मंगलवार, 10 जनवरी 2012

युवराज की मुखालफत करते सिब्बल!


ये है दिल्ली मेरी जान



(लिमटी खरे)

युवराज की मुखालफत करते सिब्बल!
देश के मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल पिछले लंबे अरसे से इस बात से खासे आहत हैं कि इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर उन्हें जमकर निशाना बनाया जा रहा है। इससे आजिज आकर कपिल सिब्बल ने इस पर पाबंदी लगाने की बात तक कह डाली। कांग्रेस के अंदरखाने में सिब्बल के इस कथन के अलग अलग मायने लगाए जा रहे हैं। दरअसल, गांधी परिवार के युवा नगीने वरूण और राहुल दोनों ही नेट प्रेमी हैं। भाजपा के वरूण गांधी को ट्विट किए बिना चैन नहीं है तो युवराज राहुल गांधी ब्लेक बैरी फोन के जबर्दस्त दीवाने हैं। वे मैसेन्जर के जमकर दीवाने हैं। वरूण के ट्वीट सभी को परेशान किए हुए हैं। सिब्बल द्वारा इसकी मुखालफत करने पर लोग यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि मानव संसाधन और विकास जैसा महत्वपूर्ण विभाग संभालने वाले कपिल सिब्बल आखिर इंटरनेट पर पाबंदी क्यों लगाना चाहते हैं? क्या वे राहुल गांधी का इंटरनेट बंद करवाना चाह रहे हैं?

गुपचुप तरीके से आगे बढ़ते शुक्ला जी,
कांग्रेस के अंदर एक नए प्रबंधक का उदय हो चुका है। केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला कांग्रेस के नए तारण हार बनकर उभर रहे हैं। वे लो प्रोफाईल में सधे कदमों से आगे बढ़ते जा रहे हैं। वैसे तो राजीव शुक्ला के जिम्मे सदन का फ्लोर मैनेजमेंट का काम है पर पिछली दीपावली और नववर्ष पर शुक्ला जी ने विपक्ष के सदस्यों को जिस कदर साधा है उससे उनकी विश्वसनीयता कांग्रेस के आलाकमान की नजरों में और ज्यादा बढ़ गई है। राजीव शुक्ला ने ढेर सारे तोहफों के साथ विपक्षी सदस्यों के घरों की चौखट पर दस्तक दी। विपक्ष के आला नेता भी जमकर प्रभावित हुए शुक्ला जी की करतूतों से। बस लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज ने अवश्य राजीव शुक्ला को घास नहीं डाली। सुषमा के करीबी सूत्रों का कहना है कि स्वराज के कार्यालय ने राजीव शुक्ला को साफ तौर पर कह दिया कि चूंकि मदाम के भाई का कुछ महीने पहले ही देहावसान हुआ है अतः मदाम न तो नया साल मनाएंगी और ना ही दीपोत्सव।

माया की राह पर चलने का मन!
उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटने वहां की निजाम मायावती के नए मंत्री हटाओ फार्मूले को मिलती सफलता और मीडिया में उस बात को उछलता देख अब वजीरे आजम का मन भी भ्रष्ट मंत्रियों की बिदाई का बनने लगा है। प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक की अघोषित उपाधि पा चुके मनमोहन सिंह अब इस छवि से निजात पाने का मन बना रहे हैं। मनमोहन का मन बन चुका है कि वे भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे मंत्रियों के पर कतरने से काम नहीं चलने वाला अब उनकी बिदाई ही उनकी छवि को नया रूप प्रदान कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि मनमोहन सिंह अब व्यग्र होने लगे हैं कि वे अपनी नई टीम को साफ सुथरी छवि का बनाएं ताकि आने वाले समय में देश में उनकी छवि वाकई ईमानदार की बनी रहे। इसके लिए वे कांग्रेस के आला नेताओं से मोर्चा लेने को भी तैयार नजर आ रहे हैं।

त्रिवेदी पर से हटा ममता का आंचल!
त्रणमूल कांग्रेस सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी इन दिनों केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी से एक बार फिर खासी खफा नजर आ रही हैं। ममता के करीबी सूत्र कह रहे हैं कि वे इस बारे में भी विचार कर रही हैं कि केंद्र में चंद्राबाबू नायडू पेटर्न (नायडू ने एनडीए को बाहर से समर्थन दिया था) को अपनाया जाए। ममता भी बिना मंत्री पद लिए त्रणमूल का बाहर से केंद्र को समर्थन दे सकती हैं। सूत्र बताते हैं कि ममता इस वक्त सबसे ज्यादा खफा केंद्रीय रेल मंत्री से हैं। केंद्रीय रेल मंत्री का कार्पोरेट चाल चलन उन्हें कतई रास नहीं आ रहा है। बताते हैं कि ममता की त्योंरियां तब चढ़ गईं जब उनके संज्ञान में यह लाया गया कि दिनेश त्रिवेदी के मंत्री बनते ही सबसे पहला फोन गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी का आया। ममता ने अब त्रिवेदी और मोदी के बीच के कनेक्शन खोजने के लिए अपने बंदे पाबंद कर दिए हैं।

ईवीएम पर विपक्ष की खामोशी!
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें आम ही रही हैं। लोग दावा भी करते रहे हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है। नासा और दुनिया के चौधरी अमेरिका के डिपार्टमेंट एनर्जी की पिछले दिनों आई रिपोर्ट के आधार पर दावा किया गया है कि ईवीएम को हेक किया जा सकता है। अर्थात ईवीएम के माध्यम से कूटरचना कर आप चुनाव में परचम लहरा सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बर की जीत को भले ही भाजपा संदेह की नजरों से देखे पर पर अमेरिका ओर नासा के प्रतिवेदन पर भाजपा सहित अन्य सियासी दलों की खामोशी आश्चर्य के साथ ही साथ संदेहों को जन्म दे रही है। आखिर क्या वजह है कि भाजपा और अन्य सियासी दल इस मामले में हाय तौबा नहीं मचा रहे हैं। क्या सभी सियासी दलों ने मिलकर देश की रियाया को बेवकूफ बनाकर मिल बांटकर लूटने का प्लान बना रखा है?

