शनिवार, 19 जनवरी 2013

किस बात का हो रहा है चिंतन!


किस बात का हो रहा है चिंतन!

(लिमटी खरे)

एक बहुत पुरानी कहावत है, जबरा मारे रोन ना दे, अर्थात कोई आपको जमकर जबर्दस्त मारे और फिर रोने भी ना दे। जब से कांग्रेस की कमान श्रीमति सोनिया गांधी के हाथों आई है उसके बाद से कमोबेश यही स्थिति देश की होती जा रही है। मंहगाई, भ्रष्टाचार, अनाचार, व्यभिचार, अलगाववाद, नक्सलवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद और ना जाने क्या क्या घट रहा है। केंद्र सरकार और सोनिया गांधी दोनों ही आंख बंद करके बैठे हैं। एक बात पर केंद्र सरकार की दाद देना पड़ेगा, विपक्ष को मैनेज कर जिस दिलेरी से केंद्र सरकार द्वारा मंहगाई बढ़ाई जा रही है वह तारीफेकाबिल है। 1974 फिर 1998 में पचमढ़ी और 2003 में शिमला में हुए चिंतन शिविर के एक दशक बाद पुनः जयपुर में कांग्रेस के नेताओं ने सर जोड़कर चिंता करना आरंभ किया है। इस चिंतन शिविर में आम आदमी के बजाए कांग्रेस की सरकार कैसे बने और राहुल गांधी को प्रधानमंत्री कैसे बनाया जाए इस बारे में ज्यादा चिंता होती दिख रही है।

सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस को चिंतन शिविर की आवश्यक्ता क्यों आन पड़ी वह भी पंद्रह साल में दो मर्तबा, पंद्रह साल से तो सोनिया गांधी ही कांग्रेस की अगुआई कर रही हैं। जाहिर है कि सोनिया गांधी की रीतियां नीतियां कांग्रेस के लिए आत्मघाती ही साबित हो रही हैं। यक्ष प्रश्न तो यह है कि कांग्रेस को किस बात का चिंतन करना चाहिए, अपने नेतृत्व की दिशा का या देश के आम आदमी की दशा का अथवा राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनवाने के जतन का।
चालीस बरस में कांग्रेस का यह चौथा चिंतन शिविर है, और सोनिया की अगुआई में चल रही कांग्रेस का दूसरा। 1998 में पचमढ़ी में हुए चिंतन शिविर में कांग्रेस ने सभी का साथ छोड़कर अकेले ही चलने का निर्णय लिया। कांग्रेस का यह निर्णय भी आत्मघाती ही साबित हुआ। कांग्रेस को छः साल इंतजार में काटने पड़े। इसके बाद कांग्रेस के रणनीतिकारों ने सोनिया गांधी को समझाया और फिर 19 दलों के साथ कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई।
इसके बाद विपक्ष को लगातार मैनेज कर कांग्रेस ने साढे आठ साल तो काट लिए हैं पर अब काफी मुश्किल दिख रहा है समय काटना। कांग्रेस के नेताओं ने इस दौरान सिर्फ और सिर्फ अपनी ही चिंता की कांग्रेस के कार्यकर्ता ठगे से महसूस करते रहे। नेताओं की सोच थी कि पैसा कमा लो और उसी पैसे के दम पर अगला चुनाव भी जीत लिया जाएगा। नेता यह भूल रहे हैं कि चुनाव पैसे के बल पर नहीं वरन कार्यकर्ताओं के बल पर जीते जाते हैं।
कांग्रेस के सामने एक बात तो तय ही नजर आ रही है कि कांग्रेस द्वारा अगला चुनाव मनमोहन सिंह के चेहरे को आगे कर कतई लड़ा नहीं जाएगा। कांग्रेस को एक नए साफ सुथरे चेहरे की दरकार है। रही राहुल गांधी की बात तो बड़े नेताओं ने 2004 के उपरांत राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनवाने की बात बार बार कहकर सोनिया गांधी के सामने अपनी उपस्थिति और नौकरी पक्की की जाती रही है।
राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए या नहीं यह उनका नितांत निजी मामला है। कांग्रेस के प्रबंधकों ने मीडिया को मैनेज कर सोनिया और राहुल को खूब धोके में रखा। राहुल की छवि प्रधानमंत्री की बना दी गई सोनिया और राहुल के सामने। यह तो भला हो सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स वालों का कि राहुल, सोनिया और मनमोहन सिंह की असलियत सबके सामने आई और सोशल मीडिया की उपस्थिति राहुल और सोनिया को भी स्वीकार करना ही पड़ा।
इस बार चिंतन शिविर में एक बार फिर राहुल गांधी को कांग्रेस की बागडोर सौंपने की बात जोर शोर से उठने के पुख्ता इंतजामाता हैं। राहुल गांधी कुछ धरातल पर उतरते दिख रहे हैं। उन्हें सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स से भान हो चला है कि वे कितने पानी में हैं। राहुल गांधी खुद कांग्रेस की कमान संभालते हैं या फिर सोनिया की खड़ाउं ही कुर्सी पर रखकर राज करते हैं यह तो समय ही बताएगा, किन्तु राहुल गांधी अभी राजनैतिक तौर पर परिपक्व दिख नहीं रहे हैं।
राहुल गांधी को इस बात को भली भांति समझ जाना चाहिए कि देश में दो तिहाई मतदाता युवा है। युवाओं का रोष और असंतोष राहुल गांधी हाल ही में देख चुके हैं। आज अगर कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी को बतौर प्रधानमंत्री प्रस्तुत कर दिया जाता है तो विपक्ष के साथ ही साथ देश भी कांग्रेस से पूछ उठेगा कि आखिर बतौर सांसद राहुल गांधी ने नौ बरसों में अपने संसदीय क्षेत्र और देश के लिए क्या किया। कितने प्रश्न पूछे, कितनी चर्चाओं में भाग लिया, कितने आंदोलनों में जनता का साथ दिया, कितने मामले सदन में उठाए?
आज युवाओं के मन में कसक है राहुल के प्रति। भले ही कांग्रेस का मैनेज्ड मीडिया राहुल गांधी की पीआर और इमेज बिल्डिंग में लगा हो पर युवा तो यह पूछ रहे हैं कि जब कड़कड़ाती ठण्ड में दिल्ली में गेंग रेप के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर लाठियां भांजी जा रही थीं, ठण्डा पानी फेंका जा रहा था तब युवा हृदय सम्राट राहुल गांधी वातानुकूलित कक्ष में बैठकर क्या जेम्स बांड की नई मूवी देख रहे थे?
युवाओं को उनका उत्तर मिल गया है कि राहुल गांधी अभी पालीटिकल मेच्योर नहीं हैं। वे आज भी चाबी वाले गुड्डे ही हैं। उनके शिक्षक और सलाहकार जितनी चाबी भरते हैं वे उतना ही चल पाते हैं। सियासी फिजां में तो यहां तक कहा जा रहा है कि अगर नेहरू गांधी परिवार के कुलदीपकों राहुल और वरूण गांधी को बिठाकर शास्त्रार्थ करवा दिया जाए तो वरूण गांधी के सामने राहुल गांधी बौने साबित हो जाएंगे।
