गुरुवार, 8 नवंबर 2012

अर्थव्यवस्था को चाट चुकी है दीमक!


फेरबदल से क्या अलीबाबा . . . . 4

अर्थव्यवस्था को चाट चुकी है दीमक!

(लिमटी खरे)

भारत गणराज्य के इतिहास में इक्कीसवीं सदी का पहला दशक सदा याद रखा जाएगा। इस दशक के आरंभ के साथ ही भारत देश को जनसेवकों द्वारा लूटने का अनवरत सिलसिला आरंभ किया है। 2004 में भाजपानीत राजग सरकार की बिदाई के उपरांत जब कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने देश की सत्ता को अपने हाथों में लिया तो उन्हीं हाथों से देश को लूटना आरंभ हो गया। हालात देखकर लगने लगा कि अब जनसेवक नहीं उद्योगपति, पूंजीपति, मुनाफाखोर ही सरकार के संवाहक बन बैठे हैं।
2004 के उपरांत आज तक एक के बाद एक घपले घोटालों और भ्रष्टाचार के जितने भी महाकांड सामने आए हैं उनके बाद तो कांग्रेस और भाजपा को जनता से आंखें मिलाने का साहस ही नहीं करना था। वस्तुतः इस सबसे उलट इन नेताओं ने रटा रटाया जबाव -‘‘यह विपक्ष की साजिश है।‘‘ देकर अपने आपको बरी करना आरंभ कर दिया। लुटी पिटी जनता बेचारी जाए तो जाए कहां, गुहार लगाए तो किससे? सत्ता पक्ष लूट में लगा है तो विपक्ष में बैठे नेता उनकी लूट के माल में सहभागी बन रहे हैं।
मंहगाई का दानव जिस तरह लोगों को अपनी जद में ले रहा है उसे देखकर लगने लगा है कि जल्द ही देश में अराजकता का शासन सर चढ़कर बोलेगा। लोगों के पास मोबाईल रिचार्ज करने और सुरापान के पैसे आखिर आ कहां से रहे हैं। देश के हर छोटे जिले में अमूमन पांच करोड़ रूपए प्रतिमाह के मोबाईल रिचार्ज बाउचर बिक रहे हैं। कोई दस रूपए तो कोई पांच सौ रूपए के रिचार्ज डलवा रहा है।
चारों ओर लूट मची है। नेता देश लूट रहे हैं, व्यापारी आम आदमी को लूट रहे हैं। कंपनियां अपने उत्पादों पर नीचे एक छोटा सा स्टार लगाकर शर्तें लागूकर अपना हित साध रही हैं। जगह जगह लूटपाट, राहजनी, नकबजनी, चोरी डकैती हो रही है। बंग्लादेश से आए घुसपैठिए छुरे चाकू की नोक पर लोगों का जीना मुहाल किए हैं। मां बेटियों की अस्मत सरे राह लूटी जा रही है। अब तो आलम यह हो गया है कि धार्मिक आयोजनों की समाप्ति पर आयोजन के प्रांगड की सफाई में वहां कंडोम बहुतायत में मिल रहे हैं।
इस तरह की अराजकता को देखकर कोई भी कह देगा कि देश में सिस्टम ही नहीं बचा है। कांग्रेस की नजरों में युवराज राहुल गांधी (वस्तुतः वे सांसद के योग्य भी नहीं हैं, क्योंकि कांग्रेस और सहयोगियों द्वारा किए गए प्रमाणित भ्रष्टाचार और लूट पर भी उन्होंने अपना मुंह बंद कर रखा है) भी इस लूट में बराबरी के सहभागी माने जा सकते हैं। वे बिना ब्याज का लोन देते हैं, उनके बहनोई राबर्ट वढेरा बिना ब्याज का लोन लेते हैं, पर राहुल अपना मुंह सिले रहते हैं। इसे क्या समझा जाए? लूट में राहुल गांधी की मौन सहमति?
देश में सारी व्यवस्था सड़ गलकर सडांध मारने लगी है। फिर भी वजीरे आजम डॉ।मनमोहन सिंह और कांग्रेस का झंडा डंडा उठाने वाले इस गंदी बदबूदार व्यवथा के बारे में यह टिप्पणी कर सकते हैं कि देश के आधारभूत क्षेत्र की व्यवस्थाएं चाहे वह रेल्वे हो, नेशनल हाइवे और राजमार्ग, जहाजरानी, टेलीकाम, मानव संसाधन विकास या फिर उर्जा का क्षेत्र हो या कोई ओर क्षेत्र, का प्रबंधन कुशल, बुद्धिमान और सुघड हाथों में पूरी तरह सुरक्षित है।
जमीनी हकीकत यह है कि देश की अर्थव्यव्था स्वयंभू तथाकथित महान अर्थशास्त्री वजीरे आजम डॉक्टर मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम भी यह जानते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था को अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की दीमक पूरी तरह चाट चुकी है। यही कारण है कि मंहगाई के आसमान छूते ग्राफ को कम करने के बजाए जनता को महज दिलासा ही देते हुए तारीख पर तारीख देते आए हैं। जब ईमानदार मीडिया (सरकार के हाथों बिके लालची और घराना पत्रकारिता वाले मीडिया को छोडकर) अपनी धार पजाता है तब पीएम कह उठते हैं कि मेरे हाथ में जादुई छडी नहीं है, पैसा पेड़ पर नही उगता है।
मृत्यु शैया पर पड़ी भारत की अर्थव्यवस्था को जिलाने (जिंदा करने) के लिए भगवान को अवतार लेना ही होगा। कहते हैं बुराई के प्रतीक रावण के वध के भगवान को राम का, हिरणकश्यम के नाश के लिए भगवान को प्रहलाद का तो कंस रूपी बुराई को समाप्त करने भगवान को कृष्ण का रूप लेकर प्रकट होना पड़ा। भारत गणराज्य की जनता भगवान के चौथे रूप का इंतजार बड़ी ही बेसब्री से कर रही है।
यह सच है कि मानव की याददाश्त बेहद कम होती है। लोग जल्दी ही पुरानी बात भूलकर नई चर्चा में लग जाते हैं। देश के राजनेता इस बात को बेहतर तरीके से जानते हैं। यही कारण है कि जब भी कोई घपला या घोटाला सामने आता है उसके चंद दिनों बाद किसी ना किसी चीज की कीमत मेें इजाफा कर दिया जाता है ताकि लोगों का ध्यान उस घोटाले से हट जाए। लाखों करोड रूपयों के कामन वेल्थ घोटाले की चर्चा आज ना मीडिया करता है और ना ही आम आदमी जबकि सारा का सारा धन आम आदमी की जेब से ही निकाला गया था।
प्रधानमंत्री ने अपनी और सरकार की छवि को बचाए रखने के लिए परंपरा को बदला है। अब तक सूचना और प्रसारण मंत्रालय के भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी ही पीएमओ में पीएम के मीडिया के प्रभारी या एडवाईजर हुआ करते थे। मनमोहन सिंह ने इस परंपरा को बदलकर निजी तौर पर इसे कथित रूप से ठेके पर दिया है। पीएम के मीडिया एडवाईजर का काम हरीश खरे के उपरांत अब पंकज पचौरी निभा रहे हैं।
हम यह बात दावे के साथ कह सकते हैं कि पंकज पचौरी भले ही एक लाख रूपए प्रतिमाह की पगार लेकर मनमोहन सिंह सरकार के लिए मीडिया को साध रहे हों, पर इस बात का जवाब वे भी नहीं दे सकते हैं कि देश के अधोसंरचना विकास, सड़क, बिजली, रेल, बंदरगाह, पानी, बांध, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि के लिए रकम कहां से जुटाई जाएगी? रीते पड़े खजाने से तो यह संभव नहीं है। इस सच्चाई से मनमोहन सिंह और उनके दमाद (केंद्रीय मंत्री और सांसद) एवं पंकज पचौरी भी वाकिफ होंगे कि सरकार ने ही देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह खोखला कर दिया है।
हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं कि देश में गैरजरूरी खैराती योजनाओं में पैसा पानी की तरह बह रहा है। सांसद विधायकों और अन्य जनसेवकों और नौकरशाहों की विलासिता में जनता का पैसा बहाया जा रहा है। यक्ष प्रश्न आज भी यही खड़ा है कि जब सरकार यह सुनिश्चित नहीं कर पाती है कि विकलांग और निशक्तजनों के लिए दी गई इमदाद को एक केंद्रीय मंत्री बिना डकार के पचा जाता है और सरकार उसको हटाने के बजाए पदोन्नति दे देती है तब अन्य योजनाओं में दिए गए धन की पहरेदारी कैसे संभव है? (साई फीचर्स)
(क्रमशः जारी)