राहुल से खफा नजर आ रहे आला नेता
राहुल गांधी की छवि अब तक देश में सर्वमान्य नेता की नहीं बन पाई है। वर्ष 2010 तक लोग उन्हें सक्षम और समझदार और सीखने वाला समझ रहे थे। पिछले साल कांग्रेस की नजर में देश के भावी प्रधानमंत्री राहुल गांधी के सलाहकारों विशेषकर ठाकुर लाबी के चलते लोग उनसे दूरी बनाने लगे हैं। घपले घोटालों और भ्रष्टाचार पर उनकी चुप्पी ने देशवासियों को अचरज के साथ ही साथ आहत भी कर डाला है। राहुल गांधी के सलाकारों मुख्यतः राजा दिग्विजय सिंह, कनिष्क सिंह और जितेंद्र सिंह की कारगुजारियों के चलते अब कांग्रेस में ही उनका विरोध आरंभ हो गया है। पिछले दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अलवर के सांसद जितेंद्र सिंह के खिलाफ परचम बुलंद करते दिखाई दिए। अशोक गहलोत ने अब जितेंद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। सूत्रों ने बताया कि टीम राहुल पर करारा प्रहार करते हुए अशोक गहलोत नेे कहा कि जितेंद्र सिंह ने राज्य सरकार को बताए बिना ही युवराज राहुल गांधी को भरतपुर बुला लिया। अगर वहां कोई अनहोनी हो जाती तो इसका जवाबदेह कौन होता?

सिब्बल बने कांग्रेस के लिए सरदर्द
वजीरे आजम के खासुलखास मानव संसाधन और विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मुस्लिमों को लुभाने के लिए उर्दू भाषा के प्रचार हेतु गठित राष्ट्रीय परिषद में संदिग्ध लोगों को शामिल कर विपक्ष की धार मनमोहन के प्रति तेज करने के मार्ग प्रशस्त कर दिए हैं। कांग्रेस के तारणहार की भूमिका में आने के उपरांत लोगों के आक्रोश का शिकार बनने वाले कपिल सिब्बल को पार्टी और सरकार दोनों ही ने पर्दे के पीछे बलात ही ढकेल दिया था। कपिल सिब्बल पिछले कुछ सप्ताह से टीवी पर भी सामने नहीं दिख रहे हैं। सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट्स पर भी कपिल सिब्बल पर जमकर निशाने साधे गए। हाल ही में सिब्बल ने उर्दू के प्रचार के लिए बनाई गई चौबीस सदस्यीय परिषद में शेख अलीमुद्दीन असादी जैसी शख्सियत को भी स्थान दे दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अलीमुद्दीन दसवीं कक्षा तक अध्ययन नहीं कर सके हैं। ये पूर्व में मांस का व्यापार करते थे। इतना ही नहीं इसमें शामिल हफीज करीम का नाम नैना साहनी मर्डर केस में नामजद बताया जा रहा है।

एसे हो रहा सरकारी निर्देशों का पालन!
केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का प्रमुख दायित्व पर्यावरण प्रदूषण को हर हाल मे नियंत्रित करना ही है। केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में शामिल मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर जिनका राजनैतिक क्षेत्र में भी इकबाल बुलंद है, के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा दो चरणों में लगाए जा रहे कोल आधारित पावर प्लांट से क्षेत्र में कहर बरपने के साथ ही साथ पर्यावरण का जमकर नुकसान होने की उम्मीद जताई जा रही है। उक्त संयंत्र प्रबंधन द्वारा संयंत्र क्षेत्र में बिना वृक्षारोपण के ही काम आरंभ करवा दिया गया। दो सालों से प्रबंधन ने एक भी पौधा नहीं लगाया और प्रबंधन को संयंत्र के प्रथम चरण की अनुमति वन मंत्रालय द्वारा दे दी जाना अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं है। सच है माता लक्ष्मी में बड़ी ताकत होती है। माता सरस्वती के दास भी लक्ष्मी माता के आगे नतमस्तक होते हैं।

भाजपा हुई बदनाम टेंकर तेरे लिए!
मध्य प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष और परिसीमन में समाप्त हुई मध्य प्रदेश की सिवनी लोकसभा की अंतिम सांसद श्रीमति नीता पटेरिया ने पिछले दिनों अपनी विधायक निधि से अटल बिहारी बाजपेयी के जन्म दिवस पर सुशासन दिवस के अवसर पर 25 टेंकर बांटे। इन टेंकर्स की कीमत 30 लाख तीस हजार दो सौ रूपए है। मंहगे घटिया गुणवत्ता वाले टेंकर्स बांटने के प्रोग्राम में प्रभारी मंत्री नाना भाउ माहोड द्वारा पूजा में चढ़ाए गए दो सौ रूपयों का वीडियो क्लिप जब समाचार चेनल्प पर दिखा तो यह भाजपा मुख्यालय 11, अशोक रोड़ में इसको चटखारे लेकर चर्चित हुआ। अपनी सफाई में नीता पटेरिया ने इसे निजी कार्यक्रम बता दिया। बाद में जब पता साजी की गई तो ज्ञात हुआ कि 8 दिसंबर को उनके हस्ताक्षरों से उनके लेटर पेड पर एसडीएम को मिशन शाला का मैदान विधायक निधि से टेंकर प्रदाय करने आरक्षित करने निवेदन किया गया था। अब सवाल यह है कि टेंकर वितरण प्रोग्राम के लिए आरक्षित मैदान में नीता जी ने निजी प्रोग्राम किया या जनता के पैसों से मंहगे टेंकर बांटे।

मन को सांसे अधार दे रहे हैं राहुल
सियासी गलियारों में मनमोहन सिंह की बिदाई कभी भी तय मानी जा रही है। यह मामला एक साल से अधिक समय से चला आ रहा है, किन्तु लंबित ही है। सियासी जानकारों की मानें तो मनमोहन को बतौर प्रधानमंत्री बनाए रखने में सबसे अधिक सहायक अगर कोई शख्सियत है तो वह हैं राहुल गांधी खुद। दरअसल, महमोहन का कोई विकल्प कांग्रेस के पास नहीं है। कांग्रेस किसी एसी शख्सियत को वजीरे आजम नहीं बनाना चाहती जो विवादों में हो। कांग्रेस के पास प्रणव मुखर्जी और ए.के.अंटोनी के नाम सबसे उपर हैं। प्रणव ने एक बार राजीव गांधी का विरोध किया था तो अंटोनी और सोनिया की करीबी उनके लिए बाधक बन रही है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि राहुल गांधी अभी भी राजनैतिक तौर पर परिपक्वता को नहीं पा सके हैं। यही कारण है कि राहुल गांधी की इम्मेच्योरिटी ही मनमोहन सिंह के लिए सांसे बनकर उभर रही है।

मनमोहन की भाजपा से नूरा कुश्ती!
एक के बाद एक गल्तियों, घपलों, घोटालों के बाद भी विपक्ष में बैठी भाजपा ताकतवर तरीके से विरोध प्रदर्शित नहीं कर पा रही है जिसका पूरा पूरा लाभ वजीरे आजम डॉक्टर मनमोहन सिंह द्वारा उठाया जा रहा है। कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने न जाने कितने मौके भारतीय जनता पार्टी को घर बैठे बिठाए दिए जिसका लाभ उठाकर भाजपा चाहती तो प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की रूखसती के मार्ग प्रशस्त कर सकती थी, वस्तुतः सारे मौके भाजपा ने देखते ही देखते गंवा दिए। पिछले साल मनमोहन सिंह के संकटमोचक बने मानव संसाधन विकास तथा संचार मंत्री कपिल सिब्बल की जुबान अनेक मर्तबा फिसली पर भाजपा ने उनकी अनदेखी कर मनमोहन सिंह को परोक्ष तौर पर मजबूती ही प्रदान की है। अब तो कहा जाने लगा है कि मनमोहन सिंह और भाजपा के बीच जबर्दस्त फिक्सिंग है, यही कारण है कि भाजपा मनमोहन सिंह को पूरा पूरा मौका दे रही है और मनमोहन बेफिक्र होकर देश पर राज कर रहे हैं।

