गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

मीडिया को लेकर मनमोहन चौकस!


मीडिया को लेकर मनमोहन चौकस!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मीडिया को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय अब पूरी तरह चौकस नजर आ रहा है। देश के नाम संबोधन के दौरान जय हिन्द के स्थान पर ठीक है से पीएम डॉ.मनमोहन सिंह का वक्तव्य समाप्त होने से पीएमओ में खलबली मची हुई हैवहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के पक्ष में मीडिया के माध्यम से माहौल बनाने को लेकर भी पीएमओ चिंतित नजर आ रहा है। पीएमओ अब मीडिया पर बारीक नजर रख रहा हैपर इस सबमें पीएम के मीडिया एडवाईजर पंकज पचौरी की भूमिका नगण्य ही बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि गैंग रेप के बाद उपजे तनाव को कम करने की गरज से प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन जारी हुआ और अमूमन प्रधानमंत्री का भाषण या संबोधन जय हिन्द से समाप्त होता रहा है पर इस बार जयहिन्द के उपरांत ठीक है का प्रसारण प्रधानमंत्री सहित कांग्रेस के आला नेताओं को कतई नहीं भाया है।
पीएमओ के सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि पीएम ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। इस मामले में पीएम के मीडिया एडवाईजर पंकज पचौरी की नौकरी पर बन आई है। वहीं दूसरी ओर पंकज पचौरी के कक्ष से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार पचौरी को इस संबोधन के बारे में पता ही नहीं था कि पीएम के द्वारा एसा कोई वक्तव्य दिया जाने वाला है। पीएम का उद्बोधन दूरदर्शन के बजाए समाचार एजेंसी द्वारा जारी किया गया जिसे जल्दबाजी में एडिट ही नहीं किया जा सका।
वहीं दूसरी ओर पीएमओ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि पीएम के निर्देश पर इंटेलिजेंस ब्यूरो अब लगभग एक दर्जन पत्रकारों पर बारीक नजर रखे हुए है। इन पत्रकारों में उनका शुमार है जो पाकिस्तानी दूतावास के निरंतर संपर्क में रहते हैं।
सूत्रों की मानें तो आईबी को निर्देश दिया गया है कि इन पत्रकारों पर विशेष नजर रखी जाएक्योंकि इन पत्रकारों की दिलचस्पी पाकिस्तान का पक्ष दिखाने में ज्यादा हुआ करती है। भारत पाक के तलवार की धार पर चल रहे रिश्तों में इन पत्रकारों द्वारा अगर अपनी रिपोर्टिंगकालमया टाक शो आदि में पाकिस्तान का पक्ष मंझे रूप में रखा जाता है तो भारत को इंटरनेशनल लेबल पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी दूतावास द्वारा खबरें आदि के लिए पहले तो इंटरनेट और ईमेल को जरिया बनाया गया था पर बाद में मेल के मानिटर होने की खबरोें के बाद अब कोरियर या डाक के माध्यम से इन पत्रकारों से संपर्क किया जा रहा है। आरोप है कि पाकिस्तान के हुक्मरान अपना पक्षदृष्टिकोणसलाह मशविरा आदि इन पत्रकारों के माध्मय से प्रसारित प्रचारित करवाने की कोशिश में है।
वहींपीएमाओ सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स जिसे अब सोशल मीडिया का अघोषित दर्जा मिल गया हैसे बुरी तरह परेशान नजर आ रहा है। सोशल मीडिया के निशाने पर मनमोहन सिंह और कांग्रेस के आने से भी मनमोहन सिंह और कांग्रेस की भद्द बुरी तरह पिट रही है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह को दो टूक शब्दों में सोशल मीडिया से निपटने की रणनीति बनाने की हिदायत भी दी है।

तमिलनाडू में राष्ट्रभाषा बैन!


तमिलनाडू में राष्ट्रभाषा बैन!

(प्रीति सक्सेना)

चैन्नई (साई)। हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है और यही भारत को एक सूत्र में पिरो सकती है। यह बात राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने कही थी, पर देश के एक राज्य तमिलनाडू में राष्ट्रभाषा को लेकर एक बार फिर तूफान खड़ा होने लगा है। 60 के दशक में हिंदी विरोधी आंदोलन के गवाह बने तमिलनाडु में एकबार फिर हिंदी को लेकर विरोध शुरू हो गया है। इसके चलते मदुरै जिला प्रशासन को तमिल और अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में साइनबोर्ड लगाने का फैसला वापस लेना पड़ा है।
मदुरई के साई संवाददाता ने जिला कलेक्टोरेट कार्यालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि मंदिरों के शहर कहे जाने वाले मदुरै में आने वाले पर्यटकों की सहूलियत के लिए तमिल और अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में साइनबोर्ड लगाए गए थे। लेकिन स्थानीय लोगों की इच्छा को देखते हुए इन्हें हटा लिया गया है। हिंदी में साइनबोर्ड लगाने के खिलाफ कई स्थानीय संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन किया था।