विदेश मंत्रालय में नहीं चल पाई राहुल की!


विदेश मंत्रालय में नहीं चल पाई राहुल की!


(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। भले ही कांग्रेस ने अपने युवराज राहुल गांधी को घोषित तौर पर पार्टी का नंबर दो मान लिया हो पर इस बार के केंद्रीय मंत्रीमण्डल में राहुल की बजाए मनमोहन सिंह का वीटो ही ज्यादा भारी पड़ा। विकलांगों का पैसा बिना डकार के हजम करने के आरोपों के बाद भी सलमान खुर्शीद को पदोन्नति दिया जाना इसका सबसे बड़ा उदहारण माना जा रहा है।
हर तरह से प्रतिकूल वातावरण और नदी में बहाव से उल्टी दिशा में चप्पू चलाने के बाद भी सलमान खुर्शीद का सियासी अभ्युदय कांग्रेस के आला नेताओं को अजरज में डाल रहा है। कांग्रेस के शीर्ष नेता इस बात पर हैरान हैं कि विकलांग और निशक्तजनों के लिए आवंटित धन को डकारने के संगीन आरोपों के बाद जहां खुर्शीद को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाना चाहिए था, इसके बजाए खुर्शीद को पदोन्नति देने का जोखिक आखिर कैसे उठा लिया कांग्रेस ने!
24, अकबर रोड़ स्थित कांग्रेस के नेशनल हेडक्वार्टर के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को संकेत दिए कि इस बार राहुल गांधी के बजाए प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की ज्यादा चली है। पीएम ने हर मामले में अपना घुटना रखते हुए वीटो का इस्तेमाल किया है। सलमान खुर्शीद का सियासी अभ्युदय इसी का ही परिणाम माना जा रहा है।
उधर, कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को बतौर सांसद आवंटित सरकारी आवास) के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सलमान खुर्शीद के बजाए आनंद शर्मा को विदेश मंत्री बनाए जाने के प्रबल समर्थक थे युवराज राहुल गांधी। बावजूद इसके सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह की बात मानकर सलमान को ही यह प्रभार देने पर हरी झंडी दे दी।
सूत्रांे की मानें तो मनमोहन सिंह ने राहुल और सोनिया के सामने सलमान के पक्ष में यही दलील रखी कि सलमान विदेश में पढ़े लिखे हैं और उनका सियासी अनुभव भी बेहतरीन है। इसके अलावा सलमान मुस्लिम हैं, यूपी से हैं और कांग्रेस के बहुत पुराने परिवार से हैं। पीएम ने यह भी कहा कि सलमान की कई पीढियां नेहरू गांधी परिवार की चौखट चूमती आई है।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी को यह भी कहा कि सलमान के नाना जकिर हुसेन देश के भाल पर तिलक के रूप में रहे हैं। सलमान के पिता खुर्शीद आलम राज्य सभा सदस्य के साथ ही साथ कर्नाटक के लाट साहब भी रह चुके हैं।
पीएम ने यह भी दलील दी कि इतना ही नहीं सलमान पहले भी विदेश मंत्री रह चुके हैं, इसलिए देश को उनसे मुफीद विदेश मंत्री नहीं मिल सकता है। फिर क्या था सलमान के सारे खून माफ करते हुए देश की निशक्त और विकलांग जनता के रिसते घावों पर नमक छिड़ककर सलमान खुर्शीद को पदोन्नति देते हुए विदेश मंत्री का ओहदा थाली में रखकर परोस दिया सोनिया गांधी ने।