कांग्रेस को अगर चिंतन करना ही है तो राहुल गांधी की चापलूसी छोड़कर उसे इस बात पर चिंतन करना चाहिए कि आखिर क्या वजह है कि कांग्रेस अब एक भी एसा नेता नहीं दे पा रही है जो विदेश तो छोड़िए देश में ही सर्वस्वीकार्य हो। कांग्रेस को नहीं भूलना चाहिए कि उसने पंडित जवाहर लाल नेहरू, श्रीमति इंदिरा गांधी जैसे नेता दिए हैं जिनकी स्वीकार्यता देश ही नहीं वरन् विदेशों में भी थी।
कांग्रेस को चिंतन इस बात का करना चाहिए कि आखिर क्या वजह है कि देश में मंहगाई इस कदर बढ़ती जा रही है। जबकि वित्त मंत्री और खुद प्रधानमंत्री अर्थशास्त्री हैं। देश में एक के बाद एक सामने आते घपले घोटालों के बारे में चिंता की जानी चाहिए। कांग्रेस को इस बात पर चिंता करना चाहिए कि उसके लिए गठबंधन धर्म नहीं राष्ट्र धर्म सर्वोपरि हो। विकास की दुहाई देने वाली सोनिया गांधी को यह सोचना चाहिए कि विकास कितना बेतरतीब हुआ है।
कांग्रेस को इस बात का चिंतन करना चाहिए कि आखिर क्या वजह है कि अखंड भारत पर राज करने वाली कांग्रेस को अब केंद्र में बैसाखियों की जरूरत महसूस होने लगी है। गठबंधन के सहयोगी दल जब तब कांग्रेस की कालर पकड़कर हड़काने की जुर्रत कैसे करने लगे? क्या कारण है कि अब मुट्ठी भर राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है? कांग्रेस के हाथ से जनाधार रेत की तरह कैसे फिसल गया?
कांग्रेस को इस बात का चिंतन करना चाहिए कि जिन सांसदों को उसने मंत्री बनाया है वे अपने अपने राज्यों कांग्रेस को किस पायदान पर लाकर खडा कर रहे हैं? मंत्रियों के राज्यों में कार्यकर्ता क्या इनके परफार्मेंस से खुश हैं? कांग्रेस को चाहिए कि वे अपने बड़े नेताओं को दो टूक शब्दों में यह टारगेट दे दे कि जो बड़ा नेता अपने अपने क्षेत्र से ज्यादा सांसदों को जिताकर लाएगा उसे उस आधार पर ही मंत्री बनाकर मंत्रालय दिया जाएगा।
कांग्रेस को चिंतन इस बात का करना चाहिए कि आखिर क्या कारण है कि सोनिया गांधी के हाथ कमान आने के उपरांत कांग्रेस ने एक भी एसा नेता (खुद सोनिया भी) नहीं दिया है कि जिसकी अपील का देशव्यापी असर पड़े। आखिर नैतिक मूल्य और सरकार की छवि इस कदर क्यों गिरी कि आज प्रधानमंत्री की देश के नाम अपील बेअसर हो रही है? आज कांग्रेस के सामने राहुल गांधी को महिमा मण्डित करने की आवश्यक्ता क्यों आन पड़ी?
कांग्रेस को इस बात पर भी चिंतन करना चाहिए कि पिछले सवा सौ सालों से ज्यादा समय से कांग्रेस नाम का संगठन ही देश को एक सूत्र में पिरोए हुए था। आज वह संगठन भी छिन्न भिन्न ही नजर आ रहा है। यह सच है कि भारत गणराज्य में लोकतंत्र राजनीति की बुनियाद पर ही खडा है पर आज राजनीति किस अंधेरी सुरंग में कदम बढा चुकी है। आज कांग्रेस को यह चिंतन करना होगा कि कैसे नैतिक मूल्यों को स्थापित किया जाए? कैसे देश के प्रति प्रेम पैदा किया जाए? कैसे विकास के प्रति अलख जगाई जाए?
कांग्रेस को अपने इतिहास में झांककर देखना होगा, यह काम खलिस कांग्रेसी ही कर सकता है। सोनिया गांधी तो विदेश से यहां आकर बसीं हैं, उन्हें कांग्रेस के इतिहास की ज्यादा मालुमात किताबी ज्ञान से हो सकती है, पर सोनिया गांधी ने वो समय नहीं देखा जब सत्तर के दशक में सिनेमाघरों में न्यूजरील में भाखड़ा नंगलडेम कैसे बना, कैसे भारत का निर्माण हो रहा है जैसी चीजें दिखाइ्र जाती थीं।
आज के युवा को यह नहीं पता कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दिन है। युवाओं को यह पता है कि 2 अक्टूबर को ड्राई डे (इस दिन शराब नहीं बिकती) है? आखिर किस दिशा में धकेल रहे हैं हम अपने आने वाली पीढ़ी को? क्या यही दिग्भ्रमित पीढ़ी संभालेगी भारत गणराज्य का नेतृत्व? कांग्रेस को अपने एतिहासिक दायित्व को समझना ही होगा।
कांग्रेस को चाहिए कि वह राहुल चालीसा का गान करने के बजाए देश को दिशा और दशा देने वाले एतिहासिक दायित्वों को याद कर एक बार पुनः उसका निर्वहन पूरी ईमानदारी से करे। नेहरू गांधी परिवार ने देश को काफी कुछ दिया है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है किन्तु उस परिवार की वर्तमान पीढ़ी को महज उसी अधार पर महिमा मण्डित कर देश को सर्वनाश की ओर ढकेलना समझदारी तो किसी भी दृष्टिकोण से नहीं कही जा सकती है।
यह सच है कि भ्रष्टाचार चरम पर है। कांग्रेसी भी इससे आजिज आ चुके हैं। इसका जीता जागता उदहारण जयपुर में देखने को मिला। सोनिया गांधी अपने उद्बोधन में भ्रष्टाचार पर जमकर बोल रही थीं। बताते हैं इतने में भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक की अघोषित उपाधि पाने वाले मनमोहन सिंह ने एक पर्ची सोनिया गांधी को भेजी जिसमें लिखा था कि मदाम आप अपनी ही सरकार को जो साढे आठ साल से सत्ता में है को कटघरे में खड़ा कर रही हैं। सोनिया कुछ रूकीं और विषय से विषयांतर किया। अब निश्चित तौर पर भाषण लिखने वाले की खैर नहीं है।

