गुरुवार, 26 जुलाई 2012

सीपीडब्लूडी की चेतावनी को दरकिनार कर दागे गए गोले


सीपीडब्लूडी की चेतावनी को दरकिनार कर दागे गए गोले

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। इधर सेना की सलामी गारद में शामिल 21 तोपें गरज रहीं थीं, वहां सीपीडब्लू डी के कर्मचारियों का दिल तेजी से धड़क रहा था। देश की सरकार कितनी मदमस्त है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की चेतावनियों को बलाए ताक पर रखकर देश के तेरहवें महामहिम राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के दौरान सामंती व्यवस्थाओं को अपनाते हुए संसद भवन की सुरक्षा को दरकिनार का इक्कीस तोपों की सलामी महामहिम राष्ट्रपति को दी गईं।
सीपीडब्लूडी के सूत्रों का कहना है कि जैसे ही देश के तेरहवें महामहिम राष्ट्रपति को तोपों की सलामी की बात तय होने को आई वैसे ही सीपीडब्लूडी के अधिकारियों के हांथ पांव फूल गए और उन्होंने संसद भवन की सुरक्षा के मद्देनजर एसा करने से साफ मना कर दिया था। संसद भवन की स्थिति को देखकर विभाग ने लोकसभा सचिवालय से कहा था कि इमारत की स्थिति को देखते हुए तोपों की सलामी संसद भवन की जगह राष्ट्रपति भवन में दी जाए। विभाग को चिंता थी कि कहीं तोपों की सलामी के कारण संसद भवन की इमारत को नुकसान न पहुंचे।
विभाग के सूत्रों का कहना है कि संसद की 85 साल पुरानी इमारत में कई जगह पैच लगे हुए हैं, ऐसे में धमाके होने से इनके गिरने का खतरा बना रहता है। हालांकि, इस राय को ज्यादा तरजीह नहीं दी गई और राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के फौरन बाद उन्हें संसद भवन परिसर में 21 तोपों की सलामी दी गई। तोपों के धमाके की आवाज संसद भवन के उस सेंट्रल हॉल में भी गूंजी, जहां शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

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