मध्यप्रदेश-सन्देश में होगा ठेके का सम्पादक


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 8

मध्यप्रदेश-सन्देश में होगा ठेके का सम्पादक


भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश सन्देश नामक सरकारी पत्रिका को शिवराज सरकार ठेके पर देने का मन बना रही है, इसके लिए सबसे पहले ठेके का सम्पादक सरकार ने तलाश कर उसकी नियुक्ती कर दी है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का भरोसा अपनी व अपनी सरकार की छवि बनाने वाले जनसम्पर्क विभाग व उनके अधिकारीयों से उठ गया है, पिछले दिनों शिवराज ने विभाग की बैठक में साफ-साफ विभाग बंद करने तक की धमकी अधिकारीयों को दे दी थी। अधिकारी हतप्रभ हैं कि क्या करे, क्या न करें? चर्चा का बाजार गर्म है जनसंपर्क विभाग के सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चेतावनी दी थी कि यह बातें बैठक के बाहर नहीं जाना चाहिए, लेकिन बातें धीरे धीरे बाहर आ गई। मुख्यमंत्री अपनी सरकार की पोलें खोलने वाली वेबसाइट व फीचर सेवा पर पहले ही रोक लगा चुके हैं और आगे भी अख़बारों व अन्य मीडिया पर लगाम लगाने के इरादे जाहिर कर चुके हैं।
जनसम्पर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बताते है कि अब कुछ खास लोगों को उपकृत करने की मंशा के चलते शिवराज ने विभाग में ठेका प्रथा शुरू करने जा रहे है। और इसकी शुरुआत में सरकार सबसे पहले अपने मुखपत्र श्श्मध्यप्रदेश सन्देशश्श् को ही ठेके पर देने जा रही है। गौरतलब है की इस पत्रिका का प्रकाशन बंद कर दिया गया था बाद में पूर्व जनसंपर्क आयुक्त अरुणा शर्मा की पहल पर इसका पुनः प्रकाशन प्राम्भ किया गया पूर्व में जनसंपर्क विभाग के अपर संचालक स्तर के अधिकारी की देखरेख में इस पत्रिका का संपादन होता आया है किन्तु कुछ समय से मुख्यमंत्री शिवराज उसके ले आउट, लेखन सामग्री को लेकर खुश नहीं थे।
सूत्र बताते है इसके लिए सबसे पहले शिवराज सिंह ने अपने मातहतों से ठेके के सम्पादक की तलाश शुरू करवाई। खबर है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गिरिजाशंकर नामक पत्रकार व अपने निजी मीडिया सलाहकार को सन्देश का सलाहकार सम्पादक बनाने के आदेश दिए व ५०,००० रुपये महीना और अन्य भत्ते के साथ उनकी नियुक्ति ठेके पर मध्यप्रदेश माध्यम से की है।
सूत्र बताते हैं कि बाद में जनसम्पर्क की सहयोगी संस्था माध्यम में राघवेन्द्र सिंह, दीपक तिवारी जैसे पत्रकारों को मीडिया विशेषज्ञ पद से उपकृत करने की योजना है अब विभाग के अफसरान इन नियुक्तियों को लेकर असमंजस में हैं। समस्त अधिकारीयों में गुपचुप चर्चा जारी है कि क्या जनसंपर्क, माध्यम में योग्य अधिकारीयों की कमी है? ठेके पर नियुक्ति की बात अधिकारीयों के गले नहीं उतर रही, किन्तु करें भी तो क्या करें,मुख्यमंत्री के आगे सब विवश हैं?
(इनसाईट टीवी न्यूज से साभार)

एयरसेल मैक्सिस की जांच पूरी


एयरसेल मैक्सिस की जांच पूरी

(सुमित माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो- सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि उसने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में देश में जांच पूरी कर ली है, लेकिन विदेशों में मलेशिया की कंपनी के मालिक के राजनीतिक प्रभाव के कारण जांच में देरी हो रही है। जांच एजेंसी ने बताया कि मलेशिया और मॉरिशस ने सौदे के बारे मे जांच पूरी करने के लिए अनुरोध पत्र भेजा गया है।
न्यायालय ने टिप्पणी की कि  सीबीआई की जांच से सरसरी तौर पर पता चलता है कि पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और मलेशिया का व्यापारी एयरसेल-मैक्सिस सौदे में शामिल थे। न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और के एस राधाकृष्णन की खंडपीठ ने सीबीआई द्वारा बंद लिफाफे में दायर दो रिपोर्टों के अध्ययन करने के बाद ये टिप्पणी की।

कोहरे से निपटने अजीत ने दिए निर्देश


कोहरे से निपटने अजीत ने दिए निर्देश

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने सर्दियों में, विशेष रूप से उत्तर भारत के हवाई अड्डों पर कोहरे के कारण होने वाली परेशानियां दूर करने के लिए संबद्ध विभागों से पहले से ही सभी जरूरी कदम उठाने को कहा है। श्री सिंह ने कल सभी सम्बद्ध पक्षों के साथ बैठक में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और उत्तर भारत के हवाई अड्डों पर कोहरे से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया है कि यात्रियों को बेवजह असुविधा नहीं होनी चाहिए और सुरक्षा से समझौता किए बगैर, कम से कम उड़ानें रद्द की जानी चाहिए। श्री सिंह ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और संबद्ध विभागों को सलाह दी है कि कोहरे के दौरान उड़ानों के सुचारू संचालन और लैंडिंग के लिए सबसे अच्छी उपलब्ध तकनीकी का इस्तेमाल किया जाए। 

देश में भावनात्मक एकता की कमी: अंसारी

(धीरेंद्र श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि देश में भावनात्मक एकता में कमी आई है और इसमें नई स्फूर्ति लाने की बहुत जरूरत है। कल नई दिल्ली में आयोजित सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि देश कुछ क्षेत्रों में नक्सलवाद, उग्रवाद, गरीबी और भाषायी, सामाजिक तथा सांस्कृतिक विषमताओं जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनसे निपटने के लिए सुधार उपाय करने की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि कुछ क्षेत्रों में नक्सलवाद और उपद्रव की समस्या है जहां सरकार का कानून केवल नाम के लिए है। देश के विभिन्न राज्यों और वहां रहने वाली जनजातियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ बेहतर व्यवहार किया जाए। यह राष्ट्रीय एकता और आपसी भाई चारे के लिए भी बहुत जरूरी है।
श्री अंसारी ने कहा कि देश के संविधान निर्माताओं द्वारा निर्धारित लोकतांत्रिक प्रक्रिया की फिर से पुष्टी किए जाने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने जातीय और सांप्रदायिक हिंसा की कुछ घटनाओं की भी चर्चा की, जहाँ स्थानीय और बाहरी लोगों के बीच मतभेद के प्रयास किये गये, जबकि ये सभी देश के नागरिक हैं। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी, प्रसार भारती की अध्यक्ष मृणाल पांडे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार तथा सूचना और प्रसारण सचिव उदय कुमार वर्मा उपस्थित थे।

आंध्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर

(प्रति सक्सेना)

हैरदाबाद (साई)। आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटवर्ती इलाके में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पिछले एक सप्ताह से भारी वर्षा के कारण बहुत सारे गांवों और शहरों के रिहाइशी इलाकों में पानी भरा हुआ है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य सरकार ने वर्षा से प्रभावित इलाकों में बीमारियां फैलने से रोकने के लिए चार सौ चिकित्सा दल तैनात किये हैं।
सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार का पहला दायित्व इस समय प्रशासन की सबसे बड़ी चिंता बीमारियों को फैलने से रोकना है। पीने के पानी के स्रोत कई जगह बाढ़ से प्रभावित हैं और कई जगहों पर साफ पानी सप्लाई करने वाले टैंक बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि इन स्रोतों को संक्रमण से बचाने और बीमारियों से बचाव के लिए प्रभावित इलाकों में विशेष दल भेजे गए हैं। वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को लगातार स्थिति पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बड़ी मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर और क्लोरीन की गोलियां भेजी गई हैं। संक्रामक रोगों से बचाने के लिए खासतौर पर राहत शिविरों में रह रहे लोगों की जांच की जा रही है। इस बीच, भारी वर्षा के कारण राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर ३१ हो गई है। ४१ हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार धान और कपास सहित दस लाख हेक्टेयर भूमि में फसलों को नुकसान पहुंचा है।