सरकारी कर्मचारी मोड रहे भाजपा से मुंह


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------49

सरकारी कर्मचारी मोड रहे भाजपा से मुंह

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सहयोगी अफसरों ने एक के बाद एक एसे कदम उठाने आरंभ कर दिए हैं कि लगने लगा है मानो सरकारी कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी की बिदाई का ताना बाना बुनना आरंभ कर दिया हो। एक तरफ सरकारी कर्मचारियों को निजी प्रोग्राम्स का आथित्य स्वीकारने से रोका गया है तो वहीं दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान की ही नागरिकता पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य शासन के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सरकारी कार्यक्रमों के अलावा किसी निजी संस्था, संगठन (एनजीओ) या व्यक्तियों द्वारा आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि अथवा अतिथि के बतौर शामिल नहीं होंगे। इन निर्देशों की अवहेलना करने वाले संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्व कडी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। शासन ने इस बात को संज्ञान में लिया है कि इस संबंध में समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग, अध्यक्ष राजस्व मंडल, ग्वालियर, विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त, कलेक्टर्स तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को भेजे परिपत्र में इन निर्देशों का कडाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। सभी अधीनस्थ कार्यालयों में भी उक्त निर्देशों के अनुपालन के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के लिये कहा गया है।
इसी तरह समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के सीहोर ब्यूरो ने बताया कि एसडीएम बुधनी के एक कागज ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की नागरिका पर ही बवाल मचवा डाला। एसडीएम बुधनी ने अपने एक दस्तावेज में बताया है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान जैत जिला सीहोर के निवासी नहीं है। सवाल यह खड़ा हो गया है कि यदि वो जैत के निवासी नहीं है तो कहां के नागरिक हैं।
यह सवाल एसडीएम बुधनी द्वारा युवक कांग्रेस को दिए एक जवाब से उठा है। युवक कांग्रेस ने पिछले दिनों सीएम के गांव जैत में उपवास आयोजन की अनुमति मांगी थी, जिसके जवाब में एसडीएम बुधनी ने लिखा कि चूंकि सीएम शिवराज सिंह चौहान जैत के निवासी नहीं हैं, अतरू यहां पर आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
युवक कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि यदि सीएम जैत जिला सीहोर के निवासी नहीं हैं तो फिर कहां के निवासी हैं। इस मामले में जब बवंडर उठा और मीडिया ने कलेक्टर सीहोर से सवाल किया तो उन्होंने बताया कि यह केवल एक टाइपिंग मिस्टेक है। गलती से यह लिख दिया गया है।
अब सवाल यह उठता है कि यदि सीएम के निवास स्थान को लेकर ही गलतियां होने लगें तो फिर आम आदमी का मध्यप्रदेश में क्या हो रहा होगा। फिलहाल बवाल मच रहा है परंतु प्रशासन ने इस दिशा में जिम्मेदार अफसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

रेल बजट में फिर बढ़ेगा किराया!


रेल बजट में फिर बढ़ेगा किराया!

(पियूष भार्गव)

नई दिल्ली (साई)। 26 फरवरी को रेल बजट पेश किया जायेगा। परेशानी वाली बात यह है कि रेलमंत्री एक बार फिर रेल किराया बढ़ाने के मूड में हैं। सूत्रों की मानें तो रेल विभाग की आर्थिक स्थिति का हवाला देकर मंत्री किराये में बढ़ोत्तरी करने वाले हैं। चौतरफा महंगाई की मार झेल रही जनता को सरकार फिलहाल राहत देने के मूड में नहीं दिख रही है।
सरकार ने अभी हाल ही में रेल किराये में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसकी मार से रेलयात्री अभी संभल भी नहीं पाए थे कि एक बार फिर सरकार रेल किराये में बढ़ोतरी की तैयारी कर रही है। सूत्रों पर भरोसा करें तो रेल मंत्री पवन बंसल इस बार रेल बजट में यात्री किराए में एक बार और बढ़ोतरी कर सकते हैं। गौरतलब है कि रेलवे की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है।
रेल्वे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रेल मंत्रालय ने रेल बजट में 3 से 5 पैसे प्रति किलोमीटर तक रेल किराया बढ़ाने का फैसला किया है। इस बढ़े किराए का ऐलान रेल बजट में होगा। पिछले दिनों डीजल महंगा होने से रेल मंत्रालय पर किराया महंगा करने का दबाव बढ़ा है। बाजार भाव पर डीजल खरीदने से रेलवे को सालाना 3,300 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
जनवरी में रेल किराये में बढ़त से रेलवे को सालाना 6,600 करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद है। फिर भी रेलवे ने सरकार से 38,000 करोड़ रुपये की बजट सहायता मांगी है, लेकिन वित्त मंत्रालय की तरफ से रेलवे की मांग को पूरा करने की उम्मीद कम है।

कार ना आने पर भड़कीं ममता!


कार ना आने पर भड़कीं ममता!

(प्रतुल बनर्जी)

कोलकता (साई)। कार आने में देर क्या हुई, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने सुरक्षा गार्ड पर ही भड़क गईं। ममता का गुस्सा इतना ज्यादा था कि उन्होंने गार्ड को अनाप-शनाप तक कह दिया। यह घटना मेले के गेट नंबर एक पर हुई। वैसे सदा शांत रहने वाली ममता बनर्जी के तल्ख तेवरों से प्रत्यक्षदर्शी भी सहम गए।
दरअसल, ममता बनर्जी कोलकाता पुस्तक मेले गई थीं। मेले से बाहर निकलने के बाद उनको अपनी कार के लिए इंतजार करना पड़ा। फिर क्या था आ गया दीदी को गुस्सा। ममता इस कदर अपना आपा खो बैठीं कि वह अपने सुरक्षाकर्मियों पर चीखने लगीं और अनाप-शनाप कहने लगीं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ममता बनर्जी इस कदर गुस्से में थीं कि उन्होंने अपने सुरक्षा गार्डस को यह तक कह डाला कि आप सभी को तो चाबुक से पीटा जाना चाहिए। ममता ने एक नहीं दो मर्तबा इस तरह की भाषा का प्रयोग किया। आर्श्चजनक बात यह है कि ममता जिस पुलिस ऑफिसर पर भड़कीं, उसका नाम कुसुम कुमार द्विवेदी है और वह कई सालों से ममता की निजी सुरक्षा में तैनात है।

