सोमवार, 5 अक्तूबर 2009

मसल और मनी पावर का दबदबा है हरियाणा में

मसल और मनी पावर का दबदबा है हरियाणा में



14 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले


68 के मुकाबले इस बार महज 60 महिला उम्मीदवार हैं मैदान में


आधे से अधिक उम्मीदवार करोड़पति


(लिमटी खरे)


नई दिल्ली। बिहार और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब हरियाणा में भी धनबल (मनी पावर) और बाहुबल (मसल पावर) का बोलबाला साफ दिखाई दे रहा है। चुनावी मैदान में स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवारों की कमी से साफ होने लगा है कि अब सभ्रांत लोगों का राजनीति से मोहभंग हो रहा है।


एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के उपरांत यह तथ्य सामने आया है। एनजीओ के सर्वे में कहा गया है कि कांग्रेस और हरियाणा जनहित कांग्रेस तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 14 - 14 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले पंजीबद्ध हैं। इंनेलो और बसपा के 12 - 12, भाजपा के 8 उम्मीदवार आपराधिक मामलों के चलते अदालतों की चौखट चूम रहे हैं।


सर्वे में यह भी खुलासा किया गया है कि 251 उम्मीदवारों द्वारा घोषित की गई संपत्ति एक करोड़ रूपए से अधिक की है। इस चुनाव में सर्वाधिक संपत्ति कोसली के हरियाणा जनहित कांग्रेस के उम्मीदवार मोहित की है, जिन्होंने 92 करोड़ 70 लाख रूपयों की संपत्ति की घोषणा सार्वजनिक तौर पर की है। अंबाला सिटी से कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद शर्मा की संपत्ति 87 करोड़ 40 लाख रूपए है। एक प्रत्याशी ने अपनी संपत्ति शून्य तो केथल के इनेलो के उम्मीदवार कैलाश भगत ने अपने उपर 55 करोड़ रूपयों का कर्ज बताया है।


गौरतलब होगा कि पिछले विधानसभा चुनावों में हरियाणा में 11.34 फीसदी प्रत्याशियों का आपराधिक रिकार्ड पाया गया था, जो इस बार बढ़कर 14 प्रतिशत हो गया है। पिछले चुनाव में महज 27 राजनैतिक दल मैदान में थे, इस बार उनकी संख्या 81 फीसदी बढ़कर 49 हो गई है। पिछली बार 983 के मुकाबले इस बार 1222 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।






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