पुच्छल तारा
देश के गणतंत्र की स्थापना के वक्त महज दस साल के लिए किए गए आरक्षण का स्वरूप आज छः दशकों बाद भयावह हो चुका है। आज आरक्षण के नाम पर सियासत के घोड़े दौड़ रहे हैं। आरक्षण के नाम पर इंसान और इंसान में भेद हो रहा है। केंद्र के हाल ही में मुसलमीनों के आरक्षण की बात पर मध्य प्रदेश से संतोष नगपुरे ने एक जोरदार एसएमएस भेजा है। संतोष लिखते हैं कि परीक्षा में कुछ सालों के उपरांत कांग्रेस के राज में बनने वाली सरकार में पेपर का पेटर्न कुछ इस प्रकार होगा। जनरल कैटेगरी -‘‘सारे प्रश्न अनिवार्य हैं।‘‘, ओबीसी -‘‘पचास फीसदी प्रश्नों के जवाब दें।‘‘, एससी एसटी -‘‘केवल प्रश्न पत्र पढ़ें, जवाब देना अनिवार्य नहीं।‘‘ एवं मुसलमानों के लिए -‘‘आपके आने का शुक्रिया।‘‘

कच्ची सड़कों से उड़ रही धूल कर रही बीमार


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  48

कच्ची सड़कों से उड़ रही धूल कर रही बीमार

संयंत्र प्रबंधन को अघोषित छूट दे रहा प्रदूषण नियंत्रण मण्डल



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर जिनका इकबाल राजनैतिक तौर पर काफी हद तक बुलंद है के स्वामित्व वाले अवंथा समूह का सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं अनूसूचि में अधिसूचित मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर के ग्राम बरेला में लगने वाले कोल आधारित पावर प्लांट में पर्यावरण और प्रदूषण मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के साथ ही साथ केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय संयंत्र प्रबंधन के आगे बेबस ही नजर आ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संयंत्र प्रबंधन ने दावा किया था कि वह वायू प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए संयंत्र में ईलेक्ट्रोस्टेटिक प्रिसिपिटेटर बॉयलर का उपयोग करेगा। इसके साथ ही साथ पावर प्लांट में उन्नत डिजाईन के कोयला बर्नर का उपयोग किया जाएगा। इतना ही नहीं बॉयलर भट्टों के साथ ऑवर फायर एयरपोर्ट भी लगाएगा।
निर्माण अवस्था में वाहनों की आवाजाही से उतपन्न और उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए प्रबंधन द्वारा सभी आंतरिक सड़कों को पक्का करने का वायदा भी संयंत्र प्रबंधन द्वारा किया गया था। विडम्बना ही कही जाएगी कि संयंत्र प्रबंधन को प्रथम चरण की अनुमति मिलने के उपरांत भी आंतरिक सड़कों को न तो पक्का किया गया है और न ही उनमें मुरम आदि भी डाली गई है।
सबसे अधिक आश्चर्य की बात तो यह है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा घंसौर के ग्राम बरेला में लगाए जाने वाले इस पावर प्लांट के दूसरे चरण की लोकसुनवाई में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के आला अधिकारी भी कच्चे धूल उड़ाते मार्ग से ग्राम बरेला होकर गोरखपुर पहुंचे पर इस प्रदूषण की ओर उनका ध्यान नहीं गया। सूत्रों की मानें तो बेहद ज्यादा दबावके चक्कर में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा पर्यावरण और प्रदूषण मानकों की सरेआम उड़ाई जाने वाली धज्जियों के बारे में मौन साधे हुए है।
कुल मिलाकर सिवनी जिले की आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में पर्यावरण बिगड़े, प्रदूषण फैले, क्षेत्र झुलसे या आदिवासियों के साथ अन्याय हो इस बात से मध्य प्रदेश सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कुछ लेना देना नहीं है। यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के डी देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

ममता के बाद पंवार ने दिखाई कांग्रेस को आंख


बजट तक शायद चलें मनमोहन    70

ममता के बाद पंवार ने दिखाई कांग्रेस को आंख

मन पर मनमुटाव बढ़ा



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी के तल्ख तेवरों के बाद अब महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस ने भी कांग्रेस को आंखें दिखाना आरंभ कर दिया है। देश में कांग्रेस के खिलाफ व्यापक स्तर पर जमीनी संदेश जाने के बाद अब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दल कांग्रेस से पीछा छुड़ाने की जुगत में लग गए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण वजीरे आजम डॉ।मनमोहन सिंह की सरकार पर ढीली पड़ती पकड़ को ही माना जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली त्रणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सीधे वार करना आरंभ कर दिया है। इसके बाद अब राकांपा ने भी महाराष्ट्र में एकला चलो की नीति को अपना लिया है। असहज कांग्रेस अभी भी तय नहीं कर पा रही है कि वह इससे निपटने कौन सी रणनीति अपनाए।
शरद पंवार के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुंबई महानगर पालिका चुनाव में राकांपा से गठबंधन की आस छोड़कर कांग्रेस चुनाव में अकेले ही उतरने का मन बना चुकी है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर गलत संदेश से बचने के लिए अभी वह आखिरी कोशिश कर रही है। महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में कांग्रेस-राकांपा ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन को करारी शिकस्त दी है, इस संदेश को और मजबूत करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व राकांपा से गठबंधन का पक्षधर था।
कांग्रेस के आला दर्जे के सूत्रों का मानना है कि अगर दोनों दल मिलकर लड़े तो बीएमसी पर शिवसेना-भाजपा का कब्जा खत्म हो जाएगा। ऐसे में अन्ना हजारे के अभियान की रही-सही हवा भी निकल जाएगी और पूरे देश में सकारात्मक संदेश जाएगा, जिसका फायदा उसे विधानसभा चुनावों में भी मिलेगा। अण्णा के गढ़ में ही कांग्रेस अगर परचम लहराती है तो यह टीम अण्णा के लिए काफी नकारात्मक संदेश का संवाहक हो जाएगा।
उधर, राकांपा को 40 से ज्यादा सीटें न देने पर अड़ी मुंबई कांग्रेस को थोड़ा उदार होने के लिए दिल्ली से संदेश भी गया, लेकिन राकांपा की 65 सीटों की जिद के सामने अब बड़े नेता भी झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। ममता के बाद अब राकांपा के इस रवैए से कांग्रेस का आलाकमान सकते में है।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि डॉ।मनमोहन सिंह के विरोधियों ने कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी को बताया है कि घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक बन चुके वजीरे आजम डॉ।मनमोहन सिंह की सरकार पर ढीली पकड़ का ही नतीजा है कि संप्रग के घटक दल अब कांग्रेस की कालर पकड़कर झझकोर रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

