गुरुवार, 27 सितंबर 2012

आईडिया के पालतू गुण्डों ने चमकाया उपभोक्ता को


एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया . . .  23

आईडिया के पालतू गुण्डों ने चमकाया उपभोक्ता को

अब मैं छपवाउं कि आप फर्जी आईडी देते हैं!

आईडिया के अधिकारी ने फोन पर चमकाया उपभोक्ता को

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई) आदित्य बिरला के स्वामित्व वाली आईडिया सेल्यूलर ने अब गुण्डे पाल लिए हैं। ये गुण्डे सरेआम उपभोक्ताओं को धौंस दे रहे हैं। एक भुक्तभोगी उपभोक्ता के मुताबिक आईडिया के एक एएसएम ने उसे फोन पर तबियत से धमकाया। यह फोन उपभोक्ता के बीएसएनएल फोन पर आईडिया के फोन से आया था। एक नहीं चार पांच मर्तबा फोन कर उस आईडिया के गुण्डे ने उपभोक्ता को चमकाया।
उपभोक्ता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि उसने आईडिया के नेट सेटर लिया था जो एक दिन चलकर ही बंद हो गया। बाद में वह लगातार दो महीनों से अपनी सिम, रिचार्ज और नेट सेटर के पैसे वापस लेने दर दर भटक रहा है। उस उपभोक्ता ने कहा कि उसे उस जिले के टीम लीडर का फोन आया और उसने उपभोक्ता से शांत रहने को कहा।
इसके उपरांत केंद्र में एक कद्दावर मंत्री के संसदीय क्षेत्र के मुख्यालय में पदस्थ आईडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उस उपभोक्ता को मोबाईल करके कहा कि उसके द्वारा दी गई आईडी फर्जी है। इसलिए उसका कनेक्शन बंद कर दिया गया है। जब उस उपभोक्ता ने कहा कि उसकी आईडी तो मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई है। हो सकता है उसकी वैधता समाप्त हो गई हो, किन्तु उसके साथ दिए गए भोपाल के अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के हस्ताक्षरों से युक्त चालक अनुज्ञा की वैधता तो 2012 तक है।
इस पर एक बार फिर उक्त अधिकारी ने उपभोक्ता को चमकाया कि अब अखबारों से वे छपवाएं की फर्जी आईडी के जरिए मोबाईल कनेक्शन लेने का प्रयास कर रहा है वह उपभोक्ता। उपभोक्ता बुरी तरह चकरा गया कि उसके द्वारा दिए गए वैध परिचय पत्रों की छाया प्रति को आखिर अवैध कैसे माना जा सकता है। हो सकता है कि केंद्रीय मंत्री के क्षेत्र में पदस्थ रहने के कारण आईडिया के इन कारिंदों के पास इतना साहस आ गया हो कि वे उपभोक्ताओं के साथ गुण्डागर्दी पर उतारू हो गए हों।

(क्रमशः जारी)

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