बुधवार, 6 नवंबर 2013

सुबह 11 बजे आरओ केवलारी के कार्यालय में उपस्थित होकर बयान रिकार्ड कराएं हिन्द गजट के संपादक!

सुबह 11 बजे आरओ केवलारी के कार्यालय में उपस्थित होकर बयान रिकार्ड कराएं हिन्द गजट के संपादक!

रात लगभग साढे़ सात बजे फोन पर दिया आरओ केवलारी ने समाचार पत्र के संपादक को आदेश, आज जारी किया नोटिस, नहीं दिया 48 घंटे का नियमानुसार मिलने वाला समय!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। चार नवंबर की रात लगभग सवा सात बजे हिन्द गजट के संपादक के मोबाईल पर 8989867665 नंबर से एक फोन आया। फोनकर्ता ने अपने आप को रिटर्निंग ऑफिसर केवलारी बताया और कहा कि अगले दिन यानी 5 नवंबर को सुबह ग्याहर बजे सिवनी स्थित आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर), केवलारी के कार्यालय पहुंचकर बयान रिकार्ड करवाएं। इस तरह के आदेशात्मक फोन से संपादक सकते में आ गए।
दैनिक हिन्द गजट के संपादक ने बताया कि उनके कुछ बाल सखा दीप पर्व पर सिवनी आए हुए थे। वे अपने मित्रों के साथ पुरानी यादें ताजा कर रहे थे। इसी बीच रात्रि सवा सात बजे एक फोन आया जिसमें फोनकर्ता ने उनसे कहा कि वे आरओ केवलारी बोल रहे हैं। और उन्होंने संपादक को अगली सुबह ग्यारह बजे आरओ केवलारी के सिवनी कार्यालय पहुंचकर बयान दर्ज कराने का निर्देश दे दिया।
जब संपादक द्वारा उनसे कहा गया कि मसला क्या है? तब उन्होंने कहा कि उनकी एक शिकायत आरओ के पास है और उसमें कुछ धाराओं के तहत नोटिस जारी किया गया है। जब इस संबंध में संपादक द्वारा कहा गया कि अगर कोई शिकायत है तो आरओ केवलारी को नियमानुसार नोटिस जारी कर 48 घंटे का समय दिया जाना चाहिए। चूंकि वे लॉ ग्रेजुएट नहीं हैं अतः धाराओं की जानकारी उन्हें नहीं है। वे कैसे बिना जानकारी के बयान रिकार्ड करवा सकते हैं।
साथ ही साथ संपादक द्वारा यह बात भी आरओ केवलारी के संज्ञान में ला दी गई कि 03 और 04 नवंबर कार्यालय का अवकाश है अतः 05 नवंबर को ही वे इस संबंध में कोई कार्यवाही कर पाएंगे। साथ ही साथ यह भी कहा गया कि 04 नवंबर को कांग्रेस के एक महामंत्री द्वारा उनसे इस नोटिस के बारे में कुछ पूछताछ की गई थी। जिस पर हिन्द गजट के व्यवस्थापक द्वारा अपनी भावनाओं से लिखित रूप में अपनी बात से एमसीएमसी और जिला निर्वाचन अधिकारी को आवगत करा दिया गया था। इस पर आरओ केवलारी द्वारा फोन पर ही कहा गया कि एमसीएमसी और जिला निर्वाचन अधिकारी कौन होते हैं? हम आरओ केवलारी हैं और आप हमारे समक्ष कल 11 बजे उपस्थित होकर बयान दर्ज करवाएं।
संपादक द्वारा इस संबंध में आरओ केवलारी से यह पूछा गया कि शिकायतकर्ता कौन है? शिकायत की क्या प्रकृति है? इस बारे में उन्हें लिखित रूप में अवगत कराया जाए तब वे अपना जवाब दे सकेंगे। इस पर आरओ केवलारी ने फोन पर ही कहा कि वे अपने रिकार्ड में इस बात को ले रहे हैं कि संपादक को फोन पर ही सूचना दे दी गई है। इस पर संपादक द्वारा उनसे कहा गया कि आपकी नोटशीट है, आपका पैन है आप जो चाहे लिख सकते हैं, इसमें संपादक भला क्या कर सकता है। इस पर आरओ केवलारी द्वारा फोन पर कहा गया कि फोन पर दी गई सूचना ही पर्याप्त है और संपादक को सुबह 11 बजे उपस्थित होना ही होगा।
दैनिक हिन्द गजट के संपादक द्वारा इस मामले में उनसे निवेदन किया गया कि वे कायस्थ हैं और 05 नवंबर को यमद्वितीया एवं भाई दूज का पर्व होता है। इस दिन सुबह से लेकर शाम तक भगवान चित्रगुप्त का पूजन किया जाता है। इस दिन का महत्व कायस्थ समाज के लिए बेहद अधिक है अतः नोटिस भेजकर कम से कम 48 घंटे का समय दिया जाए। इन सारी बातों को दरकिनार कर फोनकर्ता आरओ केवलारी द्वारा अंत में साफ तौर पर कहा गया कि वे इस बात को अपने रिकार्ड में ले रहे हैं कि उनके द्वारा फोन पर सूचना तामील कर दी गई है।