आसाराम बापू फिर विवादों में


आसाराम बापू फिर विवादों में

(जया श्रीवास्तव)

विदिशा (साई)। हमेशा विवादों में रहने वाले आसाराम बापू अपनी करतूत और बयान की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन पर एक भक्त ने आशीर्वाद लेने के लिए पैर छूने पर लात मारने और प्रवचन में यमदूत को गाली देने का आरोप लगाया है। सोमवार को मध्य प्रदेश के विदिशा में आसाराम के सत्संग का कार्यक्रम था।
आसाराम बापू के उपर अगाध श्रद्धा रखने वाले अमान सिंह दांगी नाम के शख्स ने न्यूज चौनलों से बातचीत में आरोप लगाया है कि प्रवचन खत्म होने के बाद वह जैसे ही आशीर्वाद लेने के लिए आसाराम बापू के कदमों में झुके उन्होंने उन्हें लात मार कर अपने से दूर गिरा दिया। दांगी का कहना है कि इसके बाद वह काफी देर तक ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। दांगी ने यह भी कहा कि आसाराम ने प्रवचन के दौरान भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की। उनका दावा है कि आसाराम ने एक प्रसंग में यमदूत को मंच से ही गाली दी।
दांगी ने मीडिया से कहा कि वह पहले आसाराम की बड़ी इज्जत करते थे लेकिन इस प्रकरण के बाद उनके विचार बदल गए हैं। मीडिया में इस मामले को दिखाए जाने के बाद भी आसाराम की ओर से अब तक कोई टिप्पणी नहीं आई है। वैसे, विवाद और आसाराम बापू का पुराना नाता है। उन्होंने कुछ महीने पहले गाजियाबाद में भी एक पत्रकार के सवाल पूछने पर उसे थप्पड़ रसीद कर दिया था। इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने दिल्ली के बहुचर्चित गैंग रेप प्रकरण में पीड़ित लड़की को भी दोषी बता दिया था। जब मीडिया उनके बयान को दिखाने लगा था तो उन्होंने मीडिया को भी कुत्ता कह डाला था।

लोकगीतों में दिल्ली गेंग रेप की पीड़ा!


लोकगीतों में दिल्ली गेंग रेप की पीड़ा!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली में मेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की पीड़ा अब लोकगीतों में सुनाई दे रही है। एइसे बहिनिया के इज्जत लुटाई त कइसे कलइया में राखी बंधाईनामक लोकगीत सुनाई दे रहा है। देश को हिला देने वाले इस कांड के दर्द को शब्दों में बांधा है बिरहा गीतकार जोखन मधुकर ने।
दिल्ली गैंगरेप की शिकार बिटिया की कहानी को केंद्र में रखते हुए उन्होंने नारी की व्यथा को आवाज दी है। इनके साथ-साथ एक दर्जन बिरहा गायक दिल्ली गैंगरेप की हृदय विदारक घटना की कहानी अपने-अपने तरीके से जनता में बयां कर रहे हैं। अब तक तीन गायकों के एलबम बाजार में भी आ गए हैं।
बिरहा गायक ओमप्रकाश दिवाना ने गैंगरेप उर्फ चलती बस में बलात्कारशीर्षक से बिरहा एलबम जारी किया है। इसकी रिकॉर्डिंग स्टूडियो में हुई है लेकिन वीडियो में बिरहा के श्रोताओं, स्टूडियो, घटना का नाटकीय रूपांतरण और इसके विरोध में हुए आंदोलन के फुटेज भी जोड़े गए हैं।
एलबम के गीतकार जोखन प्रसाद मधुकर ने घटना की पुरजोर भर्त्सना की है। उन्होंने गर्भ से लेकर घर के बाहर तक नारी की असुरक्षा का मामला बहुत संजीदा तरीके से प्रस्तुत किया है। वहीं, गायक अमृत लाल यादव का एलबम दिल्ली बस गैंगरेप कांड (श्रद्धांजलि)मैक्स म्यूजिक से और धर्मराज का दिल्ली दामिनी कांडके नाम से आया है।
ओमप्रकाश के मुताबिक हफ्ते भर में उनके एलबम की 10 हजार से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं। एलबमों के थोक विक्रेता कैलाश नाथ ने बताया कि आधा दर्जन और गायक हैं जो इस मुद्दे पर गा रहे हैं। बिरहा में आख्यान गाने का चलन कोई नया नहीं हैं।
गायक अजय अजनबी का कहना है कि रामायण, महाभारत, सोरठा, लोरिकायन जैसे आख्यान गायक जन-जन तक पहुंचाते थे। राष्ट्रीय आंदोलन के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए लोकगायकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है लेकिन इस तरह के आख्यानों पर गाते समय सावधानी जरूरी है।
बिरहा गायक हीरालाल की अमर प्रेम कहानी हे दीदीआज भी पुराने लोग भूले नहीं हैं। ओमप्रकाश का कहना है कि बिरहा गायक मनोरंजन के साथ-साथ जनता को जागरूक करता है।

सहकारी समिति बरघाट में साठ लाख का महाघोटाला!


