गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

नाराज ममता को मनाने माफी मांगी कमल नाथ ने!


नाराज ममता को मनाने माफी मांगी कमल नाथ
ने!

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। ममता बनर्जी के साथ हुई कथित बदतमीजी के उपरांत बने हालात पर काबू पाने और ममता बनर्जी का गुस्सा कम करने की गरज से संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ ने उनसे माफी मांगी तो प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने दूरभाष पर उनके हाल चाल जाने। अपने बयानों के लिए चर्चित ममता कभी सुरक्षा कर्मियों को कोड़े मारने, तो कभी फोटोग्राफर्स को पीटने की बात तक कह चुकी हैं।
योजना भवन में मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हुई घटना के बाद जहां एक ओर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दीदी को फोन कर हाल-चाल पूछा तो वहीं संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने उनसे माफी मांगी है। कमलनाथ ने कहा, कि जो कुछ भी ममता बनर्जी के साथ हुआ मैं उसके लिए माफी मांगता हूं। संसद की कार्यवाही को सुचारु रुप से चलाने के लिए हम उनसे बात करेंगे।
इस बीच ममता बनर्जी के घर के बाहर की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ममता बनर्जी दिल्ली में अपनी सारी मीटिंग रद्द करके दोपहर दो बजे करीब कोलकाता रवाना हो जाएंगी। इससे पहले घटना के बाद मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ममता बनर्जी को फोन कर घटना पर खेद जताया था और साथ ही उनका हाल पूछा था। प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी की सुरक्षा बढ़ाने के लिए भी कहा था।
मंगलवार को दिल्ली में अपने मंत्री के साथ हुई धक्कामुक्की की घटना के बाद पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी गुस्सा फूट पड़ा। ममता ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला को खूब खरीखोटी सुनाई। ममता ने कहा कि सीपीएम के लोग गुंडागर्दी कर रहे थे और दिल्ली पुलिस तमाशा देख रही थी। ममता ने बाद में पीएम से मिलने का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया। बताया गया कि उनकी तबीयत खराब है।
ज्ञातव्य है कि इसके पहले ममता बनर्जी ने थप्पड़ मारने की बात की थी जो सियासी फिजां में जमकर उछली थी। ममता बनर्जी ने सुरक्षा कर्मियों को कोड़े मारने की बात कही थी, फिर इस साल फरवरी में ममता ने पनागढ़ में फोटोग्राफर्स को थप्पड़ मारने की बात कही थी। बड़बोली ममता बनर्जी ने जनवरी में विवादस्पद बयान दिया था। आर्थिक पैकेज ना मिलने पर ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर वे नहंी देते हैं तो क्या मैं उन्हें पीटूं!
ममता बनर्जी मोंटेक से इस कदर नाराज हो गईं कि उन्होंने यहां तक कह डाला कि वो दिल्ली आना ही छोड़ देंगी। दरअसल ममता बनर्जी और अमित मित्रा मंगलवार को मोंटेक सिंह से मिलने उनके दफ्तर गए थे। वहां पर ैथ्प् के कुछ कार्यकर्ताओं ने अमित मित्रा के साथ बदसलूकी कर दी। इसी बात को लेकर दीदी मोंटेक सिंह अहलूवालिया पर भड़क गईं। अमित मित्रा पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब ममता बनर्जी ने अपना आपा खोया है। जब एक पत्रकार ने उन्हें बताया कि मजदूर संघों की हड़ताल का राज्य में आंशिक प्रभाव पड़ा है, तो उन्होंने यहां तक कह डाला था कि वो अपनी हद में रहे। यही नहीं ममता बनर्जी एक बार सुरक्षाकर्मियों को कोड़े मारने का सुझाव देकर विवादों में आ गई थीं। वहीं वर्धमान जिले में एक महोत्सव के उद्घाटन के दौरान उन्होंने फोटोग्राफरों को कहा था, ‘असभ्य लोगों, मैं तुम्हें थप्पड़ मारूंगी। आपको दिखाई नहीं दे रहा है कि यहां खाना बनाया जा रहा है।

