गुरुवार, 26 जुलाई 2012

कमल नाथ से रीवा के लिए राशी मांगी शुक्ला ने

कमल नाथ से रीवा के लिए राशी मांगी शुक्ला ने

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश के उर्जा एवं खनिज मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने आज यहां केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री कमलनाथ से रीवा में जलमल निकासी योजना के लिए केन्द्र सरकार के पास लंबित राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। मुलाकात के दौरान श्री शुक्ला ने बताया कि रीवा के लिए आगामी 30 वर्षों के लिए जलमल निकासी के लिए नगर निगम रीवा द्वारा 95.48 करोड़ रूपये की जलमल निकासी योजना तैयार की गयी है। इस योजना को राज्य स्तरीय समिति ने पारित कर केन्द्र सरकार को पिछले वर्ष स्वीकृति के लिए भेजा था।
श्री शुक्ला ने शहरी विकास मंत्री श्री कमलनाथ को बताया कि ऐसे ही रीवा के लिए आगामी 30 वर्षों की पेयजल की पूर्ति के लिए पेयजल योजना (यूआईडीएसएमटी) के अंतर्गत स्वीकृत की गयी है। इस योजना का भी क्रियान्वयन लगभग पूर्ण हो रहा है। योजना पूरी हो जाने के उपरान्त 12 से 15 एम एल डी पानी की उपलब्धता बढ़कर 50 एम एल डी हो जायेगी। पेयजल उपलब्धता बढ़ जाने पर अब आवश्यक हो गया है कि शहर में गंदे पानी की निकासी कार्य तत्काल किया जाय।
जलमल निकासी योजना के क्रियान्वयन के लिए केन्द्र सरकार से स्वीकृत योजना लागत की 80 प्रतिशत अनुदान राशि जारी होना लंबित है। श्री शुक्ला ने लंबित राशि को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री श्री कमलनाथ ने श्री शुक्ला को उक्त योजना के अंतर्गत लंबित राशि को शीघ्र जारी का आश्वासन दिया।