अजीत सिंह ने छलकाया भाजपा नेतृत्व की पेशानी पर पसीना


अजीत सिंह ने छलकाया भाजपा नेतृत्व की पेशानी पर पसीना

पश्चिमी यूपी में सेंध लगाने की तैयारी में भाजपा

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली में हाड़ गलाने वाली सर्दी के बीच सियासी गलियारों में तापमान इस कदर बढ़ा हुआ है कि लगता है मानो लू न लग जाए। यह गर्माहट उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस द्वारा जाट नेता अजीत सिंह के साथ हाथ मिलाने से उपजी परिस्थितियों से भाजपा के आला नेता अब इसकी काट ढूंढने में लग गए हैं। भाजपा नेतृत्व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना वजूद बढ़ाने के उपायों पर चर्चा में लग गए हैं।
अजीत सिंह के सहयोग से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में पहले की तुलना में काफी हद तक मजबूत नजर आ रही है। कांग्रेस की मजबूती भाजपा के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि भाजपा के आला नेताओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जाट नेताओं पर अपनी नजरें जमा ली हैं।
सूत्रों ने बताया कि कलराज मिश्र और मुख्तार अब्बास नकवी जैसे धुरंधर नेता हाल ही में अजीत सिंह की महत्वपूर्ण सहयोगी अनुराधा चौधरी से संपर्क बनाए हुए हैं। अनुराधा चौधरी कांग्रेस और रालोद के गठबंधन से नाखुश दिख रही हैं, क्योंकि इस गठजोड़ से उन्हें व्यक्तिगत तौर पर कुछ हासिल नहीं हुआ है।
सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि अनुराधा चौधरी और भाजपा नेताओं के बीच हुई बारगेनिंग में लगभग तय हो गया है कि चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रचार करेंगी और इसके एवज में भाजपा केराना और मुजफ्फर नगर में उनके प्रत्याशी का साथ देगी। इतना ही चुनावों के उपरांत भाजपा के कोटे से अनुराधा चौधरी को राज्य सभा के रास्ते संसदीय सौंध तक पहुंचाने का जिम्मा भी इन्हीं नेताओं के कंधे पर डाल दिया गया है।
चौधरी के अलावा भाजपा की नजरें बारहवीं लोकसभा में अजीत सिंह को पटखनी देने वाले सोमपाल शास्त्री पर भी हैं। शास्त्री वैसे तो अभी कांग्रेस में हैं, पर अजीत सिंह को इस कदर भाव देने से वे भी अंदर ही अंदर आहत बताए जा रहे हैं, तथा वे भाजपा के संपर्क में भी बताए जा रहे हैं। भाजपा हर हाल में अजीत सिंह की काट ढूंढने के प्रयास में दिख रही है।