प्रणव मुखर्जी ने दी बधाई


प्रणव मुखर्जी ने दी बधाई

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। भारत के राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी की चौत्र शुक्लादि, उगादी, गुड़ी पड़वा, चौतीचंड, नवरे तथा साजिबु चेराओबा के अवसर पर बधाई दी है। उन्होनें अपने संदेश में कहा है कि चौत्र शुक्लादि, उगादी, गुड़ी पड़वा, चौतीचंड, नवरे तथा साजिबु चेराओबा के पावन अवसर पर मैं अपने सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
देश के विभिन्न भागों में नववर्ष के आगमन का प्रतीक ये त्यौहार बसंत लेकर आते हैं जो कि उम्मीदों और सृजनात्मकता का समय होता है और इस समय प्रकृति अपनी देन से हमें उपकृत करती है। इस उल्लासमय अवसर पर आइए हम दूसरों के साथ अपनी खुशी और प्रसन्नता को बांटने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि वे कामना करते हैं कि यह त्यौहार हमारी जनता के बीच सौहार्द तथा मित्रता के बंधनों को मजबूत करे तथा हमारे देश में शांति, सौहार्द तथा समृद्धि बढ़ाए।

शहीद पांच सैनिकों के शव दिल्ली पहुंचे


शहीद पांच सैनिकों के शव दिल्ली पहुंचे

(रश्मि कुलश्रेष्ठ)

नई दिल्ली (साई)। दक्षिणी सूडान में मंगलवार को शांति सैनिकों पर घात लगाकर किये गये हमले में मारे गये पांच भारतीय सैनिकों के शव आज तड़के नई दिल्ली पहुंचे। चार अन्य घायल सैनिक भी संयुक्त राष्ट्र के एक चार्टड विमान से लाये गये हैं। इस हमले में मारे गये भारतीय सैनिकों में लेफ्टिनेंट कर्नल महिपाल सिंह, नायब सूबेदार शिवकुमार पाल, हवलदार हीरालाल, हवलदार भरत सिंह और सिपाही नंदकिशोर शामिल हैं। ये सभी छठी महार रेजीमेंट और नौंवी मैकेनाइज्ड इन्फैन्ट्री बटालियन के हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल महिपाल सिंह का पार्थिव शरीर हरियाणा में उनके पैतृक स्थान महेन्द्रगढ़ ले जाया गया, जबकि अन्य सैनिकों के शवों को उत्तराखण्ड में पिथौरागढ़ और पश्चिम बंगाल में मेदिनीपुर जैसे दूरदराज के इलाको में वायुसेना के विमानों से भेजा जाएगा।
दक्षिण सूडान में भारतीय सेना की दो बटालियनें संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के तहत तैनात हैं। इनमें करीब दो हजार दो सौ सैनिक है। इनमें से एक बटालियन जोंगलेई में और दूसरी सूडान की सीमा से लगते मलक्कल में है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और कहा है कि इसे युद्ध अपराध के समान समझा जा सकता है। दक्षिण सूडान की सरकार ने इस हमले के लिए विद्रोही नेता डेविड यायू यायू के समर्थकों को जिम्मेदार बताया है। सरकारी सेनाएं जोंगलेई में विद्रोहियों से लड़ रही हैं, जबकि संयुक्त राष्ट्र शांति सेना व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रही है, ताकि इस लड़ाई में बहुत ज्यादा नागरिक हताहत न हों।

