गुरुवार, 26 जुलाई 2012

लंदन ओलंपिक में रोजेदार देंगे परीक्षा


लंदन ओलंपिक में रोजेदार देंगे परीक्षा

(अभिलाषा जैन)

लंदन (साई)। जोर्डन के मैराथन धावक मेथकाल अबु द्राइस ने रमजान के इस महीने में रोजे रखे हैं और ओलंपिक में दौडने की तैयारी भी कर रहे हैं। उनके लिए यह दोनों चुनौतियां किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं। उन्होंने कहा ,‘‘ मैने लंदन पहुंचने के बाद रोजे रखते हुए अभ्यास की कोशिश की लेकिन मझे लगा कि यह बहुत कठिन है। मैं उस दौड में भाग ले रहा हूं जिसमें काफी उर्जा की जरुरत है।’’
यह अकेले अबु की नहीं बल्कि लंदन ओलंपिक 2012 में भाग ले रहे 3500 मुसलमान खिलाडियों की दुविधा है। रमजान के महीने में सूर्याेदय से सूर्यास्त तक खाना और पीना वर्जित है। अधिकांश मुसलमान देशों ने अपने खिलाडियों को खेलों के दौरान रमजान स्थगित करने की छूट दी है। वे घर लौटने के बाद रोजे रख सकते हैं। कई खिलाडियों ने हालांकि रोजे रखे हैं।
मोरक्को की पुरुष फुटबाल टीम ने डच कोच पिम वेरबीक के अनुरोध को ठुकराकर रोजे रखने का फैसला किया है। मोरक्को के गोलकीपर यासिन बोनोउ ने कहा ,‘‘ रोजे रखना हमारा फर्ज है। मुङो यकीन है कि अल्लाह खेल के दिन हमारी मदद करेंगे।’’
जूडो में संयुक्त अरब अमीरात के हामिद अल्देरेइ रोजा खोलने के बाद ही अभ्यास करते हैं। मोरक्को के मुक्केबाजी कोच अब्दुल हक अकीक ने कहा कि अपने खिलाडियों को रोजे रखने से रोकने के लिये उन्हंे काफी मेहनत करनी पडी।
उन्होंने कहा ,‘‘ मुक्केबाजी काफी कठिन खेल है और हम चाहते हैं कि खिलाडी दिन में दो बार अभ्यास करे। इसके लिये अच्छी खुराक जरुरी है। हमने खिलाडियों से तीन घंटे बात की और उन्हें समझाया कि रोजे ना रखे। अगर हमें पदक जीतने हैं तो ऐसा करना ही होगा।’’
कुरान के अनुसार कोई मुसलमान यदि बीमार है या सफर कर रहा है तो रोजे नहीं भी रख सकता है। इसके मायने हैं कि लंदन ओलंपिक खेल रहे खिलाडी रोजे स्थगित कर सकते हैं। कुछ टीमों ने लंदन आने से पहले मौलवियों से मशविरा किया। कइयों ने तो रमजान की तारीखें बदलवाने की भी कोशिश की। मिस्र की टीम के अधिकारी अलादीन जबार ने कहा ,‘‘ प्रतिनिधियों ने लंदन आने से पहले मुफ्ती से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सफर के समय रोजे नहीं रखने से भी चलेगा।’’

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