हिन्दुस्तान बना बर्फिस्तान


हिन्दुस्तान बना बर्फिस्तान



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश की राजनैतिक राजधानी में सियासी गर्माहट इतनी होती है कि लोगों को सर्दी में भी लू लगने की संभावना बनी ही रहती है। सर्दी कड़ाके की पड़ती है तो दो ढाई महीना सबकी जान ही निकल जाती है। दिल्ली में सर्दी के मौसम में चलने वाली ठण्डी हवाएं जिन्हें सुर्खा भी कहा जाता है लोगों का जीना मुहाल कर देता है।
वैसे तो दिल्ली साल के 8 महीने गर्मी से जूझती है लेकिन 2 महीने जब कड़ाके की ठंड पड़ती है तो फिर संभलना मुश्किल हो जाता है। दिल्ली फिलहाल सर्दी का सितम झेल रही है और पारा फिर से नीचे की ओर खिसकने लगा है। मंगलवार सुबह का तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया लेकिन माना जा रहा है कि एक दो दिनों में ये 3 डिग्री तक लुढक सकता है। हिमालय में गिर रही है रिकॉर्डतोड़ बर्फ लेकिन उसके असर से देश की राजधानी दिल्ली भी ठिठुर रही है। पहाड़ी इलाकों से आ रही उत्तर पश्चिमी हवा दिल्ली में सिहरन पैदा कर रही है।
सोमवार को दिल्ली का मौसम बिलकुल साफ था लेकिन ठंडी हवाओं से मुश्किल जरा भी कम नहीं हुई। पिछले कुछ दिनों से न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है और मौसम वैज्ञानिकों की माने तो मुसीबत ये है कि आने वाले दिनो में पारा का तेजी से लुढकना जारी रहेगा। अपने आप को आप अभी से ठंड से मुकाबले के लिए तैयार कर लें क्योंकि दिल्ली का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक गिर सकता है।
राजधानी में 8 जनवरी का न्यूनतम तापमान था 12 डिग्री सेल्सियस जो 9 जनवरी को घटकर हो गया सिर्फ 8 डिग्री सेल्सियस। एक दिन में ही तापमान में 4 डिग्री की कमी। 10 जनवरी को न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया करीब 6 डिग्री सेल्सियस यानी 2 डिग्री की ओर गिरावट। अधिकतम तापमान भी 17-18 डिग्री के आसपास बना हुआ है जिससे दिन में भी सर्दी सितम ढा रही है। साफ है कि जिस तरीके से तापमान नीचे की ओर खिसकता जा रहा है। आने वाले दिनों में पारा 3 या 4 डिग्री तक भी जा सकता है।
अनुमान सिर्फ ठंड के बढ़ने का ही नहीं है बल्कि सुबह के वक्त घना कोहरा भी दस्तक दे सकता है। रात में मौसम साफ होने की वजह से इसकी आशंका भी बढ गई है। इस साल जनवरी का मौसम दिल्ली के लिए ज्यादा ही बेरहम साबित हो रहा है। लोग इससे बचने का उपाय तो कर रहे हैं लेकिन लगातार ठंड की मार से शरीर को बचाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है। दिसंबर के आखिर में मौसम ने थोड़ी नरमी जरुर दिखाई थी जब तापमान में उछाल आया था लेकिन शायद अब जनवरी में दिल्ली का बदनाम मौसम उसकी भरपाई कर रहा है।
उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड का असर आजकल मुंबई में भी महसूस किया जा रहा है। पिछले दस सालों का रिकॉर्ड तोडते हुए मुंबई में सोमवार का दिन सबसे ठंडा रहा और तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दो-तीन दिन और मुंबई में इसी तरह ठंड जारी रहेगी। मुंबईवासी इस ठंड से खुश नजर आए। मुंबई में इससे पहले साल 2005 में सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किया गया था।
देश भर में लगातार हो रही बर्फबारी ने पहाड़ो का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कश्मीर और उत्तराखंड के कई इलाकों में सड़के जाम हैं तो लोगों को बिजली पानी के बिना रहना पड़ना रहा है। वहीं, पहाड़ों में गिर रही बर्फ से पूरे उत्तर भारत में पारा लगातार गिर रहा है। बर्फबारी से जहां पर्यटक बेहद खुश हैं, वहीं स्थानीय लोगों के चेहरे से खुशी नदारद हो गई है। बर्फबारी ने पहाड़ों की जिंदगी को खासा दूभर कर दिया है।
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में भी बर्फबारी ने कुछ ऐसा ही हाल कर रखा है। भारी बर्फबारी के चलते पिछले दो दिनों से श्रीनगर में बिजली और पानी की स्पलाई रुकी हुई है। वहीं, घाटी को देश से जोड़ने वाला इकलौता सड़क मार्ग भी बर्फबारी के चलते जाम पड़ा है। इस पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग में दो फिट ऊंची बर्फ जमा है। राष्ट्रीय राजमार्ग जाम हो जाने से सैकड़ों पर्यटक जहां के तहां फंसे हुए हैं। उम्मीद है कि मौसम ने साथ दिया तो आज यह राजमार्ग खुल सकता है।
कुछ ऐसा ही हाल नैनीताल में भी है। अचानक हुई बर्फबारी से चारो तरफ सफेद चादर बिछ गई। इसी नजारे को देखने की उम्मीद से नैनीताल पहुंचे पर्यटकों की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं है। सर्दी का सितम केवल पहाड़ों में ही देखने को नहीं मिल रहा है। पहाड़ों में हुई बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी पड़ रहा है। राजधानी दिल्ली में पारे के लगातार गिरने से यहां लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार आज भी दिल्लीवालों को सर्दी से निजात नहीं मिलेगी। दिल्ली में आज न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेंटीग्रेट और अधिकतम 18 डिग्री सेंटीग्रेट रहेगा। उत्तर भारत में पड़ रही ठंड का असर मुंबई में भई देखने को मिला। सोमवार को यहां की पारा 11 डिगी तक गिर गया 2008 के बाद सोमवरा मुंबई का सबसे ठंडा दिन रहा। मौसम विभाग की मानें तो अभी पारा कुछ इसी तरह आपको ठिठुरने पर मजबूर करता रहेगा। मतलब यह कि अगले कुछ दिन और आपको स्वेटर, जैकेट और चाय की चुस्कियों के साथ काटने पड़ेंगे।
शिमला से साई ब्यूरो ने समाचार दिया है कि प्रदेश में बीते पांच दिनों से हो रही भारी बर्फबारी से जनजीवन बुुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों लाहौल स्पिति, किन्नौर तथा चम्बा और कुल्लू मनाली समेत अनेक जगहों पर बिजली व पानी की व्यवस्था ठप्प हो गई है जिससे इन क्षेत्रों के लोगों का जीवन और भी दूभर हो गया है। रोहतांग दर्रे पर 8 फुट से अधिक बर्फ पड़ने से लाहौल स्पिति जिला शेष विश्व से कटा हुआ है। लाहौल घाटी के भीतर भी यातायात व्यवस्था पूर्णतया ठप्प हो गई है। जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है लेकिन फिर भी किसान बागवान भारी बर्फबारी से खुश हैं।
उधर, किन्नौर से जिला ब्यूरो ने बताया कि जिले में हिमपात से जनजीवन प्रभावित हुआ है। कल्पा, छितकुल और रकछम मंे अढ़ाई फुट के आसपास हिमपात हुआ है। हिन्दुस्तान-तिब्बत राष्ट्र्ीय उच्च मार्ग पांगी नाला से आगे बंद है। प्रशासन द्वारा रामपुर से रिकांगपिओ तक यातायात व्यवस्था बहाल कर दी गई है। 
चम्बा से साई ब्यूरो ने बताया कि जिले में भी भारी बर्फबारी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले में कल एक और व्यक्ति की बर्फ से फिसलकर गहरी खाई में गिर जाने से मौत हो गई। इस तरह जिले में बर्फबारी के कारण अब तक 4 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है।
प्रसिद्ध पयर्टक स्थल डलहौजी में साढ़े 4 फुट, खजियार में अढ़ाई फुट और भरमौर में लगभग साढ़े तीन फुट तक हिमपात हुआ है। भारी बर्फबारी के कारण बिजली की तारे टूट गई हैं जिससे जिले में पिछले तीन दिनों से विद्युत आपूर्ति ठप्प है। चम्बा के एस.डी.एम रोहित राठौर के अनुसार चम्बा-पठानकोट हाईवे पर यातायात बहाल हो गया है लेकिन उन्होंने लोगों से खराब मौसम के चलते एहतियात बरतने की अपील की है।