इसी बात पर प्रवीण श्रीवास्तव सोम्य जी की एक कविता का उल्लेख करना चाहूंगा -

माँ तुझे सलाम .....

एक माँ के लिए बेटे की ताजपोशी बन गया राष्ट्रीय मर्ज़!
आखिर कौन चुकाने आएगा वतन की माटी का क़र्ज़!!
हम तो बेचौन हैं शीश नमन करने को उस माँ के चरणों में!!!
जिसने बेटा कुर्बान कर अदा किया भारतीय होने का फ़र्ज़!!!!

(साई फीचर्स)

तेल कंपनियां घाटे या मुनाफे में


तेल कंपनियां घाटे या मुनाफे में

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों का अर्थशास्त्र बहुत दिलचस्प है. अगर कच्चे तेल की मौजूदा कीमत 110 डालर प्रति बैरल (एक बैरल= करीब 160 लीटर) है और प्रति डालर रूपये की कीमत है 54.8 रूपये है। इस अर्थशास्त्र के बारे में सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर बहस चल पड़ी है।
कहा जा रहा है कि उसकी कीमत का सामान्य अर्थशास्त्र यह बनता है कि एक बैरल कच्चे तेल की कीमतरू 110.54 डालर यानी  5970 रूपए प्रति बैरल। इस हिसाब से प्रतिलीटर की कीमत आती है 37 रूपए 31 पैसे। इस के शोधन और परिवहन पर प्रति लीटर 3 रूपए का खर्य आता है।
इसके अलावा उसकी मार्केटिंग कमीशन और अन्यय व्यय पर दो रूपए प्रति लीटर का खर्च आता है। इस लिहाज से प्रतिलीटर पेट्रोल की कीमत लगभग 42 रूपए 31 पैसे आती है। जबकि बाजार में दोगने से अधिक कीमत पर बिकता है। इस लिहाज से केंद्र और राज्यों की सरकारें पचास फीसदी का टेक्स वसूलती हैं। अब बताएं कि तेल कंपनियां घाटे में हैं या मुनाफे में। आखिर अंडर-रिकवरी के दावों और कीमतें तय करने में पारदर्शिता क्यों नहीं है? घाटे के दावों के बावजूद तेल कंपनियों को साल दर साल मुनाफा कैसे हो रहा है?
फेसबुक पर कहा गया है कि पेट्रोल के बाद अब डीजल की कीमतों को डी-रेगुलेट करने की हड़बड़ी क्यों है? कहीं यह पिछले दरवाजे से रिलायंस से लेकर एस्सार तक के लिए बाजार खोलने की तैयारी तो नहीं है? आखिर उनके पेट्रोल पम्प बहुत दिनों से बंद पड़े हैं और चुनाव भी नजदीक हैं?क्या राज्य क्या केन्द्र सब सरकार मिल बाट कर जनता को लूट कर खजाना भरने पे लगे है और फालतू की योजनाओ पे पैसा पार्टी फंड और नेताओ की जेब मे जा रहा है किसी को जनता की फिकर क़हाँ?अब वक़्त है सिर्फ अपने वोट से कुछ नही होगा लोगो को भी सही उम्मीदवार को चुनने के लिये कहना परेगा भविष्य की जिम्मेदारी खुद पूरा करना होगा!!

भट्टारई हाजिर हों!

भट्टारई हाजिर हों!