भारती एयरटेल थ्री जी रोमिंग पर रोक


भारती एयरटेल थ्री जी रोमिंग पर रोक

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। उच्चतम न्यायालय ने आज भारती एयरटेल पर सात सर्कलों में नये उपभोक्ताओं को थ्री जी रोमिंग सेवा उपलब्ध कराने पर रोक लगा दी है। इन सात सर्कलों में एयरटेल के पास थ्री जी सेवाएं उपलब्ध कराने का लाइसेंस नहीं है। मध्य प्रदेश् सहिति इन सर्किल में कोलकाता, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, पूर्वी उत्तरप्रदेश और केरल शामिल है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति अल्तमश कबीर और न्यायमूर्ति विक्रमजीत सिंह सेन की पीठ ने ये भी कहा कि कथित रूप से अवैध थ्री जी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एयरटेल पर जुर्माने के मामले में जबर्दस्ती न की जाए।  पीठ ने केन्द्र और रिलायंस कम्युनिकेशन्स लिमिटेड को नोटिस जारी करके उनसे भारती एयरटेल की याचिका पर दो हफ्घ्ते के अन्दर जवाब देने को कहा है।
भारती एयरटेल ने अपनी याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के इस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें न्यायालय ने उसके थ्री जी रोमिंग समझौते को अवैध ठहराने के दूरसंचार विभाग के निर्णय को सही ठहराया था। उच्चतम न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए ९ मई की तारीख तय की है।
वहीं दूसरी ओर भारती के मुख्य प्रबंध निदेशक सुनील मित्तल और एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रूइया आज अतिरिक्त टू जी स्पैक्ट्रम आवंटन मामले में दिल्ली की एक अदालत में पेश हुए। सुनील मित्तल के वकील ने सीबीआई के विशेष जज ओ पी सैनी के सामने इस मामले की सुनवाई १६ अप्रैल तक स्थगित करने के उच्चतम न्यायालय का आदेश रखा। सुनील मित्तल और रवि रूइया के अलावा पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष भी अदालत में पेश हुए। सीबीआई के विशेष जज ने उन्हें पेश होने के लिए समन भेजा था।

एक साथ ली फीस तो खैर नहीं!


एक साथ ली फीस तो खैर नहीं!

(रोशनी भार्गव)

नई दिल्ली (साई)। निजी तौर पर संचालित शालाओं द्वारा अगर एक कई महीनों की फीस ली गई तो उनकी खैर नहीं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि प्राइवेट स्कूल एक बार में एक महीने से अधिक फीस नहीं ले सकते। न्यायमूर्ति वाल्मिकी मेहता ने कहा कि अभिभावकों को तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर फीस देने के लिए स्कूल बाध्य नहीं कर सकते।
उन्होंने ये भी कहा कि अभिभावकों को हर महीने की दस तारीख तक स्कूल की फीस जमा कराने की सुविधा होनी चाहिए, जो दिल्ली स्कूल शिक्षा नियमों के अनुसार है। अभिभावकों ने न्यायालय के आदेश का स्वागत किया है, लेकिन स्कूल अधिकारियों ने निराशा व्यक्त की है और कहा है कि हर महीने फीस इक्ट्ठी करने से परेशानी होगी।
उच्च न्यायालय कुछ अभिभावकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इन लोगों के बच्चे राष्ट्रीय राजधानी के स्कूल में पढ़ रहे हैं। इन अभिभावकों ने तिमाही फीस लेने की स्कूल की व्यवस्था से राहत मांगी थी।

अतिमहत्वपूर्ण दौरे पर पीएम पहूंचे बर्लिन


अतिमहत्वपूर्ण दौरे पर पीएम पहूंचे बर्लिन

(टी.विश्वनाथ)

बर्लिन (साई)। भारत के वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह एक विशेष और महत्वपूर्ण यात्रा पर जर्मनी पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जर्मनी की तीन दिन की यात्रा पर कल शाम बर्लिन पहुंचे। यात्रा के दौरान वे जर्मनी के नेताओं के साथ व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर मुख्य रुप से चर्चा करेंगे। डॉ मनमोहन अंतर-सरकार बातचीत  के दूसरे दौर की अध्यक्षता करेंगे। जर्मनी की चांसलर एंगला मारकल भी इस बातचीत में शामिल होंगी।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि एशिया में केवल दो देशों- चीन और इजराइल के साथ जर्मनी की यह व्यवस्था है। प्रधानमंत्री की यह यात्रा इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत ने यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए प्रयास तेज कर दिए है। जर्मनी २७ देशों के यूरोपीय संघ का एक प्रमुख सदस्य है और वह यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है।
प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि प्रधानमंत्री अपनी इस यात्रा के दौरान जर्मन नेताओं को इस बात की भी जानकारी देंगे कि आर्थिक सुधारों और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली द्वारा क्या-क्या प्रयास किए गए हैं। प्रधानमंत्री के साथ उनके मंत्रिमंडल के पांच वरिष्ठ सहयोगी और राष्ट्रीय सुरक्षा सहलाकार भी बर्लिन आए हैं। प्रधानमंत्री का कल जर्मनी की चांसलर एंगला मारकल द्वारा औपचारिक स्वागत किया जाएगा। डॉ मनमोहन सिंह की पिछले तीन वर्षाे में यह जर्मनी की दूसरी यात्रा है।
वहीं डॉक्टर मनमोहन सिंह का आज सुबह जर्मन फेडरल चांसलरी में पंरपरागत रुप से स्वागत किया जाएगा। बाद में वे जर्मन चांसलर के साथ अंतर-सरकार बातचीत की संयुक्त रुप से अध्यक्षता करेंगे। शाम को वे झ्जर्मनी में भारत के दिनश् नामक प्रदर्शनी का समापन करेंगे। भारत और जर्मनी दोनों देश राजनयिक संबंध स्थापित होने की सांठवी जयंती मना रहे है। डॉक्टर मनमोहन सिंह १२ अपै्रल को स्वदेश रवाना होने से पहले जर्मनी के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।
वैसे कल शाम प्रधानमंत्री के पहुंचने पर भारत के राजदूत सुजाता सिंह और जर्मनी के प्रोटोकॉल प्रमुख जोरगन क्रिस्चियन मरटेंट्स ने टेगेल सैनिक हवाई अड्डे पर उनकी आगवानी की। हवाईअड्डे पर उनके सम्मान में गार्ड आफ आनर दिया गया। डॉक्टर मनमोहन सिंह की चांसलर एंगला मारकल के निमंत्रण पर जर्मनी की यह दूसरी यात्रा है।