जबलपुर संभाग में 16 सड़क के लिए 59.87 करोड़ स्वीकृत

जबलपुर संभाग में 16 सड़क के लिए 59.87 करोड़ स्वीकृत

सिवनी में साढ़े साल करोड़ से बनेंगी दो सड़कें

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। जबलपुर संभाग में 104.03 किलोमीटर लम्बाई की सड़क बनवाई जायेगी। इन सड़क पर 59 करोड़ 87 लाख 32 हजार की राशि व्यय होगी। इस राशि से 16 सड़क का निर्माण किया जायेगा। इसमें जबलपुर जिले के लिए 23 करोड़ 74 लाख, 46 हजार, छिंदवाड़ा जिले के लिए 11 करोड़ 54 लाख पांच हजार, सिवनी जिले के लिए 7 करोड़ 43 लाख 68 हजार रूपए की अनुमति दी गई है।
जबलपुर जिले में 23 करोड़ 74 लाख 46 हजार की राशि से 5 सड़क का निर्माण करवाया जायेगा। इस राशि से 30.27 किलोमीटर लम्बाई की सड़क बनेगी। बालाघाट जिले की पाँच सड़क के निर्माण पर 17 करोड़ 15 लाख 13 हजार की राशि व्यय होगी। इस राशि से 35.40 किलोमीटर लम्बाई की सड़क बनेगी।
छिन्दवाड़ा जिले की चार सड़क पर 11 करोड़ 54 लाख 5 हजार रुपये व्यय किये जायेंगे। इस राशि से 24.52 किलोमीटर लम्बाई की सड़क बनवाई जायेगी। सिवनी जिले में 7 करोड़ 43 लाख 68 हजार की राशि से 2 सड़क का निर्माण होगा। इस राशि से 13.84 किलोमीटर लम्बी सड़क बनेगी। इन सड़क निर्माण कार्यों की लोक निर्माण विभाग की स्थायी वित्तीय समिति ने प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की है।
जबलपुर जिले की पाँच सड़क में दौरा कटरा-दोहतरा-बम्होरी-मड़ोद मार्ग की 9 किलोमीटर लम्बाई की सड़क के निर्माण पर 7 करोड़ 84 लाख 73 हजार, टेमर आश्रम से सुखलालपुर मार्ग की 2.85 किलोमीटर लम्बाई की सड़क के निर्माण पर 3 करोड़ 85 लाख 39 हजार, पिपरिया से सोनपुर बीज केन्द्र मार्ग की 3.30 किलोमीटर लम्बाई की सड़क के निर्माण पर 3 करोड़ 53 लाख 32 हजार, सकरी-बिछुआ-निमोरी मार्ग की 9 किलोमीटर लम्बाई की सड़क के निर्माण पर 4 करोड़ 55 लाख 54 हजार और सीहोरा-कुर्रा-पिपरिया मार्ग की 6.12 किलोमीटर लम्बाई की सड़क के निर्माण पर 3 करोड़ 95 लाख 48 हजार की राशि व्यय की जायेगी।
बालाघाट जिले की पाँच सड़क में अतरी आरंभा मार्ग की 3 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण 2 करोड़ 6 लाख रुपये, कोपे खैरटोला-पुजारीटोला-नाहरटोला-कटंजरी सावरी मार्ग की 17.77 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण 8 करोड़ 65 लाख 78 हजार रुपये, बिरसा मटलई-दुधी शाखा मार्ग की 3.50 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण 1 करोड़ 79 लाख 60 हजार रुपये, दहेली-फलवा मार्ग की 6.20 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण 2 करोड़ 48 लाख रुपये और बहेगाँव-बांदरी-कंजई मार्ग की 4.93 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण 2 करोड़ 15 लाख 75 हजार रुपये से करवाया जायेगा।
छिन्दवाड़ा जिले की चार सड़क में रजेगाँव जाम-सिमरिया-छिन्दवाड़ा मार्ग की 6.50 किलोमीटर लम्बाई की सड़क के निर्माण पर 3 करोड़ 1 लाख 57 हजार, देवरानी बाई (पर्यटक सील) में सीमेंट-कांक्रीट पहुँच मार्ग की 1.62 किलोमीटर लम्बाई की सड़क के निर्माण पर 1 करोड़ 8 लाख 34 हजार, शिवलाल ढाना- कुकड़ाचिमन-माल्हनवाड़ा से छिन्दवाड़ा चांद मार्ग की 9.30 किलोमीटर लम्बाई की सड़क के निर्माण पर 4 करोड़ 50 लाख 6 हजार और जिलेहारी से मोरडोंगरी से जिल्हरी घाट मार्ग की 7.10 किलोमीटर लम्बाई की सड़क 2 करोड़ 94 लाख 8 हजार की राशि से बनेगी।
सिवनी जिले की दो सड़क में भुरकुण्डी-पिंडरई दोदावानी-आमानाला मार्ग की 8.20 किलोमीटर लम्बी सड़क के निर्माण पर 4 करोड़ 69 लाख 29 हजार रुपये और सीहोरा-नवलगाँव-नागदहार पुरवा मार्ग की 5.64 किलोमीटर लम्बी सड़क 2 करोड़ 74 लाख 39 हजार रुपये से बनवाई जायेगी।

