बुधवार, 24 जुलाई 2013

अंततः प्रशासन ने ली आयुष कर्मियों की सुध

अंततः प्रशासन ने ली आयुष कर्मियों की सुध

(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। लंबे समय से चर्चाओं का केंद्र बना जिले का आयुष विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है। दैनिक हिन्द गजट द्वारा वेतन के लाले हैं आयुष विभाग मेंशीर्षक से समाचार प्रकाशन के उपरांत प्रशासन हरकत में आया और आज डिप्टी कलेक्टर सुनीता खण्डाईत द्वारा आयुष विभाग के वेतन देयकों को कोषालय भेजने की कार्यवाही की गई।
जिला कलेक्टरेट के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि हिन्द गजट में समाचार प्रकाशन के उपरांत प्रशासन हरकत में आया है। आज डिप्टी कलेक्टर सुश्री खण्डाईत में देयकों को देखकर उन्हें कोषालय भेजा गया। सूत्रों ने बताया कि जिला आयुष अधिकारी द्वारा प्रेषित इन देयकों में अनेक कर्मचारियों के वेतन अकारण रोके गए हैं।
सूत्रों के अनुसार जब अकारण ही कर्मचारियों के वेतन रोकने की बात सुश्री खण्डाईत के संज्ञान में लाई गई तो उन्होंने तत्काल इस पर संज्ञान लेकर किसी का भी वेतन अकारण ना रोके जाने के निर्देश दिए हैं। ज्ञातव्य है कि आयुष विभाग में यह चर्चा तेजी से चल रही है कि अपने खिलाफ हुई शिकायतों से खफा होकर जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश चंद्र गर्ग द्वारा कर्मचारियों को जबरन प्रताड़ित किया जा रहा है।

वहीं कोषालय के सूत्रों का कहना है कि उन्हें प्राप्त देयकों में कई जगह पर सफेदा लगाकर कांट छांट की गई है। कहा जा रहा है कि देयकों में एक बार फिर सुधार कर बुधवार को उन्हें कोषालय भेजा जा सकता है। तब जाकर कहीं गुरूवार को आयुष विभाग के कर्मचारियों को जून माह का वेतन नसीब हो सकता है।

एनएचएआई के दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की गुहार लगाई गुड्डू ने

एनएचएआई के दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की गुहार लगाई गुड्डू ने

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक सात की दुर्दशा और बारिश में आए दिन लगने वाले जाम से आजिज आकर सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र ठाकुर द्वारा जिला कलेक्टर से एनएचएआई के जवाबदेह अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की है।
आज जिला कलेक्टर भरत यादव को सौंपे एक पत्र में नरेंद्र ठाकुर ने कहा है कि सिवनी जिले सहित जबलपुर, बालाघाट, मण्डला, नरसिंहपुर आदि जिलों के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए नागपुर जाने हेतु एनएच 7 ही इकलौता विकल्प है। साथ ही साथ उपरोक्त समस्त जिले व्यापार, रोजगार आदि के लिए भी एनएच सात पर ही निर्भर हैं। इस तरह देखा जाए तो यह सड़क इन जिलों के लिए जीवन रेखा से कम नहीं है।
नरेंद्र ठाकुर ने अपने पत्र में आगे कहा है कि सिवनी जिले के मोहगांव से लेकर खवासा तक का मार्ग पूरी तरह जर्जरावस्था को पा चुका है, जिससे यहां प्रतिदिन घण्टों जाम लगा रहता है। इतना ही नहीं सड़क के इस हिस्से में अनेकों दुर्घटनाएं घटी हैं जिसमें ना जाने कितनी मौतें हो चुकी हैं। आलम यह है कि इस जर्जर सड़क से होकर गुजरने वाले एंबूलेंस में भी जाम में फंसकर अनेक जाने जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुरई और खवासा के बीच पचधार नदी का पुल बुरी तरह जर्जर हो चुका है। इस मार्ग से हल्के वाहन ही होकर गुजरने की इजाजत दी गई है। यहां से भारी वाहन गुजरना प्रतिबंधित कर दिया गया है। ज्ञातव्य है कि उक्त पुल काफी पुराना और जर्जर हो चुका है।
नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि एनएचएआई के ध्रतराष्ट्र बने अधिकारियों को इस पुल की स्थिति काफी पहले देखकर इसका निर्माण करवा लिया जाना था, वस्तुतः ऐसा हुआ नहीं है। उन्होंने पुरजोर तरीके से इस बात को कहा है कि एनएचएआई के जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही, उदासीनता, अदूरदर्शिता के चलते आज यह जीवन रेखा बंद होने के कगार पर है। इसके चलते सिवनी सहित पड़ोसी जिलों को काफी अधिक मात्रा में आर्थिक और जनजीवन की हानि उठानी पड़ रही है।