टाईटलर सहित अनेकों की बढ़ सकती हैं परेशानियां


टाईटलर सहित अनेकों की बढ़ सकती हैं परेशानियां

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। 1984 के सिख दंगों के मामले में कांग्रेसी नेता जगदीश टाईटलर सहित अनेक नेताओं की परेशानी बढ़ सकती है। दिल्ली की एक अदालत ने १९८४ के सिख विरोधी दंगे के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ फिर से मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
अदालत ने उन्हें क्लीन चिट दिए जाने संबंधी सी बी आई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने इस मामले में एक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश को दरकिनार करते हुए जांच एजेंसी सी बी आई को निर्देश दिया कि वह दंगे के बारे में जानकारी का दावा करने वाले चश्मदीद गवाहों और लोगों से पूछताछ करे। यह आदेश श्री टाइटलर को सी बी आई द्वारा क्लिन चिट और क्लोजर रिपोर्ट देने के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया।
उधर, कांग्रेस ने पार्टी नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ १९८४ के सिक्ख विरोधी दंगे मामले की सुनवाई फिर से करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर आज कोई टिप्पणी नही की। पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा।
ज्ञातव्य है कि 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शनी श्रीमति इंदिरा गांधी की हत्या के उपरांत देश में भड़के दंगों में अनेक लोगों की जानें गईं थी और अरबों खरबों की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इसमें जगदीश टाईटलर कमल नाथ आदि का नाम प्रमुखता से सामने आया था।
वहीं सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि सी बी आई १९८४ के सिख विरोधी दंगे मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ फिर से मामला चलाने के लिए दिल्ली की एक अदालत के फैसले का अध्ययन करेगी। अदालत ने आज  उन्हें क्लीन चिट देने वाली सी बी आई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया। सी बी आई प्रवक्ता धारणी मिश्रा ने बताया कि जांच एजेंसी अदालत के आदेश का अध्ययन करेगी और आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेगी।

कर्नाटक में नामांकन भरने आरंभ


कर्नाटक में नामांकन भरने आरंभ

(श्वेता यादव)

बंग्लुरू (साई)। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद पांच नामांकन पत्र भरे गए हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी अनिल कुमार झा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मतदाता सूचियों में नाम शामिल करने के लिए साढ़े चौदह लाख से अधिक आवेदन मिले हैं। इनमें से नौ लाख से अधिक का निपटारा कर दिया गया है।
निर्वाचन अयोग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आज सौंपे गए पांच नामपत्रो में कपड़ा मंत्री और निर्दलीय विधायक वर्तु प्रकाश भी शामिल हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया है कि मतदाता सूची में जिसने भी नाम शामिल करने की गुजारिश की है उनके घर तक मतदाता पहचान पत्र पहुंच जाएगा।
सूत्रों ने ये भी बताया है कि मतदाताओं की सुविधा के लिए उम्मीदवारों द्वारा सौंपे गए नामपत्र और हलफनामा वेबसाइट में डाला जाएगा। जिसमें उम्मीदवार की संपत्ति और अपराधिक मामले के जानकारी प्राप्त होगी। वहीं श्री अनिल कुमार ने बताया कि राज्य में अब तक चौदह हजार लीटर शराब और एक करोड़ ८३ लाख रुपए जब्त किए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में १६५ लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं।