आयुर्वेद महाविद्यालय जाएगा दशहरा महोत्सव

आयुर्वेद महाविद्यालय जाएगा दशहरा महोत्सव

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। पं.खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय नेहरु नगर के नजदीकी मैदान में प्रतिवर्ष भव्य दशहरा महोत्सव मनाया जाएगा। इसमें नेहरू नगर, चूना भट्टी सहित नजदीकी ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी शामिल हो सकेंगे। गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता विज्ञान भवन में नेहरू नगर की दशहरा महोत्सव आयोजन समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
गृह मंत्री ने कहा कि जनश्री कल्याण समिति दशहरा महोत्सव मनाने के साथ ही हर तीसरे माह एक सांस्कृतिक आयोजन जरूर करे। उन्होंने कहा कि समिति के पदाधिकारी घर-घर जाकर सदस्य बनाएँ। सभी वर्ग के लोगों को जोड़े। श्री गुप्ता ने कहा कि सभी सदस्य तन, मन, धन से सहयोग करेंगे, तभी भव्य आयोजन हो सकेगा।
बैठक में लोगों ने सुझाव दिए कि चूँकि यह पहला आयोजन है अतरू इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ ही समिति में युवाओं और व्यापारियों को भी शामिल किया जाय। भोपाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह ने कहा कि सभी लोग मिलकर भव्य दशहरा महोत्सव मनाएँ।

