्म में भी है।
संगीत: इस फिल्म का गाना श्हर एक फ्रेंड कमीना होता है...श् रिलीज से पहले कई म्यूजिक चार्ट में टॉप फाइव में शामिल हो चुका है। श्अंधा घोड़ा रेस में दौड़ाश् गाने का फिल्मांकन अच्छा बन पड़ा है।

कांग्रेस और नेताजी का हनीमून ओवर


कांग्रेस और नेताजी का हनीमून ओवर

शेख शकील,

समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव पिछले कुछ दिनो से केन्द्र की यूपीए सरकार जो सपा की सायकिल के भरोसे ही चल रही है लेकिन सायकिल के केरियर पर बैंठे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दच्के कुदाकर बार-बार यह जताने की कोशिश कर रहे है कि यदि सायकिल के पहिये पर ब्रैक लगा तो यूपीए सरकार सडक पर आ जाएगी ।
हाल ही में आया नेताजी का बयान कि कांग्रेस से लड़ना मुश्किल है कांग्रेस जेल में डलवा देगी या सीबीआई को पीछे लगा देगी ! इस बयान के बाद राजनैतिक सरगर्मी बढी लेकिन बार-बार नेताजी के आने वाले बयान की छानबीन की जाए तो पता चलेगा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव एक तरह से कांग्रेस के लिए ही काम कर रहे है !
भारतीय जनता पार्टी के नेताओ की संसद से लेकर सड़क तक तारीफ करने वाले नेताजी कुछ दिवस पूर्व सदन में यह भी कह चुके है कि अगर भाजपा अपने हिदुत्व के मुददे से हट जाये तो आगामी लोकसभा चुनाव में वे भाजपा के साथ जाने पर विचार कर सकते है । यही नही सपा प्रमुख भाजपा और संघ से जुडे रहे नेताओ की मंच से तारिफ करने में गुरेज नही कर रहे है तो क्या सपा और भाजपा का गठजोड़ हो सकता है ।
यह कयास लगाना एक तरह से बेईमानी होगी क्योकि उत्तर प्रदेश में सेकण्ड सीएम कहे जाने वाले आजम खां खुले तौर पर कह चुके है कि बाबरी मस्जिद के गुनहगारो से किसी किमत पर समझौता नही हो सकता ! मतलब साफ है कि अगर मुलायम सिंह ताकतवर है और यूपीए सरकार से लड़ने की ताकत रखते है तो समर्थन वापस क्यो नही ले लेते जब समर्थन वापस लेने की बात आती है तो मुलायम सांमप्रदायिक ताकतो को रोकने का अलाप रागने लग जाते है ! लेकिन अगली सुबह फिर उत्तर प्रदेश में किसी मंच से कांग्रेस को निशाने पर ले लेते है ।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव एकतरह से कांग्रेस के लिए ही इस तरह की बयानबाजी कर रहे है ! विपक्ष के भारी विरोध के चलते उलझी कांग्रेस को आये दिन आने वाला मुलायम सिंह का एक बयान कांग्रेस के लिए आक्सीजन का काम कर रहा है ! मुलायम सिंह के बयान पर 24 घंटे न्यूज चौनल राजनैतिक पंड़ितो केा बैठाकर दर्शकों को बांधे रखने और अगले चुनाव का डर बता कर टीआरपी बटौर रहे है ! पिछले दिनो बंगाल की शैरनी कही जाने वाली तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बेनर्जी ने कांग्रेस को बता दिया कि मर्दानगी शब्द केवल मर्दाे की जागिर नही जो साहस के साथ डटा रहे वही बहादुर है । लेकिन मुलायम सिंह यादव सर्मथन वापस लेने के नाम पर कांग्रेस को डरा तो रहे है लेकिन सर्मथन वापस नही ले रहे है ।
मुलायम सिंह यादव के लगातार आ रहे कांग्रेस विरोधी बयान कांग्रेसी नेताओ के लिए फायदेमंद साबित हो रहे है वही विपक्ष में बैठे और यूपीए का साथ छोड़ कर गये नेताओ के लिए डर का वातावरण बना रहे है । मुलायम सिंह यादव का कहना कि कांग्रेस से लड़ना मुश्किल है ! इस बयान का एक मतलब यह भी निकाला जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी और उन नेताओ को अप्रत्यक्ष रूप से डराया जा रहा है जो कांग्रेस को उसकी गलती गिना रहे है है । पिछले दिनो भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गडकरी की हुई मटिया पलित और डीएमके के समर्थन वापस के बाद हुई सीबीआई की कार्यवाही इन दोनो को जोड़ कर देखा जाए तो मुलायम सिंह यादव कांग्रेस को घेरने वाले लोगो को यह संदेश दे रहे है कि अगर कांग्रेस को अगर कोई छेडे़गा तो कांग्रेस किसी को नही छोडेगी ।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव अपनी ताकत जानते है और ताकत के नाम पर सपा शासन काल में हो रहे उन कामो से भी भली भांती परिचित है जिसे सियासत में तरक्की और आम आदमी की नजर में काले कारनामें कहे जाते है । मतलब साफ है कि मुलायम सिंह के बयान कांग्रेस की एक रणनीति का हिस्सा हो सकते है सबसे बडा और अहम सवाल यह है कि यूपीए सरकार की तमाम बुराई के बावजूद भी नेताजी कांग्रेस का दामन छोड़ने को तैयार नही है
(लेखक तेज न्यूज डॉट काम के संपादक हैं)