गुरुवार, 26 जुलाई 2012

नाराज आजम ने दी त्यागपत्र की धमकी


नाराज आजम ने दी त्यागपत्र की धमकी

(सुमित शुक्ला)

लखनऊ (साई)। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री आजम खान ने मेरठ के प्रभारी मंत्री के पद से हटाए जाने से नाराज होकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने इस्तीफे की पेशकश की है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को आजम खान को मेरठ के प्रभारी मंत्री के पद से हटा दिया था। कहा जा रहा है कि यह कदम स्थानीय नेताओं के साथ एक राज्यमंत्री द्वारा जताई गई नाराजगी पर अखिलेश यादव ने उठाया। मेरठ की जिम्मेदारी अब पंचायती राज मंत्री बलराम यादव को दी गयी है जिनके पास सहारनपुर जिले के प्रभारी की जिम्मेदारी पहले से है।
कहा जा रहा है कि मेरठ के प्रभारी मंत्री के पद से हटाए जाने से नाराज आजम ने बुधवार देर रात मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। पत्र में आजम ने कहा कि अगर मैं प्रभारी मंत्री बनने के काबिल नहीं तो क्यूं न मुझे मंत्री पद से हटा दिया जाए। आजम खान की तरफ से हालांकि इस मामले पर अभी तक आधिकारिक रूप से मीडिया से कुछ नहीं कहा गया है। उधर मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि उन्हें इस्तीफे को लेकर कोई जानकारी नहीं है।
ज्ञातव्य है कि सुर्खियों में रहने के आदी आजम खान के बयान बेहद विवादस्पद होते हैं। ज्ञातव्य है कि कुछ दिन पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खान ने बागपत के पंचायत के उस फैसले को सही ठहराया जिसमें प्रेम विवाह पर रोक लगाया है। यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खान ने कहा कि खाप के पास फैसले लेने का हक है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पंचायत द्वारा लिया गया फैसला कहीं से फरमान या फतवा नहीं है।
आजम खान ने कहा, किभारत एक जनतांत्रिक राष्ट्र है। यहां हर किसी को जीने की आजादी है। उन्हंे लगता है कि खाप का यह फैसला कोई फरमान नहीं है बल्कि एक मशवरा है। इस सलाह को अमल करना वहां के लोगों पर निर्भर है। गौरतलब है कि दिल्ली से महज 50 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित बागपत में मुस्लिमों की छत्तीस बिरादरियों के तथाकथित अलम्बरदारों ने फरमान जारी कर दिया कि उनके गांव की चालीस साल तक की कोई भी महिला बाजार नहीं जा पाएगी। महिलाएं गांव में घूम तो पाएंगी लेकिन इसके लिए भी उनके सिर पर पल्लू होना जरूरी है।
तालिबानी फरमान में महिलाओं के मोबाइल फोन और ईयर फोन के इस्घ्तेमाल पर सख्घ्त पाबंदी लगाई गई। पंचायत ने अपने तालिबानी फरमान को आगे बढ़ाते हुए प्रेम विवाह पर रोक लगाते हुए कहा कि पहले तो गांव में कोई भी प्रेम विवाह नहीं कर सकता। अगर कर लिया तो उसे गांव से निकाल दिया जाएगा, वह प्रेमी जोड़ा गांव में नहीं रह पाएगा जो अपनी पसंद से शादी करेगा। इन फरमानों को उल्घ्लंघन करने पर पंचायत ने सजा की भी धमकी दे डाली।

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