हरिप्रसाद, भूरिया से नाराज हैं सोनिया


हरिप्रसाद, भूरिया से नाराज हैं सोनिया

कांग्रेस को गिरवी रखने के आरोप

विधायकों ने भाजपा से माफी नहीं मांगी, सदन से खेद जताया: हरिप्रसाद

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश में कुछ नेताओं ने सिंडीकेट बनाकर कांग्रेस को समूल समाप्त करने की साजिशों के आरोपों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति लाल भूरिया और प्रदेश के प्रभारी महासचिव बी.के.हरिप्रसाद से बेहद खफा बताई जा रही हैं।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ के सूत्रों का कहना है कि 2003 के उपरांत कांग्रेस का ग्राफ मध्य प्रदेश में बुरी तरह गिर गया है। सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश के कुछ नेताओं ने सोनिया और राहुल को सविस्तार सारी बातें समझाकर यह दर्शाने का प्रयास किय है कि अगर जल्द ही नहीं संभाला गया तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वही हाल होने वाले हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात में हो रहे हैं, अर्थात कांग्रेस का नामलेवा भी नहीं बचने वाला है।
उपचुनावों में एक के बाद एक हार के कारणों को भी भूरिया और हरिप्रसाद द्वारा आलाकमान के सामने नहीं रख जा सका है। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के प्रभाव क्षेत्र में आजादी के बाद कांग्रेस का गढ़ रही लखनादौन विधानसभा सीट के तहसील मुख्यालय की नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के द्वारा ही एन समय पर नामांकन वापस लेने, भूरिया द्वारा निर्दलीय को समर्थन देने की बात कहने फिर चुनाव तक शांत रहकर किसी को समर्थन ना देकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाले को भारी मतों से विजयी करवाने की शिकायतें भी आलाकमान तक पहुंची हैं।
यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कांग्रेस के विधायकों द्वारा विधानसभा में हंगामा करने से दो सदस्यों की सदस्यता समाप्त करने का एक एसा मुद्दा कांग्रेस के हाथ लगा था जिससे वह जनता के बीच जाकर अपना खोया विश्वास पुनः अर्जित कर सकती थी। इस मामले में एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह और विन्ध्य के राजपूत क्षत्रप अजय सिंह राहुल गरज रहे थे, वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुखिया कांतिलाल भूरिया एकदम खामोश बैठे रहे।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस में गुटबाजी का यह आलम है कि कांग्रेस के दो विधायक कल्पना पारूलेकर और चौधरी राकेश सिंह के माफीनामे विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंच गए पर प्रदेश कांग्रेस के निजाम कांतिलाल भूरिया को इसकी भनक भी नहीं है। पीसीसी के एक पदाधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से कहा कि भूरिया ने अपने आप को महज मालवा तक ही सिमटा कर रखा है। उन्हें बाकी प्रदेश से कोई लेना देना नहीं है।
उक्त पदाधिकारी ने कहा कि क्या यह संभव है कि प्रदेश अध्यक्ष को पता ना चले और उनकी पार्टी के सदस्य माफीनामा भेज दें। मान भी लिया जाए कि यह बात भूरिया की जानकारी के बिना ही हो गई तो जब भूरिया के संज्ञान में यह बात आई तो कम से कम रस्म अदायगी के लिए ही सही, भूरिया एक कारण बताओ नोटिस तो दोनों विधायकों को दे ही सकते थे। वस्तुतः एसा कुछ हुआ नहीं।
इस संबंध में जब समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने कांति लाल भूरिया से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो सदा की भांति नाट रीचेबल‘‘ भूरिया को मोबाईल बंद ही मिला। मध्य प्रदेश में अनेक मामले एसे हुए हैं जिनके चलते यह लगने लगा है कि मध्य प्रदेश के कांग्रेस के आला नेता ही सूबे में कांग्रेस का उदय नहीं चाहते हैं।
एआईसीसी के सूत्रों का कहना है कि दरअसल, राहुल और सोनिया गांधी को ही एमपी की परवाह नहीं है, वरना, जब कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव में विजय और उसी क्षेत्र में विधानसभा में पराजय अथवा विधानसभा में विजय और लोकसभा में उसी क्षेत्र में पराजय के आंकड़े आलाकमान के सामने रखे जाते हैं तो इस पर कार्यवाही क्यों नहीं करते?
सूत्रों का कहना है कि क्षेत्रीय क्षत्रपों के कांधों पर विधानसभा या लोकसभा में चुनाव जिताने या कम से कुछ सीटों का टारगेट क्यों नहीं फिक्स किया जाता है। अगर क्षेत्रीय क्षत्रपों के सामने यह बंधन रख दिया जाए कि वे अपने प्रभाव का दावा करने वाले क्षेत्र में साठ फीसदी से कम सीटें जिता पाए तो उन्हें लोकसभा या विधानसभा की टिकिट नहीं मिलेगी, तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस का परचम लहराने से कोई नहीं रोक सकता है।
बहरहाल, कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ के सूत्रों ने साफ संकेत दिए हैं कि मध्य प्रदेश के महज दस फीसदी जमीनी हालात ही राजदरबार में बमुश्किल पहुंच सके हैं, बाकी वास्तविकताओं को तो प्रभावशाली नेताओं ने रद्दी की टोकरी में डलवा दिए हैं। इन स्थिति परिस्थितियों से सोनिया और राहुल काफी आहत बताए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो जल्द ही मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी को एक कार्यकारी अध्यक्ष मिलने के साथ ही साथ प्रदेश प्रभारी के पद से बी.के.हरिप्रसाद की छुट्टी हो सकती है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान हरीप्रसाद ने कहा कि इस संबंध में पूरी रिपोर्ट उनके समक्ष आ चुकी है। इस मामले में कांग्रेस के विधायकों ने भाजपा से माफी (अपोलाजी) नहीं मांगी है, विधायकों ने सदन के प्रति खेद (रिग्रेट) जताया है। उन्होंने कहा कि भूरिया या कांग्रेस के बारे में जो भी बातें मीडिया में उछाली जा रही हैं, वह संघ और भाजपा के षणयंत्र का हिस्सा है।
कांतिलाल भूरिया के संज्ञान में लाए बिना माफीनामा लिखकर देने की बातों के बारे में चर्चा करने पर बी.के.हरिप्रसाद ने कहा कि वह चेप्टर अब क्लोज हो चुका है इसलिए उस बारे में चर्चा करना निरर्थक ही है। अब विधानसभा के सत्र पर ही सब निर्भर है। हरिप्रसाद ने कहा कि उन्होंने दोनों विधायकों को विधानसभा के विशेष सत्र में उपस्थित होने के निर्देश दे दिए हैं।
परोक्ष तौर पर बी.के.हरिप्रसाद ने मध्य प्रदेश के मीडिया को भाजपा और संघ की गोद में बैठा निरूपित तो कर दिया किन्तु इससे वे परोक्ष तौर पर कांग्रेस के मीडिया मैनेजमेंट पर भी प्रश्न चिन्ह लगा गए, क्योंकि कांग्रेस की ओर से सच्चाई बताने के लिए कोई भी आगे नहीं आ रहा है।
उधर, मीडिया में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के हवाले से भी खबरें आ रही हैं कि भाजपा ने डरा धमका कर यह माफी नामा लिखवाया है। इसके पहले समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान लखनादौन नगर पंचायत के मामले में भी भूरिया ने कहा था कि कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को भाजपा ने डराया धमकाया तो उसने अपना नाम वापस ले लिया। कांग्रेस द्वारा भाजपा के शासन को गुण्डाराज निरूपित करने का प्रयास अवश्य ही किया जा रहा है, पर इसमें कांग्रेस रत्ती भर सफल होती नहीं दिख रही है।

