शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

शिवराज की लाड़ली नहीं रही ‘लक्ष्मी‘

शिवराज की लाड़ली नहीं रही ‘लक्ष्मी‘

(लिमटी खरे)

देश के हृदय प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान कम से कम महिलाओं के मामले में तो असफल ही साबित हो रहे हैं। कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिए उन्होंने न जाने कितने जतन किए। पुत्री के जन्म पर एक लाख रूपए भी देने की योजना चलाई। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से वर्ष 2007 में आरंभ की गई सरकार की इस महात्वाकांक्षी योजना में अब तक साढ़े आठ लाख से ज्यादा लाड़ली लक्ष्मी बन चुकी हैं। इसका सबसे दुखद पहलू यह है कि शिवराज के ये प्रयास आज भी नाकाफी ही कहे जा सकते हैं क्योंकि लिंगानुपात के मामले में मध्य प्रदेश बुरी तरह पिछड़ चुका है। लाड़ली लक्ष्मी के नाम पर अब तक शिवराज सिंह चैहान ने अरबों खरबों रूपए पानी में बहा दिए हैं। मध्य प्रदेश के जमीनी हालात इस प्रकार हैं कि भिण्ड में लिंगानुपात 838 है। अर्थात एक हजार बालकों के सामने 142 बालिकाएं कम हैं। प्रदेश में वैध और अवैध तरीके से चलने वाले सोनोग्राफी सेंटर में भ्रूण परीक्षण अवैध तौर पर जारी बदस्तूर है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार अब तक आठ लाख बावन हजार एक सौ छियानवे लाड़ली लक्ष्मी बनाई जा चुकी हैं। अर्थात सरकारी खजाने से 2556 करोड़ हजार रूपए निकाले जा चुके हैं। फिर भी लिंगानुपात जस का तस ही है।


मातृशक्ति को सभी बारंबार प्रणाम करते हैं, पर कोई भी महिलाओं को आगे लाने या सशक्त बनाने की पहल नहीं करता है। देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के तौर पर स्व.श्रीमति इंिदरा गांधी, अपने अध्यक्ष के तौर पर श्रीमति सोनिया गांधी के बाद देश की पहली महामहिम राष्ट्रपति श्रीमति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, पहली लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार दिए हैं, वहीं भाजपा ने मातृशक्ति का सम्मान करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर श्रीमति सुषमा स्वराज को आसंदी पर बिठाया है। इतना सब होने के बाद भी महिलाओं के लिए 33 फीसदी के आरक्षण का विधेयक लाने में कांग्रेस को नाकों चने चबाने पड रहे हैं, जाहिर है पुरूष प्रधान मानसिकता वाले देश में महिलाओं को बराबरी पर लाने की बातें तो जोर शोर से की जातीं हैं, पर जब अमली जामा पहनाने की बात आती है, तब सभी बगलें झाकने पर मजबूर हो जाते हैं।
 
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों से ‘‘मां तुझे सलाम . . .‘‘ का गीत जमकर बज रहा है। एसा प्रतीत हो रहा था कि सूबे के निजाम शिवराज सिंह चैहान द्वारा मध्य प्रदेश में स्त्री वर्ग के लिए जो महात्वाकांक्षी योजनाएं लागू की गई हैं, वे आने वाले समय में देश के लिए नजीर से कम नहीं होंगी। सुप्रसिद्ध कवि मैथली शरण गुप्त की कविता की ये पंक्तियां
‘‘अबला जीवन हाय तुम्हारी यह ही कहानी!,
आंचल में है दूध, और आंखों में है पानी!!‘‘
को शिवराज सिंह चैहान ने बदलने का असफल प्रयास किया है।
 
कुल पुत्र से ही आगे बढता है, की मान्यता को झुठलाते हुए शिवराज सिंह चैहान ने लाडली लक्ष्मी योजना का आगाज किया। इस योजना में आयकर न देने वाले आंगनवाडी में पंजीकृत वे पालक जिन्होंने परिवार नियोजन को अपनाया हो, अपनी कन्या का नाम दर्ज करा सकते हैं। इसमें उन्हें तीस हजार रूपए का राष्ट्रीय बचत पत्र प्राप्त होता है। इस जमा राशि से मिलने वाले ब्याज से लाडली लक्ष्मी को दो हजार रूपए एक मुश्त दिए जाते हैं, जिससे वह पांचवी तक की शिक्षा प्राप्त कर सके। इसके उपरांत आठवीं पास करने पर चार हजार रूपए, दसवीं में पहुंचने पर साढे सात हजार रूप्ए और ग्यारहवीं तथा बारहवीं कक्षा के लिए उसे हर माह दो सौ रूपयों की मदद मिलेगी। इतना ही नहीं जब वह सयानी हो जाएगी तो उसे एक लाख रूपए से अधिक की राशि मिलेगी जो उसकी शादी में काम आएगी।
 