सहकारी समिति बरघाट में साठ लाख का महाघोटाला!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश के छोटे से जिले सिवनी के छोटे से विकास खण्ड बरघाट की एक विपणन सहकारी समिति ने जो जादू दिखाया है उसे देखकर अच्छे अच्छे घोटालेबाज भी दातों तले उंगली दबा लेंगे। भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई के कथित आधार स्तंभ अजय त्रिवेदी के नेतृत्व वाली इस समिति ने साठ लाख रूपए का महाघोटाला किया है।
विपणन सहकारी समिति बरघाट के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि वैसे तो भारतीय जनता पार्टी द्वारा चाल चरित्र और चेहरे के साथ ही साथ भ्रष्टाचार मुक्त शासन की वकालत की जाती है पर दूसरी ओर भारती जनता पार्टी के ही पदाधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर इन दावों की हवा निकालने का काम कर रहे हैं। वर्ष 2007 - 2008 एवं 2009 - 2010 में इस सोसायटी में लाखों का गबन और घोटाला हुआ है।
सोसायटी के एक पदाधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि इस पूरे मामले में सोसायटी के अध्यक्ष अजय त्रिवेदी ही पूरी तरह दोषी हैं पर चूंकि वे भाजपा के कथित आधार स्तंभ हैं अतः उन्हें बचाकर इस मामले में लेखापाल एवं अन्य अधीनस्थों को फंसाने की कवायद जारी है। इस सोसायटी में धान, गेंहूं एवं अन्य खाद्य सामग्रियों में लगभग साठ लाख रूपए का महाघोटाला किया गया है।
सोसायटी सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि वर्ष 2007 - 2008 में सहकारी प्रक्रिया एवं विपणन समिति बरघाट में वर्ष 2008 - 2009 में गेंहू उपार्जन के दौरान 8 किसानों से खरीदे गए चार लाख 81 हजार 450 रूपए के गेंहूं का भुगतान भी वास्तविक किसानों के बजाए छद्म किसानों को कर दिया गया। बताते हैं कि घंसौर में कमलती फागू से खरीदे गए गेंहू का 72 हजार 50 रूपए की राशि का भुगतान किसी गौरी शंकर के नाम के आदमी को कर दिया गया। इतना ही नहीं समर्थन मूल्य के गेेहूं एवं धान खरीद में समिति द्वारा अप्रसंगिक व्यय भी किए गए हैं।
वहीं बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष 2009 - 2010 में उक्त समिति के अध्यक्ष अजय त्रिवेदी ने सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर मनमानी जारी रखी। बताते हैं कि अध्यक्ष अजय त्रिवेदी की हठधर्मिता के चलते 13 जून 2009 को 2602 नग फटे बारदाने अर्थात बोरे की राशि 58671 रूपए एफसीआई से लेने की बात रोकड़ में दर्ज की गई। मजे की बात तो यह है कि प्रस्ताव पंजी में इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया।
चर्चा है कि इस तरह अध्यक्ष अजय त्रिवेदी ने कूट रचना कर 58671 रूपए का सीधा सीधा गबन किया गया है। इतना ही नहीं 13 जून 2009 को ही 714 बारदानों की राशि 16094 रूपए भी नुकसान खाते की रोकड़ में दर्ज किया गया, पर प्रस्ताव पंजी इस बार भी इस मामले में खामोश ही रही। यह सारा मामला अध्यक्ष अजय त्रिवेदी और लेखापाल दर्शन अहिरवार की सहमति से ही परवान चढ़ सका है।
वहीं सूत्रों ने संकेत दिए कि खाद्य की खरीदी में समिति के अध्यक्ष और लेखापाल ने मिलकर शासन को लाखों का चूना लगाया है। सूत्रों की मानें तो दोनों ने मिलकर 6 लाख 96 हजार 837 रूपए का गबन और धान खरीदी में 32 लाख 63 हजार 829 रूपए का संस्था को हानि के माध्यम से चूना लगाया है। इसी तरह परिदान में कमी धान के मामले में 124 क्विंटल धान की कमी को लापरवाही पूर्वक खरीदने से संस्था को लगभग एक लाख 30 हजार 305 रूपए देवचंद से वसूली हेतु दोषी माना है।
इस तरह वर्ष 2007 से अब तक विपणन सहकारी समिति बरघाट द्वारा खरीदी और अन्य मदों में जमकर घालमेल किया गया है। आश्चर्य तो इस बात का है कि इस समिति के सालाना अंकेक्षण में आखिर ये अनियमितताएं दब कैसे गईं? वैसे कहा जाता है कि अध्यक्ष अजय त्रिवेदी भारतीय जनता पार्टी के कथित तौर पर आधार स्तंभ हैं अतः उनका कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता है। आपेक्षा व्यक्त की जा रही है कि विपणन सहकारी समिति बरघाट की उच्च स्तरीय जांच की जाकर इस मामले में दूध का दूध पानी का पानी किया जाए।

पुलिस और कबाड़ियों का गठबंधन


पुलिस और कबाड़ियों का गठबंधन

(हिमांशु कौशल)