(गौरव वर्मा)

काठमांडू (साई)। नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायालय की अवमानना के लिए प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई को न्यायालय के समक्ष पेश होने को कहा है। उन पर एक पत्रकार और रेडियो नेपाल के रिपोर्टर देकेन्द्र राज थापा की हत्या से जुड़े मामले की जांच में दखल देने का आरोप है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायालय ने एटॉर्नी जनरल मुक्ति नारायण प्रधान को भी इस मामले में हाजिर होने को कहा है। न्यायालय ने एक सप्ताह के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। भट्टाराई के पास कानून मंत्रालय का प्रभार भी है। कथित माओवादियों ने २००४ में थापा का अपहरण कर लिया था। चार साल बाद उनका शव जंगल से बरामद हुआ था।

बर्फबारी ने रोकी राहें


बर्फबारी ने रोकी राहें

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। देश भर में कहीं कहीं भारी बर्फबारी तो कहीं शीतलहर चरम पर है। जम्मू काश्मीर में राजमार्ग तीसरे दिन भी बंद है। उधर हिमाचल में बर्फबारी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के देश भर के ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार मकर संक्रांति के उपरांत ठण्ड ने एक बार फिर अपना असर दिखाना आरंभ कर दिया है।
जम्मू से साई ब्यूरो से विनोद नेगी ने बताया कि कश्मीर घाटी में जवाहर सुरंग पर भारी बर्फबारी और अन्य स्थानों पर जमीन धंसने के कारण तीन सौ किलोमीटर लंबा श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग आज तीसरे दिन भी बंद है। सड़क सुधार में लगे सरकारी कर्मचारियों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सीमा सड़क संगठन राजमार्ग पर यातायात बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम में लगा हुआ है। खराब मौसम के कारण काम में बाधा आ रही है।
हालात देखकर लगता है कि मौसम के खुलने के उपरांत ही सडक का उपयोग किया जा सकेगा। वैसे दो दिनों से लगातार जवाहर टनल के दोनों तरफ सेताजी नाला, नवगाम, नवरमुंडा, कांजीगुंड और पटनीटाप में सड़क पर २ से ४ फुट बर्फ जमा हुई है। जिसके कारण जम्मू और श्रीनगर के अलावा मार्ग के मुख्य जगहों पर छोटे और माल से भरे वाहनों को ट्रैफिक पुलिस ने रोक दिया।
उधर, भारी बर्फबारी के कारण जहां सड़क पर यात्रा करने वालों को जबरदस्त मुश्किलात का सामना करना पड् रहा है। वहीं इस बर्फबारी से बारामूला कांजीगुंड रेल सर्विस मुताशिर हुई है। सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि कि मौसम में बेहतरी आने के बाद सड़क पर वाहनों को श्रीनगर की तरफ अनुमति दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रीता वर्मा ने बताया कि राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में दो दिन से रुक-रुक कर बर्फबारी होने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हिमपात वाले क्षेत्रों में सड़क यातायात में बाधा आई है और बिजली तथा पानी की आपूर्ति पर काफी असर पड़ा है।
उधर, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एलओसी के पास स्थित नौगाम सेक्टर में भारी बर्फबारी की वजह से शुक्रवार को थल सेना के दो जवानों की मौत हो गई। सेना के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नौगाम सेक्टर में पदम चौकी पर खराब मौसम की वजह से दो जवान मारे गए।श् उन्होंने कहा कि संचार व्यवस्था में बाधा की वजह से मृत्यु का सही कारण नहीं पता चल सका।

अब एमआईएम के निशाने पर बापू


अब एमआईएम के निशाने पर बापू

(जाकिया जरीन)