लाड़ली लक्ष्मी योजना में जबलपुर संभाग से एक लाख 83 हाजर नौ सौ इकसठ, इंदौर से एक लाख तेंतीस हजार आठ सौ बीस, उज्जैन से नोरानवे हजार सात सौ तिरानवे, सागर से 89 हजार 658, भोपाल से 88 हजार तीन, ग्वालियर से 64 हजार 896, रीवा से 57 हजार 990, चंबल से 49 हजार 566, नर्मदापुरम से 44 हजार 869 एवं शहडोल संभाग से 44 हजार 634 इस तरह मध्य प्रदेश से कुल आठ लाख बावन हजार 196 लाड़ली लक्ष्मी बन चुकी हैं। इस तरह प्रत्येक लाड़ली लक्ष्मी को तीस हजार रूपए का बचत पत्र देकर शिवराज सिंह चैहान द्वारा अब तक इस मद में 2556 करोड़ 58 लाख अस्सी हजार रूपए व्यय किए जा चुके हैं।
 
आश्चर्य तो इस बात पर होता है कि अरबों खर्च कर भी नहीं बेटियों को बचायान नहीं जा पा रहा है। इन सबके बाद भी मध्य प्रदेश में लिंगानुपात का बढ़ता निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। मध्य प्रदेश में लिंगानुपात के मामले में अव्वल है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाला ग्वालियर चंबल संभाग। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की कर्मभूमि रहे और वर्तमान में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र विदिशा के हाल भी बेहद ही बुरे कहे जा सकते हैं। सुषमा जो खुद एक महिला हैं कि क्षेत्र में लिंगानुपात की दर 897 है।
 
हालात देखकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि बेटियों को बचाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की मंशाओं पर उनके आला अधिकारी ही पानी फेरते नजर आ रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी लाड़ली लक्ष्मी को अन्य प्रदेशों ने भी अंगीकार कर लिया है। मध्य प्रदेश के डेढ़ दर्जन से भी अधिक जिलों में लिंगानुपात काफी कम है जिससे शिवराज सिंह चैहान सरकार के बेटी बचाओ अभियान को संदेह की नजरों से देखा जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र में लिंगानुपात का बढ़ना चिंताजनक ही माना जा रहा है। इसमें अव्वल जिला भिण्ड है, जहां एक हजार बालकों की तुलना में बालिकाओं की संख्या महज 838 है। इसी तरह मुरेना में 839, ग्वालियर में 862, दतिया में 875, शिवपुरी में 877 है। लिंगानुपात के मामले में छटवीं पायदान पर कांग्रेस प्रवक्त सत्यव्रत चतुर्वेदी के प्रभाव वाला छतरपुर है जहां 884, सागर में 896, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की कर्मभूमि एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र विदिशा में 897, रायसेन में 899, अशोकनगर में 900, टीकमगढ़ में 901, श्योपुर में 902, पन्ना में 907, राजधानी भोपाल में 911 तो होशंगाबाद में 912 का आंकड़ा सामने आया है।

वास्तव में गरीब हैं सरकारी अमीर

वास्तव में गरीब हैं सरकारी अमीर
 
गरीबों का माखौल उड़ाती गरीबी की परिभाषा
 
हलफनामा आयोग का सफाई कांग्रेस की!
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। बुधवार से देश में नई बहस छिड़ गई है जो सरकारी गरीब और वास्तविक गरीब की परिभाषा के बीच है। सरकार का दावा है कि गांवों में प्रतिदिन 26 रूपए तो शहरों में 32 रूपए खर्च करने वाला गरीब नहीं है। इस तरह का हलफनामा सर्वोच्च न्यायालय में योजना आयोग द्वारा दायर किया है। इस पर बवाल मचते ही कांग्रेस रक्षात्मक मुद्रा में आ गई। आनन फानन में सरकार के बजाए कांग्रेस द्वारा इस मामले में टिप्पणी की गई कि जरूरत होगी तो योजना आयोग इसमें तथ्यात्मक हेरफेर करने पर विचार कर सकता है।
 
उधर एक मुद्दा हाथ में आते ही भारतीय जनता पार्टी ने अपने तरकशों में तीर भरने आरंभ कर दिए हैं। इस मामले में सरकार के बजाए कांग्रेस के द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने पर भी विपक्षी दल सरकार को घेरने के मूड में दिख रही है। विपक्षी खेमों में चल रही चर्चाओं के अनुसार क्या अभिषेक मनू सिंघवी सरकार के प्रवक्ता हो गए हैं?