नरेंद्र ठाकुर ने जिला कलेक्टर से अपील की है कि उक्त सड़क एवं पचधार के पुल की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

एचपीसीएल के नौ पेट्रोल पंप संचालित हैं सिवनी में

एचपीसीएल के नौ पेट्रोल पंप संचालित हैं सिवनी में

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा प्रदेश के सिवनी जिले में नौ पेट्रोल पंप आवंटित किए गए हैं। इनमें से अनेक पंप नियमों को बलाए ताक पर रखकर अपना काम कर रहे हैं।
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी जिले में एचपीसीएल द्वारा आवंटित इन पेट्रोल पंप में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड की सूची में 424 नंबर पर जनरल ट्रेडिंग कार्पोरेशन, बस स्टेंड सिवनी दर्ज है जिसके प्रोप्राईटर अब्बास भाई हैं।
इसी तरह 425 नंबर पर प्रदीप चंद मालू के स्वामित्व वाला मेसर्स नेमी चंद मालू पंप, 426 नंबर पर दीपेंद्र सिंह करवेती के स्वामित्व मंें मेसर्स साई कृपा पंप, 427 नंबर पर बारापत्थर खवासा में श्रीमति तमन्ना मालू के स्वामित्व वाला मेसर्स ओम साई एचपी पंप, 428 नंबर पर कचहरी चौक लखनादौन में अभिलाषा गोल्हानी के स्वामित्व वाला भीष्म पेट्रोलियम दर्ज है।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड की सूची में मण्डला रोड़ केवलारी का राम कुमार ठाकुर के स्वामित्व वाला मेसर्स राम पेट्रोलियम नंबर 429 पर दर्ज है। 430 नंबर पर धनोरा में दीपेश जैन के स्वामित्व वाला मेसर्स राजदीप फ्यूल्स दर्ज है।

सूत्रों ने यह भी बताया कि 431 नंबर पर लखनादौन के बम्होड़ी में शराब व्यवसाई रहे, लखनादौन मस्जिद के सरपरस्त, वरिष्ठ अधिवक्ता तथा लखनादौन बार काउॅंसिल के अध्यक्ष, नगर पंचायत लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय के स्वामित्व वाला राय पेट्रोलियम दर्ज है। इसके साथ ही साथ 432 नंबर पर पंकज कुमार अग्रवाल के स्वामित्व वाला बरगी रोड घंसौर का पंकज कार्पोरेशन वाला पंप दर्ज है।

भारी दबाव में काम कर रही है कोतवाली पुलिस!

भारी दबाव में काम कर रही है कोतवाली पुलिस!

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनी (साई)। जिला मुख्यालय की कोतवाली पुलिस का स्वास्थ्य बेहतर नहीं माना जा सकता है। कोतवाली पुलिस को भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। यह दबाव अपराधियों या जरायमपेशा लोगों का नहीं वरन् सियासी लोगों का है। जी हां, पुलिस सूत्रों का यही दावा है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कोतवाली सीमा के अंदर होने वाले अपराधों में अपराधी को पकड़कर कोतवाली लाने के पहले ही जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के पास उन्हें छुड़ाने के लिए मोबाईल फोन पहुंच जाते हैं। कई बार तो जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को यह भी पता नहीं होता है कि आखिर फोन किसे और किस जुर्म के तहत पकड़े जाने पर छुड़ाने के लिए किया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि एक बार तो नगर कोतवाल को शहर में कहीं सार्वजनिक स्थान पर दारू खोरी होने की सूचना मिलने पर, उन्होंने पुलिस पार्टी इन सुरा प्रेमियों को पकड़ने रवाना की। सूत्रों की मानें तो पुलिस पार्टी इन दारू खोरों को पकड़कर कोतवाली ला भी नहीं पाई और नगर कोतवाल के पास फोन पर फोन आने आरंभ हो गए कि फलां को छोड़ दिया जाए।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में पुलिस पर हर कदम पर बनने वाले इस राजनैतिक दबाव के चलते पुलिस कर्मी स्वच्छंद सांसे भी नहीं ले पा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तो अब किसी के लिए भी आने वाले सियासी तौर पर सिफारिशी फोन को मीडिया तक पहुंचाने का मन भी बना रहे हैं।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि कोतवाली सिवनी में जबर्दस्त तरीके से राजनैतिक दखलंदाजी बढ़ चुकी है। यह आलम तब है जब सिवनी जिले के तीन भाजपा विधायकों में से एक भी मंत्री नहीं है। आम आदमी आज अपने साथ हुई घटना की रपट थाने में लिखवाने से गुरेज ही करने लगा है।
यातायात पुलिस भी चेहरा देख देखकर ही लोगों के चालान बना रही है। पुलिस अधीक्षक निवास को जिला कलेक्टर के निवास को जोड़ने वाले सिवनी के अघोषित राजपथपर सड़क पर ही लोगों द्वारा अपने अपने वाहन पार्क कर दिए जाते हैं जिससे आवागमन प्रभावित हुए बिना नहीं रहता है। यह स्थिति तब भी जस की तस ही बनी रहती है जब शाम ढलते ही यातायात पुलिस द्वारा बाहुबली चौक पर वाहनों की चेकिंग की जाती है।