सिवनी (साई)। एसडीओपी सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश और उनसे स्वयं के कारण पुलिस कबाड़ियों पर दिखावे की तौर पर सख्ती बरत रही है जबकि वास्तविकता यह है पुलिस द्वारा अभी भी 28-30 हजार रूपये महीने कबाड़ियों से वसूल किये जा रहे हैं और तो और बीच मे पुलिस विभाग के ही एक कर्मचारी द्वारा एसडीओपी बहुगुणा के नाम से भी पैसे बटोर लिये गये थे जिसके बाद न केवल संबंधित कर्मचारी को लाइन अटैच किया गया बल्कि कबाड़ियों पर और सख्ती बरती गयी क्योंकि इस घटना ने नवागत एसडीओपी को विश्वास दिला दिया कि चोरी का अधिकांश सामान कबाड़ियों के ही माध्यम से नगर व जिले के बाहर जाता है।
उल्लेखनीय है कि चोर जब सामान चोरी करता है तो उसे खपाने के लिये कबाड़ियों के पास जाता है वहीं जब चोरी की घटनाएं ज्यादा होती है तो पुलिस गश्त बढ़ाती है इससे कुछ समय पश्चात चोरी की घटनाओं मे तो कुछ विराम लग जाता है किन्तु जिन लोगों के यहाँ चोरी हो चुकी होती है उनका सामान वापस नहीं मिल पाता। पुलिस को अच्छी तरह पता रहता है कि ये चोरी का सामान कबाड़ के साथ ट्रक मे भरकर बाहर जाता है। पूर्व मे कई बार चोर स्वयं इस बात को स्वीकार चुके हैं कि उनके द्वारा चोरी का सामान कबाड़ियों को बेचा गया है किन्तु पुलिस द्वारा चोर के इस बयान को रिकार्ड मे ढंग से दर्ज नहीं किया जाता और न ही कबाड़ियों के विरूद्ध  कोई कार्यवाही की जाती है। अगर पुलिस कबाड़ियों पर सख्ती करे तो कबाड़ियों को तो इतना तक पता रहता है कि वे चोर का नाम और उसका ठिकाना तक पुलिस को बता सकते हैं किन्तु पुलिस जानबूझकर कबाड़ियों को छोड़ती है ताकि चोरी हो और कबाड़ी चोरी का सामान खरीदे जिससे उसको महीने का 28-30 हजार रूपये की चढ़ोत्री मिले।
कबाड़ियों और पुलिस का गठबंधन इतना तगड़ा है कि पुलिस कई बार स्वयं अपने सामानों को कबाड़ी को बेचती है। कुछ माह पूर्व यह खबर बहुत तेजी के साथ फैली थी कि छपारा टी।आई द्वारा छपारा थाने मे खड़ी विभिन्न घटनाओं और चोरों से जप्त की गयी मोटरसायकले छपारा के ही एक स्थानीय कबाड़ी को 01 लाख रूपये मे बेच दी गयी और उसने खटाखट सारे वाहनों को तोड़ने की प्रक्रिया आरंभ कर दी। यह खबर तेजी से बहुत से पत्रकारों मे फैली और सभी ने कबाड़ी से अच्छी खासी चढ़ोत्री ली। पत्रकारों को हवा लगती देख टी।आई। द्वारा थाने के रिकार्ड मे फेरबदल कर लिये गये और अपने उच्चाधिकारियों को भी संतुष्ट कर दिया। मामला पूरा दब गया।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि सिवनी के जो 14-15 छोटे मोटे कबाड़ी है उनसे पुलिस विभाग के होमगार्ड सैनिक मो। वकील शुरू से वसूली करते आ रहा है। बीच मे वकील ने वसूली की राशि मे कुछ गड़बड़ी कर दी थी जिसके कारण कबाड़ियों से वसूली का काम वकील से लेकर दलसागर के पार स्थित भैया कबाड़ी को दे दिया गया था। कुछ अरसे बाद भैया कबाड़ी ने भी वसूली की राशि मे हेरफेर कर दी तो पुनः यह काम आरक्षक जयेन्द्र बघेल को दे दिया गया। जयेन्द्र बघेल ने एसडीओपी सिद्धार्थ बहुगुणा के नाम के पैसे भी वसूल लिये। यह बात बहुगुणा को पता चली तो उन्होंने आरक्षक जयेन्द्र बघेल को लाइन अटैच कर दिया। इसके बाद पुनः कबाड़ों से पैसे वसूल करने का काम दलसागर पार वाला भैया कबाड़ी करने लगा। भैया कबाड़ी द्वारा पैसे वसूल किये जाने से मो। वकील परेशान था तो उसने पुनः कुछ कबाड़ियों के ही माध्यम से नगर निरीक्षक के पास यह बात पहुँचायी कि वो वकील को पैसा देना चाहते हैं, भैया कबाड़ी को नहीं देंगे अतः अब पुनः वसूली का काम वकील के पास आ गया है।
पुलिस अच्छी तरह जानती है कि चोर को चोरी करते हुए ही पकड़ा जा सकता है तब जब वो किसी के घर मे चोरी कर रहा हो या चोरी करके भाग रहा हो। ऐसी स्थिति मे चोर के पकड़े जाने की संभावना 10 प्रतिशत भी नहीं रहती इसीलिये दिखावे को तौर पर पुलिस गश्ती को बढ़ाती है ताकि जनता को लगे कि पुलिस कुछ कर रही है। पुलिस यह बात भी अच्छी तरह जानती है कि चोर चोरी करने के बाद माल को ज्यादा देर तक अपने पास नहीं रखता वो जल्द से जल्द माल को खपाता है जिसके लिये वो कबाड़ियों के पास जाता है और कबाड़ी से ये माल बाहर जाता है। पुलिस अगर कबाड़ियों से सख्त रहेगी और इनके बाहर जाने वाले ट्रकों की चेकिंग करेगी तो चोरी का माल स्वतः ही यहाँ मिल जायेगा और चोर स्वयं निष्क्रिय हो जायेंगे किन्तु अगर चोरी नहीं होगी, कबाड़ी चोरी का माल नहीं खरीदेंगे तो सवाल यह उठता है कि वे पुलिस को महीना क्यों देंगे?
कुल मिलाकर अगर एक व्यापक परिप्रेक्ष्य मे देखें तो नगर मे होने वाली चोरी और चोरों को पुलिस का ही श्रेय है और इसी कारण जब कोई बाहर का रैकेट आकर चोरी करता है तो पुलिस समझ जाती है और दूसरे प्रदेशों मे जाकर भी चोर को ढूंढ लाती है किन्तु जब नगर के ही चोर चोरी करते हैं तो वे पुलिस के हाथ नहीं लगते उल्टा एफआईआर भी जल्दी नहीं लिखती ताकि चोरी का माल नगर के बाहर चले जाये।
अभी इस दौरान कबाड़ियों पर जो पुलिस की नजरे टेढ़ी है उसका एकमात्र कारण एसडीओपी सिद्धार्थ बहुगुणा है किन्तु वो स्वयं इसीलिये ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि वो समझ चुके हैं कि उनके नीचे का स्टाफ भी बिका हुआ है और ऊपर के अधिकारी भी। उनके कार्यवाही करने से पहले ही संबंधितों को खबर लग जाती है कि क्या होने वाला है।