सीपीडब्लूडी की चेतावनी को दरकिनार कर दागे गए गोले


सीपीडब्लूडी की चेतावनी को दरकिनार कर दागे गए गोले

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। इधर सेना की सलामी गारद में शामिल 21 तोपें गरज रहीं थीं, वहां सीपीडब्लू डी के कर्मचारियों का दिल तेजी से धड़क रहा था। देश की सरकार कितनी मदमस्त है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की चेतावनियों को बलाए ताक पर रखकर देश के तेरहवें महामहिम राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के दौरान सामंती व्यवस्थाओं को अपनाते हुए संसद भवन की सुरक्षा को दरकिनार का इक्कीस तोपों की सलामी महामहिम राष्ट्रपति को दी गईं।
सीपीडब्लूडी के सूत्रों का कहना है कि जैसे ही देश के तेरहवें महामहिम राष्ट्रपति को तोपों की सलामी की बात तय होने को आई वैसे ही सीपीडब्लूडी के अधिकारियों के हांथ पांव फूल गए और उन्होंने संसद भवन की सुरक्षा के मद्देनजर एसा करने से साफ मना कर दिया था। संसद भवन की स्थिति को देखकर विभाग ने लोकसभा सचिवालय से कहा था कि इमारत की स्थिति को देखते हुए तोपों की सलामी संसद भवन की जगह राष्ट्रपति भवन में दी जाए। विभाग को चिंता थी कि कहीं तोपों की सलामी के कारण संसद भवन की इमारत को नुकसान न पहुंचे।
विभाग के सूत्रों का कहना है कि संसद की 85 साल पुरानी इमारत में कई जगह पैच लगे हुए हैं, ऐसे में धमाके होने से इनके गिरने का खतरा बना रहता है। हालांकि, इस राय को ज्यादा तरजीह नहीं दी गई और राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के फौरन बाद उन्हें संसद भवन परिसर में 21 तोपों की सलामी दी गई। तोपों के धमाके की आवाज संसद भवन के उस सेंट्रल हॉल में भी गूंजी, जहां शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