अब फिसली शीला की जुबान


अब फिसली शीला की जुबान

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। अपने आप को बचाने के चक्कर में नेता दूसरों पर आरोप लगाने के पहले यह भी नहीं सोचते कि इसका असर क्या होगा। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गिरने का संकेत कर रहे धुंध पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि यह पड़ोसी पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों में किसानों द्वारा व्यापक रूप से पुआल जलाने का परिणाम है न कि वायु प्रदूषण का नतीजा।
यमुना के मुहाने पर बने दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि शीला दीक्षित ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखकर उससे आग्रह करेंगी कि वह इन राज्यों से कहे कि वे अपने किसानों को बड़े पैमाने पर पुआल न जलाने दें।
सूत्रों ने आगे कहा कि इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने वायु की गुणवत्ता में और गिरावट आने की आशंका जताई और नागरिकों से अगले सप्ताह दिवाली पर पटाखे नहीं जलाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा, धुंध दिल्ली की सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों के प्रदूषण से नहीं हुआ है। एक्सपर्ट्स ने पाया है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में पुआल जलाने से ऐसा हुआ क्योंकि धुंआ दिल्ली पहुंच गया।
अब सवाल यह उठता है कि दिल्ली का प्रदूषण क्या आसपास जलने वाले पुआल की वजह से है? दरअसल, दिल्ली में वाहनों की तादाद इतनी ज्यादा है कि इनसे उत्सर्जित होने वाली गैस ठंड के दिनों में उपर तेजी से नहीं उठ पाती है। इसके साथ ही साथ दिल्ली नगर निगम सीना के अंदर चल रहे उद्योग धंधों से निकलने वाला हानिकारक धुंआ भी इसका प्रमुख कारक है।
हरियाली के नाम पर हर साल अरबों रूपए पानी में बहाने के बाद भी दिल्ली को अब तक हरा भरा नहीं किया जा सका। मजे की बात तो यह है कि कामन वेल्थ गेम्स में दिल्ली को हरा भरा किया जा सकता था, किन्तु उस दौरान गमलों में प्लांटस लगाकर महज औपचारिकता ही पूरी की गई है। यमुना नदी के पाट पर भी दिल्ली सरकार अगर वृक्षारोपण कर दे तो इस समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकती है।

सीएजी ने की संवैधानिक दर्जे की हिमायत

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) विनोद राय ने कहा है कि सीबीआई और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को संवैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से ये संस्थाएं भ्रष्टाचार से प्रभावी तरीके से निपट पाएंगी।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की भारत पर आयोजित बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि यदि आप सच में चाहते हैं कि सीबीआई और सीवीसी जैसे संस्थान भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी रूप से काम करें तो आपको रिस्क उठाना पड़ेगा और इन संस्थानों को संवैधानिक दर्जा देने का साहस दिखाना होगा।
उन्होंने कहा कि सीबीआई और सीवीसी स्वतंत्र प्राधिकरण नहीं हैं और यही कारण है कि इन पर सरकारी के हाथ की कठपुतली होने का आरोप लगता है। राय ने यह भी कहा कि यदि आप चाहते हैं कि लोकपाल स्वायत्त और पूर्ण स्वतंत्र होकर काम करे तो आपको संविधान में इसकी गारंटी देनी होगी।
डब्ल्यूईएफ के कार्यक्रम में उस समय असमंजस की स्थिति पैदा हो गई जब इसमें भाग लेने पहुंचे जानेमाने उद्योगपति और सीआईआई के अध्यक्ष आदि गोदरेज को अंदर जाने से रोक दिया गया। द्वार पर उपस्थित सुरक्षा गार्ड्स ने आदि गोदरेज को रोक दिया। इस पर गोदरेज का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
रोके जाने पर वे बुरी तरह बौखला गए और सुरक्षा गार्ड पर झुंझला उठे। सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि काफी देर तक वे आंग्ल भाषा में बड़बड़ाते रहे, और उनके सामने खड़ा गार्ड खड़ा खड़ा मुस्कुराता ही रहा। गार्ड को मुस्कुराते देख उनका गुस्ता और अधिक बढ़ गया। बाद में उनके साथ आए किसी सदस्य ने शायद उनके कान में कहा कि यह सुरक्षा गार्ड आंग्ल भाषा नहीं जानता इसे अपना परिचय दीजिए ताकि अंदर जाया जा सके। अंत में हार कर गोदरेज ने अपना परिचय दिया तब गार्ड ने ससम्मान उन्हें अंदर जाने दिया।
बैठक में पहुंचे पाकिस्तान के क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत और पाकिस्तान आतंकवाद से लेकर आर्मी तक सभी विवादों को हल कर लें। हालांकि उन्होंने कहा कि जब तक कश्मीर मुद्दा हल नहीं हो जाता मुंबई हमले जैसी आशंका हमेशा बनी रहेगी। तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो आतंकवादियों को भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जमीं पर साजिश नहीं रचने देंगे।
डब्ल्यूईएफ की बैठक में मौजूद कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने कहा कि भारत और कनाडा को तेजी से संबंध सुधारने में बॉलीवुडसे सीख लेनी चाहिए। जैसे हीरो और हीरोइन सभी बाधाओं को दूर कर मजबूत संबंधों में बंध जाते हैं वैसे ही दोनों देशों को करना होगा। भारतीय फिल्मों के फैन हार्पर ने कहा कि बॉलीवुड दर्शकों की रुचि कमजोर पडऩे से पहले ही फिल्म का सुखद अंत सुनिश्चित कर देते हैं। ऐसा ही भारत-कनाडा को करना है।
आर्सेलरमित्तल ने अपने कर्नाटक में बनने वाले स्टील प्लांट के लिए जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। भारतीय मूल के अरबपति लक्ष्मीनिवास मित्तल केस्वामित्व वाली आर्सेलरमित्तल ने 2006 में झारखंड और उड़ीसा में भी 120 लाख टन क्षमता वाले बड़े स्टील प्लांट लगाने की घोषणा की थी।
हालांकि कई कारणों से यह अब तक संभव नहीं हो पाया। बाद में कंपनी ने कर्नाटक में 60 लाख टन क्षमता का छोटा प्लांट लगाने पर ध्यान केंद्रित कर दिया। बैठक में मौजूद आर्सेलरमित्तल इंडिया के प्रमुख विजय भटनागर ने कहा कि कर्नाटक में उनको 2600 एकड़ जमीन का कब्जा मिल गया है।
डब्ल्यूईएफ की बैठक में भाग लेने आए भारती ग्रुप के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम की बोली के लिए रखी गई 14,000 करोड़ रुपये की रिजर्व प्राइस काफी ज्यादा है और इसलिए नीलामी एक दिन में ही पूरी हो जाएगी। मित्तल ने कहा कि हम पहले दिन से ही कह रहे हैं कि रिजर्व प्राइस बहुत ऊंची है। अगले सप्ताह होने वाली 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए सरकार ने देश के 22 टेलीकॉम जोन में 5 मेगाहर्ट्ज तरंगों के लिए न्यूनतम बोली 14,000 रखी है।