रोहित सक्सेना बने मानवाधिकार एसोसियेशन सिवनी के जिलाध्यक्ष


रोहित सक्सेना बने मानवाधिकार एसोसियेशन सिवनी के जिलाध्यक्ष

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। विगत दिवस शहर के मध्य स्थित यश लाज में भारतीय मानवाधिकार एसोसियेशन की आवश्यक बैठक पूर्वी मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अजय चौधरी की अध्यक्षता में पूर्ण की गई जिसमें मानवाधिकार एसोसियेशन के छिंदवाडा जिले के जिलाध्यक्ष अमित कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष प्रणय लिखितकर, डा नितिन श्रीवास्तव, डा शशांक साहू संहित सीधी एवं सतना जिले के जिलाध्यक्ष विशेष रुप से सम्मिलित हुये ।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अजय चौधरी द्वारा भारतीय मानवाधिकार एसोसियेशन के उद्देश्य को समझाते हुए सिवनी जिले में भी मानवाधिकार एसोसियेशन निर्माण की आधारशिला निश्चित की गई एवं चौधरी द्वारा जिले में मानवाधिकार एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष के लिये रोहित सक्सेना के नाम की घोषणा की गई ।
श्री रोहित सक्सेना को भारतीय मानवाधिकार एसोसियेशन में जिलाध्यक्ष मनोनीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय चौधरी द्वारा विश्वास जताया गया कि अब सिवनी जिले में भी एसोसियेशन को उर्जा, गति एवं कार्यकुशलता प्राप्त होगी । इसी तारतम्य में नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष रोहित सक्सेना ने अपने उद्बोधन में सभी को धन्यवाद देते हुये कहा कि वे स्वयं तथा अपने सभी युवा साथियों के जोश एवं सद्बुद्धि तथा सभी बडों के अनुभव का पूरा उपयोग कर मानवाधिकार एसोसियेशन के उद्देश्य को प्राप्त करने में कोई कसर बाकी नहीं छोडेंगे ।
श्री रोहित सक्सेना के जिलाध्यक्ष बनने पर उनके साथियों मनु दिवाकर, मो। इमरान, सोहेल अल्वी, मो। फैज।ल, मो। जुबेर, अखिल सक्सेना इत्यादि द्वारा हर्ष व्यक्त कर बधाई दी गई ।
ज्ञातव्य है कि इस बैठक में विशिष्ट अतिथि के रुप में छिद्दी लाल श्रीवास, डा। सौरभ जठार, डा। हसन, अनूप अवस्थी, बबलू भाई दूधवाले, राजिक अंसारी, यादव, सनोडिया, मो। इरशाद ने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई ।

