सोमवार, 11 अक्टूबर 2010

यम का वाहक बनी बीसीजी वेक्सीन

ये है दिल्ली मेरी जान

(लिमटी खरे)

यम का वाहक बनी बीसीजी वेक्सीन

देश के हृदय प्रदेश में आदिवासी बाहुल्य जिले डिंडोरी मंे बच्चों को लगने वाले टीके ही काल के गाल में समाने का कारण बनते जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में डिंडोरी जिले के बजाग तहसील में बीसीजी और खसरा के टीका लगाने के बाद क्षेत्र के विक्रमपुर गांव के डेढ दर्जन से ज्यादा बच्चे बीमार पड़ गए जिन्हें सरकारी अस्पताल में दाखिल करा दिया गया। इनमें से दो बच्चे काल कलवित कर दिया। इसके अलावा बाद में दो बच्चों को और काल ने अपना ग्रास बना लिया। प्रशासन ने भी वेक्सीन का सेंपल लेकर उसे सील नहीं किया गया। गौरतलब है कि पूर्व में 24 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की टीम ने डिंडोरी जिले के अस्पतालों का अचानक ही निरीक्षण किया था जिसमें उन्होंने वेक्सीन को खराब पाया था। अपने प्रतिवेदन में अधिकारियों ने साफ कहा था कि वेक्सीन को उसके लिए प्रदाय किए गए डीप फ्रीजर में रखने के बजाए गरम वातावरण में रखा गया था, और डीप फ्रीजर में कोल्ड ड्रिंक की बोतलें शोभा बढ़ा रही थीं।


कांग्रेस ने हाईजेक किया भाजपा को!

देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को अपने कब्जे में ले लिया है। जी हां, यह सच है!, इंटरनेट के हेकर्स ने भाजपा की वेव साईट बीजेपी डॉट काम को हेक कर लिया है। वेव ब्राउजर के एड्रेस बार पर बीजेपी डॉट काम टाईप करते ही आप कांग्रेस की वेव साईट पर पहुंच जाते हैं। भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस को कानूनी नोटिस भेज दिया है। यद्यपि कांग्रेस भाजपा के इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि तकनीकि गडबडी के कारण एसा संभव हो सकता है, किन्तु भाजपा इसे अपनी पहचान को चोरी करने का मामला बता रही है। वैसे भी कांग्रेस और भाजपा में मुद्दों को लेकर अब तक हुए द्वंद में कांग्रेस ही भारी पडती दिखी है। इस बार भी अगर कांग्रेस के आईटी सेल ने कोई कारनामा कर दिखाया हो तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

10 जनपथ से सुरेश पचौरी की बिदाई तय

स्व.राजीव गांधी के जमाने से दस जनपथ (स्व.राजीव, सोनिया का सरकारी आवास, और कांग्रेस का सत्ता और शक्ति का शीर्ष केंद्र) की शान रहे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष सुरेश पचौरी का शनि पिछले दो सालों से बहुत ज्यादा भारी चल रहा है। सबसे पहले तो दो साल पहले राज्य सभा की सदस्यता का नवीनीकरण न हो पाने से मंत्री पद तजना पड़ा, फिर वे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाकर भेज दिए गए। पचौरी के नेतृत्व में लोकसभा और विधानसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा। आंकड़ों के बाजीगर पचौरी ने कांग्रेस का जनाधार बढ़ा हुआ बताकर सोनिया गांधी को प्रसन्न करने का प्रयास किया। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के हाल ही के मध्य प्रदेश दौरे में पचौरी की 10 जनपथ से दूरी साफ दिखाई पड़ी जब राहुल ने सुरेश पचौरी से मंच पर ही प्रश्न कर दिया कि आपको चेहरे से कितने लोग जानते हैं, जब अध्यक्ष का यह आलम है तो फिर पार्टी का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कहते हैं अब सुरेश पचौरी एक बार फिर संजीवनी की तलाश में हैं, और वे राजमाता के गण अहमद पटेल की गणेश परिक्रमा में जुट गए हैं।

टिफिन वाले गडकरी!

