कांग्रेस भाजपा से
उठा मुस्लिमों का विश्वास
(हिमांशु कौशल)
सिवनी (साई)।
मुस्लिम सामाजिक संस्था अल-फलाह तंजीम के रिजवान खान और तनवीर अहमद द्वारा जबलपुर
हाई कोर्ट में दायर की गयी याचिका का लाभ सिवनी जिले के साथ साथ मंडला और बालाघाट
जिले के हज यात्रियों को भी मिला और इन तीनों जिलों के हज यात्रियों का एंबारकेशन
पाइंट भोपाल के स्थान पर नागपुर कर दिया गया है. जिसकी औपचारिक सूचना इंटरनेट में
डाली जा चुकी है.
ज्ञातव्य है कि
सिवनी, छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट जिले के हज
यात्रियों का एंबारकेशन पाइंट पहले नागपुर ही था किन्तु वर्ष 2010 में स्टेट गारमेंट
और स्टेट हज कमेटी की एनओसी के बाद इस एंबारकेशन पाइंट को बदलकर भोपाल कर दिया गया
जिसकी लड़ाई वर्ष 2010 से ये
चारों जिले मिलकर लड़ रहे थे. इसकी सूचना न केवल अनेक मुस्लिम धर्मावलंबियों को थी
बल्कि सिवनी और छिंदवाड़ा जिले के प्रमुख जनप्रतिनिधियों को भी थी.
सम्पूर्ण मामले से
अवगत होते हुए भी न श्री हरवंश सिंह ने और न ही श्रीमती नीता पटैरिया, श्री नरेश दिवाकर, श्री ढालसिंह बिसेन, श्रीमती शशि ठाकुर
या हमारे सांसदों ने इस मामले में कुछ किया. जबकि अगर ये चाहते तो प्रयास करके
पहले ही स्टेट गवर्मेंट और स्टेट हज कमेटी से प्रस्ताव भिजवा एंबारकेशन पाइंट
नागपुर करवा सकते थे.
इस वर्ष अपने
संसदीय क्षेत्र के हज यात्रियों को लाभ पहुँचाने के लिये केन्द्रीय मंत्री श्री
कमलनाथ द्वारा छिंदवाड़ा जिले के हज यात्रियों का एंबारकेशन पाइंट नागपुर करवा लिया
गया और स्टेट गारमेंट व स्टेट हज कमेटी ने शेष तीन जिलों को छोड़कर अकेले छिंदवाड़ा
के लिये एनओसी भी दे दी और स्टेट की एनओसी के बाद यह प्रस्ताव सेंट्रल में पास भी
हो गया किन्तु न सिवनी जिले के भाजपाइयों ने इसकी सुध ली न विस उपाध्यक्ष श्री
हरवंश सिंह ने जबकि मुस्लिम कांग्रेस का वोट बैंक माने जाते हैं अधिकांश मुस्लिम
नेता श्री सिंह का ही गुणगान करते रहते हैं. इसी तरह जिले की 04 में से 03 विधान सभा व एक
लोकसभा में जनता ने भाजपा को जिताया है फिर भी इस मामले में भाजपानेताओं ने कुछ
नहीं किया.
अब जब अकेले
छिंदवाड़ा जिले के हज यात्रियों के लिये एंबारकेशन पाइंट नागपुर कर दिया गया और शेष
तीन जिले सिवनी, मंडला और
बालाघाट का एंबारकेशन पाइंट भोपाल ही रह गया तो सिवनी, बालाघाट और मंडला
जिले के हज यात्री भी अपना एंबारकेशन पाइंट नागपुर कराने के लिये प्रयास करने लगे
और मुस्लिमों में इस बात को लेकर तीखा आक्रोश होने लगा कि स्टेट गवर्मेंट व स्टेट
हज कमेटी ने अकेले छिंदवाड़ा जिले को एकाएक कैसे एनओसी दे दी जबकि इसकी लड़ाई विगत 02 वर्षों से चारों
जिले मिलकर एक साथ लड़ रहे हैं और छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ की तरह विस उपाध्यक्ष
हरवंश सिंह ने भी सिवनी जिले के लिये कोई प्रयास क्यों नहीं किये जबकि न केवल
सिवनी के वरन उनके क्षेत्र केवलारी के भी मुस्लिम हज करने जाते हैं और भविष्य हज
पर जाने की इच्छा रखते हैं.
मुस्लिम
धर्मावलंबियों से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर जब जिले के भाजपायी और कांग्रेसी
दोनों ही मिलकर राजनीति करने लगे तो एक डेलीगेशन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह
चौहान से इस मामले में मिलने गया और श्री चौहान ने भी आश्वासन दिया. और जैसा कि
अमूमन होता है वैसे ही श्री चौहान का आश्वासन कोरा का कोरा रह गया. मुख्यमंत्री के
आश्वासन पर कुछ दिन तो मुस्लिमों ने इंतजार किया किन्तु जब इंटरनेट में एंबारकेशन
पाइंट नहीं बदला तो जनमंच के बेनर तले जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौपा गया.