मौसम ने ली अंगडाई बारिश के साथ फिर ठंड लौट आयी


मौसम ने ली अंगडाई बारिश के साथ फिर ठंड लौट आयी

(सचिन धमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत में पिछले दो दिन से हो रहीं बेमौसम बारिश ने लोगों की मुश्किले बढ़ा दी है। सोमवार की रात से ही रुक-रुककर हुई मौसम की मार से सिर्फ आम लोगों के जनजीवन पर ही प्रभाव नहीं पडा नहीं बल्कि खास लोग व व्यापारी भी मुसीबत में हैं। देर रात से ही हो रही बारिश के कारण आफिस जाने वाले लोगो व स्कूली बच्चों पर भी इसका पूरा प्रभाव पडा है। अधिकांश स्कूलों में बच्चे बारिश के कारण नदारद दिखाई दिये। बारिश से ठंड बढ़ गई है। लोगों को अपने दफ्तर जाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम ने अचानक करवट ले ली है। मैदानी इलाकों में बारिश और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी से एक बार फिर पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश सहित जनपद मुजफ्फरनगर में सर्दी लौट आई है। मुजफ्फरनगर शहर में बारिश की वजह से जगह-जगह जाम लगा हुआ है और लोग देरी से अपने दफ्तर पहुंच है। मंगलवार की सुबह से दोपहर तक ठंड बढ जाने से लोगों अपने घरों में दुबके रहे। तेज बारिश व देश के कहीं हिस्सों में हुई बर्फवाली के कारण ठंड में इजाफा हुआ है। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश की भविष्यवाणी की थी।
इस बेमौसम बरसात से जगह-जगह सड़कों पर जलजमाव हो गया है। लोगों का सड़क पर चलना दूभर हो गया हैै। सड़कों पर कामकाजी लोगों को अपने दफ्तर या कार्यस्थल पहुंचने के लिए वाहनों का इंतजार करते देखा जा रहा था। थोड़ी देर बारिश थमने के बाद फिर शुरू हो जा रही है। हर कोई अपने दफ्तर जाने तैयारी में था मगर बारिश की वजह से उन्हें पहले ही देर हो चुकी थी। सड़क पर जमा पानी को पार करते वक्त उनके जूते बुरी तरह भीग चुके थे। लोगों को सडक किनारे व स्टेशन व रोडवेज के सामने खडे होकर काफी देर तक ऑटो व रिक्शा का इंतजार करते देखा गया। मगर ऑटो व रिक्शा नहीं मिल पायी। एक बार फिर से बारिश शुरु हो जाने से अपने आफिस जाने वाले कामकाजी व्यक्ति काफी हद तक भीग चुके थे। हर कोई बारिश के कारण परेशान हैं कि आखिर कैसे जाएं दफ्तर?
मंगलवार को हुई रूक-रूककर तेज बारिश के कारण हर किसी का अपने घरों से निकला दुभर हो गया। इतना ही नहीं वैवाहिक सीजन के चलते लोगों को अपने परिचित व रिश्तदारों के यहां जाने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। पंडितों की माने तो 6, 7 व 8 फरवरी को शादियों के लिए एक शुभ दिन माना जा रहा है इन तीना दिनों में लगातार बहुत बडा शादियों का सीजन है। इस कारण लोगों को अपने रिश्तदारों के यहां शादियों में जाना भी दुभर हो गया है। वहीं दूसरी और मौसम विभाग की मानें तो आने वाले 36 घंटे बेहद खतरनाक रहने वाले हैं। उत्तर भारत में भारी बर्फबारी (पहाड़ी क्षेत्रों) और भयंकर बारिश के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
सोमवार से रूक-रूककर हो रही तेज बारिश के कारण जगह जगह जलभराव हो गया हैं। जिस कारण लोगों का जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर तेज बारिश के कारण जहां ठंड बढ गयी है वहीं दूसरी ओर इस तेज बारिश के कारण किसानों के लिए मुश्बित बन गयी है। क्योंकि गेंहूं व सरसों की फसल के लिए यह बारिश अब सीमा से ज्यादा हो चुकी है इसलिए बारिश को देखते हुए किसान चिंतित होता दिखाई दे रहा है। यदि बारिश ओर ज्यादा हो जाती है तो बारिश के गेेंहू व सरसों की फसल को हानि होने की सम्भावनाएं ज्यादा बढ जायेगी। किसानों का कहना है कि बारिश का गेंहू व सरसों की फसल के लिए ओर ज्यादा होना हानिकारक होगा।

तीन घंटे तनाव के बाद स्थिति सामान्य


तीन घंटे तनाव के बाद स्थिति सामान्य

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। छपारा में गत दिनों घटी एक घटना के परिप्रेक्ष्य में जिला कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में नगर शांति समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में सिवनी विधायिका श्रीमती नीता पटेरिया, मध्यप्रदेश राश्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. ढालङ्क्षसह बिसेन, महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर, उप पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा, कलेक्टर अजीत कुमार, पुलिस अधीक्षक राकेश जैन, नपाध्यक्ष राजेश त्रिवेदी, सुजीत जैन, नपा उपाध्यक्ष राजिक अकील व अन्य सभी ने जिले के नागरिकों से किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति और संयम बरतकर आपसी सौहार्द्र कायम रखने की अपील की है।
बैठक में समिति के सभी सदस्यों द्वारा छपारा की घटना की कडी ङ्क्षनदा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए सिवनी विधायिका श्रीमती नीता पटेरिया ने कहा कि जिले में अमन चौन कायम रहें, इसके लिये सभी को धैर्य और संयम का परिचय देना चाहिये। डॉ. ढाल सिह बिसेन ने कहा कि छपारा की घटना एक अपराध है और अपराधियों को सजा दिलाने के लिये प्रशासन अपना कार्य पूरी मुस्तैदी से कर ही रहा है। हम सभी को सिवनी नगर सहित पूरे जिले में सामाजिक समरसता की अपनी परंपरा को हर हाल में कायम रखने में प्रशासन की मदद करनी चाहिये। नरेश दिवाकर ने भी छपारा की घटना को ङ्क्षनदनीय बताते हुए कहा कि इस घटना के कारण हमें अपना आपसी सौहार्द बनाये रखने में कोई कमी नहीं करनी चाहिये। उन्होंने सबसे संयम बरतने की अपील की।
बैठक को संबोधित करते हुए डी.आई.जी. उमेश जोगा ने कहा कि घटना के आरोपियों को ५-६ फरवरी दरमियानी रात ही गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोपियों पर कडी धारायें लगाई गई है और वे जेल में है। उन्होंने सिवनी नगर में शांति बहाली कायम रखने में मदद करने में सभी जनप्रतिनिधियों, बुद्विजीवियों और जागरूक नागरिकों का आभार जताया। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को कडी से कडी सजा दिलाई जायेगी। साथ ही शहर में अशांति उत्पन्न करने वाले तत्वों पर भी सख्त कार्यवाही की जायेगी।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अजीत कुमार ने बैठक में कहा कि जिला प्रशासन छपारा में हुई घटना को लेकर बेहद गंभीर है और आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिये हर जरूरी व हर संभव प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने जिले के नागरिकों से अपील की है कि वे सिवनी की पुरातन परम्परा के अनुरूप आपसी सौहार्द बनाये रखे, कतिपय प्रकार की अफवाहों पर कदापि ध्यान न दें और अमन चौन बनाये रखने में प्रशासन की मदद करें। पुलिस अधीक्षक राकेश जैन ने बैठक में कहा कि घटना की खबर मिलते ही पुलिस ने मुस्तैदी से अपनी कार्यवाही की है। आरोपियों को ६ फरवरी को कोर्ट में पेश करा दिया गया है और वे पुलिस रिमांड में है। उन्होंने बताया कि केवल एहतियात के तौर पर जिले में सुरक्षा व्यवस्था बढा दी गई है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे शांति बनाये रखने में मदद करें और किसी भी श्रेणी का कोई भी कार्यक्रम करने से पहले जिला प्रशासन की अनुमति अवश्य ले लें। 