सुलग रहा है लता हजारिका प्रेम प्रसंग

(पुरबाली हजारिका)

गोवहाटी (साई)। सुप्रसिद्ध गायक भूपेन हजारिका और स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बीच प्रेम प्रसंग की बात कहने वाली भूपेन की पत्नि प्रियंबदा पटेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रियंबदा की कथित तौर पर इस मामले की स्वीकारोक्ति के उपरांत यह मामला तूल पकड़ने लगा है। लता के वकील ने प्रियंवदा को माफी मांगने का कानूनी नोटिस भेजा है।
लता मंगेशकर ने भूपेन हजारिका की पत्नी प्रियंबदा पटेल हजारिका को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में अगले आठ दिनों में अफेयर की उनकी बातों के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर उनपर आपराधिक और मानहानि का मामला दायर किया जाएगा। लता के वकील श्रीकांत शिवाडे ने कहा है कि इस बेबुनियाद आरोप से लता जी को धक्का पहुंचा है और जनमानस में उनकी छवि धूमिल हुई है।
ज्ञातव्य है कि भूपेन हजारिका की पहली बरसी में हिस्सा लेने आई प्रियंबदा पटेल ने एक असमी टीवी चौनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भूपेन हजारिका और लता मंगेशकर के बीच कुछ संबंध थे। गौरतलब हो कि प्रियबंदा पटेल हजारिका पांच दशक पहले ही भूपेन हजारिका को छोड़कर विदेश चली गई थीं। भूपेन हजारिका का पिछले साल 5 नवबंर को देहांत हुआ था।

सांभर में छिपकली, भरो बीस हजार का जुर्माना!


सांभर में छिपकली, भरो बीस हजार का जुर्माना!

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। उपभोक्ता फोरम ने सांभर में मृत छिपकली पाए जाने के कारण शहर के एक रेस्तरां पर जुर्माने और मुआवजे की मद में 20,000 रुपए चुकाने का आदेश दिया है। उत्तर पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निपटारा फोरम ने कहा कि सीलमपुर में स्थित अग्रवाल स्वीट हाउस यह सुनिश्चित करने में नाकाम रहा कि जो खाद्य पदार्थ वह ग्राहकों को दे रहा है वह लोगों के उपभोग के लिए गुणवत्तापूर्ण है।
एन ए जैदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि भोजन बनाने या तैयार करने में लापरवाही के कारण ही ऐसा हुआ। इस रेस्तरां को खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता सुनिश्चित करना चाहिए था। उन्होंने सेवा में खामी के कारण हर्जाना के तौर पर महिला को 10,000 रुपए चुकाने का आदेश दिया। इसके साथ ही 10,000 रुपए का जुर्माना फोरम के उपभोक्ता कानूनी सहायता खाते में भी जमा करने का निर्देश दिया है। दिल्ली निवासी सीमा का आरोप था कि नौ अगस्त 2011 को उन्हें और उनके परिवार को जो सांभर परोसा गया, उसमें एक मृत छिपकली मिली थी। सीमा ने इस घटना के बारे में उसी दिन थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।

कोई भी हाईजेक कर सकता है इंडिगो विमान!

(दीपक अग्रवाल)

मुंबई (साई)। देश में उड़ने वाले इंडिगो विमानों के अंदर सुरक्षा के प्रबंध नाकाफी ही कहे जा सकते है। हाल ही में देश की व्यवसायिक राजधानी मुंबई से राजनैतिक राजधानी दिल्ली जाने वाले इंडिगो विमान के अंदर के नजारे को देखकर कहा जा सकता है कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम ना होने के कारण इसे आसानी से हाईजेक किया जा सकता है।
मुंबई से दिल्ली जा रहे इंडिगो विमान में सवार एक यात्री कथित रुप से हिंसक हो गया और उसने विमान में हंगामा किया।
विमान के अंदर के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि विमान में बैठा एक यात्री अचानक उठा और अन्य यात्रियों को धमकाने लगा। वह बोला कि सब लोग इस्लाम कबूल करो नहीं तो वह विमान को उड़ा देगा। इस वाकये से यात्री सहम गए। इस दौरान उस व्यक्ति ने अपने जेब से मोबाइल निकाला और मोबाइल दिखाते हुए कहने लगा कि वह इस विमान को उड़ा देगा।
सूत्रों ने यह भी बताया कि इस दौरान बीच बचाव करने पहुंची एक एयरहोस्टेस को भी उसने चांटा जड़ दिया। मौका देख विमान में सवार यात्रियों ने उस व्यक्ति पर काबू पा लिया।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से सुमित माहेश्वरी ने बताया कि जब यह विमान दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशलन हवाई अड्डे पर उतरा तो अधिकारियों को इस यात्री को सुरक्षाकर्मियों को सौंपना पडा। सूत्रों ने कहा कि यात्री का पहचान मोहम्मद मुस्लिम शेख के रुप में हुई है और वह मुंबई से इंडिगो विमान संख्या 6196 में सवार हुआ था लेकिन अचानक से वह हिंसक हो गया और उसने चिल्लाना शुरु कर दिया। यह प्रकरण दर्शाता है कि इंडिगो की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था कितनी चाक चौबंद है।

