मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012

संडे हो या मंडे कैसे खाएं अंडे


संडे हो या मंडे कैसे खाएं अंडे

(पीयूष भार्गव)

नई दिल्ली (साई)। सरकार कहती है अंडा शाकाहारी होता है, संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे, पर भारत सरकार का रेल मंत्रालय अंडे को शाकाहारी नहीं मांसाहारी मानता है। जी हां, भारतीय रेल के यात्रियों को दिए जाने वाले भोजन के मेन्यू में अंडा मांसाहारी भोजन की सूची में शामिल है।
रोज अंडे खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है क्योंकि अंडे में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं। लेकिन पिछले एक साल में अंडे की बढी कीमतों ने खाने की प्लेट से अंडे को दूर कर दिया है। पिछले साल ढाई तीन रुपए में मिलने वाला एक अंडा अब चार से पांच रुपए में मिल रहा है, वहीं एक दर्जन अंडे की कीमत 30-35 रुपए से बढकर 50-60 से हो गयी है। वहीं अब ब्रांडेड या पैक्ड अंडे 60 से 70 रुपए प्रति दर्जन की कीमत में मिल रहे हैं।
नेशनल एग कोर्डिनेशन कमिटी (एनईसीसी) के अधिकारी, डॉक्टर ए शर्मा, अंडों की कीमतों में हुई बढोतरी की वजह अंडों के ट्रे का कमीशन, खुदरा और थोक भाव के बीच मूल्यों का बढा अंतर बताते हैं। शर्मा ने कहा कि अंडों की उत्पादक लागत बहुत ज्यादा है, इस वजह से भी अंडों की कीमत इतनी बढ गयी है।
शर्मा ने कहा, ‘‘अंडों की उत्पादन लागत बढ गयी है। मुर्गियों के दाने-पानी की कीमत बढ गयी है। साथ ही रोजगारप्रद होने के बावजूद, दूसरे क्षेत्रों की तरह इस क्षेत्र के लिए किसी तरह की समर्थन प्रणाली नहीं है और सरकार की तरफ से इस क्षेत्र को किसी तरह की सब्सिडी या सहयोग भी नहीं मिलता।’’
अंडों का प्रयोग कई तरह के आहार बनाने में किया जाता है। चाहे वह ऑमलेट, अंडा करी, ऑमलेट करी, एग राइस, अंडा पराठा हो या फिर केक, मफीन या मेओनीज हो, अंडे का इस्तेमाल, खाने को लजीज और अलग बना देता है। अंडों का इस्तेमाल घरों और रेस्तरां में खानपान, फुटपाथ पर फेरी लगाने वाले अंडा विक्रेता की आजीविका कमाने से लेकर घरेलू सौंदर्य नुस्खों में भी किया जाता है। लेकिन अंडों की बढी कीमतों ने इसके सबसे बडे उपयोगकर्ताओं यानी आम घरों में इनके इस्तेमाल को प्रभावित किया है।

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