पूरे जिले में धारा १४४ लागू -- आदेश जारी


पूरे जिले में धारा १४४ लागू --  आदेश जारी

(अभिषेक दुबे)

सिवनी (साई)। छपारा तहसील मुख्यालय में घटी एक घटना के परिप्रेक्ष्य में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये एहतियात के तौर पर ६ फरवरी की अपरान्ह ४ बजे से आगामी आदेश तक सिवनी नगर/नगरपालिका क्षेत्र सहित पूरे जिले में धारा १४४ लगा दी गई है। अपर जिला मजिस्ट्रेट आर.बी. प्रजापति ने आज इस आशय के आदेश जारी कर दिये हैं।
जारी आदेशानुसार सिवनी जिले में आपसी सद्भाव, लोक व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये दंड प्रक्रिया संहिता १९७३ के अधीन जिले की संपूर्ण सीमा क्षेत्र में आगामी आदेश तक धारा १४४ लागू रहेगी। जारी आदेशानुसार धारा १४४ लागू रहने के दौरान जिले की संपूर्ण सीमा में किसी भी प्रकार के धारदार व घातक हथियार, आग्नेयास्त्र, विस्फोटक सामग्री तथा अस्त्र-शस्त्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र आदि लेकर सार्वजनिक स्थलों में चलने तथा तीन या उससे अधिक व्यक्तियों के एक साथ एकत्रण सहित किसी भी प्रकार के जुलूस एवं भीड का एकत्रण पूर्णतरू प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों के विरूद्व भारतीय दंड संहिता की धारा १८८ के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश कानून एवं शांति व्यवस्था में तैनात पुलिस अधिकारियों तथा कार्यपालिक दंडाधिकारियों पर लागू नहीं होगा।                       

बिजली माफी योजना 31 तक बढ़ी


बिजली माफी योजना 31 तक बढ़ी

(ब्यूरो कार्यालय)

कैथल (साई)। राज्य सरकार द्वारा बिजली बिल माफी योजना की अवधि 31 मार्च 2013 तक बढ़ा दी गई है।  इस योजना का लाभ उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा जो 16 जून, 2005 को बकायादार थे और आज तक कभी योजना में शामिल नहीं हुए अथवा जिन्होंने इस योजना में शामिल होने के बाद कुछ बिलों की राशि का भुगतान करके बीच में ही बिलों की राशि की अदायगी बंद कर दी थी।
यह जानकारी देते हुए बिजली वितरण निगमों के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक देवेन्द्र सिंह ने बताया कि  निगमों द्वारा बकायादारों की तरफ 1 जून, 2005 को उनकी तरफ बकाया राशि, आज तक की बकाया राशि और अधिभार रहित राशि की एकमुश्त अदायगी की जानकारी देने से उपभोक्ताओं को यह पता लगेगा कि यह योजना उनके लिए कितनी लाभप्रद है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इससे पूर्व योजना का लाा उठा पाने से वंचित रहे उपभोक्ताओं को निगमों की तरफ से ऐसी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई थी। प्रदेश के अनेक बकायादार इस योजना का लाभ नहीं उठा पाए थे। इस योजना से अधिकतम बकायादार उपभोक्ताओं को अवगत करवाने के लिए राज्य के बिजली वितरण निगम ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू तथा नलकूप उपभोक्ताओं को उनके द्वारा अधिभार रहित देय राशि और उसकी अदायगी पर माफ की जाने वाली राशि की पत्र द्वारा जानकारी देंगे।
देवेन्द्र सिंह ने कहा कि इस योजना का लाभ 16 जून, 2005 या उससे पहले के उन बकायादारों को भी दिया जाएगा जिनके कनैक्शन कट चुके हैं। बिलों की अदायगी पर उनके कटे कनैक्शन फिर जोड़ दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के अन्तर्गत अब तक 6 लाख से अधिक कृषि नलकूप तथा गांवों के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता लाभान्वित हो चुके हैं। बिलों की अदायगी करने वाले गांवों में बिजली निगम विशेष शिविरों का आयोजन करेंगे और बिलों की अदायगी करने वाले उपभोक्ताओं के कनैक्शन मौके पर ही जोड़ दिए जाएंगे।