गुरुवार, 8 नवंबर 2012


देश में भावनात्मक एकता की कमी: अंसारी

(धीरेंद्र श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि देश में भावनात्मक एकता में कमी आई है और इसमें नई स्फूर्ति लाने की बहुत जरूरत है। कल नई दिल्ली में आयोजित सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि देश कुछ क्षेत्रों में नक्सलवाद, उग्रवाद, गरीबी और भाषायी, सामाजिक तथा सांस्कृतिक विषमताओं जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनसे निपटने के लिए सुधार उपाय करने की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि कुछ क्षेत्रों में नक्सलवाद और उपद्रव की समस्या है जहां सरकार का कानून केवल नाम के लिए है। देश के विभिन्न राज्यों और वहां रहने वाली जनजातियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ बेहतर व्यवहार किया जाए। यह राष्ट्रीय एकता और आपसी भाई चारे के लिए भी बहुत जरूरी है।
श्री अंसारी ने कहा कि देश के संविधान निर्माताओं द्वारा निर्धारित लोकतांत्रिक प्रक्रिया की फिर से पुष्टी किए जाने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने जातीय और सांप्रदायिक हिंसा की कुछ घटनाओं की भी चर्चा की, जहाँ स्थानीय और बाहरी लोगों के बीच मतभेद के प्रयास किये गये, जबकि ये सभी देश के नागरिक हैं। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी, प्रसार भारती की अध्यक्ष मृणाल पांडे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार तथा सूचना और प्रसारण सचिव उदय कुमार वर्मा उपस्थित थे।

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