मंगलवार, 21 सितंबर 2010

विद्युत चुम्बकीय तरंगों का प्राणशक्ति पर प्रभाव

विद्युत चुम्बकीय तरंगों का प्राणशक्ति पर प्रभाव

हमारा सौर मण्डल पूर्णतः विद्युत चुम्बकीय तरंगों से भरा हुआ हैं । सूर्य से निकलने वाली किरणें, ऊर्जा की तरंगे तथा सौर मण्डल में भ्रमण कर रहे ग्रहों की गति आदि विद्युत चुम्बकीय तरंगें पैदा करती हैं । सौर मण्डल का एक उपग्रह हमारी पृथ्वी हैं एवं इसमें चुम्बकीय शक्ति होती हैं, यह पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा भी करती हैं और अपनी धुरी पर घूमती भी रहती हैं । इससे पैदा होने वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, क्योंकि इनकों सीधे मापने के साधन बहुत सीमित और महंगे हैं ।

हमारे शरीर में भी विद्युत चुम्बकीय तरंगे होती हैं जिनके कारण हमारा ह्नदय क्रियाशील रहता हैं, मस्तिष्क सक्रिय रहता हैं, इन्द्रियॉ अपना काम करती हैं और हाथ पैर कार्य करते हैं । यह विद्युत ही मनुष्य को जीवनीशक्ति यानी चेतना प्रदान करती हैं ।

आज विज्ञान बहुत उन्नत और विकसित हो गया हैं, वैज्ञानिकों ने अच्छे अविष्कार किये हैं । सन 1882 में विद्युत का आविष्कार हुआ था डी0सी0 करेण्ट के रूप में, इसके बाद इसको विकसित किया गया और ए0सी0 करेण्ट 110 वोल्ट, 220 वोल्ट, 440 वोल्ट के बाद हजारों मेगावाट, माइक्रोवेव आदि सामने आयें । आज तो बिना तारों के, एक जगह से दूसरी जगह तक, वायुमण्डल के माध्यम से तरंगे भेजी जा रही हैं । ये तरंगे अदृश्य होती हैं और हमारे शरीर के चारों तरफ रहती हैं । इन तरंगों का जो प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता हैं उसे जानने के लिये विश्व के उन्नत देशों के वैज्ञानिक दिन रात परिश्रम कर रहे हैं ।

सोवियत शोधकर्ता खोलोडोव द्वारा विद्युत चुम्बकीय तरंगों के प्रभाव का अध्ययन चूहों पर किया गया और यह पता चला कि 100 से 200 गॉस की चुम्बकीय तरंगे चूहों पर तनाव पैदा होने का प्रभाव डालती हैं । एक वैज्ञानिक फ्राइडमेन ने चूहों के साथ-साथ बन्दरों पर भी चुम्बकीय तरंगों का प्रभाव देखा हैं और यह पाया हैं कि इसके प्रभाव से बंदरों के शरीर में कार्टीसोन का स्तर बढ़ जाता हैं ।

स्वीडन में जेमिनियस नामक वैज्ञानिक ने 2000 घरों का सर्वे किया और यह पाया कि जिन लोगों के घर हाईटेंशन लाइन के पास हैं उन घरों में रहने वालों के बच्चों में कैंसर रोग की ग्रोथ सामान्य से दुगुनी संख्या में होती हैं । टेक्सास में हुये एक सर्वे में पाया गया कि हाईटेंशन लोइन पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को, सामान्य से 13 गुना ज्यादा ब्रेन कैंसर होने की सम्भावना रहती हैं ।

अब हम जरा अपने बारे में बात कर लें, आज कल हमने अपने मनोरंजन के लिये अपने शयनकक्ष में टी0वी0, म्यूजिक सिस्टम, एयरकण्डीशनर आदि लगा रखे हैं । अपनी सुविधा भोगी या कहिये कि आलसी मनोवृत्ति के कारण इनके स्विच अपने पलंग के पास या बेड स्विच के रूपमें पलंग में लगा रखें हैं ताकि स्विच ऑन या आफ करने के लिये उठ कर दीवार तक न जाना पड़े । क्या आपने कभी सोचा हैं कि इस सुविधा का प्रभाव हमारे शरीर पर क्या पड़ रहा हैं ? हम बच्चों से कहते हैं कि टी0वी0 दूर बैठ कर देखा करों, क्योंकि अनुभव में आया हैं कि ज्यादा पास बैठ कर टी0वी0 देखने से आंखो में तकलीफ होने लगती हैं और सिर भारी हो जाता हैं तो जाहिर हैं कि टी0वी0 से निकलने वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगे आंखों को हानि पहुॅंचाती हैं । इस तथ्य को वैज्ञानिकों ने भी अपने मापन यंत्रों से जांच करके सिद्ध कर दिया हैं कि टी0वी0 से निकलने वाली चुम्बकीय तरंगों का परिणाम तीन फीट के दायरे में 3 मिली गॉस से ज्यादा होता हैं ।