हैदराबाद (साई)। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के एक विधायक ने अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को टारगेट किया है। पार्टी के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक और विधायक ने महात्मा गांधी को लपेटे में ले लिया। एमआईएम के विधायक सैयद अहमद पाशा कादरी ने आंध्र प्रदेश स्टेट असेंबली में महात्मा की गांधी की मूर्ति पर निशाना साधा है।
कादरी ने ताना मारते हुए कहा,कि निजाम ने स्टेट असेंबली की इमारत बनवाई थी लेकिन यहां क्या हो रहा है? यहां महात्मा गांधी की मूर्ति लगवा दी गई। इमारत निजाम ने खड़ी की लेकिन मूर्ति गांधी की लगाई गई। कादरी आंध्र प्रदेश विधानसभा में चारमीनार से विधायक हैं। वह गुरुवार को करीमनगर डिस्ट्रिक्ट में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। कादरी ने कहा कि हमने हिन्दुस्तान में कई शानदार इमारतें बनाईं हैं। इन्होंने क्या किया है? हमलोगों ने ताजमहल, लाल किला, कुतुबमीनार, मक्का मस्जिद और चारमीनार बनाए हैं। उन लोगों ने हिन्दुस्तान में क्या बनवाया है?
कादरी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह एमआईएम और उसके नेताओं को टारगेट कर रही है। गौरतलब है कि अकबरुद्दीन ओवैसी नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोप में जेल में बंद हैं। कादरी के भाषण के खिलाफ करीमनगर डिस्ट्रिक्ट में बीजेपी के जगित्याल यूनिट के अध्यक्ष राजू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

