गुरुवार, 26 जुलाई 2012

बाल विवाह में झारखण्ड अव्वल


बाल विवाह में झारखण्ड अव्वल

(उत्कर्षा ध्यार)

रांची (साई)। कम उम्र लड़कियों की शादी झारखंड में भी खूब होती है। चार जिलों में ऐसे मामले सर्वाधिक हैं। चतरा, हजारीबाग, कोडरमा व रामगढ़ में 66.9 फीसदी लड़कियों की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में कर दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार देवघर (66.4 फीसदी), गढ़वा (66.0 फीसदी), गोड्डा (66.3), लातेहार (66.0 फीसदी), पाकुड़ (62.6 फीसदी), पलामू (66.0 फीसदी) व साहेबगंज (62.6 फीसदी) में भी कम उम्र शादियां खूब होती हैं।
कुछ जिले में कम उम्र विवाह अधिक होने व कुछ में कम होने के स्पष्ट कारण तय करना मुश्किल है। आंकड़े बताते हैं कि कम उम्र विवाह का संबंध साक्षरता से नहीं है। चाहे साक्षरता समग्र रूप से देखी जाये या महिला-पुरुष में अलग-अलग। एक मोटी समझ हो सकती है कि शिक्षित पुरुष समाज लड़कियों का कम उम्र में विवाह नहीं चाहता होगा, लेकिन आंकड़े इस फारमूले को गलत बताते हैं।
चतरा को छोड़ कम उम्र विवाह वाले टॉप तीन जिलों में पुरुष साक्षरता 80 फीसदी से अधिक व महिला साक्षरता औसतन 60 फीसदी है। उधर जिन चार जिलों में कम उम्र विवाह के मामले कम हैं, वहां पुरुष साक्षरता 72 से 77 फीसदी तथा महिला साक्षरता औसतन 56 फीसदी ही है। एक वजह एससी-एसटी आबादी हो सकती है।
आदिवासी (एसटी) बहुल जिलों लोहरदगा, रांची, खूंटी, गुमला व सिमडेगा में लड़कियों के कम उम्र विवाह के मामले कम हैं। वहीं अनुसूचित जाति (एससी) वाले चतरा, लातेहार, पलामू व अन्य जिलों में यह अधिक हैं। फिर भी कोडरमा, रामगढ़ व हजारीबाग इस फारमूले में पूरी तरह फिट नहीं बैठते।

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