उधर कुल्लू से साई ब्यूरो ने खबर दी है कि कुल्लू जिले में भी आज सुबह तक बर्फबारी होती रही। दोपहर बाद जिले में मौसम साफ हो गया। सोलंग नाला तक छोटे वाहनों के लिए यातायात सुचारू हो गया है जबकि आज दोपहर बाद मनाली तक बस व्यवस्था भी बहाल कर दी गई है। पर्यटकों को जिस विंटर कार्निवाल का बेसब्री से इंतजार था वो आखिरकार शुरू हुआ। भारी बर्फबारी के कारण हालांकि मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल इस मौके पर नहीं पहुंच पाए। उनकी गैर हाजिरी में कार्निवाल का उदघाटन भाजपा अध्यक्ष तथा विधायक खीमीराम शर्मा ने किया। 
बर्फबारी से प्रदेश की ऊंची चोटियां ही नहीं मैदानी इलाके भी सराबोर हुए हैं। कांगड़ा से साई ब्यूरो ने बताया कि जिला मेें जसवां तथा परागपुर क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था ठप्प हो गई है। स्थानीय विधायक निखिल राजौर ने विद्युत विभाग से आग्रह किया है कि इलाके की विद्युत व्यवस्था बहाल करने के लिए स्टाफ में बढ़ोतरी की जाए ताकि लोगों को सर्दी के मौसम में परेशानी का सामना न करना पड़े। जिले के दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल में अभी भी बर्फबारी होने के समाचार प्राप्त हुए हैं। बड़ा भंगाल क्षेत्र का सम्पर्क भी जिला मुख्यालय से कट गया है। हालांकि धर्मशाला से मैकलोड़गंज तक यातायात व्यवस्था बहाल कर दी गई थी। 
राजधानी शिमला में भी हिमपात से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। शहर की सबसे उंची चोटी जाखू में करीब दो फुट तक बर्फ गिर चुकी है जबकि रिज मैदान पर एक फुट हिमपात हुआ है। आज सुबह हिमपात के बाद दिन के समय कुछ देर के लिये मौसम साफ रहा जबकि शाम के समय एक बार फिर बर्फबारी शुरू हो गई।
कालका-शिमला राष्ट्रªीय उच्च मार्ग पर आज सुबह भारी बर्फबारी के कारण यातायात बंद रहा जिसे दोपहर बाद बहाल कर दिया गया। शिमला से शोघी तक आज दोपहर तक सैंकड़ों गाड़ियां फंसी रहीं जिन्हें दोपहर बाद निकाल लिया गया। सड़क पर फिसलन की समस्या के कारण वाहन धीमी गति से चल रहे हैं। सड़कें बंद रहने पर आज सुबह शिमला में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी बाधित रही। मौसम विभाग ने आने वाले 24 घण्टों में प्रदेश के अनेक इलाकों में वर्षा व हमपात का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है। 
मैदानी इलाकों में छत्तीसगढ़ से आंचल झा ने खबर दी है कि प्रदेश में बीते चौबीस घण्टों के दौरान बिलासपुर और रायपुर संभाग के अनेक स्थानों पर वर्षा हुई। वहीं, बस्तर संभाग में मौसम शुष्क रहा। सबसे अधिक तीन सेंटीमीटर बारिश मगरलोड और जशपुर में दर्ज की गई। इसके अलावा दुर्ग, माना, राजनांदगांव, चांपा में भी बारिश होने की बात कही जा रही है। प्रदेश में रात का सबसे कम तापमान तेरह डिग्रीसेल्सियस पेण्ड्रारोड में दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घण्टों में प्रदेश में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश होने या गरज-चमक के साथ बौछारे पड़ने की संभावना है।
पहाड़ी क्षेत्र देहरादून से साई ब्यूरो ने बताया कि प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में गत दिनों से हो रहे भारी हिमपात तथा वर्षा से सामान्य जन-जीवन प्रभावित हो गया है। उत्तरकाषी जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बर्फबारी व वर्षा के चलते विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
जिलाधिकारी ने बताया कि अगर मौसम इसी तरह रहा तो प्रभावित मतदान केंद्रों पर चालीस वर्ष से कम उम्र के ही मतदान कर्मियों को तैनात किया जाएगा। चमोली जिले में हेमकुण्ड साहिब, फूलों की घाटी आदि स्थानों पर बर्फबारी का सिलसिला जारी है। देहरादून में आज बादल छाए रहे तथा रुक-रुक वर्षा होती रही।
ठण्ड के चलते सभी स्कूलों को दो दिन के लिए बन्द कर दिया गया है। उधर, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बड़कोट तथा हर्षिल के पास जबरदस्त बर्फबारी के कारण बन्द हो गया है। रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथतुंगनाथ, गरुड़चट्टी के अलावा मसूरी तथा नैनीताल सहित लगातार हो रही बर्फबारी से तापमान में काफी गिरावट आ गई है। इस बीच, पहाड़ों की रानी मसूरी व नैनीताल में बर्फबारी से पयर्टकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
उत्तर प्रदेश से साई ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि विभिन्न पूर्वी जिलों में कल तड़के हुयी वर्षा तथा बूदाबांदी से ठंड और शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। विभिन्न पश्चिमी और पूर्वी जिलों में कल धूप नहीं निकली और वर्षा के बाद लोग ठंड से ठिठुरते रहे। हालांकि यह वर्षा रबी की फस्लों के लिए लाभकारी बतायी जा रही है लेकिन इससे ठंड में हुयी वृद्धि के कारण लोगों की कठिनाइयां बढ़ गयी है।
मौसम विभाग के अनुसार अगले अड़तालीस घंटों के दौरान प्रदेश के विभिन्न मंडलों में तापमान मे एक से तीन डिग्र्री की गिरावट आयेगी और कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते है। ठंड को देखते हुये विभिन्न जिलो में छोटे बच्चों के स्कूल आगामी दो तीन दिनों के लिये बंद कर दिये गये है। गोरखपुर, बरेली और जौनपुर में कक्षा आठ तक के स्कूल आज और कल बंद रहेंगे जबकि सुल्तानपुर मे इन स्कूलों केा परसों तक के लिये बंद कर दिया गया है।
जयपुर से साई ब्यूरो शैलेन्द्र से समाचार दिया है कि प्रदेश में कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है। तेज ठंड और कोहरे से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार माउंटआबू राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां पारा जमाव बिन्दु पर पहुंच गया। चूरू में न्यूनतम तापमान शून्य दशमलव 9 डिग्री सैल्सियस रहा।
बीकानेर और वनस्थली में दो दशमलव छह, फलौदी में तीन, जैसलमेर में तीन दशमलव सात, सवाईमाधोपुर में चार दशमलव पांच, जयपुर,अजमेर,बाड़मेर और डबोक में करीब साढे पांच और जोधपुर में पांच दशमलव नो डिग्री सैल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। तेज़ सर्दी को देखते हुए चित्तौड़गढ में आठवीं तक के स्कूलों का समय दस से ढाई बजे तक और नवीं से बारहवीं तक का समय साढे दस से साढे चार बजे तक करने के जिला कलेक्टर ने आदेश जारी किए हैं।
गुडगांव से साई ब्यूरो चंद्र कांत शर्मा ने खबर दी है कि हरियाणा मे बीती रात कई जगह बारिष व ओलावृष्टि होने से ठण्ड का प्रकोप बढ़ गया है। तापमान गिरने का गेंहू की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। कई जगह गेंहू की फसल मे पीला रतुआं के लक्षण मिले है।  हमारे यमुनानगर जिले के छछरोली, खिजराबाद, आदि ईलाकों मे बरसात के साथ ओले पड़े। हल्की ओलावृष्टि से फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन कड़ाके की ठण्ड के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। उधर सरकार द्वारा ठण्ड के चलते स्कूलों मे घोषित अवकाष पर अमल करने की हिदायत की गई है। क्योंकि राज्य  मे औचक निरीक्षण के दौरान बहुत से स्कूल खले पाए जा रहे है।