भारतीय जनता पार्टी के नए निजाम नितिन गडकरी की ताजपोशी को लगभग एक साल होने को आया है, किन्तु अब तक भारतीय जनता पार्टी कोई चमत्कार करती नहीं दिख रही है। भाजपाध्यक्ष गडकरी भले ही कार्यकर्ताओं नेताओं से घुलने मिलने के दावे करते हांे, पर एक मामले में वे बहुत ही पाबंद नजर आ रहे हैं, और यह मामला है गडकरी का अपना भोजन साथ लेकर चलना। देखा गया है कि गडकरी जब भी कहीं प्रवास पर जाते हैं, वे अपने साथ दो से चार टिफिन अवश्य ही ले जाते हैं। गडकरी के निकटवर्ती सूत्रांे का दावा है कि गडकरी भुमका गिरी अर्थात जादूटोने से बहुत ज्यादा भयभीत रहते हैं, उन्हें डर है कि कहीं कोई उन्हें कुछ खिला पिला न दे। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि गडकरी की जीभ है कि मानती ही नहीं, सो वे अपने चटोरेपन की आदत के चलते अपने मनपसंद व्यंजन साथ ही लेकर चलते हैं, ताकि जो भी चीज उन्हें खाने का मन हो, वे तत्काल टिफिन खोलकर उसका स्वाद ले सकें। बेचारे मेजबान खान पान के मामले में तो अपने अध्यक्ष को प्रसन्न करने की स्थिति में ही नहीं रह पाते हैं।

मेहरबान है भाजपा कमल नाथ पर!

मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ की थाप पर नृत्य की मुद्रा में ही दिख रही है। कोई भी मंत्री दिल्ली यात्रा पर हो, और कमल नाथ से भेंट मुलाकात न करे यह संभव ही नहीं है। मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्यमंत्री सहित सारे के सारे मंत्री कमल नाथ के आशियाने 01 तुगलक रोड़ की चौखट चूमते ही नजर आते हैं। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर जब विदेश से लौटे तब उन्होंने कमल नाथ को सलामी देना नहीं भूला। इधर प्रदेश भाजपा द्वारा कमल नाथ को घेरने 05 से 07 अक्टूॅबर तक एन एच पर पड़ने वाले कस्बों में हस्ताक्षर अभियान का आगाज किया था, किन्तु सत्ता और संगठन के बीच समन्वय के अभाव के चलते यह आंदोलन भी चारों खाने चित्त ही गिर पड़ा है। रविवार तक मीडिया को इस बात से वंचित ही रखा गया है कि केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ के खिलाफ मध्य प्रदेश के एनएच पर पड़ने वाले कितने गांवों में कितने हस्ताक्षर करवाए गए? लगता है लोग सच ही कहते है सियासी जादूगर कमल नाथ के पास कोई जड़ी है, जिसे वे विपक्षी को भी सुंघा दें तो वह भी कमल नाथ की भाषा ही बोलने लगता है।

कैंसर ने बनाया भ्रष्टाचारी

देश में भ्रष्टाचार कैंसर से भी बड़ी लाईलाज बीमारी बन गया है, किन्तु आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि एक सरकारी कर्मचारी वह भी महिला ने भ्रष्टाचार इसलिए किया क्योंकि उसे खुद को हुए कैंसर का इलाज करवाना था। सेंट्रल एक्साईज के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि हाल ही में मुंबई में रिश्वत के मामले में पकड़ी गई विभाग की अधीक्षक रंजना बोब्बाल एक निहायत ही ईमानदार कर्मचारी है। बोब्बाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने रिश्वत के आरोप में पकड़ा है। सूत्र बताते हैं कि बोब्बाल के घर से सीबीआई को कुछ भी नहीं मिला। महिला अधिकारी अगर रिश्वत लेने की आदी होती तो निश्चित तौर पर उसके घर से नगद या अन्य कागजात एफडी, जमीन जायदाद के कागज अवश्य ही मिलते, वस्तुतः एसा हुआ नही। सूत्रों की माने तो रंजना एक निहायत ही शरीफ और ईमानदार कर्मचारी थी। बाद में उसे जब कैंसर हुआ तब उसका काफी धन इलाज में व्यय हो गया। आगे इलाज के लिए पैसे जुटाने की गरज से रंजना ने भ्रष्टाचार का सहारा लिया। धन्य है भारत सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था, कि एक कर्मचारी को इसके लिए भ्रष्टाचार का सहारा लेना पड़ा।