शासन की योजनाओं से लाभ उठाकर अपने जीवन को सवारें: कुलस्ते


शासन की योजनाओं से लाभ उठाकर अपने जीवन को सवारें: कुलस्ते

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। जिले के लखनादौन तहसील मुख्य्ाालय्ा के शासकीय्ा उत्कृष्ट उज्चतर माध्य्ामिक विद्यालय्ा के प्रांगण में य्ाहां संपन्न खंडस्तरीय्ा अन्त्य्ाोदय्ा मेले सह जिलास्तरीय्ा लोक कल्य्ााण शिविर में करीब ८ हजार हितग्राहिय्ाों को कुल ४ करोड ४५ लाख रूपय्ो से अधिक की आर्थिक सहाय्ाता राशि एवं सामग्रिय्ाों का वितरण किय्ाा गय्ाा। इस अवसर पर राज्य्ासभा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते मुख्य्ा अतिथि के रूप में मौजूद थे। कायर््ाक्रम की अध्य्ाक्षता लखनादौन विधानसभा क्षेत्र्ा की विधाय्ािका श्रीमती शशि ठाकुर ने की। इस मौके पर अतिथिय्ाों द्वारा प्रतिकात्मक रूप से सभी विभागों के तीन-तीन हितग्राहिय्ाों को आर्थिक सहाय्ाता राशि के चैक, बचत पत्र्ा एवं सहाय्ाक उपकरण आदि वितरित किय्ो गय्ो। मेले में नारी सम्मान दिवस के मौके पर विधाय्ािका श्रीमती शशि ठाकुर ने मुख्य्ामंत्र्ाी शिवराज सिंह चौहान के जनता के नाम संदेश का वाचन किय्ाा और सभी को महिला अपराधों की रोकथाम एवं महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता जगाने के लिय्ो शपथ भी दिलाई। कायर््ाक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में लखनादौन की जनपद अध्य्ाक्षा श्रीमती राजेश्वरी उइके, नगर परिषद की अध्य्ाक्षा श्रीमती सुधा राय्ा, नगर परिषद के पूर्व अध्य्ाक्ष मुनमुन राय्ा, जिला पंचाय्ात सदस्य्ा श्रीमती रैनवती मानेश्वर, अपर कलेक्टर आर।बी।प्रजापति के अलावा जिला पंचाय्ात की मुख्य्ा कायर््ापालन अधिकारी श्रीमती प्रिय्ांका दास, एस।डी।एम। लखनादौन सुश्री लता पाठक, शासकीय्ा विभागों के जिला एवं जनपदस्तरीय्ा अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधिगण तथा बडी संख्य्ाा में ग्रामीणजन उपस्थित थे। मेले का आय्ाोजन जनपद पंचाय्ात एवं नगर परिषद लखनादौन द्वारा किय्ाा गय्ाा था।    
कायर््ाक्रम को संबोधित करते हुए राज्य्ासभा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि इस मेले के माध्य्ाम से करीब ८ हजार हितग्राहिय्ाों का लाभान्वित होना इस बात का प्रतीक है कि सरकार के लोक कल्य्ााणकारी कायर््ाक्रमों का लाभ कितनी तेजी से मिल रहा है। उन्होंने कहा कि म।प्र। सरकार प्रदेश के हर विकासखंड में अंत्य्ाोदय्ा मेला लगा रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे शासन की विविध य्ाोजनाओं का लाभ लेकर अपने आजीविका के साधन बढाय्ो, स्वरोजगार करें और अपने जीवन को सवारें। कुलस्ते ने बताय्ाा कि मध्य्ाप्रदेश सरकार प्रदेश के हर किसान के खेत में पानी पहुंचाने का भरसक प्रय्ाास कर रही है और लखनादौन क्षेत्र्ा में भी सिंचाई के विकास की अपार संभावना है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे स्वंय्ा का और अपने समाज का विकास करें, प्रदेश और देश के विकास में भागी बने।
अध्य्ाक्षीय्ा भाषण में लखनादौन विधाय्ािका श्रीमती शशि ठाकुर ने कहा कि मध्य्ाप्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गो को विकास की मुख्य्ा धारा से जोडने का काम कर रही है। किसानों का कल्य्ााण और उनका हित हमारी सरकार की प्राथमिकता है। अभी हाल ही में मध्य्ाप्रदेश को माननीय्ा राष्ट्रपति द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा गय्ाा है, य्ाह हमारी सरकार की उपलब्धि है, प्रदेश के किसानों की लगन, परिश्रम और हाड-तोड मेहनत का प्रतिफल है उन्होंने बताय्ाा कि पिछले चार सालों में लखनादौन विधानसभा क्षेत्र्ा में करीब पज्चीस करोड रूपय्ो की लागत के विकास/निर्माण कायर््ा हुए हैं। हम इस क्षेत्र्ा के सर्वागीण विकास के लिय्ो प्रतिबद्व हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लोकसेवा गारंटी कानून के रूप में जनता को एक अमोघ अस्त्र्ा दे दिय्ाा है। उन्होंने कहा कि य्ाह पहली सरकार है, जिसने लोगों की भलाई के लिय्ो ऐसा कानून बनाय्ाा है। कायर््ाक्रम को अपर कलेक्टर प्रजापति एवं जनपद पंचाय्ात लख्रनादौन की अध्य्ाक्षा श्रीमती उइके ने भी संबोधित किय्ाा।
लखनादौन में संपन्न इस खंडस्तरीय्ा अन्त्य्ाोदय्ा मेले सह जिला स्तरीय्ा लोक कल्य्ााण शिविर में जनपद पंचाय्ात लखनादौन द्वारा शासन की विभिन्न य्ाोजनाओं के तहत पात्र्ा पाय्ो गय्ो कुल ७ हजार ९६५ हितग्राहिय्ाों को ४ करोड ४५ लाख ४६ हजार १६८ रूपय्ो की आर्थिक सहाय्ाता राशि के चेक, लाडली लक्ष्मी य्ाोजना के बचत पत्र्ा, विकलांगों को सहाय्ाक उपकरणों के रूप में ट्राय्ासिकल, श्रवण य्ांत्र्ा व अन्य्ा सामग्रिय्ाां वितरित की गई। नगर परिषद लखनादौन द्वारा ११॰॰ हितग्राहिय्ाों को लाभान्वित किय्ाा गय्ाा। मेले में बताय्ाा गय्ाा कि एक अप्रैल से नवंबर १२ तक लखनादौन जनपद क्षेत्र्ा के कुल एक लाख ४३ हजार ५८३ हितग्राहिय्ाों को शासन की कई य्ाोजनाओं के अंतर्गत करीब १२ करोड ५॰ लाख २२ हजार ८५९ रूपय्ो की सहाय्ाता राशि के चेक एवं सामग्री आदि का वितरण किय्ाा जा चुका है। खंडस्तरीय्ा अन्त्य्ाोदय्ा मेले में सामाजिक न्य्ााय्ा विभाग के कलापथक दल द्वारा शासकीय्ा य्ाोजनाओं के प्रचार-प्रसार के प्रेरक गीत प्रस्तुत किय्ो गय्ो। मेले में शासकीय्ा विभागों द्वारा विविध जनकल्य्ााणकारी य्ाोजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई तथा जिला जनसंपर्क विभाग द्वारा करीब दो हजार से अधिक लोगों को विभिन्न शासकीय्ा य्ाोजनाओं से संबंधित प्रचार साहित्य्ा का वितरण किय्ाा गय्ाा।  