वहीं, जिला चिकित्सालय के सामने बने शापिंग कॉम्पलेक्स में रात गहराते ही शोहदों और मनचलों की भीड़ जमा होने लगती है। सियासी दखलंदाजी के चलते पुलिस का खौफ अब कम हो चुका है। आलम यह होता है कि शहर के राजपथपर लगने वाले अण्डों के ठेलों और आसपास की जगहों पर सरेआम मदिरापान किया जाता है। सुबह जब दुकानदार अपने प्रतिष्ठान पहुंचते हैं तो कई बार उन्हें वहां शराब की साबुत अथवा फूटी बोतलें, डिस्पोजेबल ग्लास, पानी और नमकीन के पाउच पड़े मिलते हैं।

खतरे में भीमगढ़ बांध!

खतरे में भीमगढ़ बांध!

(शरद खरे)

सिवनी जिले के लिए संजय सरोवर परियोजना वाकई एक नायाब तोहफा है तत्कालीन कबीना मंत्री विमला वर्मा का। एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध की परिकल्पना जिस उद्देश्य को लेकर की गई थी, कालांतर में वह उद्देश्य कुछ फीका सा पड़ता दिखाई दे रहा है। इस बांध के पानी का उपयोग केवलारी और पलारी क्षेत्र के लोग ही कर पा रहे हैं। वैसे जिला मुख्यालय में इस बांध से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है।
जिला मुख्यालय से लगभग चालीस किलोमीटर दूर अवस्थित भीमगढ़ बांध परियोजना का काम 1972 में आरंभ किया गया था। 243 करोड़ 47 लाख रूपए की प्रस्तावित लागत से उस समय निर्मित इस बांध की लंबाई 3991.15 मीटर है। यह सिवनी की पुण्य सलिला बैनगंगा नदी के उद्गम मुण्डारा से नदी मार्ग से लगभग साठ किलोमीटर दूर स्थित है। इसके पक्के बांध की लंबाई 279.81 मीटर, एवं उंचाई 42.67 मीटर है। बांध की पूर्ण जलस्तर क्षमता 410 मीटर एवं अनुपयोगी जल संग्रहण क्षमता 97 मीटर है।
ज्ञातव्य है कि इस बांध के निर्माण के दौरान 43 ग्राम डूब क्षेत्र में आये थे लेकिन इस क्षेत्र में संग्रहित पानी से कुल कृषि योग कमांड क्षेत्र 1 लाख 36 हजार 305 हेक्टेयर है, सिंचाई योग कमांड क्षेत्र 81839 हेक्टेयर है। प्रस्तावित वार्षिक सिंचाई सिवनी जिले में 67630 हेक्टेयर है तथा बालाघाट में 37623 हेक्टेयर इस तरह इनका योग 105253 हेक्टेयर है।
उल्लेखनीय है कि इस बांध को नहर प्रणाली से 3 भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें भीमगढ़ दायींतट नहर के अंतर्गत वार्षिक सिंचाई 44 हजार 697 हेक्टेयर भूमि पर की जाती है, तिलवारा बायीं तट नहर से वार्षिक सिंचाई 18977 हेक्टेयर पर, रूमाल एवं बरगुर नहर से वार्षिक सिंचाई 3956 हेक्टेयर भूमि पर इसी तरह बालाघाट जिले में भी इसका विभाजन दो नहरों के माध्यम से किया गया है, जिसमें ढूंढी बायीं तट नहर से वार्षिक सिंचाई 35144 हेक्टेयर भूमि पर एवं ढूंढी दायीं तट नहर से रवि सिंचाई 2479 हेक्टेयर भूमि में की जाती है। सिवनी एवं बालाघाट जिलों में इन नहरों के माध्यम से सिवनी जिले के 193 ग्राम लाभांवित होते है वहीं बालाघाट जिले के 114 ग्राम इस तरह 307 ग्रामों को इसका लाभ मिलता है। सिंचाई के साथ साथ इस बांध के माध्यम से प्रस्तावित जल विद्युत क्षमता 4 यूनिट या 3450 किलोवाट की है। गौरतलब बिन्दु यह है कि इस सरोवर से सिवनी शहर में 5 एम.जी.डी पेयजल सप्लाई किया जाना प्रस्तावित था और छपारा ग्राम में 0.5 एम.जी.डी. का प्रावधान किया गया था।