पासवर्ड होने जा रहा है बीते जमाने का


पासवर्ड होने जा रहा है बीते जमाने का

(यशवंत)

वाशिंग्टन डीसी (साई)। संचार क्रांति के युग में अब नित नए नए अविष्कार और चीजें सामने आ रही हैं। इंटरनेट फ्रेंडली लोगों के लिए अब पासवर्ड याद रखने की झंझट समाप्त होने वाली है। आने वाले वक्त में आपको पासवर्ड याद रखने और बार-बार उन्हें टाइप करने के झंझट से आजादी मिल जाएगी।
कहा जा रहा है कि आने वाले समय में आपको बस सोचना भर होगा और पासवर्ड खुद आकर एक्सेप्ट कर लिया जाएगा। यह सब मुमकिन होगा एक नए वायरलेस हेडसेट के जरिए जिसे रिसर्चर डिवेलप कर चुके हैं। यह डिवाइस बनाई है कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी के बर्कले स्कूल ऑफ इंफर्मेशन के रिसर्चरों ने। इसकी खासियत यही है कि इसमें पासवर्ड की जगह ब्रेनवेव से प्रमाणिकता पूछी जाती है। इसमें लगी बायो सेंसर टेक्नॉलजी ब्रेनवेव को माप सकती है। इसी के दम पर रिसर्चर पासवर्ड की जगह श्पासथॉट्सश् को हकीकत बना रहे हैं।
वेबसाइट मेशेबल के मुताबिक, 100 डॉलर वाला यह हेडसेट वायरलेस है और ब्लूटूथ के जरिए कंप्यूटर से कनेक्ट होता है। डिवाइस में लगे सेंसर यूजर के माथे के संपर्क में होते हैं और इससे वह दिमाग के इलेक्ट्रॉइनसेफलोग्राम (ईईजी) सिग्नल उपलब्ध कराता है। न्यूरोस्काई माइंडसेट दिखने में किसी आम ब्लूटूथ डिवाइस की तरह है पर काम एकदम हटकर करता है। गजब की बात तो यह है कि आपके किसी दूसरे के दिमाग के वेव्स को कंप्यूटर एक्सेप्ट नहीं करेगा क्योंकि हर किसी के ब्रेन वेव्स अलग होते हैं।

यह है शिव का सुशासन!


यह है शिव का सुशासन!

(सुरेंद्र जायस्वाल)

जबलपुर (साई)। देश के हृदय प्रदेश में भाजपा के निजाम शिवराज सिंह चौहान सुशासन लाने का दावा कर रहे हैं और उन्ही के राज में कांस्य पदक जीतने वाला खिलाड़ी परिवार पालने के लिए फुलकी यानी गोल गप्पे बेच रही है। जी हां यह सच है, एमपी की संस्कारधानी जबलपुर में यह सब हो रहा है।
वर्ष 2011 में एथेंस स्पेशल ओलिंपिक में दो कांस्य पदक जीत कर देश को गौरवान्वित करने वाली सीता साहु इन दिनों मां के साथ गोल गप्पे बेच कर घर चला खर्च चलाने को मजबूर है। 15 वर्षीय सीता मानसिक रूप से निरूशक्त है और आधिकारिक मदद न मिलने की वजह से सीता का एथेलीट करियर रूक चुका है।
सीता के परिजनों ने समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया को बताया कि सीता को 8 जून 2011 को सात बच्चों के साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उनके घर चाय पीने का मौका मिला था और इसके के करीब एक माह बाद, 6 जुलाई 2011 को सीता एथेंस से दो कांस्य पदक जीत कर लौटी थी। सीता ने स्पेशल गेम्स में 200 मीटर और 1600 मीटर दौड़ में यह पदक जीते थे।
सीता से संपर्क खो चुके उसके कोच साजिद मसूद ने बताया कि सीता के पदक जीतने के बाद राज्य सरकार ने नकद पुरस्कार की घोषणा की थी। इस मुताबिक उसे एक लाख रुपये नकद मिलने थे, लेकिन कई बार याद दिलाने के बावजूद सीता को यह राशि नहीं मिली।
सीता की मां किरण साहु कहती हैं कि पेट अ़खैर घर चलाने के लिए कुछ काम तो करना पड़ेगा। हम सीता को लेकर बहुत खुश थे। हमें उम्मीद थी कि सरकार घोषित की गयी राशि देगी पर ऐसा नहीं हुआ। अब हम सीता को ऐसे काम सिखा रहें हैं, जिससे वह कुछ पैसे कमा सके। मेरी बेटी अब अच्छी तरह से गोलगप्पे बेल लेती है और उन्हें गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई भी कर लेती है।

