गुरुवार, 24 मई 2012

अवकाश नहीं तो कार्यालय क्यों रहते हैं बंद!


अवकाश नहीं तो कार्यालय क्यों रहते हैं बंद!

नेशनल हालीडे की सूची में शामिल नहीं तीन महत्वपूर्ण दिवस

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। स्वाधीनता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती पर देश भर के सरकारी कार्यालयों में घोषित अवकाश रहता है, किन्तु यह अवकाश सभी मनमर्जी से रखते हैं इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा अब तक कोई सरकारी रूक्का (आदेश) जारी नहीं किया गया है। देश पर आधी सदी से ज्यादा शासन करने वाली कांग्रेस के लिए यह निश्चित तौर पर शर्म की बात होगी कि उसने अब तक इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है।
आमतौर पर पूरे देश में 15 अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरकारी कार्यालय भी इस दिन आमतौर पर बंद ही रहते हैं। लेकिन क्या भारत सरकार ने 15 अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश दिवस घोषित किया है? बिल्कुल ऐसा नहीं है। 15, अगस्त 26 जनवरी और 2 अक्टूबर राष्ट्रीय अवकाश दिवस नहीं है।
यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहम मांगी गई एक जानकारी के बाद सामने आई है। जानकारी देते हुए गृहमंत्रालय ने कहा है कि 15, अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को कोई राष्ट्रीय अवकाश दिवस के रूप में घोषित नहीं किया गया है।
लखनऊ की एक सूचना अधिकार पर काम करनेवाली कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा की 10 वर्षीय बेटी ऐश्वर्या पराशर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक चिट्ठी लिखकर यह जानकारी मांगी थी। यह ऐश्वर्या पराशर वही बच्ची है जिसने भारत सरकार से यह जानकारी मांगी थी कि किस शासनादेश के तहत महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित किया गया है, उसकी जानकारी दी जाए।
जब सरकार ने ऐसा कोई शासनादेश न होने से इंकार किया तब बीते 25 अप्रैल को ऐश्वर्या ने प्रधानमंत्री कार्यालय से एक हस्तलिखित आवेदन के तहत यह सूचना मांगी कि उसे उन आदेशों की सत्यापित फोटोकॉपी मुहैया करवाई जाए जिसमें 15, अगस्त, 25, जनवरी और 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय पर्व घोषित किया गया हो।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह पत्र गृहमंत्रालय को भेज दिया जिसके जवाब में गृह मंत्रालय का कहना है कि इस तरह का कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया है। गृहमंत्रालय ने 17 मई को अपना जवाब ऐश्वर्या को भेजा है जो उसे मिल गया है। ऐश्वर्या की का परिवार लखनऊ में रहता है और उनकी मां उर्वशी शर्मा आरटीआई महिला मंच नाम से सूचना अधिकार पर काम करती हैं।

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