सोमवार, 16 अप्रैल 2012

निर्मल बाबा की मुखालफत ना करना वरना; ; ;


निर्मल बाबा की मुखालफत ना करना वरना; ; ;

(आवेश तिवारी)

नई दिल्ली (साई)। बाबा को लेकर मीडिया में मचे हडकंप का असर निर्मल दरबार के फेसबुक और ट्विटर एकाउंट पर भी नजर आने लगा है बाबा ने उनके नाम से बनाये गए अनाधिकारिक फेसबुक पेज और दपतउंसइंइं.दमज.पद जैसी कथित तौर पर छद्म कहे जाने वाली वेबसाईट के खिलाफ अदालत की शरण ले ली है। इस बीच बाबा ने अपने पेज पर ऐलान कर दिया है कि सभी प्रकार के टेलीफोनिक और व्यक्तिगत तौर पर मिलने-जुलने के कार्यक्रम को बंद कर दिये गये है। ऐसा नहीं कि मीडिया के इस हड़बोंग में बाबा के अनुयायी चुप बैठे हैं, भारी संख्या में उनके अनुयायियों ने इंडियन ब्राडकास्टिंग फेडरेशन में स्टार न्यूज और जी न्यूज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। कोई उनकी तुलना ईसा से तो कोई भगवान राम से कर रहा है।
वास्तविक दुनिया में चमत्कार दिखा रहे निर्मल बाबा आभासी दुनिया में भी अपने जमकर जलवे बिखेर रहे हैं, फेसबुक पर बाबा के आफिसिअल पेज को पसंद करने वालों की संख्या साढ़े तीन लाख तक पहुँच गयी हैं, वहीँ उनके ही नाम से बनाये गए अन्य फेसबुक पेजों पर जिन्हें निर्मल दरबार झूठा बता रहा है पर भी एक लाख से अधिक लोग मौजूद हैं। त्वैत पर इनके समर्थकों की सनखया ४० हजार से अधिक है। इनको पसंद करने वालों में न सिर्फ व्यवसायी, शिक्षक, छात्र और फ़िल्मी दुनिया के लोग शामिल है बल्कि पत्रकारों और बुद्धिजीवी भी बाबा की कृपा को लेकर श्रद्धावनत हो रहे हैं। बाबा के पेज पर अगर कोई भी बाबा के विरुद्ध टिपण्णी करता है तो उसे तत्काल बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
ये नए युग के बाबा है। वास्तविक जीवन  में देश की एक बड़ी आबादी को, कर्मठता और कर्त्तव्य परायणता से परे चमत्कारों के सब्जबाग में उलझाकर उनका आर्थिक उत्पीडन कर रहे निर्मल बाबा आभासी दुनिया में भी उतने ही लोकप्रिय हैं। निर्मल बाबा के फेसबुक पेज पर उतने समर्थक हैं जितने बाबा रामदेव के पेज पर भी नहीं है. इस वक्त निर्मल बाबा के लगभग ८ पेज संचालित हो रहे हैं। कल जब बाबा का साक्षात्कार आज तक पर दिखाया जा रहा था ठीक उस वक्त उनके पेज पर इसकी जानकारी दी गयी। आश्चर्यजनक ढंग से महज एक घंटे में इसे लगभग १० हजार लोगों ने पसंद किया और 7,584 लोगों ने इस पर टिप्पणियां दे डाली। एक भक्त अविनाश वेंगुलकर कहता है लोगों ने साईं बाबा को भी उनके जिन्दा रहते स्वीकार नहीं किया था, ईश्वर को केवल व्यक्तिगत विश्वास और अंतरात्मा की आवाज पर ही महसूस किया जा सकता है, सोने की परिक्षा केवल आग में तपकर होती है ष्। बाबा के एक कृपापात्र ने तो तक़रीबन एक हजार बार ष्निर्मल बाबा जी के चरणों में कोटि -कोटि प्रणाम लिख डाला है एक भक्त नितिन सिंह ने लिखा है कि ष्बाबा की कृपा सबित हो चुकी है, न्यूज चौनल वाले कुछ भी लिखें हम पर कुछ भी फर्क नहीं पड़ने वाला है। हालांकि बाबा को फ्राड ,धोकेबाज और गाली देने वालों की भी कमी नहीं है लेकिन उनमे से कई टिप्पणियां हटा दी गयी हैं।
बाबा के पेज पर कल शाम एक टिपण्णी बाबा की कमाई को लेकर की गयी। जिसे बाद में हटा दिया गया जिसमे अवनीश निगम के हवाले से कहा गया था कि बाबा के आने वाले माह अप्रेल मे कुल 17 जगह समागम है. औसतन एक जगह 2500 लोगो को एंट्री मिलती है. 2500 का 2000 प्रति व्यक्ति गुना करने पर 50 लाख की राशि सीधे सीधे टिकट से मिल जाती है. इसके बाद चढ़ावे और व्यक्तिगत मिलन की तो बात ही नही कर रहा. अब अगर 17 कार्यक्रम का 50लाख से गुना करूँगा तो....साढ़े आठ करोड़ से ऊपर जाएगा. इसके बाद लोगो से दसवंत की वसूली भी बाबा नियमित कर रहे है, यह दसवंत एक तरह से सरकारी इनकम टैक्स जैसा ही है इसमें लोग अपनी कमाई का 10 प्रतिशत हिस्सा बाबा को अपने मन से ईमानदारी से पहुचाकर देते है। इतनी ईमानदारी से अगर लोग सरकार को इनकम टैक्स देने लगे तो इस देश की आर्थिक समस्या समाप्त हो जायगी ,कुल मिलकर बाबा प्रति माह 20 करोड़ से ऊपर की कमाई कर रहे है इसमे 10 करोड़ टीवी वालो को दे दिएऔर अपने वेतनभोगी कर्मचारियों ,प्रशासन को मैनेज करने वगैरह में 2 से 3 करोड़ रुपए खर्च कर बाबा कम से कम 10 करोड़ एक महीने के कमाई कर रहे है. बाबा के दरबार मे दो साल के चाइल्ड का भी पूरा टिकट लगता है।
एक मजेदार बात उन पेजों को लेकर है जिनको निर्मल दरबार ने फर्जी बताकर जिनके खिलाफ मुकदमा करने की अर्जी दे दी है ,लगभग इन सभी पेजों पर आश्चर्यजनक ढंग से अपडेट होने बंद हो गए हैं। हाँ निर्मल बाबा इस इ सुपर फ्राड जैसे पेज भी फेसबुक पर नजर आने लगे हैं ,जिनमे लोग जाकर जमकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं हालाँकि इन पेजों को पसंद करने वाले बेहद कम है। इस पेज पर सलीम खान कहते हैं कि ष्अंधी आस्था है, शायद भगवान कम पड़ गए।

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