मंगलवार, 5 जून 2012

एनबीईक्यूएफ के पायलट में मध्यप्रदेश को भी शामिल करें: शर्मा

एनबीईक्यूएफ के पायलट में मध्यप्रदेश को भी शामिल करें: शर्मा

(संध्या)

नई दिल्ली (साई)। उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने नई दिल्ली में हुए राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.) पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जे.ई.ई. के आधार पर काउंसलिंग में दो चरण के बाद यदि जे.ई.ई. स्कोरधारी नहीं मिलते हैं तो अर्हताकारी परीक्षा के प्राप्तांकों की मेरिट के आधार पर राज्य सरकार द्वारा प्रवेश दिये जा सकने का विकल्प दिया जाना चाहिये। उन्होंने प्रथम चरण में ही अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा एवं बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में संचालित बी.एड. संकाय का उन्नयन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन में किये जाने का आग्रह किया। सम्मेलन की अध्यक्षता केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने की।
श्री शर्मा ने कहा कि नेशनल वोकेशनल एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के पायलट प्रोजेक्ट में मध्यप्रदेश को शामिल किया जाय। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में भेदभाव की रोकथाम के लिए यू.जी.सी. विनिमय और लोकपाल की स्थापना के पहले राज्यों से व्यापक विचार-विमर्श किया जाय जिससे लोकपाल की अवधारणा को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया जा सके। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में लेखा मानकों के क्रियान्वयन की सराहना करते हुए कहा कि इसके लिए राज्य सरकार को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाए जाये।
उच्च शिक्षा मंत्री ने छतरपुर में छत्रपाल विश्वविद्यालय की अनुमति अभी तक नहीं मिलने पर केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए अतिशीघ्र मंजूरी दिलाने का आग्रह किया। उन्होंने भोपाल में इनोवेटिव यूनिवर्सिटी और सिंगरौली में माइनिंग इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारम्भ करने की अनुमति का भी अनुरोध किया। उच्च शिक्षा विभाग में 419 करोड़ तथा तकनीकी शिक्षा विभाग में 49.2 करोड़ की अनुदान राशि राज्य सरकार को उपलब्ध करवायी जाय ताकि प्राध्यापकांे को एरियर्स का भुगतान किया जा सके।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के इंजीनियरिंग महाविद्यालयों को दूसरी शिफ्ट में आई.टी.आई. संचालन तथा सभी पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में कम्युनिटी पॉलीटेक्निक योजना संचालित करने की अनुमति दी जाय। वर्तमान में यह 19 पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में संचालित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही केन्द्रीय परिषद द्वारा व्यावसायिक महाविद्यालय प्रारम्भ करने की अनुमति दी जाय। श्री शर्मा ने महाविद्यालयों के शिक्षकीय एवं गैर शिक्षकीय स्टाफ के आवासीय भवन निर्माण की योजना बनाने के लिये भी कहा। उन्होंने विदेश में चल रहे नवीन पाठ्यक्रमों को प्रदेश में भी चलाने की अनुमति दिये जाने पर जोर दिया।
सम्मेलन में श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में आई.टी.आई. की प्रवेश क्षमता 27 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने के साथ ही उत्तीर्ण विद्यार्थियों का नियोजन 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाएगा। प्रदेश की आई.टी.आई. में भी इस वर्ष से ऑन-लाइन प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक के अंतिम वर्ष में विद्यार्थियों को मल्टीनेशनल कम्पनियों की आवश्यकतानुरूप दक्षता में निखार लाने के लिए ’’फिनिशिंग स्कूल योजना’’ प्रारम्भ करने की भी जानकारी दी।
श्री शर्मा ने बातया कि राजीव गॉधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट की सुविधाएॅं उपलब्ध कराने के लिए कैरियर पोर्टल बनाया गया है। प्रदेश में हिन्दी भाषा से उच्च अध्ययन एवं शोध कार्य के लिए हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है।

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