कानून के जानकारों के अनुसार योजना आयोग द्वारा दायर हलफनामा वैसे तो वास्तविकता से कोसों दूर है। यह सब कुछ गरीबों की संख्या कम करने और गरीबों को ब्लो पावरटी लाईन (बीपीएल) श्रेणी से उपर उठाने के लिए सरकार द्वारा रची गई व्यूह रचना है। अगर आयोग द्वारा अपने हलफनामे के साथ 26 और 32 रूपए से संबंधित कोई दस्तावेज प्रस्तुत किए गए होंगे और सरकार द्वारा अपना हलफनामा बदला जाता है तो झूठा हलफनामा दायर करने पर योजना आयोग के खिलाफ कार्यवाही हो सकती है।

अब नहीं कटेगी डाबरमेन की पूंछ

अब नहीं कटेगी डाबरमेन की पूंछ

काटने वाले चिकित्सक पर हो सकती है कार्यवाही
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। डाबरमेन को उसकी कटी पूंछ से ही पहचाना जाता है, आने वाले दिनों में डाबरमेन कुत्ते की पूंछ पूरी ही दिखाई देगी। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने इस कृत्य को दंडनीय अपराध की श्रेणी में डालते हुए भारतीय पशु चिकित्सा परिषद को ताकीद किया है कि वह सरकारी और निजी तौर पर चिकित्सा करने वाले पशु चिकित्सकों को इस बावत आगाह करे।

भारतीय पशु संरक्षण संगठनों के महासंघ की याचिका पर बोर्ड ने यह व्यवस्था दी। बोर्ड के अध्यक्ष सेवानिवृत मेजर जनरल डाॅ.आर.एम.खरब ने कहा कि कुत्तों की पूंछ और उसके कान काटना पशु क्ररता निरोधक अधिनियम 1960 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है। अब तक एसा होता आया है पर अब इस पर अंकुश लगाने की आवश्यक्ता है।
इन पर रोकी जा सकेगी क्रूरता
 
डाॅबरमेन, बाक्सर, ग्रेट डेन, काकर स्पेनियल।

नाम किसी का काम किसी का

नाम किसी का काम किसी का
 
बुलाया विजय शाह के नाम पर किन्तु वे रहे मौन
 
मुखालफत करने वाले पत्रकारों को नहीं भेजा न्योता
 
राजनैतिक खबरें जारी करने से बाज नहीं आ रहा सूचना केंद्र
 
भाजपा का मुखपत्र बना एमपी सूचना केंद्र
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग के दिल्ली स्थित सूचना केंद्र द्वारा अब रेवडि़यों के बाद पत्रकार वार्ता की सूचना भी चीन्ह चीन्ह कर देना आरंभ कर दिया है। बुधवार को मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की पत्रकार वार्ता का आमंत्रण भी सरकार समर्थित पत्रकारों को ही दिया गया। इस पत्रकार वार्ता में विजय शाह पूरी तरह खामोश ही बैठे रहे। सरकार द्वारा पाबंद फोटोग्राफर द्वारा इसकी फोटो तो जारी की गई किन्तु इसकी खबर जारी करने से सूचना केंद्र द्वारा परहेज ही किया गया।
 
जनसंपर्क विभाग के सूत्रों का कहना है कि सूचना केद्र द्वारा पिछले कई दिनों से भारतीय जनता पार्टी के पार्टीगत कार्यक्रमों को भी कव्हर कर प्रेसनोट जारी किए जा रहे थे, जिस पर हो हाल्ला होने पर मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले में अपनी नाराजगी जताई गई थी। इसके उपरांत भी सूचना केंद्र द्वारा इस मसले में कोई सुधार नहीं किया गया। बुधवार को विजय शाह की पत्रकार वार्ता भी राजनैतिक ही मानी जा रही है। इस मामले में सूचना केंद्र द्वारा चुनिंदा पत्रकारों को आमंत्रित तो किया किन्तु इसका प्रेस नोट जारी नहीं किया। सबसे ज्यादा आश्चर्य तो तब हुआ जब सूचना केंद्र द्वारा मंत्री विजय शाह के नाम पर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया और विजय शाह इस प्रेस वार्ता में मौन ही बैठे रहे।
 
भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और जनसंपर्क आयुक्त राकेश श्रीवास्तव ने इस संवाददाता से चर्चा के दौरान कहा कि राजनैतिक मामलों में विभाग द्वारा प्रेस नोट जारी करने पर विभाग द्वारा कड़े निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी का काम सरकार की कार्यवाहियों के प्रचार प्रसार का है। पार्टीगत कामों का हिस्सा सरकारी कर्मचारी कैसे बन सकता है?
 