दो साल चैन से नहीं बैठेंगे: विधानसभा उपाध्यक्ष


दो साल चैन से नहीं बैठेंगे: विधानसभा उपाध्यक्ष



(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कांतिलाल भूरिया के आह्वान पर आज जिला कांग्रेस द्वारा कचहरी चौंक में आम सभा ली जाकर किसानों की व जिले की समस्याओं को कांग्रेस ने औपचारिक तौर पर उठाया। इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष श्री हरवंश सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री हीरा आसवानी, महेश मालू, राजकुमार उर्फ पप्पु खुराना, आशुतोष वर्मा, जकी अनवर खान, राजिक अकील, दिलीप बघेल, मोहन सिंह चंदेल, श्रीमती नेहा सिंह, अनिल भलावी, चित्रलेखा नेताम, इमरान पटेल, बसंत तिवारी, नरेश मरावी एवं नगर व गाँव से आये कांग्रेसी तैनात थे।
विदित हो कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कांतिलाल भूरिया द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार के खिलाफ जेलभरों आंदोलन जिला मुख्यालय में किये जाने हेतु निर्देश दिये थे। सिवनी जिले में हजारों की संख्या में लोगों ने गिरफ्तारी तो दी किन्तु कचहरी चौंक में सम्पन्न हुई आम सभा फीकी नजर आयी। दोपहर 02 बजे से 03 बजे स्थिति यह थी कि पंडाल जो कि बहुत छोटा सा बना हुआ था भरा ही नहीं था। पंडाल भरे जाने हेतु कांग्रेसियों को फोन कर के बुलाना पड़ रहा था। स्थिति इतनी खराब थी कि मंच पर विराजमान विस उपाध्यक्ष श्री हरवंश सिंह को स्वयं इशारे कर करके सड़क पर खड़े दर्शकों एवं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को कहना पड़ रहा था कि वे पंडाल के अंदर आकर बैठ जायें। बाद में अपनी संख्या दिखाने के लिये बहुत से कांग्रेसियों को फोन कर करके बुलवाया गया ताकि गिरफ्तार होने वाले कांग्रेसियों के आंकड़े 5 हजार के लगभग पहुँचये जाये।
उल्लेखनीय होगा कि प्रदेश  भाजपा अध्यक्ष के आव्हान पर प्रदेश सरकार के विरूद्ध जेल भरों आंदोलन की आम सभा हेतु जो पंडाल कचहरी चौंक में बनाया गया था उसका आकार प्रकार इतना छोटा था कि वह कहीं से भी कांग्रेस का पंडाल नहीं लग रहा था पंडाल में बेनर पोस्टरों का पंडाल में सख्त आभाव था और सामने की तरफ लगा कमलनाथ प्रशंसक फोरम के फ्लेक्स से यह भ्रम हो रहा था कि शिवराज सरकार की नीतियों और कारगुजारियों के खिलाफ कार्यक्रम है या कमलनाथ प्रसंशक फोरम का कार्यक्रम है।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेसियों के भाषण में जिस तेवर की उम्मीद की जा रही थी वह कार्यक्रम में नजर नहीं आयी। भाषण से प्रतीत हो रहा था कि कांग्रेसी मुद्दा उठाना भी चाहते हैं और दबाना भी अन्यथा जिले में भाजपा विधायकों एवं प्रशासन के विरूद्ध इतने प्रमाणिक मुद्दे हैं कि वाकई भाजपा सकते में आ गयी होती किन्तु भाषण से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कांग्रेस भाजपा को बचा कर चलना चाहती हो।
कचहरी चौंक में सरकार के खिलाफ हुई आम सभा में विस उपाध्यक्ष ठाकुर हरवंश सिंह ने शिवराज सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह कांग्रेस का शंखनाद है अब 2013 तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। सरकार के भ्रष्टाचार, वादा खिलाफी और झांसा देने की प्रवृŸिा से हम लोगों को अवगत करायेंगे।
विस उपाध्यक्ष श्री हरवंश सिंह के अलावा मंचासीन सभी लोगों द्वारा उद्बोधन दिये गये जिसमें नपा उपाध्यक्ष राजिक अकील ने बिजली दरों में हुई वृद्धि, जकी अनवर खान ने सिवनी विधायक नीता पटैरिया के टैंकर कांड, राजकुमार उर्फ पप्पु खुराना ने जिला चिकित्सालय में मिलने वाली गलत दवाइयों एवं छोटे खदान वालों सरकार द्वारा भेदभावपूर्वक की जा रही कार्यवाही, श्री प्रसन्न मालू ने भाजपाइ जनप्रतिनिधियो के नाकारेपन, आशुतोष वर्मा ने बिजली की समस्या व श्रीमती नेहा सिंह ने प्रदेश सरकार की अव्यवस्थाओं की बात अपने भाषण में संक्षिप्त रूप में कही।

एसपी के सामने घनश्याम ने खाया जहर


एसपी के सामने घनश्याम ने खाया जहर

दादा और बुआ के व्यवहार से था त्रस्त

(संतोष श्रीवास)

सिवनी (साई)। मानसिक रूप से विक्षिप्त 16 वर्षीय पुत्र ने आज जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुँचकर उन्हें एक आवेदन दिया और उसके कुछ ही क्षणों बाद उसने पुलिस अधीक्षक के ही सामने जेब में रखी जहरीली वस्तु भी खा ली। कुछ ही देर बाद उसकी बिगड़ती हालत के कारण उसे वहाँ से जिला चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम डागावानी निवासी 16 वर्षीय घनश्याम रजक जिसके पिता मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं पिछले कई दिनों से पुलिस में इस बात की शिकायत करते आ रहा है कि उसके दादा और बुआ ने उनकी पुस्तैनी जमीन को 16 लाख रूपये में बेच दिया है और उसके विक्षिप्त पिता के हिस्से में न तो कोई जमीन छोडी है और न ही जमीन से मिली रकम का कोई हिस्सा उसे दिया है। अपने अधिकार के लिए वह लगातार अपने दादा और बुआ से गुहार करते हुए अपना हक मांगने उनके पास जाते रहा है किंतु वे उसे अक्सर डांट-डपटकर भगा दिया करते थे जिसकी शिकायत वह पूर्व में भी पुलिस को कर चुका था लेकिन कोई सुनवाई न होने के कारण आज एक बार फिर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचा था।
संदर्भित आवेदन पुलिस अधीक्षक को देेने के बाद उक्त 16 वर्षीय घनश्याम को पुलिस अधीक्षक से भी कोई ऐसा आश्वासन जो उसे संतोष देने वाला हो सकता था वह न मिला तो पहले से ही अपने जेब में रखकर ले जायी गयी एक जहरीली वस्तु जो पुडिया में बंद थी घनश्याम के द्वारा जेब से निकाल खोलकर खा ली गयी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि घनश्याम आवेदन देने जाने के पूर्व अपने साथ चूहामार दवा लेकर एसपी कार्यालय पहुंचा था और उसने एसपी से संतोषजनक जबाव न मिलने के कारण उन्हीं के सामने खा लिया था।
चूहामार खाते ही कुछ ही क्षणों में उसकी हालत गंभीर होने लगी और एसपी कार्यालय के बाहर आते तक वह इस स्थिति में पहुँच गया कि उसे अस्पताल पहुँचाना पडा। बताया जाता है कि एसपी आफिस के बाहर घनश्याम का एक रिश्तेदार सुरेन्द्र रजक मौजूद थे जिन्होंने उसे जिला चिकित्सालय में पहुँचाया है जहाँ उसका उपचार जारी है।

अधूरी फोरलेन ने ली फिर 01 की जान


अधूरी फोरलेन ने ली फिर 01 की जान

(विपिन सिंह राजपूत)