भारतीय नववर्ष का पर्व है वर्ष प्रतिपदा


भारतीय नववर्ष का पर्व है वर्ष प्रतिपदा

(अखिलेश कुमार यादव)

नई दिल्ली (साई)। प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी 11अप्रैल 2013 दिन बुधवार को सर्वोत्तम संयोग पड रहा है जिसके तारतम्य में इस दिन भारतीय पंचाग के अनुसार नव विक्रम संवत 2069-70,चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ ,गुडीपाडवा पर्व ,भगवान झूलेलालजी का जन्मोत्सव,चेटी चॉंद,महर्षि गौतम ऋषि एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक व प्रथम सर संघ संचालक डॉ.हेडगेवार जी की जयंती भी इसी दिन है।    
वैसे भी आज समाज में जो अराजकता ,अराष्ट्रीयता और स्वार्थी मनोवृत्ति के विस्तार के साथ ही साथ भारतीय संस्कृति ,सनातनी परम्परा और धार्मिक ,मानवीय संवेदना के भावों की अनदेखी कर पाश्चात्य सभ्यता व आधुनिकता का चकाचौंध में जो मानसिकता प्रभावित हो रही है उसके लिए निश्चित रूप् से समाज में जागरूकता लाने की आवश्यकता है । हमने 1 जनवरी को ही अपना नववर्ष मान लिया है और जिसके आगमन व बीते वर्ष की विदाई में 31 दिसम्बर की रात्रि में गली,चौक,मोहल्लों ,होटलों,रेस्टारेंटो व अन्य स्थानों में बहुत खर्चीला व  भव्य आयोजन पश्चिमी देशों की तर्ज पर किया जाता है। जबकि यह अंग्रेजी कलेन्डर के आधार पर नववर्ष है लेकिन हमने इसे ही आत्मसात कर अपनी मूल संस्कृति ,मूल परम्परा व पर्व को ही अनदेखा तो कर ही दिया है तथा उसके आयोजनों में भी अपनी प्रसन्नता सहयोग व भावना व्यक्त करने में परहेज करते है जिसके दुष्प्रभाव बिगडते और बदलते हुए सामाजिक मानदंडो के रूप में हमें आज देखने को मिल रहे है। जिस पर चिंतन मनन आवश्यक है।
(अप्रैल) चैत्र मास की 11 तारीख से शक्ति का पर्व नवरात्रि प्रांरभ हो रहा है जो कि 19 तारीख तक रहेगा इस माह में कलश व ज्वारों की स्थापना के माध्यम से शक्ति की उपासना व आराधना की जाती है जिसकी काफी दिनों पूर्व से वृहदस्तर पर लोगों के द्वारा तैयारी की जाती है इन नौ दिनों में जगह-जगह पर माता के जयकारों,जस-भजन व गीतों की गंूज रहती है वैसे भी हिन्दु संस्कृति में हर छह माह के अंतराल से क्वार (अक्टूबर/नवंबर) व चैत्र (अप्रैल)  में दो बार पडने वाला यह शक्ति पर्व पूरे सम्प्रदाय,संस्कृति ,सभ्यता व संतति को उर्जा मय शक्ति संपन्न कर आसुरी प्रवृत्तियों के प्रतिकार तथा संहार का बल व साहस देता है इसी तिथि को हम वर्ष प्रतिपदा एवं नव संवतसर प्रांरभ भी कहते है जिसका अभिप्राय नव वर्ष की और नवीन संकल्पों के साथ पदापर्ण करते हुए नव संवतसर का आगमन करना है जो हमारे जीवन में समृद्धियों व खुशहाली का संचार करेगा ।प्रकृति व कृषि दोनों ही दृष्टिकोण से इस मास का बहुत महत्व है ।