एमपी में हैं कई सलामन खुर्शीद


एमपी में हैं कई सलामन खुर्शीद

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। देश के हृदय प्रदेश में केंद्रीय मंत्री सलामन खुर्शीद के परिवार के सदस्यों द्वारा चलाए जाने वाले गैर सरकारी संगठन से प्रेरणा लेकर अनेक एनजीओ ने विकलांग और निशक्त जनों का पैसा बिना डकार लिए हजम करने के अनेक मामले प्रकाश में आए हैं। फर्जी विकलांग के नाम पर पैसे निकाले जाने पर इनसे काम छीन लिया गया है।
मध्य प्रदेश के एनजीओ भी फर्जीवाड़ा करने में पीछे नहीं हैं। एक एनजीओ ने फर्जी विकलांगों के नाम पर लाखों रूपए का अनुदान ले लिया, वहीं बच्चों के नाम दो योजनाओं में बताकर डबल अनुदान भी लेना पाया गया है। इसके चलते एक एनजीओ से काम छीन लिया गया है, जबकि कुछ एनजीओ को नोटिस थमाए गए हैं।
राज्य सचिवालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि होशंगाबाद की मातृछाया विकलांग कल्याण संस्था का राज्य शिक्षा केंद्र ने अनुदान बंद कर दिया है। इससे सर्वशिक्षा के सारे काम भी छीन लिए गए हैं। इस संस्था ने फर्जी विकलांग बच्चों के नाम पर लाखों रूपए का अनुदान ले लिया था।
सूत्रों ने आगे बताया कि संस्था की शिकायत के बाद हुई जांच में पाया गया कि जिन बच्चों के नाम पर अनुदान लिया जा रहा है, उनके नाम-पते फर्जी हैं। इसके अलावा बच्चों के नाम पर दो योजनाओं में अनुदान लेना पाया गया। इसमें खेल यह रहा कि जिन बच्चों के नाम पर स्कूल शिक्षा से पैसा ले लिया गया, उन्हीं बच्चों के नाम पर सामाजिक न्याय विभाग से भी पैसा लिया गया।
पुलिस मुख्यालय में आर्थिक अपराध शाखा के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भोपाल के शिव कल्याण एनजीओ के खिलाफ आर्थिक अनियमितता की शिकायत ईओडब्ल्यू में जा पहुंची है। इसमें भी सामाजिक न्याय विभाग से मिले अनुदान में लाखों की हेर-फेर की शिकायत है। इसी तरह पूजा विकलांग संस्था के खिलाफ भी ईओडब्ल्यू में प्रकरण पहुंचा है। इसमें शिकायत की गई है कि वर्ष-2004-052005-06 में दान व अनुदान में भ्रष्टाचार किया है।
उधर दमोह से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से पूनम ने बताया कि इस तरह के ही एक अन्य मामले में दमोह के अनंत विकलांग विशेष विद्यालय नामक एनजीओ का आर्थिक गड़बडियों की शिकायतों के कारण आईईडी योजना के तहत दिया गया काम स्थगित कर दिया गया। इसकी शिकायतों की जांच की जा रही है। बालाघाट में भी समेकित योजना में काम कर रहे एनजीओ के खिलाफ डीपीसी ने असंतुष्ट होकर कलेक्टर को लिखा है, जिसके चलते जांच चल रही है। वहीं सिवनी में भी एनजीओ के कामकाज को लेकर जिला शिक्षा केंद्र ने पड़ताल शुरू कर दी है। यहां भी खर्च राशि का पूरा हिसाब जिला शिक्षा केंद्र को नहीं मिला।
दूसरी तरफ तीन अन्य एनजीओ ने अफसरशाही के असहयोग के कारण काम करना बंद कर दिया है। इसमें दिग्दिर्शिका भोपाल, मप्र दृष्टिहीन कल्याण संघ इंदौर और जस्टिस तन्खा मेमोरियल इंस्टीट्यूट जबलपुर शामिल हैं। इन एनजीओ के तर्क हैं कि जिला स्तर पर अफसर सहयोग नहीं करते। इनके काम न करने कारण राज्य शिक्षा केंद्र ने इन्हें नोटिस जारी कर दिए हैं।
फर्जी नाम से अनुदान लेने की गड़बड़ी आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में और होने की आशंका है। हैं। इसे लेकर बीते दिनों राज्य शिक्षा केंद्र में कुछ सहायक परियोजना समन्वयकों (एपीसी) ने आवाज उठाई है। सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इन एपीसी ने कई एनजीओं के कामों को लेकर असंतोष जाहिर किया है। इन जिलों के मामले में भी जल्द जांच के लिए कदम उठ सकते हैं। 

महामहिम ने किया एयरपोर्ट का टर्मिनल उद्याटित


महामहिम ने किया एयरपोर्ट का टर्मिनल उद्याटित

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का लोकार्पण किया। 11 नवंबर से यहां से उड़ानें शुरू हो जाएंगी। इस अवसर पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने बिलासपुर और रायगढ़ में जल्द एयरपोर्ट निर्माण की घोषषणा की।
नागर विमानन मंत्री अजीत सिंह ने कहा कि रायपुर से लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। इसे देखते हुए उड़ानों की संख्या में भी यथासंभव वृद्धि की जाएगी। एयरपोर्ट में कई आधुनिक सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने हवाई ईधन पर टैक्स कम करने के लिए रमन सरकार की सराहना की।
लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी और राज्यपाल शेखर दत्त ने की। उन्होंने कहा कि नया टर्मिनल रायपुर के लिए अच्छी सौगात है। नया रायपुर जिस ढंग से बढ़ रहा है, उससे इसके विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक विकास करने वाला राज्य है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ लगातार विकास की ओर अग्रसर है। यहां कृषि के साथ अन्य क्षेत्रों में भी विकास होने लगा है। देश में सबसे ज्यादा रायपुर एयरपोर्ट का विकास हुआ है। अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होने से राज्य को बहुत फायदा होगा। नया टर्मिनल राज्य के विकास के लिए बेहतर नगीना साबित होगा।
वहीं दूसरी ओर स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा के नए टर्मिनल के लोकार्पण कार्यक्रम में जमकर हंगामा हो गया। कार्यक्रम को कवर करने पहुंचे मीडियाकर्मियों से सुरक्षाकर्मियों ने बदसुलूकी की। एक एडिशनल एसपी और एक डिप्टी कमांडेंट स्तर के अधिकारी ने मीडिया वालों से गाली-गलौच की। इससे मीडियाकर्मी नाराज हो गए और उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और गृहमंत्री से की।

गडकरी के करीबी संचेती से छिना कोल ब्लाक!


गडकरी के करीबी संचेती से छिना कोल ब्लाक!