6 ग्राम स्मैक व 900 ग्राम चुरापोस्त बरामद


6 ग्राम स्मैक व 900 ग्राम चुरापोस्त बरामद

(राज कुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। सीआईए पुलिस ने एक शातिर मादक पदार्थ तस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपी इससे पुर्व भी मादक पदार्थ तस्करी मामले में न्यायालय द्वारा सजायाब किया जा चुका है। आरोरी के कब्जा से 16 ग्राम स्मैक व 900 ग्राम चुरापोस्त बरामद किया गया, तथा आज न्यायालय में पेश करने उपरांत आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पीआरओ ने बताया एएसआई अजीत राय की टीम को गुप्त सुचना मिली थी, कि चीका की तरफ से आने वाली बस में एक व्यक्ति सीवन में बेचने के लिए मादक पदार्थ ला रहा है। बस स्टैंड सीवन के पास ही पुलिस ने आरोपी सतनाम ङ्क्षसह वासी डेरा बलकार ङ्क्षसह खरकां को काबु कर डीएसपी मुख्यालय टेकनराज शर्मा के समक्ष जब नियम अनुसार कार्यवाही करते हुए तलाशी ली, तो उसके कब्जा से 16 ग्राम स्मैक तथा 900 ग्राम चुरापोस्त बरामद हुआ। थाना सीवन में मामला दर्ज करते हुए आरोपी को मादक द्रव्य पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया।

अवैध देशी कट्टा तथा 2 जिंदा कारतुस बरामद


अवैध देशी कट्टा तथा 2 जिंदा कारतुस बरामद

(ब्यूरो कार्यालय)

कैथल (साई)। थाना कलायत पुलिस ने गस्त व नाकाबंदी दौरान एक कुख्यात अपराधी के कब्जा से अवैध देशी कट्टा तथा 2 ङ्क्षजदा कारतुस बरामद किए है। आरोपी युवक हत्या के मामले में अदालत द्वारा उम्रकैद का सजायाब किया हुआ है, जो पैरोल छुट्टी लेने उपरांत समय पर वापिस हिसार जेल नहीं पहुंचा। दोषी के खिलाफ थाना सदर नरवाना में कैदी सदाचार अधिनियम अंतर्गत मामला दर्ज है, जिस बारे वहां की पुलिस को सुचित कर दिया गया है। बढसिकरी में अपनी मौसी की लड़की के पास छिपने के लिए आ रहे अरोपी को शस्त्र अधिनियम अंतर्गत गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश करने उपरांत 1 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस प्रवक्ता नें बताया सबइंस्पेक्टर रामपाल अपनी टीम सहित बडसिकरी कैनाल पुल पर नाकाबंदी किए हुए थे। मटौर की तरफ से पैदल आ रहे एक संदिग्ध युवक ने पुलिस टीम को देखकर कन्नी काटनी चाही तो मुस्तैद पुलिस ने उसे मौका पर काबु कर लिया। पुछताछ करने पर उसकी पहचान ओमप्रकाश उर्फ बागड़ी वासी दनौदा खुर्द जिला जींद के रुप में हुई। तलाशी दौरान आरोपी के कब्जा से 315 बोर का अवैध पिस्तौल व 2 ंिजदा कारतुस बरामद हुए। थाना कलायत में मामला दर्ज करते हुए आरोपी को शस्त्र अधिनियम अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया। प्रवक्ता ने बताया उपरोक्त आरोपी के खिलाफ थाना ईसराना जिला पानीपत में 6 जनवरी 02 को हत्या व शव खुर्दबुर्द करने के आरोप में मामला दर्ज है। इस मामले में न्यायालय ने 24 जुलाई 08 को आरोपी को उम्रकैद व 6 हजार रुपये जुर्माना का सजायाब किया था, तथा दोषी इस समय हिसार जेल में सजा काट रहा था। 22 नवम्बर  2012 को वह कारावास से पैरोल छुट्टी पर आया था, जिसे 14 दिसम्बर को वापिस हिसार कारावास में उपस्थित होना था। प्रवक्ता ने बताया कलायत पुलिस के सबइंस्पेक्टर रामपाल ने शातिर आरोपी को गिरफ्तार कर किसी सम्भावित अप्रिय वारदात को टालने में कामयाबी हासिल की है।