असम मामले में केंद्र का रूख सख्त

असम मामले में केंद्र का रूख सख्त

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। असम की हिंसा के मामले में अब केंद्र का रूख काफी सख्त होता दिख रहा है। केन्द्र ने असम सरकार से कहा है कि राज्य में जातीय हिंसा में शामिल दोषियों को गिरफ्तार करे। हालांकि केन्द्र ने राज्य में मौजूदा संकट के पीछे विदेशी हाथ होने से इंकार किया है। केन्द्रीय गृहसचिव आर के सिंह ने बताया कि गुवाहाटी जाने वाली रेलगाड़ियों और रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए दो हजार केन्द्रीय सुरक्षा बल तैनात किये गए हैं।
असम में रेल सेवा आंशिक रूप से बहाल होने से पिछले ४८ घंटों से विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर फंसे हजारों यात्रियों को राहत मिली है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रेलगाड़ियों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल और रेलवे पुलिस तैनात की गई है।
मुख्यमंत्री तरूण गोगोई आज हिंसा से प्रभावित कोकराझार जिले का दौरा करेंगे और वहां की स्थिति का जायजा लेंगे। सरकारी सूत्रों ने बताया कि श्री गोगोई हिंसा प्रभावित इलाकों के लोगों से मिलेंगे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बीच कोकराझार और चिरांग जिलों में आठ और लोगों के शव मिले हैं।
इसके साथ ही इन दोनों जिलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर ४० हो गई है। कोकराझार, चिरांग और धुबरी जिले के कुछ हिस्सों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा हुआ है। असम के विधायकों के सोलह सदस्यों के दल ने प्रभावित जिलों का दौरा किया।  गृहमंत्रालय के एक दल ने भी हिंसाग्रस्त जिलों का दौरा किया और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
उधर, गुवहाटी से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से जाकिया तस्मिन रहमान ने बताया है कि सुरक्षा बलों ने हिंसा प्रभावित जिलों में गश्त बढ़ा दी है। साई न्यूज को प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना की १३ टुकड़ियों को तैनात किया गया है। जिन्होंने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिये फ्लैग मार्च किया। कोकराझार, चिरांग, धुबरी और बोगाईगांव जिलों में अर्द्धसैनिकों की ६३ अतिरिक्त कंपनियां लगाई गई है।
इसके साथ ही साथ स्थिति पर निगरानी के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए शांति समिति बनाई गई है जिसमें सभी जातीय समुदायों के लोग शामिल हैं। जिला प्रशासन ने अब तक १२८ राहत शिविर खोले हैं। जहां एक लाख ८० हजार शरणार्थी रह रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही राहत शिविरों में दवाईयों के साथ स्वास्थ्यकर्मी और नर्सों को भेजेगा।
उधर, असम के सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि विभिन्न शरणार्थी शिविरों में एक से डेढ़ लाख लोग रह रहे हैं। मुख्यमंत्री तरुण गगोई ने निर्देश दिया है कि शरणार्थी शिविरों में किसी चीज की कमी नहीं होने दी जाए। दूसरी तरफ केन्द्रीय गृह सचिव राज कुमार सिंह ने कहा कि हमने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि उपद्रव करने वाले दोनों ही पक्षों के नेताओं को तत्काल गिरफ्तार करे जिससे कि हिंसा पर रोक लगाई जा सके।
गृह सचिव ने असम में हो रही हिंसा में बंग्लादेश का हाथ होने से इनकार किया है, उन्होंने कहा, किअभी तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि असम में हो रहे हिंसा में बांग्लादेश का हाथ है। उधर राज्य के पुलिस महानिरीक्षक जेएन चौधरी ने असम में चल रही हिंसक घटनाओं को सांप्रदायिक हिंसा मानने से इनकार कर दिया।

भविष्य निधि संगठन ने आरंभ की ई पासबुक योजना

भविष्य निधि संगठन ने आरंभ की ई पासबुक योजना

(यशवंत श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने सदस्यों  के लिए ई-पासबुक सुविधा शुरू कर दी है। कल नई दिल्ली में एक संगोष्ठी में केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त आर. सी. मिश्रा ने बताया कि पांच करोड़ से अधिक लोग अपने खातों के ब्योरे के साथ ई-पासबुक की सुविधा ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह सुविधा पाने के लिए सभी सक्रिय ग्राहकों को खुद कों कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पोर्टल पर पंजीकृत कराकर अपने खाते का विवरण देना होगा। श्री मिश्रा ने बताया कि ई-पासबुक हासिल करने की सुविधा केवल सक्रिय सदस्यों को ही दी जाएगी और ऐसे लोगों को नहीं मिलेगी जिनके खाते निष्क्रिय हो गये हैं या जिनके खातों मे ंपैसा शेष नहीं है। ई-पासबुक में नाम, जन्म तिथि,  खाता संख्या आदि का भी विवरण मौजूद होगा। यह सुविधा कल शुरू हुई।