क्या है मामला
दरअसल, सालों साल से समाचार पत्रों की अघोषित चली आ रही परंपरानुसार इस साल दैनिक हिन्द गजट द्वारा दीपोत्सव पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और माता सरस्वती के चित्रों से युक्त एक रंगीन छायाचित्र निःशुल्क वितरण के लिए प्रकाशित किया गया था। अमूमन हर समाचार पत्र द्वारा इसका प्रकाशन किया जाना आम बात है। अमूमन इसे समाचार पत्र का ही अंग माना जाता है अतः इसके प्रकाशन में अलग से संपादक, प्रकाशक, मुद्रक के नाम अथवा प्रसार संख्या का उल्लेख नहीं होता है। इस छायाचित्र में (देखें फोटो) विज्ञापनों का प्रकाशन सामान्य बात है। इस बार इसके प्रकाशन के साथ इसमें कुंवर शक्ति सिंह का फोटो और उनकी ओर से दीप पर्व की बधाई का प्रकाशन किया गया था।
एसडीएम कार्यालय केवलारी के सूत्रों की मानें तो एसडीएम केवलारी द्वारा इसे पंपलेट की श्रेणी में रखा जा रहा है, एवं इसमें संपादक को प्रिंटिंग एक्ट के उल्लंघन का नोटिस जारी किया जा रहा है। अगर दैनिक हिन्द गजट के साथ प्रसारित इस रंगीन छायाचित्र को उनके द्वारा अवैध माना जा रहा है तो शेष समाचार पत्रों द्वारा इसी प्रकृति के वितरित छायाचित्र क्या वैध हैं यही यक्ष अनुत्तरित ही है, क्योंकि उनमें भी न तो यह लिखा है कि फलां अखबार के साथ प्रकाशित या प्रसारित! हिन्द गजट द्वारा तो 03 नवंबर के अंक के साथ प्रथम पृष्ठ पर यह सूचना भी हाईलाईटेड कर प्रकाशित की गई थी कि 03 नवंबर के अंक के साथ उक्त छायाचित्र दिया जा रहा है जिसे पाठक अपने हाकर्स से अवश्य ही ले लें। इन परिस्थितियों में इसे पंपलेट मानना उचित नहीं कहा जा सकता है।
दैनिक हिन्द गजट के व्यवस्थापक द्वारा आज जिला निर्वाचन अधिकारी को एक पत्र लिखकर संपूर्ण घटनाक्रम से उन्हें अवगत करवाया है। साथ ही साथ उन्होंनें जिला निर्वाचन अधिकारी से आग्रह किया है कि नियमानुसार जवाब के लिए मिलने वाले 48 घंटों के लिए जिले की समस्त विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचन अधिकारियों को पाबंद किया जाए। उन्होंने यह भी आग्रह किया है अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया जाए कि वे समाचार पत्र के संपादकों या प्रतिनिधियों से इस तरह का बर्ताव कतई न करें मानों मीडिया से जुड़े लोग सरकारी मुलाजिम हों।
व्यवस्थापक द्वारा अपने पत्र में जिला निर्वाचन अधिकारी से यह भी आग्रह किया है कि आरओ केवलारी से इस बात का स्पष्टीकरण भी मांगा जाए कि आखिर उन्होंने किस आधार पर एक जिम्मेदार समाचार पत्र के जिम्मेदार संपादक को रात लगभग सवा सात बजे यह आदेशित किया कि वे अगले दिन ग्यारह बजे (महज सोलह घंटे बाद) उनके कार्यालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज करवाएं। जबकि संपादक ने 05 नवंबर को होने वाली पूजा का हवाला भी दिया था।
इसके साथ ही साथ भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक को भी इसकी एक प्रति भेजकर मार्गदर्शन मांगा है कि क्या समाचार पत्र के साथ समय समय पर निशुल्क प्रसारित और वितरित की जाने वाली सामग्री में क्या प्रथक से प्रकाशक, संपादक या मुद्रक का नाम प्रकाशित करना अनिवार्य है? क्या इसमें प्रसार संख्या का उल्लेख किया जाना आवश्यक है?
इसके अलावा भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष को भेजी गई प्रति में व्यवस्थापक द्वारा उनसे मार्गदर्शन भी मांगा है जिसमें आग्रह किया गया है कि बिना पर्याप्त समय दिए फोन पर ही आदेशात्मक तरीके से बातचीत कर बयान दर्ज करवाने के लिए बुलवाने का दवाब डालना क्या न्यायोचित है? क्या यह प्रेस की स्वतंत्रता के हनन की श्रेणी में नहीं आता है? अगर आता है तो इस पर उचित कार्यवाही का आग्रह किया गया है।
इसकी प्रति भारत निर्वाचन आयोग तथा राज्य निर्वाचन आयोग को भी भेजकर अनुरोध किया गया है कि इस पूरे मामले की जांच करवाई जाए। आचार संहिता के उल्लंघन के नाम पर समाचार पत्र के संपादक को मौखिक आदेश देकर वह भी अखबार के अवकाश वाली रात्रि में, देकर नियमानुसार 48 घंटे का समय दिए और लिखित नोटिए दिए बिना ही, उपस्थिति के लिए बाध्य करना क्या न्यायोचित है?
अंत में जिला दण्डाधिकारी से अनुरोध कर मार्गदर्शन चाहा गया है कि क्या प्रिंटिंग एक्ट सिर्फ चुनाव की आचार संहिता के दरम्यान ही प्रभावी होता है? अगर यह साल भर प्रभावी होता है तो सिवनी से प्रकाशित होने वाले उन समाचार पत्रों पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है जो भारत के समाचार पत्रों की शीर्षक (अस्थाई और स्थाई) में शामिल नहीं हैं। इसके साथ ही साथ क्या संपूर्ण सिवनी जिले में दीपोत्सव के पर्व पर अन्य समाचार पत्रों के द्वारा बांटे गए माता लक्ष्मी, माता सरस्वती, भगवान गणेश के पोस्टर्स जिनमें प्रकाशक, मुद्रक का नाम और प्रसार संख्या नहीं है, पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?

