शनिवार, 11 दिसंबर 2010

महाधिवेशन के बहाने साधेंगे अर्जुन को

अर्जुन को साधने की कोशिश में कांग्रेस
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेस की राजनीति के गुजरे जमाने के चाणक्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुंवर अर्जुन सिंह के तेवरों को भांपते हुए कांग्रेस के रणनीतिकारों ने उन्हें साधने की कवायद आरंभ कर दी है। लगभग डेढ़ बरस से गुमनामी के अंधेरे में जी रहे अर्जुन सिंह को अचानक ही कांग्रेस ने तवज्जो देना आरंभ कर दिया है। प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में बनी 22 सदस्यीय समिति में अर्जुन सिंह को स्थान दिए जाने से कांग्रेस की सियासत तेज हो गई है। गौरतलब होगा कि संप्रग के दूसरे कार्यकाल में बिना किसी ठोस कारण के ही सिंह को मंत्रीमण्डल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इसके बाद से अर्जुन सिंह अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। यद्यपि सिंह ने खामोशी अख्तियार कर रखी थी, फिर भी कांग्रेस के आला नेताओं को उनकी खामोशी भी बुरी तरह खल रही थी।
 
घपले घोटालों से चौतरफा घिरी कांग्रेसनीत संप्रग सरकार की भद्द पिटने के कारणों की खोज भी कांग्रेस के मैनेजरों द्वारा आरंभ कर दी गई है। 18 दिसंबर से दिल्ली के बुराड़ी स्थित संत निरंकारी समागम स्थल पर कांग्रेस के 83वंे अधिवेशन के लिए राजनैतिक, आर्थिक और विशेष नीति के प्रस्तावों के लिए जो समिति बनाई गई है, उसमें कुंवर अर्जुन सिंह के अलावा गृह मंत्री पी.चिदम्बरम, महासचिव राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह आदि को शािमल किया गया है।
 
कांग्रेस के आला दर्जे के सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों अचानक ही अर्जुन सिंह की बढ़ी सक्रियता ने कांग्रेस आलाकमान का ध्यान आकषित किया था। माना जा रहा है कि संप्रग की दूसरी पारी में जिस तरह से एकाएक घोटाले दर घोटाले सामने आ रहे हैं, उसे देखकर आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे कांग्रेस के ही किसी दिग्गज का दिमाग काम कर रहा है।
 
वैसे भी बीसवीं सदी के अंतिम दशकों में अर्जुन सिंह ने कांग्रेस के लिए ट्रबल शूटर की भूमिका ही अदा की है। जब भी कांग्रेस पर कोई संकट आया है, अर्जुन सिंह ने बड़ी ही चतुराई के साथ संकट को टलवा दिया है। उमर दराज हो चुके सिंह आज भी कूटनितिक चालों के लिए विख्यात हैं।

कांग्रेस मुख्यालय में चल रही चर्चाओं के अनुसार इस तीन दिवसीय महाधिवेशन के बहाने ही कांग्रेस द्वारा बलात दरकिनार किए गए वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह को साधने का प्रयास किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अर्जुन सिंह के तेवरों को शांत करने के लिए कांग्रेस के ताकतवर महासचिव एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पाबंद किया गया है? ताकि उनके अनुभवों का लाभ लेकर चौतरफा घिरी कांग्रेस वर्तमान संकटों से निजात पा सके।

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