भाजपा के युवा गांधी की पूछ परख बढ़ी

भारतीय जनता पार्टी के युवा गांधी इन दिनों डिमांड में हैं। वरूण गांधी को रूबरू और फोन, मोबाईल पर शुभकामनाएं देने वालों की फेहरिस्त जबर्दस्त लंबी होती जा रही है। इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र स्व.संजय गांधी के इकलौते पुत्र वरूण गांधी अगले साल के आरंभ में ही पश्चिम बंगाल की बाला यामिनी राय के साथ परिणय सूत्र में आबद्ध होने जा रहे हैं। संजय गांधी के बाल सखा रहे कमल नाथ, गुलाम नवी आजाद, प्रणव मुखर्जी, मुलायम सिंह यादव, नितिन गड़करी, सुषमा स्वराज, मोहन भागवत जैसे दिग्गज भी पीलीभीत के युवा सांसद वरूण को बधाईयां प्रेषित कर चुके हैं। वरूण का देशी बाला के साथ शादी करना कांग्रेस के लिए बहुत ही मुश्किल का सबब बनता जा रहा है। गौरतलब है कि इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र स्व. संजय गांधी ने देशी बाला मेनका आनंद से विवाह किया था। दूसरी ओर कांग्रेस के प्रधानमंत्री रहे स्व.राजीव गांधी ने इटली की सोनिया मानियो को अपना जीवन साथी बनाया था, अब उनके पुत्र राहुल गांधी भी कोलंबिया की बाला को अपनी अर्धांग्नी बनाना चाह रहे हैं।

फीका रहेगा गेम्स का समापन

अरबों रूपए पानी में बहाने के बाद हो रहे राष्ट्रमण्डल खेलों के प्रति देश में लोगों के बीच वह उत्साह नहीं दिख रहा है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। अब तक भारत ने पदकों के ढेर लगा दिए हैं, किन्तु लोगों के बीच गेम्स को लेकर उत्साह और उल्लास की कमी साफ दिखाई पड़ रही है। कामन वेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के सूत्रों का कहना है कि गेम्स के बाद होने वाली जांच की खबरों से अब आयोजन समिति की घिघ्घी बंधने लगी है, यही कारण है कि कामन वेल्थ गेम्स आर्गनाईजिंक कमेटी खेलों के समापन को सादे तौर पर संपन्न कराना चाह रही है। सूत्रों ने कहा कि पहले समापन कार्यक्रम में वालीवुड के शाहरूक खान, करीना कपूर, विद्या बालान आदि को परफारमेंस के लिए बुलाया जाना तय था, किन्तु गत दिवस निर्माण भवन में गु्रप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक के बाद लगने लगा है कि इनको नहीं बुलाया जाएगा।