रितुराज बसंत के बाद का यह माह मौसम व कृषि के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है इस माह में ही रवि की फसलों की कटाई होती है और नया अनाज ,नव वर्ष के पूजन के समय पाकशाला में पकाया जाता है और देवी-देवताओं को उसका भोग लगाया जाता है उत्सव के रूप में इस मनाकर पास-पडोस व परिचितों को उनके आनंद मंगल के लिये शुभकामनाएं दी जाती है इसी पर्व को महाराष्ट्र की परम्परा अनुसार गुडी पडवा के रूप में नववर्ष की तरह मनाया जाकर विभिन्न आयोजन व शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है लेकिन धीरे-धीरे लोग इसे व इससे जुडे पर्वो को औपचारिकता के रूप में आयोजित कर इसके मूल भाव व महत्व को भूलते जा रहे है जबकि इसी भारतीय संस्कृति व सभ्यता की रक्षा के लिए सिंधी हिन्दुओं को संगठित कर मिर्ख के बादशाह की धर्मान्धता व धर्मान्तरण से जनमानस को संरक्षित कर समाज में धर्म-अध्यात्म व आस्था का प्रकाश फैलाने वाले महापुरूष भगवान श्री झूलेलाल जी का जन्मोत्सव सिंधी समाज चेटीचांद के रूप में उत्साह उमंग व उल्हास से वर्ष प्रतिपदा के दिन ही मनाता है। और इसी दिन परमपूज्य डॉ.केशव बलीराम हेडगेवार जी की जंयती भी है जिन्होनें विजयदशमी सन 1925 को नागपुर में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की प्रतिस्थापना की थी वे संघ के संस्थापक व प्रथम सर संघ संचालक थे जिनका राष्ट्रीयता के बोध भाव का रोपा गया बीज आज वटवृक्ष की तरह विस्तारित हो समाज एवं संस्कृति के रक्षार्थ कर्तव्यस्थ ही प्रयास कर रहा है। महर्षि गौतम ऋषि जो कि महान संत व तपोनिष्ठ थे जिन्होनें इन्द्र की बदनियति के कारण इन्द्र द्वारा माता अहिल्या के साथ किये गये अनापेक्षित व्यवहार से दुखित होकर अपने तपबल से इन्द्र के साथ ही साथ माता अहिल्या को भी श्राप दिया था जिसके कारण वे पत्थर की शिला बन गयी थी और वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ने शिला  का स्पर्श कर माता अहिल्या को इस श्राप से मुक्ति दिलाई थी। इन समस्त विशेषताओं से भरा हुआ है वर्ष प्रतिपदा व नव सवंत का यह पर्व जो दर्शाता है कि पद,प्रतिष्ठा पैसा,प्रभाव ,राजनीति व राजनैतिक दांव पेंच सब यही का यही धरा रह जाता है लेकिन इतिहास में केवल उनका नाम अजर अमर हो जाता है। जिन्होनें जनमानस के लिए राष्ट्र के लिए अपने धर्म,संस्कृति,सभ्यता व राष्ट्रीय अस्मिता के लिए अपना निःस्वार्थ भाव से समपर्ण,निष्ठा व योगदान दिया है,तो आए हम सब और भारतीय राष्ट्रीय सनातनी परम्परागत संस्कृति के प्रतीक वर्ष -प्रतिपदा नव वर्ष पर इन  भावों का संकल्प ले और उत्साह उमंग व जोश के साथ अपने इस नववर्ष का आपस में तिलक ,शुभकामनाएं देकर तोरण ,झंडी लगाकर पूजन अर्जन कर कुछ विचार मंथन चिंतन कर आगमन व आयोजन करें । क्योंकि जिस राष्ट्र की भाषा ,संस्कृति, सभ्यता ,धर्म एवं राष्ट्रीयता अपनों से ही उपेक्षित होने लगती है उस राष्ट्र को परंतत्र होना निश्चित है।