शक्ति सिंह को जारी हुआ फरमान आठ बजे तक दो हाजिरी!
वहीं, बताया जाता है कि कांग्रेस के महसचिव कुंवर शक्ति सिंह को आरओ केवलारी ने 04 नवंबर को ही एक नोटिस जारी कर उसी रात आठ बजे तक आरओ केवलारी के केवलारी स्थित कार्यालय में उपस्थित होकर जवाब देने को कहा गया। बताया जाता है कि इस नोटिस से शक्ति सिंह असमंजस में थे कि आखिर हुआ क्या है जो आनन फानन 48 घंटे के बजाए तत्काल ही उपस्थ्ति होकर जवाब चाहा गया है।

दिया शक्ति सिंह ने अपना जवाब
बताया जाता है कि एसडीएम केवलारी के कार्यालय में रात में निर्धारित अवधि में कुंवर शक्ति सिंह ने नियमों का अनुपालन करते हुए पांच कंडिकाओं में अपना जवाब प्रस्तुत किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार शक्ति सिंह द्वारा दिए गए लिखित जवाब में कंडिका नंबर एक में कहा गया है कि इस तरह का कोई काम उनके द्वारा नहीं किया गया है।
अपने लिखित जवाब की दूसरी कंडिका में उन्होंने कहा है कि संभवतः उनके किसी मित्र या समर्थक द्वारा इस आशयक काम किया गया हो, इस संबंध में उन्होंने कहा कि वे अपने मित्र या शुभचिंतकों से पूछकर 24 घंटे के अंदर आरओ केवलारी को अवश्य ही सूचित कर देंगे।
कंडिका तीन में इस बात का उल्लेख किया गया है कि वे जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री हैं, और उन्होंने किस हैसियत से या आधार पर उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी निरूपित किया गया है। उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा वर्तमान में न तो आरओ केवलारी और न ही आरओ सिवनी के कार्यालय में नामांकन प्रस्तुत नहीं किया है, अतः वे वर्तमान में जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री हैं।
कंडिका चार में उन्होंने कहा है कि इस संबंध में वे संबंधित समाचार पत्र से जानकारी चौबीस घंटों के अंदर आरओ केवलारी को अवगत कराएंगे।
बताया जाता है कि अंत में कुंवर शक्ति सिंह ने कहा है कि अगर वे विधानसभा चुनाव मंें उम्मीदवारी करते हैं और उनके किसी समर्थक या मित्र द्वारा विज्ञापन दिया गया है तो उक्त विज्ञापन की राशि उनके व्यय में शामिल कर ली जाए। उन्होंने आगे कहा कि उम्मीदवारी के बाद (अगर वे करते हैं तो) उनके द्वारा इस विज्ञापन के व्यय को उसमें शामिल कर संबंधित आरओ को इससे अवगत करा दिया जाएगा।