हमारे पलंग पर लगे बिजली के स्विच या साइड लेम्प से विद्युत तरंगे हमारे शरीर तक पहुूच कर एक तरह का खिंचाव करती हैं जिससे कई तरह की बीमारियॉ पैदा होती हैं । यह एक ऐसा रहस्य हैं जिसके बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होगी ।

इन बीमारियों से बचने के लिये बेडरूम में मौजूद विद्युत उपकरणों को सोने से पहने न सिर्फ बंद कर देना चाहिये बल्कि उनके प्लग भी साकेट से निकाल देना चाहियें । सोते समय हम 7-8 घण्टे एक ही स्थान पर होते हैं अतः पलंग पर कोई भी इलेक्ट्रिक स्विच या टेबल लेम्पर न लगायें । इनकी दूरी पलंग से सात फिट होनी चाहियें । वैज्ञानिक खोजों से पता चला हैं कि इन विद्युत चुम्बकीय तरंगों से मानसिक तनाव पैदा होता हैं । पीठ, कमर व घुटनों में दर्द होता हैं तथा माइग्रेन और सिर दर्द की शिकायत होती हैं । विविध प्रकार की एलर्जी हो सकती हैं, चर्म रोग हो सकते हैं । अनिद्रा या ज्यादा नींद आना, डिप्रेशन, शरीर में अकडन आदि की शिकायत हो सकती हैं ।

मोबाईल फोन या कॉडलेस का ज्यादा उपयोग करने वालों ने अनुभव किया होगा कि बहुत देर तक मोबाईल फोन पर बात करने पर कान व सिर में दर्द होने लगा लगता हैं । एक वैज्ञानिक खोज से पता चला हैं कि जैसे ही मोबाईल फोन कान के पास लाते हैं मस्तिष्क की विद्युत चुम्बकीय तरंगे लाखों गुना बढ़ जाती हैं । इस विषय में कुछ सावधानियॉं रखना जरूरी हैं जैसे मोबाईल फोन ह्नदय के पास न रखें, कार में इसका उपयोग हेण्ड्स फ्री सेट के माध्यम से करें बाकी समय में इयर फोन एवं माइक्रो फोन का उपयोग करें ।

इसी तरह हमारे आफिस में भी हमें विद्युत उपकरणों के बारे में कुछ सावधानियॉ रखनी होंगी क्योंकि आफिस में भी हम दिन का अधिकांश समय व्यतीत करते हैं और हमारे आस पास कई प्रकार के विद्युत उपकरण होते हैं या हो सकते हैं जैसे फैक्स मशीन, टेबल, लेम्प, बिजली के स्विच, पेपर, डिस्ट्रांइंग मशीन, टी0वी0, कम्प्यूटर आदि । कम्प्यूटर सबसे ज्यादा तरंगे पीछे की तरफ से प्रसारित करता हैं इसलिये कम्प्यूटर की पीठ हमारी तरफ नहीं होनी चाहियें ।

नई जमीन खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहियें कि वह जमीन हाईटेंशन लाइन से कम से कम 200 फिट दूर हो ताकि विद्युत तरंगों के प्रभाव से बच सकें । विद्युत चुम्बकीय तरंगें ऋणात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती हैं जिसे हम जॉंच उपकरणों से प्रत्यक्ष देख सकते हैं । आपने देखा होगा कि बिजली के स्विच बोर्ड और मरकरी ट््यूब लाइट के आस पास छिपकलियॉ दिखाई देती हैं । छिपकली ऋणात्मक ऊर्जा वाली होती हैं इसलिये इनसे ऋणात्मक ऊर्जा प्राप्त कर जीवनयापन करती हैं । मनुष्य, गाय, घोड़ा, बकरी, भेड़, कुत्ता, गधा आदि धनात्मक ऊर्जा पुंज हैं अतः इनके सम्पर्क में रहना और ऋणात्मक ऊर्जा वाले तत्वों से दूर रहना शरीर को स्वस्थ व सबल बनाये रखने के लिये बहुत जरूरी हैं ।

संकलनकर्ता

अनुराग अग्रवाल

ज्योतिष, अंकशास्त्र, वास्तु विशेषज्ञ

सिवनी मो0 09425445623

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