बीमारी ने उमा को लाया सुर्खियों में

भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता रहीं उमा भारती इन दिन फिर चर्चाओं में हैं। राजग के पीएम इन वेटिंग लाल कृष्ण आड़वाणी के साथ एक बार फिर उमा भारती को देखने के बाद भाजपा की अंदरूनी सियासत में उबाल आने लगा है। एक बार फिर उमा भारती की भाजपा में वापसी के कयास तेज हो गए हैं। भाजपा और संघ में उनके शुभचिंतक और विरोधियों की सरगर्मियां एक बार फिर से बढ गईं हैं। भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय 11 अशोक रोड़ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि मध्य प्रदेश की राजधानी के एक विलासितापूर्ण पांच सितारा अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ लेने के दौरान एल.के.आड़वाणी ने अनेक भाजपा के आला नेताओं को निर्देश दिया था कि वे जाकर उमा भारती का हाल चाल जानें। इन्हीं निर्देशों का असर था कि इसके अनुपालन में उमा के घुर विरोधी मुख्यमंत्री शिवराज ंिसंह चौहान, संघ के सह सरकार्यवाहक मदन दास देवी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेंद्र हार्डिया, डॉ.गौरी शंकर शेजवार, रूस्तम सिह आदि अनेक नेताओं की भीड लगातार बनी रही।

बडबोले युवराज से परेशान है कांग्रेस

कांग्रेस में राहुल गांधी को महिमा मण्डित करने बाकायदा मीडिया को मैनेज किया जाता है। राहुल के इर्द गिर्द सिर्फ उन्ही मीडिया पर्सन को जाने की इजाजत दी जाती है, जो कांग्रेस की मानसिकता के हैं। राहुल की पत्रकार वार्ताओं में भी मीडिया को पहले से ही प्रश्न देकर प्रश्न पुछवाए जाते हैं। इसके बदले में कांग्रेस के वित्तीय प्रबंधकों द्वारा इन गिने चुने पत्रकारों को तबियत से उपकृत किया जाता है। हाल ही में राहुल गांधी की जबान फिसल गई और राहुल ने संघ और सिमी को एक समान ही बता दिया। संघ पर सीधे वार से तिलमिलाई भाजपा और उसके अनुषांगिक संगठनों ने राहुल गांधी को घेरना आरंभ कर दिया है। कांग्रेस के आला नेता अपने युवराज की इस तरह की बयानबाजी से खासे नाराज दिख रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि राहुल के पढाने वालांे ने पता नहीं राहुल को क्या पट्टी पढ़ाई है, वरना कांग्रेस को इस बचाव की मुद्रा में नहीं आना पड़ता। गौरतलब है कि इससे पहले सिमी के संबंध में दिग्विजय सिंह द्वारा लगातार इसी तरह की बयानबाजी की जाती रही है।

अनमने मन से तैयार हो रहा खाद्य सुरक्षा विधेयक

देश की सबसे बड़ी अदालत द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री को दी गई नसीहत के बाद केंद्र में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार बेक फुट पर आ गई है। कांग्रेस के सत्ता के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार के महात्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा विधेयक के मामले में कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी बहुत ज्यादा संजीदा हो चुकी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को अपनी इस मंशा से आवगत करा दिया है कि किसी भी कीमत पर खाद्य सुरक्षा विधेयक को तैयार करवा दिया जाए। खाद्य मंत्रालय मंे अफसरान के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार सरकार को क्या सूझी है कि इस ‘‘ड्राई‘‘ सब्जेक्ट पर सब को झोंका जा रहा है। पहले कितने बेहतरीन दिन थे, सब कुछ गीला गीला था, जितना चाहे निचोड लो। प्रधानमंत्री कार्यालय के दबाव के चलते अब अधिकारियों को अपना अधिक से अधिक समय मंत्रालय में खाद्य सुरक्षा विधेयक के लिए देना पड रहा है, जिससे उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर ही पड़ रहा है।

पुच्छल तारा

हर साल कुछ न कुछ अजीब संयोग बनते हैं, केलेन्डर, घड़ी आदि का संयोग भी अजीबोगरीब होता है। अहमदाबाद से प्रदीप बैस द्वारा ईमेल भेजा है जिसमें इस संयोग के बारे में बताया गया है। प्रदीप बैस लिखते हैं कि दस अक्टूबर 2010 को दस बजकर दस मिनिट और दस सेकण्ड पर एक साथ जो सामने आएगा वह होगा 10: 10: 10: 10: 10: 10 (10/10/2010: 10 बजकर 10 मिनिट 10 सेकण्ड) है न अजीब संयोग।

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