मिला हिन्द गजट को नोटिस
इस संबंध में आज अपरान्ह लगभग दो बजे हिन्द गजट को अनुविभागीय अधिकारी/रिटर्निंग ऑफिसर, विधानसभा क्षेत्र 116, केवलारी के हस्ताक्षरों से जारी नोटिस लगभग ढाई बजे तामील किया गया। इस नोटिस में उल्लेख किया गया है कि 03 नवंबर के अंक में विधानसभा क्षेत्र 116 के निर्दलीय प्रत्याशी शक्ति सिंह के फोटो युक्त दीपावली शुभकामना संदेश आपके द्वारा प्रसारित कर वितरित किया गया है। उक्त संबंध में शक्ति सिंह ने आरओ केवलारी के समक्ष उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत किया गया है कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार का शुभकामना संदेश प्रसारित नहीं करवाया गया है।
नोटिस में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127 क (1) में प्रावधान है कि निर्वाचन से संबंधित किसी भी पैम्पलेट, पोस्टर आदि के ऊपर मुद्रक और प्रकाशक का नाम व पता एवं मुद्रित प्रतियों की संख्या छपी होनी चाहिए। आपके द्वारा प्रसारित शुभकामना संदेश में मुद्रक व प्रकाशक का नाम व पता, मुद्रित संख्या अंकित नहीं की गई है, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क (1) का उल्लंघन है।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि आपके द्वारा जिला जनसम्पर्क अधिकारी सिवनी के माध्यम से एम.सी.एम.सी. सिवनी को 4 नवंबर को लिखे पत्र में लेख किया गया है कि कांग्रेस के जिला महामंत्री शक्तिसिंह द्वारा विज्ञापन आदेश दिया गया था, जिसका बिल भी आपके द्वारा भेजा गया।
नोटिस में कहा गया है कि निर्वाचन आचार संहिता के दौरान राष्ट्रीय राजनैतिक दल के पदाधिकारी द्वारा जिन्होंने मेरे समक्ष निर्दलीय प्रत्याशी होने का दावा किया है, अपने फोटोयुक्त विज्ञापन छपवाना आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है। छपवाये गये विज्ञापन में प्रकाशक एवं मुद्रक का नाम, प्रकाशित विज्ञापन की संख्या का मुद्रण किया जाना आवश्यक था, जो नहीं किया गया है। उक्त पोस्टर में ‘‘हिन्द गजट‘‘ के माध्यम निःशुल्क प्रसारित लेख किया गया है।
अतः क्यों न आपके विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क (1) तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 (छ) के तहत कार्यवाही की जावे। आप दिनांक 06/11/2013 को दोपहर 12.00 बजे (जबकि नोटिस 5 नवंबर को अपरान्ह दो बजे तामील किया गया है इस हिसाब से 48 घंटों का समय 7 नवंबर 2013 को अपरान्ह दो बजे के लगभग होता है) न्यायालय कलेक्टर कक्ष सिवनी में मेरे समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें कि आपके द्वारा किस विज्ञापनदाता द्वारा कब और कितनी प्रतियों में पोस्टर प्रकाशित कराने हेतु विज्ञापन दिया। विज्ञापन आदेश की सत्यप्रतिलिपि प्रस्तुत करें, साथ ही यह भी बतायें कि आपके द्वारा प्रमाणित विज्ञापन में प्रकाशक व मुद्रक का नाम तथा मुद्रित प्रतियों की संख्या क्यों नहीं मुद्रित की गईं। आपकी अनुपस्थिति की दशा में एकपक्षीय कार्यवाही कर दी जावेगी।

शक्ति सिंह ने पुनः दिया जवाब
बताया जाता है कि आज देर रात एसडीएम केवलारी के कार्यालय में अपना वायदा निभाते हुए शक्ति सिंह द्वारा संबंधित समाचार पत्र और अपने मित्र समर्थकों से पूछकर यह जानकारी दे दी गई है कि उनके किसी समर्थक ने इस आशय के विज्ञापन का प्रकाशन कराया गया है। साथ ही साथ शक्ति सिंह ने इस बावत अपनी लिखित सहमति भी आरओ केवलारी को दे दी है।

गौरतलब है कि गत दिवस शक्ति सिंह द्वारा इस आशय के विज्ञापन के संबंध में अनिभिज्ञता व्यक्त करते हुए कहा गया था कि वे 24 घंटे के अंदर इस मामले में अपने समर्थकों और मित्रों सहित समाचार पत्र से पूछकर जवाब दे देगें।