इस तरह इतनी सारी खूबियें को अपने अंदर समेटने वाले भीमगढ़ बांध को कुछ सालों पहले पर्यटन के लिए भी तैयार करवाया जा रहा था। पर्यटक तो यहां आना चाहते हैं, यहां की खूबसूरत वादियां और अथाह जलराशि देखते ही बनती है। विदेशी पक्षियों का यहां डेरा होता है जो पर्यटकों को बरबस ही आकर्षित करता है। विडम्बना ही कही जाएगी कि भीमगढ़ बांध के आसपास पर्यटकों को दिन दो दिन क्या घंटे दो घंटे रूकने के लिए भी छत मुहैया नहीं होती है। यही कारण है कि पर्यटक यहां आने से कतराने लगे हैं। अगर भीमगढ़ बांध के आसपास सरकारी और गैर सरकारी तौर पर रूकने की व्यवस्था उपलब्ध हो जाए तो इस बांध के आसपास चहल पहल बढ़ सकती है।
खुफिया सूत्रों द्वारा यह भी सूचना सामने आई कि इस बांध पर आतंकी खतरा मण्डरा रहा है। इस बांध को अगर नक्सली या आतंकियों ने अपना शिकार बना लिया तो निश्चित तौर पर केवलारी और बरघाट विधानसभा क्षेत्र के साथ ही साथ बालाघाट, भण्डारा जिलों में कहर बरप सकता है। यह तो संतोष की बात है कि जिला कलेक्टर ने इस बात को संजीदगी से लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इसकी सुरक्षा के लिए ताकीद कर दिया है।
वैसे भीमगढ़ बांध की सुरक्षा और संधारण के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जाने आवश्यक हैं। बारिश का मौसम है, इस मौसम में भीमगढ़ बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अभी सावन का महीना आरंभ ही नहीं हुआ और भीमगढ़ के दो गेट खोलने पड़ गए जिससे बारिश के तेज का अंदाजा लगाया जा सकता है। अब सावन भी लग चुका है। सावन और भादों में पानी गिरेगा ही, इस पानी से भीमगढ़ में जलस्तर तेजी से बढ़ेगा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। भीमगढ़ में पानी के बढ़ते स्तर की सतत मानिटरिंग की जरूरत है।
कहा जा रहा है कि इस बांध के निरीक्षण के लिए तैनात सरकारी मुलाजिम इस ओर झांकना भी अपनी गरिमा के प्रतिकूल समझते हैं। बारिश में कई बार भीमगढ़ बांध तक पहुंचना मुश्किल होता है। कई बार तो बारिश का कहर इतना तेज होता है, कि जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है। इस तरह की परिस्थितियां वाकई विस्फोटक होती हैं। एक बार मुलताई के एक डेम में जलस्तर तेजी से बढ़ गया था और संबंधित स्टाफ मौके पर नहीं पहुंच सका था। उस समय यहां भारी तबाही हुई थी।

संवेदनशील जिला कलेक्टर भरत यादव ने इस बांध का निरीक्षण भी किया है, जो सराहनीय ही कहा जाएगा। जिला कलेक्टर से अपेक्षा है कि अथाह जलराशि अपने अंदर समेटे भीमगढ़ बांध की सुरक्षा और संधारण के लिए सिंचाई विभाग को कड़े निर्देश दें। साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित करें कि उनके निर्देशों का अनुपालन सही तरीके से हो रहा है। यह वाकई एक संवेदनशील मामला है जिसमें जरा सी चूक भी भारी तबाही का कारण बन सकती है।