गुरुवार, 26 जुलाई 2012

असम मामले में केंद्र का रूख सख्त

असम मामले में केंद्र का रूख सख्त

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। असम की हिंसा के मामले में अब केंद्र का रूख काफी सख्त होता दिख रहा है। केन्द्र ने असम सरकार से कहा है कि राज्य में जातीय हिंसा में शामिल दोषियों को गिरफ्तार करे। हालांकि केन्द्र ने राज्य में मौजूदा संकट के पीछे विदेशी हाथ होने से इंकार किया है। केन्द्रीय गृहसचिव आर के सिंह ने बताया कि गुवाहाटी जाने वाली रेलगाड़ियों और रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए दो हजार केन्द्रीय सुरक्षा बल तैनात किये गए हैं।
असम में रेल सेवा आंशिक रूप से बहाल होने से पिछले ४८ घंटों से विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर फंसे हजारों यात्रियों को राहत मिली है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रेलगाड़ियों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल और रेलवे पुलिस तैनात की गई है।
मुख्यमंत्री तरूण गोगोई आज हिंसा से प्रभावित कोकराझार जिले का दौरा करेंगे और वहां की स्थिति का जायजा लेंगे। सरकारी सूत्रों ने बताया कि श्री गोगोई हिंसा प्रभावित इलाकों के लोगों से मिलेंगे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बीच कोकराझार और चिरांग जिलों में आठ और लोगों के शव मिले हैं।
इसके साथ ही इन दोनों जिलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर ४० हो गई है। कोकराझार, चिरांग और धुबरी जिले के कुछ हिस्सों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा हुआ है। असम के विधायकों के सोलह सदस्यों के दल ने प्रभावित जिलों का दौरा किया।  गृहमंत्रालय के एक दल ने भी हिंसाग्रस्त जिलों का दौरा किया और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
उधर, गुवहाटी से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से जाकिया तस्मिन रहमान ने बताया है कि सुरक्षा बलों ने हिंसा प्रभावित जिलों में गश्त बढ़ा दी है। साई न्यूज को प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना की १३ टुकड़ियों को तैनात किया गया है। जिन्होंने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिये फ्लैग मार्च किया। कोकराझार, चिरांग, धुबरी और बोगाईगांव जिलों में अर्द्धसैनिकों की ६३ अतिरिक्त कंपनियां लगाई गई है।
इसके साथ ही साथ स्थिति पर निगरानी के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए शांति समिति बनाई गई है जिसमें सभी जातीय समुदायों के लोग शामिल हैं। जिला प्रशासन ने अब तक १२८ राहत शिविर खोले हैं। जहां एक लाख ८० हजार शरणार्थी रह रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही राहत शिविरों में दवाईयों के साथ स्वास्थ्यकर्मी और नर्सों को भेजेगा।
उधर, असम के सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि विभिन्न शरणार्थी शिविरों में एक से डेढ़ लाख लोग रह रहे हैं। मुख्यमंत्री तरुण गगोई ने निर्देश दिया है कि शरणार्थी शिविरों में किसी चीज की कमी नहीं होने दी जाए। दूसरी तरफ केन्द्रीय गृह सचिव राज कुमार सिंह ने कहा कि हमने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि उपद्रव करने वाले दोनों ही पक्षों के नेताओं को तत्काल गिरफ्तार करे जिससे कि हिंसा पर रोक लगाई जा सके।
गृह सचिव ने असम में हो रही हिंसा में बंग्लादेश का हाथ होने से इनकार किया है, उन्होंने कहा, किअभी तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि असम में हो रहे हिंसा में बांग्लादेश का हाथ है। उधर राज्य के पुलिस महानिरीक्षक जेएन चौधरी ने असम में चल रही हिंसक घटनाओं को सांप्रदायिक हिंसा मानने से इनकार कर दिया।

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