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी के शनि के भारी होते ही उनके सहयोगी अजय संचेती की मुश्किलों में भी जबर्दस्त इजाफा हो रहा है। इंटर मिनिस्ट्रीयल ग्रुप (आईएमजी) की सिफारिशों के बाद अनियमितताओं के चलते कोयला मंत्रालय ने संचेती के छत्तीसगढ़ स्थित कोल ब्लॉक को रद्द कर दिया है। यह ब्लॉक छत्तीसगढ़ सरकार के उपक्रम छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सीएमडीसी) से सम्बद्घ था।
शंकरपुर-भटगांव-2 व एक्सटेंशन ब्लॉक को 2007 में आवंटित किया गया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे गडकरी के मित्र व राज्यसभा सांसद अजय संचेती की कम्पनी एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर को खनन के लिए दे दिया था। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से विपिन सिंह राजपूत ने शास्त्री भवन स्थित कोयला मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि संचेती के अलावा सरकारी क्षेत्र के 19 ब्लॉक की जांच की गई, जिनमें से 8 को रद्द कर दिया गया। आईएमजी ने सोमवार को भटगांव-2 कोल ब्लॉक को रद्द करने की सिफारिश की थी। आईएमजी की बैठक में संचेती के अलावा मंदाकनी, उत्कल डी व तौली पहाड़पुर ब्लॉक को रद्द करने की सिफारिश की गई थी।
ज्ञातव्य है कि सीएजी यानी कैग ने भटगांव-2 कोल ब्लॉक को एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर को देने पर आपत्ति जताई थी। कैग की कहना था कि सिंगल बिड से कोल ब्लॉक को कम दाम पर एसएमएस को दिया गया। इससे राज्य सरकार को 1052 करोड़ का नुकसान हुआ।
कोयला मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भटगांव -2 कोल ब्लॉक के आवंटन पर कैग की आपत्तियों के बाद प्रदेश सरकार और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को कांग्रेस ने कठघरे में खड़ा किया है। घ्से में अब माना जा रहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की कम्पनी सीएमडीसी आवंटन निरस्त करने के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। क्योंकि, सीएमडीसी ने आईएमजी से दिसम्बर 2013 तक खनन शुरू करने का वादा करते हुए वक्त देने की मांग की थी।

पटना में चल रहा चरवाहा विश्वविद्यालय


पटना में चल रहा चरवाहा विश्वविद्यालय

(नवल कुमार)

पटना (साई)। जी हां, राजधानी पटना में बड़े शान के साथ चल रहा है एक चरवाहा विश्वविद्यालय। वैसे इस विश्वविद्यालय का नाम मौलाना म्जहरूल हक अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना वर्ष 1992 में किया गया था। निश्चित तौर पर इसकी शुरुआत करने का श्रेय तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को जाता है। इस विश्वविद्यालय को खोले जाने का मकसद अरबी, फ़ारसी और उर्दू भाषा को संरक्षित करना था। इसके अलावा अल्पसंख्यक छात्रों को उच्च शिक्षा मुहैया कराना भी इसके अहम उद्देश्यों में शामिल था।
आप खुद अपनी आंखों से इसकी बदहाली देख सकते हैं। वर्तमान में यह बेली रोड में पटना हाईकोर्ट के बगल में एक खंडहरनुमा सरकारी बंगले में चल रहा है। इसकी खासियत यह है कि यहां बहुत थोड़े से छात्र ज्ञान अर्जन करने आते हैं और उनका साथ देने के लिए मवेशी भी परिसर में बेतरतीब उगी घास के मजे उड़ाते हैं। क्लासरुम भी किसी तबेले यानी गोशाला से कमतर नहीं। इस विश्वविद्यालय में बीबीए संकाय में अर्थशास्त्र पढाने वाली नीलम बताती हैं कि जब बिजली चली जाती है तो पूरा क्लासरुम अंधेरे में डूब जाता है। इसके अलावा बाहर से खुला रहने (दरवाजे के नाम पर बांस की ढड्ढी) के कारण छात्रों का ध्यान केन्द्रित नहीं रह पाता। लाइब्रेरी की हालत जर्जर है। किताब खरीदगी के नाम पर बड़े-बड़े खेल होते हैं।
वही बीसीए की पढाई करने वाली छात्रा हिना कौसन खान बताती हैं कि उन्हें यहां दाखिला लिए अभी केवल दो महीने ही हुए हैं। क्लासरुम देखकर हैरानी होती है। प्रैक्टिकल करने के लिए कम्प्यूटर लैब तो है लेकिन प्रैक्टिकल कराने वाले शिक्षक नहीं हैं। विकलांग छात्र मुन्ना रजक बताते हैं कि उन्होंने बीबीए में दाखिला लिया है। शिक्षक अच्छे हैं। सभी अनुभवी हैं। लेकिन क्लासरुम नहीं है। दो झोपड़ियां हैं, उसी में क्लास होता है। बरसात के दिनों में क्लास नहीं होता। क्योंकि पानी रोकने का कोई इंतजाम नहीं है।
बताते चलें कि इस विश्वविद्यालय के जिम्मे कुल 20 हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य है। विश्वविद्यालय के कुलपति डा एस जोहा बताते हैं कि पहले इस विश्वविद्यालय को पोलो रोड के एक बंगले में जगह दी गयी थी। करीब एक दशक के बाद इसे बेली रोड में शिफ़्ट किया गया। करीब दो वर्ष पहले राज्य सरकार ने नोटिस दिया कि जिस जगह पर अभी यह विश्वविद्यालय चल रहा है, वहां एक अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय बनाया जाना है। सरकार की ओर से पहले बिहटा प्रखंड के नेऊरा गांव में जमीन देने की बात कही गयी थी। लेकिन जमीन अधिग्रहण विवादास्पद (गांव वाले किसी मुस्लिम संस्थान के लिए जमीन देने के पक्ष में नहीं थे) होने के कारण यह नहीं हो सका। बाद में सरकार की ओर से कहा गया कि विश्वविद्यालय को हज भवन में स्थापित किया जाय। सरकार की ओर से केवल दो फ़्लोर दिये जाने की बात कही गयी है। जबकि विश्वविद्यालय की जरूरत के हिसाब से यह पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा हज भवन का वातावरण भी पठन-पाठन के लिए उपयुक्त नहीं है।
बहरहाल, बिहार में मुसलमान हमेशा राजनीति के शिकार होते आये हैं। इसका एक प्रमाण यह कि राज्य सरकार ने चाणक्या विधि विश्वविद्यालय और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय जैसे नवस्थापित विश्वविद्यालयों को जमीन देने के साथ आलीशान इमारत बनाकर दिया गया है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि मौलाना मजहरुल हक अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय की उपेक्षा क्यों? वैसे इससे बड़ा सवाल यह कि जिस तरीके से यह विश्वविद्यालय अपनी गतिविधियां चलाने को मजबूर है, वैसे में उन हजारों छात्र/छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की जिम्मेवारी कौन लेगा?