इन सारी बातों को बलाए ताक पर रखकर एक बार फिर दिल्ली स्थित सूचना केंद्र द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और भाजपा के मध्य प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा से संबंधित राजनैतिक खबर जारी कर ही दी। सूचना केंद्र द्वारा जारी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने तिहाड़ जेल जाकर भाजपा के पूर्व सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते से भेंट की। श्री चैहान के साथ उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद प्रभात झा ने भी श्री कुलस्ते से भेंट की।
 
श्री चैहान ने भेंट के बाद बताया कि श्री कुलस्ते का मनोबल बहुत ऊंचा है। श्री कुलस्ते ने यू.पी.ए. की सरकार बचाने के लिए किये जा रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने का साहसिक कार्य किया था। भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने के लिए श्री कुलस्ते को पुरस्कृत किया जाना चाहिए था। इसके बदले उन्हें जेल भेजा गया। यू.पी.ए. की सरकार जिन्होंने बचाई वे सत्ता सुख भोग रहे हैं और जिन्होंने भ्रष्टाचार को उजागर किया वे जेल में सलाखों के पीछे हैं। श्री कुलस्ते के साथ जो अन्याय हुआ है उसे सहन नहीं किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ श्री कुलस्ते द्वारा शुरू की गई लड़ाई में पूरा प्रदेश उनके साथ है। अन्याय के खिलाफ 23 सितम्बर से पूरे प्रदेश में जन जागरण अभियान चलाया जायेगा और 29 सितम्बर को आदिवासी बहुल मंडला जिला मुख्यालय में विशाल सभा आयोजित की जायेगी। श्री कुलस्ते के लिए पूरा संगठन लड़ाई में उनके साथ है। श्री चैहान ने कहा कि सच को उजागर किया जाना चाहिए। श्री कुलस्ते को जेल में बन्द कर के सत्य का गला घोंटा जा रहा है।

रेल्वे ने ली वरिष्ठ नागरिकों की सुध

रेल्वे ने ली वरिष्ठ नागरिकों की सुध
 
आठ करोड़ सीनियर सिटीजन्स के लिए होगा अलग आरक्षण काउंटर
 
अनेक शहरों में नहीं विधायक, सांसद, पत्रकारों के लिए अलग काउंटर
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। यात्रियों का भरोसा तेजी से खोती भारतीय रेल ने अब वरिष्ठ नागरिकों को सुविधाएं देने की ठानी है। यह सुविधा आरक्षण के दर्मयान उन्हें मिल सकेगी। रेल्वे ने सीनियर सिटजन्स के लिए प्रथक से आरक्षण विन्डो बनाने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि वर्तमान में अनेक आरक्षण केंद्र में तो सांसद, विधायक, पत्रकार, विक्लांग आदि श्रेणी के लोगों के आरक्षण की प्रथक व्यवस्था भी नहीं है। अनेक रेल्वे काउंटर्स पर तो एक ही खिड़की से सारा काम संचालित हो रहा है।
 
रेल्वे बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों को आरक्षण के दौरान होने वाली परेशानियों से बचने के लिए रेल्वे ने अब उनके प्रति सहानभूति का रवैया अख्तियार किया है। वर्तमान में चुनिंदा शहरों में ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रथक काउंटर की सुविधा उपलब्ध है। रेल्वे बोर्ड ने अब बड़े रेल्वे स्टेशन्स पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सर्वथा प्रथक काउंटर खोलने के निर्देश दिए हैं। नए निर्देशों में साफ कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिकों की आरक्षण विन्डो के साथ ही उनके बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था भी की जाए।

एक अनुमान के अनुसार भारत में इस वक्त लगभग आठ करोड़ लोग एसे हैं जो साठ बर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं। वर्तमान में पुरूषों को साठ साल की आयु पूरी करने पर और महिलाओं को 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर वरिष्ठ नागरिक की अहर्ता मिल जाती है। भारतीय रेल इन्हें मूल किराए में चालीस फीसदी रियायत के साथ यात्रा करने की अनुमति दे रहा है।