इस संबंध में जब
श्री हरवंश सिंह पर आरोप लगने शुरू हुए तो उनके प्रवक्ता के माध्यम से एक
विज्ञप्ति जारी हुई जिसमें उल्लेखित था कि जितने प्रयास इस मामले में श्री हरवंश
सिंह ने किये हैं उतने किसे ने नहीं किये किन्तु मुस्लिमों में यह चर्चा थी कि वे
दो वर्ष से इसके लिये लड़ाई लड़ रहे है और हरवंश सिंह या किसी भी जनप्रतिनिधि ने
उनके धर्म से जुडे इस संवेदनशील मामले में कुछ नहीं किया. इन लोगों का श्री सिंह
पर आरोप था कि वे व इनके समर्थक केवल कागजी विज्ञप्ति जारी करते हैं और अगर इनके भरोसे
बैठे रहें तो इस वर्ष तो कुछ नहीं होगा किन्तु अगले वर्ष जरूर हो जायेगा क्योंकि
चुनाव है.
इसके बाद दिनांक 18 सिंतबर को मुस्लिम
सामाजिक संस्था अल-फलाह तंजीम के रिजवान खान और तनवीर अहमद ने जबलपुर हाई कोर्ट
में एक रिट पिटीशन दायर की जिसका क्रमांक डब्ल्यूपी/16100/2012 है.
पिटीशन में इन लोगों ने एंबारकेशन पाइंट भोपाल से नागपुर किये जाने को लेकर अपने
तर्क प्रस्तुत किये और इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की निवेदन किया.
उच्च न्यायालय में
दायर की गयी याचिका के एक या दो दिन बाद तत्काल सेंट्रल हज कमेटी ने एक आपातकालीन
बैठक बुलाई जिसमें सिवनी, बालाघाट और मंडला जिले के हज यात्रियों का भी एंबारकेशन पाइंट
नागपुर करने की बात का निर्णय हुआ एवं कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद आज
इंटरनेट पर एंबारकेशन पाइंट नागपुर दिखाने लगा क्योंकि इस मामले में स्टेट गारमेंट
और स्टेट कमेटी फँस चुकी थी कि जब दो वर्ष से चारों जिले एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ रहे
हैं तो अकेले छिंदवाड़ा का कैसे एंबारकेशन पाइंट बदल दिया गया और शेष तीनों जिलों
के साथ भेदभाव किया गया.
यहाँ यह उल्लेखनीय
है कि उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद से ही याचिका कर्ताओं पर इस बात
का दबाव आने लगा था कि वे याचिका वापस ले किन्तु इनका यह मत था कि अगर हज
यात्रियों का एंबारकेशन पाइंट बदल दिया गया है तो ये जवाब रिस्पांडेंट कोर्ट में दे हम याचिका क्यों वापस
ले.हरवंश सिंह या किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनके धर्म से जुडे इस संवेदनशील मामले
में कुछ नहीं किया. इन लोगों का श्री सिंह पर आरोप था कि वे व इनके समर्थक केवल
कागजी विज्ञप्ति जारी करते हैं और अगर इनके भरोसे बैठे रहें तो इस वर्ष तो कुछ
नहीं होगा किन्तु अगले वर्ष जरूर हो जायेगा क्योंकि चुनाव है.
इसके बाद दिनांक 18 सिंतबर को मुस्लिम
सामाजिक संस्था अल-फलाह तंजीम के रिजवान खान और तनवीर अहमद ने जबलपुर हाई कोर्ट
में एक रिट पिटीशन दायर की जिसका क्रमांक डब्ल्यूपी/16100/2012 है.
पिटीशन में इन लोगों ने एंबारकेशन पाइंट भोपाल से नागपुर किये जाने को लेकर अपने
तर्क प्रस्तुत किये और इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की निवेदन किया.
उच्च न्यायालय में
दायर की गयी याचिका के एक या दो दिन बाद तत्काल सेंट्रल हज कमेटी ने एक आपातकालीन
बैठक बुलाई जिसमें सिवनी, बालाघाट और मंडला जिले के हज यात्रियों का भी एंबारकेशन पाइंट
नागपुर करने की बात का निर्णय हुआ एवं कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद आज
इंटरनेट पर एंबारकेशन पाइंट नागपुर दिखाने लगा क्योंकि इस मामले में स्टेट गारमेंट
और स्टेट कमेटी फँस चुकी थी कि जब दो वर्ष से चारों जिले एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ रहे
हैं तो अकेले छिंदवाड़ा का कैसे एंबारकेशन पाइंट बदल दिया गया और शेष तीनों जिलों
के साथ भेदभाव किया गया.