अब राजस्थान में वढ़ेरा पर दस हजार बीघा जमीन का आरोप


अब राजस्थान में वढ़ेरा पर दस हजार बीघा जमीन का आरोप

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सौमेया ने आरोप लगाया है कि बीकानेर से जैसलमेर तक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा की 10 हजार बीघा जमीन है। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि वह जनता को बताए कि यह जमीन कब खरीदी और किस कंपनी के नाम है।
सौमेया ने उक्ताशय के आरोप मीडिया से चर्चा के दरम्यान लगाए। उन्होंने बताया कि सांसद अर्जुनराम मेघवाल के सहयोग से पार्टी एक माह में राबर्ट वढेरा की जमीनों को लेकर ब्लैक पेपर प्रकाशित करेगी। उन्होंने मेघवाल के साथ बीकानेर जिले की श्रीकोलायत तहसील के गांवों में जाकर राबर्ट वढेरा की कथित कम्पनियों की जमीनों की खरीद फरोख्त की जानकारी ली। उनका आरोप है, राबर्ट वढेरा ने 35 हजार रूपए बीघा में जमीनें खरीदी तथा 3 लाख 50 हजार रूपए बीघा में बेची।
सौमेया ने सबूत के तौर पर नार्थ इंडिया आईटी पार्क प्रा.लि. का पंजीयन प्रमाण पत्र, 2007 से 2012 के बीच बनी राबर्ट वढेरा की 12 कंपनियों की 900 बीघा जमीन की सूची दी। उन्होंने आरोप लगाया कि राबर्ट वढेरा की श्रीकोलायत तहसील में कोटड़ा फांटा, गजनेर, खारी, मोडिया माणकसर, गोलरी, चानी, टेचरी, डेह, चक मुलाजमान, गंगापुरा, चक गुरूजंट सिंह, कोटड़ी, खिदरत और खींचन में जमीन है।
उधर सोनिया के दामाद राबर्ट वढेरा पर आरोप से जुड़ सवालों पर कांग्रेस ने रक्षात्मक रवैया अपनाया है। राबर्ट वढेरा के बीकानेर में जमीन खरीदने और भाजपा नेता किरीट सौमेया के बीकानेर दौरे से जुड़े सवाल पर गहलोत ने कहा कि सोमैया को तो भाजपा ने झूंठ के पुलिन्दे एकत्र करने की जिम्मेदारी सौंप रखी है। 

आबादी में मोबाईल टावर खतरनाक!


आबादी में मोबाईल टावर खतरनाक!

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने रिहायशी क्षेत्रों में लगे मोबाइल टावरों से नागरिकों के स्वास्थ्य पर हो रहे प्रतिकूल प्रभाव को गंभीर माना है। न्यायालय ने इस संबंध में केंद्रीय दूरसंचार व सूचना तकनीक विभाग के सचिव, राज्य के नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव एवं राज्य के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायाधीश एसके गंगेले व जीडी सक्सेना की युगल पीठ ने बुधवार को जनहित याचिकाकर्ता प्रखर गोयल के मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिए। याचिका में कहा गया है कि मोबाइल टावर शहर के रिहायशी इलाकों में लगाए गए हैं। इन टावरों से होने वाला विकिरण नागरिकों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।
इन टावरों के साथ चलने वाले जनरेटर व अन्य गतिविधियां मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रही हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने ग्वालियर के कलेक्टर, नगर निगम, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर, भारत संचार निगम लिमिटेड, ग्वालियर एवं भारती एयरटेल लिमिटेड को भी निर्घारित अवधि में जवाब पेश करने के निर्देश दिए। 

कहां होगा अण्णा का डेरा


कहां होगा अण्णा का डेरा

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। प्रख्यात गांधी वादी समाज सेवी और अपने अहिंसक आंदोलन के माध्यम से सरकार की चूलें हिलाने वाले अन्ना हजारे का दिल्ली ऑफिस कहां बनेगा, इसे लेकर टीम सदस्यों और कार्यकर्ताओं के बीच खींचतान चल रही है। जहां कार्यकर्ताओं  को कौशांबी सबसे मुफीद लग रहा है वहीं कुछ टीम के सदस्यों को यह जगह पसंद नहीं है। वजह यह कि यहां अरविंद केजरीवाल का भी ऑफिस है और अन्ना के एक खास सहयोगी को लगता है कि यहां ऑफिस बनाना सही नहीं रहेगा।
टीम अण्णा के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस मसले पर किरन बेदी और रंगकर्मी अरविंद गौड़ के बीच जमकर बहस हुई। दिलचस्प यह है कि अभी ऑफिस की जगह फाइनल नहीं हुई है और कोर कमिटी फैसला लेगी लेकिन सर्वाेदय एन्क्लेव में जो जगह देखी गई है उसके लिए एक लाख रुपये अडवांस पेमेंट भी दे दिया गया है। यही नहीं करीब एक हफ्ते पहले 18 लोगों को 10 नवंबर की मीटिंग के लिए जो सूचना भेजी गई है उसमें मीटिंग स्थल सर्वाेदय एन्क्लेव ही लिखा है। यानी इसे ही फाइनल माना जा रहा था। लेटर में अन्ना हजार के दस्तखत हैं।
कौशांबी में ऑफिस की जगह 18 हजार रुपये किराए पर मिल रही है। अन्ना के साथ मीटिंग में भी कौशांबी में ऑफिस की वकालत करते हुए एक कार्यकर्ता ने जब अन्ना से कहा कि अगर हम जहां ऑफिस लेते हैं उसके पास ही केजरीवाल भी ऑफिस बना लें तो क्या फिर हम अपना ऑफिस शिफ्ट कर देंगे। इस पर अन्ना ने उन्हें यह कहकर समझाया कि अरविंद छोटे हैं। वह अगर हमारे पीछे आएं तो कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर हम वहां जाएं तो यह भी ठीक नहीं है। इससे गलत संदेश जाएगा और मीडिया भी गलत तरीके से पेश करेगा। हालांकि वॉलंटियर्स अभी भी कौशांबी ही ऑफिस चाह रहे हैं क्योंकि यहां आना-जाना आसान है।
सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में ऑफिस के मसले पर रंगकर्मी अरविंद गौड़ और किरन बेदी की काफी बहस हुई। जहां बेदी सर्वाेदय एन्क्लेव में ऑफिस चाह रही हैं वही अरविंद गौड़ को यह पसंद नहीं है। अरविंद गौड़ ने कहा कि ऑफिस ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां मेट्रो, बस से आना-जाना आसान हो। यह जनता का आंदोलन है और पैसा जनता का लग रहा है इसलिए किराए पर कम खर्च करें तो अच्छा है। सर्वाेदय एन्क्लेव में 50 हजार रुपये किराया है और बिजली पानी का बिल मिलाकर महीने का खर्च 65-70 हजार रुपये हो जाएगा। यह सही नहीं है। यहां पहुंचना भी आसान नहीं है और मेट्रो से काफी दूर है। कौशांबी में ऑफिस के लिए केजरीवाल फैक्टर के नाम पर जो ऐतराज हो रहा है वह सही नहीं है। दोनों एक ही मकसद से लड़ रहे हैं और दोनों के वॉलंटियर भी एक ही हैं। हम इस तरह वॉलंटियर्स को नहीं बांट सकते। गौड़ ने कहा कि जहां भी ऑफिस हो वह सस्ता होना चाहिए। हम लक्ष्मी नगर, शकरपुर और सूरजमल विहार में भी ऑफिस देख रहे हैं।