सिवनी (साई)। लखनादौन से खवासा तक एनएचएआई के द्वारा बनायी जाने वाली फोरलेन सड़क के कारण रोड की दुर्दशा और संकेतों के अभाव के कारण आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या निरंतर बढती ही जा रही है। आज भी लखनादौन के समीप रायपुर से जबलपुर जा रही एक टाटा सफारी राय पेट्रोल पंप के समीप संकेत के अभाव में फोरलेन से सिंगल रोड में जैसे ही पहुँची तो असंतुलित होकर पलट गयी और उसमें सवार 03 लोग बुरी तरह घायल हो गये जिनमें से एक की अस्पताल पहुंचते तक मृत्यु हो गयी जबकि 02 लोगों को जबलपुर रिफर कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज रात्रि लगभग 09 से 10 बजे के बीच रायपुर से जबलपुर की ओर जा रही दुर्घटनाग्रस्त उक्त टाटा सफारी वाहन जैसे ही लखनादौन के राय पेट्रोल पंप के समीप पहुंची तो सिंगल रोड में प्रवेश करते ही अनियंत्रित होकर पलट गयी और उसमें सवार यात्री बुरी तरह घायल हो गये। किसी व्यक्ति द्वारा तत्काल इस बात की सूचना पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष श्री दिनेश राय मुनमुन को दी जो तत्काल अपना वाहन लेकर मौके पर पहुँचे और घायलों को अपने वाहन में डालकर लखनादौन अस्पताल की ओर रवाना हो गये। अस्पताल पहुंचते तक गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी जबकि 02 अन्य गंभीर को प्राथमिक उपचार के बाद जबलपुर रिफर कर दिया गया है।
यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि एनएचएआई की आधी-अधूरी सड़क के चलते आये दिन होने वाली ऐसी दुर्घटनाओं में इसके पूर्व भी घायलों को उपचार हेतु अस्पताल पहुंचाने में श्री मुनमुन राय अपनी विशेष सेवायें देते रहे हैं और इसी कारण इसके पूर्व उन्हें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित भी किया जा चुका है।

पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित


पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित

(साक्षी शाह)

पोर्ट ब्लेयर (साई)। श्डाक विभाग की ओर से जवाहर लाल नेहरू राजकीय महाविद्यालय पोर्ट ब्लेयर में कल पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अंडमान निकोबार सर्किल के डाक सेवा निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। किसी एथलिट या महान खिलाड़ी को पत्र लिखते हुए ओलम्पिक खेल के बारे में जानकारी उपलब्ध करानाइस पत्र लेखन प्रतियोगिता का मुख्य विषय था।
पत्र लेखन प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गई। पोर्ट ब्लेयर में आयोजित इस प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के तीस विद्यार्थी शामिल हुए। सर्किल स्तर पर चुने गए पहले तीन प्रतिभागियों के नाम राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभागियों में शामिल किये जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर  पर पहले तीन स्थानों पर रहने वाले प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार दिये जाएंगे।

रामचरित मानस प्रवचन संपन्न


रामचरित मानस प्रवचन संपन्न

(साई ब्यूरो)

पोर्ट ब्लेयर (साई)। पोर्ट ब्लेयर के राधाकृष्ण मंदिर जंगलीघाट में आयोजित सप्ताहव्यापी राम चरित्र मानस प्रवचन कल सम्पन्न हो गया। वृृंदावन से पधारे मानस हंस पंडित राम ज्ञान पाण्डेय ने पूरे सप्ताह राम चरित्र मानस का सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत किया। प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने के लिए उपस्थित हुए।
समापन अवसर पर भंडारे में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। धर्म जागरण समिति की ओर से आयोजित मानस कथा सप्ताह का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों को आध्यत्मिक जीवन शैली के प्रति जागरूक बनाना है। समिति के अध्यक्ष श्री हरि नारायण अरोड़ा से घोषणा की कि अगले वर्ष भी राम कथा प्रवचन का आयोजन होगा।

जल्द आरंभ होगा एम्स: हुड्डा


जल्द आरंभ होगा एम्स: हुड्डा

(अनेशा वर्मा)

चंडीगढ़ (साई)। सांसद दीपेन्द्र सिंह हुडडा ने कहा है कि बाढसा में बनने वाले एम्स में ओ पी डी सेवाएॅं षीघ्र षुरू होगी जिसका इस इलाके  को बड़ा फायदा होगा। सांसद श्री हुडडा ने बताया कि उन्होने इस बारे में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी और श्री आजाद ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
सांसद श्री हुडडा, आज झज्जर में षिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में सांसद ने कहा कि मौजूदा वर्ष में देषभर में 10 रेवले पुल मंजूर हुए है जिसमंे से प्रदेष में चार रेलवे पुल बनाए जाएॅंगे। उन्होने कहा कि दिल्ली से लुधियाना तक षताब्दी एक्सप्रेस तथा लाखन माजरा में रेलवे स्टंेषन को भी मंजूरी मिली है।

करौंदा: एक अनोखा फ़ल


हर्बल खजाना ----------------- 6

करौंदा: एक अनोखा फ़ल



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। जंगलों, खेत खलियानों के आस-पास कँटली झाडियों के रूप में करौंदा प्रचुरता से उगता हुआ पाया जाता है, हलाँकि करोंदा के पेड़ पहाड़ी भागों में अधिक पाए जाते है। इसके पेड़ कांटेदार और 6 से 7 फुट ऊंचे होते हैं। करौंदे के फ़लों में लौह तत्व और विटामिन सी प्रचुरता से पाए जाते है।
आम घरों में करौंदा सब्जी, चटनी, मुरब्बे और अ़चार के लिए प्रचलित है। करौंदे का वानस्पतिक नाम कैरिस्सा कंजेस्टा है। पातालकोट में आदिवासी करौंदा की जडों को पानी के साथ कुचलकर बुखार होने पर शरीर पर लेपित करते है और गर्मियों में लू लगने और दस्त या डायरिया होने पर इसके फ़लों का जूस तैयार कर पिलाया जाता है, तुरंत आराम मिलता है।
फ़लों के चूर्ण के सेवन से पेट दर्द में आराम मिलता है। करोंदा भूख को बढ़ाता है, पित्त को शांत करता है, प्यास रोकता है और दस्त को बंद करता है। सूखी खाँसी होने पर करौंदा की पत्तियों के रस सेवन लाभकारी होता है।
खट्टी डकार और अम्ल पित्त की शिकायत होने पर करौंदे के फ़लों का चूर्ण काफ़ी फ़ायदा करता है, आदिवासियों के अनुसार यह चूर्ण भूख को बढ़ाता है, पित्त को शांत करता है। करोंदा के फल खाने से मसूढ़ों से खून निकलना ठीक होता है, दाँत भी मजबूत होते हैं। फ़लों से सेवन रक्त अल्पता में भी फ़ायदा मिलता है।
(साई फीचर्स)

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